Book Title: Aatmshakti Ka Stroat Samayik
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 29
________________ भविष्य में जिन आशंका-कुशंकाओं को लेकर विपरीत परिस्थितियों की संभावना से मानव वर्तमान में चिन्तित हो रहा है, वे घटें ही नहीं, अथवा अनुकूल परिस्थितियाँ बन जायँ और जिस दुःख की कल्पना की जा रही है, वह सुख में परिणत हो जाय । इन सब बातों पर विचार करके भविष्य की चिन्ता छोड़कर वर्तमान में जीना सीखें। वर्तमान के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करें । समत्व बुद्धि से वर्तमान को सफल करें । विश्वास रखें, भविष्य अपने आप सुखद हो जायेगा क्योंकि वर्तमान की प्रवृत्तियोंक्रिया-कलापों से ही तो भविष्य का निर्माण होता है । तनाव रहित वृत्ति आज के भौतिकवादी युग ने मानव के लिए सुख-सुविधा के असीमित साधन (२७)

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