Book Title: Aagam Manjusha 05 Angsuttam Mool 05 Bhagavati
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 9
________________ | करेंति वा करिस्मेति वा सवे ते उप्पन्ननाणदसणधरा अरहा जिणे केवली भक्त्तिा तओ पच्छा सिझंति जाव अंतं करेस्संति वा ?,हंता गोयमा ! तीतमणतं सासर्य समयं जाव अंतं करेस्संति वा, से नूर्ण भंते ! उप्पन्ननाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली अलमत्थुत्ति वत्तव्वं सिया?, हंता गोयमा! उप्पचनाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली अलमत्थुत्ति बत्तव्वं सिया । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति।४३ ॥ श०१ उ०४॥ कतिणं भंते! पुढवीओ पन्नत्ताओ?, गोयमा! सत्त पुढवीओ पं०२०-रयणप्पभा जाव तमतमा, इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए कति निरयावाससयसहस्सा पं०?, गोयमा ! तीसं निरयावाससयसहस्सा पं०,-'तीसा य पन्नवीसा पन्नरस दसेव य सयसहस्सा। तिन्नेगं ससयसहस्सा पं०१, एवं-बउसट्टी असुराणं चउरासीई य होइनागाणं। चावत्तरि सुवन्नाण बाउकुमाराण छन्नउई॥१०॥ दीवदिसाउदहीणं विज्जकुमारिंद यसहस्सा पं०?, गोयमा! असंखेजा पढविकाइयावाससयसहस्सा पं०. जाव असंखिज्जा जोतिसियविमाणावाससयसहस्सा पं. सोहम्मे णं भंते ! कप्पे केवइया विमाणावाससयसहस्सा पं०१, गोयमा ! बत्तीसं विमाणावाससयसहस्सा पं०, एवं-बत्तीसऽट्ठावीसा वारस अट्ठ चउरो य सयसहस्सा। पन्ना चत्तालीसा छच्च सहस्सा सहस्सारे ॥१२॥ आणडायपाणयकप्पे चत्तारि सयाऽऽरणऽचुए तिन्नि । सत्त विमाणसयाई चउसुवि एएसु कप्पेसु ॥१३॥ एक्कारसुत्तरं हेडिमेसु सत्तुत्तरं सयं च मज्झिमए । सयमेगं उबरिमए पंचेव अणुत्तरविमाणा ॥१४॥४४॥ पुढविद्विति ओगाहण सनारीर संघयणमेव संठाणे । लेस्मा दिट्ठी णाणे जोगुवओगे य दस ठाणा ॥१५॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि निरयावासंसि नेरइयाणं केवइया ठितिठाणा पं० १. गोयमा ! असंखेजा ठितिठाणा पं० त०-जहनिया ठिती समयाहिया जहन्निया ठिई दुसमयाहिया जाव असंखेज्जसमयाहिया जहन्निया ठिई तप्पाउगुकोसिया ठिती. इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि निरयावासंमि जहन्नियाए ठितीए वट्टमाणा नेरइया कि कोहोवउत्ता माणोवउत्ना मायोवउत्ता लोभोवउत्ता?, गोयमा ! सव्वेऽवि ताव होज्जा कोहोवउत्ता, अहवा कोहोवउत्ता य माणोवउने य अहवा कोहोवउत्ता य माणो. वउत्ता य (पक एवं मायावि लोभोऽवि कोहेण भाणियो) अहवा कोहोबउत्ता य मायोवउत्ते य अहवा कोहोवउत्ता य। इवा कोहावउत्ता य मायावउत्त य अहवा काहावउत्ता य मायाव उत्ता य. अहवा कोहोवउत्ता य लोभावउने य अहवा कोहोवउत्ता य लोभोवउत्ता य, अहवा कोहो IA | वउना य माणोवउने य मायोवउत्ते य (१० पच्छा माणेण लोभेण पच्छा मायाए लोभेण य) कोहोवउत्ता य माणोवउत्ते य मायोवउत्ता य कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य मायोवउत्ते य कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य मायाउव य. एवं कोइमाणलोभेणवि चउ एवं कोहमायालोमेणवि चउ एवं १२. पच्छा माणेण मायाए लोभेण य कोहो भइयत्रो, ते कोहं अमुंचता ८, एवं सत्तावीसं भंगा यदा, इमीसे णं भंते ! रयणपभाए पढवीए तीसाए A निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगसि निरयावासंसि समयाहियाए जहनहितीए बट्टमाणा नेरइया कि कोहोवउत्ता माणोवउत्ता मायोवउत्ता लोभोवउत्ता?, गोयमा ! कोहोषउत्ते य माणोवउत्ते य मायोबउने य लोभोवउने य, कोहो. भवउत्ता य माणोवउत्ना य मायोवउत्ता य लोभोवउत्ता य, अहवा कोहोवउने य माणोवउने य, अहवा कोहोबउने य माणोवउत्ता य एवं असीती भंगा नेयचा, एवं जाव संखिज्जसमयाहिया ठिई, असंखेजसमयाहियाए ठिईए गणिया ४५ इमाम भतारयणप्पभाए पुढवाए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगसि निरयावासंसि नेरइयाणं केवइया ओगाहणाठाणा 402. गोयमा ! असंवेजा ओगा हणाठाणा पं०२०-जहनिया ओगाहणा पदेसाहिया जहनिया ओगाहणा दुष्पएसाहिया जहानिया ओगाहणा जाव असंखिजपएसाहिया जहनिया ओगाहणा तप्पाउग्गुकोसिया ओगाहणा, इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पढ़ाए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगसि निरयावासंसि जहनियाए ओगाहणाए वट्टमाणा नेरइया कि कोहोबउत्ता०?, असीई भंगा भाणियबा जाव संखिजपएसाहिया जहन्निया ओगाहणा, असंखेजपएसाहियाए जहन्नियाए ओगाहणाए वहमाणाणं तप्पाउन्गुकोसियाए ओगाहणाए वहमाणाणं नेरइयाणं सत्तावीस मंगा, इमीसे णं भंते ! रयण जाव एगमेगसि निरयावासंसि नेरइयाणं कइ सरीरया?, गोयमा ! तिन्नि सरीरया पं० २०-वेउविए तेयए कम्मए. इमीसे णं भंते : जाव वेउधियसरीरे वट्टमाणा नेरइया कि कोहोवउत्ता? सत्तावीसं भंगा भाणियत्रा, एएणं गमएणं तिन्नि सरीरा भाणिया. इमीसे णं मंते : रयणप्पभाए पुढवीए जाव नेरइयाणं मरीरया किंसंघयणी पं०, गोयमा ! छहं संघयणाणं अस्संघयणी, नेवट्ठी नेव छिरा नेव हारूणि जे पोग्गला अणिहा अकंता अप्पिया अमुहा अमणुन्ना अमणामा ते एतेसि सरीरसंघायत्ताए परिणमंति, इमीसे णं भंते ! जाव छहं संघयणाणं असं. घयणे वट्टमाणा नेरइया कि कोहोवउत्ता' सत्तावीसं भंगा, इमीसे णं मंते! स्यणप्पमाए जाव सरीरया किंसंठिया पं०?, गोयमा ! दुविहा पं० सं०-भवधारणिज्जा य उत्तरविउचिया य. तत्थ णं जे ते भवधारणिज्जा ते हंडसं. ठिया पं०, तत्थ णं जे ते उत्तरवेउधिया तेऽवि हुंडसंठिया पं०, इमीसे णं जाय हुंडसंठाणे वट्टमाणा नेरइया कि कोहोवउत्ता०? सत्तावीसं भंगा, इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए नेरइयाणं कति लेस्साओ पं०१, गोयमा : एगा काउलेस्सा पं०, इमीसे णं भंते : रयणप्पभाए जाव काउलेस्साए वट्टमाणा सत्तावीस भंगा।४६। इमीसे णं जाब किं सम्मदिट्टी मिच्छादिही सम्मामिच्छादिट्ठी', तिन्निवि, इमीसे णं जाव सम्मईसणे बहमाणा नेरइया० सत्तावीस भंगा, एवं मिच्छादसणेऽवि, सम्मामिच्छादसणे असीती भंगा, इमीसे णं भंते ! जाच किं नाणी अन्नाणी, गोयमा! णाणीवि अन्नाणीवि, तिनि नाणाई नियमा तिन्नि अन्नाणाई भयणाए. इमीसे णं भंते : जाव आभिणियोहियनाणे वट्टमाणा: सत्तावीस भंगा, एवं तिन्नि नाणाई तिनि अन्नाणाई भाणियबाई, इमीसे णं जाव कि मणजोगी वइजोगी कायजोगी?, तिन्निवि, इमीसे णं जाच मणजोए बट्टमाणा कोहोवउत्ता, सत्तावीसं भंगा, एवं वइजोए एवं कायजोए, इमीसे णं जाव नेरइया कि सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता?, गोयमा ! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि, इमीसे णं जाव सागारोवओगे पट्टमाणा कि कोहोकउत्ता, सत्तावीसं भंगा, एवं अणागारोवउत्तावि० सत्ताबीसं भंगा, एवं सत्तचि पुढवीओ नेयवाओ, णाणत्तं लेसासु 'काऊ य दोसु तइयाए मीसिया नीलिया चउत्थीए। पंचमियाए मीसा कण्हा तत्तो परमकण्हा ॥१६॥ ४७। चउसट्टीए णं भंते! असुरकुमारावाससयसहस्सेसु एगमेगसि १६५ श्रीभगवत्यंग-सात मुनि दीपरत्नसागर

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