Book Title: Anant Sakti Ka Punj Namokar Mahamantra
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 38
________________ (३६) है-वर्णों का संयोजन । यद्यपि जैन शास्त्रों में वर्ण यानी रंग ५ प्रकार के माने गये हैं-(१) काला, (२) पीला, (३) नीला (४) लाल और (५) श्वेत । किन्तु आधुनिक विज्ञान ७ रंग मानता है-(१) बैंगनी, (२) गहरा नीला, (३) नीला, (४) हरा, (५) पीला, (६) नारंगी और (७) लाल । विज्ञान यह भी मानता है कि किसी एक गोल प्लेट पर इन सातों रंगों के फलक बना दिये जायँ और इस गोल प्लेट को तीव्रगति से घुमा दिया जाय तो ज्यों-ज्यों घूमने का वेग बढ़ेगा, ये सब रंग दृष्टि-पटल से गायब होते जायेंगे और सिर्फ सफेद रंग ही दिखाई देगा । तेज गति से घूमते सप्तवर्णी चक्र पर सिर्फ सफेद रंग ही दिखाई देगा। ___ अद्भुत साम्यता है-विज्ञानसम्मत रंग भी ७ हैं और 'नमो अरिहंताण' पद के भी सात वर्ण (अक्षर) हैं । जब साधक इस पद

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