Book Title: Aatmshakti Ka Stroat Samayik Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay View full book textPage 9
________________ यानी समभावों का लाभ-प्राप्ति और इक से अभिप्राय है-वह क्रिया जिससे समभाव का लाभ हो, समत्व की संप्राप्ति और उपलब्धि हो। ___ शास्त्रीय दृष्टि से सामायिक, समभावप्राप्ति का अनुष्ठान है । ऐसी क्रिया है जिसके प्रभाव से आत्मा और मन के भावों तथा चित्त की वृत्तियों की साम्यत्व में अवस्थिति होती है। ___ सामायिक है-हिंसा, असत्य, चोरी, चुगली आदि पापपूर्ण अनैतिक वृत्तियों से अलग रहना । मन से किसी भी प्रकार का अशुभ चिन्तन न करना; किसी को पीड़ाकारी, मर्मभेदी वचन न बोलना और शरीर से भी ऐसी कोई क्रिया न करना जो पापकारी व पर-पीड़ाकारी हो। . एक बार मैंने सुना, एक व्यक्ति को लूPage Navigation
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