Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
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आगम संबंधी साहित्य
[भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
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निववल्लभबहुपक्खंमि ३ १३०३ निसिभत्तकम्मनिवर्पिड़ निव्वाणगमणकाले . ३ ।८१ निसीहिआ आसजं निब्वाणमंतकिरिआ
३०६ निसीहिया अपमज्जिय निव्वाणसाहए जोए
१०१० निसीहिया नमुकारे निब्वाणं खलु कर्ज
६९ निसिहिया नमोकारो निव्वाणं चिइगागिई
४३५ निस्सग्गुवएसरुई निब्वाणंति अबाहंति
९१४७ निस्संकिअथूभाइसु निव्विसउत्ति य पढमो २४+ निस्संकिय निकंखिय निव्वुहपहसासणयं १ २२% निस्संकिय निकंखिय निव्वेएणं भंते ! जीवे कि ७, १६ निस्संकिय निकंखिय निव्वेण व मालेण व
५८+ निस्सेणिं फलगं पीढं निव्वोदगस्स्स गहणं ४ ३५६ निहरंति मयं पुत्ता निम्बोद्गस्स गहणं ६ ३२ निण्हाइ दव्व भावोवउत्तु | निसिअतुयट्टणजग्गण . ४ ११० निंदद य नियकयाई
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के लिए देखीए
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३ +३२ निंदणयाए णं भंते! ३ २७७० नी सिर्ज गई ठाणं ५ ४ ६५४ नीआविची अचवले ३ १४७५ नीयदुवारमि घरे ४ ६५० नीयदुवारंमि घरे मिक्खू ६ ७ १०७६* नीयदुवारुग्घाडण.
६८ नीयं पहेणगं में ३ १६५८ नीयाइअपरिभुत्ते ५ १८४ नीयावास विहारं ३ ५ १०९१* नीरुयत्ताए अवलो
१२६* नीलासोगसंकासा ७ ५६२* नीसमनीसा व कई ६ ३ ८९० नीहरंति मयं पुत्ता . ३ ।१६ नेगम० आणु० किं संखिज्जाई २
११८७४
७४८
१४४६
'सवृत्तिक आगम
१२९६० १४४ ५६२* ८२
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सुत्ताणि
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