Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयबोधिनी टीका पद ३ सू.२ विशेषतो जोवानामल्पबहुत्वम् १५ यिकाः पौरस्त्य-पश्चिमोत्तरेण, दक्षिणेन असंख्येयगुणाः दिगनुपातेन सर्वस्तोकाः धूमप्रभापृथिवी नैरयिकाः पौरस्त्यपश्चिमोत्तरेण, दक्षिणेन असंख्येयगुणाः, दिगनुपातेन सर्वस्तोकास्तमप्रभापृथिवीनैरयिकाः पौरस्त्यपश्चिमोत्तरेण, दक्षिणेन असंख्येयगुणाः दिगनुपातेन सर्वस्तोकाः अधः सप्तमपृथिवीनैरयिकाः पौरस्त्यपश्चिमोत्तरेण, दक्षिणेन असंख्येयगुणाः, दक्षिणेभ्यः अधः सप्तमपृथिवीनैरयिकेभ्यः षष्ठयास्तमायाः पृथिव्याः नैरयिकाः पौरस्त्यपश्चिमोत्तरेण असंख्येयगुणाः, से कम पंकप्रभा पृथ्वी के नैरयिक (पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं) पूर्व पश्चिम उत्तर में हैं (दाहिणेणं असंखेजगुणा) दक्षिण में असंख्यात गुणा हैं (दिसाणुवाएणं सव्यस्थोया धूमप्पभा पुढवीनेरइया) दिशाओं की अपेक्षा सब से कम धूमप्रभा के नैरयिक (पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं) पूर्व, पश्चिम, उत्तर में हैं (दाहिणेणं असंखेजगुणा) दक्षिण में असंख्यात गुणा हैं (दिसाणुचाएणं सव्वत्थोवा तमप्पभा पुढवीनेरइया) दिशाओं की अपेक्षा सब से कम तमःप्रभा पृथ्वी के नैरयिक (पुरच्छिम पच्चस्थिम उत्तरेणं) पूर्व, पश्चिम, उत्तर में हैं (दाहिणेणं असंखेजगुणा) (दक्षिण में असंख्यातगुणा हैं (दिसाणुयाएणं सव्वत्थोवा अहेसत्तमा पुढवीनेरइंया) दिशाओं की अपेक्षा तमस्तमःप्रभा पृथिवी के नैरयिक) पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं) पूर्व, पश्चिम, उत्तर में हैं (दाहिणेणं असंखेजगुणा) दक्षिण में असंख्यात गुणा हैं।
(दाहिणेहिंतो अहेसत्तमा पुढवीनेरइएहितो) दक्षिण दिशा के सातवीं पृथ्वी के नारकों से (छठाए) छठी (तमाए पुढवीए) तमःप्रमा पृथ्वीना नै२(५४ छ (पुरच्छिमपञ्चत्थिम उत्तरेणं) पूर्व, पश्चिम, उत्तरमा छ (दाहिणेणं असंखेज्ज गुणा) दक्षिणमा मध्यात गण! छे (दिसाणुवाएणं सबत्थोवा धूमप्पमा पुढवी नेरइया) दिशा-मानी अपेक्षाये माथी माछा धूमप्रमा न २यि (पुरच्छिमपच्चत्थिम उत्तरेणं) पूर्व, पश्चिम उत्तरमा छ (दाहिणेणं असंखेज्जगुणा) क्षमा २१यात ॥ छ (दिसाणुवाहएणं सव्वत्थोया तमप्पभा पुढवी नेरइया) हिसायोनी अपेक्षा माथी छ। तम:ला पृथ्वीना नै२६५४ (पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं) पूर्व, पश्चिम उत्तरमा छ (दाहिणेणं असंखेज गुणा) इक्षिाभुमा मसभ्यात छ (दिसाणुवाएणं सव्वत्यो वा अहेसत्तमा पुढवी नेरइया) हिशा-मानी अपेक्षाये तभस्तमामा पृथ्वीना ३२43 (पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं) यूप', पश्चिम, उत्तरमा छ (दाहिणेणं असंखेज्ज गुणा) इक्षिणमा मसण्यात गुणा छ ।
(दाहिणेहिता अहेसत्तमा पुढवी नेरइएहितो) दक्षिण दिशाना सातभी
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨