Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

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Page 273
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग 3] नन्दी-आदि- सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ उ-कार + ऊ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ४ नंद्या० उसभस्स पुब्बलक्सं ‍ उसभस्स पुण्वलक्खं उसभस्स भरहपिउणो ३ उसमे भरहो अजिए उसभं अजियं संभव ० उसमें भरहो अजिए उसमे सुमित विजए उसभो अ विणीआए उसभी बरबसभगई उसभो बरबसभगई उसभो सिद्धत्थवर्णमि उस्ससिभं नीससिअं उसिडस्सिमो तह ४० उसिणपरितावेणं ७ 專 १ ३ ३ ३ ३ ३ ३ १ ३ ७ २७२ उसिणस्स छडणे देतओ ३०० उसिणोद्गमणुव्वचे २८८ उसिणोद्गमणुबत्ते .४१६ उसिणोदुगंपि घेप्पड़ १८* उसुआइएहिं मंडेहि ४१६ उसुआरनामगोए ३९९ उसुआरपुरे नवरे २२९ उसुमारे निक्लेवो २ ( प्र . ) उस्सा विउस्सरण ३१६ उस्सग्गेण वियुज्हाइ २३० उस्सग्गे निक्खेवो ८१* उस्सन्नकयाहारो अहवा १५५६ उत्सारिधणभरो ५६* उस्सासं न निरंभह ~ 273 ६ * ६ ६ ६ ७ 39. ३ उस्सिनिसन्नग ६२८ ३४५ उस्सीस भावणाई १८ उस्सेहो जस्स जो होइ ५५३ ४२४ ऊणगसयभागेणं ऊणगसयभागेणं ३६१ ३६६ ३५९ १५४८ १५२४ ३१ प्र. १२८१ ॥ ७३ ३ ३ ३ ३ ३ १६०७ ऊणहिय दुब्बलं वा उभण ऊसव मंडणवग्गा ऊससिअं नीससिअं ऊकार: ऊससियरोमकूषो ऊसासगणीसासग उहाए पण्णसं } ३१५५८ २३३ ४ ७ १४३७० ३ ११३० ४ ७७५ ३२७ ३ १०९१ २२५ २० ३ G ७५७* ८१४ ३ ३ ७ १+ १४७+

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