Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

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Page 308
________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. ६ ७५ ३२४ २१+ सूत्राबनुक्रमः द.पि.उ. ॥३६॥ दीप क्रमांक के लिए जणवयसम्मवठवणा जणसावगाण खिसण जणेण सद्धिं होक्खामि जण्णूसवसमवाए जत्तासाहणहेऊ जत्थ अपुब्बोसरणं जस्थ उ तइओ भंगो जत्थ० उत्तरगुणपडिसेवी जस्थ उ योवे थोवं जत्थ उ सचित्तमीसे |जस्थ पुणा पडिपाहगो जत्थ पुष्फाई वीआई | जत्थऽम्हे वच्चामो जत्थ य एगो सिद्धो ५ २७५ जत्थ यजं जाणेज्जा २ ६ ५०४ जत्थ य नस्थि तणाई ३ . १३४* जत्थ राया सयं चोरो . ३ ३ २०५ जत्य०लिंगवेसपडिच्छन्ना ४ २०५ जत्यो ४ ५७८ जत्थ साहम्मिया बहवे ४ ३५४४-५६८ जत्थ० सीलमंवा बहुस्सुया ४ ६ १५९ जत्थेव पासे कइ. ५ ४ ७८१ जदि पढ़मं न तरेजा ५६९ जमचेयणचि पुरिस० ६४५ जमदग्गिजडा हरेणुभ ७ ६७४ जमहं दिया य राओय ७ 20 जम्मण विणीअ उज्झा ३ ४ ३०५ जम्मणे नामवुड्डी.अ ३ ३ ९७५ जम्मदुक्खं जरादुक्खं . १ * जम्मं एसइ एगो सुयस्स १३३८ जम्मं मयंगतीरे १३३ जम्हा चित्चाईया ७८२ जम्हा दसणनाणा ७८० जम्हा विणयह कर्म ७८४ जयइ जगजीवजोणी ५१३* जयह सुआणं पभवो ६२२ जयघोसा अणगारा २१९+ जयणमजयणं च गिही १४५ जयमाणा विहरंवा. १२६ जयं घरे जयं चिढे. ३९७ जया अ कुकुदुम्बस्स १८६ जया अ थेरओ होइ ६१५* जया अ पूइमो होर .. देखीए 'सवृत्तिक ५ आगम ४८८* ४८७% ४८५* सुत्ताणि ५ ~308

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