Book Title: Anant Sakti Ka Punj Namokar Mahamantra
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 62
________________ (६0) से निःसृत हारमोनों की क्रियाशीलता से घटित होते हैं । लेकिन इन सबका परिणाम शरीर और उसके विभिन्न अवयव, मांस-पेशियों, शिराओं, धमनियों आदि पर अनुकूल प्रभाव के रूप में दृष्टिगोचर होता है। ___ इन सभी शरीर-जैविक और शरीरविद्युत-चुम्बकीय परिवर्तनों का प्रभाव यह होता है कि शरीर में लचीलापन बना रहता है, बाह्य परिस्थितियों, सरदी-गरमी आदि ऋतुओं की प्रतिकूलता का अल्पतम प्रभाव होता है। ___ यही कारण है कि साधक का शरीर विपरीत परिस्थितियों से अनकलसमायोजन करके अस्वस्थता की स्थिति नहीं आने देता, अधिकांशतः वह स्वस्थ रहता है।

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