Book Title: Adya Panchashaka Curni
Author(s): Haribhadrasuri, Yashodevsuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
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श्रावकधर्मपश्चाशक
चूर्णिः
परि.१
CCCCC
॥१६८॥
गाथाद्याद्यशः पृष्टांकः निर्दिष्टानिर्दिष्टस्थलानि | गाथाद्याद्यशः पृष्टांकः निर्दिष्टानिर्दिष्टस्थलानि प्रमाणाजत्थथि सत्तपीला ८१ (आव० चू० भा०२, पृ०२९४) | जह सुकुसलोवि वेजो १३० (व्य० उ० १०, गा०४६६) नामकाराजत्थ बहूर्ण घाओ जह सो चिलायिपुत्तो १४२ (व्य० उ०१०, गा० ५९२)
दिक्रमः जम्मजरामरणजलो १०८, १४५ (भक्त० गा० १६४)। जहा कुक्कुडपोयस्स ७३ (दश० गा० ३८८) जम्हा हारेण विणा १३६ (व्य० उ० १० गा० ५४१)
(व्य० उ० १० गा० ५४१) जं असियं बीभत्थं १३६ (मर० गा० २८७) जयणा उ धम्मजणणी ५५ (पंचा० गा० ३२४) जं कुणइ भावसलं १३० ( ओघ० गा० ८०५) जयणाए वट्टमाणो ५५ (पंचा० गा० ३२५) जं जह भणियं तं
(श्रा०प्र० गा०४९) जस्स नो संमं ५२ (पंचा० टी०, प०८) जं जं नज्जइ असुई
(उप० मा० गा० २०९) जस्स मूलस्स कट्ठाउ ८३ (प्रज्ञा० गा०७६) । जं जं वच्चइ जाइं ५९ जह जह अप्पो लोभो ७८ (आव० चू० भा०२, पृ०२९४) | जंतेण करकरण १३५ (मर० गा०४८१) जह बालो जपतो कज्ज १३१ (व्य० उ०१०, गा० ४६९) जं दुटुं वड्डए कोहो ४१ (आव० चू० भा० १, पृ० ४७४) जहऽवंतीसुकुमालो १४१ (व्य० उ०१०, गा० ५९५) | जं दटुं वड्डए नेहो ४१ (आव० चू० भा० १, पृ० ४७५)
जह वारिमज्झछूढो १५६ (आव०नि० ८३७ ) जं निहियमत्थजायं १२३ (पंचा० गा० ४७७) Bा जह समिला पन्भट्ठा १५६ (आव०नि० ८३४) जं मोणं तं सम्म ९ (श्रा०प्र० गा०६१) 1४।१६८॥
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