Book Title: Adya Panchashaka Curni
Author(s): Haribhadrasuri, Yashodevsuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 208
________________ RECA श्रावकधर्मपञ्चाशक चूर्णिः परि. २ संज्ञास्पष्टीकरणम् ॥१८४॥ to%-%95445%ECEIGGC संज्ञा स्पष्टीकरणं दश० गा= दशवकालिकसूत्रगाथा दश०नि०= दशवकालिकनियुक्तिगाथा दशा०नि०= दशाश्रुतस्कंधनियुक्तिगाथा दशा० सू०% दशाश्रुतस्कंधसूत्रांकः नव० प्र० गा= नवपदप्रकरणगाथा नव० स्वो० प०= नवपदप्रकरणस्वोपज्ञवृत्तिपत्रः पंचव० गा०% पंचवस्तुकगाथा पंचा० गा= पंचाशकप्रकरणगाथा पंचा०टी०प०= पंचाशकप्रकरणटीकापत्रः प्रज्ञा० गा०= प्रज्ञापनासूत्रगाथा संशा स्पष्टीकरण प्रव० सा० गा०= प्रवचनसारोद्धारगाथा प्रभ० टी०प०= प्रश्नव्याकरणटीकापत्रः बृह. गा०= बृहत्कल्पगाथा बृह० सं० गा= बृहत्संग्रहणिगाथा भक्त० गा= भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णकगाथा मर० गा०% मरणसमाधिप्रकीर्णकगाथा विशे० गा०= विशेषावश्यकभाष्यगाथा व्य० उ० गा०= व्यवहारसूत्रोद्देशकगाथा श्रा०प्र० गा= श्रावकमज्ञप्तिगाथा श्रा० प्र० टी० पृ० श्रावकप्रज्ञप्तिटीकापृष्ठं SSHASTROCHAKRecs ॥१८॥ Jain Education in For Private Personal Use Only Bww.jainelibrary.org

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