Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
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आगम संबंधी साहित्य
[भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
लाल
९+
सूत्रांक
यहां देखीए
५
له سه سه
२०७
दीप क्रमांक के लिए देखीए
५४५
ट्रसंतई पप्पऽणाईआ . १४४४* संतिमे य दुवे ठाणा
संतई पप्प तेऽणाई ७ १३८५* संतिमे सुहुमा पाणा |संतई०सपज्जवसियाचि ७ १४९४७ संतिमे सुहुमा पाणा संतई० साइया अपज्जव० ७ १५५६* संतिस्स कुमारत्तं संतपय०जाव अप्पाबहुं १५* संती कुंथू अ अरो संतपय परूवणय०
८* संती कुंथू अ अरो संतपयपरूवणय०चेव
१० संते आउयकम्मे संतपयपरूवणयनस्थि
९* संथरे सव्वमुज्झति संतपयपरूवणयनस्थि
११* संथारंगभूमितिगं संतपयपरूवणया
१३ संथारग्गहणाए संतपयपरूवणया दब्ब० ८९५ संघारपाय दंडग संतपयं पडिबन्ने ३ ८९६ संथारपाय दंडग खोमिय संता तिस्थवरगुणा ३ ११४४ संथारसिजासणभत्त० संति एगेहि भिक्खूहिं . १४७* संथारं फलगं पीढं
५ ६
१२९* संथारुत्तरचोलग २३२* संथारुत्तरपट्टो अड्डाइक २७०* संविट्ठा संलिहिउँ २९२ संदिट्ठो संदिहस्स चेव २२३ संदिस्संत जो सुणइ ४१७ संदीणमसंदीणो संधि०७
+ संनाइपिंड जेमेइ ४०० संनिहिं च न कुग्विजा ५ २०३ संनिही गिहिमत्ते य २०४ संपज्जलिया घोरा ३६५ संपत्ते मिक्खकालंमि
४६ संपयममुत्तदारं ४४३* संपाइमतसपाणा ५३३* संपातिमरयरेणूपमजण० ४
४०+
'सवृत्तिक आगम
६ ५ ५
७१३
सुत्ताणि
~407
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