Book Title: Aatmshakti Ka Stroat Samayik
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 62
________________ अन्य लाभ वृत्तियों के परिवर्तन के साथ-साथ साधक को अन्य लाभ भी सामायिक की साधना से होते हैं__यदि वह श्वास पर अपना ध्यान स्थिर करे । बस देखता रहे कि श्वास आ रहा है, जा रहा है, मन को स्थिर कर दे और कोई भी विचार-विकल्प मन में न लाए तो उसे ऐसे अनुभव हो सकते हैं. (१) मानो नख से शिख तक सारा शरीर स्पन्दनों से भर गया है । सर्वत्र स्पन्दन ही स्पन्दन हैं। (२) समस्त शरीर में जैसे विद्युत का प्रवाह बहने लगा है तथा इसकी गति तीव्र से तीव्रतर हो रही है। इन दोनों प्रकार के अनुभवों से साधक (६०)

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