Book Title: Aatmshakti Ka Stroat Samayik Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay View full book textPage 8
________________ में लीन करने की अद्भुत क्रिया का नाम है-सामायिक । सामायिक शब्द ही संपूर्ण भाव का वाचक 'सामायिक' एक साधना है, जीवन पद्धति है, अकुशल मन को कुशल बनाने की कला है और है समत्व भाव का संपूर्ण प्रयोग । मध्यस्थता की भावना को परिपुष्टि देता है, यह । सामायिक शब्द में ही यह सब भाव अन्तर्निहित हैं । सामायिक शब्द की व्युत्पत्ति तीन शब्दों से मिलकर हुई हैसम्+आय+इक । सम् का अभिप्राय है आत्मा की तथा चित्तवृत्तियों की वह दशा, जहाँ राग-द्वेष आदि विकारी भावों का अभाव हो । आय का अभिप्राय है-लाभ; (६)Page Navigation
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