Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

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Page 279
________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए 5+% २३५ % दीप क्रमांक के लिए देखीए एमेव य भंगतिभ- ४ ६७३ एयम९०णमि रायरिसिं एमेव य समणीणं ३ १५०३ एयमढणमि रावरिसिं एमेव रूबंमि गओ पोसं ७ ११८८० एयमढुं०णमि रायरिसि | एमेव वाइखमए ६. ३१५ एयमझुणमि रायरिसिं एमेव विसकर्यमिवि ४ ६०३ एयमढ णमि रायरिसिं एमेव सर्पमि० ७ १२०१७ एयम९०णमि रायरिसि एमेव सेसएसुवि ६ ७३ एयमई० णमी रायरिसी एमेव सेसयाणवि एमेव सेसियासुऽवि एमेवऽहाछंदकुसीलरूवे ७ ७४८० एवम१०णमी रापरिसी एमेव होइ पुरिसो ४ ४९४ एयमझुणमी राबरिसी एवदोसविमुकं ४ १३४+ एवमढणमी रायरिसी एयरोसविमुकं ४ ५१८ एवमटुं०णमी रायरिसी एयदोसविमुकं घेत्तुं ३८९ एवमटुं०णमी राबरिसी २०० एयमह०णमी गगरिसी २५६० एवमह०णमी रायरिसी २६०० एवम१०णमी राथरिसी ७ २६८४ एवमट्ठ० निसामित्ता . २७४* एवमटुं निसामित्ता २४०७ स्थम8 सपेहाए २४६७ एवं अकाममरणं २५०० एवं किकम्मविहि .२५२० एवं घासेसणविहि २५४७ एवं चलब्विहं राग० . २५८* एवं प पब्विहं रागदोस०३ . २६४ एवं चेव पमाणं ७ २६६% एवं चेव पमाणं % ६ ४२० एयमहँ०णमी रायरिसी % ३०२+ ३४ % 'सवृत्तिक आगम % ६८४ % सुत्ताणि ~279

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