Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
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आगम संबंधी साहित्य
[भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि
[प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
यहां देखीए
७ ४ ३
दीप क्रमांक के लिए देखीए
पढममि सम्धजीवा पठमा आवस्सिया नामं पढमाए नत्थि पढमा पडमाणुओगसिद्धो पढमापढमा चरिमे० पढमा वियारजोगं | पढमासइ अमणुन्नेय द्र पढमित्य इंवभूई
पढमित्य इंदभूई पढमित्व वारणामो पढमित्थ विमलवाहण पढमिल्लुअस्स उदए
पढमिस्लु पाण उदए दूपढमे धम्मपसंसा
७९१ पढमे भंते ! महब्बए पाणाइ०५ ३ पणवीसमद्धतेरस ३ ९९३* पढमे वए महारावं! ७ ७१७७ पणवीस सहस्साई १५९ पढमे बासचउकमि ७ १६२४* पणवीससागराऊ ७ १६०८* २६४ पढमे विणओ बीए
१८ पणवीसं तु सहस्सा १६+ पढमो अकालमधू
१९४ पणवीसा[आवस्सग]परिसुद्ध ३ १२१८ ७२ पढमो चउदसपुची
१७७ पणवीसा भावणाहिं ७ ११५१ ३१९ पढमो धणूणऽसीई ३ ४०३ पणिहाणजोगजुत्तो५ १८७ पढमो य कुमारत्ते
पणीय भत्तपाणं च ७ ५१६४ ५९३ पणतीसा तीसा पुण ३ ३९३ पण्णरस दस धणि य ३ ३८० १७६ पणपण्णगस्स हाणी ४ १६४ पण्गरस सयसहस्सा
२७९ १५५ पणयचउकं च तिगं ३ १६५७ पण्णरस सयसहस्सा
२८९ १५७० पणया पर्वतनिवा ३ ११०१ पण्णरसिमाहबहुले १०८ पणयाल सयसहस्सा ७ १४३१* पण्णवण वेय रागे २० पणयालीसा बारस . १ पण्णं पुव्वसहस्सा
AAR
४
३ ३
'सवृत्तिक आगम
३ ३ ५
सुत्ताणि
२८५
ACC
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