Book Title: Adhyatmik Hariyali
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Narpatsinh Lodha

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Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विद्वान पन्यास जी म.सा. ने पाठकों को इन पदों का रहस्य अच्छी तरह से समझ में आवे ऐसी सुन्दर शैली में उसका अर्थ-विवेचन किया है। जो-सामयिक एवं उपयोगी है। हर पाठक एवं अध्यात्म में रूचि लेने वाला इससे जरुर लाभान्वित होगा। यह प्रकाशन अपूर्व लगता है। शायद हमारे जाने हिन्दी में यह प्रथम प्रयास है । और भी भविष्य में ऐसे ही अपूर्व साहित्य की आशा रखते हैं। माना -मुनि जगतचन्द्र विजय राजेन्द्रसूरी ज्ञान मन्दिर खैरादियों का बास, जोधपुर ११-२-८८ For Private And Personal Use Only

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