________________
सामान्य गुण कहा जाता हैं और जिनके द्वारा पृथक पृथक द्रव्य की पहिचान होती हैं वे विशेष गुण कहे जाते है । अस्तित्व वस्तुत्व द्रव्यत्व, अगुरुलघुत्व, प्रदेशत्व, चेतनत्व अचेतनत्व मूर्तत्व अमूर्तत्व ये दससामान्य गुण हैं । सबमें इनमे आदिके छह सब द्रव्योंमे पाये जाते हैं। किन्तु छहद्रव्योंमें जीवचेतन है तथा शेष द्रव्योंके अचेतन होनेसे व पुद्गल के मूर्त होनेसे शेष पांच द्रव्यों अमूर्त होनेसे, चेतनत्व और अचेतनत्व तथा मूर्तत्व अमूर्तत्व इन दो युगलोभेसे एक एक गुण दोनोंके होनेसे ये दो तथा अस्तित्वादि छह को मिलाकर प्रत्येक द्रव्यमें आठ आठ सामान्य गुण होते हैं। जिनका विभाजन निम्र प्रकार हैं। १) जीव द्रव्यमें अस्तित्वादि छह चेतनत्व अमूर्तत्व दो
मिलाकर ६+२=८ सामान्य गुण हैं। २) पुद्वलमें अस्तित्वादिछह मूर्तत्व अचेतनत्व ये दो ६+६=आठ
गुण होते हैं। ३) धर्म अधर्म आकाश और काल द्रव्योंमे अस्तित्वादि छह
तथा अचेतत्व अमूर्तत्व ये दो मिलाकर ६+२=८ प्रत्येक में आठ आठ गुण होते है।
विशेषगुण-ज्ञानदर्शन, सुख वीर्य, स्पर्श, रस, गन्ध, वर्ण, गतिहेतुत्व स्थितिहेतुत्व, अवगाहनहेतुत्व, वर्तनाहेतुत्व, चेतनत्व, अचेतनत्व, मूर्तत्व, अमूर्तत्व ये द्रव्योके सोलह विशेष गुण है। इन का विभाजन छह द्रव्योमें निम्र प्रकार है
१) जीवद्रव्यमें ज्ञान, दर्शन, सुखवीर्य, चेतनत्व अमूर्तत्व अमूर्तत्व ये छह।
(१०)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org