Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 12
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ 172) / श्रीमदागमसुधासिन्दादशमी विभाग सीसट्ठिय अञ्चित्ते मीसटि-सरक्खपहपुच्छा // 361 // खमगाइकालकजातिएसु पुच्छेज देवयं किंचि / पंथे सुभासुभे वा पुच्छेज व दिव्वमुवयोगो // 370 // यह होइ लेवपिंडो संजोगेणं नवराह पिंडाणं / नायव्वो निष्फनो परूवणा तस्स कायया // 371 // अवकालिअलेवं भणंति लेवेसणा नवि अ दिट्ठा / ते वक्तव्या लेवो दिदी तेलुकदंसीहिं // 372 // (भा०) आयापवयगसंजम-उववाओ दोसई जओ निविही . तम्हा वदंति केई न लेवगहणं जिणा विति // 192 // रहपडणउत्तिमंगाइ-जगं घट्टणे य करघाओ / अह आयविराहणया जवखुलिहणे पवयणमि // 13 // गमणागम: गहगा तितागं संयमे विराहणया / महिसरिउम्मुगहरिआ कुथ वासं रओ व सिया // 194 // दोसाणं परिहारो चोयग ! जयणाइ कोरई नेसिं / पार उ अलिप्पंते ते दोसा हुति गगुणा // 195 // उड्डाई विरसंमो भुजमाणसहुति आयाए / दुग्गंधि भाय गंभि य गरहइ लगा पवयगंमि // 19 // पवयणघाया अन्नेवि होति जयगा उ कोरई तेसि / आयमगभोयगाई लेवे तव मच्छरो को णु ? // 197 / / खंडंमि मग्गियोंमे अ लोणे दिन्नंमि अवयवविणासो / अणुकंपाई पाणंमि होइ उदगस्त उ विणासो // 373 // पूयणिअलग्ग अगणी पनीवणं गाममाइणो होजा। रोट्टपणगा तरुंमी भिगुकुंथादी व छटुंमि // 374 // पापग्गहणं मे देसिमि लेवेसणावि खलु वुत्ता / तम्हा ग्राणयणा लिंपणा य पायस जयणाए // 375 // हत्योववाय गंजूण लिंपणा सोसणा य हत्थंमि / सागारिए पभुजिघणा य छकायजयणा य // 376 // (भा०) चोदगवयगं गंतूण लिंपणा आणगे बहू दोसा / संपाइमाइघाओ अतिउव्वरिए य उस्सग्गो // 198 // एवंपि भागभेओ वियावडे अत्तणो य उवघाओ। नोसंकियं च पायंमि गिग्हणे इहरहा संका // 199 // (जइ ते हत्थुवघाओ आणिज्जतम्मि होइ लेवम्मि / पडिलेहणाइ चिट्ठा तम्हा उ न काइ कायया // 26 // प्र०) चो इ पुणो लेवं आणे लिंपिऊण तो हत्थे / अच्छउ धारमाणो सद्दवनिकग्वेवपरिहारो // 200 ॥ए होउववाओ आताए संजने पवयणे य / मुच्छाई पवडते तम्हा उ न सोसए हत्थे // 201 // ..
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