Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

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Page 384
________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [म-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक अ.आ. यहां देखीए द.पि. उ. ॥७४॥ ०१४ दीप ७७+ SCANCCIRCTCOM क्रमांक मिच्छा भवे उ सव्वत्था ५ २८+ मुक्खमग्गं पवसु Gमित्तवं नाइवं होड़ ७ ११२* मुक्ताभिकंखिस्सवि मित्ति मिउमद्दवत्ते ३ ६८६ मुक्खो मग्गो अ गई मित्ति मिउमद्दवत्ते १६०२ मुग्गरेहिं मुसुंढीहिं मित्तो इंदो निरई ९०* मुणिचंद कुमाराए मिहिलं सपुरजणवयं ७ २३१% मुणिसुब्बए नमिमि मिहिलाए चेइए वच्छे २३६* मुणिसुब्बओ अ अरिहा मिहिलाए लच्छिघरे ३ १३२४ मुणिमुव्वयंतेवासी मिहिलाए लच्छिघरे १७० मुत्तविएसु जुज्जइ मिहिलावइस्स णमिणो ७ २६६ मुत्तनिरोहे चक्खू मिहिला सोरिअनयरं ३८४ मुत्तपुरीसनिरोहे मीसज्जायं जावंतियं ६ २७१ मुत्तीए णं भंते ! मुकधुरा संपागड० ३ ११३८ मुसले उक्खित्तमि व | मुक्खमम्गगई तच्चं (त्थं) . १०६१* मुसं परिहरे भिक्खू के लिए देखीए . २७९ मुसाबाओ व लोगम्मि ७ ११४२* मुहणंतरण गोच्छं क्रमः . ५०५ मुहधोवण दंतवणं ७ ६६१* मुहपत्ति पडिलेहित्ता ४७७ मुहमूलंमि अ चारी ४ ४१८ मुहुत्तदुक्खा उहवंति कंटया ५ ४४५* ३ ३८१ मुहुत्तई०तित्तीसं सागरा ७ १३३० ११२ मुहुचद्धं तु जहन्ना १३२५* ५६ मुहुत्तद्धं तु तिष्णुदही १३२७* १९८ मुहुत्तद्धं तु०दोण्हुदही १३२८* ७२६ मुहुत्तद्धं० दसउदहिपलि० ७ १३२६* ६१ मुहुत्तद्धं० नवहिं वरिसेहिं . १३३७४। २४८+ मुहुत्तई० नायब्बा पम्ह०७ १३२९*13.।।७४॥ - २४* मुहं मुहूं मोहगुणे जयंतं . १२५* 'सवृत्तिक आगम ४ . सुत्ताणि ~384

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