Book Title: Aatmshakti Ka Stroat Samayik
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 40
________________ का सर्वथा अभाव नहीं हो पाता; लेकिन यदि व्यक्ति चाहे और प्रयास करे तो उन्हें इतना अल्प कर सकता है, उनकी शक्ति को इतना क्षीण कर सकता है कि वे इतने निष्प्रभावी हो जायें कि मानसिक स्थिरता तथा शांति को भंग न कर सके। । एक व्यावहारिक उदाहरण है एक मिल मालिक है। सैकड़ों मजदूर, क्लर्क आदि का स्टाफ काम करता है, सभी के अलग-अलग स्वभाव हैं, रुचियाँ हैं, प्रवृत्तियाँ हैं, यूनियन भी बना ली है, नित नई माँगें करते हैं। वह श्रमिक समस्याको भी सुलझाता है । कच्चे माल का भी प्रबन्ध करता है, बाजार के कम्पटीशन को भी भुगतता है, सरकारी अधिकारी/कर्मचारियों से भी सुलझता है । ये सभी समस्याएँ उसके सामने आती (३८)

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