Book Title: Adya Panchashaka Curni
Author(s): Haribhadrasuri, Yashodevsuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

View full book text
Previous | Next

Page 144
________________ श्रावकधर्मपञ्चाशक चूर्णिः । ॥ १२० Jain Education Inter एवमिह मासदुगमाणेणं बीया पडिमत्ति २ । सामाइयंति सामाइयपडिमा एयाए सरूवमिदं "वरदंसणवयजुत्तो सामइयं कुणइ जो उ संझासु । उक्कोसेण तिमासा एसा सामाइयप्पडिमा ॥ १ ॥ " ३ । पोसहति पोसहपडिमा तस्सरूवमिमं - " पुवोइयपडिमजुओ पालइ जो पोसहं तु संपुनं । अट्ठमिचउदसाइसु चउरो मासे चउत्थेसा ॥ १ ॥ " आइसदाओ पुनिमामावसा घेप्पंति ४ । पडिमत्ति परिमापडिमा - काउस्सग्गपडिमा इत्यर्थः तस्सरूवमिमं - " सम्ममणुवय गुणवय सिक्खावयवं थिरो य णाणी य । अट्ठमिचउद्दसीसुं पडिमं ठाएगराईये ॥ १ ॥ सम्मति-संमत्तं थेरोत्ति अविचलसतो, अन्नो हि विराहगो होइ, जओ सा राइए चउप्पहाइसु कीरति, तत्थ उवसग्गा भवतीति, अट्टमीचउद्दसीगहणं उबलक्खणं, तेण पोसहदिवसेत्ति दट्ठवं, तथा च दसासुत्तं " से णं चाउदसमुद्दिट्ठपुन्निमासिणीसु पडिपुत्रं पोसहं पालित्ता से णं एगराइ सगपडिमं सम्म अणुपालित्ता भवति " सेसदिणेसु पुण - " असिणाणवियडभोई मउलियडो दियह बंभयारी य । राई परिमाणकडो डिमावसु दियहेसु ॥ १ ॥ " वियडे - पयडे भोतुं सीलं जस्स सो वियडभोई चउब्विहाहारराइभोयणवञ्जगोत्ति वृत्तं होत्ति, मउलिडोति मुकलकच्छो, साडगस्स दोवि अंचला हेट्ठा करेतित्ति वृत्तं होति । जाब पडिमा पंचमासिया न समप्पति ताव दिवसओ बंभयारी रतिं परिमाणं करेति, एगं दो तिन्नि वा वारे अपोसहिओ, पोसहिओ रतिंपि बंभयारी, काउस्सग्गे ठिओ पुणरेवं चितेति - " झायह पडिमाऍ ठिओ तिलोगज्जे जिणे जियकसाए। नियदोसपच्चणीयं अन्नं वा पंच जा मासा ॥ १ ॥ " नियदोसपच्चणीयंति अप्पणिजरागाइदसणपडिवक्खं कामनिंदादिकं, अन्नंति जिणावक्खाए अवरंति ५ । अबंभत्ति अभवणपडिमा तस्सरूवमिमं " पुढोइयगुणजुत्तो विसेसओ विजियमोहणिजो य । वज्जइ अबंभमेगंतओ उ For Private & Personal Use Only श्रावकप्रतिमानां वर्णनम् ।। १२० ॥ w.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218