Book Title: Adarsh Kanya Author(s): Amarmuni Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra View full book textPage 4
________________ किसको? उन पुत्रियों को, जिनमें अभी सुन्दरसंस्कार के बोज पड़े नहीं हैं, पड़ गए हैं, तो अंकुरित नहीं हए हैं, अंकुरित भी हो गए हैं, तो लहलहाए नहीं हैं, लहलहा भो गए हैं, तो फूल नहीं आए हैं, फूल भी आ गए हैं, तो फल नहीं आए हैं, वह भो आ गए हैं, तो उन फलों में रस नहीं पड़ा है। रस भी पड़ गया है, तो मीठा रस नहीं पड़ पाया- उन्हीं स्वतन्त्र भारत को स्वतन्त्र और जागरण-शील पुत्रयों और सुनारियों के हाथों में। 00 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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