Book Title: Anant Sakti Ka Punj Namokar Mahamantra
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 21
________________ (१९) शान्त और पवित्र होगी श्वेतवर्णी पटल उतना ही शुद्ध और चमकीला उभरता लगेगा । श्वेतवर्ण इस तथ्य को द्योतित करता है कि साधक की अन्तर्हृदयगत कालिमा धुल गई है अथवा धुल रही है। इसी प्रकार के प्रभाव अन्य पदों के जप ध्यान से साधक को प्राप्त होते हैं । नमोकार का महामंत्रत्व जैसा कि उपर्युक्त पंक्तियों में बताया गया है, मंत्र अनेक हैं, अनेक प्रकार के हैं, सभी धर्म परंपराओं के अपने-अपने विशिष्ट और इष्ट मंत्र हैं, जो उन परंपराओं से जुड़े हुए हैं लेकिन सार्वभौम और महामंत्र तो नमोकार ही है । हम इस मंत्र के महामंत्रत्व पर विचार करें। मनीषी विद्वानों और मंत्र-वेत्ताओं तथा मंत्र-शास्त्रज्ञों ने महामंत्र की कुछ कसौटियों/विशेषताएँ बताई हैं ।

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