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( २ )
ग्रंथ विषय प्रतिज्ञा आलाप पध्दतिर्वचनरचना, अनुक्रमेण नयचक्रस्योपरि उच्यते ॥ १॥
अर्थ- वचनोंकी रचनारूप अनुक्रमसे प्राकृत ग्रंथ नयचक्र समूह इसके आधारसे यह आलाप पध्दति नामक ग्रंथ रचनेकी विषय प्रतिज्ञा ग्रंथकार आचार्य देवसेन सूचित करते है।
सा च किमर्थम् ? ॥ २ ॥
प्रश्न- यह आलाप पध्दति ग्रंथकी रचना किस प्रयोजनसे की जा रही है ? द्रव्यलक्षणसिध्द्यर्थ, स्वभावसिध्द्यर्थं च ॥३॥
उत्तर- द्रव्यके लक्षणकी सिद्धिकेलिये, तथा द्रव्यके स्वभावकी सिद्धिके लिय यह विवेचन करते है। द्रव्याणि कानि ? ॥ ४ ॥
प्रश्न- द्रव्य किसे कहते है और द्रव्य कितने है और कौन कौनसे है ?
जीव-पुद्गल-धर्म-अधर्म-आकाश-कालद्रव्याणि ॥५॥
उत्तर- द्रव्य छह है । १ जीव २ पुद्गल ३ धर्म ४ अधर्म ५ आकाश ६ काल
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