Book Title: Aatmshakti Ka Stroat Samayik
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 34
________________ और यह भी व्यक्ति के तनाव का कारण बन गयाहै। आज के युग में अनेक कारण हैं-तनाव के; और अधिकांश मानव तनाव-मुक्ति की इच्छा रखते हुए भी विवश होकर तनावों से प्रताड़ित जीवन जी रहे हैं। इन विविध प्रकार के तनावों से मुक्ति का स्थायी उपाय है-स्वयं अपनी शक्ति को-आत्मशक्ति को पहचानना, उस पर दृढ़ विश्वास करना । इस आत्मविश्वास के प्रभाव से प्रतिकूल एवं विपरीत स्थितियों के कारण उभरे तनावों को निःशेष करने की क्षमता प्राप्त होगी और परिणामस्वरूप समता (समत्वभाव) हृदय में स्थापित होगी तथा तनावों से मुक्ति मिल जायेगी। . समत्व, आत्मिक-परिणामों (भावों) की ऐसी तीक्ष्णधारा है जो तनावों के प्रभावों को (३२)

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