Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

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Page 396
________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [व-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रायनक्रमः SC-STICAL ॥ ॥८ दीप क्रमांक विसं तु पीयं जह ७ विसालिसेहिं सीलेहिं विहगगई चलणगई विहमागासं भण्णई विड्वा पउत्थवइया विहिगहियं विहिभुतं (विहि० तह गुरुहिं पा०)३ विहिपुच्छाएँ पवेसो ४ | विहिपुच्छाए सण्णी विटिअबंधण धरणे वीयभय देवदत्ता वीयरागयाए णं भंते ! वीरवरस्स भगवओ वीरं अरिहनेमि ७४२वीरं सुफझाणम्गिद० १०८* वीरिय धम्म समाही १२१ वीरिय भावे य तहा ११९ बीरिय विउव्वणिड्डि २२२+ वीरियसजोगयाए १७०७ वीरो अरिहनेमी १७०७ वीरो सिंगारो अन्भुओ ८२ बीसजिऊण आसं ५०+ वीसमंतो इमं चिंते २९६ वीसमिऊण नियंठो ९४ वीसरसह अंते ५९ वीससकरणमणाई | ४७१ वीसं उक्कोसपए २२१ वीसं तु सागराई ३ १ बीसा दो वाससया ३ १३१+ +१३ बुन्छिद सिरोहमप्पणो ३१७* ३ ७५२ वुष्टुिं च हाणि च ससीव २७३ २०२ बुढी वा हाणी वा १६१० बुट्ठोऽणुकंपणिजो ६९ ३ २२६ वेआ अधीआ न भवंति ४५२ २ ६३* वेउम्विअसंघाओ जहन्नु० ३ १६७+ ७ ३९८ चे उब्बि वाउडे वातिए ४ ७२३ ५ १५३ वेएज निजरापेही ८५* ३ १२४ वेकच्छिया उ पट्टो ३१८+ ३ २३१+ वेजे मेंठे तह इंदणा० ३ ८४६ ३ १५४+ वेणइयस्सा[य]पढमया २०६ ७ ८२ वेमाणिया उजे देवा . १५८१* ७ १६०३* वेमायाहिं सिक्खाहिं . १९७* के लिए देखीए 900- -660 % 'सवृत्तिक आगम |||८० सुत्ताणि -58--% - 396

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