Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

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Page 344
________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ७८२ . ६ ३ सूत्राधक्रमः १२८९ दीप क्रमांक नं.अ.आ.दादुजए कामभोगे य ७ ५२३७ दुमपुष्फिा य आहारएसणा५ ३७ दुविहं सवेऊण य दुपसुसाणसावय० ____७४० दुमपुफियनिजुत्ती १५३ दुविहं च मक्खियं खलु द.पि.उ. दुहं तु मुंजमाणाणं ५ ९६* दुमपुष्फियाइया खलु ५ १९ दुविहं च होइ गहणं दुण्डं दोऽवि तत्थ निमंतए ५ ॥५४॥ ९७* दुमयाउनामगोयं २८२ दुविहं च होइ भावे दुदही विगईओ ५४१* दुमा य पायवा रुक्खा ३५ दुविहं पओगकरणं दुन्नि य रवणी माहिंद०७ १४८ दरहमाणी पवडिजा '५ १२७* दुविहंपि णेगमणओ दुन्नि व तिन्नि व चत्तारि पंच७ . २२७ दुलहे खलु माणुसे भवे .. २९३* दुविहं होइ पमाणं दुन्निवि नमी विदेहा ७ २६७ दुलभदव्वं व सिआ४ ६१५ दुविहा आउजीवा उ दुपयचउप्पयधणधन ३४० दुलभदव्वं व सिया ४ ७२० दुविहा उ भावलेसा दुप्पणिहिजोगी पुण ५ ३०८ दुल्लभदव्वं व सिया , ४ २३०+ दुविहाएँ वेयणाए दुप्परिचया इमे कामा ७ २१३* दुलहा उ मुहादाई ५ . १५९४ दुविहा खलु पडिलेहा दुब्भासिएण इक्केण ३ ४३८ दुविहतवो मग्गगई ५१६ दुविहा जायमजाया दुमपत्तए पंडुयए जहा . २९०० दुविहति विहेण पढमो३ १६५५ दुविहा तेउजीवा उ दुमपत्तेणोवम्म ७ २८३ दुविहविराहण उसिणे ६ ५५६ दुविहा परूवगा छप्पया के लिए देखीए १८८ १४४. २१३+ ४५७* RAKESHAAS ८२४ १३६३ 'सवृत्तिक आगम ७ ३ ८९१ सुत्ताणि - 344

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