Book Title: Catalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 04
Author(s): Punyavijay, Jambuvijay
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ THE FREE INDOLOGICAL COLLECTION WWW.SANSKRITDOCUMENTS.ORG/TFIC FAIR USE DECLARATION This book is sourced from another online repository and provided to you at this site under the TFIC collection. It is provided under commonly held Fair Use guidelines for individual educational or research use. We believe that the book is in the public domain and public dissemination was the intent of the original repository. We applaud and support their work wholeheartedly and only provide this version of this book at this site to make it available to even more readers. We believe that cataloging plays a big part in finding valuable books and try to facilitate that, through our TFIC group efforts. In some cases, the original sources are no longer online or are very hard to access, or marked up in or provided in Indian languages, rather than the more widely used English language. 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We shall work with you immediately. -The TFIC Team. Page #2 --------------------------------------------------------------------------  Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन बोर्डिंग ग्रंथमाळा पुष्प-३ .. अणहिलपाटक(पाटण)नगरस्थजैनग्रन्थभाण्डागारान्तर्गतानां हस्तलिखितग्रन्थानां सूचिः। भाभापाडाजैनग्रन्थभाण्डागारस्थितानां कागळपत्रोपरि लिखितानां ३००६ ग्रन्थाना सूचि., खेतरवसीपाडास्थितानां तालपत्रोपरि लिखितानां ग्रन्थानां सूचिः, श्री हेमचन्द्राचार्यजैनज्ञानमन्दिरस्थितानां संघवीपाडाभण्डारसत्कानां सङ्घभण्डारादिसत्कानां च तालपत्रोपरि लिखिताना ग्रन्थाना सूचि, तथा सर्वेषामकारादिक्रमेण सूचिः, एवं विविधसूचिसङ्ग्रहात्मक चतुर्थो भागः सङ्कलयितारः स्व. आगमप्रभाकरा. पुण्यनामधेयाः पूज्यपादमुनिराजश्री , पुण्यविजयजीमहाराजाः सम्पादकः पूज्यपादाचार्यदेवश्रीमद्विजयसिद्धिसूरीश्वरपट्टालङ्कार'पूज्यपादाचार्यदेवश्रीमद्विजयमेघसूरीश्वरशिष्यरलपूज्यपाद-गुरुदेव-मुनिराजश्री भुवनविजयान्तेवासी मुनि जम्बूविजयः । सहायको मुनि धर्मचन्द्रविजय-पुण्डरीकरलविजयौ शारदाबेन चिमनभाई एज्युकेशनल रिसर्च सेन्टर 'दर्शन,' राणकपुर सोसायटी सामे, शाहीबाग, अमदावाद-३८० ००४. Page #4 --------------------------------------------------------------------------  Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SHREE SHWETAMBAR. MURTIPUJAK JAIN BOARDING SERIES : 3 CATALOGUE OF THE MANUSCRIPTS · PĀTANA JAIN BHANDĀRA OF A JAIN BH Part : IV (Detailed catalogue of 3206 paper Mss. presereved in the TTATTET TETT at Patana, catalogue of the palm-leaf Mss. of the 451 of Heat UTCT, now preserved in the 47-59 Hefa at Pātana, catalogue of the Palm-Leaf Mss. of the भंडार of खेतरवसी पाडा and the catalogue of the Palm-Leaf Mss. of संघभंडार etc. now presereved in the 24751erft fc at Patana with the Alphabatical index of the all these Mss.) Compiler : Late Muni Sri Punyavijayaji Editor : Muni Jambūvijayaji Disciple of H. H. Munirāja Śrī Bhuyanavijayaji Mahārāja Assisted : Muni Dharmachandravijayaji Pundrikratnavijayaji SHARADABEN CHIMANBHAI EDUCATIONAL RESEARCH CENTRE "DARSHAN' SHAHIBAG, AHMEDABAD-380 004. Page #6 --------------------------------------------------------------------------  Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - प्रकाशकीय शारदाबेन चीमनभाई एज्युकेशनल रिसर्च सेन्टरनी स्थापना १९८९ मा करवामां आवी छे प्रस्तुत सेन्टरमा भारतीय साहित्य अने दर्शनना संशोधन, कार्य करवामां आवी रडुं छे. सहु प्रथम आगम ग्रंथो, कोम्प्युटर जेवा अद्यतन साधनोनो उपयोग करी संशोधननुं कार्य करवामां आव्युं छे. तथा अन्य अद्यतन साधनोनो उपयोग करी साहित्य अने इतिहास क्षेत्रे संशोधन- कार्य चाली रह्यु छे. महत्त्वपूर्ण, अप्रकाशित, अलभ्य पुस्तको प्रकाशन करवानी योजना अतर्गत प्रस्तुत ग्रन्थy प्रकाशन करतां अमने हर्ष थई रह्यो छे. पाटणना हस्तलिखित ग्रंथभंडारोना ग्रथोनी सूचि रूपे प्रथम ग्रथ प्रकाशित करता अमने आनंद थाय छे पूर्वे पू. आगम-प्रभाकर मुनिराजश्री पुण्यविजयजी द्वारा सपादित करेल सूचिपत्र 'हेमचंद्राचार्य जैन ज्ञानमंदिर, पाटण द्वारा प्रकाशित थयुं हतुं तेमां १४७८९ पोथीओनी सूचि प्रकाशित थई हती. शेष ग्रंथोनी सूचि तथा पाटणस्थ अन्य भंडारोनी सूचि अप्रकाशित हती. आ विशेनी सामग्री पूज्यश्रीए तैयार करी हती प्रकाशित तथा अप्रकाशित सामग्रीनो उपयोग करी संपूर्ण सूचिनुं संपादन करवानुं महत्त्वपूर्ण कार्य श्रुतस्थविर, दर्शनप्रभावक मुनिश्री जंबूविजयजी म सा कर्यु छे. तेओश्रीए परिश्रमपूर्वक योग्य संशोधन, आवश्यक नोंध उमेरीने सूचिने वधु शुद्ध अने स्पष्ट करी छे आ कार्य बदल पूज्य मुनिश्री जंबूविजयजी म.सा.नो खूब आभार मानवामां आवे छे __आ सूचिमा सस्कृत, प्राकृत, अपभ्रश अने जूनी गुजराती भाषाना अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रथो छे प्राचीन, शुद्ध पाठोवाळी, अप्रकाशित, उपयोगी कृतिओ आ सूचिमा छे प्राचीन ग्रथोना संपादन तथा सशोधन करनारने आ सूचि अनेक रीते उपयोगी थशे तेवी आशा छे. क्रमांक. पुस्तक-नाम, पत्रसंख्या, भाषा, कर्ता, श्लोकसख्या, रचनासवत्, लेखनसंवत्, स्थिति अने लंबाई-पहोळाई एम दश विभागोमां विभाजित आ सूचि द्वारा प्रतिओ विशेनी सामान्य माहिती सुगमताथी प्राप्त थई शकशे, साथे बधा ज ग्रंथोनो अकारादिक्रम पण प्रकाशित करवामां आवी रह्यो छे जे ग्रंथ शोधनमा उपयोगी थशे सांप्रत सूचि प्रकाशित करवामां श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन बोर्डिंग, अमदावादनु महत्त्वपूर्ण योगदान छे संस्थाना संचालकोए रस लई आर्थिक सहयोग आपी योजनाने साकार करी छे ते बदल तेमनो अत करणपूर्वक आभार मानवामा आवे छे. शा. ची. एज्युकेशनल रिसर्च सेन्टर, अमदावाद-३८०००४. तारीख : १७-११-१९९१ जितेन्द्र बी. शाह (अध्यक्ष) Page #8 --------------------------------------------------------------------------  Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - -. .. ... . .. ॥ श्री शड्वेश्वरपार्श्वनाथाय नमः॥ : पाटणना श्री संघवी पाडाना ताडपत्रीय जैन ग्रंथ भंडारनो एक परिचय - उत्तर गुजरातना महेसाणा जिल्लामा पाटण (प्राचीन नाम - अणहिलपाटक) नगरमा प्राचीन ताडपत्रीय ग्रंथोनो एक महान भंडार छे. आ भंडार लगभग हमणां सुधी पाटणना संघवी पाडामा हतो तेथी 'सघवी पाडाना भंडार' तरीके ओळखाय छे . - संघवी पाडामा एक पोसाळ (पौषधशाळा-उपाश्रय) छे तेमा आ भडार हतो एम सांभळवामां आव्युं छे के घणां घणा (बसो - चारसो के एथी पण वधारे) वर्षो पहेलां आ पोसाळमां रहेता गोरजीए आ ताडपत्रीय भडार संघवी पाडामा रहेता श्री सेवंतिलाल छोटालाल पटवाना पूर्वजोने साचववा माटे आपेलो हतो तेथी श्री सेवतिलाल छोटालाल पटवाना पूर्वजो घणी पेढीओथी आ भंडार संभाळता हता. श्री सेवंतिलाल छोटालाल पटवाए पण ज्यां सुधी ए जीव्या त्या सुधी प्राण करता पण अधिक गणीने आ भडार साचव्यो हतो. श्री सेवतिलाल छोटालाल पटवानो स्वर्गवास थया पछी तेमना सुपुत्रो नरेन्द्रकुमार, बिपिनचन्द्र तथा दीपककुमार आ भंडारने व्यवस्थित करवा इच्छता हता तेमनी इच्छाने ज ध्यानमा लईन विक्रम सवत् २०३२ना उन्हाळामा अमारे पाटण जवानुं थयु अने मारा प्रथम शिष्य देवतुल्य स्व. मुनिराजश्री देवभद्रविजयजी आदि साथे मळीने अमे आ भंडारने व्यवस्थित करवानु कार्य आरभ्यु हतुं. आ भंडारना तथा पाटणना बीजा स्थानोमा पण रहेला ताडपत्रीय ग्रथोनो विस्तारथी परिचय आपतुं एक सूचिपत्र A DESCRIPTIVE CATALOGUE OF MANUSCRIPTS in the jain bhandars aL PATTAN वडोदरानी गायकवाड ओरिएण्टल सीरीज GAEKWAD'S ORIENTAL SERIES, Volume No. LXXVI तरफथी ईसवीय सन १९३७मा वर्षों पूर्वे प्रगट थयेलुं छे. परतु तेमा वर्णवेला संघवी पाडाना ग्रंथाको (ग्रथ नबरो) अने वर्तमानमा जे चालु ग्रथाको छे ते साव जुदा छे गायकवाडी नबरोथी साव जुदा जे चालु नंबरो छे ते क्यारथी थया छे अने कोणे कर्या छे तेनी अमने कशी ज खबर न होवाथी प अमृतलालभाई मोहनलाल भोजकने पूछतां तेमणे नीचे मुजब माहिती आपी छे . - 'गायकवाड सीरीझमां आ भंडारना जे कमाक छे ते ते समये भंडारनी सूचिमा हता तेने अनुसरीने छे पण आजथी प्राय ६० वर्ष पहेलां जेमणे आपणा अनेक प्राचीन भंडारोने व्यवस्थित कर्या छे ते परम पूज्य प्रवर्तक श्री कान्तिविजयजी महाराज तथा तेमना अनुक्रमे शिष्य-प्रशिष्य मुनिभगवत श्री चतुरविजयजी महाराज तथा मुनिभगवत श्री पुण्यविजयजी महाराज एम त्रणेय मुनिभगवंतोए आ भंडारना ग्रंथोने साइझ प्रमाणे गोठवी तेना रक्षण माटे लाकडाना डन्न्या वगैरेनी व्यवस्था करेली आथी ग्रथाकनो क्रमभंग करवो पडेलो. . . . . अमने तपास करतां संघवी पाडानी पोसाळमां ज्यां आ ताडपत्रीय ग्रंथो राखवामा आव्या हता त्या कबाटमाथी अमने एक लिस्ट (सूचिपत्र) मळी आव्युं हतु, तेमां प्रारभमा गायकवाडी (गायकवाडे प्रकाशित करेला केटलोग प्रमाणे) नबर अने ते पछी वर्तमानमा जे चालु पेटी नबर छे ते दर्शाव्यो हतो उपरांत, ग्रथनु नाम, पत्रसख्या, कर्ता वगेरे घणी महत्त्वनी विगतो पण वर्णवी - 'आ लिस्टने आधारे संघवी पाडाना भडारमा शु शुं छे अने शुं शु खूटे छे तेनी अमे तपास करी अने जे तद्दन अस्त-व्यस्त ग्रथ हता ते व्यवस्थित कर्या ते पछी संघवीं पाडाना आ भंडारना व्यवस्थापक स्व सेवंतिलाल छोटालालना सुपुत्रो नरेन्द्रभाई, बिपिनभाई तथा दीपकभाईए वेन्ड-वाजा साथे वाजते गाजते अत्यत बहुमानपूर्वक श्री पचासर पार्श्वनाथना देरासर पासे ज आवेला अने जेनी व्यवस्था पाटण श्री जैन संघना अधिकारमा छे ते श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरने विक्रम सवत् २०३२ना जेठ वदि छठ ता.१७-६-१९७६ना दिवसे अमारी हाजरीमा ज समर्पित को हतो त्यारथी आ सग्रह श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरमा ज छे, १स्व आगमप्रभाकर पू मुनिराज श्री पुण्यविजयजी महाराजना शिष्यसमान प अमृतलालभाई मोहनलाल भोजक पासेथी नीचेनी हकीकत जाणवा मळी छे 'सघवी पाडानो भंडार ते लघु पोसालिक गच्छनो छे अने मूळमा ते गच्छना ज श्रावकोना वहीवटमा हतो आजे तो श्रावकोना मूळ गच्छो जाणी शकाय ते स्थिति नथी प्राय पाटणमा मोटा भागे तपगच्छनी परपरा होय तेवु जणाय छे लघु पोसालिक गच्छ ते तपगच्छनी ज शाखा छे मगरवाडामा आवेल तपगच्छना अधिष्ठायक देव श्री माणिभद्रजीना मंदिरनी व्यवस्था अने सभाळ लघु पोसालिक गच्छना ज यतिजीना अधिकारमा हती छेल्ले सूचित गच्छना यति श्री शातिसोमजी मगरवाडामा रहीने सचित मदिरनी देखरेख राखता' - Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ छता तेना मूळ स्थान उपरथी 'संघवी पाडाना भडार' तरीके ज ओळखाय छे, अने श्री हेमचन्द्राचार्य जेन ज्ञानमंदिरमा तेनु विशिष्ट स्थान जाळवी राखवामा आव्यु छे सघवी पाडाना कपाटमाथी अपने मळेला हस्तलिखित लिस्ट (सूचिपत्र) ने आधारे ज श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरना व्यवस्थापकोए सचवी पाडाना भडारनु एक लिस्ट (सूचिपत्र) गुजराती लिपिमां छपावीने केटलाक वर्षों पूर्वे प्रकाशित कर्तुं छे. आ लिस्ट (सूचिपत्र) छपावती वखते प्रुफवाचनमा कईक खामी रही गई होय ते बनवाजोग छे अमे तो पुफो जोया ज नहोता ए जुन हस्तलिखित लिस्ट (सूचिपत्र) अत्यारे सचवायेलु छे के केम अथवा क्या छेतेनी अपने कशी ज खयर नथी श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरे प्रकाशित करेला लिस्ट ( सूचिपत्र) मा सवतनी वावतमा कोईक कोईक स्थळे गरवड थई होय तेम लागे छे. सवत् जे लग्ज्यो छे ते लेखन सवत् छे के रचना सवत् छे तेनु कोई स्पष्टीकरण रोमा नथी कोईक कोईक स्थळे मधाळे कई पण निर्देश कर्या विना नीचे आकडो ज मात्र लख्यो छे परंतु अनुभवधी अमने लाग्यु के आ सवत्नो ज आंकडो छे. श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरे प्रकाशित करेला लिस्ट (सूचिपत्र) ने आधारे ज अमे अक्षरश चिपत्र देवनागरी लिपिमा कोम्प्युटरथी छपावीने हमणा प्रकाशित करीए छीए छता जुना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरे छपावेला सूचिपत्रमा ज्या 'सवत्' लख्यु छे त्या अमे 'लेखनसवत्' तथा 'रचनासवत्' आवा ये मचाळा करीने अमारी मतिने आधारे 'लेखनसवत' तथा 'रचनासवत'न पृथकरण करीने लेखनसवत् तथा रचनासवत् दर्शाव्या छे, अमारी कोई स्थळे क्षति थई होय तो सुधारी लेवा वाचकोने नम्र विनति छे लेखनसंवत् तथा रचनासयत्‌मा सर्वत्र विक्रममवत् ज सामान्य रीते समजवो पण ज्या वी. लख्यु होय त्या वीरनिर्याणसवत् समजवो तथा शक लख्यु होय त्या शकसवत् समजवो श्री सघवी पाडाना भडारना ग्रथोमा वे विभाग छे पहेला विभागमा १थी २०६/२ पेटी सुधीना ग्रथो साग छे बीजा विभागमा जीर्ण, टक तथा घोटेला ग्रंथो होवाथी तेनो उपयोग करवानु काम अत्यत मुश्केल छे आ बीजा विभागमा गण १थी ९७ पेटीओ ऐ आपने विभागो अलग छापेला छे यन्ने विभागोनो अकारादिक्रम पण कोम्प्युटर द्वारा ज करायीने अही अलग अलग आपेलो छे श्री सघवी पाडाना भडारना मूळ व्यवस्थापक स्व सेवतिलाल छोटालाल पटवाना सुपुत्रो नरेन्द्रभाई, विपिनभाई तथा दीपकभाईने घणा घणा धन्यवाद घटे छे तथा आज सुधी आ भडारने साचवनार तेमना पिताश्री स्व सेवतिलाल पटवाने तथा तेमना सर्व पूर्वजोने हजारो हजारो धन्यवाद घटे छे श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरे ज्यारे आ सघवी पाडाना भंडारनु लिस्ट सूचिपत्र) केटलॉक वर्षों पूर्वे प्रकाशित कर्यु त्यारे तेना ट्रस्टीओए जे 'प्रासंगिक' लखाण लख्यु हतु ते पण तेमना ज शब्दोमां अक्षरश आ साथै प्रकाशित करवामा आवे छे विक्रमसंवत् २०४७ पूज्यपाद आचार्यमहाराज श्रीमद्विजयसिद्धिसूरीश्वरपट्टालंकार पूज्यपाद आचार्यमहाराज श्रीमद्विजयमेघसूरीश्वरशिष्यरत्नपूज्यपादगुरुदेवमुनिराज श्री भुवनविजयान्तेवासी मुनि जम्बूविजय आश्विन शुरू अष्टमी ता १६-१०-९१ पचासर (जिल्ला - महेसाणा ) उत्तर गुजरात Pin - 382750 'प्रासंगिक पाटणना मोटा भागना हस्तलिखित पुस्तको श्री हेमचद्राचार्य ज्ञानमदिरने प्राप्त थइ चूक्या हता परंतु खूप ज महत्त्वनो एवो श्री सचवीना पाडानो सग्रह हजी सुधी प्राप्त थयो न तो सवत २०३२ना जेठ वद छठ तारीख १७ जून १९७६ ना दिवसे परम पूज्य मुनिवर श्री जबूविजयजी महाराजनी प्रेरणाथी समवीना पाडाना भडारने पेढीओभी साचवी रहेला स्व. श्री सेवतीलाल छोटालाल पटवाना धर्मपत्नी श्री शारदाबेन तथा तेमना सुपुत्रो श्री नरेन्द्रभाई श्री विपिनभाई तथा श्री दिपकभाई बगेरेए सदर अमुल्य भहार श्री हेमचद्राचार्य जैन ज्ञानमदिरने सुप्रत कर्यो छे आ शुभ कार्यमा स्व श्री पटवाना भाणेज श्री सुमनभाई चीमनलाल चोकसीए पण अभिनदनीय फाळो आप्यो छे श्री हेमचद्राचार्य जैन ज्ञानमदिरना ट्रस्टीओ पाटणना श्री जैन सघवती से सीनो आभार माने छे संग्रह प्राप्त थयाना टूका गाळामां ते सग्रहना पुस्तकोनी सूचि बहार पाडता अमने आनद थाय छे 8 डॉ सेवतीलाल एम शाह डॉ तलकचद बी दलाल श्री बृजलाल टी शाह (हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिर) Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ %3 खेतरवसीना पाडाना ताडपत्रीय भंडारनो संक्षिप्त परिचय पाटणमां खेतरवसीना पाडामा जुनो ताडपत्रीय प्रतिओनो भंडार छे. एकंदरे तेमां ५७ पेटीओ अत्यारे छे. एक पेटीमां पण जो ग्रंथो नाना नाना होय, तो एक ज पेटीमां अनेक पेटा नंबरो पण छे आमांथी २०, २१, २९, ३१, ३३,३५,४३,४७,४८,५१ आ नंबरनी पेटीओना ग्रंथो केटलाक समय पूर्वे चोराई गया होवाथी ते नंबरनी पेटीओ साव खाली पडेली छे. ज्यारे अमे लगभग दशेक वर्ष पूर्वे, त्यांना व्यवस्थापक हरिभाई तथा रमणभाईनी सूचनाथी खेतरवसी पाडानो भंडार व्यवस्थित करवा हाथमां लीधो हतो त्यारे अमने जे ग्रंथो मळया हता तेनी यादी अमेजे बनावी हती ते आ साथे आपी छे. वडोदराथी गायकवाड ओरिएन्टल सीरीझमां इस्वीसन १९३७ मां Gackwad's Ornental Series Volume No. LXXVI) ओरिएन्टल इन्स्टीट्युट (Oriental Institute, Baroda 1937) तरफथी प्रकाशित थयेला सूचिपत्रमा (A Descriptive Catalogue of manuscripts in the Jain Bhandars at Pattan) पत्र २५९थी ३०९मा ए ग्रंथोना नंबरो तथा विगतवार परिचय छपायेलो छे. परंतु पं अमृतलालभाई मोहनलाल भोजकना कहेवा प्रमाणे स्व. मुनिराजश्री हर्षविजयजी महाराजनी देखरेख नीचे जे नवं सूचिपत्र तैयार थयु तेमां जुना नंबरो बदलीने नवा नंबरो आपवामां आवेला छे. तेना आधारे खेतरवसीना पाडाना भंडारनी सूचि अहीं आपवामां आवी छे. प्रारंभमांगा. नं. (गायकवाडी नंबर) आपेलो छे, ते पछी पेटीनो चाल नबर आपेलो छे विक्रमसं २०४८ कार्तिक शुक्ल द्वितीया पचासर (जि. महेसाणा) - पूज्यपाद-गुरुदेव-मुनिराजश्री भुवनविजयान्तेवासी मुनि जम्बूविजय Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरमा रहेला संघभंडार आदि भंडारोना ताडपत्रीय ग्रंथोनो संक्षिप्त परिचय पाटणमा जुदा जुदा पाडाओमा रहेला ताडपत्रीय ग्रंथोनो विस्तारथी परिचय आपतुं एक सूचिपत्र Oriental Institute, BARODA तरफथी ईसवीय सन १९३७मां Gayakwad's Oriental Scries Volume No LxxVI गायकवाड ओरिएण्टल सीरीजमां A Descriptive Catalogue of Manuscripts in the Jain Bhandars at Pattan रूपे प्रसिद्ध थयु छे. तेमा पत्र ३१०थी ४१५मा संघभडार (फोफलियावाडा वखतजी शेरीनो सघभंडार), तपागच्छभडार (फोफलियावाडा आगलीशेरीनो भंडार), महालक्ष्मीमाताना पाडानो भंडार, वाडीपार्श्वनाथ भडार, मोदी भडार, तथा अदुवसीपाडा भडारमा रहेला ताडपत्रीय ग्रथोनो विगतवार परिचय ते ते भंडारोना अलग अलग नंबरो साथे आपेलो छे. आ बधा भडारो अत्यारे पाटणमा श्री जैन संघ सचालित श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरमा राखवामां आवेला छे. ते ते ग्रंथोनी पेटीओ बनावीने बधा ग्रंथोनो सळंग नंबर पण नवेसरथी बनाववामां आवेलो छे. अहीं अमे प्रारभमा गा. न. (गायकवाडी नंबर) अने ते पछी चालु नंबर साथे आ ताडपत्रीय ग्रथोनी सूचि आपेली छे अहीं उपर जणावेला भंडारोमा, सघभडार ज सौथी मोटो छे. तेमां गायकवाडी सूचिपत्र बन्यु त्यारे ७० पेटीओ हती, अने तेमा पण एक एकमा घणा घणा पेटा नबरो (अवान्तर नंबरो) हता. पण ज्यारे आ बधा भडारोंने एकत्र करीने नवेसरथी नंबरो आपवामां आव्या त्यारे नामोमा अनेक स्थळे फेरफार थई गयो छे, वळी केटलाक ग्रथोना पाना पण जुदा जुदा ग्रंथोनी साथे जोडवामां आव्यां जणाय छे, तेथी पत्रसंख्यामां पण घणी वार भिन्नता जोवामा आवे छे. वळी एक ज नामना पण घणा घणा ग्रंथो छे एटले वर्तमान ग्रंथनंवरो उपरथी गायकवाडी सूचिपत्रमा ते ते ग्रंथनो कयो नंबर छे ते शोधवामा अमने घणी ज घणी मुश्केलीओनो अनुभव थयो छे. कोईक कोईक स्थळे अमे गायकवाडी नबर आप्यो होवा छतां अमने तेनी सत्यता विषे सदेह छे. गायकवाडी सूचिपत्रमा केटलाक ग्रंथो अमने मल्या ज नथी. तेमज गायकवाडी सूचिपत्रमा जणावेला केटलाक ग्रंथो अपारा सूचिपत्रमा पण आव्या नथी. अमाराथी थाय तेटलो श्रम अमे कयों छे जे रीते अमने समजाया ते प्रमाणे गायकवाडी नबरो अमे अहीं सूचिपत्रमा दर्शाव्या छे. गायकवाडी सूचिपत्र मुख्यतया ताडपत्रीय ग्रंथो पुरतुं ज मर्यादित हतु, ज्यारे सघभडारमा कागळ उपर लखेला ग्रथो पण अनेक छे एटले एनो गायकवाडी नबर कोई छे ज नहि. गायकवाडी सूचिपत्र बन्युं त्यारे जुदा जुदा स्थानोमां आ बधा भडारो हता एटले तेमनो डाभडा नबर (पेटी नंबर) पण अलग अलग हतो एटले गायकवाडी सूचिपत्रमा ते प्रमाणे डाभडा नबर तथा पेटा नबरो आपेला छे. अहीं अमे आपेली सूचिमां ज्यां विशेष संकेत जणाव्यो नथी त्या आपेलो गायकवाडी नबर संघभडारनो छे, एम समजवू. ज्यां विशेष संकेत आप्यो छे त्या ते ते भंडारनो डाभडा नवर तथा पेटा नबर समजवो, जेमके F एटले फोफलियावाडा आगली शेरीनो तपगच्छनो भंडार, M एटले महालक्ष्मी माताना पाडानो भडार, W एटले वाडीपार्श्वनाथ भंडार, MD एटले मोदीभडार, A एटले अदुवसी पाडानो भडार. ज्यां आवो कोई विशिष्ट अंग्रेजी सकेत न आप्यो होय त्या फोफलियावाडा वखतजी शेरीनो संघभडार एम समजवु. - एटले ज्यां मल्यो छे त्या अमे प्रारभमां गायकवाडी नंबर आप्यो छे, ते पछी वर्तमानमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरमा जे डाभडा नवर (पेटी नंवर) छे ते आप्यो छे, ते पछी तेनो जे पोथी नबर छे ते जणाव्यो छे ते पछी ग्रंथनु नाम तथा ते पछी तेनी पत्रसख्या जणावी छे. परंतु त्या वर्तमान सूचिपत्रमा केटलाक ग्रंथो नोंधेला नथी. ए ग्रंथोनी नोंध अमे नवी बनावी छे. तेमां केटलाक नामो अशुद्ध जणाय छे. वाचको ते सुधारी लेवा कृपा करे आ बधी वातोने समजीने आ सूचि वाचवानी वाचकोने विनंति छे. विक्रम सं २०४८, ज्ञानपञ्चमी पचासर Pin-382750. पूज्यपाद गुरुदेव मुनिराजश्री भुवनविजयान्तेवासी मुनि जम्बूविजय Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ किंचित् प्रास्ताविक समग्र विश्व अनेकविध सुसंस्कारोनी प्रेरणा आपनार संतो, विद्वानो अने धर्मगुरुओनी सत्कर्मभूमिरूप विश्वना अनेक गाम, नगर, धर्मस्थान तथा तपोवन हतां. आवुं जं एक स्वनामधन्य स्थान- नगर पाटण उत्तर गुजरातमां छे. प्राचीन समयमां आ नगर 'अणहिलपुरपत्तन' अथवा 'अणहिलवाडपत्तन' ना नामे प्रसिद्ध हतुं. 'आ नगर विद्याधाम हतुं' ते हकीकत जणाववा माटे आ नगरने 'सरस्वतीपत्तन'ना नामथी पण उल्लेख्युं होय तेम लागे छे. उ.त. जुओ प्रस्तुत ग्रंथना प्रथम भागमां आवेल ग्रंथसूचिगत ग्रंथांक ६९९ तथा ७६२नी पुष्पिका-प्रशस्ति आ नगरनी समीपमां ज सरस्वती नदी छे, तेथी पण आ नगरने 'सरस्वतीपत्तन'ना नामे जणाव्यं होय. प्रबंधोमां कोईक स्थळे आ 'सरस्वती नदी' अने 'वाग्देवता सरस्वतीनी' अभिन्नता जणावीने पाटण एक आगवु विद्यास्थान होय तेवो भाव जणावेल छे. प्रस्तुत पाटणना स्थापक चापोत्कट महाराज श्री वनराजने जैनाचार्य श्री शीलगुणसूरिजीनो सहयोग हतो. धर्मगुरुना 'संबंधमां उच्च संस्कार अने विद्या-सरस्वतीनी मुख्यता होय ज. तेथी पाटणना स्थापना अने ते पछी उत्तरोत्तर थयेल गूर्जरेश्वरोना समयमा विद्योपासनानी परंपरा रहे-वधे ते स्वाभाविक छे. आ रीते विविध विद्याशाखाओनो उत्कर्ष, विक्रमना बारमा शतकमां गूर्जरश्वर श्री जयसिंहदेव - सिद्धराज - ना समयमां थयो हतो आ हकीकत तथा पाटणना भंडारोनो संक्षिप्त पण माहितीसभर परिचय, अतिपरिश्रम अने खंतथी पाटणना ज्ञानभंडारोने सुव्यवस्थित करनार मारा गुरुवर्य विद्वद्वर्य आगम प्रभाकर मुनिभगवंत श्री पुण्यविजयजी महाराजजीए पोताना 'पाटणना भंडारो' शिर्षक लेखमा आपेलो छे, जे कोईक विशेष नोंध लखीने प्रस्तुत ग्रंथमा आप्यो छे. पाटणना ज्ञानभंडारो समृद्ध हता तेथी अन्यान्य जे जे गाम-नगरादिमां अपेक्षित ग्रंथोनी आवश्यकता होय ते ते गामनगरादिना आगेवान आदिनी सूचनाथी तेमने अपेक्षित पाटणना भडारोना ग्रंथोनी नकलो पण थती हशे आथी जाणी शकाय छे के, पाटणमां कुशळ लहिया अने तेमनी पासेथी समुचित काम लई शके तेवा अनुभवी गृहस्थ के मुनिभगवंतोनी पाटणमां उपस्थिति प्राय कायम माटे हशे ज. आना फलस्वरूप आजे अनेक गाम-नगरना भंडारोमाना अनेक ग्रंथो पाटणमा लखायाना उल्लेखो मळे छे. पाटणमा कुशळ चित्रकारो पणं हशे ज श्री लालभाई दलपतभाई भारतीय विद्यामंदिरमां सुरक्षित श्री लालभाई दलपतभाई ग्रंथसंग्रहमा एक सचित्र कल्पसूत्रनी विक्रम स. १५४७मां 'आबा' नामना वडनगरना नागर गृहस्थे लखावेली छे. आनो क्रमांक ४५६१ छे. आ प्रति पाटणमां लखायेली छे तेथी जाणी शकाय छे. के, पाटणमां कुशळ चित्रकारो पण हता. पाटणमां आवी परंपरा अल्पाधिक प्रमाणमा विक्रमना वीसमा शतक सुधी हती. परमपूज्य आगमप्रभाकर मुनिभगवंत श्री पुण्यविजयजी महाराजजीना अनुक्रमे गुरु अने प्रगुरु प.पू. मुनिभगवंत श्री चतुरविजयजी अने प. पू. प्रवर्तकजी श्री कांतिविजयजी महाराजजीना मार्गदर्शनथी पाटणना विविध प्राचीन ग्रंथोनी नकलो, अन्यान्य स्थानोना अग्रणीओनी अपेक्षाने लक्षीने लखाती हती, ए समयमां पाटणमा चालीस लहिया लेखनकार्य करता हता. पाटणना ज्ञानभंडारोनी आधारभूत ग्रंथसूचि करवा माटे व्यवस्थित कार्यनों आरंभ ईस्वीसन १९१५मां अतिपरिश्रमी विद्वान श्री चीमनलाल दलाल (C. D. Dalal) महाशये करेलो तेना फलस्वरूप पाटणना जुदा जुदा ज्ञानभडारोमां सचवायेली ताडपत्रीय समग्र प्रतिओनी सूचि, 'प्राच्यविद्यामंदिर- वड़ोदरा तरफथी गायकवाड्झ सीरीझमा ईस्वीसन १९३७मां प्रकाशित थयेली. आ ग्रथमा जैन विद्याना अधिकारी अने प्रगल्भ विद्वान पंडित श्री लालचंद गांधी (हाल दिवंगत) ए खूब ज खंतथी सूचिगत ग्रंथोनो जे परिचय 'प्रास्ताविक' रूपे संस्कृत भाषामा आप्यो छे एने जोवाथी पाटणना ज्ञानभंडारोमां सचवायेल प्राचीन प्राचीनतम ताडपत्र उपर लखायेला ग्रथोनी महत्त्वनी माहिती मळे छे १ पडित श्री लालचंद भगवानदास गाधी प्राच्य विद्यामंदिर- वडोदरा-माथी निवृत्त थया ते पछी पण तेओ घणा वर्षो सुधी विद्यमान हता. आ समयमां तेमना विशिष्ट अभ्यासने (मुख्यत्वे समग्र श्वेतावरं परपराना श्रमणोना कुल, गण अने गच्छादिनी तथा अनेक विद्वान जैनाचार्यादि मुनिभगवतोनी अनेकविध शुभप्रवृत्तिनी तेमज तेमना सत्तासमयनी प्रमाणभूत माहितीने) लगतु काम तेमनी पासेथी अने स्व डो श्री हीरालाल रसिकलाल कापडिया जेवा अधिकारी जैन विद्वान अने डो. वी एम कुलकर्णी जेवा प्राकृतभाषाना अधिकारी विद्वान पासे थी गुजराते मुख्यत्वे जैन समाजे, समुचित कार्य सोपीने आधारभूत सशोधनकार्यनो लाभ लीघो नथी ते एक शोचनीय वस्तु छे- एम हु मानु छु -11 ... Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पं. श्री लालचंदभाईए अहीं सूचित ताडपत्र उपर लखायेला ग्रथो पैकी जे ग्रथो अप्रकाशित हता ते सर्वेनी नोंध पण 'प्रास्ताविक मां आपी छे. आ नोधमां जणावायेला अनेक ग्रंथो, आजे प्रकाशित-मुद्रित थयेला मळे छे आ मुद्रित ग्रंथोमा केटलाक एवा ग्रथो पण छे के जेने शास्त्रीय संशोधननी दृष्टिए पुनर्मुद्रित करवा जोईए. प्रस्तुत अमारा ग्रंथमा उल्लिखित समग्र ताडपत्रीय ग्रंथोमां केटला'क ग्रंथो तो एवा छे के जेनी नकल अन्यत्र मळती ज नथी. संक्षिप्त उदाहरण तरीके- १. श्री भद्रेश्वरसूरिकृत कहावली, २. विशेषावश्यकलघुवृत्ति = स्वोपज्ञा, ३. भट्ट लक्ष्मणकृत चूडामणिसार (निमित्तग्रंथ), ४. श्री सूराचार्यकृत दानादिप्रकरण, ५ योग्घमकृत कौटलीयराजसिद्धान्त (अर्थशास्त्र) टीका, ६. दामोदरगुप्तकृत शुभली(कुट्टिनी)मत, ७. कर्पूरचरित-भाण आदि नाटक विषयक चार ग्रंथ वगेरे केटला'क ग्रंथो एवा छे के, जेनी प्राचीनतम प्रति पाटणना ज्ञानभंडारोमा छे, मर्यादित दाखला तरीके- १. श्रीहर्षकृत नागानन्दनाटक, २ सत्तरीचूर्णि वगेरे. पाटणना ताडपत्रीय ग्रंथभंडारो पैकीना खेतरवसीभंडारमाथी थोडां वर्षो पहेलां केटला'क ग्रंथो चोराईने वेचाई गयेला. केटला'क डवाओमां एकथी वधारे ग्रंथो हता तेथी चोरायेला ग्रंथो पैकीना तेर ग्रंथो तो पाछा मळ्या ज नहीं आ तेर ग्रथोमां मोटाभागना ग्रथो विक्रमना तेरमा शतकमा लखायेला छे, आमां'कर्पूचरित-भाण आदि नाटकना विविध प्रकारनी रचनारूप चार ग्रंथो (एक पुस्तकमां समाविष्ट) पण छे, जेनी नकल अन्यत्र प्राय. मळती नथी. अलबत्त, आ चारेय ग्रथो गायकवाड्झ सीरीझमां वर्षों पहेला मुद्रित थयेला छे आ तेर ग्रंथो पैकी अही जणावेल प्राच्य विद्यामंदिर-वडोदरा तरफथी प्रकाशित सूचिमा खेतरवसीना पाडाना भडारनी २५ क्रमाकवाळी (अमारा प्रस्तुत प्रकाशनमा ३५ क्रमांकवाळी) त्रुटक प्रति सिवायना बार ग्रंथोनी माईक्रो फील्म, श्री लालभाई दलपतभाई भारतीय प्राचीन संस्कृति विद्यामंदिरमा छ ज. खेतरवसी भंडारना गुम थयेला तेर ग्रथोनी विगत नीचे मुजब छे, (आमां प्रथम क्रमांक 'गायकवाड्झ सीरीझ'ना प्रकाशननो छे अने बीजो क्रमांक अमारा 'शारदाबेन चीमनलाल एज्युकेशनल रीसर्च सेंटर'ना प्रकाशननो छे.) गा क्रमांक शा. क्रमांक ग्रन्थनाम पत्रसंख्या ज्ञानार्णव २०७ सप्ततिकाचूर्णि १२७ पंचागी आदि २५२ उपदेशमालाविवरण ४१३ कादबरीशेष उत्तरार्ध १४८ ३४ (२) आवश्यकनियुक्ति आदि १३५ + ३ + १५ =१५३ ४१ (१) शतकचूर्णि १४३ ४२ (२) १. कर्पूरचरित भाणे २ हास्यचूडामणि प्रहसन ३ त्रिपुरदाह डिम ४ किरातार्जुनीय व्यायोग हैमशब्दानुशासनबृहद्वृत्ति ३६०-६२८ उत्तराध्ययन २१६ १ कल्पसूत्र १-८७ २ कालकाचार्यकथा ८७-११२ हैमशब्दानुशासनवृहवृत्ति. आख्यात ३-४५५ . उपदेशमाला आदि ३३२ उपासकदशाग १, अन्तकृद्दशाग २, अनुनरौपपातिकदशाग ३, विपाकाग ४, अने प्रश्नव्याकरणांग ५, आ पाच जैनागम सूत्रो २ स्यान्नाटक, प्रकरण, भाण, प्रहसन, डिमः । व्यायोग-समवकारी, वीथ्यकेहामृगा (वीथी, अङ्क, ईहामृग) इति ।। २८४ ।। अभिनेयप्रकारा स्यु (२८५ प्रथम चरण) अभिधानचिन्तामणिनाममाला-देवकाण्ड १३० Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आटलुं लंबाणथी लखवानो मुख्य आशय तो आ गूम थयेला तेर ताडपत्रीय ग्रंथोनी कदाच कोईने भाळ मळे तो ते माटे, पाटणना वहिवटकतनि के समग्र श्रीसंघना कोई पण आगेवान महाशयने जाण करे, एटलो ज छे. साथे साथे प्रत्येक वहिवटकारो परी सावधानी राखे ते जणाववा परतो पण छे. उपर जे हकीकत जणावी ते तो केवळ ताडपत्र उपर लखायेला प्रायः बे हजारथी वधु नहीं तेटला ग्रंथो पूरती ज अतिसंक्षेपथी जणावी छे. शेष प्रायः पचीसथी त्रीस हजार जेटला कागळ उपर लखायेला प्राचीन-प्राचीनतम ग्रंथो पाटणना ज्ञानभंडारोमा छे तेनो संक्षेपमा विविध दृष्टिए उपयोगी परिचय लखवो होय तो ओछामा ओछो एक महाग्रंथ तो लखी शकाय. अहीं प्रस्तुतने समजवा माटे जिज्ञासु तथा अभ्यासी वाचकोने जणायूँ छु के, जैन ज्ञानभंडारोमा सचवायेल प्राचीन ग्रंथो केवळ जैन संप्रदायने लगता नथी, किन्तु तेमां दीर्घदर्शी विद्वान जैन आचार्य आदि मुनिओए लखेल-लखावेल, समग्र भारतीय दर्शनोना अने अजैन विद्वानोए रचेल विविध साहित्यना प्राचीन-प्राचीनतम अलभ्य अने दुर्लभ ग्रंथो पण छे. जैन ज्ञानभंडारो अने तेमां सुरक्षित ग्रंथोनी माहिती, दिवंगत पूज्यपाद विर्य मुनिभगवत श्री पुण्यविजयजी महाराजजीए ईस्वीसन १९५९मां गुजराती साहित्य परिषदना वीसमां अधिवेशनमा इतिहास-पुरातत्त्व विभाग'ना प्रमुखस्थानेथी जे वक्तव्य आपलं, ते "ज्ञानांजलि' ग्रंथना पृष्ठ ६थी १६मा प्रकाशित थयेल छे. तेम ज आ ज बहुश्रुत मुनिश्रीए "लींबडी ज्ञानभंडार, अवलोकन' शीर्षक लेख लखेलो ते पण "ज्ञानांजलि' ग्रथना पृष्ठ १७थी ३८मा प्रकाशित थयेल छे आ बे लेखोमां जणावेल वस्तु पाटणना ज्ञानभंडारोना समग्र ग्रंथोना संक्षिप्त परिचय माटे प्रायः सुसंगत छे. उपर जणावेल बे लेखोमां जणावायेली अपभ्रंश, जुनी गुजराती, व्रज, राजस्थानी आदि लोकभाषाओना संशोधकोने अनिवार्य रीते उपयोगमा लेवा योग्य प्राचीन विविध गेय प्रकारोरूप पद्यरचनाओनी कागळ उपर लखायेली सेंकडो प्राचीन प्रतिओ पाटणना ज्ञानभंडारोमा छे. आमां कोई कोई प्रति तो तेना रचनारना स्वहस्ते पण लखायेली छे. आ माटे प्रस्तुत प्रकाशनमा टिप्पणीओ जोवानी भलामण करु छु मूल सस्कृत आदि ग्रथोना अर्थरूपे जुनी गुजराती गद्यभाषामा रचायेली ते ते मूल ग्रंथना 'बालावबोध'ना नामे ओळखाती अनेक रचनाओना नाना-मोटा प्राचीन अनेक ग्रथो पण पाटणना ज्ञानभंडारोमा छे. आवी रचनाओमा विविध प्रकारनी विपुल सामग्री भरी पड़ी छे पाटणना ज्ञानभडारोमा विविध भाषामा रचायेला अनेक ग्रंथो एवा पण छे के, जेनुं संशोधन-संपादन करनार जो पाटणना ते ते ग्रथनो उपयोग न करे तो प्राय तेनु ते काम कोई ने कोई दृष्टिए अपर्याप्त गणाय पाटणना ज्ञानभंडारो पैकीना भाभाना पाडाना ज्ञानभंडारमा मूलशुद्धिप्रकरण सटीक' ग्रंथ छे. तेमा प्राय. प्रारंभना पचास (५०) पैकीनां पानामां आवेली आर्य श्री कालकसूरिनी कथामां संवत्सरीपर्वतिथिपरिवर्तनवाळो पाठ जे पानामां छे ते पानाना मार्जीनमां तीथिचर्चाने लगती टिप्पणी छे. आ टिप्पणीमा 'कुमरगिरि' (वर्तमान पाटण (उ.गु.) थी आठ किलोमिटरना अंतरे आवेलुं कुणघेर'नामनुं गाम) गाममा ज्ञानभंडार हतो ते हकीकत जाणी शकाय छे कदाच ते भंडार ज भाभाना पाडानो भंडार होई शके. ज्ञानभंडारोनुं केवळ सूचिपत्र जोवू एटलुं ज पर्याप्त नथी, किन्तु तेमा रहेला ग्रंथो जोवाथी आवी विशेष नोंधो पण मळे छे. आ जणाववा पुरतो ज आशय छे संशोधक विद्वानोनी जाण माटे एक हकीकत जणाएं छु. संशोधन-संपादन करनार विद्वान प्रायः अभिप्रेत ग्रंथनी प्राचीन प्रतिओ पर्याप्तमात्रामा मळे तो तेना आधारे कार्य करे ते स्वाभाविक छे आम छता सशोधकने मळेली प्राचीनप्रतिओथी पाछळना वर्षोमां लखायेली ते ते ग्रंथनी प्रति जोवानी संशोधके उपेक्षा करवी न जोईए. आ हकीकतना आधाररूपे नीचेनी हकीकत जणावं छु. १. आ"ज्ञानांजलि" ग्रंथ ईस्वीसन १९६९मा श्री सागरगच्छ जैन उपाश्रय, पटोळीयापोळ-वडोदरा-ना मंत्रीश्री जयंतीलाल चुनीलाल शाह द्वारा प्रकाशित थयेल छे. 13 Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भाभाना पाठाना ज्ञानभंडारमा 'बृहत्कल्पसूत्र (मूल नियुक्ति-भाष्यसहित) सटीकनी वे के प्रण विभागमां लखायेली प्रति छे आ महाग्रथ घणां वर्षो पहेला पूज्यपाद आगमप्रभाकर मुनि श्री पुण्यविजयजीए छ भागमां संपादित प्रकाशित करेलो छे. तेओश्रीए आ कार्यमा जे प्राचीनतम ताडपत्रीय अने कागळनी प्रतिओनो उपयोग करेलो तेमां प्रस्तुत भंडारनी प्रति पण हती आ कार्यमा उपयोगमां लीघेली ताडपत्रीय आदि समग्र प्रतिओमा एक लाबा ताडपत्रीय पानामा समाय एटलो पाठ पडी गयेलो ते केवळ प्रस्तुत भाभाना पाडाना ज्ञानभंडारनी प्रतिए ज आप्यो छे प्रस्तुत ज्ञानमडारमां धर्मकीर्तिकृत 'प्रमाणवार्तिक' नामना बौद्धग्रथनी बीजी नकल तो विश्वमां क्यांय नथी. वर्तमानमा लभ्य भारतीय प्राचीन साहित्यमा निमित्तविषयक ग्रंथ अति अल्पसंख्यामां मछे छे. आ विषयना ये ग्रंथो अंगविजा अने जयपायड, अनुक्रमे पूज्यपाद आगमप्रभाकर मुनि श्री पुण्यविजयजीए प्राकृत टेकस्ट सोसायटी द्वारा अने पुरातत्त्वाचार्य श्री जिनविजयजीए सिंघी जैन ग्रंथमाला द्वारा सपादन करीने प्रकाशित करेल छे आ विषयनां लक्ष्मणभट्टरचित चूडामणिसार नामना ग्रंथनी ताडपत्र उपर लखायेल प्रति पाटणना सपवीपाडा ज्ञानभंडारमां छे. आ प्रथनी बीजी नकल अन्यत्र मळती नथी अमे अमारी प्रथमाळामा आ ग्रंथ ट्रंक समयमा प्रकाशित करीशं प्राचीनतम लिपिनी दृष्टिए पाटणना ज्ञानमडारोमा प्राय विक्रमना ११मा शतकना अन्त्य भागमा लखायेली सत्तरीचूर्णि अने श्री सूराचार्यकृत दानादिप्रकरण (विना बारमा शतकम लखायेली) ग्रथनी लिपि विशिष्ट महावराथी वचाय तेवी छे. बाकीनी ताडपत्र अने कागळ उपर लखायेली प्रतिओनी लिपि शतकवार लिपिना स्वरूप जेवी होवा छतां प्रत्येक प्रतिओ जोवामा आवेतो लिपिनी दृष्टिए अभ्यासीने कई ने कई विविध ज्ञातव्य जणाय तेवो सभव छे प्राचीन प्राचीनतम चित्रकळानी दृष्टिए पण प्रस्तुत भडारोमां विविध चित्रशैलीवाळा अनेक ग्रंथो छे, आमा ताडपत्र उपरनी चित्रकळानी आगवी विशेषता छे कागळ उपर लखायेल सचित्र कल्पसूत्र, सचित्र उत्तराध्ययनसूत्र व ग्रथोनी कोई कोई प्रति तो अतिसुंदर चित्रकळाना नमूनारूपे छे सुपार्श्वनाथचरित्रनी सचित्र प्रति तो अपेक्षाए खूब ज महत्त्वनी चित्रकळातो वारसो धरावे छे संपूर्ण चित्रविभागवाळु एक विज्ञप्तिपत्रनु ओळीयु पण पाटणना भंडारमां छे आनो लेखविभाग वर्षो पहेला जुदो पडी गयेलो ते नथी आ विज्ञतिपत्रना ओळीयांमां ते समयना जेसलमेरना वर्णनने चित्रित करेलु के सिरोही, जोधपुर व अनेक स्थानोमांथी लखायेला सचित्र विज्ञप्तिपत्रो तो मळे छे, पण जेसलमेरनगरनां भावोने दर्शावतुं विज्ञप्तिपत्र तो प्राय अन्यत्र नथी, अथवा मारी जाणमा नथी चिकित्सक अभ्यासी विद्वानो तो प्रस्तुत प्रकाशनमा नोधेला ग्रंथोनी सूचि व जोईन पोताना अनुभवथी समग्र ग्रंथसग्रहोनी उपयोगिता समजी शके ज अहीं तो तथाप्रकारना अभ्यासी अने जिज्ञासु वर्गनी जाण माटे ज पाटणना ज्ञानभडारोनी, तेमा सुरक्षित ग्रंथोनी, ग्रथोनी लिपिनी, ग्रथगत चित्रकळानी तेमज केटलीक विशेष नोंधरूप माहितीनी जाण माटे अतिसंक्षेपमा मात्र दिशासूचन कर्तुं छे. प्राचीन ग्रथना सबंधमां लख्या पछी केवळ पाटणना ज नहीं, किन्तु विद्यमान समग्र प्राचीन ग्रंथभंडारोना ग्रंथोमां एक आगवी महत्त्वनी सामग्री छे ते जगावु छु- मोटा भागना ग्रथनी प्रशस्तिमा ते ते प्रथना रचयिता पोताना परिचय माटे 'जे विशेष हकीकतो आपे छे ते ग्रन्थकारंनी प्रशस्तिमा, तथा जे ग्रंथ लखाववा माटे जे महामना धनीए अर्थादिनी व्यवस्था करी होय ते ग्रंथ लखावनारनी प्रशस्तिमां ऐतिहासिक, सास्कृतिक, धर्माचरणमा अने सर्वजनसेवाना कार्यमा प्रेरणाप्रद वने तेवी अनेकविध महत्वनी सामग्री मळे छे आ प्रशस्तिओमा, लखावनार गृहस्थना तथा लखाववा माटे उपदेश आपनार धर्मगुरुना, तेमज बन्नेना पूर्वजोना विविध सुकृतोनी अनुमोदनीय आचरणीय अने प्रेरणीय हकीकतो आवे छे. आवा सत्कार्यों करनार करावनार ते ते गृहस्थ अने धर्मगुरुनो शुभाशय तो ते समयनी अने भविष्यमा थनार योग्य व्यक्तिओने प्रेरणादि माटे ज होय आम छता अनादिना अध्यासना कारणे व्यक्तिविशेषने कदाच अल्गाधिकमात्रामां मानकषाय स्पर्शे तो पण ते शुभकरणीनी अपेक्षाए गौण जगणाय- "एको हि दोषो गुणसन्निपाते निमज्जतीन्दो किरणेष्विवाङ्क ।" कालिदासकृत कुमारसभव काव्य अर्थात् जेम चद्रना किरणोमां एक कलकनी गणना न होय तेम गुणोनी विपुलतामां एकाद क्षतिनी गणना नहींवत् छे सूचित प्रशस्तिओमा धार्मिक कार्यों उपरात दुष्काळ आदिमा जनसेवाने लक्षीने विपुल द्रव्यव्ययनी प्रेरणा आपे तेवी पण लोकहितकारक हकीकतो छे 14 Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री श्रीचंद्रसूरिए प्राकृतभाषामां रचेला 'मुनिसुव्रतजिनेन्द्रचरित्र ना अंते ग्रंथकारनी प्रशस्तिमा जैनाचार्यंना त्यांग, तपश्चर्या वगेरेनी अनुमोदनीय बाबतो उपरांत शाकंभरीनृप पृथ्वीराज, गुजरेश्वर श्री जयसिंहदेव जेवा राजाओ अने अनेक गृहस्थोना ज्ञातव्य प्रसंगो छे: आ तो उदाहरणरूप लख्युं छे, बाकी आ अने आवी ग्रंथकारनी तथा ग्रंथ लखावनारनी प्रशस्तिवाळा पाटण, जेसलमेर, खंभात आदिना भंडारोना ताडपत्रीय ग्रंथो अने विविध स्थानोना अनेक ज्ञानभंडारोमां सुरक्षित कागळ उपर लखायेला अनेक प्राचीन ग्रंथो छे.'सूचित प्रशस्तिओ उपर कोई अभ्यासी विद्वान प्रयत्न करे तो अनेक रीते उपयोगी एक महाग्रंथ लखी शकाय. - उपर सुधीना. लखाणनो भाग कंपोझ थयो ते दरमियानमां हुं पूज्यपाद मुनिभगवंत श्री जंबूविजयजी महाराजजीने ता. ८-३-९२ना रोज पंचासर गाममां रूबरू मळ्यो त्यारे तेओश्रीए आज्ञा करी के, पाटणना भंडारोनी व्यवस्था अने सचिन कार्य थयु ते संबंधमां लखवू जरूरी छे. आथी आ संबंधमां ट्रंकमां माहिती जणावू छं. अहींथी शरू थता लखाणमां ज्यां 'पू. गुरुजी' लख्यु होय त्यां पूज्यपाद मुनिभगवंत श्री चतुरविजयजी महाराज समजवा अने ज्यां "पू. महाराजजी' लख्य होय त्यां पूज्यपाद मुनिभगवंत श्री पुण्यविजयजी महाराज समजवा... ... . . - पूज्यपाद गुरुजी अने पूज्यपाद महाराजजी आ गुरु-शिष्य रूप मुनियुगल द्वारा पाटणना ज्ञान भंडारोने सुरक्षित करवानुं तथा तेमा रहेली हजारो हस्तलिखित प्रतिओनी सूचि करवानुं कार्य चालतुं हतु ते अरसामा हुं मारी कक्षाए संस्कृत अने धार्मिक अभ्यास करीने १८ वर्षनी वये आ गुरु-शिष्ययुगलनी छत्रछायामां काम करवा अने शिखवा जोडायेलो. ते दिवसोमा "नियुक्ति-भाष्य-टीका सहित बृहत्कल्पसूत्र" नामना महाकाय जैनागम ग्रथनुं तथा "वसुदेवहिंडी" ग्रंथy श्रमसाध्य संशोधन-संपादनकार्य अहीं जणावेल पू. मुनियुगल.द्वारा चालतुं हतुं, आ कार्यमा पू. गुरुजीनी सूचना मुजब कोपी-करवी तथा पाठभेद लेवानुं काम हुं करतो हतो. आ बे-ग्रंथोना मुद्रणकार्य संबंधित अने पोतानी आवश्यकक्रियादि संबधित समय सिवायना समयमा मुख्यत्वे पू गुरुजी संघवी पाडाना भंडारने व्यवस्थित करवानुं कार्य करता हता. आ समग्र ज्ञानभंडार ताडपत्रीय प्रतिओना ज संग्रहरूप छे. प्रत्येक प्रतिनी सूचिना कामनी साथे प्रतिनां पानां गणवामां आवतां. तेमज प्रतिना उपर-नीचे तेना मापनी ज लाकडानी पाटीओ बनावंवा माटे तेनुं माप पण पू. गुरुजी पोते ज नोधता अने सुथारने पासे ज राखीने ते ते ग्रंथनी प्रमाणसरनी पाटीओ करावीने प्रतिना समग्र पानांमां दोरी पोरवी पाटीओ साथे मजबूत बंधावता हता, अने ते बांधेली प्रतिने कपडाना बंधनथी बांधी ते समाय अवा लाकडाना डबामां मूकता-मूकावता. अहीं जणावेल लाकडानी पाटी उपर ते ते ग्रंथनुं नाम व., तेमना कायमी लिपिकळाकुशळ लहिया श्री गोरधनदास लक्ष्मीशंकर त्रिवेदी पासे लखावता हता. आ लहिया ज्ञान भंडारमा चालता बीजां कार्योमां पण पू. गुरूजीनी सूचना मुजब सहकार आपता हता. पू. महाराजजी पण-ज्यारे ज्यारे समय मळे त्यारे पू गुरुजी पासे आवता अने अनुकूळता प्रमाणे बेसीने प. गुरुजीना प्रत्येक कार्यमां पूरक थतां. आ रीते संघवी पाडाना ज्ञानभंडारनुं काम लांबा समये पूर्ण थयु उपरनुं कार्य थया पछी अल्प समयमांपू 'गुरुजी, पू महाराजजी तथा एमना अनुक्रमे गुरु तथा प्रगुरु प्रवर्तकजी भगवंत श्री कान्तिविजयजी महाराजे साथे बेसीने विचायु के, पाटणमा जुदा जुदा स्थानोमा रहेला ज्ञानभंडारोने शक्य प्रयत्नथी एकत्रित करीने पाटणना समग्र श्री संघना अधिकार नीचे एक ज सुरक्षित स्थानमा राखवा माटे एक सुंदर ज्ञानमंदिर थाय तो एक महत्त्व- उपयोगी कार्य थाय. आम विचारीने त्रणे य पू. मुनिवरोए, समजदार अने संपन्न गृहस्थोने प्रेरणा आपवानुं शरू कयु. आ समयमा ज योगानुयोग पूज्यपाद आचार्यभगवंत श्री विजयवल्लभसूरीश्वरजीन पाटणमा आगमन थयुं एक दिवस प्रसंगोपात्त पू.पा. प्रवर्तकजी महाराजे पू.पा. आचार्यश्रीजीने पाटणमां ज्ञानमंदिर बनाववानी भावना जणावी अने पू.पा. आचार्यश्रीजी, पूपा. प्रवर्तकजी अने पू. गुरुजी तथा पू. महाराजजी द्वारा पाटणना जुदा जुदा महोल्लाओमां व्याख्यानो आप्यां, अने नाना-मोटा दाननी रकमो पण एकत्रित थई. आ व्याख्यान सभाओमां कोइक वारे भावनाशील बहनोए तेज समये पोताना अंग उपरनां आभूषणो पण आप्यानुं मने स्मरण छे. वधारे दाननी अपेक्षावाळं मोटं काम हतुंज. असमयमांज शेठ श्री मोहनलाल मोतीचंदना सुपुत्र श्री हेमचंदभाईए तेमना पू. पिताश्रीजी साथे परामर्श करीने ज्ञानमंदिरना मकाननो समग्र खर्च स्वीकारी लीधो. फलतः प्रायः एक-बे वर्षमा ज "श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिर" 15 Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शकीए के पाटण अने गुजरातनां जुदां जुदां स्थळोमां विशाळ ज्ञानभडारोनी स्थापनानो आ समर्थ युग हतो अने गुजरातने ज्ञान अने संस्कार समद्ध करवामां जैनाचार्यों अने जैन धनिकोनो महान फाळो हतो. आजे जेसलमेर आदिमां जे ज्ञानभंडारो छे तमां हस्तलिखित ग्रंथोनो मोटो भाग एवो छ जे पाटण, खंभात आदि गुजरातना स्थानोमां ज लखायेलो छे. आजे जेसलमेरमांजे महान ताडपत्रिय संग्रह छे तेमांनो एक चतुर्थांश जेटलो भाग खंभातना धनिक पारी धरणाके अने साधु उदयराज-अलिराजे पोताना धनथी लखावेलो छे. आ उपरांत बीजी पण घणी प्रतो छ जे पाटण, खंभात, आदिमां लखायेली छे. आ रीते पाटण अने गुजरातनो ज्ञानभंडारोना सार्वत्रिक लेखनमा अने वृद्धिमा घणो मोटो फाळो छे. . .:. पाटणना श्री हेमचंद्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरमा (१) श्री संघनो (२) तपागच्छनो (३) वाडी पार्श्वनाथनो (४) सागरगच्छनो (५) मौका मादीनो (६) वस्ता माणेकनो अथवा लहेरू वकीलनो (७) लींबडी पाडानो (८) महालक्ष्मी पाडानो (९) अदुवसी पाडानो (१०) हिंमत विजयजी यतिनो अने (११) पूनमीआगच्छनो मळी पाटणना अगीयार ज्ञानभंडारो एकत्र करवामां आव्या छे.आ उपरांत (१) अमदावादनो शुभवीरनो (२) मारा पूज्य दादा गुरू प्रवर्तक श्री कांतिविजयजीनो (३) पंजाबना श्री विजयानंद सूरिश्वरजीनो अने (४) जेसलमेरीय यतिजी श्री वृद्धिचंद्रसूरि महाराजनो एम चार भंडारो पण आ ज्ञानमंदिरमा मूकवामां आव्या छे. आ सिवाय कच्छ-भूजना कुशळशाखाना यतिओनो, व्रज-राजस्थानी गुजराती भाषानी कविताओनो अने पिंगळ ग्रंथोनो संग्रह पंडित अमृतलाल द्वारा खरीदवामां आव्यो छे, जे अति महत्त्वनो छे. कुशळशाखाना आ यतिओने कच्छना महारावनो आश्रय हतो अने तेमने कच्छना महारावे गामगरास वगेरे आप्यां हतां विक्रमना सत्तर-अढार-ओगणिसमा सैकामां आ यतिओ पासे राजस्थान अने गुजरातमांथी कवित्वनो अभ्यास करवा-माटे अनेक व्यक्तिओ आवती हती. एक रीते कहीए तो ते युगमां कवित्वनो अभ्यास करवा माटेनी आ एक विशिष्ट पाठशाळा-स्कूल ज हती. भाई श्री अमृतलाल पंडितने जोधपुरमा एक बुझर्ग कवि मळ्या हता. तेमणे कडं हतुं के- "मैने कवित्व का अभ्यास कच्छ-भूज की पोशाल मे रहकर किया है." डो. भोगीलाल सांडेसराने एवु सांभळ्यानुं याद छे के केटलाक घरडाओ वहालमां बोलता के, "मारो भाई तो भूजनी पोशाळमा जईने भणशे." गुजरातमां प्रसिद्ध कविवर श्री दलपतराम पण थोडो वखत कच्छनी पोशाळमा रह्या हता एम सांभळवा मळ्यु छे. आ उपरथी भूजनी पोशाळमांथी मेळवेलो कविता अने पिंगळ ग्रंथोनो आ संग्रह केवो महत्त्वनो छे तेनी आपणने खात्री थाय छे. ते साथे ए पण एक महत्त्वनी वात छे के गुजरातमां वसता गुजरातीओ व्रज अने राजस्थानी भाषामां आवी समर्थ रचनाओ करी जाणता हता. आ बधा भंडारोनी मळीने कुल वीस हजार जेटली हाथपोथीओ श्री हेमचंद्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरमा विद्यमान छे, जे विद्वानोना अध्ययन अने निरीक्षणनी द्रष्टिए सगवडभर्यु बन्युं छे. आ भंडारो उपरांत पाटणमां (१) भाभाना पाडानो (२) खेतरवसीनो अने (३) संघवीना पाडानो एमत्रण भंडारो पोताना स्थानमांज छे. भाभाना पाडाना भंडार सिवायना बे भंडारो प्राचीन ताडपत्रीय प्रतोना संग्रहरूप होई अलभ्य-दुर्लभ्य साहित्य अने संशोधननी दृष्टिए घणा ज महत्त्वना भंडारो छे.खेतरवसीमां ताडपत्रीय ग्रंथसंग्रह उपरांत त्यां आवनार-जनार साधुओना जे संग्रहो छे तेमां पण सारो एवो कागळ उपर लखायेल प्राचीन-अर्वाचीन हस्तप्रतोनो संग्रह छे. उपर जणाव्या ते बधा भंडारोनी मळीने आजे पाटणमां लगभग पचीसथी त्रीस हजार जेटली हस्तप्रतोनो सग्रह छे. आ साथे ए पण ध्यानमा राखवा जेवूछे के आजे पाटणमां देवनागरी लिपिमा लखायेल प्राचीन ताडपत्रीय प्रतोनो जे विशाळ ग्रंथसंग्रह छे एवडो विशाळ ग्रंथसंग्रह भारत के दुनियाना कोईपण देशमां नथी. ए दृष्टिए पाटणना ज्ञानभंडारो घणा ज महर्द्धिक अने मूल्यवंता छे.. .. संघना ज्ञानभंडारमा विक्रम संवत १४१०मां कापड उपर लखायेली धर्मविधि प्रकरण-कच्छूलीरास आदिनी पत्राकार एक लाबी पोथी छे, ए पण पाटणना भंडारोनी एक विशेषता छे. विद्वानोनी आज पर्यंतनी शोधमां कापड उपर पत्राकार पोथी रूपे लखायेली कोई हस्तप्रति प्राप्त थई नथी. पाटणना ज्ञानभंडारोनी महत्ता मुख्यत्वे तेमा रहेला अलभ्य-दुर्लभ्य प्राचीन साहित्यने लीधे ज छे. ते छतां ते प्रतोनी अनेकविध लिपिओनां पलटातां रूपो, ताडपत्रो अने कागळनी विविध जातिओ, त्रिपाठ, पंचपाठ, स्तबक आदि अनेक १ आ ज्ञानभंडार पूज्यपाद मुनिभगवंत श्री जंबूविजयजी महाराजजीनी प्रेरणाथी, ईस १९८२नीआसपास, तेना वहिवटकर्ताए श्री हेमचंद्राचार्य जैन शानमदिरमा समर्पित कयों छे-पं. अमृतलाल भोजक 18 Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकारनी लेखनशैलीए हस्तप्रतिओना विविध आकारो, तेमां लखाता अक्षरांको, प्रतोमा आलेखाता विविध शोभनो अने चित्रो, इत्यादि दृष्टिए पण आ प्राचीन ज्ञानभंडारो विद्वानोना अध्ययनना साधनरूप छे.. . . . . . .... आ भंडारोमा एक सरखा विषयना ग्रंथोनी सिरिझो विद्यमान छे. सिरिझनो अर्थ सरर्खा कागळो, सरखा पानां, सरखी लिपि अने एकधारू सुंदर लखनार लहियाओना हाथे खायेली प्रतोनो संग्रह थाय छे. बधाय जैन आगमोनी एवी एक सिरिझ मोका मोदीना भंडारमा छे. वाडीपार्श्वनाथना ज्ञानभंडारमा जैन आगमो,'जैन धार्मिक प्रकरणो, जैन चरित्र ग्रंथो, दार्शनिक साहित्य, व्याकरण, कोष, अलंकार, छंदोग्रंथ, काव्य, नाटक आदि विषयोने लगती घणी सिरिझो छे. ओं भंडारनी स्थापना विक्रमना पंदरमा सैकाना अंतमा खरतरगच्छीय आचार्यश्री जिनभद्रसूरिए करी छे. ज्ञानभंडारनो महत्त्वनो संग्रह तेमणे ज लखाव्यों छे. जेसलमेरना महत्त्वपूर्ण ताडपत्रीय भंडारंनी स्थापना पण तेमना हाथे जेथई छे. आ उपरांत तेमणे पोताना युगमा घणे ठेकाणे ग्रन्थभंडारो स्थाप्या हतां.' - वाडीपार्श्वनाथनो ज्ञानभंडार ए जेसलमेरना ज्ञानभंडारनी ज आवृत्ति छे. जेसलमेरना संग्रहमा तत्त्वसंग्रह, काव्य मिमांसा आदि जे महत्त्वना ग्रंथो हता तेने नवेसरथी लखावीने तेओश्रीएं आ भंडारने महत्त्वनो अने उपयोगी बनाव्यो छे. मलयगिरि व्याकरण, सिद्धहेम व्याकरण उपरना स्वोपज्ञ बृहन्नयास, ढुंढिकाकक्षापटवृत्ति आदिनी प्राचीन पोथीओ आं भंडारमा छे. - श्री संघ अने तपागच्छनो, आ बे भंडारो घणा मोटा छे. आमां घणुंज साहित्य छे, अने घणां ग्रंथोनी प्राचीन नकलो छे. ऐतिहासिक साहित्य आमां विपुल प्रमाणमां सचवायुं छे. अपभ्रंश, गुजराती, राजस्थानी आदि भाषाओनी कृतिओ पण आमा घणी छे. खास करीने तपागच्छनो भंडार आ द्रष्टिए घणोज उपयोगी छे. एमां श्री जिनहर्षसूरिनी घणी कृतिओ तेमना पोताना हाथे ज लखायेली छे. संघना भंडारमा दोढसो प्राचीन ताडपत्रीय प्रतो छे अने तपागच्छना भंडारमा स.१३९०मां लखेली हेमकाव्यानुशासन अने छंदोनुशासन आदि ग्रंथोनी पंदरेक ताडपत्रीय पोथीओ छे आ भंडार तपाचार्य श्री विजयदेवसूरिए स्थाप्यो छे एम कहेवामां आवे छे. - . :..:..: . . . . . . . . . . . . . सागरगच्छनो भंडार नानी नानी कृतिओना संग्रहरूपे होवा छतां तेमांना विज्ञप्ति लेखो आदि सामग्रीनी दृष्टिए ए संग्रह महत्त्वनो छे. श्री यशोविजयोपाध्याय कृत अस्पृशद्गतिवाद ग्रंथनी प्रत आ भंडारमा ज सुरक्षित छे. लहेरू वकील आदि भंडारोमा एकंदर सारो एवो प्रायः विक्रमना १५-१६मा शतकमां लखायेलो ग्रंथसंग्रह छे. जे संशोधननी दृष्टिए घणो महत्त्वनो छे. संघवीपाडाना ताडपत्रिय भंडारनी स्थापना तपागच्छीय आचार्य श्री देवसुंदरसूरिए विक्रमना पंदरमा सैकामां करी छे. आ संग्रह 'लोढी पोसाळनो भंडारना नामे ओळखाय छे. लघु-लहुडी शब्द विकृत थईने"लोढी" शब्द बनी गयो छे आ अने श्री संघ तथा खेतरवसी आदिना ताडपत्रीय संग्रहमां केवी साहित्य संपत्ति छे तेनुं समुञ्चय निरीक्षण करी लईए. ___ आ संग्रह सातसोथी आठसो प्रतोनो छे. तेमां सेंकडो नाना मोटा ग्रंथो छे. विक्रमना बारमा सैकाना प्रारंभथी पंदरमा सैकाना अंत सुधीमा लखायेलो आ ग्रंथसंग्रहं छे. आ संग्रहमा प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, गुजराती आदिमां रचायेल ग्रंथराशि छे. आमां चित्र समृद्धि मोटा प्रमाणमा छे. जेनो उपयोग भाईश्री साराभाई नवाबे'चित्रकल्पद्रुम आदिमां अने डो. नोर्मन ब्राउन आदिए"स्टोरी ओफ कालक"मां को छे. साहित्य संग्रहनी दृष्टिए आ संग्रह घणोज किंमती के आमां जिनभद्रगणी क्षमाश्रमणकृत विशेषावश्यक, स्वोपज्ञ टीका, पंचसंग्रह स्वोपज्ञ टीका, शुभचंद्राचार्यकृत ज्ञानार्णव वि.सं. १२८४मां लिखित, भद्रेश्वरसूरिनी कहावलि, वादिदेवसूरिकृत चोरासी हजार स्याद्वादरत्नाकरनो द्वितीयखंड, अकलंकदेवनो प्रमाणसंग्रह, बौद्ध आचार्य श्री धर्मकीर्तिकृतहेतुबिंदुतर्कनी टीका, जयराशिकृत तत्त्वोपप्लवसिंह १ आचार्य श्री जिनभद्रसूरिजीनी असाधारण ज्ञानसेवारूप अनेक ज्ञानभंडारोनी स्थापना वगैरेनी विस्तारथी माहिती माटे जुओ. श्री आत्मानंद जैनसभा. भावनगर द्वारा ईस १९१६मा प्रकाशित 'विज्ञप्ति त्रिवेणी' ग्रंथना संपादक मुनि श्री जिनविजयजीए लखेली माहितीसभर प्रस्तावना.-पं अमृतलाल भोजक - 19 Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - मल्लवादिकृत धर्मोत्तर टिप्पनक, मुग्धावबोध व्याकरण, मलयगिरि व्याकरण, प. दामोदर कृत उक्तिव्यक्ति प्रकरण, याकरण. तिलकमजरी टिप्पनक शांत्याचार्य कत. सोमेश्वरदेवकृत विक्रमाकाभ्युदय काव्य, अभिनंदकृत रामचरित, सूक्त रत्नाकर, सूक्तसमुच्चय, लक्ष्मणनो सूक्ति सग्रह, विनयचंद्रनी कविशिक्षा, भोजदेव कृत सरस्वति कंठाभरणनी आजडकृत टीका, कल्पलता पल्लवशेष, वृत्तरत्नाकरनी त्रिविक्रमभट्ट विरचित टीका संवत १२२१मां लिखित, कौटिल्य अर्थशास्त्र उपर योघमनी टीका, सोमदेवसूरि कृत नीतिवाक्यामृत, दामोदर गुप्तनुं शंभलीमत अपरनाम कुट्टनीमतम, रामचद्रसूरि कृत रघुविलास नाटक, देवप्रभसूरिनुं अनर्धराघव टिप्पन, कर्पूरचरित भाण, हास्यचूडामणि प्रहसन, त्रिपुरादाह डिम, किरातार्जुनीय व्यायोग, समुद्रमंथन समवकार, रुक्मिणी हरण, ईहामृग, वाराही संहिता सं. १३१३मां लिखित, प्रश्नचूडामणिनिमित्तशास्त्र, लक्षण समुञ्चय शिल्पशास्त्र इत्यादि अलभ्य-दुर्लभ्य संख्याबंध प्राचीन प्रतो छ आ उपरांत धाहिलकृत पउमसिरिचरिउ, वरदत्तकृत वइरसामिचरिउ, सुलसकखाणु, दूहामाई, रेवंतगिरिरासु, कवि सोल्हणनी पच्चरियो आदि अपभ्रश-गुजराती भाषानी कृतिओ पण आ संग्रहमा छे आचार्य श्री जिनप्रभसूरि आदिनी नानी नानी अपभ्रंश अने प्राचीन गुजराती कृतिओनो सग्रह पण विपुल छे सशोधननी दृष्टिए प्राचीन व्याकरणोनी व्याख्याओ, अलकारशास्त्र आदि विषयक सेकडो ग्रथो छे आजे प्रसिद्ध काव्य, कोष, अलंकार आदि ग्रंथोने शुद्ध करवा माटे आ प्राचीन प्रतो अति महत्त्वनी छे. वकपतिराजनो गउडवहो, कुतूहलनी लीलावती, आचार्य हेमचंद्रसूरिनी देशीनाममाला, शिशुपालवध संवत १२९६नी प्रत, नैषधकाव्य संवत १३०४नी प्रत, मोक्षाकर गुप्तनी तर्कभाषा, प्रवरसेन कृत रावणवध सेतुबंध महाकाव्य आदिनी प्राचीन प्रतो सशोधन माटे घणी उपयोगी छे आ भडारमांनी प्रतोने अते लखायेली लेखकनी पुष्पिकाओ अनेकविध ऐतिहासिक माहितीओथी भरपूर होई गुजरातना इतिहास माटे घणी ज उपयोगी छे पाटणना भंडारोनो अहीं टूकमा जे परिचय कराववामा आव्यो छे ए उपरथी आपणने समजाशे के आपणो साहित्यिक अने सास्कृतिक वारसो केटला विपुल प्रमाणमा छे अने आपणा नवनिर्माण माटे ते केवो उपयोगी छे. 20 Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प. साध्वीजीश्री लाभश्रीजी महाराज (सरकारी उपाश्रयवाळा) नां शिष्या पू. साध्वीजीश्री मनोहरश्रीजी महाराज (पू मुनिराजश्री जबूविजयजी महाराजनां मातुश्री) जन्म : विक्रम सवत् १९५१ मागशर वदि २, - झीझवाडा दीक्षा : विक्रम सवत् १९९५ महा सुदि १२ - अमदावाद - Page #22 --------------------------------------------------------------------------  Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । पाटण मामाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानमंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई १६००० १८६१६ १५५ १६मो २०४ १६मो ११२८ प्राकृत सस्कृत उत्तम उत्तम १३।।।४५ १३11४५ १ भगवतीमूत्र २ भगवतीसूनवृत्ति' अभयदेवसूरि ३ जबूद्वीपसमास प्रकरण विनेयजनहिता टीका सह उमास्वाति वाचक विजयसिंहसूरि ४ योगशास्त्र स्वोपशवृत्तिसह हेमचद्राचार्य हेमचद्राचार्य ५ वसुदेवहिडी सघदास गणि ६ अठारसहनशीलांगरथ ७ जीवाभिगमोपागसूत्र ८ (१) उपासकदशागवृत्ति अभयदेवसूरि (२) अतकृदशागवृत्ति अभयदेवसूरि (३) अनुत्तरोपपातिकदशांगवृत्ति अभयदेवसूरि ९ प्रश्नव्याकरणसूत्र' अन्त १० अंतकृदशागसूत्र' ११ अनुत्तरोपपातिकदशागसूत्र' ५७ १५मो वृ.१२१५ प्रा.स. उत्तम १३।। ४५ १२००० २०४ १४६१ सस्कृत उत्तम १३।४५ २७३ १६मो प्राकृत जीर्ण १२।।।४५/ ९ १७मो प्राकृत जीर्ण १२॥४५॥ ५१३५ ९१ १६मो प्राकृत उत्तम १२।।४५ • १-१७ १६मो संस्कृत उत्तम १२|| ४|| १७-२२ संस्कृत उत्तम १०५ २२-२४ सस्कृत उत्तम ३३ १६मो प्राकृत जीर्ण १२।।४४11 ८९०२३ १८२७थी ८४९) प्राकृत जीर्ण १२।। ४।। १६मो १९२७ (८५०थी ८५६) प्राकृत जीर्णप्रायः १२।।४।। १६मो ९९ १६मो प्राकृत जीर्णपायः १२.४५ १४००० २५१ १६५१ सस्कृत जीर्णप्रायः १२.४५ १९२४ (५३७थी ५४०) प्राकृत उत्तम ११॥४४॥ १६मो १९२ ४ १६मो प्राकृत मध्यम १२१४४।। १३९९ २७ १६३० प्राकृत जीर्णप्रायः १२IX४|| २५३२ ६२ १६मो प्राकृत जीर्ण १२१४४|| ९१२५ १६९ १७मो संस्कृत उत्तम १२३४४।।। २३०० ३९ १७मो प्राकृत उत्तम १२३४५ १२ जीवाभिगमोपांगसूत्र १३ जीवाभिगमोपांगवृत्ति १४ अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र मलयगिरिआचार्य भद्रबाहु स्वामि मलयगिरि आचार्य १५ अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र १६ अनुयोगद्वारसूत्र १७ आवश्यकसूत्रनियुक्ति १८ सूर्यप्रज्ञप्तिउपागसूत्रवृत्ति १९ सूर्यप्रज्ञप्तिउपागसूत्र २० कल्पसूत्र बालावबोध" सह सचित्र २१ त्रिपष्टिशलाकापुरुपवरित्र आटमपर्व नेमिनाथ चरित्र २२ भगवतीसूत्रवृत्ति भद्रबाहुस्वामि ३००० ९६ १५६५ प्रा.गु मध्यम १२।४४। हेमचंद्राचार्य अभयदेवसूरि १८६१६ १३१ १६मो ४६८ १५६२ ११२८ संस्कृत सस्कृत उत्तम उत्तम १२४४ १२।। ४।। १. पर १४० तथा १६६ उपरा छे. २. प्रथम पो भगवान महावीरनु चित्र, बीजा पत्रे चतुर्विध सपर्नु चित्र के सोनेरी, ३. प्रथम पत्रे समवसरणनु चित्र छे, बीजा पो चतुर्विध संगर्नु चित्र २. ४. पथम परे तीर्थकर अने बीजा पो चतुर्विध संगर्नु चित्र छे ५ पत्र-१४ तथा १५ भेगा छे. ६. जलथी भीजायेली. ७. मंजीठ नगरे (कच्छ देशे) चारितमेरु लि. चित्र-१२ B-1 Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र २१ पति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई २३ भगवतीसूत्र १५७५२ ४१२ १६मो प्राकृत अतिजीर्ण १२।। ४।।। २४ राजप्रश्नीयउपागसूत्र २१२० ३६ १६मो प्राकृत उत्तम १२।।।४५ २५ उपासकदशाग-पचागसूत्र वृत्तिसह अभयदेवसूरि १११६९ १५९ १६मो प्रा.सं उत्तम १२।।।४५ २६ निरयावलिकासूत्र २१ १६मो पाकृत उत्तम १२।।४५ २७ प्रज्ञापनोपागसूत्र ७७८७ १४२ १७मो प्राकृत उत्तम १२।। ४।। २८ ज्ञाता धर्मकथागसूत्रवृत्ति अभयदेवसूरि ९७ १६मो ११२० सस्कृत उत्तम १२।। ४।। २९ ज्ञाता धर्मकथागसूत्रवृत्ति अभयदेवसूरि ७२ १६०१ ११२० संस्कृत उत्तम १२।।।४५ ३० ज्ञाता धर्मकथागसूत्र' १३६ १५५७ प्राकृत १२।। ४५ ३१ विपाकसूत्र ३८ १६मो प्राकृत जीर्ण १२।। ४।। ३२ उत्तराध्ययनसूत्र ४१ १७मो प्राकृत उत्तम १२३४५ ३३ पिडविशुद्धिप्रकरण' जिनवल्लभगणि गा.१०४ ३ १६२८ प्राकृत मध्यम १२।४४।।। ३४ उत्तराध्ययन बृहद्वृत्ति (पाईयवृत्ति) शातिसूरि थारापद्र १८००० ३१४ १६२८ प्रा.स उत्तम १२।४४।। ३५ जबूद्वीपचूर्णि २३ १५३० प्राकृत ३६ नरवर्मनृपकथा विनयप्रभ १२ १६मो १४११ सं. उत्तम १२४४|| ३७ अनुयोगद्वारसूत्रवृत्ति (मल.) हेमचद्रसूरि ५७०० १०५ १६३० स. उत्तम १२। ४।। ३८ दशाश्रुतस्कंध चूर्णि ४० १६मो प्रा. जीर्ण १२।४४।।। ३९ परिशिष्टपर्व सर्ग १-१३ हेमचंद्राचार्य ९३ १४९२ स. उत्तम १२४४१ ४० विपाकसूत्र १२५० २१ १६मो प्राकृत जीर्ण १४४|| ४१ उपदेशमाला प्रकरण' विवरणसह धर्मदासगणि ५९ १६मो प्रा.सं. उत्तम ११।।। ४।। ४२ उपदेशमाला प्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ धर्मदासगणि २३ १६मो प्रा.स. उत्तम १२४४।। ४३ देशांतरी छद ५ १८८७ गूर्जर मध्यम १०|| ४|| ४४ सिद्धपचाशिकाप्रकरण पञ्चपाठ बालाव० सह देवेन्द्रसूरि ८ १७मो पा.गु. उत्तम १०॥ -१. प्रथम पत्रे समवसरण चित्र छे बीजा पत्रे गौतम स्वामिन चित्र छे ४११ परे धर्मदेशनानु चित्र छे ४१२ पत्रे चतुर्विध संपर्नु चित्र छे. २. प्रथम पत्रे समवसरण चित्र, बीजा पने चतुर्विध सप चित्र, १३५ पत्रे धर्मदेशना चित्र, १३६ पत्रे चतुर्विध सगर्नु चित्र छे. सोनेरी चित्रो छे. ३. उंदरे करडेली ४. लेखक रामचद अमदावाद, राजनगर ५ स्थंभनकपुर ६ पत्र २२०, २२१ भेगा छे ७ प्रथम पत्र नथी. ८. पालनपुर Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नवर पुसतकर्नु नाम कानुं नाम टीकाकार लम्वाई श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई शीलाकाचार्य २५५४ १३८५३ ८ १९मो ६४ १६१८ १९६ १५७१ ३५४ १६०५ १९० १४९५ २६ १६मो उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०111४४11 ११।।४४| १२४४॥ १२४४1 १२४४|| ११।४४|| ८९० सोमतिलकसूरि १०६ १६४५ १२१४ प्रा.स. उत्तम १२४४|| २२ १६मो सं. उत्तम १२४४।। १२०० ४५ सिदूरप्रकर सोमप्रभावार्य ४६ आधारांगसूत्र' ४७ मूत्रकृतांगमूत्रवृत्ति ४८ भगवतीसूत्र' ४९ शत्रुजयमाहात्म्य धनेश्वरसूरि ५० अराकृदशांगसूत्र ५१ शीलोपदेशमाला शीलतरंगीणीवृत्तिसह जयकीर्ति ५२ योगशास्त्र चतुर्थप्रकाश पर्यंत सावरि पञ्चपाठ हेमचंद्राचार्य ५३ प्रमाणवार्तिक स्वोपशवृत्ति सह प्रथम परिच्छेद ५४ प्रश्नव्याकरणसूत्र ५५ भगवतीसून अपूर्ण त्रूटक ५६ आचारांगसूत्रवृत्ति बूटक' ५७ धर्मरत्नप्रकरणवृत्ति देवेन्द्रसूरि ५८ शीलोपदेशमाला शीलतरगि णीवृत्तिसह किचिदपूर्ण जयकीर्ति ५९ निष्टिशलाकापुरुषचरित्र' पर्व-१०४ (महावीरचरित्र) हेमचंद्राचार्य ६० कुमारसभव महाकाव्य कवि कालीदास ६१ कुमारसंभव महाकाव्य चतुर्थसर्ग कवि कालीदास ६२ श्रासप्रतिक्रमणसूत्र अवचूरि ६३ ओपनियुक्ति वृत्तिसह भद्रबाहुस्वामि ६४ स्थानांगसुनवृत्ति ६५ ज्ञाता धर्मकथागसूत्र ४० १६मो १९ १६मो ४३ १६मो १२६ १६मो १५१ १४८० सं. उत्तम १२४४।। प्राकृत उत्तम १२४४|| प्राकृत उत्तम १२४४।। संस्कृत अतिजीर्ण ११।४।। संस्कृत जीर्णप्राय. १२॥४४॥ ९६८२ सोमतिलक १२६ १६मो १२१४ प्रा.सं. उत्तम १२४४ १८२ १६मो २२ १७मो उत्तम उत्तम ११॥४४॥ ११||| ४|| २७२० द्रोणाचार्य अभयदेवसूरि ३ १७मो ३१ १६मो १२३ १५२९ २७७ १६मो ७८ १७मो सस्कृत प्रा.सं. प्रा.स. स. उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम ११॥४४||| १२४४ ११॥४४॥ ११।।।४।। १२४४|| १४५० ११२० - १किनारी सांगेली २.२ भित्र पूष्ठिका ३ मतीर्थ ४. प्रथम परे तीर्थकरने चित्र छे. ५ पत्र १थी १० तथा ६५मुं, पत्र १ तथा २६थी ४३ सुधी बन्ने पत्रोना अक्षरो जुदा जुदा छे. ६ पत्र १थी ३२ तथा ७८पी८१तमा ९९यी १२६ तथा वीजा फाटेला पानां तथा दुकडागो छे. ७. प्रथम द्वितीय पर नथी. ८. पत्र २४४४, २४५ मेगा छे. Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम श्लोक सख्या ६६ शाताधर्मकथागसूत्र' ६७ चेत्यवदनादिभाष्यत्रय त्रिपाठ बालावनोधसह ६८ शुल्लकभवावलिकाप्रकरण अवचूरिसह पञ्चपाठ ६९ विपाकसूत्र ७० बृहत्कल्पसूत्र प्रथमलड नियुक्ति टीकासह ७१ बृहत्कल्पसूत्र तृतीयखड निर्युक्ति टीकासह ७२ बृहत्कल्पसूत्र द्वितीयल निर्युक्ति- टीकासह ७३ कल्पसूत्र मूल ७४ दशवैकालिकसूत्र टीकासह ७५ लिगानुशासन स्वोपज्ञवृत्तिसह' ७६ नारचन्द्रज्योतिषटिप्पनक ७७ कुमारसभव महाकाव्य ७८ चद्रप्रज्ञप्तिउपागसूत्र ७९ समवायागसूत्रवृत्ति अपूर्ण ८० समवायागसूत्रवृत्ति ८९ श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र अर्थदीपिकावृत्ति स ८२ दशवेकालिकसूत्र बालावबोधसह देवेन्द्रसूरि धर्मशेखर गणि भद्रबाहुस्वामि भद्रलादुस्वामि भद्रबाहुस्वामि भद्रबाहुस्वामि शय्यम्भवसूरि हेमचद्राचार्य सागरचन्द्रसूरि कवि कालीदास शय्यम्भवसूरि टीकाकार हेमचद्राचार्य ज्ञानविमलसूरि १५०० मलयगिरि क्षेमकीर्ति मलयगिरि क्षेमकीर्ति सपूर्णग्रथ ४२६०० १२७० मलयगिरि क्षेमकीर्ति १४००० सुमतिसूरि अभयदेवसूरि अभयदेवसूरि रत्नशेखरसूरि २००० ३५७५ ७६४४ पत्र लेखन रचना सख्या सवत सवत भाषा १८९ १६६० ५९ १८८० बा १७५८ प्रागु १ १६मो २२ १६मो ३०१ १६०० २२९ १६०८ २८६ १६०७ १०७ १६मो ३४ १६मो ६५ १५४२ ८ १५९३ ४३ १५२५ ३२ १५४६ २४ १७मो ९० १६०८ प्रा ५९ ९८४९ १५ १९०८ प्रा.स. प्रा ५३९१ ९५ १६मो ५०० ११ १६मो प्रास. प्रा.स. १६२ १६मो वृ. १४९६ प्रास. प्रा. स स्थिति जीर्ण उत्तम जीणं मध्यम प्रा.सं. मध्यम प्राकृत जीर्णप्राय. प्रा.सं. जीर्ण स. स सं. मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण प्रा.स. जीर्णप्रायः प्राकृत मध्यम लम्बाईपहोळाई ११ । । ४ । । । ११ । । ४ । । । ११। ।। × ४। १९।।। ४४ ।। ११ । ४४ ।। ११। × ४ । ११। × ४ । । ११ । ४४ । ११४४ । । ११ ।। ४४ । ११ । ।। × ४ । ११ ।। ४४ । ११ ।। ४४ । ११ ।। × ४ । ११ ।। ४४ । ११। ४४ । ८३ पाक्षिकसूत्र - पाक्षिकक्षामणा ८४ त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र अष्टम पर्व नेमिनाथ चरित्र ८५ शुकराजकथा संस्कृत संस्कृत १ प्रथम पत्र नथी २ पाटण ३ किनारा थोडी उंदरे करडेली ४ पन १५४ नथी, २७८ पत्र डबल छे. ५ दशपुरनगर, लेखक सोमा पार्श्व ६ लीवडी ग्राम ७. ले. स्थल मांडल कनकराज गणि लि ११ । ४४ । । । ११४४ । । । ११। X ४।। ११। × ४ । । । M Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नंबर पुस्तकनु नाम का नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई. संख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई ८६ नवपदपूजा उ. यशोविजयजी ९ १८८९ उत्तम ११। ४।। ८७ महीपालकथा चद्रगच्छीय वीरदेवगणि गा.१८१३ ३८ १६मो उत्तम ११४४|| ८८ त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र दशम पर्व. सर्ग १-१३ हेमचद्राचार्य ११३ १७मो सं उत्तम ११४४।। ८९ सूक्तमाला ५५ १८८५ गु. मध्यम १११४४|| ९० द्रव्यसग्रह सस्तवक नेमिचद्रमुनि स्त.हसराज २० १८मो प्रा गु. १०x४। ९१ सिद्धातबोलविचार १० १८७८ गु मध्यम ११४४/11 ९२ धनजयनिपटनाममाला' धनंजय श्लो.२०५६ १७मो सस्कृत मध्यम ११४४।। ९३ विहरमानजिनवीसी स्तवन' उ. यशोविजयजी ६ १८१२ गुर्जर मध्यम १०111४४||| ९४ विपाकसूत्र ४७ १७मो प्राकृत उत्तम ११४४। ९५ दशवेकालिकसूत्र टीकासह शय्यम्भवसूरि सुमतिसूरि टीका ३३०० ८९ १५मो प्रा.स उत्तम ११४३ ९६ उपदेशमाला प्रकरण कर्णिकाख्या वृत्तिसह धर्मदासगणि उदयपभदेव १२००० २५७ १५मो १२०९ प्रास. उत्तम ११४४। ९७ कुमारपालचरित्र जयसिहसूरि कृष्णर्षीय ooo १३७ १६मो १४२२ सस्कृत उत्तम ११४४|| ९८ अबड़चतुष्पदिका-रास मंगलमाणिक्य २२२५ ६९ १६४० १६३९ गु. उत्तम ११४४॥ ९९ आष्टप्रकारी पूजा देवविजयजी ६ १८८६ १८२१ गु उत्तम ११४४|| १०० प्रवचनसारोद्धार प्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ नेमिचद्रसूरि ५० १७मो प्रा स. उत्तम ११४४। १०१ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र तपा-जिनकीर्तिसूरि पल्लव १-९ २५ १४९९ सं. उत्तम १०111x४ १०२ पार्श्वनाथचरित्र पद्य भावदेवसूरि ६४०० १६७ १७मो सं. उत्तम १०x४| १०३ चोमासी देववंदन पपविजय १० १९मो गुर्जर उत्तम ११४४|| १०४ जिनप्रतिमापूजा विधि अधिकार' ११ १९मो गूर्जर उत्तम ११५४।। १०५ सस्कृत क्षेत्रसमास स्वोपज्ञवृत्ति देवानदसूरि ५० १५१२ १४५५ सस्कृत उत्तम १०111x४|| १०६ रात्रिभोजनरास धर्मसमुद्र २१ १६८१ गुर्जर उत्तम ११४४|| १०७ विमलाचलछर्द देवहर्ष ६ १९मो गूर्जर मध्यम ११४४।।। १०८ बारव्रत पूजा वीर विजयजी गाथा १२४ ७ १८८७ १८८७ गूर्जर मध्यम १०x४|| श्लोक २०३ १. वीगलनगर २ सामान्य उघेथी खवायेली ३ ले. स्थल सिद्धपुर, ऋषि नाथा लि ४ पत्र ४६ तथा ८९ डवल छे. पत्र ६१-६२ भेगां छे ५ उज्जयिनी ६. ले. देवविमत ७. प्रथम पामा तिर्थकरने पसायेलु चित्र छे ८ वीसनगर ९ प्रथम पत्र नथी Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [६] प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई उत्तम जेवत ५ १९मो ९ १७मो ३२ १८९८ प्राकृत गुर्जर प्रा.गु १०||1X४|| ११४४॥ १०x४|| उत्तम . १०९ साधुप्रतिक्रमणसूत्र ११० नेमिनाथ बारमास १११ जमालिचरित्र सस्तबक ११२ महावीरजिनस्तवन बालावबोधसह उ यशोविजयजी ११३ नवतत्त्वप्रकरण ११४ मडलप्रकरण सटीक त्रिपाठ' विनयकुशलजी ११५ सग्रहणीप्रकरण' श्रीचद्रसूरि २४ १७७१ १७३३ गु ७ १९मो प्रा. २७ १८८१ वृ.१६५२ प्रा.सं. १३ १७७२ प्राकृत उत्तम मध्यम उत्तम मध्यम १०x४|| १०॥४४॥ १०1४४|| १०॥४४।। गा.४७ वृत्ति-स्वोपज्ञ मू गाथा ९९ गा.३७७ ४७८ श्लो. ४५०४ ५००० ५७ १७मो ९५ १७मो १०७ १७मो ४३ १९मो १७६० प्राकृत प्राकृत प्राकृत गूर्जर उत्तम उत्तम जीर्ण मध्यम १०॥४४॥ १०॥४४॥ १०॥४४॥ १०॥४४|| मोहनविजयजी ढाल ४७ बा कल्याण देवेन्द्रसूरि भद्रबाहुस्वामि बनारसीदास २८ १९मो १७१२ प्रा.गु. १३२ १६५८ प्रा.गु. १०५ १७०३ १७०१ व्रज हिदी मध्यम जीर्ण १०॥४४॥ ११४४। १०111४४| ११६ महानिशीथ सूत्र ११७ महानिशीथ सूत्र ११८ महानिशीथ सूत्र ११९ मानतुगमानवती रास १२० सिद्धपचाशिका बालावबोधसह त्रिपाठ १२१ कल्पसूत्र बालावबोधसह १२२ बनारसीविलास भाषा १२३ प्रश्नव्याकरणसूत्र बालावबोधसह पञ्चपाठ १२४ प्रवचनसारोद्धारप्रकरण अपूर्ण' १२५ प्रवचनसारोद्धारप्रकरण विषमपदार्थी टीका १२६ वीशविहरमान जिन भाष १२७ त्रिषष्टिशलाकापुरष चरित्र प्रथम पर्व सर्ग १-६ १२८ ज्योतिषरलमाला रुचिरविवरण १२९ कल्पसूत्र सस्तबक त्रूटक बा. पार्श्वचद्रसूरि नेमिचद्रसूरि १०२ १७मो ११९ १८मो. प्रास प्राकृत उत्तम मध्यम ११४४। १०111४४| टी उदयप्रभसूरि ३२०० ६१ ९ १६१२ १९मो सं. गूर्जर उत्तम उत्तम १०॥४४॥ १०1४४ हेमचंद्राचार्य महादेव भद्रबाहुस्वामि १५३ १४८५ १८३ १६मो ३४.८ १९२६ संस्कृत सस्कृत पागु उत्तम उत्तम उत्तम ११४४ १०1४४ ११४५॥ १३००० १. लेखक रुपचदजी पेथापुर २ वीसनगरे मुनिवीरविजय गणि लि.३ लि, राजनगरे ४. पर ३८-३९ भेगा छे. ५. र स्थल अणहल्लपुर पाटण ले. स्थल पतग ६.ले. स्थल चद्रापुरी, पंडित कल्याण लि. ७. पत्र १ तथा ५५थी ७६ तथा ९७थी ११९ नथी. ८. ले. अमीविजयजी ९ प्रथम पत्रे तीर्थकरने चित्र छे १०. पत्र १७९. २२-२३९, ६०थी ११६, १९८थी १२१, १२४थी १४५ बेवडा छे. ३३८ सुधी पत्र १थी ५९ नथी Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नंबर पुसतकनु नाम कानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई ८ १८७४ स. उत्तम ११४५ १३० मेस्त्रयोदशी कथा १३१ चतुःशरण प्रकीर्णक पंजीकावृत्ति सह त्रिपाठ वीरभद्रगणि १३२ चोसठ प्रकारी पूजा वीरविजयजी १३३ प्रवचनसारोद्धार सस्तबक नेमिचंद्रसूरि १३४ अर्धकांड दुर्गदेव १३५ प्रज्ञापनोपांगसूत्र सस्तबक अपूर्ण १३६ पाडवचरित्र महाकाव्य मलधारी देवप्रभसूरि १३७ पार्श्वनाथचरित्र पद्य सस्तबक' भावदेवसूरि १७ १८२४ २६ १९१७ १८७४ ११२ १८५३ ९ १८४० प्रा.सं. गूर्जर प्रा.गु. संस्कृत उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम ११४५ ११४५ ११।४५ ११।४५।। स्त.जीवविजय ३०८ १९मो १११ १७मो ४१७ १८४३ स्त.१८०० प्रा गु. स. स.गु. उत्तम जीर्ण उत्तम ११४५ ११.४५ ११४५ स्त.लक्ष्मीविजय मूल ६०७४ स्त.१८१४७ संगु, २० १८६९ १८४ १९मो ७३ १६६० १६७ १७मो उत्तम उत्तम जीर्ण उत्तम ११४५ ११४५ ११४५ ११४५ ४५०० उ. पार्श्वचद्र विनयविजयजी १३८ सामुद्रिकशास्त्र सस्तबक १३९ कथाकोश १४० महानिशीथसूत्र १४१ आचारागसूत्र प्रथम श्रुतस्कंध बालावबोध १४२ कल्पसूत्र सुबोधिका टीका द्वितीयक्षण व्याख्यान-सस्तबक भद्रबाहुस्वामि १४३ प्रशमरतिप्रकरण वृत्तिसह उमास्वाति वाचक १४४ श्रीपालरास उ यशोविजयजी उ. विनयविजयजी १४५ कर्पूरप्रकर अवचूरिसह ' हरिकवि १४६ प्रतिष्ठाकल्प १४७ दानकल्पद्गुम-धन्यचरित्र सस्तबक जिनकीर्तिसूरि १४८ नवपद वर्णन १४९ बासठीया बोल स्तवन जिनेन्द्रसागर (बासठ मार्गणाद्वार) २६०० गा.१२४५ ५७ २०मो ६५ १८२४ ७० १८१६ १७३८ प्रा.स गु. मध्यम स. उत्तम गु. उत्तम १११४५ ११४५ ११। ४।। १८३९ ५६ ४२ उत्तम उत्तम ११४५ ११।४५ स.गु ८४ १८३६ १६ १९मो ७ १८२४ १७८३ उत्तम उत्तम उत्तम गु. गु. ११४५ ११४५ ११४५ कडी-८३ १. लेखक व्यास नागर टाकवाडा पाटण २ लेखक अमरराजसिह ३. ले. स्थल लिचग्राम ४. लेखक गगविजय ५. पत्र १४० नथी, ले स्थल अनहल्लंपुर पतन ६. पत्र ५७ डबल पत्र ६१ नथी ७. खभात ८ पाटण ९ उदयपुरनगरे प. अमृतसागर लि, र. स्थल उदयपुर राजनगर Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या संख्या संवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ३६ १८४६ ११ १९मो १५५ १८५० गु. सं.गु. स. उत्तम ११४५ मध्यम ११४५ उत्तम ११४५ ७१२१ ४० प्रा.सं. उत्तम ११४५ ८ १८५६ २५ १८८० प्रा.गु. संगु. उत्तम मध्यम ११४५ ११४५ ५८ १८मो १७५८ प्रा.गु. उत्तम ११४४।।। २५ १८३९ उत्तम ११४५ १५० दडक त्रीस बोल विचार १५१ चमत्कारचिंतामणि सस्तबक १५२ सारस्वतव्याकरण टीका त्रिपाठ अनुभूति स्वरूपाचार्य चद्रकीर्तिसरि १५३ षोडशकपकरण वृत्तिसह त्रिपाठ हरिभद्रसूरि यशोभद्रसूरि १५४ जबूद्वीपसङ्ग्रहणीप्रकरण' सस्तबक हरिभद्रसूरि १५५ ज्ञानसार बालावबोधसह' उ. यशोविजयजी १५६ चैत्यवदनादि भाष्यत्रय बालावबोधसह देवेन्द्रसूरि ज्ञानविमलजी १५७ योगदृष्टिसमुच्चय सावरि त्रिपाठ हरिभद्रसूरि १५८ योगदृष्टि सज्झाय बालावबोधसह यशोविजयोपाध्याय ज्ञानविमलसूरि १५९ शतकत्रय भर्तृहरि १६० समताशतक दूहा हेमविजय १६१ भर्तहरिवेराग्यशतक सटीक भर्तहरि १६२ वीसस्थानकतप स्तवन' विजयलक्ष्मीसूरि १६३ मुनिपतिचरित्र सस्तवक हरिभद्रसूरि १६४ शत्रुजयकल्प १६५ अष्टमीस्तवन लावण्यसोभागी १६६ अष्टप्रकारी पूजा देवविजयजी १६७ चेत्यवदनसड्ग्रह अनेक कवि १६८ आठकर्मनी एकसो अठावन प्रकृति विचार १६९ चोवीशतीर्थकरना २७ बोल- आदिसह अनेक कवि १२५० 4. Ek A +_4 २२ १८३९ १७ १८३३ ६ १८४९ १७ १९मो ११ १९२१ ६० १९६० १९७२ ४ २०मो २ १९६२ १८३९ २ १९मो १८२१ उत्तम ११४५ उत्तम १०।।४५ मध्यम ११४५ मध्यम ११४५ मध्यम १०४५। उत्तम १०॥४५॥ जीर्ण १०४५ उत्तम १०॥४५ मध्यम १०॥४५ मध्यम पा.गु प्रा 여러 २ १८३६ गु. मध्यम १०||४५ ४७ १९मो गु. मध्यम १०11४५ १ पल्हानपुर २. पालनपुर ३ चलोडा ग्राम वणारस खुशालचद ४ पल्हाणपुर ५ नवा नगरे पं. कनकराज लि सिद्धपुर ६ वीजापुर बारोट हरिभद्र लिखित ७. गरो जुदा जुदा छे ८ पत्रो जुदा जुदा छे Page #31 --------------------------------------------------------------------------  Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र २01 प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार प्रलोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई श्लो. १४ १९मो सगु गु. ५ २५ मध्यम मध्यम १०॥ ५ गु ६ १९४० १६६२ ३ २०मो ३ १८मो ९ १९मो ६ १८९५ 년 सारी १० २५ सारी १०।४५ सारी १०.४५ उत्तम १०।४५ मध्यम १०४५ 여 년 ४ १९मो ८ २०मो १२ २०मो ६२ १८७१ १७५८ मध्यम १०४५ उत्तम १०।। ५।। मध्यम १०॥४५॥ उत्तम १०।। ५।। ज्ञानविमलसूरि १७०० प्रा.गु १९० सिदूरप्रकर सस्तबक श्लो १४ सुधी १९१ स्तवनसड्ग्रह १९२ दानशीलतपभावना' संवादशतक समयसुदरजी १९३ नववाड सज्झाय उदयरत्न १९४ पवचनसारोद्धारगत गाथाओ १९५ सारस्वतव्याकरण विसर्गपर्यंत १९६ मौन एकादशी गणणु' १९७ ज्ञानोपयोगी स्तुति स्वोपज्ञ चालावबोधसह त्रिपाठ भावप्रभसूरि १९८ श्रावक अतिचार १९९ ज्ञानपचमी देववदन विजयलक्ष्मीसूरि २०० चेत्यवंनादिभाष्यत्रय देवेन्द्रसूरि बालावबोधसह त्रिपाठ २०१ पचज्ञान पूजा रूपविजयजी २०२ लीलावतीसुमतिविलास रास उदयरत्न २०३ अमरकोष काड १-३ अमरसिह २०४ अध्यात्मकल्पद्रुम बालावबोध २०५ स्तवन सङ्ग्रह २०६ श्रावक अतिचार २०७ शत्रुजय उद्धाररास नयसुदरजी २०८ वृद्धचाणाक्य राजनीति सस्तबक २०९ हिसाष्टक सावचूरिसह हरिभद्रसूरि २१० (१) वीसस्थानक पूजा लक्ष्मीसूरि (२) स्नात्रपूजा अपूर्ण २११ ज्योतिष बालावबोध मुजादित्य २१२ सीमधर जिन स्तवन सिद्धिविजयजी १०४५/ १० १९मो 년여여여 उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम १०.४५ १०.४५ ६ १८९६ १८८७ १६६७ १५०० ७८ १८मो ४२ १८मो १३ ७ १८७६ १४थी ३० १९मो १६३० ३१ १८८८ ४ ९मो १३थी १८७८ १८४५ १३-१४ ६ १९मो ८ १९०६ १७१३ गु. सं.गु. प्रा स. गु. गु. संस्कृत गु मध्यम १०।।४५ मध्यम १०४५ मध्यम १०॥४५ मध्यम ९॥४४॥ मध्यम १०॥४५ मध्यम १०।४५ उत्तम १०।।४५ मध्यम १०।। ५।। १. पत्र जुदा जुदां छे. २ लेखन स्थल पाटण ३. ले. डुगरजी, ले. स्थ, सेम्भर ४ पत्तन ५ राजनगर ६ जुदा जुदा पत्रो छे.७ पाटण फोफलीयावाडे लि. उत्तमविजयजी ८. पालीताणा लि. अमचंदजी Page #33 --------------------------------------------------------------------------  Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [१२] प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम पत्र लेखन रचना श्लोक सख्या लम्बाईपहाळाइ सख्या सवत सवत भाषा स्थिति २३५ विचारसारप्रकरण सस्तबक २३६ श्रावककरणी सज्झाय २३७ मौनएकादशीकथा' २३८ कतशिखामण सज्झाय २३९ ज्ञानपचमी देववदन २४० मृगापुत्रनी सज्ज्ञाय' २४१ रघुवश काव्य टीका तृतीय सर्ग पर्यंत २४२ उत्तमचरित्ररास' २४३ षढावश्यकसूत्राणि स्तवन' योग स २४४ मौनएकादशीकथा प सस्तबक २४५ गुणरत्नाकर छद २४६ प्रतिष्ठाकल्प २४७ रघुवश महाकाव्य सावचूरि २५३ सिद्धाचल तीर्थमाला २५४ चोराशी वाद देवचद्रजी २५५ आनदघन चोवीशी' सुमतिविजयजी विजय लक्ष्मीसूरि हसविमल अष्टम सर्ग श्लो. १३ पर्यंत अपूर्ण धर्ममेरू जिनहर्ष २४८ मानमजरीनाममाला २४९ श्रीपाल रास २५० ऋषभदेव वीवाहलु गूटको २५१ उपदेशमालाप्रकरण कथासङ्ग्रह " २५२ द्रव्यगुणपर्यायरास २५६ शंखेश्वर पार्श्वनाथ छद तिलकाचार्य कवि कालिदास नददास विनयविजयजी यशोविजयजी यशोविजयोपाध्याय अमृतविजय आनंदघनजी (सभवजिनची बावीसमाजिन सुधी) टीकाकार ८०१ १०५ कडी २८९ ४६ १७९९ १७९६ प्रागु. १८९५ २ गु १८यों १७६४ स. २० मो १९ मो २० मो ५ ४ १० २ ४१ १९ मो २२ १८मो १७४५ १९ ११ 22 23 २२ ८७ १९ मो १९ मो १८मो १८ मो १९ मो २२ १९ मो ७९ १८१८ २१ १९ मो १ ११४ १८१४ १९ १७२८ ८ १९०० ९ १८ मो १४ १९ मो १७३८ १८४० 3 गु 3 संस्कृत गु प्रा.स.गु. प्रा.गु. गु. स. स. गु गु गु गु गु मध्यम मध्यम व्रज हिंदी उत्तम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम गु. गु उत्तम मध्यम सारी मध्यम उत्तम मध्यम जीर्ण मध्यम जीर्ण मध्यम ९।५।। ९॥४५॥ ९।। ४४ ।। । ९ ।। ४५ ९॥ ४५॥ ९१४५ ९४५ ८|||× ४||| ९x४ ।। ८। ।। ४४ ।। ९।५। ९||५|| ९। × ४।।। ९। ४४ । । । ९।४५ ९॥४५॥ ९/४५ ९१४४ ।। । ९४४ ।।। ९४४।।। ९४५ उदयरत्न १८५४ गु. ८। । ४५ १. लि सुमतिविजय अवला ग्रामे २. लि महासुखराम ३ लि भानुसुंदर ४ प्रथम पत्रे पार्श्वनाथ भगवाननु चित्र छे ५ नटपदे प विवेकविजय लि ६ पत्र १थी ६ नथी, पत्र ७थी ९, १९थी ३२, ३४थी ४८, ५०थी ६३, ६७थी ६८ छे. एक बाजु वळेला छे. ७ सूरतचंदर ८. राजनगर ९. प्रथम पर नशी Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१३] प्रति नवर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई मू.गा.४२ क.४१ ६ १८मो प्रा.गु. जीर्णप्रायः ८॥४४|| ५ १९मो मध्यम ८॥X४।। २५ १८मो १७३४ गु. उत्तम ८॥४४ ५९१ १८०२ स.गु. जीर्ण १०॥ ४।।। १४८ २०मो ___ सं. उत्तम १०॥४४।।। ७३ १८८२ १८८२ गु. उत्तम १०111४५ ४७५८ १३५० ५००० १६४ १७९७ बा.१७०७ प्रा.गु. ३७८० १६००० ४७७ १७मोसं ४४५ १७४९ ९६२ . स. उत्तम उत्तम १०४४।। १०.४४| ८००० १२२५० १३३ १८८१ १७३१ प्रा.गु. ३३९ १८६५ बा १८४६ प्रा गु. उत्तम उत्तम १०.४५ १०x४||| २५७ नवतत्वप्रकरण सस्तवक २५८ महिम्नाख्य पार्श्वनाथ स्तोत्र रघुनाथ मुनि २५९ जयविजयकुमारचरित्ररास जिनविजयजी २६० शत्रुजयमाहात्म्य सस्तवक' धनेश्वरसरि २६१ हरिविक्रमचरित्र जयतिलकसूरि २६२ अध्यात्मगीता बालावबोध अमीकुंयर यालावबोध २६३ कल्पसून बालाबवोधसहित' खीमशाही भद्रबाहुस्वामि खीमाविजयजी २६४ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र' सप्तमपर्व जैन रामायण हेमचंद्रसूरि २६५ उपमितिभवप्रपचाकथा' सिद्धर्षि । २६६ उपदेशमालाप्रकरण बातावनोधसह धर्मदासगणि वृद्धिविजयजी २६७ गौतमकुलक बालावबोधसह पद्यविजयजी २६८ भरतेश्वरलाहुबली सज्झाय वृत्ति सस्तवक शुभशीलगणि २६९ प्रशमरतिप्रकरण वृत्तिसह उमास्वाति वाचक २७० जयानंदकेचलीरास" पद्यविजयजी २७१ तर्कसङ्ग्रह स्वोपशदीपिका टीकासह त्रिपाठ अन्नभट्ट २७२ विचारसारप्रकरण सस्तबक" २७३ विचारसारप्रकरण ससावकार २७४ सङ्ग्रहणीप्रकरण सस्तवक श्रीचंद्रसूरि २७५ सीमंधर जिन सवासो गाथार्नु । स्तवन बालावबोधसह यशोविजयजी २७६ पार्श्वनाशगीता-राजगीता उदयविजय २७७ श्रीपालरास विनयविजयजी यशोविजयजी २५०० ४८६ १८६१ वृ.१५०९ प्रा.स.गु ६३ १८२० सस्कृत २५३ १८६३ गु. १०11X४|| ११४४।। १०॥ ४॥। उत्तम १०|| ४|| १०।।४।।। देवचद्र २६ १८३१ २० १८८१ ३७ १८८१ १७९६ ८ १८७८ प्रा गु. प्रा.गु. प्रा.गु. उत्तम उत्तम उत्तम १०11X४|| ७७५ १८ १८मो ५ १८मो ६६ १८९० मध्यम १०॥४४111 उत्तम ९x४|| १०॥४४11 ग्रं.१९१४ गा. १२४५ १७३८ गु १. पा ५१९ बल २.२ चित्र पूष्ठिका, छन्नियार ग्राम ३. राजनगर ४. पा १९५ डबल ५ पत्र २५१ डबल, रहिमदपुर ६ बसुग्राम ७, पालनपुर ८. लि. वीरमग्रामे नैणचद,मेवाजु निय परिका छे. ९ पाल्तणपुर १० लि. दयाविजयजी, मरिसाणा, पा १११, १२० भेगा ले. ११ लि रूपविजय, वीसलनगर १२ लि. वीरविजयजी Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र प्रति नन्दर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम श्लोक सख्या लम्बाईपहोळाई स्थिति २७८ कल्याणमदिर स्तोत्र वृत्तिसह त्रिपाठ २७९ कल्पसूत्र सस्तमक २८० कुमारपालरास २८१ आगमसारोद्धार २८२ चोवीस जिनादिस्तवन सङ्ग्रह' २८३ नैकाव्यतृतीयसर्ग टीकासह अपूर्ण २८४ सङ्ग्रहणीप्रकरण सस्तबक' २८५ सिद्धाचलतीर्थमाला' २८६ किरातार्जुनीय घटापथटीकामु मगलाचरण २८७ क्षेत्रसमासप्रकरण लघुक्षेत्रसमासप्रकरण २८८ लोकनालिकाद्वात्रिशिका प्रकरण संस्तबक जिनहर्ष देवचद्रजी २९२ स्रात्रपूजा विधि सस्तलक २९३ सकलार्हत्स्तोत्र २९४ शीलवतीरास २९५ पार्श्वनाथगीता २९६ स्थविरावली नदिसूत्रमंगलगाथा २९७ समवायागसूत्र सस्तबक " २९८ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र अष्टम पर्व नेमिनाथ चरित्र सिद्धसेन दिवाकर जिनविजयजी भद्रबाहुस्वामि श्रीचद्रसूरि अमृतविजय धर्मकीर्तिसूरि २८९ विधिरास २९० वीसस्थानक तपविधि लक्ष्मीसूरि २९१ कर्मग्रथ बीजो प्रीजो सस्तबक देवेन्द्रसूरि रत्नशेखरसूरि हेमचन्द्राचार्य नैमिविजय उदयविजय देववाचक टीकाकार हेमचद्राचार्य ४१६० कडी. - १५१ टक ६२९७ १८मो ६५६५ पत्र लेखन रचना सख्या सवत सवत भाषा का. २ १४ १८३९ वृ १७१० १७१ १७०३ १०६ १८६२ १७४२ ५८ १८८६ ३६ १९मो गा ५० १९३२ १८८१ १६ १८६८ १८४० ५ १९ मो ११ १८२५ ५ ८ १८८१ १९४७ २५ १९०१ १० १९मो ११ १९मो २ १८७३ १८५३ १९ मो १८मो १७९५ ४८०० १०७ १७५० १८मो सं 5 x 3 ७९ १३३ स. पा.गु 9 J 3 स. प्रा. उत्तम १० । ४४ ।। प्राशु उत्तम 3 उत्तम प्रा.गु गु. ५. पा.गु गु स. गु 3 उत्तम उत्तम प्रा.गु. स. उत्तम मध्यम मध्यम १०। ।। ४४ ।।। १० || × ४|| १० ।। ४४ । । मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम १० ।। ४४ । । । १० ।। ४४ ।। १०।१५ १० ।। ४५ १०।। ४५ १०||| X ४ । । । उत्तम १० ।। X ४ ।।। उत्तम १० ।। ४४ । । । जीर्णप्राय. १०१xvill १० ।। ४५ १० X ४ ।। १०१ ४४ । । । १०१x४ ।। १०१४४ ।। १० ।। ४४ । । । १०१x४ || १० ।। ४४ । । [१४] १. पत्र १थी ६ नथी, एक तरफ चित्र पृष्ठिका छे. २ चंद्रावती नगरे रूपविजयजी लि ३ पानां जुदा जुदा छे ४ पत्र ६२थी ७०, ७४थी ९७ पत्र ८१, ८२, ८३ डबल छे ५ वीसलनगरे मुनि वीरविजय लि. पत्र ४७मुं डबल छे ६. प्रथम पत्र नथी, राधनपुरे लि. ७. मांडल, व्यास सांकलेश्वर महेश्वर लि ८ ले स्थल वीसलनगर ९ इलापल्ली ग्राम १०. लेखक मयाचंद नागपुरे लि. पत्र ६७मुं नथी. Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१५] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई सं.गु. प्रा.स.गु ३१ १८६१ ३२ १८७२ २५ १९मो २ १९मो उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम १०|| ४|| १०॥४४||| १०।।४४।। १०१-४|| في १६ १९मो १२ १९मो ३ १८मो १६०२ كي पद्य २३माथी पूर्ण بي मध्यम १०।।४५ मध्यम १०|| ४|| सारी १०1४४|| १०||४४|| सारी १०।। ४४|| मध्यम १०१।४४111 सारी دي وي २९९ शानसार स्वोपज्ञ बालावबोधसह यशोविजयजी ३०० सप्तस्मरण सस्तबक ३०१ स्तवन सज्झाय सङ्ग्रह उदयरत्न ३०२ भवदत्त आदि सज्झाय सङ्ग्रह (१) भवदत्त सज्झाय (२) शांतसुधारस सज्झाय (३) शातसुधारस सज्झाय सकलचद ३०३ स्तवन सज्झाय सङ्ग्रह रूपविजय आदि ३०४ स्तवन सज्झाय सङ्ग्रह' समयसुदरजी आदि ३०५ (१) सुकोसल भास एकावनी देवचद (२) भगवतीसूत्रनी सज्झाय विनयविजय उपाध्याय (३) सज्झाय ज्ञानविमल ३०६ शाश्वताशाश्वतजिनस्तवन पद्मविजय ३०७ स्तुति थोय-सङ्ग्रह ज्ञानविमल आदि ३०८ जबूद्वीपसग्रहणी हरिभद्रसूरि ३०९ स्तवन सज्झाय सङ्ग्रह (१) हितशिक्षा सज्झाय अमृतवेली उ यशोविजयजी (२) चतुर्दश गुणस्थान स्तवन सहजरल (३) युगमंधर जिनस्तवन जिनविजय (४) चरणसत्तरीकरणस्वाध्याय यशोविजय (५) आत्मशीखामणस्वाध्याय (६) सीमधर जिनस्तवन (७) हितशिखामण यशोविजयजी (८) जिनस्तवन नित्यलाभ (९) सिद्धचक्रस्तवन नयविजयजी (१०) हितशीखामण यशोविजयजी १ १९मो : जह प्राकृत १ १९मो १६ १९मो मध्यम १०||| ४|| मध्यम १०॥४५ EE SSSSSSSSOON R | १. लि लक्ष्मीविजय सुरत बदरे २. जिनविजय लि ३ जुदा जुदां पत्रो ४ पत्रो जुदा छे ५ प्रथम पत्र नथी ६ पत्रो जुदा जुदा छे ७. पत्रो जुदा जुदा छे Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र १६) प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई 8 8 २ १९मो १८+१ १९मो ११९ १७५१ मध्यम १०॥४४|| मध्यम १०1४४||| जीर्णप्राय. १०॥४४|| सर्ग-१३ स. मू.गा १०८ ३८ १८९२ ३७ १७५४ ४७ १७मो ६ १९मो गु उत्तम १०१४४|| प्रा.गु. जीर्णप्रायः १०१४४। प्रा. उत्तम १०॥४४ गु उत्तम १०। ४।।। (११) गीत (१२) पंचमहाव्रतपंचभावना (१३) भवदेव सज्झाय (१४) वीर जिन सज्झाय (१५) पचमिथ्यात्व परिहार सज्झाय (१६) आत्मोपदेश स्वाध्याय ३१० शनेथर छद ३११ थोय सड्ग्रह ज्ञानविमल आदि ३१२ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र हेमचद्राचार्य महाकाव्य दशम पर्व ३१३ (योग विचार) योगविधि ३१४ योगसार सस्तबक योगीन्द्रदेवमुनि ३१५ उपासकदशाग सूत्र ३१६ कालिकाचार्यकथा २१७ दूढीयानी चर्चा स्थानकवासी चर्चा ३१८ आलोचना विधि ३१९ चोवीश जिन स्तवन देवचद्रजी ३२० चोवीश जिन चेत्यवंदन सीमंधर स्वामि आदि स्तवन ३२१ विवाहपटल ३२२ नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक ३२३ नमुफारसि आदि प्रत्याख्यान आलावा ३२४ चउद गुणस्थानक स्वाध्याय टीप्पणीसह तपा जयसोम ३२५ अढीसें अभिषेक विधि ३२६ चतु:शरणप्रकीर्णक वीरभद्रगणि ११ १९मो ५ १९मो १५ १८१७ उत्तम उत्तम उत्तम १०1४४।।। १०11X४|| १०१४४|| गु. २ २०मो १४ १८मो १० १७४२ गु. स.गु मध्यम १०॥४४।।। मध्यम १०x४|| मध्यम १०x४।। ५२० मू गा. ५१ प्रा.गु ३ २०मो प्रा. मध्यम १०|| ४|| प्रथ श्लो. ९२ पर्याय श्लो. ४२ ६ १८मो ३ १९मो २ १८मो गु. उत्तम उत्तम उत्तम १०.४४|| १०४४।। १०1४४| १. पत्र जुदा छे २ ले. पत्तनपुर ३. कडी-६२ Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१७] प्रीत नबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई. सख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई १४ ६ १८०० १९मो १८३४ ३५१ १२ मू.गा.७० ५४६४ ११ १८मो ११ १८७६ २२० १६४८ २३ १९मो १० १९मो १९मो १९मो کي بي بي १९मो १९मो १९मो تي في دي و १९मो ३२७ चतु-शरणप्रकीर्णक सस्तबक वीरभद्रगणि ३२८ पीस्तालीश आगमपूजा उत्तमविजयजी ३२९ अध्यात्मगीता देवचंद्रजी ३३० पर्यंताराधना प्रकरण सस्तबक सोमसूरि ३३१ श्रावक अतिचार ३३२ ज्ञाताधर्मकथाग सूत्र' ३३३ दंडकप्रकरण सस्तबक गजसार ३३४ स्तवन सज्झाय सङ्ग्रह माणेकमुनि (१) छ आरानु स्तवन माणेकमुनि (२) आदीश्वरस्तवन माणेकमुनि (३) पार्श्वजिनस्तवन माणेकमुनि (४) आदिजिनस्तवन माणेकमुनि (५) शातिजिनस्तवन माणेकमुनि (६) आबू स्तवन माणेकमुनि (७) नेमिनाथ स्तवन माणेकमुनि (८) शंखेश्वरपार्श्वनाथस्तवन माणेकमुनि (९) पार्श्वनाथस्तवन माणेकमुनि (१०) ऋषभदेवस्तवन माणेकमुनि (११) सम्यक्त्व स्थापना स्वा० माणेकमुनि (१२) श्रावकविधिस्वाध्याय माणेकमुनि (१३) श्रावकविधिस्वाध्याय माणेकमुनि (१४) सम्यक्त्वस्वाध्याय माणेकमुनि ३३५ कथासङ्ग्रह अपूर्ण ३३६ ज्ञानपचमीकथा महेश्वरसूरि ३३७ पडावश्यक बालावबोधसह ३३८ वेराग्यशतक सस्तबक ३३९ विहरमान जिन वीसी स्तवन उ.यशोविजयजी ३४० लीलावतीपद्धति जेतसींह प्रा.गु. उत्तम १०४४।। गु. उत्तम १०१४४|| गु. उत्तम १०|| ४|| प्रा.गु. मध्यम १०.४४|| उत्तम १०॥४४॥ प्राकृत जीर्ण १०1४४|| प्रा.गु. मध्यम १०४४॥ उत्तम १०x४|| उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम • उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम १०1४४|| प्रा. जीर्ण १०1४४|| प्रा.सं.गु. मध्यम १०४४॥ . प्रा.गु. उत्तम १०।। ४।। गु. उत्तम ९|| ४|| उत्तम १०x४|| १९मो १९मो १९मो १९मो १९मो دي في دي في دي وي دي وي १९मो १९मो دي १९मो ५० १९मो ७७ १८मो ८९ थी१३४ १९मो १५ १८८८. ८ १७७५ १७ १८७३ १. पत्र ६ नथी २ राजनगर ३ पत्र १३९ नथी. ४. पालनपुर ५. गजणाग्राम (हालारदेश), लेखक हरिचद B-2 Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र २८ प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १०१४४|| १०१४४) १०॥४४॥ १०x४॥ १०.४४|| १०1४४॥ स.गु. ५ १९मो ४ १८७७ ३२ १८३८ ६ १९मो १४ १७९८ ४ १९मो ३१ ९ १९मो ५ १६मो ७ १९मो २६ १९२० ३४१ आलोचना विधि ३४२. चतु-शरण प्रकीर्णक वीरभद्रगणि ३४३ दडक ओगणत्रीस बोलविचार ३४४ कल्याणमंदिरस्तोत्र सस्तबक सिद्धसेन दिवाकर ३४५ षष्ठी संवत्सरी फल' दुर्गदेव ३४६ कल्याणमदिरस्तोत्र सिद्धसेन दिवाकर ३४७ पचकल्याणतपविधि आदि ३४८ चोवीशीजिनस्तवनो (चोवीशी) अमृतविजय ३४९ प्रत्येकबुद्धचरित्र (कर्णिकावृत्तिगत) ३५० आराधना बालावबोध ३५१ आत्महितोपदेश • ३५२ श्रीचद्रकेवलीरास आनदमंदिर ज्ञानविमलसूरि स उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम मध्यम सारी मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम १०11४५ १०.४४ १०४४॥ १०४५ १०1४४|| ग्रं.६८३९ गा.२३९४ ९४ १८७० १७७० ७ १८मो १६८२ गु. गु. मध्यम मध्यम १०॥४४|11 १०१-४॥ ५१ १९मो १३० २०मो १२ १९मो १४८ १७५६ सं.गु. प्रा.सं. गु. सं. मध्यम उत्तम मध्यम उत्तम २०१४४।। १०x४।। १०४४॥ १०४४| ३५३ श्रीचंद्रकेवलीरास आनदमदिर ज्ञानविमलसूरि ३५४ शत्रुजयरास समयसुदरजी ३५५ शत्रुजय माहात्म्य सस्तबक त्रूटक ३५६ सूत्रकृतांगसूत्र वृत्तिसह त्रिपाठ शीलाकाचार्य ३५७ स्नात्रपूजाविधि ३५८ प्रतिमाशतक सटीक उ.यशोविजयजी स्वोपश ३५९ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र अष्टम पर्व नेमिनाथ चरित्र सस्तवक हेमचद्राचार्य ३६० सीमंधर स्वामिविज्ञप्ति साडात्रणसो गाथार्नु स्तवन बालावबोधसह उ. यशोविजयजी ज्ञानविमलसूरि ३६१ सीमधरस्वामिविज्ञप्ति साडात्रणसो गाथार्नु स्तवन बालावबोधसह उ. यशोविजयजी ज्ञानविमलसूरि ३८० १८५१ सं.गु. १०४४॥ ७८ १८मो गु. उत्तम १०॥४४॥ ८२ १९मो गाथा. गु. उत्तम १०1४४|| - १. प्रथम पत्र नथी २. पाटण ३ प्रथम पत्र नथी ४. पत्र जुदां जुदा छे.५ भावनगर ६. लेखक-साकरराम, पराने ७. प्रथम पत्र नथी ८.ले. स्थ, राजनगर, पन ७५ बेवडु छे. ९. लेखक दिलिचद्र, पत्र ९१ तथा ३७५ डबल छे. Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१९] गति नबर पुस्तकर्नु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या संख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई गु. ८४ १७८३ १८३० ४८ १५९४ उत्तम मध्यम १०॥४४|| १०1४४ १२०० _ DET V २५ १७७६ २७० १८६४ ८३ १७८८ १८०५ गु. उत्तम उत्तम उत्तम १०१४४|| १०१४४|| १०॥४४॥ १००० ३६२ सीमधर स्वामिविज्ञप्ति साडात्रणसो गाथार्नु स्तवन बालावबोधसह उ. यशोविजयजी ज्ञानविमलसूरि ३६३ कल्पसूत्र भद्रबाहस्वामि ३६४ सीमधर स्वामि सवासो गाथानु' स्तवन स्वोपज्ञ बालावबोधसह उ. यशोविजयजी ३६५ विक्रमलीलावती रास भाणविजय ३६६ द्रव्यगुणपर्यायरास सस्तबक उ. यशोविजयजी स्वोपज्ञ ३६७ आगमवस्तुविचार प्रकरण षडशीतिप्रकरण वृत्तिसह जिन वल्लभगणि हरिभद्रसूरि ३६८ प्रियकरनृपकथा' जिनसूर ३६९ ज्योतिषसारसग्रह ३७० होलीकथा सस्तबक ३७१ भक्तामरस्तोत्र सावचूरि मानतुगसूरि ३७२ कल्याणमदिरस्तोत्र वृत्तिसह सिद्धसेन दिवाकर ३७३ चोवीसीजिनस्तवन नमस्कार नदसूरि ३७४ प्रतिक्रमणविधि ३७५ सबोधसप्ततिका सस्तबक रत्नशेखर (जयशेखर) जयसोम ३७६ कथासङ्ग्रह ३७७ कायस्थितिस्तव सस्तबक ३७८ ज्योतिष अतरदशा आदि ३७९ स्तवन सङ्ग्रह मोहनविजयजी (१) शातिजिनस्तवन मोहनविजयजी (२) शातिजिनस्तवन मोहनविजयजी (३) सुमतिजिनस्तवन मोहनविजयजी (४) सुमतिजिनस्तवन मोहनविजयजी (५) कलिकुंडपार्श्वनाथस्तवन मोहनविजयजी ses Aaesa १६ १६मो वृ१९७२ प्रा.सं. जीर्ण १८ १६५२ सं. उत्तम उत्तम ६ १८२४ सं.गु. उनम ७ १८३९ उत्तम १० १८३९ उत्तम ७ १८मो उत्तम ३ २०मो. गु. मध्यम २३ १८मो स्त.१७०३ प्रा.गु. उत्तम ७ १७मो सं. . उत्तम ३ १९मो प्रा.गु. मध्यम गु. मध्यम २ १८३२ मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम गु. उत्तम गु. - उत्तम ११॥४५ ११/४४) ११४४|| १९४५ ११४४|| ११४५ ११४४।। ११४४||| ११४४।।। ११-४।। १११४४||| ११४४||| १०111४५ १३ ILLETTE I creed c १. भींजायेली ले. स्थल स्तभतीर्थनगर २ पत्तन ३ उवसम्गहर प्रभावे ४. रजो पर्व कथा ५ पत्रो जुदा जुदा छे Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र २० प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्ता नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसंख्या सख्या संवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई गु गु मध्यम मध्यम ५ २०मो १७५८ २ १९मो ६ १७४२ १५९ १८५२ १६७० ५२ १८५६ ११४४।। १०॥४४|| १०।।। ४ ४।।। १०111४५ १०।।४५ गु प्रा गु. मध्यम १३ १९मो ५-२० १९मो प्रा गु. गु. उत्तम मध्यम १०॥४४|| १०111x४| गु ३८० ज्ञानपचमीस्तवन रगविजयजी ३८१ समवसरण भावस्तवन विमलचंद शिष्य ? -कवियण ३८२ सीमघरजिनस्तवन सिद्धिविजय ३८३ कुमारपालरास ऋषभदास कवि ३८४ उपासकदशांगसूत्र सस्तबक' ३८५ कर्मग्रथ प्रथम कर्मविपाक बालावबोधसह अपूर्ण देवेन्द्रसूरि ३८६ उत्तराध्ययनसूत्र बालावबोध त्रूटक ३८७ चोवीशजिन स्तवन (श्रेयांस जिन पर्यंत) यशोविजयजी ३८८ कर्मग्रथचतुष्क सस्तबक' देवेन्द्रसूरि ३८९ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र जिनकीर्ति ३९० नवाणुं प्रकारी पूजा वीरविजयजी ३९१ महापुराण विनती गगदास ३९२ बंधस्वामित्वप्रकरण सस्तबक (कर्मग्रंथ तृतीय) देवेन्द्रसूरि स्त.जयसोम ३९३ कर्मस्तव द्वितीय कर्मग्रथ सस्तवक देवेन्द्रसूरि ३९४ श्रुतबोध सटीक त्रिपाठ कालिदास हर्षकीर्ति ३९५ अध्यात्मगीता बालावबोध देवचद्र ३९६ अक्षयनिधि तपविधि | ३९७ अध्यात्मचोपाई ३९८ अध्यात्मकल्पद्रुम बालावबोध ३९९ सकलार्हत्स्तोत्र सटीक । हेमचंद्राचार्य गुणविजयजी ३ २०मो ८१ १८६० १९६ १८४० ९ २०मो १८०४ क.१०६ ३थी १४ १९मो मध्यम १०॥४४|| उत्तम १०॥४४॥ मध्यम १०111X४||| उत्तम १०।।। ४।।। मध्यम १०111४४|| गु. मू.गाथा २५ ३० १८६० प्रा.गु. उत्तम १०॥४४|| प्रा.गु मू.का.४० ९ १८मो १३ १८३७ १७ १८८६ ७ १९मो ७ १८मो ५९ १८६८ उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम १०111X४|| १०|| ४|| १०॥४४|| १०॥४४॥ १०111४४|| १०||| ४| १०1४४|| मू.का.२६ ग्रे २५० ४०० आठकर्मनी १५८ प्रकृति ८ १९मो गु. उत्तम १०॥४४॥ १. वाराही नगरे लि. चतुरविजय २. पाहालणपुर लि. हरिचद, बे चित्रपृष्ठिका ३. अमदावाद, हाजापटेलनी पोल ४ पालनपुरे क सुखनद लि. ५. रचना-सुरत, पत्र १-२ नथी ६. पत्र ३जु डबल ७ पाणीथी भींजायेल८ ले स्थ. माडल Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नबर पुस्तकनुं नाम ४०१ गणधरवाद' ४०२ द्विजवदनचपेटा सस्तनक' ४०३ जंबूस्वामिचरित्र बालावयोष' ४०४ कूर्मापुत्रचरित्र सस्तनक ४०५ जनूस्वामिचरित्र सस्तबक ४०६ जोगीवाणीभास ४०७ हरियाली सस्यक ४०८ विद्वद्गोष्ठी सस्तबक ४०९ स्तवन-पदसङ्ग्रह ४१० मीनएकादशी पाच जोड देववांदवानी विधि ४११ स्तवन- सज्झाय सङ्ग्रह ४१२ स्तवन सङ्ग्रह (१) शांतिनाथ स्तवन (२) शांतिनाथ स्तवन ४१३ षष्ठीसंवत्सरीफल कर्तानुं नाम ४१४ सारस्वतव्याकरण ४१५ वीसस्थानक पूजा' ४१६ वीरनिर्वाणदीवालीस्तवन ४१७ नयचक्र बालावबोध" ४१८ शत्रुंजय रास जिनमाणिक्य दयाशील आनंदघन आदि (३) सिद्धचक्र स्तवन (४) ऋषभदेव स्तवन (५) आदिनाथ स्तवन (६) पार्श्वनाथ स्तवन (७) अजितनाथ स्तवन (८) भाभापाडाना भाभापार्श्वनाथ स्तवन उदयरत्न सौभाग्यविजय मानविजय आदि अमृतविजय अनुभूति स्वरूपाचार्य लक्ष्मीसूरि गुणहर्ष देवचंद्रजी समयसुंदर टीकाकार श्लोक संख्या ९५६ कडी. २५ कडी. १२२ पत्र लेखन संख्या सवत १७ १८८६ २२ १८८८ १६ १८९६ २५ ९९मो ४२ १ २ ३-५ ५ १० ४ १८५५ १९ मो १९ मो १९मो १९ मो रचना संवत १९ मो १९मो १८७२ भाषा ८ १९०३ २७+११८२९ ११ १८७४ १८४५ १९ मो १० ६५ १९१६ ९ गु. सं. गु. ↓ प्रा.गु प्रा.गु. गु 3 स.गु. गु. ↓ गु. गु. गु. गु. गु गु. गु. 3 सं. गु. गु. गूर्जर गूर्जर . २० मो १६८६ गूर्जर स्थिति उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम मध्यम उत्तम मध्यम जीर्ण जीर्ण लम्बाई पहोळाई १० ।। ४५ १० ।। ४४ । । । १० । ४४ । । । १० ।। ४४ । । । १० | × ४ | १० X ४ । । १० । ४४ । । । १० । ४४ । । । १० ।। ४४ । । १० 11 ४५ १० ।। ४४ । । । १० ।। ४४ । । । १० । ४४ । । । १० । ४४ । । । १० X ४ । । । १०.४५ १०।४५ [२१] १. पालणपुरे लि. गोरजी राघवजी २. प्रल्हादनपुर ३ पेथापुरे लि. केशरचद ४. मोहनविजय लि. ५. खांतिविजय लि. ६. पालनपुरे लि. वीरचंद ७. लि. सौभाग्यविजयजी पत्र १-२-४ नथी ८. कटोसण ग्रामे लि ९ राजनगरे ऋद्धिरत्न लि. १० पत्र १४ अने २१ डबल, पत्र ३३, ३४ भेगां छे. Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनू सूचिपत्र २१ प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ५ १८मो उत्तम १०1४४|| १९१५ गु. १७ १९मो ४ २०मो ३ २०मो ३ १९मो ७ १९मो ३ १९मो मध्यम १०1४५ मध्यम १०॥४५ मध्यम १०1४४|| मध्यम १०11-४|| मध्यम १०१४४|| मू.गाथा २४ ४१९ तर्कसङ्ग्रह अन्नभट्ट ४२० स्तवन-सज्झाय-गहूली स्तुति आदि सड्ग्रह विशुद्धविमल ४२१ दयाछत्रीसी चिदानद कपूरचद ४२२ नवकाररास ४२३ ढूंढकचर्चा ४२४ दशवेकालिकसूत्र सज्झाय वृद्धिविजय ४२५ ज्योतिषसार ४२६ कायस्थितिस्तोत्र वृत्तिसह त्रिपाठ कुलमडनसूरि ४२७ उत्तमचरित्र सस्तबक' ४२८ सिद्धदंडिकायत्रसह आदि सड्ग्रह देवेन्द्रसूरि आदि ४२९ सड्ग्रहणी पकरण - श्रीचद्रसूरि ४३० सूसढकथा बालावबोध सह' ४३१ पूजाप्रकरण उमास्वाति वाचक ४३२ पचसूत्र-पापप्रतिघात बीजगुणाधान ४३३ नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक ४३४ पचनिर्ग्रन्थीप्रकरण सस्तबक अभयदेवसूरि ४३५ वंकचूलिकासूत्र ४३६ ज्ञानपचमीकथा (सौभाग्य पचमी कथा) जिनहर्ष ४३७ प्रत्येकबुद्ध चरित्र ४३८ चैत्यवदनादि भाष्यत्रय देवेन्द्रसूरि ४३९ पचभावना स्वाध्याय देवचद्र ४४० धनदत्तकथा पद्य ४४१ न्यायावतार टिप्पनक चद्रसूरि ४४२ सम्यक्त्व चोपाई सस्तबक जसविजयजी ४ १८२० २१ १८९६ ३५ १९मो २३ १८२७ ६२ १८९६ २ १८मो प्रा.स. स गु. प्रागु. प्रा. प्रागु स उत्तम १०।। ४।। १०।४५ उत्तम १०१-४।। मध्यम १०1४४।। उत्तम १०1४४।।। उत्तम १०१-४|| १० १९मो प्रा प्रा गु. मूगा ४१ ४ १७मो उयशोविजयजी मूगा ५००/१०७ १७ १८८१ ५ १८मो मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम १०१-४|| १०४४। १०१४४|| १०1४४|| प्रागु प्रा. मध्यम जीर्ण उत्तम ६ १७८६ १७ १७मो ६ १८०२ ६ १७७८ १४ १७मो १३ १६मो २८ १७८४ १०१४४|| १०1४४|| १०.४४|| १०॥४४॥ १०॥४४ १०॥४४॥ १०॥x४|| पद्य-१८७ उत्तम उत्तम मध्यम गु. १ पत्रो जुदा जुदा छे २ लि केशरचद पेथापुर ग्राम ३ लि, केशरचद पेथापुरे ४ वीसलनगरे मुनि वीरविजय लि ५ पाटण ६ पत्र १३-१४ मेगा ७. नवानगर ८ राजनगरे ९ पत्र २६, नथी Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [२३] प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कर्ता नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई कडी-८१ ९ १९मो १७६६ ७ १८९९ ४३ १८६८ १२ १९मो गु. गु. प्रा.गु. गु. जीर्णप्रायः १०१४४|| मध्यम १०x४।।। मध्यम १०x४।। जीर्णप्रायः १०४४|| कनककुशल ३ १८मो संस्कृत उत्तम १०१४४|| ४४३ वीसस्थानक तपविधि स्तवन' ज्ञानविमलजी ४४४ विहरमानजिन वीसी स्तवन' उ. यशोविजयजी ४४५ कर्मग्रंथचतुष्क सस्तबक' देवेन्द्रसरि ४४६ विहरमानजिनवीसी स्तवन' उ. विनयविजयजी ४४७ देवाप्रभोस्तव वृत्तिसह पञ्चपाठ जयानदसूरि ४४८ अध्यात्मवाणी गर्भित स्वाध्याय ज्ञानविमल ४४९ कल्पसुखलता अपूर्ण विवेकचंद्रगणि ४५० पौषधविधि ४५१ षडावश्यकसूत्राणि सस्तबक ४५२ जंबूस्वामीचरित्र सस्तबक पद्यसुंदरगणि ४५३ धूर्ताख्यान बालावबोध ४५४ षडावश्यकसूत्राणि सस्तबक ४५५ रूपदीप पिंगल भाषा ४५६ श्रीपालरास विनयविजयजी ४५७ मौनएकादशी कथा पद्य रविसागरजी ४५८ मौनएकादशी कथा पद्य सौभाग्यनदिसूरि ४५९ उपधानविधि-श्रावकबार व्रत्तोचारण विधि आदि ४६० चोवीसजिन स्तवन मानविजयजी ४६१ पुराण अंतर्गत श्लोक सड्ग्रह ४६२ पूजाविधि स्तवन ज्ञानविमलसूरि ४६३ बासठ मार्गणा चौद गुणठाणा विचार जीवविजयगणि ४६४ गौतमस्वामिरास ४६५ धर्मोपदेशप्रकरण सस्तबक ४६६ मंत्रावली (नवग्रहपूजन) ७ १८५८ ९ १९मो ३ १९मो १२२ १८६८ प्रा.गु. ७८ १८७१ प्रा.गु. २७ १७७७ गु ३४ १९मो प्रा.गु.सं. ८ १८६१ १७७६ व्रजहिंदी ४६ १९मो ७ १९मो १६५७ सं. ५ १९मो १५७६ सं. उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम १०.४४। १०१४४|| १०४४|| ९॥४४॥ १०।४५ १०४४।। १०||| ४|| १०। ४।। १०1४४|| १०11-४|| १०11४४|| २०२ २३ १८३९ ९ . १८मो ५ १९मो प्रा.गु. जीर्णप्रायः १०|| ४|| उत्तम १०१४४|| मध्यम १०.४४| १०1४४|| ६ ५ १८ १० १८२० १९मो १९मो १९मो गा.१४ गु. प्रा.गु. गु.सं. उत्तम मध्यम मध्यम मध्यम १०11४४|| १०१४४।।। १०|| ४|| १०x४|| १. रचना-सुरत २ लेखन-पाटण ३. लेखन- धरानगर ४. पत्र १थी ३ नथी. ५. पाटणनगरे ६. वीसलनगर, पत्र ६७मुं बेवई ७ रतलाम नगर ८. रचना-उन्नत नगरे ९ रचना-हम्मिरपुर १०. प्रल्हादनपुर Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र २४ प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ५ १८९० १३ १७९९ गु. गु. सं.गु. ६०५ ४६७ (१) शारदा सरस्वती छद विनयकुशल (२) प्रभजनानी सज्झाय देवचद्र ४६८ (१) कोकशास्त्र वार्ता गद्य' (२) शातिनाथ स्तवन जीवविजयजी ४६९ शोभनस्तुति बालावबोधसह शोभनमुनि ४७० कथासङ्ग्रह अपूर्ण ४७१ सिदूरप्रकर टीका ४७२ आठदृष्टि सज्झाय यशोविजयजी ४७३ पाक्षिकसूत्र सस्तबक ४७४ प्राकृतव्याकरण' सिद्धहेमशब्दानुशासन स्वोपज्ञवृत्ति अष्टमोऽध्याय हेमचद्राचार्य ४७५ नवतत्त्वप्रकरण बालावबोध' ४७६ विहरमान जिनवीसी विबुधविमल PEEEEEEEEEE २२ १८मो २० २०मो १८थी २३१७मो ४ १८२० २९ १९मो उत्तम १०। ४।।। उत्तम १०॥४४। मध्यम १०11४४||| मध्यम १०॥४४।। उत्तम १०१४४|| मध्यम १०x४| उत्तम १०x४|| जीर्ण १०॥४४|| उत्तम १०।। ४।। प्रा.गु. उत्तम उत्तम १०|| ४|| १०1४४|| १०॥४४॥ ३९ १७९५ प्राकृत २३ १७६२ . गु. ५ १७९० १७९० गुः आसोवद-३ आसोसुद-१० ४ १८मो सं.गु. ३ १९मो प्रागु. १३ १९मो १८२२ सं.गु. ८थी १३ स. मध्यम १०१।४४|| मध्यम १०॥४४॥ जीर्ण १०॥४४॥ मध्यम १०1४४॥ ४७७ विद्वद्गोष्ठि सस्तबक ४७८ उपदेशरत्नमालाप्रकरण सस्तबक ४७९ होलीरजःपर्वकथा सस्तबक फतेद्रसागर ४८० काव्यकल्पलता सस्तबक अमरचद्र ४८१ चतुःशरणप्रकीर्णक सावचूरि पञ्चपाठ वीरभद्रगणि ४८२ संयमश्रेणिगर्भितवीरजिनस्तवन उत्तमविजय ४८३ चतुर्विंशतिजिनस्तवनों (चोवीशी) १थी २२ आनंदघन २३-२४ ज्ञानविमलजी ४८४ वृत्तरत्नाकर सावचूरि पञ्चपाठ केदारभट्ट ४८५ मौनएकादशीकथा गद्य लक्ष्मीसागर ८ १७मो ३ १९मो १७९९ प्रा.स. गु. उत्तम उत्तम १०४४।। १०४४|| गा.५१ १२ १७८७ गु. मध्यम १०1४४|| १५ १८२० ४ १९मो उत्तम उत्तम १०x४|| १०॥४४॥ स. १. जीवविजयजी लि २ वापजी ऋषि स्तभतीर्थे लि ३. नवापुरे दीपविजय लि ४ मोठज्ञाती चातुरवेदी त्र्यंबकजी सुत वाछाराम, पत्तने लि, पत्र रजु नथी ५ रचना-विध्यकाख्य नगर विझेवानगर ६ रचना-सुरत ७. पत्र रजुं नथी, राजनगरे, Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई. संख्या संख्या संवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई प्रा. ५ ५ ६ १७मो १७८५ १८८७ उत्तम उत्तम उत्तम ९॥४४ १०४४|| १०1४ ४।। ३ १७८५ उत्तम १०1४४|| ११७ ५ १७६७ ७ १९मो १५७६ ६ १५७६ ४ १७८४ १२ १९मो उत्तम उत्तम मध्यम ११८ क.३२ १०1४४|| १०1४४|| ९||| ४| १०x४। १०१४४|| प्रा. मध्यम ३९ १९मो प्रा.गु १०४४॥ ४८६ दशाश्रुतस्कंधनियुक्ति ४८७ मौनएकादशीकथा बालावबोध जिनहर्ष ४८८ मौनएकादशीकथा गद्य लक्ष्मीमुनि ४८९ मौनएकादशीकथा बालावबोध नेमिविजयशिष्य ४९० मौनएकादशीकथा' वालावबोध ४९१ मौनएकादशीकथा पद्य' सौभाग्यनदिसूरि ४९२ मौनएकादशीकथा पद्य सौभाग्यनदिसूरि ४९३ मौनएकादशीकथा स्तवन ४९४ सङ्ग्रहणीप्रकरण अपूर्ण ४९५ दान-शील-तप- भावनाकुलक बालावबोध सह देवेन्द्रसूरि ४९६ मौन एकादशी कथा पद्य सस्तवक रविसागरजी स्त.कातिविजय ४९७ यशोभद्ररिषिराज चोपई विनयशेखर (आचलिक) ४९८ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र उमास्वाति वाचक .४९९ अभिधानचिंतामणिनाममाला' हेमचंद्राचार्य । ५०० संबोधसप्ततिका पकरण सस्तबक रत्नशेखर (जयशेखर) ५०१ सबोधसप्ततिका प्रकरण रत्नशेखर (जयशेखर) ५०२ श्रीपालरास विनयविजय-यशोविजयजी ५०३ मृगाकलेखा रास ५०४ सबोधसित्तरी प्रकरण जयशेखरजी ५०५ दंडक बोल विचार ५०६ दडक ओगणत्रीस द्वारविचार ५०७ गुणावलीनो लेख दीपविजयजी का.२०४ क.२५३ १०1४४|| १०1४४|| १०1४४||| सं. २२ १८५० १६५७ स.गु. ८ १७९४मूल १६४३स्त. गु १८ १८३२ २४ १७६८ १३ १८मो प्रा.गु. ७ १७८७ प्रा. ४० १८१२ १७३८ उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम स. १०x४॥ ३५० १०१४४|| १०.४४|| 년 १५ १८मो 년 क.३८४ गा.१२५ ५ १९मो मध्यम १०.४४|| मध्यम १०1४४|| मध्यम १०x४॥ उत्तम १०x४|| उत्तम ९11४४|| १० १७०७ ४ १८मो 년여 년 १. पत्र १-२ नथी. तुलजाराम लि. २ सुव्रतक्रषि कथा ३ राजनगरे सत्यविजय लि. रचना-हरिश्वरपुर ४ लि. राजनगरे ५. तपकुलक पर्यंत ६. रची-उन्नतनगर ७. पत्र बीजुं नथी. लेखक कर्पूरसागर ८. मादाबाद-अजीमगंज, गुणविजय लि ९. भीजायेली. १० औरंगाबाद-धीरसागर लि Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोनु सूचिपत्र ।२६] प्रति नंबर पुस्तकनु नाम . कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई १० १९मो गु. उत्तम १०४४|| गा.७६ १७ १८३६ २६ १९मो १० १९मो ९ १८मो २३ १७८५ गा १७९ गा ७३ प्रा. उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०४४।। १०४४॥ १०४४॥ १०४४। १०४४।। गा.१५ १ थी ३ उत्तम ९|||४४। गा.३६ ३ थी ७ प्रा.स. उत्तम ५०८ चोवीसी जिन स्तवन मानविजयजी ५०९ आठदृष्टि स्वाध्याय सस्तबक' योगदृष्टि स्वाध्याय) उ. यशोविजयजी ज्ञानविमलजी ५१० सत्तरभेद पूजाविधि सस्तबक सकलचंद ५११ कर्मसवेध भग प्रकरण देवचद्र ५१२ कालसत्तरी प्रकरण सस्तबक देवेन्द्रमुनि ५१३ शाबप्रद्युम्नरास समयसुदरजी ५१४ (१) परमाणुखडषत्रिशिका सावचूरि पञ्चपाठ रत्नसिहसूरि (२) पुद्गलषत्रिशिका सावचूरि पञ्चपाठ रलसिहसूरि (३) बधषट् त्रिशिका सावचूरि पञ्चपाठ ५१५ दशवैकालिक स्वाध्याय वृद्धिविजय ५१६ दीक्षाविधि ५१७ (१) कुरुचन्द्र कथा (वसतिदाने) गद्य (२) पद्माकर कथा (शय्यादाने) गद्य (३) करिराज कथा . (आसनदाने) गद्य (४) कनकरथ कथा (आहारदाने) गद्य (५) शखश्रेष्टि कथा (पानाहारदाने) गद्य (६) रेवती कथा (भेषजदाने) गद्य (७) ध्वजभुजग कथा (वस्त्रदाने) गद्य (८) धनपति कथा (सुपात्रदाने) गद्य ५१८ धन्नाअणगार स्वाध्याय न्यायसागर ७ थी ९१८मो १० १८मो ७ १८१३ १ थी ३१८मो उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम 여 ९॥x४।। १०४४।। ९|॥४४॥ . ३जु उत्तम . ३ थी५ सं. उत्तम ५ थी ६ 연 उत्तम 1 उत्तम ६ थी ७ ७ मु ७ थी १० १० थी ११ ४ १९मो १७२१ 업 4. 4. उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम ढालो. गु. ९॥४५॥ १ पत्र १-२-३ नथी २ गणेश लि ३. पाटणनगरे परमादोनी पोली लि हरखचंद, कीनारी करडेली ४. रचना-असगाम Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [२७] कर्तानु नाम पति नवर पुस्तकनु नाम टीकाकार लम्बाई श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १५ १७मो १५१४ गु. ९||॥४४॥ सं. प्रागु का.१२६ ९ १५९८ १६ १८मो ५३१ गाथा ४५ १७मो १५५० ३६ १७मो ३० १६मो ३९ १७मो ५३ १७मो १७५८ १७२० ११ १८७५ जीर्णप्रायः १०४४। उत्तम १०x४|| उत्तम १०11X४| १०.४४ जीर्णप्राय. १०।४४। उत्तम १०४४/ जीर्ण १०1४४ उत्तम ९॥४४॥ उत्तम ९॥४४॥ ५१९ धन्नाचरित्र रास मतिशेखर ५२० नेपिदूत काव्य (मेघदूत अंत्यपाद पूर्तिरूप) सांगणसूत विक्रम ५२१ समयसार पकरण सस्तबक ५२२ भवभावना प्रकरण सस्तबक हेमचन्द्रसूरि (मलधारी) ५२३ दशवेकालिकसूत्र अवचूरि ५२४ दशवेकालिकसूत्र अवचूरि ५२५ बलिनरेन्द्र कथा गध ५२६ राजप्रश्नीयोपाग सूत्र ५२७ द्वादशभावना स्वाध्याय सकलचन्द्र ५२८ पस्ताविक श्लोक ५२९ पुण्यसाररास' विजयशेठ विजयाशेठाणी सज्झाय पुण्यकीर्ति ५३० हीरपरन-प्रश्नोत्तर समुञ्चय सग्राहक कीर्तिविजयजी ५३१ श्राद्धविधि प्रकरण वृत्ति' रलशेखरसूरि ५३२ सूत्रकृतागसूत्र ५३३ ज्योतिष बालावबोध मुजादित्य विप्र ५३४ नलदमयती चोपई ऋषिवर्धनसूरि ५३५ दशवेकालिकसूत्र शय्यम्भवसूरि ५३६ उत्तराध्ययन सूत्रनी सज्झाय उदयविजयजी ५३७ भक्तामरस्तोत्र वृत्तिसह त्रिपाठ मानतुगसूरि कनककुशल ५३८ मुनिपतिचरित्र रास ५३९ पापबुद्धि धर्मबुद्धि कथा ५४० ऋषिमडल प्रकरण धर्मघोषसूरि ५४१ ध्यानम्वरूप भावविजयजी ५४२ पाक्षिकसूत्र-पाक्षिकक्षामणा ५४३ पगाम सज्झाय विचार ५४४ साधुपतिक्रमणसूत्र सस्तबक ४७५ ৩০০ ६९३ ८ १७८८ १६६६ ३१ १८३१ १७मो ५२ १५८३ ८ १७०३ १८ १७मो गु २५ १७मो प्राकृत ९ १८मो १८ वृत्ति.१६५२ सं. २३ १७मो १३ १६९६ ११ १७मो ११ १७९५ १६९६ गु. ५ १८मो प्राकृत ६ १८मो गु. ८ १८मो प्रा गु. ९॥४४ उत्तम १०x४॥ मध्यम १०४४ उत्तम १०४४ उत्तम ९|| ४| उत्तम १०४४ १०॥४३ ९॥४४॥ जीर्ण १०४४। १०४४। , उत्तम १०x४। उत्तम ९|||४४ ९|||४४) उत्तम १०४४। जीर्णप्राय. ९||| ४| उत्तम गा.२१४ १ श्रीपादुनगरे २ लक्ष्मीमूर्ति मुनि लि ३ लि माणिक्यचंद्र ४. पत्रो अस्त व्यस्त अने अंक वगरना टूटक छे. ५ पत्र १६, ४०थी ४४ नथी ६. लि वीरविजय ७ कीनारी करडेली८ वे लाजु चित्रपूष्ठिका छे Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामां रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोन सचिपत्र २८ प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तार्नु नाम टीकाकार श्लोक सख्या पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई गा ५१ गा.४५ ६ १८मो ४ १७०४ ७ १८मो प्रा गु जीर्णप्रायः १०४४। प्राकृत मध्यम ९॥४४ गु उत्तम ९॥४४|| गु १३ १८मो ३५ १७०२ ३ १८मो १० १७८१ Rese जीर्ण ९| ४|| मध्यम ९४४ उत्तम ९॥४४ उत्तम १०४४ स. प्राकृत ७९ १९मो ७५ १८६३ ७८ १८मो ६९ . सं. प्रा.गु उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम १०॥४४|| १०॥४४॥ १०१४४|| १०१४४|| पार्श्वचन्द्र प्रा.गु ५४५ नवतत्वप्रकरण सस्तबक ५४६ नवतत्त्वप्रकरण ५४७ पचप्रतिक्रमण विधि ५४८ खरतर गच्छीय सामायिक प्रतिक्रमण-पोसहविधि ५४९ समयस्वरूपरास ऋषभ ५५० गुणस्थानक प्रकरण रत्नशेखरसूरि ५५१ पाक्षिकसूत्र ५५२ चतुर्विशति जिन स्तवन सस्तबक देवचद्र खरतर ५५३ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र जिनकीर्तिसूरि ५५४ दशवैकालिकसूत्र सस्तबक शय्यम्भवसूरि ५५५ कर्मग्रंथ पंचक सस्तबक' ५५६ जबूद्वीपप्रज्ञप्तिउपागसूत्र' सस्तबक ५५७ देववदन विधि ज्ञानविमलसूरि ५५८ चैत्रीपूनम देववदन विधि ज्ञानविमलसूरि ५५९ चोवीस दडक ओगणत्रीस द्वार ५६० कर्पूरप्रकर अवचूरि सह हरिकवि ५६१ पंचवस्तुक सूत्र सटीक हरिभद्रसूरि ५६२ नवपद पूजा पप्रविजयजी ५६३ नवपद पूजा यशोविजयजी ५६४ प्रतिष्ठा कल्प ५६५ नवकार बालावबोध ५६६ नवकार बालावबोध ५६७ कल्याणमदिरस्तोत्र अवचूरि शब्दार्थ सिद्धसेनसूरि ५६८ कर्मग्रंथत्रय सस्तबक' १२००८ प्रा.गु. स प्रास स्वोपज्ञ मू२१५० ३०६ १७९५ १० १९मो ९ १९मो १६ १९मो ३३ १८०५ १४३ १८मो ५ २०मो ७ १९मो १९ १८मो ९ १८८३ ११ १७५४ १७ १९मो २५ १९मो १०॥४४|| मध्यम १०॥४४|| जीर्णप्राय. १०1४४|| उत्तम १०x४|| उत्तम १०॥x ४।। मध्यम १०1४४|| उत्तम १०४४।। उत्तम १०.४४|| उत्तम १०x४|| १०।४४|| १०॥४४॥ उत्तम १०४४।। मध्यम १०१४४|| सं. ३५० स.गु. प्रा.गु. १. पत्र जु नथी. लि. जबूसर २. पत्र १४९ नथी, पंचमकर्मग्रथनी गाथा ९८ पर्यंत, अपूर्ण ३. लि बोडा मनसाराम अहिसुर मध्ये नागोर ४. लि. गंभीरविजय पत्र २६-२७ डबल ५. लि. ताराचद ६. लि कानजी ७. भीजायेली, पत्र १थी ८ सुधी स्तबक लख्यो छे. Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [२९] प्रति नबर पुस्तक नाम कर्तार्नु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ८३ १९मो सं. मध्यम १०1४४|| २६१ १७६६ १७१२ सं. उत्तम १०1४४|| ५६९ सारस्वत व्याकरण आख्यात प्रक्रिया अनुभूति स्वरूपाचार्य ५७० किरातार्जुनीय महाकाव्य त्रिपाठ प्रदीपिका वृत्तिसह भारवि कवि धर्मविजयजी ५७१ कर्मविपाक-कर्मस्तव बंधसामित्व कर्मग्रंथ सस्तवक देवेन्द्रसूरि ५७२ कर्मग्रथ चतुष्क सस्तबक' देवेन्द्रसरि यशःसोम ५७३ भक्तामरस्तोत्र बालावबोधसह मानतुङ्गसूरि ५७४ (१) निगोदषट्विंशिका सटीक त्रिपाठ रलसिंहसूरि २९ १८मो १४४ १८०५ २२ १८मो प्रा.गु. उत्तम १०१४४|| प्रा.गु. जीर्णप्रायः १०४४|| स.गु. उत्तम १००x४।।। वृत्त.४४ १-७ १७मो प्रा.सं. मध्यम १०.४४|| मू.गा.३६ ग्रं.३०० (२) परमाणुखंडषट्त्रिशिका सटीक त्रिपाठ रत्नसिंहसूरि प्रा.सं. मू.गा.१५ ७ थी १० ग्र. १२० मू.गा३६ १० थी १४ मू.गा.३५ १४ थी १७ रत्नसिंहसूरि रत्नसिंहसूरि प्रा.सं. प्रा.सं. १५ १७५० ८ १८२४ उत्तम मध्यम १०1४४। १०1४४।। १७०३ गु. (३) पुद्गलषत्रिशिका सटीक त्रिपाठ (४) बधषट्त्रिशिका सटीक त्रिपाठ ५७५ त्रिषष्ठि शलाका पुरुष चरित्र' महाकाव्य नवमपर्व प्रथम सर्ग हेमचद्राचार्य ५७६ बारभावना स्वाध्याय जयसोम तपा. ५७७ सीमंधरस्वामि विज्ञप्ति साडा' त्रणसो गाथार्नु स्तवन बालाव० सह यशोविजयजी ५७८ परदेशीराजारास न्यायसागर ५७९ परदेशीराजाचोपई ज्ञानचद ५८० चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय सस्तबक देवेन्द्रसूरि ५८१ दान-शील-तप-भावनाकुलक बालावबोध सह देवेन्द्रसूरि ५८२ जयतिहुयण स्तोत्र अभयदेवसूरि ज्ञानविमलसूरि १०.४४| ४००५ १००० ९०० उत्तम उत्तम गु. ८८ १७८७ २८ १७८० १७३४ २४ १७५८ १९ १७८३ १०॥४४॥ १०.४४|| प्रा.गु. मध्यम २९ १८३१ ४ १९मो प्रा.गु. अपभ्रंश उत्तम उत्तम १०x४|| १०x४|| १. पं. क्षमाविजयगणि लि, कुयरग्राम २. भीजायेली ३. लि. पत्तनपुर ४. लि. पाटणनगर, रचना-जेसलमेर ५. लि. खंभात ६. लि. पत्तन Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईपहोळाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति ५८३ कल्पसूत्र मास' ५८४ कल्पसूत्र सस्तबक' प्रथम व्याख्यान अपूर्ण ५८५ आचारदिनकर सबीजक' ५८६ शातिनाथचरित्र सस्तबक पद्य ५८७ सिद्धातचन्द्रिका व्याकरण ५८८ प्रवज्याविधान प्रकरण त्रिपाठ वृत्तिसह ५८९ गणधरवाद ५९० गोडीपार्श्वनाथ स्तवन ५९१ सिद्धाचल तीर्थमाला' ५९२ सिद्धाचल तीर्थमाला ५९३ जबूकुमार रास ५९४ सङ्ग्रहणी प्रकरण सस्तबक ५९५ कल्पसूत्र मालावबोध सह ५९६ श्राद्धविधिप्रकरणविधि कौमुदि स्वोपज्ञटीका सस्तबक सह ५९७ (१) लघुक्षेत्रसमासप्रकरण विवरण सह (२) क्षेत्रविचार ५९८ अध्यात्मसार वार्त्तिक' बालावबोध सह ५९९ ज्ञानसार स्वोपज्ञ बालावबोध सह ६०० षडावश्यक बालावबोध सह अपूर्ण ६०१ अनुयोगविधि ज्ञानविमलसूरि भद्रमाहुस्वामि वर्धमानसूरि अजितप्रभसूरि रामाश्रम रगविजयजी अमृतविजय अमृतविजय ज्ञानविमलसूरि श्रीचंद्रसूरि भद्रवाहस्वामि रत्नशेखरसूरि रत्नशेखरसूरि उ. यशोविजयजी उ. यशोविजयजी टीकाकार नित्यविजयशिष्य मूगा. ३२४ स्वोपश वीरविजयजी १३७२५ ५००० स्वोपश मू. टी. ग्रं. ६७६१ २१ ४१ १९मो ३९७ १७५० ४६७ १८८५ ८१ १८मो ८ २० ८ ७ ९ १० ६१ १७८३ १८८ १८५९ १८७७ १८४० १९मो १७३८ ४५७ १९मो १८२२ प्रागु १८९३ गु. १८६३ १८०७ गूर्जर १८६५ १८४० गूर्जर गूर्जर गूर्जर प्राग् प्रागु. मू. २६२ १थी४९ ४९ १ी५४ १२८ १८८६ 2 ४२ १७६५ ८७ २० मो ३ १७८८ गु. प्रा.गु. स. सगु सं प्रा.सं.गु. प्रा.स. गु. सं.गु. स.गु. प्रा.गु प्रा.यु. उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम १० X ४ । । १०४४ ।। १० ।। ४४ । । १० ।। ४४ । । १० ।। ४४ । । । ९ ।। ४४ ।।। १० X ४ । । । १० X ४ । । । १० । ४४ । । । १० X ४ । । । १० । ४४ । । । १० X ४ || १० X ४ । । । १० X ४ । । । १० X ४ । । । १० ।। ४४ ।। १० X ४ ।। १०१ ४४ ।। १० । ४४ । । १ लि. पाटण २. पत्र ७-८-१४- १७थी २१ तथा ३४ नथी. ३. लि. शंभुदत्त पत्र २०३, ३९७ डबल के ४ प्रस्ताव १थी ६५. लि. पालनपुर ६. भावनगर लि. ७. पीलुचाग्रामे पं. उत्तमविजय लि. ८ पत्र ७८ डबल छे. ९. पालनपुर [३०] Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नबर पुस्तकनु नाम '६०२ पंचाचार आलोयणा विचार पचाचार अतिचार ६०३ अतरीक्षपार्श्वनाथ स्तवन छंद लावण्य समय ६०४ आराधना बालावबोध सह ६०५ अष्टप्रकारीपूजा रास' ६०६ पीस्तालीस आगमगर्भित अष्टप्रकारी पूजा ६०७ कुमारपालरास ६०८ अध्यात्मकल्पद्रुम बालावबोध सह ६०९ अध्यात्मसार वार्त्तिक बालावयोग सह ६१० कल्पसूत्र कल्पलतावृत्ति' ६११ उपासकदशांगसूत्र सस्तबक ६१२ उपासकदशांगसूत्र सस्तबक ६१३ दडक अठ्ठावीस बोल ६१४ एकवीस प्रकारी पूजा ६१५ मौनएकादशी माहात्म्य कथा सस्तलक ६१६ रूपसेनकथा ६१७ षडावश्यक सूत्राणि सस्तबक " ६१८ स्तवन- सज्झाय सङ्ग्रह " कर्तानुं नाम (४) कुगुरु- सुगुरु स्वाध्याय (५) कुमति स्वाध्याय उदयरत्न वीरविजयजी ऋषभदेवसूरि मुनिसुदरसूरि यशोविजयजी समयसुंदर गणि ज्ञानसागर शिष्य (१) जयूस्वामि ब्रह्मगीता (२) सीमधर जिन स्तवन (३) पोसघ- सामायिक स्वाध्याय हसरतन टीकाकार उ. यशोविजयजी सकलचद हंसरत्न रविसागरजी जिनसूर (सुधाभूषणशिष्य) वीरविजयजी श्लोक पत्र लेखन संख्या सवत सख्या ४००० २८५४ ३०७१ १९८५ १० ३ ४३ ५८ १७मो १८ मो १९ मो १८५२ १७५५ ८३ १८८६ रचना सवत ५७ १८०० १३ १८८८ ८ १५८५ ८ १९१३ १८८१ गु. १७७ १७६८ १६७० १९मो १८४३ २८ ३४ १७मो ६३ १९मो गु. १२ १७९१ भाषा १८मो १६५७ प्रा.गु. गु प्रा.गु. गु १२३ १८८४ बा. १८८१ सं. गु. ८६ १७६३ सं. ८९ १७८४ : स.गु. स्थिति स.गु. सं. प्रा.सं.गु. गु उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम प्रा.गु उत्तम प्रा.गु. मध्यम गु. उत्तम गु. उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम लम्बाईपहाळाइ १० । ४४ । । १० | X ४ । । १० 1 X ४ । । १० । ४४ । । १० । ४४ । । १० X ४ । । १० ।। ४४ । । । १०१ X ४ । । । १० 11 ×५ १०।१४४ | १० 1 X ४ । । १० । × ४ । । । १०४४ ।। १०४४ ।। १० । ४४ । । १० X ४ । । १० । ४४ । । यशोविजयजी १ लि. विनय, डीसानगरे २. पत्तननगरे ३. लि गोरजी राघवजी जगाणा ग्रामे ४ लि. डुंगरविजय ससपुर ५. लि. ऋषि मोहनजी, वीरमगाम, उंदरे करडेली ६. भाग्य सौभाग्यगणि ७ जावालपुरे लि. जीतविजय ८ ले पाटण ९ रचना- उन्नतनगरे १०. पत्र १-२ नथी. ११ भावनगरे [३१] Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [३२] प्रति नंबर पुस्तकर्नु नाम कर्तार्नु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या संवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ६१९ चोवीस जिन स्तवन । मानविजयजी ७ १८मो गु. उत्तम १०४४।। ६२० चित्रसेनपद्मावती कथा राजवल्लभ १५ १७७१ १५२४ १०॥४४॥ ६२१ चोवीसीजिन स्तवन' उदयरल ९ १७७२ १७७२ गु. ६२२ चोवीसीजिन चौदबोलगर्भित स्तवन यशोविजयोपाध्याय २२० ८ १९मो उत्तम १०॥४४॥ ६२३ जीवाभिगमोपागसूत्र' ४७५० १८८ १७मो प्रा. उत्तम १०॥४४॥ ६२४ कर्मविपाक-कर्मस्तव बंधसामित्व कर्मग्रंथ बालावबोध सह देवेन्द्रसूरि ६४ १७७५ प्रा.गु. उत्तम १०१४४|| ६२५ कर्मविपाकप्रकरण सस्तबक देवेन्द्रसरि १३ १८मो प्रा.गु. उत्तम १०४४।। ६२६ कर्मग्रंथ पचक सस्तबक २८२५ ६८ १८०३ प्रा.गु. मध्यम १०॥४४॥ ६२७ बृहत्कल्प चूर्णि १३४८७ २७१ १७मो प्रा. मध्यम १०11४४|| ६२८ उत्तराध्ययनसूत्र बालावबोध सह' ४५५ १७८१ प्रा.गु. उत्तम १०11४४|| ६२९ कल्पसूत्र सुबोधिका वृत्तिसह त्रिपाठ भद्रबाहुस्वामि विनयविजयजी १७९ १७६३ वृ.१६९६ प्रा.सं. मध्यम १०१४४|| ६३० सूत्र कृतागसूत्र २९७ १८१६ प्रा. उत्तम १०४४।। ६२१ योगविधि नदिस्तुति १२ १८मो प्रा. उत्तम १०1४४| उत्तराध्ययन असंखयाध्ययन जिनभद्र क्षमाश्रमण ४६३ ११ १८मो प्रा.स.गु उत्तम १०x४।। ६३२ ध्यानशतक बालावबोध सह" • हिंसाष्टक सह हरिभद्रसूरि ६३३ अष्टप्रकारी पूजा" देवविजयजी ६ १९मो १८२१ । गु उत्तम १०१४४| ६३४ अनुत्तरौपातिकदशागसूत्र ६ १७मो प्रा. उत्तम १०४४। ६३५ दमयती चंपू कथा त्रिविक्रम भट्ट ३९ १८९९ उत्तम १०1४1 ६३६ अतरीक्षपार्श्वनाथ सावन" लावण्य समय ६ १७६८ १५८५ गु. उत्तम १०४४ ६३७ स्तवन सज्झाय सङ्ग्रह ११ १९मो उत्तम १०॥४४॥ (१) पार्श्वनाथस्तवन शीलविजयजी - १. लि. सुंदर सागर गणि २. लि. उदयरल, कर्ताए यह लखेली छे.३ पत्र १२१-१२२ भेगा छे, ४, राजनगर ५ पशम क प गाथा १८ पर्यत, अपूर्ण लि. राजनगरे पा ५२पी ६३ नथी. ७. लि. रत्नविजय, प्रथम पर नयी ८.पा ९३ डबल .९ पा १३८, १३९ भेगा. पर १७७ नथी, १०. सि. गुरत ११. पचम पानधी. १२ लि विनितविजय अपरंगाबाद १३. लि. कुशलविजय, गांदली नगरे. Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्तानु नाम (२) शालिभद्र सज्झाय लब्धिविजय सिंहविमल (३) मृगापुत्र स्वाध्याय (४) दशार्णभद्र स्वाध्याय लालविजय (५) अवतीसुकुमाल चउडालीया जिनहर्ष समयसुंदर धर्मदासगणि प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम (६) महावीरजिन स्तवन ६३८ धर्मपरीक्षा ६३९ उपदेशमाला प्रकरण ६४० आरामशोमा कथा ६४१ दश श्रावक चरित्र' ६४२ दमयंती चपू कथा ६४३ विपाक सूत्र ६४४ वृत्तरत्नाकर वृत्तिसह ६४५ वृत्तरत्नाकर वृत्तिसह ६४६ वसुधारा ६४७ वसुधारा ६४८ प्रशापनोपांग सूत्र ६४९ विमलमंत्रीश्वर रास ६५० व्यवहार सूत्र भाष्य ६५१ उत्तराध्ययन सूत्र निर्युक्ति ६५२ ओपनिर्युक्ति अपूर्ण ६५३ रूपसेनराय कथा ६५४ रूपसेनराय कथा ६५५ रूपसेनराय कथा ६५६ अध्यात्मकल्पद्रुम वृत्तिसह ६५७ औपपातिकोपांगसूत्रवृत्ति ६५८ औपपातिकोपांगसूत्र सस्तबक ६५९ समरादित्यकेवलीरास शुभवर्धन त्रिविक्रमभट्ट केदारभट्ट केदारभट्ट लावण्य समय भद्रबाहुस्वामि टीकाकार समयसुंदरजी सोमचंद्रसूरि जिनसूर (सुधाभूषण शिष्य जिनसूर (सुधाभूषणशिष्य) जिनसूर (सुधाभूषणशिष्य) मुनिसुदरसूरि रत्नचंद्रगणि अभयदेवसूरि श्लोक संख्या २५०० ११९० ७७८७ २१०० २४५९ संवत पत्र लेखन रचना संख्या संवत १५ १७३८ १८ १७मो ८ १८ मो ३६ १६३२ १५८६ ६४ १७मो ५५ १६०० १९ ३१ ११ १७ मो ९ १८मो २११ १५६५ ८५ १६२४ १५६८ ११७ १६मो १७२४ १६९४ २१ २८ १७मो वृ.१३२९ भाषा ようようようようようよ गु. गु. गु. गु. गु. प्रा. सं. प्रा. सं. प्राकृत सं. स. सं. प्रा. गु. प्रा. प्रा. २२ १४६६ १२ १६मो प्रा. १७मो सं. १६४१ सं. २२ १६४८ सं. ६७ १६७६ टी. १६७४ सं. ८० १५९८ सं. ११५ १७२९ प्रा.गु. २४० १८४४ ९८४१ स्थिति ে उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम जीर्णप्रायः मध्यम जीर्णप्रायः उत्तम जीर्णप्रायः उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम लम्बाईपहोळाई १० । ४४ । । १० । ४४ । १० । ४४ । १० । ४४ । १०१ X ४ | १० X ४ । १० । ४४ । १० X ४ | १० । ४४ । १० । ४४ ।। १० । x ४| १० 1 X ४ | १० X ४ १० । ४४ ।। १० । × ४ । १० । ४४ । १० X ४ । १०४४ । १० 1 X ४ । १० । ४४ । १० ।। ४४ ।। १० । ४४ । । पद्मविजय १. लि. पुण्यविजय २. लि. खरोडग्राम ३. देवासनगरे लि. पदमाकरण ४. मेदनीतट लि. मेनसिंग ५. प्रथम पत्र नथी, खंड १थी ९. ६. ऋषि गोपाल लि. ७. सूर्यपुर नगरे ८. लि. चित्रकोट दुर्गे लि. ज्ञानकीर्ति ९. साकरराम B-3 (३३) Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित. ग्रंथोन सूचिपत्र (३४॥ प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तार्नु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई गु. सारी सारी उत्तम सारी गु. 网立四四四对四 ६६० (१) जीवविचार स्तवन वृद्धिविजय १ थी ३ १८मो (२) अतरीक्षपार्श्वजिन स्तवन लावण्य समय ३ थी ४ ६६१ चैत्यवंदन भाष्य सस्तबक देवेन्द्रसूरि १३ १९मो ६६२ अंबडपरिव्राजक कथानक गद्य' अमरसुंदर २ थी ३३१८२२ ६६३ नवतत्त्वरास' कवित्रमणदास गाथा.८०९ ३६ १६७६ ६६४ षडावश्यक सूत्राणि ११ १८मो ६६५ श्रीपालरास विनयविजयजी-यशोविजयजी गा.१२३६ ५७ १८मो ६६६ कामधेनु पद्धति अपूर्ण ४८ १७मो ६६७ दंडक प्रकरण गजसार २ १८मो ६६८ सूत्रकृतागसूत्र नियुक्ति भद्रबाहुस्वामि ८ १८मो ६६९ संबोधसप्ततिका पकरण सस्तबक रत्नशेखर (जयशेखर) ९ १८४७ ६७० विपाकसूत्र १२१६ २६ १७मो ६७१ अनुयोगद्वार सटीक त्रिपाठ मलहेमचंद्रसूरि मू.२०००, टी.६०००१००० १६६४ ६७२ षडावश्यक सूत्राणि' १७ १८मो ६७३ अतकूदशांगसूत्र सस्तबको ४५ १८मो ६७४ विशतिस्थानक विचारसार' जिनहर्ष ठाल-१३२ ११६ १७७८ पुन्यविलासरास गा.३२८७ ग्रं.५०२५ ६७५ शांतिनाथचरित्र पद्य सस्तबक अजितप्रभसूरि प्र.१थी ६ ३३३ १८३० ६७६ दशवैकालिकसूत्र वालाववोघराजहंसोपाध्याय १२२ १८९२ ६७७ राजप्रश्नीय उपागसूत्र सस्तबक २०० १९मो ६७८ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र सस्तबक जिनकीर्तिसूरि १०७ १८३८ ६७९ राजप्रश्नीय उपांगसूत्र सावक ६५०० १५९ १९मो ६८० मलयसुंदरी-महाबलरास उदयरल .४०८४ ७६ १८०० गा. २९७५ ६८१ हरिबल रास लब्धिविजय गा.१३३ ६७ १८१३ १८१० ६८२ सीमंधरस्वामि विज्ञप्तिरूप ३५० गाथार्नु सावन बालाव० सह उ. यशोविजयजी ज्ञानविमलसूरि ८५ १७९० १०॥४४॥ १०।। ४।। १०1४४|| १०॥४४॥ १०॥४४|| १०॥४४॥ १०॥४४॥ १०11४४|| १०1४४|| १०1४४|| १०.x १०॥४४॥ १०.४४ १०॥४४|| १०1४४|| १०१४४|| मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण उत्तम मध्यम उत्तम मध्यम प्रा.गु. प्रा. प्रा.सं. प्रा.सं. प्रा.गु L DU सं.गु. गु. पा.गु. से गु. मध्यम मध्यम १०१४४| मध्यम १०४४॥ उत्तम १०x४|| उत्तम १०x४|| उत्तम १०x४|| प्रा.गु. गु. मध्यम गु. उत्तम १०॥X४|| १. पालनपुर, प्रथम पर नथी २. रचना-पावती ३. पर १२९१५मुनधी४. मने तरफ चिरपछिका छे ५.रलसागर लि. ६. सर्व धाय २१४३५ पं. रामविजय लि. उदरे करडेली ७.ले. स्थल, पाटण ८. लि. संगयी फोचंद सुरसंग पाटण, रनना-रोठा, हरीगाला ९. पाविजग लि. पटनगरे Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३५) प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तार्नु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या संख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई गु. ६ १९मो १४ १९मो ७ १७७६ १६६२ ११ १७७२ १४७३ जीर्ण मध्यम उत्तम उत्तम १०॥४४|| १०1४४|| १०1४४|| १०१४४। गु. सं. ६८३ समकित सड़सठ बोल सज्झाय उ. यशोविजयजी । ६८४ रामचरित्रादुद्धतश्लोकसङ्ग्रह ६८५ दान शील तप भावना संवाद समयसुदरजी ६८६ दीपालिका कल्प' . जिनसुदर ६८७ दंडकप्रकरण स्वोपज्ञ वृत्तिसह त्रिपाठ गजसार ६८८ पक्तामरस्तोत्र वालावदोष मानतुजसूरि ६८९ मक्तामरस्तोत्र वृत्तिसह मानतुजसूरि गुणाकरसूरि प्रा.सं. ४ १७मो २५ १७८८ उत्तम उत्तम १०१४४/ १०1४४|| वृत.४४ सं.गु. वृ.४४ ३० १७मो वृ.१४३६ सं. १०1४४ ग्रं.१५७२ ६९० भक्तामरस्तोत्र पृत्तिसह त्रिपाठ मानतुझसूरि कनककुशलसूरि १४ १७४३ वृ.१६५२ सं. १०1४४|| वृ.४४ ग्रं.६९३ ९ १८मो २३ २०मो १०1४४|| १०१४४|| गु. मध्यम रत्नचंद्रगणि सं. उत्तम ६९१ अंचलगच्छीय देवसीप्रतिक्रमण विधि ६९२ दंडक ओगणवीसी बोल विचार ६९३ देवाप्रमोस्तवः सामान्य जिनस्तव' वृत्तिसह त्रिपाठ जयानंदसूरि ६९४ दंडकप्रकरण वातावबोध सह गजसार ६२५ सीमधरजिन स्तवन · यशोविजयजी ६९६ श्रावक अतिचार ६९७ शटुंजय सावन प्रेमविजय ६९८ राजपरनीयउपांगसूत्र यालावबोध ६९९ जीमूतवाहन कथानक अभयदान विषये ७०० पंचप्रतिक्रमणविधि अपूर्ण ७०१ कथासङ्ग्रह चूटक ७०२ पडावश्यकविषि ५ १७१२ वृ.१६८२ १९ १९मो २ १९मो ४ १९मो २ १९मो १०1४४|| १०॥४४|| १०.४४|| १०४४||| १०1४४||| गु. मध्यम मध्यम ४१ १८मो उत्तम १०1४४|| ३ १७मो ८ १८मो २५ १९मो १ २०मो AA मध्यम १०॥४४॥ उत्तम १०४४|| मध्यम १०1४४॥ मध्यम १०x४॥ गु. १, सर्पपुर २. पाणी ४ नयी ३ पतनपुर ४. सूरतदर ५. लि. काशीराम पाटण प. लि. विनीतचंद्र Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोन सचिपत्र की प्रति नबर पुस्तक- नाम कर्तार्नु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या संख्या संवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई ३ १८मो ९ १९१४ १७२५ उत्तम उत्तम १०.४४|| १०x४।।। P P p P_; ; ܕ ܪ ܗ̇ ܗ̇ ६ २०मो मध्यम ९|| ४| ७०३ प्रभातप्रतिक्रमण विधि ७०४ नवकाररास सज्झायादि (१) नवकाररास पपविजयजी (२) कको रास मुनि महेस (३) सरस्वती छंद (४) हितशिखामण सज्झाय प्रेमविजय (५) दशवकालिक अध्ययन १-२र्जु (६) वयरकुमार स्वाध्याय पपविजय (७) रात्रीभोजन सज्झाय सोमसुंदर शिष्य ७०५ देवाप्रमोस्तव रत्नाकर- जयानदसूरि पचविशति सस्तबक रत्नाकरसूरि ७०६ सारस्वतव्याकरण बालावबोध' ७०७ कथासङ्ग्रह ७०८ सारस्वत व्याकरण अनुभूति स्वरूपाचार्य ७०९ चतुर्विशति जिन सावन यालाव०सह देवचंद्र (खर.) hai मयसार नाटक बनारसीदास • सस्तबक मेषचंद्र ..२ सारस्वतव्याकरणटीका' चद्रकीर्ति ७१३ उपदेशमालाप्रकरण बालावबोधसह धर्मदासगणि वृद्धिविजयजी उपदेशमालाप्रकरण सस्तबक धर्मदासगणि . शांतसुधारस विनयविजयजी उ. ६ सिद्धदत्त राजर्षि कथा ७१७ सबोधसप्ततिकाप्रकरण सस्तबक रलशेखर (जयशेखर) ७१८ शांवप्रधुम्नरास समयसुंदर ५९ १९मो २६ थी १०४ ८९ १८२९ मध्यम मध्यम मध्यम १०1४४|| १०1४४|| १०४९।। ३८०० ८८ १९मो १४६ १८मो १५० १७६५ १५४ १७मो १७मो मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम १०४४|| १०1४४|| १०॥४४॥ १०x४|| ६९३४ ৩০০০ प्रा.गु सं. २०२ १७६७ या.१७३१ प्रा.ग. ५७ १८मो प्रा.गु. १७ १९मो १७२३ सं. ९ १९मो सं. उत्तम ९॥४४॥ उत्तम १०x४|| मध्यम ९॥४४॥ मध्यम ९ x४|| २४ १९मो १९ १८मो १७२९ प्रा.गु. गु. उत्तम उत्तम १०x४|| ९॥ ४॥ १. राइप्रतिक्रमणविधि २. राजनगर. २. पत्र ९थी २३ नमी ४. पर १४९ उपल ५ पतननगर, पर १०६मुं नमी Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३७] प्रति नगर पुस्तक नाम कानु नाम टीकाकार प्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई. संख्या संख्या संवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई १४ १८१४ १४७३ ४ १८मो १६६२ १२ १८६८ क.१२२ पं.२०० ४ १९मो ६ १७६७ ५२ १८मो १७३८ १२ १८७९ २७ १८मो ५ १७१३ उत्तम १०x४|| उत्तम १०x४) गु. उत्तम ९॥४४| उत्तम ९11४1 उत्तम १०४४।। गु. जीर्ण १०४४।। गु. मध्यम १०x४। प्रा.गु. उत्तम १०४४|| सं. उत्तम १०४४|| गु. उत्तम ९x४| उत्तम ९x४ गु. उत्तम ९x४। ७१९ दीपालिका कल्प जिनसुदर ७२० दान शील तप भावना संवाद समयसुंदरजी ७२१ महावीरजिन निर्वाण सायन गुणहर्ष ७२२ वीरजिन स्तवन गुणहर्ष (तपा.) ७२३ रसवेल वृद्धिचंद्र ७२४ ययरस्वामि स्वाध्याय जिनहर्ष ७२५ श्रीपालरास विनयविजयजी-यशोविजयजी ७२६ पावप्रकरण बालावबोध सह' विजयविमल ७२७ भक्तामरस्तोत्र वृत्तिसह मानतुझसूरि मेघविजयोपाध्याय ७२८ उपधानविधि स्तवन विद्याचंद्रशिष्य उत्तमचंद्र सिद्धपुरमंडण चद्रप्रपजिन स्तुति इंडर मंडण आदीश्वर जिन स्तयन ७२१ आचारागसूत्र प्रथमश्रुत स्कंध बालावबोधसह पञ्चपाठ बा. पार्श्वचंद्र ७३० अष्टोत्तरी स्नात्र विधि ७३१ ईलाचीकुमाररास' न्यायसागर ७३२ आलोचना विधि ७२३ सायन सज्झाय सङ्ग्रह अनेक आचार्य (१) आदीश्वर जिन स्तवन केशरविजय (२) कृष्णजी बारमास (३) निशय व्यवहार स्वाध्याय ईसभूवनसूरि (४) पार्श्वनाथ सावन गुणविमल (५) पार्श्वनाथ स्तवन उदयरत्न (६) आलोयण छपीसी समयसुंदर ७३४ शानसार-पूर्णताष्टक यशोविजयोपाध्याय ७३५ भापक आराधना समयसुंदर ७३६ गौतमकुलक सस्तवक DEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE प्रा.गु. उत्तम उत्तम ७३ १७मो ३२ १८२७ ७ १८३१ १७ १९मो १४ १९मो دي ९॥४४॥ १०x४|| १०४४|| १०x४|| ९||| ४|| في دي في دي تي تي उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम تي १ ५ ४ १९मो १८मो १८६३ تي 4 .4 सं. प्रा.गु. १०४४|| ९|| ४४|| १०x४|| कीनारी करतेली. २. से पालणपुर २. शि हर्षविमल ४. कर्ताए लसेली, एक चित्र पूष्ठिका .५. पर १-२ नथी ६ पालनपुर ७. पत्र ११-१२मुनथी ८. पालनपुर Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र ३८] प्रति नबर पुस्तकर्नु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ४ १७८१ १७०४ गु. ९।४४|| मू१७३३ ३३६४ ८६ १९मो स्त.१८४९ गु. मूगा.३७ १थी ६१७७० प्रा.गु. उत्तम उत्तम ९॥४४॥। मू गा. ५ ८मु ९८ १९मो १७८३ ७ १८३७ प्रा.गु. गु प्रा.गु. उत्तम उत्तम उत्तम ९11x४|| ९॥x४|| ७३७ अरहन्नक-अरणिकमुनिरास' महिमासागर शिष्य आणंद ७३८ वीरजिन स्तुति गर्भित-२ ढुंढकमत निराकरण स्तवन बालाव०सह उ. यशोविजयजी स्त. पाविजय ७३९ दंडकप्रकरण सस्तबक' गजसार सोलसज्ञावर्णन कुलक' सस्तबक ७४० चंदराजारास मोहनविजयजी ७४१ आत्मबोधकुलक सस्तबक जयशेखरसूरि ७४२ पाक्षिकसूत्र-पाक्षिक क्षामणा अवचूरि ७४३ साधुप्रतिक्रमणसूत्र अवचूरि सह पञ्चपाठ ७४४ षडावश्यकसूत्राणि सस्तबक' ७४५ षडावश्यकसूत्राणि ७४६ साधु अतिचार ७४७ पाक्षिकसूत्र-पाक्षिक क्षामणा अवचूरि ७४८ पाक्षिकसून ७४९ पाक्षिकसूत्र सस्तवक अपूर्ण ७५० परिशिष्टपर्व हेमचद्राचार्य १७ १८मो सं. उत्तम १०1४४|| प्रा.सं. 2 mor ३ १४८५ ३८ १७८८ १३ १९मो ४ २०मो प्रा.गु उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०॥४४॥ १०1४४|| १०1४४|| १०॥४४॥ प्रासं. गूर्जर उत्तम जीर्ण ७ १५२४ ३ १७मो ९३+१४ १९मो १२८ १७मो १०४४॥ १०॥४४ १०x४|| १०x४ प्रा.गु. सर्ग.१-१३ उत्तम जयशेखरसूरि देवेन्द्रसरि सं. प्रा.गु. ५६ १८मो १४६२ ७६ १७९२ ९ १६९९ उत्तम उत्तम २५०० ७५२ प्रबोधचिंतामणि ७५३ कर्मग्रथचतुर्थ ससावक ७५४ चतुःशरणप्रकीर्णक अवचूरि" ७५५ चतु शरणप्रकीर्णकर बालावबोध १०.४४ १०॥४४॥ १०.४४ पार्थचंद्र ३३ १७६१ गु. उत्तम १०४४|| १. ज्ञानचंद्र लि २. राजनगरे माणविजय लि रचना-इदलपुर ३. अपूर्ण, पर मुनथी४. अपूर्ण ५ पर८० बरा .रूपविजय सि. बीसलनगर ७. अहमदपुर पर १९९तथा २५२८मुनथी.८ खदिरातय नगर ९. लि. पत्तन नगरेर संभात १०.ति. शुभविनय पिंडरपाडा गाम ११.लि. सुंदरविजय Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नंबर पुस्तक नाम ७५५ आराध्ययनसून दीपिकासह ७५७ कल्पसून सुयोधिका वृत्तिसमास्यामि ७५८ औपपातिकोपांगसून सस्तवक' ७५९ कल्पसूत्र गोधिका वृत्तिसह द्रयास्यामि ७६० सिद्धांतविचार ७६१ औपपातिकोपांगसूत्र वृत्तिसह त्रिपाठ ७६२ पिंडविशुद्धि प्रकरण दीपिकासह जिनवल्लभ ७६३ पाकिसून वृत्ति यशोदेवसूरि ७६४ जयतियणस्तोत्र पाक्षिकशामणा अभयदेवसूरि ७६५ उत्तराध्ययनसून सस्तक ' ७६६ उत्तराध्ययनसून सस्तवक' ७९७ गौतमपृच्छा यालाययोग बीजक सह ७६८ कर्म ७९९ कर्मचष्क गवयक ७७० पृच्छा वालायचोष सह ७७१ क्षेत्रमा प्रकरण" सस्तयक कर्तानुं नाम ७७२ विकाप्रकरण" वातायनोप सह ७७३ ताकयनवृत्ति ७७४ हरिविनचरित्र" ७७५ शाायर्मकयांगसून" ७७९ प्रकरण" सावरि पञ्चपाठ देवेन्द्रसूरि देवेन्द्रसूरि रत्नशेखर जयतिलकसूरि टीकाकार विनयविजयजी विनयविजयजी अभयदेवसूरि उदयसिंह विसालराज जीवविजयजी विसालराज श्लोक संख्या ४३१० भूगा. २६७ यशसोम शिष्य तपा. मू.गा. ९३ (जयसोम) ग्रं. ३६०० अभयदेवसूरि ४७५० ५३३४ पत्र लेखन रचना संख्या संवत सवत २१८ १४९४ प्रा.स. १६३ १७७२ वृ. १६९६ प्रा.सं. ९६ १६७१ पा.पु. २१९ १८१४ पृ. १९९६ प्रा.सं. २४ १७मो ЯIT. १२६ १७मो प्रा.सं. २११७मोडी. १२९५ प्रा.सं. ४७ १७मो सं. ३ १७ मो ११६ १७६५ १४३ १७७१ ३७ ४९ ४५ ६४ १८३४ १८मो १८मो १८मो ६० भाषा १७१३ ६६ १७५३ ९० ७९ १६मो ९० अपभ्रंश प्रा. प्रा.यु. प्रा.गु. ९७मो यू. १९२० प्रा.गु. प्रा.गु. प्रा.गु. प्रा.गु. स्थिति स. सं. प्रा. उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम लम्बाईपहोळाई १० 1 X ४ । । १०४४ ।। १०१ ४४ ।। १०४४ ।। १०] X ४ ॥ १० । ४४ । १०१ X ४ | १० X ४ । १० X ४ | १० X ४ । । १०१ ४४ ।। १० X ४ । । १०४४।। १० X ४ । । प्रा.गु. प्रा.गु. जीर्णप्रायः २०४४ | जीर्ण जीर्ण उत्तम १०४४ ॥ १० X ४ | १० १४४ ॥ १०१४४१ [१२] अभयदेवसूरि पू.गा. १०६ ५ १६६२ प्रा.सं. उत्तम १० । ४४ । १. गजनगर २. विमानशेखर पर भी ९ नथी ३. पहलादनपुर पत्र १६७-१६८ भेगा ४. भीजायेली, एकतरफ चिपृष्ठिका के पत्र ९, १५, १६ नवी ५ प्रथम पत्र नथी ६. जालोर नगरे अभिनय लि. ७. वि. प्रेमनि- भुज नगरे, पत्र २८ हमरा ८ पत्र २६ थी ४९ छे. ९. पत्र ३३ नची १०. नादूरा नगरे ११. चित्र सह १२. मुनि लक्ष्मीरल लिखित १३. पत्र १, २ ८ के १४. सि. लक्ष्मणमुनि १५ सि महिसाणा नगरे, गणि मानविजय ति. Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित अथोन सचिपत्र ४०] प्रति नबर पुस्तकर्नु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १४ १७मो स. उत्तम १०॥४४॥ सघतिलक ७७११ १७४ १६मो १४२२ प्रा.स उत्तम १०॥४४॥ मेघराज ११९१७ प्रा.सं. २७७ १७मो ३७ १८मो ८ १८मो १० १६६५ १०1४४ १०1४४ १०1४४ १०४४। उत्तम उत्तम प्रा. ७७७ पंचनिग्रंथी प्रकरण अवचूरि ७७८ सम्यक्त्वसप्तति प्रकरण तत्त्वकौमुदी टीकासह ७७९ स्थानागसूत्र दीपिका वृत्तिसह त्रिपाठ ७८० तर्कभाषा केशवमिश्र ७८१ प्रतिमापूजा स्थापन विचार ७८२ चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय देवेन्द्रसूरि ७८३ चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय पञ्चपाठ बालावबोधसह देवेन्द्रसूरि ७८४ चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय त्रिपाठ अवचूरिसह देवेन्द्रसूरि ७८५ शातिनाथचरित्र पद्य भावचंद्रसूरि ७८६ शतकप्रकरण (कर्मग्रंथ पचम)' सस्तबक देवेन्द्रसूरि ७८७ शतकप्रकरण सस्तबक' देवेन्द्रसूरि १० १७मो प्रा.गु. उत्तम १०१-४॥ सोमसुदरसूरि २० १७मो २४९ १६५७ प्रा.सं. सं. उत्तम जीर्ण १०४४। १०४४|| ७५ १८मो २७ १८मो प्रा.गु. जीर्णप्राय. १०४४। प्रा.गु. उत्तम ९।४४|| मू.गा.१०० विद्यासागर शिष्य मू.गा.१०० ज्ञानसागर जिनवर्धनसूरि ४२५ ४०० स.गु. सं.गु. ७८८ कल्याणमदिरस्तोत्र सस्तबक सिद्धसेनसूरि ७८९ कल्याणमदिरस्तोत्र सस्तबक सिद्धसेनसरि ७९० कालिकाचार्य कथा ७९१ औपपातिकोपांगसूत्र ७९२ उपदेशरलाकर मुनिसुंदरसूरि ७९३ उपदेशमाला प्रकरण धर्मदासगणि ७९४ कल्पसूत्र सस्तबक भद्रबाहुस्वामि ७९५ चित्रसेनपावती कथा' सस्तबक राजवल्लभ ७९६ जंबूकुमाररास ज्ञानविमलसूरि ६ १९मो १९ १७२१ ८ १९मो ३५ १५७२ २२४ १७मो २८ १८मो १२९ १८मो प्रा. उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम ९||| ४|| १०x४॥ ९||॥४४ १०४४। १०४४।। १०॥४४॥ १०४४। सं. "प्रा. गा.५४४ ३४३६ प्रा.गु. भक्तिविजय ८० १८१९ २४ १८४७ १७३८ सं.गु. गु. उत्तम उत्तम १०४४।।। १०x४|| १००० १. लि. जयविजय २ महिमदावादे लि, परमानद ३. प्रथम पर नथी ४. पत्र २६मुनथी ५ लि. नेतसी ६. पत्र २३-२५-२६-२७ नथी ७. बे बाजु चित्र पष्ठिका छे, कृष्णविजय लि. ८.लि. सुमतिविजय पत्तन Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सी नगर पुग्नक नाम कानु नाम प्रलोक पत्र लेखन संख्या संख्या संपत खना लम्बाई: भाषा स्थिति पहोळाई २४० २४० ८ ११ ७ १७९१ १८४२ १९मो उत्तम उत्तम उत्तम १०१४|| १०४४॥ १०x४॥ गा.४४ मू.गा.९३ ४ १९मो ८७ १८३३ २२१ १८मो १५३५ प्रा. प्रा.गु. से. मध्यम ९x४|| उत्तम १०४४।। उत्तम १०x४|| ९ ८ १७२३ १९मो उत्तम उत्तम ९||॥४४॥ ९ ॥ ४॥ उत्तम २६ १८०५ ५ १७८७ १०४४|| १०x४|| ७२७ चोगीसजिन रावन मानविजयजी १८. चोवीस लिन रतवन' पाधिजयजी ७१९ पोलीस जिन गति-योग' गोगीस मिनत्यवंदन लावण्यविजयजी ८०० दंतकाकरण गजसारमुनि ८०१ कर्मय (सित्तरी) सस्तवक' देवेन्द्ररारि ८०२ शातिनाथ चरित्र गय भावचंद्रसूरि ८०३ गुगरानपकरण लोपनाति मह रत्नशेखर ८०४ "पापनपनमाता राज्झाय देवचंद्र ८०५ मांदनादिभात्याग देवेन्द्रसूरि ८० परासपाद भाष्य-द्रव्य सङ्ग्रह ८.०७ मध्य पिगमना निषियाताना "पोरागोल ८०८ चैत्यवदनादिभाष्याय' স্যা । देवेन्द्ररारि ८०१ शारंग माहात्म्ण मसानक पनेभरमरि ८१० (१० भादपि प्रकरणविधि कौमुदी गोपाटीकासह रलशेखरसहि (२) पानिधि प्रकरण विपि कोमटी स्योपाटीसाराह रलशेखरसूरि ८११ मारणारा रास पभदास ८.१२ गारपरिणापली टीका" धर्मसागर ८.१३ करपा नालापनोर गहित" सोमसोपान परवालस्वामि ११४ विभिगमोपागमूत्र ३ १८४० उत्तम १०.४४॥ १३ १७३३ ६३० १७८८ प्रा.सं. सं.ग उत्तम. १०x४।। मध्यम ९४४| ६७२१ १ थी ५००१७मो प्रा.सं. जीर्ण १०॥४४॥ ५०१ थी १०१८१७मो १८२ १७४२ १६७० ५२१६ २०० १७मो १६२८ प्रा.सं. गु. से. जीर्ण १०x४) उत्तम १०x४|| मध्यम १०४४। सीमाविजयजी २३९ १७०८ गा.१७०७ प्रा.ग १४२ १७मो प्रा. उत्तम उत्तम २०१४ १०॥४४॥ ४८५० ... fi.nurt२ पापी सिपाति. मोजविनगजी ५ रंगनिजगनीतिमात माननीनी पोरा पायजगतो .लि. शागी, र १३५ १ . पा५मासरी १०. रामगन्गारे, पी८ नशी, १९८-१९९नधी, वो पाना नमी ति,रा केशव, पा१५१-१३२ यस १ Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्वानुं नाम श्लोक लम्बाईपहोळाई सख्या ८१५ श्रीपाल स ८१६ श्रीपालरास. सस्तबक ८१७ षडावश्यक बालावबोध ८१८ प्रतिमाशतक सटीक त्रिपाठ' ८१९ नवतत्त्व प्रकरण सस्तबक' ८२० कल्पसूत्र बालावबोध सह ८२१ विपाकसूत्र सस्तबक' ८२२ वीतरागस्तोत्र ८२३ चतुर्दश गुणस्थानक भास ८२४ षोडशकप्रकरण वृत्तिसह ८२५ शालिभद्र धन्नारास ८२६ सिद्धांतचन्द्रिका ८२७ सबोधसप्ततिका बालाव०सह ८२८ सबोधसप्ततिका सस्तलक " ८२९ अष्टप्रकारी पूजा सिद्धचक्रना दूधा ८३० शालिभद्र चोपड़ ८३१ स्तवन सङ्ग्रह - स्तवनावलि (१) वर्धमान जिन वेली (२) वीरहुडी स्तवन (३) गणधरवाद स्तवन (४) सीमंधरजिन स्तवन (५) साधारणजिन स्तवन (६) चतुर्विंशतिजिन स्तवन (७) सीमंधर जिन स्तवन (८) शंभुवरप्रकृति स्तुति (९) ऋषभसमता सुलभ विनयविजय यशोविजय विनयविजय यशोविजय हेमहंस उ. यशोविजयजी स्वोपज्ञ भद्रबाहुस्वामि हेमचद्राचार्य माणिकविजय (तपा.) हरिभद्रसूरि जिनराज (मतिसार) टीकाकार देवचंद्रजी जिनराज (मतिसार) रामचद्राश्रम रत्नशेखर (जयशेखर) जयसोम रत्नशेखर (जयशेखर) सकलचद्र सकलचद्र सकलचंद्र सकलचंद्र सकलचंद्र सकलचंद्र सकलचद्र सकलचद्र सफलचंद्र सकलचद्र यशोभद्रसूरि भूगा. ५४ प्रकाश १ थी २० पत्र लेखन रचना सख्या सवत सवत ९१ १८८६ १७३८ ६० १८८४ १७३८ ९२ १९मो १५०१ १५१ १७७० १३ १९ मो १४५ १६२५ ६५ १७३८ ८ १७७२ १९ १८ मो ५२ १९मो २२ १७५६ १६३८ १०२ १७७१ २० १७५२ १७०३ २० १९७१ *** ४ १९ मो १८ १८२५ १६३८ २३ १८मो भाषा गु. उत्तम १० X ४ । । + उत्तम १० ।। ४४ । । । + उत्तम १० ।। × ४ । । स. मध्यम १० X ४ । । प्रा.गु. मध्यम १० ।। ४४ । । प्रागु. जीर्णप्रायः १० X ४ | प्रा.गु. उत्तम १० ।। ४४ । । स मध्यम १० X ४ । । उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम 3 प्रा.सं. H सं. प्रा.शु. प्रा गु. गु स्थिति गु. गु गु. गु गु गु. गु पु. पु. गूर्जर गूर्जर मध्यम उत्तम उत्तम १० | X ४ । । १०। ।। ४४ ।। १० ।। ४४ । । । १० ।। ४४ । । १० ॥ ४४ ॥ १० । ४४ ।। १० ।। ४४ ।। १० X ४ । । । १० X ४ । । ४रा १. पत्र १८ - १९ भेगां छे. पेथापुरे उत्तमवि. लि. २. भीजायेल, राजनगरे ३. पाटणनगरे लि. ४. नडुलाइनगरे लि., सांधेली छे. ५. लि. पत्तननगरे पुण्यविजय ६. पत्र श्तुं नथी ७. रामधनपुर ८. सुबुद्धिकुशल ९. लि दानचंद्र, पत्तने १०. राधनपुर ११. जीवणविजय, पेसुआ ग्राम Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नयर पुरवतु नाम (१०) सीमंधरजिन सावन (११) चीरजिनावन (१२) सीमंधरजिन स्ववन (१३) सीमगरजिन स्तवन (१४) पार्श्वनाथ सावन (१५) सीमंगरजिन सावन (१६) सीमपरजिन सायन (१७) महावीरजिन सायन (१८) महावीरजिन स्तवन (२२) रमाणी स्तवन (२३) सोमपर जिन स्तवन (२४) सीमंधर दिन सावन ८३२ राग्य शतक सनक ८३३ ८३५ मी कथा पाशिका वाताको मत निपाठ ८३५ गम्य स्वरूप गर्भित सोर राखपक ८३६५ गरि मह (१९) सीमभरनिन सावन सकलचंद्र (२०) पार्श्वनाथजिन सायन सकलचंद्र (२१) गौतम दिपालिका सावन सकलचंद्र सकलचंद्र नयसुंदर सकलचद दिपाल ८३७ भीमराम गलामी गाथानु भावन कर्तानु नाम ८१८ मतक ८३९ सारस्वत पाकरण त प्रथमावृति १ स्वयम् पे सकलचंद्र सकलचंद्र सकलचंद्र सकलचंद्र सकलचंद्र सकलचंद्र सकलचंद्र सकलचंद्र सकलचंद्र भट्टोत्पत्त उ. यशोविजयजी टीकाकार श्लोक संख्या ४५० मू.गा. १०४ पू.गा. १०४ पत्र लेखन रचना संख्या संवत संवत १६ ५ ५ ३ LL" my १८मो १८ मो १२ १८ मो ६ १८२६ १८मो १९ मो १०८ १९मो १३ १९ मो भाषा स्थिति गूर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर पा.गु. . स.यु. प्रा.सु. सं. रा प्रसू सं जीर्ण उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम मध्यम मध्यम लम्बाईपोलाई २०४४।। १० X ४ ।।। १०१ ४ ४।।। १०१४४|| १०१४४|| 201 XYII १०१ १४॥ 201XXIII [४३ Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित प्रथोनु सूचिपत्र प्रति नलर पुस्तकनुं नाम कर्तानुं नाम श्लोक सख्या लम्बाईपहोळाई १० । ४४ । । ८४० पचाख्यान बालावबोध ८४१ चोवीश जिन साजन' बालाव० सह ८४२ पाक्षिकसूत्र पाक्षिक क्षामणा ८४३ प्रतिक्रमणक्रमविधि त्रिपाठ ८५१ जयूस्वामि चरित्र सस्तबक ८५२ जीवविचारप्रकरण सस्तवक .. ८५३ जीवविचारस्तवन देवचद्रजी ८४४ पुण्यपाप कुलक सस्तबक ८४५ षडावश्यक सूत्राणि ८४६ पाक्षिकसूत्र सस्तबक ८४७ प्रत्याख्यानभाष्य सस्तबक' देवेन्द्रसूरि ८४८ प्रतिक्रमण हेतु गर्भ स्वाध्याय' उ. यशोविजयजी ८४९ साधुप्रतिक्रमण सूत्र ८५० साधुप्रतिक्रमण सूत्र सावचूरि जयचद्र गणि वृत्तिसह ८५९ जीवविचार प्रकरण ८६० जीवविचार प्रकरण सस्तवक ८६१ ज्योतिष बालावबोध पद्मसुदरगणि शातिसूरि वृद्धिविजय ८५४ जीवविचारप्रकरण सस्तबक शांतिसूरि ८५५ दशवेकालिक नियुक्ति ८५६ जीवविचार प्रकरण शांतिसूर ८५७ जीवविचार प्रकरण सस्तबक शातिसूरि ८५८ जयतिहुयणस्तोत्र त्रिपाठ अभयदेवसूरि शांतिसूरि शांतिसूरि मुजादित्य ज्ञानविमलसूरि टीकाकार ६०० ४०० ७२५ गा. ४४५ प्र. ५५६ २६४ पत्र लेखन रचना संख्या सवत सवत भाषा १३२ १९मो स.गु ८७ १९ १६ २ ७ 8 m or m ३० १३ ११ ९ ७१ ९ ७ 67 १९ मो १९मो १८ मो १८८१ १९ मो ४ १९२० ow 2 १८८१ १९मो १७४४ १८मो २० १८२२ ९ १६मो १७४२ १८ मो १६ १७७४ ४ १७मो १८ मो १९ मो १८मो ६ १७६८ ११ १८मो ७ १९ मो गु. प्रा प्रा.स. प्रागु प्रास. प्रा.गु. प्रागु गु. F प्रा प्रा.सं. प्रा.गु प्रा.गु. गु पा.गु प्रा. स्थिति उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम १० । ४४ । । । १० । × ४ । । १० । ४४ । । १० X ४ ।। १० X ४ । । १० । ४४ । । १० X ४ । । १० ।। ४४ । । १० ।। ४४ । । उत्तम मध्यम १०४४ ॥ १० । ४४ । १०। ४४ ।। १० । ४४ । । १० X ४ । । १०। X ४ । । प्रा. प्रा.गु. अपभ्रश संस्कृत प्रा. उत्तम १० । ४४ । प्रा.गु जीर्णप्रायः १० १४४ । । सं. १० । ४४ । । म. १०। ४४ ।। गु. १०। ४४ । । । १० । ४४ । । १०१ ४ ४ | १० १४४ | [४४] ८६२ एकादश गणधर देवबंदन ८६३ कोकशास्त्र गद्य अपूर्ण ११ २० मो १. छनीयार लि. विनेकमल २. विसलनगरे लि. हेमविमल ३. रचना-सुरत ४. प्रथम पत्र नथी ५ ने बाजु चित्रपृष्ठिका छे, लि. विवेकविजय ६ लि. देवविजयजी ७. सोमजीमुनि लि. सुरत बदर Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ / नगर परतका नाम कानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लण्याईसंख्या सख्या संवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई प्रा.गु. ३८ १७७३ ६ १९मो १६७८ ६३३ १६९५ ५१४ १६६८ ११२८ मध्यम १०x४|| १०॥४४॥ १०x४। उत्तम १०४४॥ अभयदेवसूरि १८६१६ २३३ १८३१ १७७० गु. मध्यम १०१। ४।। जयसोम मू.गा.१०० १३३ १८०८ प्रा.गु. उत्तम ९॥४४|| ८६४ गौतमपला यालायकोष माह ८६५ गौतम प्रश्नोनर स्तवन' कामदास कवि ८६९ भगवतीगर' ८६७ गतीगा पनि ८६८ श्रीचद्रफेवतीरासआनंदमंदिर रास शानविमलसूरि ८६९ शतक प्रकरण (कमीश पंचम) देवेन्द्रसूरि ८७० श्रासपातक्रमण गर पत्ति देवेन्द्रमूरि ८७१ पनापश्पक गूमाणि याला० सह ८७२ पडायरमक पाणि वाताव० सह ८१३ आगमगारोकार' देवचंद्रजी ८७४ नदीपमापिउपागसूत्र सटीक ठि ८७ करपगुर नातानमोगरार भद्रवास्यामि ८७. नदीपार पागगू वदारुवृत्ति २७२० २२२ १८मो सं.गु. मध्यम १०x४|| ११८ १८०६ १०५ १९मो ९७ १८१९ प्रा.सं.गु प्रा.से.गु. गु. उत्तम ९ x४॥ उत्तम १०x४॥ उत्तम १०४४॥ १८४०० १०४४॥ वृ.हीरविजयसूरि खीमाविजयजी ४५४ १६५० १५९ १८४६ प्रा.स. प्रा.गु. उत्तम उत्तम १०४४॥ शातिचोपाध्याय १४२५२ ४५५ १७मो १६३९ पा.से. उत्तम १०॥४४॥ ८७७ उपगगुर" जीपविजयजी ३११ १७८४ स्त. १७७० प्रा.गु. उत्तम १०१४४| ८७८ शिरगान लिपारसार" पुण्यतिनाग राम जिना ८८९ प्रकाणगुगणि मरणका 21.0 मारकमगगासाक" गिगामा १५१ १८२२ ३८ १८१५ ग. प्रा.सं. उत्तम उत्तम १०x४|| १०४४|| ४ १८मो पा.गु. मध्यम १०४४|| गोपी माप २. ). मोदीनगरेर पार५-१६ मेगा सर पर चोटेरो५ति पालनगर सरकाशसिपन मि . पाटपनगरे गुगल भगो ८ 1५-४२१गो .. एपी १३गी. पानगी, २३.पापतो. १०, गा २८७-२१९ मेगा. पतननगरेपीमति ....पा Renmar Tरमोटवानी माती. म .१२ Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम रचना श्लोक सख्या पत्र लेखन सख्या सवत सवत भाषा लम्बाईपहोळाई १० X ४ । । ८८१ साधुप्रतिक्रमणसूत्र सस्तबक ८८२ पोषदशमी कथा सस्तबक' ८८३ ज्ञानपचीशी वालावबोध त्रिपाठी ' ८८४ प्रवचनसारोद्धार प्रकरण ३ सस्तबक ८८५ दशवेकालिकसूत्र सटीक त्रिपाठ ८८६ दशवेकालिकसूत्र सावचूरि त्रिपाठ ८८७ धम्मिल कथानक पद्य ८८८ धातुरूपावली ८८९ कथासङ्ग्रह गद्य ८९० धर्मनाथ स्तवन ८९१ सूत्राकृतागसूत्र लूटक ८९२ सम्यक्त्व कौमुदी ८९३ साधु अतिचार ८९४ स्यादवाद मंजरी" ८९५ स्थानागसूत्र वृत्ति" ८९६ नेमिनाथ रास जिनेन्द्रसागर बनारसी दास नेमिचद्रसूरि शय्यम्भवसूरि शय्यम्भवसूरि उ.विनयविजयजी मल्लिषेणसूरि पद्मविजयजी नेमिचंद्र रत्नचद्र ८९७ प्रवचनसारोद्धार सटीक" ८९८ प्रद्युम्न चरित्र पद्य ८९९ आवश्यक शिष्यहिता टीका" ९०० अभिधानचितामणिनाममाला" हेमचंद्राचार्य ९०१ अभिधानचिंतामणिनाममाला" हेमचंद्राचार्य टीकाकार समयसुदर अभयदेवसूरि 'सिद्धसेनसूरि हरिभद्रसूरि मू ७०० टी. ३४५० पद्य. २४२ क. १३६ ७ १८ मो ८ १८७८ २२०० कांड. १-६ १६४६ ४ १८ मो १४८ १९मो प्रा.गु. ११७ १७७२ टी. १६९१ प्रा.सं. ३७ १७मो ७ १६५९ १८मो १६ ६५ १७९१ ७ ७८ २६ २ १९मो १७१६ १८ मो १७मो १८मो ३२०० १४६६१ ७२२५ २७३ १८२१ १८२० १८००० ३५६ १६७३ १२४२ १०६ १७मो १६८१ प्रा.गु. स.गु. ६८७ १६५३ ९९ १८ मो ७१ १७४१ व्रजहिदी उत्तम सं. गु. प्रा. 4.AA ३६ १६मो सं ३०१ १७मो ११२० सं. स. स्थिति पु. प्रासं. उत्तम उत्तम स. सं. सं. सं. प्रा.सं. जीर्णप्राय. १०x४ । । सं. उत्तम १०४४। मध्यम मध्यम उत्तम जीर्ण जीर्ण मध्यम उत्तम उत्तम जीर्ण ९ ।। ४४ ।। उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण उत्तम १०x४ । १० X ४ ।। १० X ४ । ९।। ४४ ।। १०४४। १०१ ४४ ।। १०४४। १०४४। १०४४। १०x४ । १०४४। १०x४/ १० X ४ | १० X ४ । ९ ।। ४४ । १०४४ ।। [४६ ] १. रत्नविजय लि. भीनमाल २. भाग्योदयविमल ३. पत्र १०९ डबल, ११२, ११३ भेगां छे. ४. टीका रचना-स्तंभतीर्थ, लि. पत्तन ५. पत्र बीजु नथी ६. गणि जयविमल लि. ७. रचना-सुरत ८ लि. नागपुर, उधईथी भक्षित, जोपी तुलसीदास लि. पत्र १थी ३१ तथा ५८थी ६१ नथी ९. लि. पं. मेरुविजय १०. ईलादुर्ग ११. पत्र १८४-२९७ डबल छे. १२. पत्र २३८ मुं डबल छे, सिद्धपुर नगर १३. पत्र २४१-२४२ भेगां छे. लि. पंढया कला सुत रहीया १४. लि. महे विष्णुदास १५. ऋषि मनजी लि. पत्र १शी१७, २५थी७३, ९९मुं नथी १६. लिंचग्राम लि. केशरविजयजी, पत्र ६२मुं नथी. Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतियर गरुनु नाम का नाम टीकाकार प्रलोक पत्र लेखन रचना सम्ज्या सख्या सवत सवत लम्याई भाग स्थिति पहोळाई ९०२ 'अमरसेण पयरसेणकथानक ८ १७०४ मध्यम १०४४ १० १८मो उत्तम ९x४|| (२) महावीर सावन रंगविजय उत्तम (२) राजय सावन जयविमलजी उत्तम (४) शांतिनाय स्तवन मेगविजयजी उत्तम २०४ अटोत्तरीस्नारविधि अपूर्ण ४ १९मो उत्तम १०x४|| २०५ कल्पना यालापनोष सह' भद्रबाहुस्वामि खीमाविजयजी २३९ १७०९ वा. १७०७ प्रा.गु. उत्तम १०४४|| ९०६ सामुद्रिकशास्त्र ३ २०मो मध्यम १०१-४॥ १०७ साशुपतिक्रमणगूर बालावयोष ८ १८मो ग. जीर्ण १०x४| ९०८ मिद्धपनाशिफास्तव अपरि सर त्रिपाठ देवेन्द्रसुरि ४ १६६२ प्रा.सं. उत्तम १०x४॥ ९०१ गोमगरम्यामि सवासों गाचारापन यशोविजयजी २००७ १७६७ गु. उत्तम १०1४४|| ९१० गम्गवस्नय सापचूरि पन्यपाल १८मो प्रा.सं. मध्यम १०x४|| १११ सम्गालकौमुदीकथा ३४ १७मो स. उत्तम १०x४॥ ९१२ समपट्टक सावरि त्रिपाठ अप.सागुकीर्तिगणि मू.का. ४० १४ १८मो अवरिष९१९ से जीर्ण १०४४॥ ও পানীয় उ. यशोविजयजी ११ १९मो गु. उत्तम १०x४॥ ९१८ गारपतिक्रमण मसावक' ৩৩৭ २० १८०० प्रा.गु. उत्तम १०x४॥ ९१५ वामपूग्य पुण्यप्रकारा' सकलचंद्रोपाध्याय २४ १७७९ गु उत्तम १०11x४|| ९१६ साउदाष्ट्र ग्वाध्याय गलगा (योगाट गाणाग) उ. यशोविजयजी ज्ञानविमलरि गाथा.७६ २३ १८४६ गु. उत्तम १०४४|| १३ १९मो सं.पा. सारी २०१४ || ९१८ मासेनानी कथा राजवल्लम १६ १९मो १५२४ सं. उत्तम १०४४|| ९१९ समाग प्रकरण নাম নানীস। पन्मणार पूर्ण रलरोरारगरि १२ १८मो प्रा.ग. उत्तम १०५४।। ..". मी . मी. रमा लि. मामिपत्री ५ पार पानी पर नदी ७ पन ८th HERE. पगम नगी Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [४] प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानुं नाम श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या सख्या सवत सवत भाषा लम्बाईपहोळाई स्थिति ९२० जंबूद्वीपसग्रहणी वृत्तिसह त्रिपाठ ९२१ शिखास्वाध्याय गूहली सग्रह (१) शिलास्वाध्याय (२) शीलनवाढ सज्झाय (३) गूहली (४थी७) गूढला (८) गूहली ९२२ द्वादश व्रत टीप विधि ९२३ यासठ मार्गणा द्वारविचार ९२४ वेराग्यशतक सस्तनक ९२५ एकवीस स्थान प्रकरण ९२६ सिन्दूरप्रकर सस्तबक अपूर्ण ९२७ प्रतिक्रमण विधि ९२८ योगशास्त्र स्वोपज्ञ वृत्तिसह हरिभद्रसूरि मोतीचंद महिमाप्रभसूरि वीरविजय अमृतविजय पद्मविजय षष्ठप्रकाराची द्वादशप्रकाश पर्यंत हेमचद्राचार्य ९३१ मेघदूत काव्य ९३२ भगवतीसूत्र वृत्तिसह सिद्धसेन सोमप्रमाचार्य ९२९ योगशास्त्र चतुर्थप्रकाश पर्यंत हेमचद्राचार्य ९३० सम्पन्न कौमुदी पञ्चपाठ त्रूटक ९३३ चद्रपवल धर्मदत्त कथा ९३४ नरपतिचर्या ज्योतिष (हीर कलश) कवि कालीदास माणिक्यसुंदर टीकाकार अभयदेवसूरि काव्य १२६ x mr ४ ४१० ३ २ १९मो ६ १७७२ ११ १८ मो ६ १७मो १८ १९मो ७ घी २२१९मो r ww १६५९ १९मो २२ १५५७ ३१ १६मो ९८ ६ ३६ १७मो १७ १७मो कुल पत्र ६८ २७थी६२ १८मो २९ थी ५४ १५६४ १७मो ५३ प्रागु. गु. गु. गु गु. पु. गु. पु. १७ मो १७मो प्रा.गु प्रा. सं.गु. गु.प्रा. सं. सं. सं. सं. प्रा.सं. सं. सं.गु. उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम प्रा.गु. सं. सं. मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण जीर्ण जीर्ण उत्तम मध्यम उत्तम जीर्ण मध्यम १० X ४ | १० X ४ । । । उत्तम उत्तम उत्तम ९३५ सूत्रकृतांग प्रथम श्रुतस्कघ बालावबोध सह पञ्चपाठ ९३६ कथाओ गद्य १३ (१) गुरुपद्र कथा ( वसतिदाने) १-३ १ लि. कीर्तिविमल, किनारी करडेली छे २ लि. सुरति बंदर ३. लि. विमाविजय ४ पत्र ६ नथी ५ कापडहेडा ६ अणहिल्सपुर पत्तन लि. त्रवाडी हरदास ७ पत्र १-२ नथी १० X ४ | १०४४ ॥ १० X ४ । । १० । ४४ ।। १० ।। ४४ ।। १०||| ४ || ११ × ४ १० ।। ४४ ।। १० X ४ | १० X ४ | १० X ४ | १० X ४ | १० ॥ ४४ ॥ १० ।। ४४ Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंतर पुन नाम (२) पाकर कथा ( शय्यादाने) (३) करिराज कदा (आनदान) (४) कनक कथा (आहारदाने) (५) किया (पानाहारदाने) (६) रेवती कथा (गजदाने) (७) कथा (खाने) (८) धनपतिकथा (गुपादाने) ९२७ पदार्थी टीका ९३८ अभिधानचितामणिनाममाला' हेमचंद्राचार्य २३९ आना प्रथम कारक सावक ९४० कार अध्याय १~१६ १४१ साधुकमण वातावयोग सह ९४२ रुपकरण त्रिपाठ आयोग मह १४३ वीग स्वन १४४ माम मा १४५ शानसार अटक १४६ अध्यात्मपरीक्षा अपूर्ण १४० काराग ९४८वश्वावसोय १४९ रत्नाकरपंचविशति सासू विधाल 2701 B-4 कर्ता नाम रुद्रट गजसार उ. गोविन उ यशोविजयजी रत्नाकररि टीकाकार माधव टी. शिवादित्य मरियनि श्लोक सख्या कांड भी ६ १५९१ ६९५ पृच. २५ पत्र लेखन रचना लम्बाई: सख्या सवत संवत माषा स्थिति पहोळाई ३-४ ४-६ ६-७ ७मुं ७-९ ९-१२ १२-१३ २७ १६१८ १७मो ३६ ५० १७ मो २४ १६३६ २० २ २ १८ मो १९१८ २० मो ५३ १९ मो २४ १९ मो ५ १७मो ७२ ९८४७ ང་ १६१४ १९ गो 好 सं. स. सं. सं. सं. सं. सं. सं. स. प्रा.गु. सं. प्रा.गु प्रागु FE 3 सं.गु. गु. उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम म. उत्तम उत्तम उत्तम पा.गु मध्यम उत्तम गु. उत्तम उत्तम १० X ४ १० ।। ४४ मष्यम १० X ४ १०१x४ उत्तम १० X ४|| उत्तम १० X ४ ९।। X ४ १०१x४/ १० ४४ ॥ १०४४।। १०४४।। १० X ४11 १०१४४ [ ५९ ] Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाठामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम श्लोक सख्या पत्र लेखन रचना सख्या सवत संवत भाषा लम्बाईपहोळाई ९५० पार्श्वनाथ स्तवन सङ्ग्रह ९५१ सिद्धांत बोल विचार ९५२ श्रीपालरास अपूर्ण ९५२ योगविधि' ९५४ यशोधर चरित्र पद्य अध्याय १ थी १४ ९५५ जीवविचार प्रकरण समालावबोध ९५६ सीमथरजिम स्तवन ९५७ षट्आरास्वरूपक श्रीवीर जिन स्तवन ९५८ छान - छावण मुहूर्त ज्योतिष ९५९ नवतत्त्व प्रकरण सस्तलक' ९६० शतेश्वर पार्श्व पंचकल्याणक गर्भित प्रतिष्ठा कल्प स्तवन ९६९ सद्ग्रहणी प्रकरण सस्तयक ९६२ साधु वदना ९६३ सिद्ध पचाशिका स्तव सावचूरि त्रिपाठ ९६४ पाक्षिकसूत्र पाक्षिकखामणा ९६५ पुण्यप्रकाश स्तवन ९६६ साधु अतिचार ९६७ महादडक - अल्पबहुत्व' बोल विचार ९६८ प्रतिक्रमणसूत्राणि ९६९ प्रतिमास्थापनागर्भित महावीरजिन स्तवन बालावबोध ज्ञानविमलसूरि आदि उ. चिनयविजय यशोविजयजी माणिक्यसूरि शातिसूरि सिद्धिविजय देवीदास रंगविजय श्रीचंद्रसूरि पार्श्वचद्र देवेन्द्रसूरि टीकाकार जिनयविजयोपाध्याय पच १०७१ गा. ५० मूगा. ३४५ १८ १९ मो १४ १९मो २ थी १५१९ मो २०१७मो १६१६ ३१ ११ १७ मो १० १९०० ७ १८ मो १९ १८७५ ८ १८ मो १३ ५३ ५ १६ ६ ४ १८५८ १९ मो १७७५ 分ㄨ १८२१ १९ मो १९मो २० मो १९ मो १९ १९मो गु गु गु. गु स. प्रा.गु. गु. गु. गु प्रा.गु. प्रा गु. प्रा. स्थिति गु. गु मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम मध्यम १० X ४ । । । १० X ४ ।। १० X ४ । । । १० X ४ | १० X ४| गु. उत्तम प्रा.गु जीर्णप्रायः १०x४ ।। गु. उत्तम १०४४ ।। जीर्ण मध्यम उत्तम उत्तम १० । ४४ ।। १० X ४ । । । १० X ४ । । । १०४५ ९ ।। ४४ ।।। ९। ।। × ४।। १०४४ ।। ९।४।। १० X ४ । । । गु उत्तम १०४ ॥ प्रास. जीर्णप्रायः ९ ॥ ॥ ४४ ॥ यशोविजयोपाध्याय १३ १९मो गु उत्तम १. प्रथम तथा अन्तिम पत्र फाटे २ वा शुभवर्धनागणि लि. पत्तन ३ पत्र १थी ६ सुधी स्तबक छे ४ जीर्ण दुर्ग ५ प १ थी ५ नथी ६ द्वितीय पर उबल छे ७. पर १६मु नथी ९।।४।। [५० ] Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ का नाम टीकाकार लोक पत्र लेरान रखना सम्माई सख्या सरख्या संवत मंवत माला स्थिति पहोळाई ३१ १८७२ १८ १७मो उत्तम ९॥१४॥ उत्तम ९ x४|| प्रा.गु ३ १९मो ७ १९मो १० १९मो उत्तम ९ ॥ ४॥ मध्यम ९x४|| मध्यम १०४४|| १७० निमारगायनागर्मिी मनावीर दिन गयन पालावयोग मन यशोपिजगोपाध्याय २७. मातत्यपमरण गालावयोपासत पार्भचद्र मू.गा.४२ ९७२ सापुगक्रमण पगाम मन्याय) १२३ दश भावना स्वाध्याय 3. मकाचंद्र गा.९१ ९७४ पियोशनिधि ९७५ नामकरण पालापयोग मह कटुगचीय कल्याण मूगा.४७ ग्र.३७५ २७९ नगर अतिचार २. मानवमीकथा मरनवक' (गोपाग्य पंचमी) कनकाशल २१८ परमीक्षिा मापन केशरपूरात २१ भागा गोवर्धन ९८० लायकगागरा १७०० २८१ गाभद सन्चाग लाल विजय २८२ प्रकरण मावरि' १२ १७४९ वाला.१७१२ प्रा.गु. मध्यम ९x४| ३ १९मो गु. उत्तम १०x४|| से.गु गु १६ १९०८ १६५५ ५ १८मो १७७८ ४८ १६८५ १५६ १६५६ ३ १९मो उनम ९४४|| १०४४|| मध्यम ९॥ १४॥ उत्तम प्रा.से. उत्तम ९x४ ८ १७२२ ८ १७०८ १७ १९मो पा. उत्तम १०४४|| ३० १७४६ प्रा.गु. मागम १८३माणमंदिर गोत्र गस्तवक सिद्धमेन दिवाकर १८४ सय १ थी ५ देवेन्द्रगरि २.५ लादनादि पामार्ग महाना १८६, कर्मचारी गारमा मार्ग ২৫ মায়ায় শী ९४८ आरामकरण तारापना सोमरि ९॥ ५४|| ४९ १९मो प्रा.ग २०३१ २३ २६मो ४ १७मो पा. नम:T. Timit : उन 11 उत्तम १०x४१ उत्तम १०१४॥ Pwar hair R RET ५५ नगी देवाय १८-१९-२०ी Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित प्रथोनुं सूचिपत्र पति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या सख्या सवत सवत भाषा ९८९ आराधनाप्रकरण पर्यंताराधना सोमसूरि सोमसूरि ९९० आराधनाप्रकरण सस्तबक' ९९१ अनुत्तरोपपातिकदशागसूत्र विवरण ९९२ पीस्तालीशआगमगर्भित अष्टपकारीपूजा ९९३ अजितशातिस्तव सस्तयक' ९९४ वासुपूज्य पुण्यप्रकाश स्तवन ९९५ आदिनाथ वीवाहतु ९९६ (१) अध्यात्म सज्झाय आदि वीरविजयजी नदिषेण सकलचद्रोपाध्याय मणीचंद्र दयाळूशल (२) अध्यात्मनवक्रिया सज्झाय (३) रागमाला (४) अध्यात्म सज्झाय (५) तीस बीस (६) पचानुष्ठान वीसी (७) गीत (८) सप्तवार सज्झाय (९) रात्री भोजन सज्झाय (१०) पार्श्वनाथ पचकल्याणक स्त. (११) मरुदेवी सज्झाय (१२) चदना सज्झाय (१३) सुमति सज्झाय (१४) पार्श्वनाथ केवलज्ञान स्तवन टीकाकार अभवदेवसूरि (१५) विमलजिन स्तवन (१६) नवग्रहहितोपदेश सज्झाय (१७) पदर तीथी सज्झाय (१८) धर्मजिन स्तवन १ राजवर्धनमणि लि. २. नारेजा लि नेमविजय ३ सुर्यपुर नगरे चारित्रवर्धन गा ७० १०५ ३५० ६ ९ ४ १७मो १७मो १४ १५ १६०६ ८ ९ १७३१ १८मो १७७२ १८८५ १८८१ १५ १९मो प्रा प्रागु स गु. प्रा.गु गु. गु पु. - स्थिति उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम लम्बाईपहोळाई १० X ४ | १० X ४ १० X ४ | १० X ४ ॥ १० X ४ १० X ४ | ९ ।। ४४ । १० X ४ । । [42] Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नतर पुस्तक नाम कानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसंख्या सरख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई उत्तम उत्तम १६५५ १६ १७मो ४ १७मो ४ १९मो १२ १८मो १०४४॥ ९x४ ९||1X४|| १०x४) उत्तम उत्तम ३१ १७मो ३१ १७मो ९||| ४|| १०111४४ प्रा गु. (१९) ऋषभदेव स्तवन (२०) लेश्याषट्कसज्झाय (२१) समदृष्टि सज्झाय (२२) अध्यात्मप्रबोध सज्झाय (२३) जीवप्रतिन्योध सज्झाय (२४) अध्यात्म सज्झाय ९९७ पडावश्यकसूत्राणि ९९८ शानपंचमी-सौभाग्यपंचमी कथा कनककुशल ९९९ कथासङ्ग्रह १००० पुरंदरकथारास भावदेवसूरि १००१ सुभाषितानि स्तोकसङ्ग्रह सटिप्पन १००२ कर्मविपाक प्रथम कर्मग्रंथ तथा देवेन्द्रसरि कर्मस्तव द्वितीय कर्मग्रंथ सस्तबक ००३ भवभावना प्रकरण मल. हेमचद्रसूरि 20४ ओपपातिकोपागसूत्र सस्तवक ०५ दशवेकालिकसूत्र शय्यम्भवसूरि . २००६ दशाश्रुतरकंधसून सस्तवक' १००७ उत्तराध्ययनसून १००८ चतुर्पी रास १००९ सूतकृतागसूत्र १०१० द्वादश वत कथा सङ्ग्रह त्रूटक' १०११ कल्पसूत्र सस्तवक' भद्रभाहुस्वामि १०१२ सूनकूवागरात प्रथम श्रुतस्कंध १०१३ विवेकमंजरी पकरण कवि आसड १०१४ उपासकदशागरान १०१५ पाक्षिकसूनवृत्ति १०१६ दशवेकालिकसून सवालावरोध शययम्भवसरि प्रा. गा. ५३१ ११७५ प्रा.गु २३ १६मो ८६ १७०२ ५० १८मो ५१ १७९५ ७८ १८मो ९ १७मो प्रा. प्रा.गु. २००० ३६ जीर्ण उत्तम मध्यम उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम जीर्ण मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०||1XI १०111x४|| १०11X४ १०11X४|| १०11४४|| ११11४४ १०111४४० १०॥४४॥ १०॥ ४॥ १०|| ४|| १०॥४४॥ १०11४४ १०॥ ४॥ १७मो प्रा.गु ८२ १६८२ ३४ १७मो ७ १७मो ३१ १५७० ७६ १५०२ ८१२ यशोदेवसूरि ११८० सं. राजहंसोपाध्याय ४५ १६३० प्रा.गु. जीर्णप्रायः १०.४४ 1. अपूर्ण, पाणी २ नथी २. रोनक नोदा मनमाराम, नागपुर २. पाको फाटी गया छे ४. कृष्णगउ लि जोगोपाल ५ अध्ययन १ भी १० Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनू सचिपत्र ५४ प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १०१७ अध्यात्मकल्पद्रुम सस्तबक मुनिसुदरसूरि १५०० ४६ १७मो सं.गु. मध्यम १०॥४४॥ १०१८ अनुयोगद्वारसूत्र २००० ५९ १७मो प्रा. जीर्णप्रायः १०॥४४॥ मूगा. १६०४ १०१९ अंतकृदशागसूत्र सटीक पञ्चपाठ अभयदेवसूरि ८९० २४ १७मो प्रा.सं उत्तम १०२० प्रकीर्णकविचारवार्तिक २० १८मो मध्यम १०॥४४॥ १०२१ षडावश्यकवृत्ति ५३ १७मो सं. उत्तम १०॥४४॥ १०२२ कथासङ्ग्रह १२ १७मो उत्तम १०॥४४|| चुल्हकोपरि देवराजकथा उत्तमचरित्र १०२३ लघुक्षेत्रसमास प्रकरण रत्नशेखर गा.२६३ ११ १६मो उत्तम १०॥४४॥ १०२४ चित्रसेन-पद्मावती कथा राजवल्लभकथा १९ १७मो १५२४ उत्तम १०॥४४॥ १०२५ वसुधारा ४ १६९४ १०.४४ १०२६ आवश्यकसूत्रनियुक्ति ३६ १४८५ उत्तम १०x४|| १०२७ अनुयोगद्वारसूत्र मू.गा.१६०४ ५१ १५९८ उत्तम १०11४४|| १०२८ नंदिसूत्र देववाचक २० १५०२ मध्यम १०111४४|| १०२९ सारस्वत व्याकरण प्रथमावृत्ति अनुभूतिस्वरूपाचार्य ११ १८मो उत्तम १०|| ४|| १०३० दशविधयतिधर्मसज्झाय ज्ञानविमलसूरि गा १३६ ६ १७७४ गु. उत्तम १०॥४४॥ १०३१ दशविधयतिधर्मसज्झाय ज्ञानविमलसूरि ९ १९मो १०॥४४॥ १०३२ सयमश्रेणिगर्भित वीरजिन स्तवन सस्तबक उत्तमविजयजी मू.कडी.५१, ११ १९मो १७९९ गु. मध्यम १०॥४४॥ ग्रं. ४१४ १०३३ सप्त स्मरण सस्तबर्क ३९ १८७८ प्रा.सं गु मध्यम १०॥४४॥ १०३४ अनुत्तरोपपातिक दशागसूत्र १९२ ६ १७मो प्रा. उत्तम १०x४॥ १०३५ शिशुपाल महाकाव्य (माघकाव्य) पचमसर्गपर्यंत अवचूरिसह पञ्चपाठ माघकवि ३० १७मो स, उत्तम १०४४। १ शातरसभावना सस्तबक २ कपासण नगरे धनवर्धन लि ३. पत्र १ थी १६ नभी अपूर्ण ४, प्रगम पत्रमा एक तीर्थकरने चित्र तथा एक गोतम स्वामीनु चित्र ओम बे चित्र ५ गुर्जर खडे तारापुर नगर लि. राजकीर्ती ६ पतन नगर ७. पत्र जु नथी ८. रचना-सुरत लि अहमदाबाद पं सुन्दर वि. ९. लि जगाणा गोरजी राघवजी १० पथम फा नथी, पर १३-१५-१६ तथा १९ थी २२ नथी Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या सख्या संवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई सुमतिसूरि मू.७०० टी. ३७५० ८ १८मो ___६८ १७मो ९१ १७मो स. प्रा.सं. प्रा. उत्तम उत्तम जीर्ण १०१४४. १०।।४४| १०४४। मेरुसुंदर ६५० १४७ १७मो १५२५ प्रा.गु. उत्तम १०४४ मेरुसुंदर मलयगिरि १६० १७मो २५७ १६१९ प्रा.गु. स. जीर्ण १०४४|| जीर्णप्रायः १०१-४ स गु. मध्यम उत्तम अभयदेवसूरि १८६१६ ११२८ १०३६ अमरसेन-वयरसेन कथानक १०३७ दशवेकालिकसूत्र सटीक त्रिपाठ' शय्यम्भवसूरि १०३८ अष्टप्रकारी पूजा कथा चद्र महत्तर १०३९ शीलोपदेशमालाप्रकरण सबालाववोध जयकीर्ति १०४० शीलोपदेशमालाप्रकरण सवालावबोध अपूर्ण जयकीर्ति १०४१ जीवाभिगमोपांगसूत्रवृत्ति १०४२ शत्रुजयमाहात्म्य सस्तबक द्वितीय सर्ग पर्यंत धनेश्वरसूरि १०४३ प्रज्ञापनोपांग सूत्र १०४४ भगवतीसूत्रवृत्ति १०४५ जंबूद्वीपप्रज्ञप्तिउपागसूत्र' १०४६ आवश्यक शिष्यहिता वृत्ति' १०४७ शत्रुजयमाहात्म्य अपूर्ण धनेश्वरसूरि १०४८ सारस्वतमाधवी वृत्ति १०४९ प्रज्ञापनोपाग सूत्र वृत्ति १०५० प्रश्नव्याकरण वृत्ति १०५१ मेघदूत काव्य सावचूरि" पञ्चपाठ कवि कालीदास १०५२ प्रश्नव्याकरणसूत्रवृत्ति १०५३ प्रश्नव्याकरणसूत्रवृत्ति सह त्रिपाठ १०५४ प्रश्नव्याकरणसूत्र १०५५ भक्तामरस्तोत्र बालावबोधसह मानतुझसरि १०५६ दशवेकालिक बृहवृति" द्वितीयाध्ययन पर्यंत हरिभद्रसूरि हरिभद्रसूरि २२००० १०० १९मो ३१२ १७मो ३५६ १७मो १५२ १७मो ४६९ १७मो ११० १७मो ४९ १८मो २८३ १६२३ १०२ १७मो उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०॥४४॥ १०|| ४| १०॥४४ १०x४) १०|| ४| १०॥४४ १०१४४/ १०|| ४| १०॥४४॥ मलयगिरि १४००० अभयदेवसूरि १६४४ मूश्लोक.१२६१२ १०२ १८मो स सं. उत्तम मध्यम १०।४४/ १०|| ४| अभयदेवसूरि अभयदेवसूरि १७मो १२५५ ४६२० १११ ३३ १५९६ ३१ १८मो प्रा.सं. प्राकृत स.गु उत्तम उत्तम उत्तम १०॥४४॥ १०.४४| १०1४४| विनयसुदर ७८५ ८१ १७मो स. जीर्ण १०x४ यी एक किराने का एक र१ २०९ नयी ७ १. १८९८९९ नथी २ विजयचद्रकेवलीचरित्र अंतर्गत ३. लेखक-नाथु पत्र ७९-८० मेगा छे. ४. पत्र १५४ थी १५७ नथी ५ एकराजु चित्र पुष्ठिका छे ६. पत्र ११२४, नथी ७.ले. स्थल मालपुर ८, पत्र ५३ तथा ५८ डबल छे ९. वृत ४४ १० पत्र १-२-५-६-१० थी १७-१९ थी २७-२९ थी ३८-५३-५४-५६ थी ६०-६२ थी ७३ नथी, ८१९ डबल छे, Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण पाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र पक्षा पति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसंख्या सख्या संवत संवत भाषा स्थिति पहोळांई स्वोपज्ञ प्रा. मलयगिरि अभयदेवसूरि अभयदेवसूरि १०५७ श्राद्धविधि-विधिकौमुदी टीकासह रत्नशेखरसूरि १०५८ बृहत् सप्तपदिका महेन्द्रसूरि १०५९ कल्पसूत्र मूल अपूर्ण भद्रबाहुस्वामि १०६० कल्पसूत्र मूल भद्रबाहुस्वामि १०६१ नवतत्त्व प्रकरण अक्षरार्थ सह । १०६२ कल्पसूत्र मूल भद्रबाहुस्वामि १०६३ पंचसङ्ग्रहप्रकरण टीका सह १०६४ पंचाशकप्रकरण सटीक हरिभद्रसूरि १०६५ पचाशकप्रकरण सटीक हरिभद्रसूरि १०६६ नवतत्त्व बोल १०६७ नवतत्त्व प्रकरण १०६८ पार्श्वनाथचरित्र गर्घ उदयवीर १०६९ सिद्धांतसारोद्धार १०७० नवपदपूर्जा १०७१ नवकार बालावबोध" १०७२ भक्तामरस्तोत्र सटीकर. मानतुङ्गसूरि १०७३ चैत्यवदनादि भाष्यत्रया ___ सस्तबक । देवेन्द्रसूरि १०७४ श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्रवृत्ति देवेन्द्रसूरि १०७५ षडावश्यकसूत्राणि सस्तबक" १०७६ प्रक्रियाकौमुदी रामचंद्राचार्य १०७७ जीतकल्पसूत्र वृत्ति तिलकाचार्य १०७८ जयानदकेवलीचरित्र मुनिसुंदरसूरि १०७९ जीवानुशासन सटीक देवसूरि १०८० जीवविचार प्रकरण सबालावबोध शातिसूरि ६७६१ ४३ थी १०९१७मो १५०६ १४१ १७मो १२९४ १२ १९मो १२१६ ८४ १७मो मू.गा.४१ १६ १५९३ १२१६ ६४ १६मो ३७३ १५२५ ९९८२ १४१ १६६२ ८७५० १५४ १६५४ ८ १८मो गा.१०१ १८३० १४६ १८मो ७० १९मो प्रा.सं. उत्तम १०1४४|| सं. उत्तम १०x४ प्रा. उत्तम १०x४| उत्तम १०1४४॥ प्रा.गु. मध्यम १०1४४] प्रा. जीर्णप्रायः १०x४ सं. उत्तम १०१४४|| प्रा.सं. उत्तम १०४४। प्रा.सं. उत्तम १०४४। मध्यम १०x४| उत्तम १०४४|| उत्तम १०1४४|| मध्यम १०x४|| उत्तम १०१४४|| उत्तम १०.४४ उत्तम १०1४४|| ९ ११ १९मो १८मो गुणरत्न वृत.४४ प्रा.गु. वदारुवृत्ति २७२० २७ १८०७ १०० १७मो २३ १७मो ७४ १७मो ३८ १७मो १३३ १६मो ४५ १६मो प्रा.गु सं. उत्तम उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०४४| १०४४। po1 X 81 १०१४४ १०१-४ १०1४४|| १०1x1 ११४७ ६६५० स्वोपज्ञ सं. प्रा सं. ११६२ ११ १७मो पागु १०.४४) १. पर ३६-३७ भेगो छे. २ पत्र ११-१२ डबल छे. ३. वा नयकीर्ती लि. ४. पत्र २ थी १२ नथी, १३९ डबल छे. ५ पर ४७-४८ + १८१-१८२ मेगां, पत्र ७३- १६५ डबल ले, ६. पत्र ७२ मुं नथी ७. जीरणगढ मुनि नेणसी लिखित ८ फा ९५९ नथी ९ कान्तिरल खेटकपुर ग्रामे १०. प्रथम पत्र नधी ११. चित्र पृष्ठिका सह १२. लि गुलालविजय १३ लि गुणराज, पत्र १५ थी २० नथी १४. बे बाजु चित्र पष्ठिका छे. १५. लि महिराज १६ लि. राउल दामोदर Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कानुं नाम प्रति नंबर पुस्तकनु नाम टीकाकार लम्बाई श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति। ६ १५८३ प्रा.गु. उत्तम १०१४४ ११ ३ १९मो १६९० उत्तम उत्तम १०१४४|| १०१४४ स.गु. ५ १८मो ९ १७८५ ४ १७मो २६ १७मो उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०x४| १०४४॥ १०॥४४| १०1४४) १०८१ जीवविचार प्रकरण सबालाववोध शातिसूरि १०८२ जिनप्रतिमापूजनविधि अधिकार १०८३ स्तोत्र सङ्ग्रह (१) पार्श्वनाथ महाविद्यामयस्तोत्र (२) ज्वालामालिनी स्तोत्र १०८४ जन्मपत्रिका विचार सस्तबक १०८५ जल्पमंजरी' १०८६ जीतकल्पसूत्र १०८७ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र जिनकीर्तिसूरि १०८८ श्राद्धविधिप्रकरण विधि-' कौमुदी टीका सह रत्नशेखरसूरि स्वोपज्ञ १०८९ कथासड्ग्रह गद्य १०९० छन्नु तीर्थंकर नमस्कार शातिविजयजी वीतराग नमस्कार मानविजयजी १०९१ चेत्रीपूनम देववदन ज्ञानविमलसूरि १०९२ दडकप्रकरण सस्तवक गजसार १०९३ चोवीश जिन स्तवन" यशोविजयोपाध्याय १०९४ चोवीश जिन स्तवन यशोविजयोपाध्याय १०९५ दीपालीका स्तवन सकलचद्रोपाध्याय १०९६ कल्याणमदिर स्तोत्र सस्तबर्क सिद्धसेन दिवाकर • १०९७ कल्याणमदिर सटीक त्रिपाठ सिद्धसेन दिवाकर १०९८ शतक पंचम कर्मप्रथ बालावबोध सह देवेन्द्रसूरि १०९९ कल्याणमदिर स्तोत्र सटीक त्रिपाठ सिद्धसेन दिवाकर कनककुशल ११०० गौतमपृच्छा प्रकरण सटीक देवभद्रसूरि शिष्य तिलक ४२ १७मो ४ १७मो ५ १९मो ६ १९मो ९ १८मो ६ १८मो ५ १८मो ४ १७९१ प्रा.सं. सं. गु. गु. प्रा.गु. गु. गु. उत्तम १०१४४| मध्यम १०x४/ उत्तम १०x४|| जीर्णप्राय. १०1४४|| उत्तम १०४४|| उत्तम १०१४४|| उत्तम १०x४|| उत्तम १०x४|| उत्तम १०४४। उत्तम १०1४४|| उत्तम १०४४) ४२५ ११ १८मो ७ १७मो ७२७ ३३ १८मो १२ १७१२ १६५२ ११३ १६मो प्रा.गु. सं. प्रा.सं. उत्तम जीर्ण १०1४४|| १०४४|| १०x४|| १. लि. लाभमंडन गणि २ लि. रंगविजय ३ अपूर्ण ४ मीजायेली ५. लि सूर्यपुर ६. पालनपुरे मुक्तिवि० लि. ७. पत्र मुं नथी८ लि रामविजय ९. पत्र ६ थी८ नथी १० लि पानाचंद राजनगरे पत्र १मु डबल Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित प्रथोनुं सूचिपत्र [५८] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ११०१ सप्ततिका प्रकरण सस्तबक ६४ १८८१ प्रा.गु उत्तम १०.४४| १११९ मूगा ९३ ५ १९मो उत्तम १०१४४|| 여 년 년 여 너여년여성 ४ १९मो ७ १८मो १८०७ १८०६ ४ १९मो १३ १७९८ २१ १७०५ १३ १९मो ९ १९मो १७८९ प्रा. गा.२८३ गा.१०४ ११०२ स्तवन सड्ग्रह (१) सीमंधर जिन स्तवन सुदरमुनि (२) नेमिस्तव (३) पूजाविधिगर्भित पार्श्वनाथ स्त० यशोविजयजी (४) भगवतीसूत्र स्वाध्याय उ. विनयविजयजी ११०३ महावीर जिन निर्वाण स्तवन' सकलचद्रोपाध्याय ११०४ वीर निर्वाण स्तवन गुणहर्ष ११०५ तेर काठीया सज्झाय विशुद्ध विमल ११०६ सज्झाय-स्तवन ११०७ सप्तनय रास मानविजय ११०८ सग्रहणी प्रकरण श्रीचंद्रसूरि ११०९ वैराग्यशतक सस्तबक १११० विहरमानजिनस्तवन वीसी जिनविजय ११११ वेराग्यशतक सस्तबक' १११२ विहरमानजिनविसी स्तवन जिनविजय १११३ विहरमानजिनविसी स्तवन देवचन्द्रगणि १११४ सूरसुदरी चोपाई नयसुदर १११५ भवभावना अतर्गत (१) बलिनरेन्द्र कथा मल. हेमचन्द्राचार्य (२) भुवनभानु केवली कथा मल. हेमचन्द्राचार्य १११६ दशवैकालिकसूत्र वार्तिक • बालावबोध सह । शय्यम्भवसूरि राजचन्द्रसूरि १११७ विशतिस्थानक विचारामृत सङ्ग्रह जिनहर्ष १११८ वीरनिर्वाण स्तवन देवचन्द्र (खरतर) प्रागु उत्तम १०1४४|| उत्तम १०॥४४॥ उत्तम १०॥४४॥ १०॥४४॥ उत्तम १०.४४|| उत्तम १०॥४४॥ मध्यम १०x४॥ उत्तम १०४४।। उत्तम १०४४॥ उत्तम उत्तम १०.४४|| • मध्यम १०॥४४॥ उत्तम १०1४४|| उत्तम गु। प्रा.गु गु. मू.गा. १०४ १० ८ १९मो १७८९ १७९८ १७मो ३७ १७मो १७मो 여적여 ५९ १८मो १६७८ प्रा.गु. उत्तम १०१४४/ २८०० २१८ ४७ १६मो १५०२ १२ १९मो सं. गु. उत्तम १०1४४ जीर्णप्राय. १०x४|| १. (कर्मग्रन्थ पष्ठ) पत्र २६थी ३५ नथी २. लि दानविजय ३ पालनपुरे लि. प्रथम पत्र नथी ४. पींजायेल ५. रचना-राजनगरे ६ पं गुलालविजय लि.७. राजनगरे रची, पत्र १ थी ३ नथी ८ प्रथम पत्रे भगवाननु चित्र बीजा पत्रे सुरसुंदरी चित्र छे. ९. र. स्थले भावनगर Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [५९] प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ४ ७ १९मो १९मो गु. गु. उत्तम १०1४४|| मध्यम १०१४४|| नित्यविजयशिष्य मू.गाथा. ४०९ प्रागु. ७८ १९मो ८१ १७मो २१३ ग्र. १६००० प्रा. 26 28 गा. ३१२ गा. ३४४ स. प्रा. प्रा.गु. स. १११९ वीसस्थानक तप विधि ११२० विहरमान जिन वीसी स्तवन उ. यशोविजयजी ११२१ सङ्ग्रहणी प्रकरण सचित्र' सस्तवक श्रीचन्द्रसूरि ११२२ महानिशीथ सूत्र ११२३ निशीथचूर्णि ११२४ शाताधर्मकथाजसूत्र ११२५ सिद्धान्तसारविचार प्रकरण प्रधुम्नसूरि ११२६ सामुद्रिकशास्त्र ११२७ सग्रहणी प्रकरण श्रीचन्द्रसूरि ११२८ सग्रहणी प्रकरण सस्तबक श्रीचन्द्रसूरि ११२९ नदिसूत्रवृत्ति ११३० न्यायकंदली टीका श्रीधर ११३१ ज्ञाताधर्मकथाजसूत्रवृत्ति ११३२ प्रज्ञापनोपागसूत्र टीका ११३३ पार्श्वनाथस्तोत्र वृत्तिसह इद्रनदि चक्रेश्वरीदेवी स्तोत्र ११३४ पार्श्वनाथचरित्र गद्य (उदयवीर) ११३५ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र नवम पर्व हेमचन्द्राचार्य ११३६ चेत्यवंदनादिभाष्यत्रय देवेन्द्रसरि ११३७ प्रमाणमीमासा स्वोपज्ञ वृत्ति हेमचन्द्राचार्य ११३८ नवतत्त्वरास क्षेम कल्याण १९३९ स्नात्रपूजा ११४० कल्याणमदिरस्तोत्र सस्तबक सिद्धसेन दिवाकर ११४१ पार्श्वनाथचरित्र महाकाव्य पद्य सर्ग १ थी८ भावदेवसूरि ११४२ सूचकृतांगसूत्र प्रथम श्रुतस्कर्ष । ४४ १७मो ७ १७मो १८ १८मो ४१ १८१४ १५१ १६५२ १२४ १४७९ ९५ १७मो २९९ १७मो ५ १७मो मलयगिरि उत्तम १०१४४| उत्तम १०1४४। उत्तम १०x४|| जीर्ण १०|| ४| उत्तम १०१।४४| उत्तम ९x४|| जीर्णप्राय. १०1४४| उत्तम १०1४४|| उत्तम १०1४४ उत्तम १०१४४ १०।४४|| उत्तम १०१४४ उत्तम १०x४| उत्तम उत्तम १०४४|| ११२० सं अभयदेवसूरि मलयगिरि श्रुतकीर्ति १५ १८मो सर्ग. १थी४ मध्यम उत्तम उत्तम १०1४४|| १०॥४४|| १०१४४|| २३ १७मो २२ १९मो ३७ १७मो ४८ १८मो ६ १८मो १० १६७८ सं. प्रागु स. गु गुअप. सं.गु. ११५० १७६४ मध्यम मध्यम १०1४४|| १०1४४|| मूका. ४४ ६०४५ ८०० १११ १५०१ ३२ १७मो स. प्रा. जीर्णप्रायः १०॥४४॥ १०||४|| १. सावन १२ अपूर्ण पक्षी २. बनि तरफ चित्र पष्ठिका छे. पत्र ३५ थी ३८ नथी ८. भीजागेल रा नारसिंह ति ९. पर १ थी २,२८-३१ नथी. ३ पत्र ८०मु नथी ४ अपूर्ण ५, साघेली ६. लि. सूर्यपुर हितविजग लि. ७. लखता अपूण Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [६०] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई-- सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई का, ६०६ १२२४ ४८ १७८३ ११ १५२२ २१ १५१२ १३३४ प्रा.स गु. मध्यम १०1४४|| स जीर्णप्रायः १०४४॥ स. जीर्णप्राय. १०१-४॥ गा ५०५ १० १६मो २४ १८मो १४३ १८३१ १८२१ उत्तम मध्यम १०.४४ १०1४४|| १०॥४४॥ ५००५ गु. प्रागु शातिसागर शिष्य मू.गा ३० कडी. १२२ १० १८३३ ६ १९मो ५ १७७९ १६५५ उत्तम उत्तम उत्तम १०४४|| १०1४४|| १०१४४|| स. मू.गा. २९ ९ १९मो प्रा.स उत्तम १०1४४|| ११४३ सप्तस्मरण सस्तबक ११४४ स्थूलभद्रचरित्र पद्य' जयानद ११४५ शालिभद्रचरित्र' धर्मकुमार पडित ११४६ पुष्पमाला प्रकरण उपदेशमाला प्रकरण मल. हेमचन्द्राचार्य ११४७ सिद्धातविचार ११४८ धर्मपरीक्षारास नेमविजय ११४९ जम्बूद्वीपसग्रहणी त्रिपाठ सबालावबोध हरिभद्रसूरि ११५० वीरजिन स्तवन गुणहर्ष तपा ११५१ ज्ञानपचमी कथा कनककुशल ११५२ जम्बूद्वीपसग्रहणी सावचूरि त्रिपाठ हरिभद्रसूरि ११५३ चतुर्विंशतिजिनस्तुति सावचूर्णि बप्पभट्टसूरि ११५४ साकली ज्ञानविमलसूरि ११५५ एकसो सिनेर जिन स्तवन' पविजय ११५६ लोकनालिका द्वात्रिशिका प्रकरण पञ्चपाठ सावचूरि धर्मकीर्तिसूरि ११५७ चोवीसजिन नमस्कार' । लक्ष्मण (१) चोवीसजिन स्तुति थोय स्तवनादिसङ्ग्रह नंदसूरि (२) शत्रुजय स्तवन नदसूरि (३) शातिनाथ स्तवन नंदसूरि (४) पार्श्वजिन स्तवन नंदसूरि (५) महावीर स्तवन नंदसूरि ११५८ विहरमान जिन वीसी स्तवन ज्ञानविमलसूरि ४ २ ४ १५२२ १९मो १९मो 년 मध्यम सारी उत्तम १०1४४|| १०४४ १०1४४| १८०८ 여 ४ ९ १८मो १८९५ पा.स गु मध्यम उत्तम १०x४||| १०४४।। ८ १७६८ गु. जीर्णप्राय. १०x४|| १ लि. राजनगर २ मृगुकच्छे महानगरे दोसी पुंजाक लि ३. नेमिसूर गणि लि. ४. लि नेमविजय बीजापुर ५. उदयसोमगणि शिष्य महीशानक नगरे ६ रचना पालीताना ७. आठमुंपान नथी ८ मुनि अमीचन्द लि पत्र १ थी ३ नथी. Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [६१] प्रति नतर पुस्तक नाम कानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई २० १८१४ १७२३ गु. १०.४४|| ११५९ महावीरजिनस्तवन' यशोवजियोपाध्याय ११६० रत्नाकरपंचविशति स्तोत्र सबालावबोध रत्नाकरसूरि ११६१ चातुर्मासिक व्याख्यान ११६२ विंशतिविशीका प्रकरण' हरिभद्रसूरि ११६३ अंबडपरिवाजक कथा' अमरसुदर ११६४ उत्तमविलासदीक्षा महोत्सव ११६५ अंबडकथानक मुनिरलसूरि ११६६ लीलावतीसुमतिविलास रास उदयरल ११६७ लगुशांतिसाव वृत्तिसह त्रिपाठ मानदेवसूरि हर्षकीर्तिसूरि ११६८ नवकार बालावबोध ११६९ आलोचनाविधि ११७० आलोचनाविधि ११७१ महावीरजिनस्तवन यशोविजयोपाध्याय ११७२ गजसकुमाल रास-भास शुभवर्धन ११७३ दडकत्रीस बोल विचार ११७४ मौनएकादशी स्तवन विशुद्ध विमल ११७५ (१) निगोदपब्रिशिका रत्नसिहसूरि सटीक त्रिपाठ १२) परमाणुरखडपतिशिका रलसिहसूरि सटीक त्रिपाठ (३) पुद्गलपट्निशिका सटीक त्रिपाठ रत्नसिहसूरि (४) बंधपत्रिंशिका सटीक त्रिपाठ (५) कायस्थिति स्तव त्रिपाठ ९१७६ कायस्थिति स्तोत्र सस्तवक ११७७ अराकृदशागसूत्र सटीक अभयदेवसूरि ५ १९मो १६ १९मो ५०० १६ १८३६ ४० १८३७ १७ १९मो ३० १८मो १२ १९मो १७६७ ५ १८६३ १६४४ १० १८मो ५ १९मो ६ १९मो १३ १९१९ ६ १८५० ३३ १९मो २ १८०१ ३०० १ थी ८१८मो मूगा. ३६ १२० ८ थी १ मूगा. १५ AAAAAEE स.गु. उत्तम १०1४४|| मध्यम १०111४४।। उत्तम १०.४४|| उत्तम १०1४४|| उत्तम १०४४।। उत्तम १०४४||| उत्तम १०४४|| उत्तम १०.४४ उत्तम १०४४|| उत्तम १०४४|| १०x४|| उत्तम १०४४|| उत्तम १०1४४|| गु. उत्तम १०1४४|| प्रा.स. जीर्णप्रायः १०x४||| प्रा सं. जीर्णप्रायः मू.गा ३६ ११थी१७ प्रा.सं. जीर्णप्रायः मूगा. ३६ १७थी१९ मू.गा. २४ १९थी२६ मू.गा. २४ ३ १८०६ ३४ १७७७ प्रा.सं. जीर्णप्राय. प्रा.स. जीर्णप्रायः प्रा.गु. मध्यम प्रा.सं. उत्तम १०1४४|| १०॥४४|| १ लि. पननिजग २ लि राजनगरे ३. पर १-२ नथी ४. लि. कस्तुरकुशल ५. संघवी फतेचन्द लि ६ लि पाटण Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण माभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र [२] प्रति नबर पुस्तकचें नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ४ १७९८ ५ १८मो १७५१ । २६ १९मो २२ १५८० ३८ १७मो २५ १८मो २३ १६५१ ४ १८मो ६ १७५७ ५५ १७५२ ६ १९मो उत्तम १०४४॥ उत्तम १०॥४४॥ उत्तम १०1४४|| मध्यम १०॥४४॥ जीर्ण १०॥४४॥ उत्तम १०१४४|| उत्तम १०१४४ १०1४४|| उत्तम १०॥४४॥ उत्तम १०x४|| उत्तम १०x४॥ मध्यम १०४४|| स प्रा.गु गु. ११७८ अष्टापद स्तवन ११७९ अष्टदृष्टि स्वाध्याय यशोविजयोपाध्याय ११७ ११८० षडावश्यकसूत्राणि ११८१ अजितसेन-कनकावली रास जिनहर्ष १०१४ ११८२ औपपातिकोपांगसूत्र ११८३ औपपातिकोपागसूत्र' ११८४ उपासकदशागसूत्र ८१२ ११८५ उपासकदशागसूत्र' ११८६ आत्मबोधक ज्ञापक स्वाध्याय यशोविजयोपाध्याय ११८७ वसुधारा ११८८ निरयावलिकासूत्र सस्तबक २२०० ११८९ बारव्रत स्वाध्याय तपा.तिलकविजय ११९० शतक प्रकरण (पचम कर्मग्रथ) सस्तबक देवेन्द्रसूरि तपा. जयसोम ३२०० ११९१ दशवैकालिक स्वाध्याय वृद्धिवजय ११९२ आदिनाथविनति स्तवन गा. १५८ ११९३ आरभसिद्धिज्योतिष मूल" उदयप्रभसूरि ११९४ वीतरागस्तोत्र पजिकासहर हेमचन्द्राचार्य नदिसागर ६२५ त्रिपाठ प्रकाश. १-२० ११९५ दीक्षाविधिक ११९६ उपदेशमाला प्रथम पीठीका बालावबोध ११९७ क्षेत्रसमासप्रकरण-लघुक्षेत्रसमास" प्रकरण रत्नशेखरसूरि ११९८ उपधान विधि ११९९ उपदेशबत्रीशी राज प्रा.गु १२८ १८मो ८ १७९२ १२ १७मो ११ १६७६ १५ १८४० उत्तम मध्यम १०४४|| उत्तम १०1४४|| जीर्णप्राय. १०1४४| उत्तम १०x४|| सं. १५१२ ५ १८२२ उत्तम १०४४|| १३ १८मो १०४४|| उत्तम ११ १७९५ ३ १६७५ २ १८४७ सं. प्रा.गु. १०॥४४॥ १०x४) १०x४॥ १. लि. विजयसार २. पत्र १ तथा ११ थी १३ नथी ३. चित्र पुष्ठिका ४. सादडी नगरे तेजविजय लि ५. लि. यशोविजयजी वटपद्र नगरे ६ पत्र ३२ नथी ३३मु डबल छे. ७ प हंसविजय गणि लि. ८. फा १ थी ७६ नथी, रचना द्विशशिघनमितेब्दे ९. भूखणदास लि. १०. लेखक राउल ककीआ ११ सूर्यपुर बदर १२. विनयविजय गणि लि. प्रथम पत्र नथी १३ सीरोही १४. लि. तिलकविजय १५. लि जशविजयजी भाणपुर १६. पाटणनगरे खुशालचंद मलुकचंद लि Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नवर. पुस्तकनुं नाम कर्ता नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्लाईसंख्या संख्या सवत संवत भाषा स्थिति पदोळाई ७ ९ १९मो १८मो गु. प्रा.गु. उत्तम उत्तम १०1४४|| १०x४|| ३०० १२०० आठदृष्टिविचार १२०१ आत्मबोध कुलक सस्तबक जयशेखरसूरि १२०२ कल्याणमंदिरस्तोत्र वृत्तिसह त्रिपाठ सिद्धसेन दीवाकर कनककुशल १२०३ भक्तामरस्तोत्र सटीक त्रिपाठ' मानतुजसरि १२०४ कायस्थितिस्तोत्र सस्तबक वृत्त.४४ मूगा. २४ ग्रं. १४० १९ १७९७ १६५२ १९ १७९६ ५ १७४० सं. उत्तम १०१४४| १०1४४|| प्रा.गु. जीर्णप्रायः १०x४|| ग. यशोविजयजी देवचन्द्र शुभवर्धन ३ १८४८ ७ १९मो ६ १९मो मध्यम १०x४|| उत्तम १०x४॥ उत्तम १०४४॥ देवेन्द्रसूरि सातसागर मूगा. ३५ १२०५ शातिजीणेसर स्तवन' १२०६ अष्टप्रवचनमाता सज्झाय १२०७ गजसुकुमाल रास १२०८ कर्मस्तव (द्वितीय कर्मग्रंथ) सस्तबक १२०९ आचारागसूत्र १२१० द्रव्यसङ्ग्रह वृत्तिसह १२११ सिंहासनबत्रीसी कथा १२१२ शालिभद्रधन्ना चोपाई किंचिदपूर्ण १२१३ सङ्ग्रहणी प्रकरण १० १९मो १०७ १७मो ६१ १७मो ७९ १८३२ प्रा.गु. प्रा. प्रा.स. गु. मध्यम १०x४|| उत्तम १०१४४|| उत्तम १०४४|| उत्तम १०x४|| नेमिचन्द्र मुनि ब्रह्मदेव जिनराज (मतिसार ?) श्रीचन्द्रसूरि ४४ १९मो १४ १८०७ मध्यम १०॥४४॥ उत्तम १०x४॥ गा. ३१९ ग्र ४०९ ज्ञानविमलसूरि १५८ १९मो १७७० मध्यम १०1४४|| हेमचन्द्राचार्य १०००० २३० १६४३ जीर्ण १०॥४४॥ १२१४ श्रीचन्द्रकेवलीरास-आनंदमंदिर १२१५ अभिधानचिंतामणिनाममाला स्वोपज्ञटीका सह १२१६ आचारांगसूत्रबालावबोध प्रथम श्रुतस्कध १२१७ उपदेशमाला प्रकरण" सबालावबोध १२१८ उपदेशमाला प्रकरण उ. पासचन्द्र १४४ १७मो गु. उत्तम १०४४॥ धर्मदासगणि धर्मदासगणि वृद्धिविजयजी १६१ १७६५ १७३१ २६ १७मो प्रा.गु. प्रा. १०11४४|| जीर्ण १०x४ - १. राजनगरे लि. २ राजनगरे लि. ३. पाटण खुशालचन्द मलुकचद लि. ४. प्रथम पत्र नथी ५, फा रजुं नथी ६. सुरत बदर ७. किनार करडेली ८. गुलालविजय लि. ९. भीजायेल १०. लि. जीवणविजय सुर्यादिम बदरे Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र ६४ प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्ता नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ___ ३२ १६०९ १११७ पा. उत्तम १०॥४४|| नदिषेण प्रा.गु २१०० २१०० १० १६६७ ५२ १६५९ ५० १७मो उत्तम उत्तम उत्तम १०1४४| १०11४४| प्रा. प्रा. प्रा.गु. १५८३ प्रास प्रा.गु. मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम १२१९ अष्टप्रकारीपूजाकथासड्ग्रह चन्द्रमहत्तर १२२० अजितशांतिस्तव सावचूरि' त्रिपाठ १२२१ उत्तराध्ययनसूत्र १२२२ उत्तराध्ययनसूत्र १२२३ उत्तराध्ययनसत्र एकविशति अध्ययन पर्यंत १२२४ उत्तराध्ययनसूत्र सस्तवक' १२२५ सूत्रकृतागसूत्र दीपीकासह हर्षकुल १२२६ स्थविरावली बालावबोध सह देववाचक १२२७ सकलाईत् स्तोत्र सस्तबक हेमचन्द्राचार्य १२२८ सङ्ग्रहणीप्रकरणावचूरि । १२२९ यतिलक्षणसमुचय प्रकरण' यशोविजयोपाध्याय १२३० जिनशतक सपजीका जम्बू १२३१ जीवविचार प्रकरण सावचूरि शातिसूरि १२३२ सुरसुंदरीरास विनयसुदर १२३३ सस्तार प्रकीर्णक १२३४ नवतत्त्वप्रकरण सबालाव० पञ्चपाठ १२३५ नवतत्त्वप्रकरण मूल १२३६ नवतत्त्वप्रकरण मूल १२३७ सङ्ग्रहणीप्रकरण सस्तबक श्रीचन्द्रसूरि १२३८ सड्ग्रहणीप्रकरण सस्तबक श्रीचन्द्रसूरि १२३९ जम्बूद्वीपसङ्ग्रहणी प्रकरण त्रिपाठ पालावबोध सह हरिभद्रसूरि १२४० स्याद्वादमंजरी मल्लिषेणसूरि १२४१ समकितसडसठबोल सज्झाय उ. यशोविजयजी ४३ १८मो ५००० १११ १७मो १०७ १७मो १७मो का ३७७ १९मो १५ १७मो ८१८मो १५०० ३२ १७मो २ १७मो ७८५ १६ १७मो ६ १७मो प्रा. १०॥४४॥ १०।।४४ १०४४ १०.४४ १०x४। १०.४४ १०॥४४ १०.४४ १०.४४ १०४४। १०.४४|| पंजिकाशब साधु उत्तम सारी मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम प. १०२५ प्रा.स गु. प्रा. मूगा. ४१ गा ४३ गा. १०१ गा.२७८ ६ १५९७ ३ १९मो ६ १९मो ३० १६९५ ३८ १७८५ प्रा.गु. प्रा. प्रा. प्रा.गु. प्रा.गु. उत्तम १०४४। जीर्णप्राय. १०१४४ मध्यम १०1४४|| १०॥४४॥ मध्यम १०१४४/ शांतिसागर शिष्य मू.गा, ३० २८०० ८ १८मो बाला.१७०६ प्रा.गु. ३८ १५१७ सं. ४ १७७५ गु. उत्तम जीर्ण उत्तम १०४४। १०.४४ १०४४॥ १ विजयचन्द्रकेवलीचरित्र अतर्गत २. प्रथम पत्र नथी, लि. जीवविजयजी डामोल वेलाकुल ३. पत्र १६ थी २१ तथा २६ थी २८ तथा ३३-३४ नमी, २३९ डबल छे पर ६७ थी ६९ नधी ४. नंदि मगल गाथा छे ५ रचना सिरपुरे ६. कल्याणसागर गणि लि. मीरापुर नगरे ७. कयरीया नगरे रामविजय गणि लि. ८. गणि विनयसागर लि ९. वटपद्रनगरे लि. Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [६५) प्रति नयर पुस्तकनु नाम कानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या सख्या संवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १२ १७मो सं. मध्य जीर्ण मध्यम मध्यम १०१४४॥ १०1४४|| १०१४४|| • ४ १९मो प्रा. १० १८मो ४० १७५३ २१ १७मो प्रा.गु. उत्तम प्रा सं.गु. मध्यम प्रा. उत्तम १०१४४|| १०1४४|| १०॥४४॥ १२४२ शालिभद्र चोपाई साधुहस १२४३ सामुद्रिकशास्त्र १२४४ सुबाहुकुमार चरित्र १२४५ भगवतीसूत्र द्वादशशतके प्रथम द्वितीय उद्देशो सस्तबक १२४६ सप्तस्मरण सस्तबक १२४७ दशाश्रुतस्कध सूत्र १२४८ सम्यक्त्वसार कुलक सावचूरि त्रिपाठ १२४९ स्थूलभद्र चरित्र जयानंदसूरि १२५० जम्बूद्वीप सङ्ग्रहणी १२५१ सङ्ग्रहणी प्रकरण सस्तबक श्रीचन्द्रसरि १२५२ सूत्रकृतांगसूत्र १२५३ षष्टिशतक प्रकरण सटीक नेमिचन्द्र भंडारी १२५४ न्यायकंदली १२५५ पार्श्वनाथदशभव स्तवन समरचन्द्रसूरि १२५६ पार्श्वनाथ दशमवांतर विवाहलो १२५७ कल्पसूत्र मूल भद्रबाहुस्वामि १२५८ शब्दरूपाणि १२५९ संबोधसप्ततिका बालावबोध सह रत्नशेखर १२६० ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र १२६१ भक्तामरस्तोत्र सवृत्ति त्रिपाठ मानतुङ्गसूरि १२६२ पिंडविशुद्धि प्रकरण सस्तबक जिनवल्लभगणि १२६३ ज्ञाताधर्मकथाजसूत्र - १२६४ सङ्ग्रहणीप्रकरण सटीक त्रिपाठ श्रीचन्द्रसूरि गा. ३० गा. २८९ २२०५ गणरत्नोपाध्याय २८ १६९५ प्रासं. १४ १७मो सं. २ १९मो प्रा. १९ १६७९ प्रा.गु. ५६ १६४५ प्रा. ७१ १७४३ वृ. १५०१ प्रा.सं. २१ १७मो ३ १६५३ ११ १७मो ९० १७७२ प्रा. ७ १८मो सं. उत्तम १०x४। उत्तम १०1४४| मध्यम १०x४ मध्यम १०1४४| उत्तम १०.४४ उत्तम १०॥४४॥ उत्तम १०.४४| उत्तम १०४४| उत्तम १०1४४| जीर्णप्रायः १०॥४४| उत्तम १०11४४| क.३५ في كي कनलकुशल ५००० ६९३ मूगा. १०३ १० १८मो १२८ १७मो १६ १७मो वृ. १६५२ ९ १८मो ८० १७मो ६४ १७मो प्रा.गु. प्रा. सं: प्रा.गु. प्रा. प्रा.सं. मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०॥४४| १०.४४ १०.४४ १०१४४ १०.४४॥ १०.४४ देवभद्र मू.गा. २७६ टी. ३५०० १.पाजु नथी २. लि पाटण नगरे ३. उपईथी सामान्य पक्षित ४. लि चारित्रविजय ५. पं धनराज चिमना लि. थोमग्रामे ६. चे बाजु चित्र पुष्ठिका छे, पत्र १९९ डबल ले. ७. ने बाजु चित्र पष्ठिका छे. B-5 Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाद भाभाना भाडामा शोला जिमलगाना उपासना जेन ज्ञानमडारना हस्तलिखित सधोनु सूचिपरा गामार पुसाका गाग कानु नाम टीकाकार तोक पा लेखन रचना गन्या सज्या गवत रावत भाषा स्थिति पहीलाई ३३ १७मो पा उत्तम १०१४|| गा ५०५ पास गु १२ १६मो ११ १८मो २२ १७मो १९ १७मो १२९५ सयमापकरण उपदेशमाता (मलधारी) हेमचन्दाचार्य १२६ पुष्पमालापकरण उपदेशमाता सावरि पन्चपाठ (मलपारी) हेमचन्द्राचार्य १२६७ उत्तराध्ययनमा मन्झाय उदगविजय १२६८ सापदार्थी टीका-मिभाषिणी शिवादित्य १२६९ अतकुमशागसूत्र १२७० अराफादशागसूत्र' १२७१ अनुत्तरोपपातिकदशांग सून १२७२ अनुत्तरोपपातिकदशाग सून सटीक अभयदेवसूरि १२७३ कूर्मापुन चरित्र अनंतहंसगणि १२७४ कूर्मापुन चरित जिनमाणिक्यसूरि १२७५ चतु-शरण पकीर्णक बालापबोध सह वीरभद्रगणि १२७६ कर्मविपाक वृत्तिसह गर्गर्षि परमानंद ७९० ७९० २२ १७मो उत्तम | १०१४ उत्तम १०।११ जीर्णपाय. १०1४४ मध्यम १०॥४४॥ उत्तम १०॥४४ उत्तम १०१४४ उत्तम १०॥४४॥ उत्तम १०४४/ उत्तम १०1४४| पा पा, प्रा.सं प्रा. प्रा. ८ १७मो ६ १७मो ९ १८मो ८ १७मो ११ १७मो २० १७मो पा.गु पा सं. उत्तम उत्तम १०१४४ १०1४४| गा. १६८ ग्र ९२२ मू.गा. २४ ग्रं. ३०० गा २७ ४ १७मो प्रा.स. जीर्णप्रायः १०.४४ श्रीसार प्रा. १२७७ कायस्थिति स्तोत्र सावचूरि १२७८ जम्बूद्वीपक्षेत्रसमास पकरण सस्तबक १२७९ गुणस्थान पकरण वार्तिक सह रत्नशेखरसूरि १२८० गुणसमुद्रब्राह्मण कथा अभयचन्द १२८१ नारचन्द्र ज्योतिष टिप्पनर्क सागरचन्द्रसूरि १२८२ अनुयोगद्वारसूत्र सटीक त्रिपाठ १२८३ विपाकसूत्र सटीक त्रिपाठ १२८४ विवेकविलास सबालावबोध जिनदत्तसरि १२८५ विवेकविलास मूल जिनदत्तसूरि १२८६ विवेकविलास जिनदत्तसूरि मल. हेमचन्द्रसूरि अभयदेवसूरि १५ १७मो २२ १७०८ ८ १६७२ १५ १७मो । १३५ १७मो ४७ १७मो ८७ १६७२ ९० १७मो ३७ १६४१ प्रा.गु. जीर्णपायः १०१४४ स.गु. उत्तम १०१४४। उत्तम १०.४४ सं. उत्तम १०१४४। प्रा.स मध्यम १०1४४ प्रा.सं उत्तम १०1४| संगु. १०1४४। सं उत्तम १०11४४|| सस्कृत उत्तम १०1४४| - - १. पं भक्तिविशाल लि. २ किनारी बगडेली ३ प्रथम पत्र यो ४. एक तरफ चित्र पृष्ठिका छे ५.दीप बदरे लि. ६. उंदरे करडेली ७. लि शिवलाभ, आगरा कोट ८ पर २ थी ७ नमी ९. प्रथम पत्रमा तीर्थकरने चिाले १०. लि. गोवर्धन ११. पत्र १०, नथी Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नबर पुस्तकनुं नाम - कर्तार्नु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या संख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई १४ १६६० संस्कृत उत्तम १०१४४| ४०६५ १५१६ १३३ १५९४ १४२ १६९० १४ १६मो ८४ १७मो गु. सं. सं. स. उत्तम १०1४४| जीर्णप्रायः १०1४४| मध्यम १०॥४४ उत्तम १०.४४ ६३३५ प्रा.गु. प्रा.सं. १२८७ वत्सराज कथा १२८८ आचारांगसूत्र प्रथमश्रुतस्कंध बालावबोध पार्श्वचन्द्र १२८९ आचारप्रदीप रत्नशेखरसूरि १२९० कविशिक्षा वायडगच्छीय प.अमरचन्द्र १२९१ कल्पसूत्र अंतर्वाच्य टीका १२९२ आचारागसूत्र प्रथम श्रुतस्कष बालाव० सह पञ्चपाठ उपा. पार्श्वचन्द्र १२९३ उपदेशमाला सावचूरि पञ्चपाठ' धर्मदासगणि १२९४ उपदेशमाला अवचूरि' धर्मदासगणि १२९५ उपदेशमाला मूल धर्मदासगणि १२९६ उपदेशमाला मूल धर्मदासगणि १२९७ काव्यकल्पलता कविशिक्षा वृत्ति अमरचन्द्रसूरि १२९८ पंचसूत्र पापप्रतिघातगुणबीजाधान प्रवज्याफल अवचूरिसह त्रिपाठ वृ. हरिभद्रसूरि १२९९ प्रवचनसारोद्धार प्रकरण' नेमिचन्द्रसरि १३०० प्रवचनसारोद्धार प्रकरण नेमिचन्द्रसूरि १३०१ बार भावना स्वाध्याय सकलचन्द्र १७मो १८ १७मो ३६ १६५३ २० १६८२ ५२ १७मो ४९ १५१० ९ १६मो प्रा. प्रा. उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०॥४४॥ १०.४४ १०॥४४ १०.४४) १०.४४ १०.४४ १०॥४४॥ ३३५७ प्रा.सं. प्रासं. प्रा २००० ४५ १५२१ २८ १६०६ १२ १९मो १०१४४ १०.४४| १०1४४) क ९२ ग्रं. १७५ विद्याधर २१०० ४ १८मो ४४ १५३३ ४२ १७मो उत्तम उत्तम उत्तम १०1४४ १०१४४ १०.४४|| १३०२ बार भावना स्वाध्याय १३०३ उत्तराध्ययनसूत्र १३०४ उत्तराध्ययनसूत्र १३०५ उपासकदशागसूत्र वृत्तिसह पञ्चपाठ १३०६ इन्द्रियपराजयशतक सस्तबक १३०७ औपपातिकोपागसूत्र सटीक पञ्चपाठ अभयदेवसूरि २९ १७मो १० १७मो प्रा.सं. प्रा.गु. उत्तम उत्तम १०x४|| १०1४४|| अभयदेवसूरि १३२५ ८२ १७मो प्रा.सं. उत्तम १. अन्तिम पत्रर्मा चतुर्विध सघने गुरु देशना आपे छे तेवू चित्र छे. २. पत्र १८मा स्वरादय छे, जुद छे. ३. लि पंडया वाणाईग ४. लि. मंगलपुरे विप्र सामलिया पत्र २ थी ४ नथी ५ पत्र २८मु डबल, समुं नथी ६. प्रथम पत्र नथी ७. लि. चरणसाघु गणि, उदर भक्षिता ८. लि. लक्ष्मीधर ९. चित्रपृष्ठिका छे. Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोन सचिपन जादा पति नार पुसाका नाम कानु नाम टीकाकार श्लोक पा लेखन रचना रान्चाइ सज्या गरगा सवत सपत भाषा स्थिति पहोळाई उत्तम ३६६ १३०८ गारस्वत व्याकरण कुदत प्रक्रिया १३०९ सारस्वत व्याकरण कुत्पक्रिया १३१० कर्पूर पकर १३११ कासाविभम सावरि त्रिपाठ' १३१२ तर्फपरिभाषा १३१३ चोवीराजिनसावन १३१४ चोवीसजिनस्तवन १३१५ उत्तराध्ययन वृत्तिसह अपूर्ण १३१६ ऋषिमडल पकरण वृत्तिसह १३१७ विदग्धमुखमडन १३१८ अनुयोगदारसूत्र अनुभूतिस्वरूपाचार्य अनुभूतिस्वरूपाचार्य हरिकपि चारित्रसिह चिन्नभट्ट मानविजयजी यशोविजयोपाध्याय ६६ १७मो ६६ १७मो ७ १७मो ५ १७मो ५३ १७मो ११ १९मो १० १९मो १४७ १८मो ५०३ १६५६ १३ १८मो ४५ १६९४ उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०॥४४ १०.४४ १०॥४४ १०.४४ १०1४४1 १०1४४|| १०॥४४॥ १०x४1 १०x४॥ १०४४। १०x४|| प्रा.सं प्रास. स प्रा. शुभवर्धन (तपा.) खड १-२ परिच्छेद १-४ मू.गा १६०४ ग्र. २००० धर्मदास मू.गा ५१ प्रा.गु. ७ १९मो २७ १८०१ मध्यम १०x४|| उत्तम ९ x४|| स्वोपश म १३१९ नवतत्त्वपकरण' सबालावबोध १३२० गुणस्थानकपकरण सटीक रलशेखरसूरि १३२१ चुगदिधातुगण सावचूरि' त्रिपाठ हेमचन्द्राचार्य १३२२ चातुर्मासिक व्याख्यान १३२३ गौतमपृच्छा चोपाई लावण्यसमय १३२४ नदिसूत्र सस्तबक देववाचक १३२५ ललितविस्तरा-चेत्यवदनवृत्ति हरिभद्रसूरि १३२६ दाश्रयकाव्य सटीक तृतीय सर्ग पर्यंत किचिदपूर्ण हेमचन्द्राचार्य १३२७ अमरकोश अमरसिह १३२८ उत्तराध्ययनसूत्र सटीक १३२९ ज्ञानसागर बालावबोध सह यशोविजयजी १२ १७मो ३० १९०४ ७ १७४३ ५२ १७७४ ग्र.१२७०५५ २०मो उत्तम १०४४।। उत्तम १०४४। उत्तम उत्तम १०x४॥ मध्यम .१०४४। प्रा.गु स. अभयतिलक भावविजयजी स्वोपश १६२५५ ६५ १७मो ६४ १७मो २४४ १७५७ १६८९ ४२ १८४८ स स. प्रा.स. सगु. उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०॥४४॥ १०1४४ १०४४। १०1४४|| १ पचवल्लभ लि. २ जीवडाथी खवायेली ३ उदरभक्षिता ४ पत्तने लि. प्रतापचन्द्र ५ सिद्धहेमशब्दानुशासन अन्तर्गत ६. पालीनगरे फतेसागर लि. ७ स्तभतीर्थे लि ८. लि सुदरविजय राजनगरे-सकदरपुर Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [६९] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई हर्षकीर्तिसूरि ७१ १७मो ४९ १८२१ ९ १८१५ ६ १८२३ प्रा. प्रा.सं. प्रा.सं. गु. उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम १०x४|| १०४४|| १०x४|| १०x४।।। स.गु. ३५ १८५५ १२ १८२६ ४४ १८मो ८ १८मो १४थी१०४ १७मो उत्तम १०।४४|| उत्तम १०४४।। उत्तम १०१४४|| उत्तम जीर्णप्रायः १०।४४।। १३३० आचारागसूत्र १३३१ सप्तस्मरण सटीक त्रिपाठ १३३२ सप्तस्मरण मूल' १३३३ चोवीसजिनस्तवन कांतिविजयजी भीडभंजन पार्श्वनाथ स्तवन उदयविजयजी १३३४ दृष्टांत शतक सस्तबक केशवशिष्य १३३५ दश दृष्टात कथा १३३६ दश श्रावक चरित्र १३३७ अमरसेण वयरसेण कथानक १३३८ कथासङ्ग्रह सटिप्पनक (१) उत्तमराजकथा वस्त्रदाने (२) पालगोपालकथा भाग्यविशे (३) स्त्रीद्वये कथा (४) सत्ये महणसीकथा (५) दानोपरि-धनदेव-धनमित्रकथा (६) सामायिके-वृद्ध स्त्री कथा (७) धर्मोपरि-धर्मदत्त कथानक (८) चतुर्मासिकाग्रहपालने अमरसेन कथा (९) स्थिरता श्रीदेव ज्ञात कथा (९) शीलादिधर्माराधने जिनदत्तकथा । (१०) जीवदयोपरि-जीवराजकथा (११) नियमाराधनविषे हरिबलमच्छीमारकथा (१२) वररुचिकथा (१३) अष्टप्रकारी पूजा १ लि. राजनगरे २ पालनपुरे लि. ३. राधनपुर ४ पद्यलाभ लि राजद्रगे ५. चारित्रसुदर लि. सापलाग्रामे Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र ७० प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम . कर्तार्नु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या सख्या संवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ७ १६४६ मध्यम १०x४१ वृद्धिविजयजी . (१४) चंडा-प्रचडाकथा (१५) अनुकपादाने-चपक श्रेष्ठि कथा {१६) शीले-सुभद्रा कथा (१७) धर्मप्रभावे-पापबुद्धि नृप अने धर्मबुद्धिमत्री कथा (१८) वकचूलकथा (१९) स्थूलिभद्रकथा (२०) नेमिचरित्र (२१) मेघनादकथा (२२) अमरसेन-वयरसेन कथा ११३९ अनुत्तरोपपातिकदशागसूत्र १३४० उपदेशमाला प्रकरण सबालावबोध धर्मदासगणि १३४१ षडावश्यकसूत्राणि १३४२ षडावश्यकसूत्राणि १३४३ आचारोपदेश सस्तबक चारित्रसुदरगणि १३४४ आत्मकुलक सस्तबक १३४५ आत्मबोधकुलक सस्तबक १३४६ आणदसधि श्रीसार १३४७ आतुरप्रत्याख्यान प्रकीर्णक वीरभद्रगणि १३४८ आतुरप्रत्याख्यान प्रकीर्णक सस्तबक वीरभद्रगणि १३४९ जीवविचारप्रकरण सस्तबक शातिसूरि १३५० चोवीसजिनस्तवन राम विजय १३५१ जीवविचारप्रकरण सटीक त्रिपाठ शांतिसूर १३५२ गौतमस्वामीरास १८७ १८५६ १७३१ ५ २०मो ५ २०मो १६ १७९५ ८ १८मो ७ १८०१ १४ १८मो १६८४ ५ १८मो प्रा.गु. प्रा. प्रा. सं.गु. प्रा.गु. देवकुशल उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०॥४४ १०.X४॥ १०1४४|| १०४४॥ १०४४ १०x४|| प्रा.गु. गु. प्रा. १० X ४॥ १०x४|| उत्तम १० १८मो १४ १८मो ८ १८४४ प्रा.गु. प्रा.गु. गु. मध्यम १०४४॥ उत्तम १०४४॥ मध्यम १०४४|| ईश्वराचार्य ९ ३ १७मो १७९५ १४१२ प्रा.सं. गु. उत्तम १०४४| मध्यम ९ ४४|| १. पाणीथी भीजायेल २. लि हस्तीविजय बीजापुर ३. लि. व्यास सादुर राम, पाटण ४ मेदरडाग्रामे लि ५ राजनगरे लि ६. पतन नगरे ७. लि ऋषि श्रीपाल ८. सूरत लि Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नंबर पुस्तकनु नाम १३५३ नवकार बालावबोध सह १३५४ उपदेशमाला प्रकरण बालावबोध १३५५ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र १३५६ विजयचन्द्र केवली चरित्र' १३५७ उत्तराध्ययन सूत्र वृत्तिसह अध्ययन ५थी२७ पर्यंत १२५८ आवश्यकसूत्रवृत्ति अपूर्ण १३५९ आवश्यकसूत्र बृहद्वृत्ति अपूर्ण १३६० आचारप्रदीप अपूर्ण १३६१ षडावश्यक सूत्राणि बालावबोध १३६२ सीमघरस्वामिविनति रूप ३५० गाथानु स्तवन सबालावबोध १२६३ जम्बूकुमार रास १३६४ उपधानविधि १३६५ धर्मदेशनाकथा सङ्ग्रह १३६६ चोवीसजिनस्तवन १३६७ चतुः शरण प्रकीर्णक सबालाव० पञ्चपाठ १३६८ धर्मनाथ स्तवन १३६९ प्रमाणनयतत्त्वलोकालंकार' रत्नाकरावतारिका लघु टीका कर्तानु नाम जिनकीर्त्तिसूरि चन्दमहत्तर ( रत्नशेखरसूरि ) उ. यशोवजयजी उ. यशोवजयजी मुनि मागेक वीरभद्रगणि विनय विजयजी टीकाकार सकलचन्द्रोपाध्याय सकलचन्द्रोपाध्याय सकलचन्द्रोपाध्याय रत्नप्रभाचार्य श्लोक संख्या ५९०० अध्ययन ५थी२७सुधी ५३३ कडी. १३७ ९००० पत्र लेखन रचना संख्या सवत सवत १२ १७२८ १२१ १७३८ २८ १७मो २४९ १६८० ११२७ १२६ १७ ४०७ १०२ १७मो ८७ १७मो ५० १७ मो ४१ १८ मो ८५ १७७८ ३४ १७८५ १७३९ १४ १७८४ २० १६मो १२ १९मो ७ ९ १७मो १९मो १७१६ ६७ १५०८ ३३ १८मो १७८६ ५२ १९ मो १३७० पाडवरास किचिदपूर्ण १३७१ स्तवन सङ्ग्रह (१) वर्धमानजिन वेली (२) डीस्तवन १. पत्र ३ थी ४ नथी २ ले बाजु चित्रपृष्ठिका छे ३. प्रथम पत्र नथी ४ रचना सूरत ५ लि वीरमग्रामे गाथा सुत व्य० सताक भाषा प्रा.गु. गु. सं. प्रा. प्रा.स. स स. स. प्रा.गु. गु. गु. प्रा गु. प्रा.गु. गु गु गु. गु गु स्थिति उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम लम्बाई: पहोळाई १० X ४ ।। १० X ४ । । १० X ४ १०x४ १० X ४ १०x४ १० X ४ १० X ४ | ० १०x४ १० ।। X ४ । । १० X ४ || १० X ७॥ १० X ४ ।। १० 1 X ४ | १० X ४ || १० X ४ ।। १० X ४ ।। १० X ४ । । १० X ४ ।। [७१] Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनू सचिपत्र ७२] प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या संख्या संवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई ܟܲܕ݂ | (३) गणधरवादस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (४) सीमन्धरजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (५) रगाणीस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (६) साधारणजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (७) चोवीसजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (८) सीमंघरजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (९) सभवजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (१०) ऋषभजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (११) सीमंधरजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (१२) वीरजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (१३) सीमधरजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (१४) पार्श्वनाथ स्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (१५) सीमंधरजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (१६) सीमधरजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय (१७) महावीरजिनस्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय १३७२ रत्नशेखर-रत्नवती कथा १३७३ कृतपुण्यश्रेष्ठि रास देवसुदर १३७४ कर्मग्रथ १ थी ३ मूल देवेन्द्रसूरि १३७५ राजप्रश्नीयोपाग सूत्र सस्तबक १३७६ आरामशोभा कथा १३७७ दशवेकालिक सूत्र शय्यम्भवसूरि १३७८ दशवैकालिकसूत्र शय्यम्मवसूरि १३७९ उपासकदशागसूत्र १३८० चित्रसेनपद्यावती चरित्र राजवल्लभ १३८१ श्रावकआराधना गध १३८२ उत्तराध्ययनसूत्र १३८३ योगशास्त्र विवरण हेमचन्द्राचार्य १३८४ रघुवशकाव्य कालिदास ? F ܗ̇ ܗ̇ ܡܿܢܗ̇ ܗ̇ ܗ̇ ܗ̇ ܗ̇ ܗ̇ ܗ̇ ܝܿܨ ४०३ उत्तम उत्तम मध्यम प्रा. प्रा.गु. प्रा. जीर्ण ५०० ११ १६१२ १४ १८मो १५९४ ८ १७मो ५३ १७२६ १३ १७मो ४७ १६२७ ३५ १८मो ३० १६७४ ११ १७मो १५२४ १० २७मो ९० १७मो ३२ १७मो ७९ १७मो उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०॥४४॥ १०11-४| १०॥४४॥ १०॥४४॥ १०॥४४॥ १०१४४ १०॥४४॥ १०x४) १०१४४ १०४४ १०॥४४॥ १०॥४४ १०x४। उत्तम १. पर्वतिथी विचार उपर २, कयवन्नारास ३. अध्य०१थी १० नथी ४. लि. ज्ञानसागर नौतनपुर Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानुं नाम १३८५. सप्तपदार्थी मितभाषिणी टीका शिवादित्य १३८६ पठावश्यकसूत्राणि १३८७ सिद्धारामोल विचार १३८८ अजितशातिस्तव सावचूरि १३८९ आवश्यकसूत्र निर्युक्ति १३९० उपदेशतरंगिणी १३९९ विचारसद बालावदोष सह १३९२ यतिप्रतिक्रमणसूत्र सावचूरि पञ्चपाठ १३९३ वीतरागस्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ १३९४ प्रतिक्रमणक्रमविधि १३९५ मुनिपति चरित्र १३९६ उपदेशचिंतामणि प्रकरण सावचूरि ११९७ चोवीसडकगतिआगति जिनेन्द्र स्तवन अष्टमी थोय भद्रबाहुस्वामि रत्नमंदिर जयचन्द्रगणि पार्श्वचन्द्र ज्ञानविमलसूरि १३९८ आरामशोभा कथा १३९९ राजप्रश्नीयोपागसूत्र सटीक १४०० प्रवचनसारोद्धार प्रकरण सटीक नेमिचन्द्रसूरि टीकाकार नरचन्द्रसूरि कालिदास नरेन्द्रपुरी श्रीचरण नंदिषेण जयशेखर मलयगिरि सिद्धसेनसूरि अभयदेवसूरि अभयदेवसूरि श्लोक सख्या ४३० प्रकाश. १-२० ४५०० ३७५० पत्र लेखन रचना सख्या सवत सवत ४०० ३९ १७मो ८ १८ मो १९मो १६०१ १५०७ १७मो १७३१ १३ १२ ६६ ६७ ६२ ६ १५३० १८ १६ ११ १७मो १७मो १६४२ ११५ १६६० २ १९ मो १२ १८मो ११० १७मो ३१० १७मो १२४२ २५ १७ मो १७१ १७मो ११२० भाषा ४८ १७मो १४४ १७मो १५ १७मो १६ ५० ४७ स. प्रा. प्रा.गु. प्रा.सं. प्रा. स प्रा.गु. प्रा.सं. सं. स. प्रा.सं. गु स. प्रा.सं. प्रा.स. स प्रा.स. प्राकृत स. सं. सं. सं. स. स्थिति उत्तम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १४०१ अमरदत्त - मित्रानद कथा गद्य (शातिनाथ चरित्रान्तर्गत) १४०२ ज्ञाताधर्मकथासूत्र सटीक १४०३ विपाकसूत्र अपूर्ण १४०४ उपासकदशागादि पंचसूत्र टीका १४०५ मुनपति कथानक १४०६ नारचन्द्र ज्योतिष टिप्पनक १६५० १४०७ रघुवशकाव्य १७ मो १४०८ सारस्वत व्याकरण स्यादि १८ मो १. पत्र १ थी ३ नथी २. अमदावाद लाखा पटेलनी पोले लि विप्र रविदास ३ प्रथम पत्रे पार्श्वनाथनु चित्र छे, लि रामविजय ४. लि. मग ५ लि उदयसागर उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम जीर्णप्रायः उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम उत्तम लम्बाईपळाई १० 1 X ४ | १०१ X ४ ।। १० X ४ ।। १० X ४ || 801 X 811 १० ।। X ४ | १० X ४ | १० X ४ | १० X ४ | 801X8 801X8 201 X 81 १० X ४ || १० X ४ | १० ।। X ४ | १० 11 X ४ | १० ।। ४४ १० ।। X ४ | १०। ।। X ४ | १० ।। ४४ । १० ।। X ४ | १० X ४ | १० X ४ 801 X 81 [७३] Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोनं सचिपत्र ७४ प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ८६ १५८२ ८२ १७मो स. प्राकृत जीर्ण उत्तम १०.४४ १०.४४ १४०९ सास्वत व्याकरण टीका १४१० उत्तराध्ययनसूत्र सचिन २०९५ १४११ तार्किकरक्षा-व्याख्यानसार सड्ग्रह न्यायग्रथ वरदराज परिच्छेद १थी १४१२ चार प्रत्येकबुद्ध चोपाई समयसुदर १४१३ विपाकसूत्र १४१४ विपाकसूत्र १४१५ विपाकसूत्र १४१६ विशेषणवती जिनभद्र क्षमाश्रमण ४३८ १४१७ प्रतिष्ठाकुलक • १४१८ भुवनदीपक सस्तबक पचप्रभसूरि १४१९ भाषापद १४२० उपासकदशागसूत्र ८१६ १४२१ श्राद्धप्रतिक्रमणविधि वृदारुवृत्तिसह देवेन्द्रसूरि १४२२ न्यायावतारविवरण २००० १४२३ रघुवशकाव्य कवि कालिदास १४२४ कल्पसूत्र दीपिकासह त्रिपाठ अपूर्ण भद्रबाहुस्वामी १४२५ ज्ञाताधर्मकथागसूत्र १४२६ राजप्रश्नीयउपांगसूत्र २१७९ १४२७ सारस्वत व्याकरण सटीक चन्द्रकीर्ति टीका ७८०० १४२८ शिशुपालवध महाकाव्य' कविमाष सर्ग १ थी २० १४२९ सारस्वत व्याकरण अनुभूति स्वरूपाचार्य १४३० सारस्वत व्याकरण टीका अपूर्ण पचाकर भट्ट १४३१ ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र १४३२ सारस्वत व्याकरण अनुभूति स्वरूपाचार्य १४३३ प्रमाणनयतत्त्वालोकालकार रत्नाकरावतारिका लघुटीका देवसूरि रत्नपभाचार्य ५५ १७मो २२ १८मो १६६५ ३१ १७मो ३३ १७मो ३६ १७मो १२ १७मो १५ १८मो १२ १९मो ६ १७५८ २५ १६४३ ५६ १७मो ४७ १६५६ ६४ १७मो उत्तम १०१४४ गु. उत्तम १०४४। पाकृत जीर्ण १०४४। प्राकृत उत्तम १०1४४॥ प्राकृत उत्तम १०४४। प्राकृत १०४४ स उत्तम १०1४४| सगु. उत्तम १०४४|| मध्यम १०१४४|| प्रा. उत्तम १०x४। प्रास उत्तम १०x४|| उत्तम १०१४४॥ उत्तम १०१४४ १७मो प्रा.स. १४४ १७मो ४४ १७मो १३२ १८मो १२४ १७५९ ५५ १८७३ ७१ १८मो १०४ १७मो ५४ १७७९ मध्यम १०1४४। उत्तम १०॥४४॥ उत्तम १०॥४४॥ उत्तम १०४४॥ उत्तम १०४४| उत्तम १०४४॥ १०x४॥ जीर्ण १०1४४ उत्तम १०॥४४॥ करण ८० १६मो स. उत्तम १०१४४|| १ पत्र ८१मा तिर्थकरनु, पत्र ८२ मा गौतम स्वामि चतुर्विध सपने देशना आपे छे अमबे चित्र छे, पत्र १-२ नथी २ लि. हितविजय स्तम तीर्थ ३, पत्र १ थी २२ सुधी टिप्पण छे ४ लि हरखचद सुरसिघ पाटण ५. पत्र १ थी ३ नथी Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नंबर पुस्तकर्नु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्गाईसख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ४३ १९मो १८ १९मो गूर्जर प्रा. उत्तम उत्तम १०1४४|| १०.४४ २०१ १७मो ४ १९मो प्रा.गु. प्रा.सं. उत्तम उत्तम १८मो ३ १८मो १५८४ २९ १७६८ ८ १९मो ५ १९मो १० १९मो १०1४४॥ १०.४४|| १०.४४|| १०||४४|| १०1४४|| १०४४॥ १०४४|| १०1४४||| उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम साता १४३४ आगमसार १४३५ कर्मग्रंथ षटक १थी५ देवेन्द्रसूरि १४३६ उत्तराध्ययनसूत्र सस्तवक किंचिदपूर्ण १४३७ षडावश्यकसूत्राणि । १४३८ आत्मराय कथा-रास' सहजसुदर १४३९ ईलाचिपुत्र रास १४४० रामरास माधवदास १४४१ दशविधयतिधर्म सज्झाय ज्ञानविमलसूरि १०४२ अध्यात्मगीता देवचन्द्र १४४३ स्तवन-सज्झाय सङ्ग्रह यशोविजयजी नवपद स्तवन यशोविजयजी जिनप्रतिमास्थापन यशोविजयजी महावीरजिनस्तवन यशोविजयजी वासुपूज्य स्तवन यशोविजयजी जिनप्रतिमास्थापन यशोविजयजी १४४४ चुरादिगण धातु (सिद्धहेमशब्दानुशासन) हेमचन्द्राचार्य १४४५ परदेशीराजारास न्यायसागर १४४६ धन्नारास मतिशेखर १४४७ ज्योतिप बालावबोध मुंजादित्यविप्र १४४८ पर्युषण स्वाध्याय माणिक्यमुनि १४४९ चोवीस तीर्थकरना सात बोल' विचार १४५० महावीरजिनस्तवन उ. यशोविजयजी १४५१ महावीर रागमाला न्यायसागर १४५२ भगवतीसूत्र बीजक टीप" ११०० गु ९ १८१४ १७३४ ३२ १८मो १७३४ १७ १६६५ १५१४ ११ १९मो ६ १७६६ उत्तम १०.४४|| १०1४४|| उत्तम १०1४४|| मध्यम १०x४|| मध्यम १०|| ४|| स. गु. उत्तम ७ १९मो २० १९मो १७२३ ४ १८२० १७८४ ११ १८मो १०.४४|| १०१४४॥ १०1४४|| १०।४४|| गु. उत्तम १. पर ६५ थी ६७ नथी पत्र १५०, नथी देवचन्द्र गणि लि. ( उपा श्री दीपचद्रजी शिष्य) २. लि मानविजय मुडठा ग्रामे ३. लि मुनिरलराज ४. राजनगरे लि. ५. पत्र १-२ नथी ६. पत्र सुनधी ७ लि भवानीदास ८ लि. मुकुदकुशल ९ लि सपवी फतेचद सुरसघ पालनपुरे १० लि ऋषि जशा Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [७६] प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई २ २०मो गु. मध्यम १०१-४|| प्रा.गु. १४५३ पंचमी चैत्यवदन आदि १४५४ रत्नाकरपंचविंशति स्तोत्र सबालावबोध रलाकरसूरि १४५५ षडावश्यकसूत्राणि सस्तबक' १४५६ महानिशीथसूत्र त्रूटक १४५७ कर्मविपाक सबालावरोध देवेन्द्रसूरि १४५८ सप्ततिका बालावबोध' पूर्वाचार्य १४५९ वीतरागस्तोत्र हेमचन्द्राचार्य १४६० वीतरागस्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ हेमचन्द्राचार्य १४६१ यशोधररास उदयरल ६ १७७५ १३९ १७९८ १६ १९मो २५ १७७४ २७ १७२० ४ १६मो प्रा. प्रा.गु १०१४४॥ १०x४॥ मध्यम १०॥४४॥ मध्यम १०x४|| मध्यम १०x४|| उत्तम १०१४४/ धनविजय प्रकाश. १थी२० स. १० १७मो ५३ १७७९ १७६७ सं. गु. उत्तम १०x४| जीर्णप्राय १०x४॥ १००० २००० गा. १५०३ मूगाथा. ५१ गा. २५० ८ ६ १८मो १८मो १७३६ प्रा.स. गु. उत्तम उत्तम १०x४॥ १०x४) १५ १६मो उत्तम १०.४४ १४६२ नवतत्त्वप्रकरण सटीक त्रिपाठ साधुरलसूरि १४६३ उपासकदशांगसूत्र गीत शातिहर्ष शिष्य जिन हर्ष १४६४ उपदेशमाला प्रकरण सावचूरि' पञ्चपाठ धर्मदासगणि १४६५ जमाली अध्ययन (भगवतीसूत्र अंतर्गत) १४६६ कथासङ्ग्रह १४६७ राज्यलक्ष्मीपूजापद्धति १४६८ ज्ञाताधर्मकथागसूत्र सटीक त्रिपाठ अभयदेवसूरि १४६९ कुमारसभव सटीक कालीदास १४७० कातत्रदुर्गपदप्रबोध प्रबोधमूर्ति गणि १४७१ विपाकसूत्र सटीक अपूर्ण १४७२ रघुवंशकाव्यपंजिका वृत्ति सह कालिदास कवि १४७३ प्रश्नव्याकरण सूत्र टीका अपूर्ण . १३ १७मो ४५ १९मो ३० १७मो उत्तम १०१४४ मध्यम १०॥४४॥ उत्तम १०1४४1 प्रा.सं. स. ८४६४ ९थी१०६१७मो ११२८ ५० १७मो १११ १५मो १३२८ ४५ १७मो १५० १८मो १२१ १९मो सं. प्रा.सं. स. मध्यम उत्तम १०॥४४ मध्यम १०.४४ जीर्ण १०.४४ उत्तम १०॥४४ उत्तम १०४४) मध्यम १०४४|| १. राजनगरे लि. २ सूरति बंदरे लि प्रथम पत्र नथी ३ रचना-स्तभतीर्थ ४ लि पतननगरे, रचना-उर्णाकपुर (पाटण समीप) ५ ६ थी८ नथी ७ प्रथम पत्र नथी, ढुं पत्र डबल८ पर १ थी ८ तथा ३१ थी ७७ नथी धामला मामे देवविजय लि ६ लि, नयविजय पत्र Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [७७] प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत । संवत भाषा स्थिति पहोळाई १९४ १७मो सं. उत्तम १०४४॥ प्रासं. १४७४ अभिधानचितामणिनाममाला हेमचन्द्राचार्य एकाक्षरीनाममाला अमरेन्द्र १४७५ साघुश्रावकप्रतिक्रमण चेत्यवदन गुरुवदन सावचूरि त्रिपाठ तिलकाचार्य १४७६ योगशास्त्र बालावबोध बा.सोमसुदरसूरि १४७७ राजप्रश्नीयउपागसूत्र १४७८ राजप्रश्नीयउपागसूत्र वृत्ति १४७९ योगशास्त्र चतुर्थ प्रकाश पर्यंत हेमचन्द्राचार्य उत्तम उत्तम मध्यम १०४४|| १०४४) १०४४॥ १०१४४ १०॥४४ मलयगिरि २५ १६७४ प्रकाश. १थी४ ९७ १७मो २१२० ५२ १८मो ३७०० ६३ १७मो १७ १७मो (१३०७) ७५११ ५२ थी १२६१७८८ १५३५ ८४ १८मो ३३ १५६७ ३२ १७मो २७ १७मो ४८८० १४० १६२२ मध्यम जीर्ण सं. प्रा.गु. प्रा गु. प्रा.स जीर्ण gol XX1 १०1४४| १०1४४ १०x४| १०.४४ १०१४४ चन्द्रसूरि उत्तम प्रा. प्रा. ' उत्तम वानरऋषि १३ १६४८ १६०२ प्रा.सं. उत्तम १०1४४| १४८० शांतिनाथचरित्र गद्य | भावचन्द्रसूरि १४८१ दशवकालिकसूत्र सस्तबक शय्यम्भवसूरि १४८२ दशवेकालिकसूत्र पर्याय सह शय्यम्भवसूरि १४८३ निरयावलिकासूत्र सटीक त्रिपाठ १४८४ निरयावलिकासूत्र मूल १४८५ जीवाभिगमोपांगसूत्र १४८६ बंधहेतूदयत्रिभगी लक्ष्मीसागर सूरि वृत्तिसह पञ्चपाठ शिष्य हर्षकुल १४८७ बंधहेतूदयत्रिभंगी-वृत्तिसह लक्ष्मीसागर सूरि पञ्चपाठ शिष्य हर्षकुल १४८८ पर्यंताराधनाप्रकरण सस्तबक सोमसूरि सम्यक्त्वोच्चार आलापक १४८९ तंदुलवेचारिक .प्रकीर्णक सबालाबोध १४९० विपाकसूत्र १४९१ जिनशतक जम्बू कवि १४९२ दशवेकालिकसूत्र सस्तबक शय्यम्भवसूरि १४९३ प्रश्नव्याकरणांगसूत्र १४९४ योगशास्त्र सस्तबक प्रकाश १ थी ४ हेमचन्द्राचार्य वानरऋषि १२६९ मूगा. ७० १३ १७मो १६०२ १-३ १७मो प्रा.स प्रा.गु. प्रा. उत्तम मध्यम १०१४४| १०४४ ३र्जु १२१६ ४० १६३९ ३२ १७मो १० १७मो ३५ १७मो ३१ १७मो प्रा.गु. उत्तम १०॥४४| प्रा. १०४४ स. उत्तम १०x४ प्रा गु. जीर्णप्राय. १०४४| प्रा. उत्तम १०४४। १२५० ६८ १७मो सं.गु. उत्तम १०४४। १. पत्र १ थी ५१ नथी २. लि. अणहिल्लपुर पत्तने प अच्युत लि Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम श्लोक सख्या स्थिति लम्बाईपहोळाई १५३९ कर्मग्रथ प्रथम द्वितीय सस्तबक देवेन्द्रसूरि १५४० शतककर्मग्रथ सस्तबक अपूर्ण देवेन्द्रसूरि १५४१ उत्तमविलासरास अपूर्ण यशोविजयजी १५४२ श्रीपालरास चतुर्थखड १५४३ दान - शील- तप - भावना कुलक सवालावबोध १५४४ श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र अर्थदीपिका टीकासह देवेन्द्रसूरि १५४५ सत्तरभेदपूजाविधि सस्तनक सकलचन्द्र १५४६ आठ दृष्टि स्वाध्याय सस्तबक' ( योगदृष्टि) १५४७ रत्नाकरपचविशतिका १५४८ पाक्षिकसूत्र- पाक्षिक सामणा' १५४९ सतसई अपूर्ण १५५० ऋषिमडलस्तोत्र १५५१ अध्यात्मगीता १५५२ व्याकरण अपूर्ण १५५३ सिदूरप्रकर सस्तबक सोमप्रभाचार्य १५५४ कल्याणमदिरस्तोत्र सस्तंयक सिद्धसेन दीवाकर १५५५ शेषनाममाला हेमचन्द्राचार्य १५५६ सिदूरप्रकर सस्तबक अपूर्ण सोमप्रभाचार्य १५५७ मुक्तावली १५५८ ज्योतिष सस्तबक १५५९ शालिभद्र चोपाई अपूर्ण १५६० सिदूरप्रकर १५६१ प्रश्नव्याकरणसूत्र सस्तबक १५६२ उत्तमकुमार रास' उ. यशोविजयजी ज्ञानविमलसूरि रत्नाकरसूरि बीहारीदास धर्मघोषसूरि देवचन्द्रजी टीकाकार मतिसार सोमप्रभाचार्य रत्नशेखरसूरि ६६४४ गाथा. ७६ कृत. २५ पत्र लेखन रचना सख्या सवत सवत भाषा १९ ३६ १३ १७ १८१२ १७३८ १८ मो १९ मो १९ मो ३२ १८२४ १८२ १७मो १३ १८२० २८ ६ ९९मो १९ मो १८मो १८मो १२ १७ १३ १८ मो १८ १९ मो ६थी३० १८मो २० १७२५ १५ १८मो ११ २२ ३२ १९ मो २१ १९ मो ३थी२२ १९मो २२ १७मो ५० थी८७१७०० १८मो १८मो प्रा.यु. प्रागु गु. गु प्रागु प्रा. सं गु गु स. प्रा. हिदी प्रा गु. स. सं. गु सगु स. सं.गु. गु स.गु. गु सं. प्रा.गु. गु उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम ९। ४४ ।। ९। ।। ४४ ।। ९ ।। ४४ ।। ९|| x ४ || मध्यभ जीर्ण मध्यम ९ ।। ४४ ।। १० X ४ ॥ ९ ।। ४४ ।। जीर्णप्राय १०x४॥ उत्तम मध्यम सारी उत्तम उत्तम जीर्ण मध्यम उत्तम जीर्ण सारी मध्यम मध्यम सारी ९।। ४४ ।। १० X ४ । । ९ ।। ४।। ९ ।। ४४ । ९ ॥ ४४ ॥ १० X ४ ।। १० X ४ ।। १० X ४ | ९। ।। ४४ । १० X ४ | १० X ४ | ९। ।। ४४ ।। ९। ।। ४४ । ९ ।। ४४ । 811 XXI ९ ।। x ४ [ ८० ] विजयशील २३ १६७५ १६६१ १. राजनगरे २. पत्र १ थी ७ नथी ३. पत्र १ थी ४ नथी ४ ६७३ दोहा सुधी ५ प्रथम पत्र तथा अत्य पत्र नथी ६ लखता अधूरी मुकेली छे ७. प्रथम पत्र नथी, कर्तानुं नाम सोमदेव लख्यु छे ८ अमदावाद लि. जीवराज पत्र १ थी ५० नथी ९. नवानगरे रमणचद्र लि. Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [८१] प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तार्नु नाम टीकाकार श्लोक सरख्या पत्र लेखन रचना सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ४१ १८मो सं. ९ १८मो सं. २० १९मो प्रा.ग. २२ १७२० स. १७ १८मो स्त. १७०० प्रा.गु. उत्तम मध्यम ९||| ४| उत्तम ९ x४ जीर्णप्राय ९॥४४॥ उत्तम ९॥४४) १६ १८मो प्रा.सं. सं. उत्तम मध्यम ११ मध्यम उत्तम 4.4 १५६३ रघुवंशकाव्य अपूर्ण कालिदास कवि १५६४ उदायनराजर्षिकथा' १५६५ कर्मग्रथ चतुर्थ सस्तबक' देवेन्द्रसरि गाथा. ८६ १५६६ योगदृष्टिसमुञ्चर्य हरिभद्रसूरि ११७५ १५६७ कर्मग्रंथ चतुर्थ सस्तबक देवेन्द्रसूरि वाचक धनविजय १५६८ कल्पसूत्र सुबोधिका अन्तर्गत श्लोक सङ्ग्रह १५६९ सम्यक्त्वकौमुदी अपूर्ण १५७० विमलरास किचिदपूर्ण लावण्यसमय १६५६ १५७१ सङ्ग्रहणी प्रकरण श्रीचन्द्रसूरि १५७२ उत्तम चरित्र सोम मंडन १५७३ पाशा केवली-शकुनावली १५७४ वैताल पंचविंशति अपूर्ण १५७५ कर्मग्रथत्रय सस्तबक देवेन्द्रसूरि १५७६ शांतिनाथ रास १५७७ द्रव्यगुणपर्यायरास सस्तबक यशोविजय सस्तबक स्वोपज्ञ २२२५ १५७८ सारस्वत व्याकरण अनुभूति स्वरूपाचार्य १५७९ कुमारपाल रास ऋषभदास कवि १५८० अंतकृदशांगसूत्र सस्तबक १५८१ सम्यक्त्वसप्तति' सबालावबोध सबीजक बा. रत्नचन्द्र १५८२ श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र सस्तबक" १५८३ सिद्धांतविचारबोल सङ्ग्रह १५८४ लोकनालिकाद्वात्रिंशिका प्रकरण" बालावबोध सह त्रिपाठ धर्मकीर्तिसूरि मू.गा. ३२ १५८५ नवकार बालावबोध १५८६ संबोधसप्ततिका प्रकरण सस्तबक रत्नशेखर (जयशेखर) ६४ १८मो २४ १७०६ ३५ १७मो ९ १९मो १० १९मो ४१ १८मो ५५ १८मो ८३ १७३६ ५८ १८मो १७१ १७८५ १६७० ६८ १७९४ ९|| ४|| ९||४४ ९||४४ ९|| ४| ९॥४४॥ ९.४४ ९||४४ ९|| ४| ९x४| ९||४४) ९||४४ ९.४४ ९|| ४| मध्यम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम प्रा.गु. सं. गु. प्रा.गु. उत्तम मध्यम २३८ १८०१ बा.१६७६ प्रा.गु. १० १७६५ प्रा गु. २८ १९मो गु. ९॥४४॥ ९.४४|| ९.X४| १४ १६८७ ११ १८मो प्रा गु. गु. मध्यम उत्तम ९॥४४॥ ९॥४४॥ ३७ १७४४ प्रा.गु. जीर्ण ९।४४ १. पा ३८९ नथी २. लि. केसरविजय ३. पं. धर्मचद्र लि ४, अंबादत्त लि. ५. पत्र १-२ नथी ६ पत्र १२मु डबल ७. राजनगरे लि. प्रति साघेली छे ८. लि. प्रतापविजय ९. पत्र ४३-७४ भेगा, पर १६०-१६८-१८८-२३४ डबल १० लि. नेमिविजय ११ सांधेली १२. राजनगरे लि. B-6 Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र ८२] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १५८७ उत्तराध्ययन वृत्तिसह १५८८ ऋषिमडलप्रकरण वृत्तिसह धर्मघोष पद्यमदिरगणि वृ. ७२९० (कथार्णवाकावृत्ति) गा. ३७२ FEEEEEEEEE ११०० स. २५९ १६९५ प्रास मध्यम १०x४॥ १२२ १७मो ७. १५५३ प्रा स. उत्तम १०४४| (७१) ८ १७२३ १७०४ गु उत्तम १०४४|| १६ १७४६ १७३१ गु. उत्तम १०४४) ३० १७मो जीर्ण १०॥४४ १२ १९मो उत्तम १०1४४ १९ १६९८ १५७२ उत्तम १०x४) १५६ १७मो उत्तम १०१X४| ४ १६३२ उत्तम १०1४४| १४८ १७मो प्रा. अतिजीर्ण १०४४ १४६ १७मो प्रा उत्तम १०४४ ४७ १८मो स. मध्यम १०४४। बोधकार १थी४ ६८०० सं. सगु ५००० ७९८७ १५८९ चन्दन-मलयागिरि चोपाई जिनहर्ष १५९० चित्र-सभूति चोपाई' न्यायसागर १५९१ आदिनाथदेशनोद्धार सस्तबक । १५९२ अध्यात्म ज्ञानसा उ, यशोविजयजी १५९३ स्थूलभद्र गुणरत्नाकर छद सहजसुदर १५९४ उपासकदशागादि पचसूत्र वृत्ति १५९५ अष्टोत्तरीस्नान विधि १५९६ वर्धमानदेशना पद्य शुभवर्धनगणि १५९७ प्रज्ञापनोपागसूत्र १५९८ उत्तराध्ययनकथा अपूर्ण १५९९ औपपातिकोपागसूत्र वृत्तिसह पञ्चपाठ १६०० उपदेशमालाप्रकरण सटीकर धर्मदासगणि १६०१ गजसुकुमालरास शुभवर्धन १६०२ पूजाविधिविचार १६०३ लोकनालिकाद्वात्रिशिका प्रकरण सबालावबोध धर्मकीर्तिसूरि १६०४ लोकनालिकाद्वात्रिशिका । प्रकरण मूल धर्मकीर्तिसूरि १६०५ जिनशतक वृत्तिसह त्रिपाठ जम्बू १६०६ औपपातिकोपागसूत्र सटीकार १६०७ सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमोध्याय प्राकृतव्याकरण दुढिका सह हेमचन्द्राचार्य वृ. अभयदेवसूरि सिद्धर्षि ३१२५ प्रा गु. प्रा सं. ५४ १७मो १०९ १७मो ५ १९मो ६ १७मो उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम १०४४| १०.४४ १०.४४ १०४४) सहजरत्न ६ १७१२ प्रा.गु. उत्तम १०१४४ प्रा. उत्तम शबू. ५ १७मो २७ १६५८ ८३ १६६६ उत्तम १५०० १९७५ अभयदेवसूरि १०४४॥ १०१४४| १०॥४४॥ स. प्रा.स. उदयसौभाग्य १६७ १७मो दु. १५९१ प्रा.स. उत्तम १०x४॥ १ चित्रपृष्ठिका पत्र २०२ थी २२१ नथी, पत्र १७५ नथी, फा १७४ डबल २. रचना- जेसलमेर, प्रथम पर नथी ३. लि. मनोहर, राणपुर नगरे ४. लि. जयसागर ५ मुनि दीपविजय लि. ६. बे बाजु चित्र पुष्ठिका छे ७. दामोदर सूत्रधार लि. ८. पन ३२-३३ मेगां, पत्र ४३मु डबल, पत्र १४२मु नथी ९ चोंटवाथी बगडेली १० पत्र १६ थी ३६ तथा ४मु नथी ११ चित्र पुष्ठिका १२. चित्र पुष्ठिका पत्र ८मुं डबल, पत्र ६९-७० मेगा. Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [८३] प्रति नवर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई प्रा.गु. प्रा. गा. २७६ गा. २८१ १२ १७मो १४ १६मो २७ १६५० ८थी१४ १८मो उत्तम १०1४४| जीर्णप्राय ९||॥४४॥ उत्तम १०x४) उत्तम १०४४ १६०८ निगोदषट्विंशिका प्रकरण सावचूरि रत्नसिंहसूरि १६०९ सङ्ग्रहणीप्रकरण श्रीचन्द्रसूरि . १६१० सङ्ग्रहणीप्रकरण सचित्र १६११ सज्झायसङ्ग्रह अपूर्ण लब्धिविजय (१) आर्द्रकुमर सज्झाय लब्धिविजय (२) नदिषेण सज्झाय लब्धिविजय (३) वयरस्वामि सज्झाय लब्धिविजय (४) धन्ना-शालिभद्र सज्झाय लब्धिविजय (५) कलावती सज्झाय लब्धिविजय (६) चन्दनबाला सज्झाय लब्धिविजय (७). ढंढणकुमार सज्झाय लब्धिविजय (८) वस्तुपाल भास लब्धिविजय (९) पडिलेहण स्वाध्याय लब्धिविजय (१०) खंधक कुमार सज्झाय लब्धिविजय १६१२ उपदेशतरंगिणी' रलमंदिरगणि १६१३ ध्वज जग रास-आख्यान' उदयमदिर १६१४ देशीनाममाला सटीक हेमचन्द्राचार्य १६१५ ध्यानस्वरूप भावविजयजी १६१६ सारस्वत व्याकरण चन्द्रकीर्तीय सुखबोधिका टीका १६१७ उत्तराध्ययनसूत्र कथा सह' अष्टादश अध्ययन पर्यंत १६१८ कल्पसूत्र सस्तबक भद्रबाहुस्वामि १६१९ किरातार्जुनीय महाकाव्य भारवी कवि १६२० प्रज्ञापनोपांगसूत्र १६२१ चैत्यवदनभाष्य सस्तबक देवेन्द्रसरि ४८ १५५० ११ १७५७ ६७ १७मो ८ १७०८ उत्तम उत्तम उत्तम १०४४ १०४४ १०४४ १०४४) स्वोपज्ञ टीका १६९६ गु. चन्द्रकीर्तिसूरि २०५० ५१ १६३९ उत्तम १०४४| १२७ १७८६ १३२ १९मो ६० १७१३ २५४ १७मो १४ १९मो गु. प्रा.गु. सं. प्रा. प्रा.गु. उत्तम १०४४ उत्तम १०४४/ उत्तम १०x४|| जीर्णप्राय ९||1X४| उत्तम १०४४||| ७७८७ १. समय प्रमोद लि.,न तरफ चित्र पुष्ठिका छे. २. लि, सुरजधर्म गणि ३. प्रथम पत्र नथी, गुणविजय लि., अणहल्लपुर पत्तने ४. अंबादास लि., अनहलपुर ५ लि. रावत गोरा ६. पाटण ७. सीरोडी लि. विद्याविजय ८. लि भाणचंद । Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोन सचिपत्र ८४ पति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ५०२५ १४० १७७१ उत्तम १०४४|| गु. प्रा प्रा. अभयदेवसूरि अभयदेवसूरि अभयदेवसूरि १६२२ विशतिस्थानक विचारसार' जिनहर्ष (पुण्यविलास रास) १६२३ द्रौपदी चोपाई कनक कीर्ति १६२४ आचारागसूत्र मूल | १६२५ अतकृदशागसूत्र' १६२६ उपासकदशागसूत्र वृत्ति अतकृद्दशागसूत्र वृत्ति अनुत्तरौपपातिक दशागवृत्ति १६२७ अनुत्तरोपपातिक दशाग मूल १६२८ सड्ग्रहणीप्रकरण बालावबोध १६२९ सङ्ग्रहणीप्रकरण बालावबोध १६३० दशाश्रुतस्कघचूर्णि १६३१ मुनिपतिचरित्र बालावबोध १६३२ अनुयोगद्वारसूत्र वृत्ति १६३३ अन्निकापुत्रचरित्र १६३४ आचारांगसूत्र मूल १६३५ किरातार्जुनीय महाकाव्य सावचूरि पञ्चपाठ भारवी कवि १६३६ द्वादश भावना स्वाध्याय सकलचन्द्रगणि १६३७ कल्पसूत्र मूल भद्रबाहुस्वामि १६३८ कल्पसूत्र सस्तबक सचित्र 'पद्रबाहुस्वामि १६३९ नवतत्त्व चोपाई मुनिवेलो १६४० नवतत्व प्रकरण सस्तबक १६४१ उत्तराध्ययनसूत्र सुखबोधावृत्ति देवेन्द्रगणि १६४२ प्रतिलेखनाविधिगाथा-प्रभातपउण पोरसिगाथा नेमिचन्द्रसूरि १६४३ परिशिष्ट पर्व" हेमचन्द्राचार्य ३६ १७६२ १६३२ २५५४ ७४ १७मो ८९० २२ १७मो १-२५ १५९७ २५-३३ १३५० ३३-३६ १९२६ १६५० ११५ १८०२ ५९ १७४९ १४९७ ९० १६०० ६४ १९मो ५८०० ११४ १६६३ १०० १८मो २६४४ ६५ १७मो उत्तम १०1४४|| उत्तम १०.४४ उत्तम १०। ४४ उत्तम १०॥४४॥ उत्तम उत्तम उत्तम १०x४| उत्तम १०x४ जीर्ण १०४४। जीर्णप्राय १०x४ जीर्ण १०x४॥ जीर्णपाय १०x४॥ उत्तम १०॥४४॥ १०.४४ शिवनिधानगणि दयासिघगणि मल. हेमचन्द्रसूरि सं. प्रा.स. ८६ १७मो ६ १८मो ६८ १७मो ८५ १७मो क. १८५६ १६५२ ३३ १८मो २१८ १६७४ ११२९ प्रा. प्रा.गु उत्तम १०x४॥ जीर्णप्राय १०४४। उत्तम १०४४। उत्तम १०४४। उत्तम १०४४ उत्तम १०४४। उत्तम १०४४ प्रा.गु. स. १ १७मो १२८ १६४३ उत्तम उत्तम १०४४। १०x४/ ३५०० से. १ राजनगरे लि. २ पाटण, नापि महावजी लि. ३ एकत्याजु चित्र प्राप्तिका ४ लि. भणपुर (भात बदर) ५ लि, नागोर १ रुपसागर लि. ७. चित्राधिका. फिनिदपूर्ण ८ गणि प्रेमविजय लि. ९. प्रथम पामा तीर्थकरर्नु बीजा परमो गौतम स्वामिनु बीजी पटिमा देवानदान चिाले १० सूर्यपुरे गणि जयसागर लि. ११. जेसलमेर-सापता भुणा लि बे बाजु चित्र पुष्टिका छे पा १२६-१२७ नथी. Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [८५] प्रति नंवर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई जीर्णप्राय १०॥४४॥ १०.४४ उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम SIIT XX1 १०४४ उत्तम उत्तम प्रा. २०४४॥ १०४४। १०४४। १०x४॥ १०x४| उत्तम प्रा.गु १६४४ परिशिष्ट पर्व सर्ग १थी१३ हेमचन्द्राचार्य ३४६० ८६ १६८९ सं १६४५ आरभसिद्धि वार्तिकसह ज्योतिष उदयप्रभदेव हेमहसगणि ५७५० १०४ १६५० १५१४। का १६४६ अष्टप्रकारी पूजा कथा सङ्ग्रह चन्द्रमहत्तर १३३७ ७मो ११२७ • १६४७ गुणस्थानप्रकरण सटीक रलशेखरसूरि स्वोपज्ञवृत्ति १००० ३१ १८मो १६४८ चन्द्रप्रज्ञप्तिउपागसूत्र ५४ १६७९ १६४९ सारस्वत व्याकरण सुबोधिका टीका चन्द्रकीर्तिसूरि ९६ १६४७ १६५० दमयंतीचंपूकथा अपूर्ण त्रिविक्रमभट्ट ४५ १७मो १६५१ नवतत्त्व प्रकरण । गा. ५४ ५ १९मो १६५२ नववाड स्वाध्याय क ३९ २ १७२८ १६५३ जीवविचार प्रकरण सस्तबक शातिसूरि १२ १८६६ प्रा.गु. १६५४ जयंति आलापक सस्तबक (भगवती सूत्र अन्तर्गत) ६ १८मो १६५५ जम्बूद्वीपसग्रहणी सटीक त्रिपाठ हरिभद्रसूरि प्रभानदसूरि ७०५ १३ १८मो वृ १३९० प्रा.स. १६५६ दडकप्रकरण सवालावबोध त्रिपाठ' गजसार ५ १७मो १६५७ जिनस्तोत्र कोश विनयहसगणि २८ १७मो स. १६५८ जम्बूकुमार रास ज्ञानविमल १०३४ २९ १७८८ १७३८ गु. १६५९ ऋषिमडल प्रकरण सस्तबक धर्मघोष मू.गा २२३ २१ १७३४ प्रा.गु. १६६० अष्टप्रकारीपूजोपरि-शुकादि कथा सङ्ग्रह ३५ १६८२ १६६१ रूपमजरी नाममाला' रूपचन्द्र १२३६ १८७४ १६६२ चपकश्रेष्ठि कथानक प्रीतिविमल १५ १७०२ १६६३ आचारागसूत्र प्रदीपिका जिनहससूरि ९५५० २७८ १८मो १६६४ मेघदूत काव्य सटीक त्रिपाठ कवि कालिदास मू श्लोक १२७ २९ १७०९ १६६५ उत्तमविलास रास पुन्यप्रम-भावप्रभसूरिशिष्य २५५ १४ १९मो १६६६ अध्यात्म गीता देवचन्द्र ५ १९मो गु प्रा.गु उत्तम उत्तम उत्तम उनम उत्तम उत्तम EEEEEEEEEEEEEEEEEEEE ९|||४४| १०x४| ९||॥४४॥ १०x४| १०४४। ९।४४) मध्यम उत्तम ९||| ४|| ९11४४ १०x४/ १०x४|| IIIX४| १०x४ १०४४।। जीर्ण उत्तम उत्तम १ वे चित्र पटिका- सोदिग्रामे पुण्यविजय लि २ अपाहिन्नपुरपत्तने वर्षमान लि. (विजयचद्रकेवलीचरित्रगत) ३ क्षेमकलश लि ४ राजनगरे लि ५, देवविमल लि. ६ विद्यासोम गणि लि प्रथम पा नथी ७ राजनगरे लि ८ सूरत मानविजय गणि. लि ९ पत्र ११मु डबल Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र प्रति नगर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम श्लोक सख्या स्थिति लम्बाईपहोळाई १६६७ अष्टप्रकारीपूजा कथासङ्ग्रह ' चन्द्रमहत्तर उत्तमविजयजी १६६८ अष्टप्रकारीपूजा १६६९ वैराग्य स्वाध्याय' १६७० शां प्रद्युम्न रास १६७१ ज्ञाताधर्मकथागसूत्र १६७२ वीरजिन निर्वाण दीवाली स्तवन गुणहर्ष १६७३ कयवन्नाशेठ चोपाईं जयरग १६७४ आवश्यकसूत्र प्रथम पीठीका ' बालावबोध १६७५ नर्मदासुदरी कथा १६७६ दशवेकालिकसूत्र सस्तवक' शव्यम्भवसूरि १६७७ स्वाध्याय - सज्झाय सङ्ग्रह १६७८ (१) सनतकुमार स्वाध्याय (२) सुदर्शन श्रेष्ठि स्वाध्याय लालविजय (३) अनुत्तरवासी सुर स्वाध्याय गुणजिजय १६७९ महावीर जिन स्तवन १६८० सिदूरप्रकर सटीक त्रिपाठ १६८१ राजप्रश्नीयोपांगसूत्र वृत्ति' १६८२ दडक प्रकरण सस्तवक १६८३ लोकनालिकाद्रानिशिका" सवालावबोध त्रिपाठ १६८४ महावीर जिन सायन" १६८५ चिलातिपुत्र स्वाध्याय" १६८६ सोलसतीभास १६८७ द्रव्यसह सावचूरि त्रिपाठ १६८८ सार शिखामण रास श्रीसार समयसुंदर वृतिसह पंचपाठ १६८९ भक्तामर स्तोत्र उ. यशोविजयजी सोमप्रभाचार्य गजसार धर्मकीर्ति हसराज जिनह मेघराज नेमिचन्द्रमुनि रावेगसुदर टीकाकार मलयगिरि सहजरल क. ७० ८०० ५४६४ १५१४ क. १८ क. ४४ क १५ ३८९८ पण VY ६६८ पत्र लेखन रचना सख्या सवत ३१ ४ ४ २३ १०३ ९ १२ १९ १० १८५० १७८४ १७मो १९ मो १८१९ ७० ९ १७७१ १९मो १८१७ १५२७ १७ मो ५७ १७मो ८१ २० मो १लुं १८मो १थी३ जुं सवत भाषा १६२७ १७२९ ११२७ प्रा. ६ १९ मो २७ १८मो १७०८ १६८५ १६९८ १७३१ १० ८ ४ १७९४ १७ १९मो ७ १७मो १७ १९मो १५४८ गु गु गु प्रा. गु. 西 गु. स. प्रा.गु. गु. गु गु. गु. गु सं. स. प्रा.गु. पा.सं. गु गु. गु. पा.सं गु उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम सं. उत्तम उत्तम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम मध्यम १० X ४ ।। ९।। ४४ ।। ९।।५४। १०४४ ॥ १० X ४ ।। १०x४ । १० X ४ ।। श्रेष्ठ १० । ४४ । । १०१ ४४ ॥ १०१ ४४ | १०४४।। ९।। ४४ । ९ ।। ४४ । १०४४। १०४४ । । १० X ४ | मानतुगसूरि रत्नचंद्रगणि १२ १७मो १. रूपविजय लि. खिमाणंदि ग्रामे २. पं. केशरचंद्र गणि लि. ३. राजनगरे ति ४ लि साचोर ५. लि. पचननगरे ६ किचित् अपूर्ण ७. प्रथम पर नधी ८. पत्र २५-२६ नभी ले च पृष्ठिका छे. ९. सारंगपुर नगरे लि. १०. वरसिंग लि. ११. किनारी करडेली १२. पत्ता नगरे लि १० X ४ | १० X ४ | ९।। ४४ । ९।। ४४ ।। १० X ४ । ९x४| [८६ ] १०४४/ Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [८७] प्रति नंबर पुस्तफनु नाम कर्तानु नाम . टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ७०० ५७५० मल.हेमचन्द्रसूरि ८५ १७९० १२५ १६७२ ८ १८मो २५ १७मो १६४४ ९९ १८मो १६९६ ३६ १८मो ४१ १७मो १४२८ प्रा.गु. अतिजीर्ण १०४४॥ स. मध्यम ९४४| प्रा.गु उत्तम १०४४|| गु. उत्तम १०४४॥ प्रा.सं. उत्तम १०४४| उत्तम १०४४| प्रा. उत्तम १०४४ विनयविजयजी १६९० नदीसूत्र बालावबोध सह १६९१ अनुयोगद्वारसूत्र वृत्ति १६९२ आत्मबोधकुलक सस्तबक जयशेखरसूरि १६९३ सुरसुदरी रास नयसुदर १६९४ कल्पसूत्र सुबोधिका टीकासह भद्रबाहुस्वामि १६९५ उपासकदशांगसूत्र सस्तबक १६९६ श्रीपालचरित्र रत्नशेखरसूरि १६९७ त्रिषष्ठिशलाकापुरुषचरित्र सप्तम पर्व हेमचन्द्राचार्य १६९८ श्रीचन्द्रकेवली चरित्र १६९९ मेघदूतकाव्य सटीक त्रिपाठ कवि कालिदास १७०० उपासकदशागसूत्र सस्तबक १७०१ आचारोपदेश चारित्रसुदर गणि १७०२ पर्यताराधनाप्रकरण सस्तबक सोमसूरि मध्यम ३६८५ मूका. १२७ २०१३ १३५ १६६१ ७४ १७मो २१ १७मो ७८ १७मो ९ १८मो ९ १७१४ १०x४) १०४४| ९||॥४४ ९||| ४| ९।।।४४॥ ९|| ४| उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम प्रा.गु प्रा गु. २०० गाथा. ७० २० १७मो सं. उत्तम ६ १९मो १० १६१० २८ १७मो प्रा.गु. स. १०४४) ९|||४४| १०x४) ९||1X४| ९॥४४ १३०० उत्तम उत्तम गु १७०३ योगशास्त्र अध्यात्मोपनिषद् हेमचन्द्राचार्य १७०४ मुक्तावली न्यायशास्त्र १७०५ योगविधि १७०६ अनुत्तरोपपातिकदशांग विवरण अभयदेवसूरि १७०७ वासुपूज्य पुण्यप्रकाश स्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय १७०८ क्षेत्रसमासप्रकरण लघुक्षेत्र समास यत्रचित्र सहित रलशेखर १७०९ आलोचना विधि १७१० कथासङ्ग्रह मल. तिलकसूरि शिष्य (१) कमलकथा (२) बधिरकुटुंबकथा (३) निदकवृद्धाकथा (४) बुद्धिसिद्धि स्थविरा कथा उत्तम ३६ १७मो ८ १९मो २३ १८मो १०४४ ९।४४ ९॥४४॥ उत्तम १ पत्र ४ थी ६० नथी, अलवर नगरे लि २ मीजायेली ३. पचमक्षण पर्यंत ४. चित्र पृष्ठिका ५, रामायण चरित्र, मालपुरे लि. रला ६. चित्र पृष्ठिका ७. चित्र पुष्ठिका ८ प्रथम पत्र नथी Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र (८८) प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १० १८मो मध्यम ९॥४४॥ गीत. ३६ कडी. ३६ १५ १८८१ १० १७मो ९॥४४॥ १०x४॥ उत्तम ३५० २६१ २९ १८मो ३६ १८मो १६७३ प्रा.स. प्रा.सं. सं. गु. उत्तम ९॥४४॥ उत्तम १०x४) उत्तम ९x४) (५) रोहक कथा (६) जित परिव्राजक कथा (७) श्वश्रू- वधू कथा (८) जटाधर कथा १७११ (१) वैराग्य गीत छत्रीसी समयसुंदर (२) वैराग्य गीत छत्रीसी बीजक १७१२ अध्यात्म गीता देवचन्द्र १७१३ भक्तामरस्तोत्र मानतुङ्गसूरि अजितशांति स्तव सावचूरि नंदिषेण १७१४ शुकराज कथा अपूर्ण । १७१५ नलदवदंती रास समयसुंदर १७१६ नारचन्द्र ज्योतिष नरचन्द्रसूरि १७१७ अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र सस्तबक १७१८ अंतकृदशागसूत्र १७१९ पर्यंताराधनाप्रकरण सस्तबक सोमसूरि १७२० महावीर जिन स्तवन उ. विनयविजयजी १७२१ भक्तामरस्तोत्र' मानतुजसूरि १७२२ भक्तामरस्तोत्र मानतुजसूरि १७२३ भक्तामरस्तोत्र बालावचोध सह मानतुजसरि १७२४ पार्श्वनाथ गीता उदयविजयजी १७२५ अभिधानचितामणिनाममाला अपूर्ण हेमचन्द्राचार्य १७२६ रघुवश काव्य सटीक त्रिपाठ' कवि कालिदास १७२७ अध्यात्मसार टिप्पणक सह यशोविजयजी १७२८ अंजना सती रास भुवन कीर्ति १७२९ अध्यात्म कल्पद्रुम सटीक मुनिसुंदरसूरि १७३० कर्मग्रथ पचम सस्तनक ५११ ८१२ मू.गा. ७० १७ १८मो २३ १७मो ९ १७३४ ३ १८मो ५ १९मो ५ १८मो २३ १८मो १६ १७२० प्रा.गु. उत्तम ९॥ ४॥ प्रा. उत्तम ९ x४| . प्रा.गु. जीर्णप्राय ९॥४४॥ १७३२ गु. उत्तम ९ x४| सं. मध्यम ९॥ ४॥ जीर्ण १०x४ सं.गु. उत्तम ९॥ ४ गु. .उत्तम ९ x४| वृत्त. ५४ ६०३ मल्लिनाथसरि ६२ १९मो सं. १५२ १७०४ ४६ १९मो ४० १८मो १७७६ गु. ६१ १८४८टीका. १६७४ सं. ९३ १९मो प्रा.गु. मध्यम ९11४४ उत्तम ९x४ मध्यम ९|| ४|| मध्यन ९॥४४॥ मध्यम ९॥४४॥ मध्यम १०४४) १०९३ २५५९ रलचन्द्र - १. ति दिविजय २ लि स्तंभतीर्थ ३. पा से उबल ४ पथम पत्र नथी ५, चंद्रावतीनगर ६. पर जुनधी ७९ थी८५ नथी. Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कर्तानुं नाम १७३१ अष्टान्हिका व्याख्यान सस्तबक भावप्रभसूरि १७३२ उपासकदशाग सूत्र सटीक ' १७३३ नवकार बालावबोध १७३४ जातकपद्धति सवृत्ति' १७३५ रणसिंह राजा कथा १७३६ वाक्यप्रकाश १७३७ वीरजिनस्तवन- पुण्यप्रकाश स्तवन १७३८ ज्ञाताधर्मकथागसूत्र सस्तबक १७३९ उत्तराध्ययनसूत्र वृत्तिसह १७४० उपासकदशागसूत्र सस्तलक १७४१ भगवतीसूत्र गमाविचार १७४२ आचारदशांगसूत्रनिर्युक्ति १७४३ अभिधानचितामणि नाममाला १७४४ शाविनाथ विवाहल १७४५ श्रीपालरास १७४६ श्रीपालरास १७४७ वृत्तरत्नाकर वृत्तिसह १७४८ सिंहासन बत्रीसी कथा १७४९ मलयसुदरी रास १७५० महीपाल चरित्र १७५९ दशवेकालिकसूत्र सबालावबोध पञ्चपाठ १७५२ दशाश्रुतस्कंध चूर्णि १७५३ दशाश्रुतस्कंध मूल १७५४ सद्ग्रहणी प्रकरण टीका श्रीपति भट्ट उदयधर्म विनयविजयजी उपा. भद्रयादुस्वामि हेमचन्द्राचार्य टीकाकार अभयदेवसूरि कृष्णदेवश शय्यम्भवसूरि भावविजयजी नवरस सागर विनयविजय यशोविजयजी ज्ञानसागर केदार समयसुदर जिनहर्ष चन्द्रगच्छीय वीरदेवगण श्लोक सख्या १८१२ ३०० वृ. १३६ ५१५ १४००० १६२५५ ३१३५ ३८७५ १८१७ गाथा. ग्र. २२७१ पत्र लेखन रचना संख्या सवत सवत ३१ १९मो ३८ १६८५ १३ १७३५ ५४ १८३५ १७ १९मो ७ १९मो १५०७ ४ ३३३ १७३४ ७४३ १७३३ १६८९ १८मो १८ मो ७५ ५६ १८मो १७२९ १८मो ६६ १८मो १६ १८मो ८३ १८१२ १७३८ १८ १८मो १५२१ २६ १७४२ १६४९ ३७ १८मो १२५ १९मो १७५१ ५७ १७मो ४९ १७मो ५२ १७ मो ५२ १७मो ८१ १७मो भाषा सगु. प्रा.गु. गु. स. गु. सं. गु. प्रा.गु. प्रा.स. प्रा.गु गु. प्रा. स. गु गु. गु. स. स. गु. प्रा. प्रा.गु. प्रा. प्रा. सं. स्थिति उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण लम्बाईपहोळाई ९ ।। ४४| ९।। ४।। ९। ।। ४४ । ९।। ४४ । ९। ।। ४४ । ९ ।। ४ । ९ ।। X ४ | ९ || ४ ४ ९ || ४| ९। 1 x ४ | ९। ।। ४४ । ९ ।। × ४ | ९ ।। ४४ । ९ ।। ४४ ९ ।। ४४ ९ ।। × ४ | ९ ।। ४४ १० X ४ । । १० X ४ १० X ४ । । ९ ।। ४४ । ९। ।। ४४ ।। ९। ।। ४४ । [८९] देवभद्रसूरि ३५०० १. लि. कुमरमिराव २. सत्यविजय लि. ३. जलालपुरे लि प्रथम पत्र नथी ४. ऋद्धिवर्धन लि., फरमान वाडी, रचना रानेर ५ लि. सहजरत्न. प्रथम पत्र नथी. ६. पभायत चंदरे लि. ७ षभायत लि. Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र २० प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तान नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसंख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १७५५ सङ्ग्रहणी प्रकरण सटीक त्रिपाठ श्रीचन्द्रसरि देवभद्रसूरि ८१ १८४३ प्रास उत्तम ९|| ४| ३५०० गाथा.२७६ १४८४ ३२८१ १७५६ सम्यक्त्वकौमुदी चोपाई १७५७ राजप्रश्नीयोपागसूत्र सस्तबक १७५८ अभिधानचितामणिनाममाला हेमचन्द्राचार्य १७५९ चोवीशी दंडक ओगणत्रीश द्वार' १७६० दशाश्रुतस्कधसूत्र १७६१ दशवैकालिकसूत्र सस्तबक' शय्यम्भवसूरि ४८ १४८ १६८९ ४७ १८मो १७ १८८३ २१ १७मो ५१ १७७१ गु उत्तम १०x४ प्रा.गु उत्तम १०४४॥ मध्यम १०४४॥ मध्यम ९11४४| उत्तम १०४४। प्रागु जीर्णप्राय ९x४| अध्ययन १थी१० ३१ १७१९ २४ १७५७ स.गु १७६२ सिदूरप्रकर बालावबोध सह सोमप्रभाचार्य १७६३ शालिभद्ररास' १७६४ सिद्धांतचन्द्रिका टीका अपूर्ण १७६५ सिद्धांतचन्द्रिका सुबोधिनी टीका १७६६ सारस्वत व्याकरण धातुपाठ" चन्द्रकीर्तिसूरि १७६७ शब्दरूपाणि १७६८ षडावश्यकसूत्राणि बालावबोध १७६९ श्रीपालरास सस्तबक विनयविजय-यशोविजय १७७० समयसार नाटक बनारसीदास १७७१ समयसार नाटक बनारसीदास १७७२ अनुयोगद्वारसूत्र १७७३ दान-शील-तप-भावना संवाद समयसुदर १७७४ दान-शील-तप-भावना-१० कुलक सस्तवक १७७५ (१) जेन मेघदूत काव्य मेरूतुजसूरि (२) विदग्धमुखमडन धर्मदास १७७६ विचारसार प्रकरण देवचन्द्र १७७७ उत्तराध्ययनसूत्र स. प्रा.गु. गु. ६१ १८२७ १३ १७७१ १९ १९मो ४२ १९मो ५१ १९मो १७३८ ७६ १७मो ४१ १७३० ६७ १६४८ ८ १९मो १६६२ उत्तम १०४४। १०x४॥ उत्तम १०४४) उत्तम १०x४1 उत्तम १०४४| उत्तम ९॥४४॥ जीर्ण ९11४४|| उत्तम १०x४|| उत्तम ९x४ उत्तम १०x४|| उत्तम ९HIX४| मध्यम ९x४|| १४०० प्रा.गु. उत्तम जीर्ण ९111४४| ९॥४४॥ ६ १९मो ४१८ १थी१६ ३७५ १६थी२९ १५ १८मो २८१ १६१० १०x४॥ ९॥४४॥ प्रा. उत्तम १. लि. प्रहलादनपुर २. लि. पालनपुर पत्र ५-६ नथी ३. मुनि पियेकराज लि., पदमायती प्रामे ४. राजनगरे लि. ५. पालनपुरे लि, ६. लाउणु ग्रामे लि. ७. लि. दानचंद्र, पतन ग्रामे ८. बे बाजु चित्र प्रष्टिका छे ९. लि. फेशरविजय, मरदेशे पद्यावतीनगरे १० विमलसागर लि. प्रत्ययपुर Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई प्रा.गु. १५ १८मो ८ १७०१ १६ १८५९ सं. उत्तम उत्तम उत्तम ९||1४४) ९॥४४| ९॥४४॥ प्रा.गु. १७७८ द्रव्यसङ्ग्रह बालावबोध सह नेमिचन्द्रमुनि १७७२ विद्याविलासकथा १७८० दंडकप्रकरण सस्तबक गजसार १७८१ ललित विस्तरा चैत्यवदनवृत्ति पजिकासह हरिभद्रसूरि १७८२ स्थूलभद्रचरित्र पद्य सस्तबक' जयानंदसूरि मुनिचन्द्रसूरि २२०० मू.का. ६७५ ग्र. २५०० ३२ १७मो ९४ १८७२ सं. सं.गु, उत्तम मध्यम ९।४४ ९||| ४| ३२ ५१ १८मो १८मो उत्तम १०x४|| उत्तम ९x४| स्वोपज्ञ टीका १०००० १९४ १६५८ उत्तम ९|| ४| १७८३ पचसूत्र-पापप्रतिघात गुणबीजाधानसूत्रवृत्ति हरिभद्रसूरि १७८४ नैषध महाकाव्य हर्ष कवि १७८५ अभिधानचिंतामणिनाममाला सटीक हेमचन्द्राचार्य १७८६ अभिधानचिंतामणिनाममाला मूल हेमचन्द्राचार्य १७८७ साधुप्रतिक्रमण सूत्र सबालावबोध १७८८ अगीयार गणधर स्तवन १७८९ नंदिसूत्र देववाचक १७९० कल्पसूत्र सस्तबक अपूर्ण भद्रबाहुस्वामि १७९१ नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक ४७ १८मो २१ १७९७ ८ १७४३ ३७ १६८७ १०१ १७मो २१ १७१६ उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम १०४४॥ १०४४/ १०४४|| १०४४|| ९||1X1 ९111४४) प्रा. प्रा.गु. प्रा.गु. मध्यम १७९२ नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक स्त. मानविजय मू.गा. ५१ ग्र. ७०० मू.गा. ९७ ग्रं. १२०० गा, ५१ ३९ १९मो प्रा.गु. जीर्णप्राय ९|| ४| १७९३ नवतत्त्वप्रकरण मूल १७९४ निरयावलिकासूत्र सस्तबक १७९५ पचकल्प भाष्य १७९६ मौनएकादशी देववंदन १७९७ ज्ञानपंचमीकथा-सौभाग्य पंचमी कथा ४ १८मो ७० १७३३ ६५ १७१९ ५ १७७५ प्रा प्रा.गु. प्रा. जीर्णप्राय ९॥४४॥ उत्तम १०४४। उत्तम ९||| ४|| उत्तम ९॥४४|| दान (विजय) कनककुशल ६ १७मो १६५५ सं. १०४४|| १. प्रथम पत्र नथी २, पाटणनगरे लि. ३. बे बाजु चित्रपृष्ठिका पत्तने लि. ४. वर्धमान लि. ५. भीजायेली-एक चित्रपूष्ठिका, प्रथम पत्रे तीर्थकरनुं चित्र ६ कल्याणचद्रसूरि लि. Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनु सूचिपत्र [९२१ प्रति नंबर पुस्तकर्नु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ४२ १६३६ गु मध्यम ९x४| १७९८ लघु अतर वाचना १७९९ विशतिस्थानक विचारसार पुण्यविलासरास जिनहर्ष १११ १७५० गु मध्यम ९ ४॥ ढाल १३२ गा ३२८० ग्र. ४६३५ ४०० १८०० विहरमान जिन विशी गीत लीलो १० १९मो उत्तम ९४४ १८०१ विहरमान जिन विशी स्तवन' उ. यशोविजयजी १८०२ विहरमान जिन विशी स्तवन ज्ञानविमलसूरि १८०३ वैधमनोत्सव वैद्यक नयनसुख १८०४ विचाररत्नाकर कीर्तिविजयोपाध्याय १८०५ विमलमत्रीश्वररास लावण्यसमय ६ १८मो १० १७९१ २२ १७०० २२० १६९० ४५ १७०३ गु. उत्तम ९|| ४| मध्यम ९x४| मध्यम १०४४। उत्तम ९x४ उत्तम ९11X४॥ खड.९ कडी. १३५६ 선 १३ १८७६ ४५ १७मो २५०५ उत्तम ९।। ४। ९|||४४ | ५०२ १७३३ स. उत्तम ९॥ ४॥ ३२०० १८०६ सारस्वत व्याकरण अनुभूति स्वरूपाचार्य १८०७ प्रशमरतिप्रकरण सटीक उमास्वाति वाचक १८०८ सन्मतिप्रकरण तत्त्वबोधिनी' टीका अभयदेवसूरि तार्किक पचानन १८०९ पचम कर्मग्रंथ (शतक) बालावबोध सह देवेन्द्रसूरि तपा जयसोम १८१० पचम कर्मग्रथाशतक) सावक देवेन्द्रसूरि १८११ कर्मग्रथत्रय अर्थसह देवेन्द्रसूरि १८१२ कल्पसूत्रवृत्ति १८१३ उपदेशमाला प्रकरण" धर्मदासगणि १८१४ (१) कर्मग्रथ पंचक सस्तबक देवेन्द्रसूरि (२) कर्मग्रथ षष्ठ सस्तबक (सप्ततिका प्रकरण) मुनि संघसोम १८१५ उपदेशमाला कर्णिकावृत्ति उदयप्रभदेव १०२ १८मो ३० १८मो २५ १८मो १५१ १८१६ २१ १७मो १ थी ५३१८मो प्रा.गु उत्तम ९॥ ४॥ प्रा.गु उत्तम ९||४४| पा.गु मध्यम ९/ ४/ स. उत्तम १०४४|| प्रा. उत्तम ९11४४| पा गु. जीर्णपाय. ९।।४। १७०६ ६३थी८० २५३ १७मो १२९९ पा.गु. सं. उत्तम ९ x४| १. गद रणथंभोर लि किनार करडेली छे २. लि. पाटणनगरे ३. पर जुनथी, स्तवन १९ पर्यत, अपुर्ण ४. पर २-४ नथी. लि. विनयविजप गणि ५ रचना-मालसूक (पाटण पासे) लि. चउक नगर (शजय पासे) ५. राजनगरे मोतीचंद लि.७ पर ३१६-२१७ नशी८. सालक रचना रिशशिपनमितेऽन्दे ९. एक तरफ चित्र पृष्ठिका १०. पाटण लि. पत्र ११२शी १२२ नथी ११. चित प्रतिका Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [९३] टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या संख्या सवत सवत लम्बाई भाषा स्थिति पहोळाई कर्तानु नाम प्रति नबर पुस्तकनु नाम ५५ १७५७ १० १७मो ३ १७०४ प्रा.सं. प्रा. गु. उत्तम ९ x४|| जीर्णप्राय ९॥४४॥ जीर्णप्राय ९||४| १५७ १७मोवृत्ति. १६३४ प्रा.स उत्तम ९ x४| ९ १९मो प्रा.गु. जीर्णप्राय ९।४४| प्रा.गु. प्रा.गु २६५ १७६६ ६५ १९मो २५९ १८८१ १५६ १८५२ १५६ १६७२ सं.गु. उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम ९|| ४| ९||| ४|| ९x४|| ९||४ || ९॥४४ १८१६ गौतमपृच्छा बालावबोध सह बीजक सह बा. विशालराज १८१७ लघु क्षेत्रसमास प्रकरण गा. २६३ १८१८ मा पंचावनी लब्धिविजय क.५५ १८१९ गच्छाचारप्रकीर्णक वृत्तिसह बीजकसह वृत्ति० विजयविमल ५८५० १८२० कायस्थितिस्तोत्र सस्तबक १८२१ जीवाभिगमोपागसूत्र वार्त्तिक' सस्तबक विमलसोम सस्तबक १८२२ संग्रहणी प्रकरण सचित्र सस्तबक श्रीचन्द्रसूरि मू.गा. ३६० १८२३ श्रीचन्द्रकेवलीचरित्र सस्तबक ११११५ १८२४ प्रश्नोत्तररलाकर-सोमप्रश्न' सग्राहक-शुभविजय १८२५ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति उपागसूत्र ४४५४ १८२६ किरातार्जुनीय महाकाव्य सटीक त्रिपाठ भारवि कवि मल्लिनाथसूरि ७५०० १८२७ लघुक्षेत्रसमास प्रकरण सस्तबक रत्नशेखरसूरि मेघराज २९२५ मूगा. २६४ १८२८ नदिसूत्र सस्तबक १८२९ सग्रहणी प्रकरण सस्तबक श्रीचन्द्रसूरि स्त. १६५० मूगा. ३३८ १८३० किरातार्जुनीय महाकाव्य सटीक त्रिपाठ भारवि मल्लिनाथसूरि ४९०० १८३१ सूत्रकृतागसूत्र २२१० १८३२ योगशास्त्र बालावबोध सह अपूर्ण १८३३ शब्दशोभा नीलकठ १८३४ स्थानागसूत्र बालावबोध सह" सस्तबक ३७५० १४३ १७मो १०१ १७३४ स. मध्यम ९४४ प्रा.गु मध्यम ९॥४४| ७२ १९मो ५६ १७६४ प्रा.गु प्रा.गु. उत्तम ९।४४| मध्यम ९x४| ११६ १७मो ६१ १८मो ६१ १९मो २३ १९मो ९||1X1 ९॥४४॥ मध्यम ९x४|| मध्यम ९।४४|| सं. २४२ १९मो प्रा.गु. उत्तम ९x४|| १ ऋषि सुमतिचद्र लि २ पत्र ९२९ डबल छे ३ अणहल्लपुर पत्तन. पत्र २५, डबल ४. पत्र ४३मु नथी ५ लि. ऋषभ विजय पत्र १५९ थी १६४ नथी ६. विसल नगर लि. ७. चित्र पृष्ठिका छे, अणहिलपुर पत्तने लि. ८. पाणीथी भींजायेली छे. ९. विजयरलगणि लि. पाणीथी भीजायेली १०. चित्र पृष्ठिका ११. पत्र १३७मुं डबल छे. Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [९४] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १२ १८मो गु. उत्तम १८३५ रसिक प्रिया केसवदास १८३६ ग्रहलाघवसिद्धातरहस्य गणेश दैवज्ञ १८३७ शातिनाथ चोपाई माणिकसागर १८३८ जयतिहुयणस्तोत्र सस्तबक अभयदेवसरि १८३९ पश्नव्याकरणसूत्र सटीक त्रिपाठ टीका. अभयदेवसूरि ४६३० १८४० सुरसुदरी रास विनयसुदर १८४१ जिनपूजाधिकार १८४२ जम्बूस्वामि चोपाई देपाल कवि १८४३ सिद्धाचल तीर्थमाला अमृतविजय १८४४ पुण्यसार रास तेजचन्द ५२८ १८४५ जीवविचार प्रकरण सस्तबक शातिसूरि १८४६ चोवीस दंडक ओगणत्रीस द्वार १८४७ कुलध्वजकुमाररास' उवएसगच्छी कफसूरिशिष्य गा. ३५८ १८४८ जम्नूस्वामि रास ज्ञानविमलसूरि १८४९ अष्टोत्तरी स्नात्रविधि १८५० शत्रुजयकल्प सस्तबक' १८५१ नवकार बालावबोध १८५२ जयतिहुयणस्तोत्र अभयदेवसूरि १८५३ नवतत्त्वप्रकरण गा ४८ १८५४ उपदेशमालाप्रकरण धर्मदास गणि १८५५ ज्योतिषसारसङ्ग्रह १८५६ शीलवती रास" जिन ४७८ १८५७ अजितसेन-कनकावलीरास जिनहर्ष १८५८ अध्यात्मसार माला ज्ञानविमलसूरि १८५९ जिनपूजाविधि स्तवन नयविमल १८६० विमलरास अपूर्ण" १८६१ अभिधानचिंतामणिनाममाला" हेमचन्द्राचार्य १५९१ १७० ४४ १६१७ उत्तम ९1X४| ३६ १८मो स उत्तम ९।।। ४४ ६१ १९मो १७२० गु. जी ९॥४४॥ १० १७०६ अपभश गु जीर्ण 1x४|| १२१ १७मो प्रास ९॥ २४॥ उत्तम ९ixM ६ १८४६ उत्तम ९| ७ १६३७ १५२२ उत्तम ९४ १७ १९मो मध्यम ९४|| १६ १७०१ ९॥४४॥ १३ १८मो S1 X 81 १५ १९मो उत्तम ९। ४।। १९ १६०५ ग. जीर्णप्राय ९x४|| १७३८ उत्तम ९४४ ६ १९मो संगु. उत्तम ९x४१ १२ १७४५ प्रा.गु मध्यम ९x४/ ३८ १७४४ उत्तम ९x४॥ ४ १७५६ अपभश १३ १८४५ प्रा. मध्यम ९x४॥ ६१ १९मो 'प्रा. उत्तम ९.४४ १३ १९मो मध्यम ९x४| १५ १७५८ मध्यम ९४४ २३ १७५५ १७५१ उत्तम ९x४|| ६ १८मो १७६५ उत्तम ९ixx ७ १८मो १७४१ ९.४४ १९मो मध्यम ९x४ ४२ १८०५ स. उत्तम ९x४| १७५८ 결념년년년법 १ पत्तन लि. २. भोजविजय लि. ३. लि. माणिकचंद वीरमग्राम ४. शील विषमे ५ लि. ठाकरसी ६. लालकुशल गणि ति ७. राजनगरे लि. ८. राजनगरे लि. ९ उत्तमविजय लि. सिद्धरे १०. लि. उपलेटा ११. लि. प्रमोदविजय १२. पतननगरे कुशलपिजय लिखित १३.प्रथम पर नथी ४. लि. गुज. Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [९५] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक सख्या पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई २१८४ ५६ १७६५ २७ १६५० २९ १९मो २४ १७८५ उत्तम ९.४४ उत्तम ९.४४ उत्तम ९४३|| मध्यम ९x४ प्रा. ५५५१ प्रा.सं. १८६२ करणकुतूहलकुमुद कौमुदी वृत्ति' सुमतिहर्ष १८६३ आगमिकवस्तुविचार प्रकरण जिनवल्लभगणि १८६४ शीघ्रबोध काशीनाथ १८६५ प्रकरणसड्ग्रह (१) नवतत्त्व प्रकरण (२) जीवविचार प्रकरण शांतिसूरि (३) सबोधसप्ततिका प्रकरण (४) चैत्यवदनभाष्य. देवेन्द्रसूरि (५) गुरुवदनभाष्य देवेन्द्रसूरि (६) प्रत्याख्यानभाष्य देवेन्द्रसूरि १८६६ चोवीशजिन स्तवन ज्ञानविमलजी १८६७ यतिजीतकल्पसूत्र सटीक' सोमप्रभ १८६८ उत्तराध्ययन गीत राजशील १८६९ रघुवंश काव्य प्रथम सर्ग सटीक त्रिपाठ कालीदास १८७० गौतमकुलक सटीक १८७१ नवतत्त्व प्रकरण सस्तबक १८७२ मानतुग मानवती रास मोहनविजय १८७३ उपदेशमाला आदि प्रकरणपोथी (१) उपदेशमाला प्रकरण धर्मदासगणि (२) बृहत्सड्ग्रहणी जिनभद्रक्षमाश्रमण (३) योगशास्त्र चतुर्थप्रकाशपर्यंत हेमचन्द्राचार्य (४) गणधर सस्तव जिनदत्तसूरि (५) लघुक्षेत्रसमास (६) एकविशति प्रकरण सिद्धसेनसूरि (७) पिडविशुद्धि प्रकरण जिनवल्लभगणि १८७४ प्रज्ञापनोपांगसूत्र १८७५ प्रज्ञापनोपागसूत्र टीका १८७६ रघुवंश काव्य राघवी टीका सह कालिदासकवि ८ १९मो १०७ १७५५ १७ १९मो १४ १८मो ६७ १७८७ १६६० ५१ १७७९ ६० १८४७ १७६० १२० १६मो उत्तम ९.४४ उत्तम ९.४४ ९॥४४॥ मध्यम ९x४ उत्तम ८॥x४ उत्तम ८४४ मध्यम ७४४ उत्तम ८111४३ ज्ञानतिलकगणि मानविजय स. प्रा.सं. प्रा.गु. गु. प्रा.स. मू.गा. ९९ ढाल. ४७ • प्रा. मलयगिरि चारित्रवर्धन ७९०० १५००० २११ १६६३ २४८ १७मो १४८ १६५० जीर्णप्राय १०॥४४॥ उत्तम १०१४४ उत्तम १०१४४ स. १. लि अणहिल्लपुर पत्तने, पत्र ४८९ डबल छे. २. पत्र ३३-३४ भेगा, पत्र ७४-७५ भेगां छे ३ पत्तननगरे ४. बे बाजु चित्र पृष्ठिका छे. ५. रचना लेखन-पाटण ६. पत्र ४८, १३८मु डबल छे. Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रथोनु सूचिपत्र ९६] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोलाई ८९० २१ १७मो १०० १६४१ प्रा. प्रा गु उत्तम जीर्ण १०x४ १०x४|| भद्रबाहुस्वामि १८७७ अतकृद्दशागसूत्र १८७८ कल्पसूत्र सस्तबक १८७९ विपाकसूत्र वृत्तिसह पञ्चपाठ अपूर्ण १८८० सारस्वत व्याकरण १८८१ नैषध काव्य त्रूटक' १८८२ खीमरिषि रास' प्रा.स १५०० स. अनुभूति स्वरूपाचार्य हर्ष कवि मुनिलावण्य समय ५१ १७मो ३६ १७मो ५८ १८मो २२ १८मो १५८६ उत्तम १०1४४ उत्तम १०॥४४॥ मध्यम १०x४| उत्तम १०x४|| खड. १थी३ गाथा, ५३२ प्रा उत्तम १०४४| १८८३ उपदेशमाला आदि प्रकरणपोथी (१) उपदेशमाला धर्मदास (२) योगशास्त्र हेमचन्द्राचार्य (३) वीतराग स्तव हेमचन्द्राचार्य (४) एकविशति शतस्थानप्रकरण सिद्धसेन (५) प्रत्याख्यानकुलक (६) पिडविशुद्धि प्रकरण जिन वल्लभ (७) सङ्ग्रहणी प्रकरण श्रीचन्द्रसूरि (८) स्थविरावली देववाचक (९) चेत्यपरिपाटी (१०) शाश्वतजिनस्तव देवेन्द्रसूरि (११) क्षेत्रसमास प्रकरण रत्नशेखरसूरि (१२) कल्याणमंदिर सिद्धसेन दीवाकर (१३) भक्तामरस्तोत्र मानतुजसूरि (१४) भयहरस्तोत्र मानतुजसूरि (१५) सिंदूर प्रकर सोमप्रभाचार्य (१६) दशवैकालिक अपूर्ण शय्यम्भवसूरि १८८४ कल्पसूत्र-पर्युषणाकल्प भद्रबाहुस्वामि १८८५ विमलमंत्रीश्वररास लावण्यसमय १८८६ सारस्वतव्याकरण दीपिका टीका ९४ १७मो १थी२३ २३थी४१ ४१थी४८ ४८थी५१ ५१थी५२ ५२थी५७ ५८थी६९ ६९थी७१ ७१थी७२ ७२थी७३ ७३थी७७ ७७थी८० ८०थी८२ ८२थी८३ ८३थी९० ९०थी९४ ७१ १७मो ५९ १७मो १५६८ ८४ १८मो प्रा. खंड.९ उत्तम १०॥ ४॥ जीर्णप्राय १०॥ ४॥ जीर्ण १०1४४ . सं. १. लि. भीमक शार्दुल ग्रामे पत्र १-२ नथी २ पर १ थी १६ नथी ३. रचना- अमदावाद ४. पर ५१ थी ५९ पछीथी लखावेला-भीजागेला. Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [९७] प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई ९००० प्रा.गु. स. २७८ १७८५ ८८ १६१० २१ १६मो २९ १६५७ मध्यम उत्तम उत्तम १०४४ १०४४|| १०४४ ८९० ৩০০ ६७६१ प्रा.सं. प्रा. प्रा.सं. प्रा. १२०९ १२५० १३२९ १८८७ उत्तराध्ययन सबालावबोध १८८८ ज्ञाताधर्मकथांगवृत्ति अभयदेवसूरि १८८९ अंतकृद्दशांगसूत्र १८९० तर्कपरिभाषा केशवमिश्रा १८९१ श्राद्धविधि प्रकरण विधिकौमुदी टीका सह रत्नशेखरसूरि स्वोपज्ञ १८९२ उपदेशमाला प्रकरण धर्मदासगणि १८९३ औपपातिकोपागसूत्र सटीक अभयदेवसूरि १८९४ स्थानागसूत्र १८९५ वृत्तरत्नाकरवृत्ति केदार सोमचन्द्रसूरि १८९६ औपपातिकोपागसूत्र १८९७ कामसमूह महाकाव्य मत्री मडन सूत अनंत १८९८ लघुक्षेत्रसमास प्रकरण यत्रसह रत्नशेखरसूरि १८९९ सङ्ग्रहणी प्रकरण सबालावबोध श्रीचन्द्रसूरि शिवनिधानगणि १९०० समवायागसूत्र वृत्ति अभयदेवसूरि १९०१ समवायागसूत्र मूल १९०२ ज्ञानपंचमी कथा सस्तबक कनककुशल १९०३ शाब- प्रद्युम्नरास समयसुंदर १९०४ सूर्यप्रज्ञप्तिउपांगसूत्र १९०५ श्राद्धदिनकृत्यप्रकरण सटीक देवेन्द्रसूरि स्वोपज्ञ १९०६ सुदरप्रकाश पद्मसुंदर १९०७ रघुवश काव्य दशसर्गपर्यंत कालिदास १९०८ राजप्रश्नीयोपागसूत्र १९०९ श्रीपालरास सस्तबक उ. विनयविजय-यशोविजयजी १९१० दशवैकालिकसूत्र सटीक शय्यम्भवसूरि सुमतिसूरि १९११ सप्ततिशतस्थानयत्र कोष्टक १९१२ शत्रुजयमाहात्म्य" धनेश्वरसूरि ३२७ गा. २६२ प्रा. प्रा.गु. स. १६६७ १६० १६४८ २७ १५६१ ८३ १७मो १०५ १७मो २६ १७मो २५ १६३६ २७ १८मो २२ १७मो १३५ १८७३ ७० १७मो ४७ १३ १७८२ १६५५ १७ १८मो १६५९ ५७ १७मो २८४ १७मो ६२ १७मो ३५ १८मो ६४ १७मो ५१ १८८९ १७३८ ८४ १७मो १७ १८मो ६७. १७मो उत्तम १०४४ उत्तम '१०.४४ १०.X४॥ उत्तम १०१४४ उत्तम १०x४| उत्तम १०॥४४॥ मध्यम १०.४४ उत्तम १०१४४ उत्तम १०४४ उत्तम उत्तम १०1४४| उत्तम १०१४४॥ उत्तम १०४४ उत्तम १०४४ १०.४४ १०४४1 १०.४४ मध्यम १०x४। उत्तम १०१-४| उत्तम १०॥४४॥ उत्तम १०१४४|| जीर्णप्राय १०x४| उत्तम १०४४। प्रा. स.गु. गु. प्रा. प्रा.सं. ९०० २२०० १२८२० ३१७८ स २०७९ ३३०० प्रा. गु. प्रा.सं. स. सं. 1 १. नीतिविजय लि. पत्र ११७ थी १५७ तथा २०१ थी २७७ नथी २. पत्र ८५मु डबल छे. ३ लि उदयसागर ४. प्रथम तथा बीजा पत्रा तीर्थकरने चित्र छे. ५.प्रथम पत्र नथी ६ पत्र ३ थी ७-७७ थी ७९, ८४ थी ९१ नथी चित्र पृष्ठिका ७. लखर्ता अपूर्ण ८. लि पाडीवनगरे (मरुधर देशे) ९. पत्र २९९ डबल १०. पत्र ४०, डबल Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र २८ प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई प्रा. गु. १८०० १७३८ ७०० ८६ १७मो ६१ १७८७ २० १७मो १८ १६५६ १३ १६मो ७ १८मो ६ १७मो जीर्णप्राय १०1४४| उत्तम १०1४४|| उत्तम १०१४४| जीर्णप्राय १०1४४| जीर्णप्राय १०1४४] उत्तम १०x४|| उत्तम १०४४॥ प्रा. २१ १७मो ७ १८मो १७४२ ६ १७मो ५७ १९मो उत्तम १०.४४ गु. १०x४॥ गु उत्तम १०1४४| प्रा.गु. जीर्णप्राय १०x४। १९१३ आवश्यकनियुक्ति भद्रबाहुस्वामि १९१४ श्रीपालरास उ. विनयविजय-यशोविजय १९१५ दशवैकालिकसूत्र शय्यम्भवसूरि १९१६ दशवैकालिकसूत्र शय्यम्भवसूरि १९१७ दशवेकालिकसूत्र शय्यम्भवसूरि १९१८ अष्टकर्मविचार १९१९ प्रकीर्णकविचार १९२० सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्ति द्वितीयाध्यायस्य द्वितीयपादपर्यंत हेमचन्द्राचार्य स्वोपज्ञ १९२१ श्रीपालरास' जिनहर्ष १९२२ रात्रिभोजनरास धर्मसमुद्र १९२३ सिद्धातहुडी १९२४ दशवेकालिकसूत्र शिष्यबोषिकाटीका शय्यम्भवसूरि सुमतिसूरि १९२५ सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमोऽध्याय प्राकृतव्याकरण हेमचन्द्राचार्य १९२६ मृगावती चरित्र देवप्रभाचार्य १९२७ कथासङ्ग्रह १९२८ सिद्धातविचार १९२९ सिद्धांतविद् मधुसुदन सरस्वती १९३० सप्तपदार्थी मितभाषिणीटीका शिवादित्य १९३१ न्यायग्रन्थ अनुमानादि १९३२ स्तवनसङ्ग्रह सकलचन्द (१) वर्धमानजिनसावन सकलचन्द (२) हुडीस्तवन सकलचन्द (३) गणधरवादस्तवन सकलचन्द (४) सीमन्धरस्तवन सफलचन्द ६६ १७मो सं. जीर्णप्राय १०x४॥ स. १८५२ गु. प्रा.सं.गु. ५४ १७मो ७० १६४१ ३१ १८मो २५ १८मो २० १६५५ ३२ १७मो २० १७मो ३७ १६९२ उत्तम १०x४|| जीर्ण १०x४। मध्यम १०x४|| उत्तम १०१-४| उत्तम १०1४४| उत्तम १०x31 उत्तम. १०x४ जीर्ण १०४४|| १५०० 4NEE4.4.4. १ पत्र ८६९ उबल छे २. लि. राधनपुरे ३ सिद्धपुरे लि. प्रतापविमल ४ पा १ थी १५ नथी २३ में डबल ५ मुनि जिनविजग लि देवासनगरे (मालवदेशे) ६ प्रथम पर नधी ७. ति, पाटण Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [९९] प्रति नबर पुस्तक नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना संख्या संख्या सवत संवत लम्बाईभाषा स्थिति पहोळाई (५) साधारणजिनस्तवन सकलचन्द (६) चतुर्विशतिजिनस्तवन सकलचन्द (७) ऋषभसमतासुरलतास्तवन सकलचन्द (८) सीमन्धरजिनस्तवन सकलचन्द (९) वीरजिनस्तवन सकलचन्द (१०) सीमन्धरस्तवन सकलचन्द (११) सीमन्धरस्तवन सकलचन्द (१२) पार्श्वनाथजिनस्तवन सकलचन्द (१३) सीमन्धरजिनस्तवन सकलचन्द (१४) सीमन्धरजिनस्तवन सकलचन्द (१५) महावीरजिनस्तवन सकलचन्द (१६) महावीरजिनस्तवन सकलचन्द (१७) सीमन्धरजिनस्तवन सकलचन्द (१८) पार्श्वनाथजिनस्तवन सकलचन्द (१९) गौतमस्वामिस्तवन सकलचन्द (२०)सीमन्धरजिनविज्ञप्तिस्तवन नयसुंदर १९३३ लघुशान्तिस्तवन सटीक मानदेवसूरि हर्षकीत्तिसूरि १९३४ निगोदनिशिका प्रकरण सावचूरि त्रिपाठ रत्नसिहसूरि १९३५ भक्तामरस्तोत्र सस्तबक मानतुङ्गसूरि १९३६ भक्तामरस्तोत्र सबालावबोध मानतुङ्गसूरि १९३७ आचारांगसूत्रवृत्ति अपूर्ण त्रूटक' १९३८ शोभनस्तुति वृत्तिसह शोमनमुनि जयविजय १९३९ रत्नाकरपंचविंशति वृत्तिसह त्रिपाठ रत्नाकरसूरि कनककुशल १९४० कर्पूरमञ्जरी चोपाई कवि पण्डित मतिसार १९४१ जम्बूद्वीपक्षेत्रसमासप्रकरण बालाव०सह 4646EEEEEEEEEEEE4444 ४ १७मो उत्तम १०x४| वृत्त. ४४ वृत्त. ४४ ४ १७मो प्रा.सं १३ १७४६ सं.गु. १३ १८मो सं.गु. १७७ १७मो स. ६४ १८मोवृत्ति. १७६१ सं. उत्तम १०x४| उत्तम १०४४१ उत्तम १०४४। जीर्णप्राय १०४४। १०४४ २३५० ३०० कडी. २०५ मू.गा. १२० ग्रं. ४०२ ६ १८मो १६७५ १४ १६०३ सं. गु. प्रा.गु. उत्तम उत्तम उत्तम ९||| ४| १०४४। १०४४। १. चोंटवाथी नगडेली छे पत्र १ थी २१, २३, २४, ४४थी ५१, ५३ थी ८७, १४० थी १९ नथी. २. प्रथम पत्र नथी Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [१००) प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ९ १७२७ ५ १८मो ११ १९मो ३ १८मो १६ १७८९ १थी३ १८मो ३थी५ १० १७५५ १२ १८मो गु प्रा गु. प्रा. गु. प्रा गु. गु उत्तम १०x४|| उत्तम १०४४|| मध्यम १०x४|| जीर्णप्राय ९|||४ उत्तम १०४४॥ उत्तम ९॥४४ उत्तम उत्तम ९॥x४|| १०४४ १९४२ चतुर्गतिवेली १९४३ गौतमकुलक सस्तबक १९४४ कर्मग्रन्थचतुष्कमूल' देवेन्द्रसूरि १९४५ बलभद्रकषि स्वाध्याय भवान कडी. ७६ १९४६ चतु-शरणप्रकीर्णक सस्तबक' वीरभद्रगणि १९४७ शीलवत्रीशी राजसमुद्र कडी. ३२ कर्मबत्रीशी राजसमुद्र कडी ३३ १९४८ कातत्रविभ्रम वृत्तिसह त्रिपाठ १९४९ कल्याणमदिरस्तोत्र वृत्तिसह सिद्धसेन दिवाकर हर्षकीर्ति त्रिपाठ १९५० श्राद्धविधिप्रकरण विधिकौमुदी वृत्तिसह रत्नशेखरसूरि स्वोपश १९५१ चेत्यवदनादिभाष्यत्रय देवेन्द्रसूरि १९५२ रनकोश १९५३ नवतत्त्वसारोद्धार प्रकरण सावचूरि त्रिपाठ १९५४ वासुपूज्य पुण्यप्रकाश स्तवन सकलचन्द्रोपाध्याय १९५५ कुमति खडन स्वाध्याय सवालाववोध त्रिपाठ मानविजयजी कडी २१ १९५६ चोवीस तीर्थकर एकसो वीस कल्याणक स्तवन तपा. परमसागर गा. ३३ १९५७ पचनिर्गन्थी प्रकरण सस्तबक अभयदेवमूरि उ. यशोविजयजी गा. १४० स्त. ३५३ १९५८ चोमासी संवच्छरी देववदन १९५९ गौतमकुलक वृत्तिसह ज्ञानतिलकगणि १५०० १९६० सत्तरमेद पूजाविधि सावक सकलचन्द्र १९६१ दीपालिकोत्सव कल्प गद्य १९६२ रनसार प्रकरण सस्तत्वक गुणसेनसरि १७० १७मो १५५६ प्रास १५ १८मो प्रा. ५-८ १८मो स. उत्तम उत्तम उत्तम ९|||४४| ९॥४४॥ १०x४। ११ १६७६ १९ १७मो पा.स. गु उत्तम १०४४। उत्तम ९x४| १३ १८मो गु उत्तम ९||1xx ४ १९मो १७२६ २० १७३१ गु पागु, जीर्णपाय ९॥४४॥ मध्यम ९||1x31 ७ १७मो गु ५१ १८मो वृ. १६६० प्रा.स १५ स ११ १६४६ २५ १८मो प्रा.गु. उत्तम ९x४ उत्तम ९।।। ४४/ उत्तम १०१४ उत्तम ९।।१४ उत्तम १०१९४|| १. लि. हेमविजय २. प्रथम पत्र नथी चतुर्थ कर्ममशनी गाथा ११ पर्यंत, अपूर्ण ३. लि. माणिवयनिजयजी वीरमग्रामे ४. लि. सत्यधिजय सुरत ५ लि. फलवर्धिनगरे ६. पत्र १ थी १६ नयी ७ कमलहर्ष लि. Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१०१] प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसंख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई अन्नभट्ट शय्यम्भवसूरि उ यशोविजयजी हीरकलश ५ १८मो २० १७मो १९ १७१२ १२ १९मो उत्तम ९||1X४| उत्तम ।९।४४ जीर्ण उत्तम ९||| ४|| ५ १८मो ५ १८मो उत्तम उत्तम ९॥४४|| ९||1X४| राजऋषि १९६३ तर्कसङ्ग्रह १९६४ दशवैकालिकसूत्र १९६५ जैन तर्कभाषा' १९६६ हीरकलश अपूर्ण १९६७ मेषादि बारराशी स्थितचन्द्र नियाण १९६८ चमत्कार चितामणि १९६९ जीवविचार प्रकरण बालावबोध १९७० जीवविचार प्रकरण मूल १९७१ जम्बूपृच्छारास १९७२ चारप्रत्येक बुद्ध चोपाई १९७३ श्राद्धविधिप्रकरण विधिकौमुदीटीका सह १९७४ महादेव सारणी अपूर्ण १९७५ तर्कभाषा अपूर्ण १९७६ कुमारसभव महाकाव्य सटीक त्रिपाठ १९७७ एलाचीकुमार रास' प्रा.गु. प्रा. शातिसूरि शातिसूरि वीरजी-वीरमुनि समयसुदर २५ १८मो २ १७मो १४ १८मो १७२८ २१ १८मो १६६५ उत्तम ९ ४४| उत्तम ९॥४४॥ उत्तम ९||| ४| उत्तम ९॥४४॥ ४५० १२२० गु. स्वोपज्ञ प्रा.सं. रत्नशेखरसूरि महादेव केशवमिश्र ११४ १७मो १५५६ ३२ १८मो १९ १८मो ९॥४४॥ ९॥४४|| ९|| ४|| सं. मध्यम मल्लिनाथ सूरि कालिदास न्यान सागर ८५ १७मो १३ १९मो उत्तम उत्तम ९||1४४ ९||४४) १७१९ । ३८०० २९३ गा. १८० ग्र. २६७ न्यान सागर पुण्यनदि १० १० १९मो १७१९ गु अवचूरि १६६३गु स. मध्यम उत्तम ९॥४४॥ ९||| ४| खर-समयसुंदर १९७८ एलाचीकुमार रास चोपाई १९७९ शीलरूपकमाला सावचूरि १९८० त्रिषष्टिशलाका-५ पुरुषचरित्र प्रथमपर्व हेमचन्द्राचार्य सर्ग थी६ १०१ १७३४ स. उत्तम ९।। ४। ५१०० १९८१ सूत्रकृतांगसूत्र द्वितीय श्रुतस्कष बालाव०सह त्रिपाठ पार्श्वचन्द्रसरि १९८२ निशीथसूत्र ८६ १६६६ २२ १६३१ प्रा गु. प्राकृत उत्तम उत्तम ९॥४४॥ ९||1४४|| १ लि. लक्ष्मीरत्न, पाणीथी भीजायेली २. रचना-शेषपुर - भाव विषे ३. रचना-शेषपुर - भाव विषे ४. अवचूरि रचना विक्रमद्रगे ५. लि. पत्तननगरे Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपन १०० प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या संख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई १९८३ प्रक्रियाकौमुदी टीकासह रामचन्द्राचार्य विठ्लाचार्य ४१२ १७मो सं उत्तम ९॥ ४॥ १९८४ उपदेशरत्नाकर मुनिसुदर सूरि वंश. थी८ १२ १७मो स. उत्तम ९ x४| ४५३ १९८५ उत्तराध्ययनसूत्र अध्ययन त्रीजु, चोथु, नवमुं, दशमु ५ १७मो उत्तम ९॥४४॥ १९८६ वृत्तरलाकर सावचूरि पञ्चपाठ केदार भट्ट ८ १६७२ उत्तम ९||४४१ १९८७ वृत्तरत्नाकर मूल केदार भट्ट ५ १८१४ उत्तम ९॥४४ १९८८ सिंदूरप्रकर सटीक सोमप्रभाचार्य हर्षकीर्ति २६ १८मोवृत्ति. १७१७ मध्यम ९x४| १९८९ शाताधर्मकथांगसूत्र वृत्ति अमयदेवसुरि ७६ १७मो ११२८ सं. उत्तम ९॥४४॥ १९९० वाग्भटालंकार वागभट्ट १९ १७३६ मध्यम ९॥४ ॥ १९९१ नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक मानविजयजी १००० ५६ १७३१ प्रा.गु उत्तम ९x४|| १९९२ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र अष्टमपर्व नेमिनाथचरित्र हेमचन्द्राचार्य १३९ १६६८ सं. उत्तम ९॥४४॥ १९९३ नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक मानविजयजी ग्रं १२५ स्त. १०५० ५६ १७३१ प्रा गु. मध्यम ९॥४४॥ १९९४ दशवैकालिकसूत्र शय्यम्भवसूरि गा. ९४ २९ १९६२ उत्तम ९॥४४॥ १९९५ दशवैकालिकसूत्र सस्तबक शय्यम्भवसूरि अध्यन. १० ६२ १८मो प्रा.गु. उत्तम ९||४४ १९९६ दशवेकालिकसूत्र सस्तबक शय्यम्भवसूरि मू. ७०० ६४ १८मो प्रागु जीर्ण ९|| ४|| १९९७ ध्यानस्वरूप भावविजयजी ११ १८मो १६९६ गु. उत्तम ९.४४ १९९८ दशवैकालिकसूत्र सस्तबक शय्यम्भवसूरि स्त. राजचन्द्रसूरि प्रा.गु. जीर्ण ९॥ ४॥ १९९९ दशवैकालिकसूत्र सबालाव० त्रिपाठ शय्यम्भवसूरि बाला. राजहंसोपाध्याय ९५ १७४५ प्रा.गु. जीर्ण ९॥४४॥ २००० स्थूलभद्र-गुणरत्नाकर छंद' सहजसुंदर ११ १८मो १५७२। उत्तम ९|| ४| २००१ तर्कसङ्ग्रह दीपिका अन्नं भट्ट १३ १७६१ ९॥४४॥ २००२ तर्कसङ्ग्रह मूल अन्नं भट्ट ५ १७५७ ९॥ ४॥ २००३ नवतत्त्व प्रकरण बालावबोध ६ १८मो मध्यम ९.४४ २००४ लाभानंदना गीत सङ्ग्रह" लाभानद १२ १७३० ९x४॥ १ लि. सत्यविजय पत्तने २. लि. अणहिल्लपुर पराने ३. पत्र ४२मु डबल पर ९७ थी २९ नथी ४. लि. सारंगपुर ५ रामपिजय लि. अमदावाद ६ काशिदासात्मज लि. पतननगरे ७. प्रथम पत्र नथी, मुनि यतिलाम गणि लि शिवपुरी ८.लि. राजशील-सूर्गपरे ९. राजद्गे लि. उदयरत्न १०. राजनगरे लि. Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१०३] प्रति नवर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ५ १८मो ६ १८मो ११ १९मो ११ १७३५ ४२ १८मो २३ १९मो उत्तम - गु. . उत्तम उत्तम गु. उत्तम मध्यम गु. जीर्ण ९||४४ ९॥ ४॥ ९|| ४|| ९॥४४॥ ९॥४४॥ ५८ १८मो प्रा.गु. २३ १८मो स. ७० १८मो १३६ १८मो सं. २१० १८मोवृत्ति. १६९६ प्रा.गु. उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम ९|||४४| ९|| ४| १०x४|| ९॥४४॥ ९॥४४ २००५ लिगानुशासन सावचूरि पञ्चपाठ अपूर्ण २००६ शखेश्वर पार्श्वनाथ छद नयसुदरजी कडी, १३१ २००७ चोविसजिन स्तवन दानविजयजी २००८ ऋषभदेव धवल प्रबंध' सेवक ३६५ २००९ सग्रहणी प्रकरण बालावबोध' मू श्रीचन्द्रसूरि २०१० माधवानल कामकदला चोपाई कुशललाभ वाचक गाथा. ५८४ २०११ षडावश्यक सूत्राणि बालावबोध सह २०१२ नरवर्म कथा २०१३ अभिधानचिंतामणिनाममाला हेमचन्द्राचार्य २०१४ रघुवशकाव्य टीकासह कालिदास कवि धर्ममेरु २०१५ कल्पसूत्र सुबोधिका टीकासह भद्रबाहुस्वामि विनय विजयोपाध्याय २०१६ कल्पसूत्र सस्तबक नेमिनाथचरित्र पर्यंत भद्रबाहुस्वामि अपूर्ण २०१७ द्वात्रिशत् द्वात्रिंशिका" सटीक त्रिपाठ उ. यशोविजयजी स्वोपज्ञ ५५५० २०१८ कल्पसूत्र सुबोधिका वृत्तिसह भद्रबाहुस्वामि उ. विनयविजयी २०१९ आराधना कुलक बालावबोध २०२० अजितशाति स्तव सस्तबक नदिषेण २०२१ पंचतीर्थकर नमस्कार महिमाप्रभ २०२२ विहरमान जिन वीसी स्तवन" उ. यशोविजयजी २०२३ दान-शील-तप-भावना संवाद समयसुंदरजी २०२४ बधस्वामित्वप्रकरण सस्तबकार तृतीय कर्मग्रथ देवेन्द्रसूरि स्त यशःसोमशिष्य मू.गा. २५ जयसोम १०२ १९मो प्रागु उत्तम ९॥xx १४२ १७५३ स. २१० १८मो१६९६ टीका प्रा.स. १३ १७२९ गु १० १८मो प्रा.गु. ३ १८मो गु ९ १९मो ५ १९मो १६६२ गु. मध्यम ९॥४४ उत्तम ९॥४४॥ उत्तम ९।४४ उत्तम ९||४४ उत्तम SIXX उत्तम ९x४ मध्यम ९॥४४॥ ३१ १९मो स्त. १७१६ प्रा.गु मध्यम ९४४। १ भाग्यविजय लि. २ गणि देवविमल लि ३. प्रथम पत्र नथी ४. लि. कथरावी-रचना-जेसलमेर ५. पत्र १थी २० नथी ६ प्रथम पत्र नधी ७. बे बाजु चित्र पृष्ठिका छे. ८. पत्र ५-६२९ थी ३८, ५४ थी ६१, ७७ थी ११४, ११६ थी १२० नथी ९ पत्र १ थी ७ नथी १०. चोटवाथी बगडेली छे ११ स्तवन १९मा पर्यंत १२ रचना - वसुधरानगर Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [१०४] प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ६४ १८मो प्रागु. मध्यम ९॥४४॥ १७९ १७५९ १६९६ टीकाप्रा.स. उत्तम ९x४| ३ १७मो स. ४ १८मो स. ३१ १७३५ प्रा.सं.गु ५९ १८मो प्रा.गु. १९ १८मो गु. ३३ १९मो संगु. १२३ १५२६ स. २१ १७६रवृत्ति. १६५२ स. उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण उत्तम ९॥४४ ९॥४४॥ ९॥xx ९x४| ९॥ ४॥ ९॥४४॥ ९|| ४| ९.४४ २०२५ चतुर्थ कर्मग्रथ (षडशीति)सस्तबक देवेन्द्रसूरि मूगा ८९ २०२६ कल्पसूत्र सुबोधिका वृत्तिसह त्रिपाठ भद्रबाहुस्वामि विनयविजयजी . २०२७ लोकनालिकाद्वात्रिशिका __ प्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ धर्मकीर्तिसूरि २०२८ बाल विवेकनी २०२९ सप्तस्मरण सस्तबक' २०३० सङ्ग्रहणी प्रकरण सस्तबक श्रीचन्द्रसरि मूगा. ३३७ २०३१ पंचस्वरशब्दसङ्ग्रह २०३२ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र बालावबोध उमास्वाति वाचक २०३३ रधुवश काव्य कालिदास कवि २०३४ कल्याणमदिर स्तोत्र सटीक' सिद्धसेन दिवाकर कनक कुशल ६५० २०३५ गच्छाचारप्रकीर्णक बालावबोध सह २०३६ कृतपुण्यक कथा २०३७ कल्याणमदिर स्तोत्र २०३८ जम्बूस्वामि रास उ. यशोविजयजी २०३९ वीरनिर्वाण स्तवन देवचन्द्रजी (खर.) ४८५ २०४० यशोधरचरित्र पद्य माणिक्य सूरि सर्ग १थी१४ २०४१ पोडशक प्रकरण सटीक त्रिपाठहरिभद्रसरि यशोविजयजी १३७८ २०४२ सम्यक्त्वकौमुदी' २००० २०४३ उत्तराध्ययनसूत्र सचित्र २०४४ अनुयोगद्वारसूत्रवृत्ति हेमचन्द्रसूरि ५९०० २०४५ आचारागसूत्र वृत्तिसह अपूर्ण त्रूटक शीलाकाचार्य ६२ १८मो २७ १७४४ १० १८मो २७ १८मो ८ १८मो ४० १८मो 여 년 전년 उत्तम ९x४ उत्तम ९॥४४॥ उत्तम ९.४४ उत्तम ९x४| उत्तम ९.४४ जीर्णपाय ९।। ४४ १७३९ 원 प्रा.सं सं. ४४ १७५२ ५० १६७७ १२८ १७७१ १११ १७मो उत्तम ९॥४४॥ उत्तम ९॥ ४॥ जीर्णप्राय ९x४| उत्तम ९४४॥ स जूटक १७मो प्रा.सं. जीणे ९ ४ १. पत्तने नकेश्वर लि पज ९१-९२ तथा १०९-११० मेगा २. लि पाटण महानगरे ३. लि दानचंद्र ४. चित्र पहिरका ५ रपना-भाषनगर ६. लि. पत्तने ७. लि. जावालपुरे कल्याणसुंदर ८. चित्र सख्या-३६ राजनगरे लि ९. पर्णा पो नशी Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१०५] प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसरन्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई २०४६ कर्मग्रथ विचार २०४७ रनसार कुमार चोपाई सहजसुंदर २०४८ नवकार बालावबोध अपूर्ण २०४९ गोतमकुलक बालावबोध सह' पद्मविजयी २०५० नेमनाथचरित्र २०५१ प्रज्ञापनोपागसूत्र टीका मलयगिरि २०५२ चोवीस जिन स्तवन' उ. यशोविजयजी २०५३ नरभव दशदृष्टात सज्झाय ज्ञानविमलसूरि २०५४ सप्त स्मरण सस्तबक २०५५ न्याय ग्रथ त्रूटक अपूर्ण २०५६ द्रव्यानुयोग विचार रास सस्तबक उ. यशोविजयजी स्वोपज्ञ १४००० ७ १८मो गु. १७ १७मो १५८२ गु. १५ १८मो गु ४६ १९०६बाला. १८४६प्रा.गु. ७ २०मो ३१२ १६६८ स. ७ १८मो २३ १७५३ ६५ १७३२ प्रा.स.गु ६१ १८मो ६८ १८मो मध्यम ९|| ४|| उत्तम १०४४॥ उत्तम ९|| ४| उत्तम ९।।।४४|| उत्तम ९||४४ मध्यम ९।४४|| उत्तम ९||1४४|| उत्तम १०४४|| उत्तम ९x४| जीर्ण १०x४/ उत्तम ९ x४|| १२०० मूगा. २७३ पर्यत २०५७ पचकल्प चूर्णि २०५८ यशोधररास (दयाधर्म विषे) उदयरल ७९ १७मो ५९ १७९९ १७६७ मध्यम उत्तम ९।।।४४) ९||| ४| गु ढाल-८१ गाथा. १५०३ ग्रं. २००० ६५० .२०५९ रामतिआला वेलाना फूलडो सस्तबक २०६० सिदूरप्रकर वृत्तिसह सोमप्रभाचार्य हर्षकीर्तिसूरि २०६१ जातकपद्धति वृत्तिसह श्रीपति भट्ट सुमतिहर्ष २०६२ शालिभद्र-धन्नारास जिनराज (मतिसार १) २०६३ उत्तराध्ययन सूत्र सज्झाय उदय विजय २०६४ शालिभद्र-धन्नारास जिनराज (मतिसार १) २०६५ चोमासी देववंदन' २०६६ पिंडविशुद्धिप्रकरण सस्तवक जिनवल्लभगणि इद्रसौभाग्य २०६७ कर्मग्रथ पचम सस्तबक देवेन्द्रसूरि स्त. धनविजय २०६८ कर्मग्रथ षट्क सस्तबक देवेन्द्रसूरि १थी५ स्त. धनविजय २०६९ अध्यात्म सज्झाय सड्नहर मणीचन्द ४ १७९९ २२ १८१२ ३७ १७मोवृत्ति १६७३ स २२ १७८७ १२ १९मो २० १८मो १६३८ गु. ९ १९मो गु. १८ १७१० स्त. १७१० प्रागु. २७ १७३२ स्त. १७०० प्रा.गु. ७९ १७२६ प्रा.गु १३ १९मो गु. उत्तम ९||1X४| उत्तम ९|| ४|| उत्तम ९॥४४| उत्तम ९||| ४|| मध्यम ९x४|| उत्तम ९||| ४|| उत्तम ९|| ४| उत्तम ९||| ४| जीर्णप्राय ९||| ४| जीर्णप्राय ९|||४|| उत्तम' ९ x४|| मू.गा. १०३ ८१५ २००४ १. लि. पंड्या मेघजी २ लि पाटण ३ लि. राजद्रग ४ पत्र ३१-३२ मेगा ५, पत्र ३० थी ४३ डबल पत्र ४९ थी ५१ डबल ६ किचित् अपूर्ण ७. रचना उर्णाकपुर ८. पत्र ७मु भेगु ९ प रलविजय लि. १० लि. सरखेज ग्रामे ११. लि मुनि जिनविजय शेषपुरे पत्र १ थी ४५ नथी. १२ प्रथम पत्र नथी Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित प्रथोनुं सूचिपत्र [१०६ ] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम श्लोक सख्या पत्र लेखन रचना लम्बाईपहोळाई सख्या सवत सवत भाषा २०७० सामाचारी प्रकरण सटीक त्रिपाठ उ यशोविजयजी स्वोपज्ञ २०७१ सारस्वत व्याकरण' २०७२ सारस्वत व्याकरण' २०७३ सूत्रकृतागसूत्र बालावबोध सह अपूर्ण २०७४ कल्याणमदिरस्तोत्र पजीका वृत्तिसह त्रिपाठ २०७५ सारस्वत व्याकरण २०७६ सारस्वत व्याकरण' २०७७ (१) सुरसुदरी चोपाई (२) नदा स्वाध्याय २०७८ शातिनामचरित्र पद्य २०७९ चतुर्विंशतिजिनस्तोत्र वृति २०८० ससढ कथा २०८१ ससद्ध कथा २०८२ शीघ्र बोघ २०८३ सिद्ध दडिका स्तव २०८४ धूर्त्ताख्यान बालावबोध २०८५ सूत्रकृतागसूत्र प्रथमश्रुतस्कंध २०८६ सूत्रकृतागसूत्र प्रथमतस्कघ २०८७ एकविंशति प्रकारी पूजा रास २०८८ (१) सायन (२) जिनेश्वर विनति २०८९ अष्टप्रकारी पूजा २०९० समयसार २०९९ सिद्धदत्त कथा २०९२ युगप्रधान आचार्य कोकान्ति अनुभूति स्वरूपाचार्य अनुभूति स्वरूपाचार्य सिद्धसेनसूरि अनुभूति स्वरूपाचार्य अनुभूति स्वरूपाचार्य विनयसुदर (तपा) समयसुदर अजितप्रभसूरि कनक कुशल काशीनाथ ज्ञानोद्यत ऋद्धि विमल टीकाकार सकलचन्द्र वीरविजयजी जिन विजय ४०० ६९३ कडी. ५०५ कडी. ५ १८४३ २८ १७८८ ४७ १७२० ५६ १८ मो ७९ १७मो १६ १७१० ४८ १८११ ७५ ९७५६ ५ थी २०१७०३ १६४४ २० मु १३४ १२ १७ १८५३ १७ १८ ७ १८ मो १८४३ १६५२ १-२ २जु ६ १७६५ १९ मो १८मो १५ १७मो ३३ १७मो २० १७मो ४ १८मो १७४३ १९ मो १९मो १९मो १८८९ ረ १७मो ७ १७मो १-४, १-४/८ २०मो प्रास. स प्रा.गु स स. सं. 亨凡凡仉可可ㄏㄡㄛㄛㄛㄈㄒ गु स. स. प्रा. प्रा सं. प्रा. प्रा. प्रा. H म. रा गु प्रा. स. पु. स्थिति उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम जीर्ण उत्तम सारी जीर्ण जीर्ण सारी ९। ।। ४४ ।। ९ ।। × ४ ।। ९ ।। ४| ९ ।। ४४ । ९ ।। X ४| ९। ।। ४४ ।। ९।।४।। ९।।४। elixx १० X ४ १०४४ १० X ४ ९।। X ४| SIX ४ ९|| ४ | ९४ ९॥४॥ ११॥४४॥ ११.९४ ।।। ११.४४ ॥ ११ ।। X ४।। ११४४॥ ११४४ ।। १. लि विनयप्रभसूरि अणहिलपुरपत्तने र पाटके २ चिपकदुर्ग, नेला चांफजी, पर १ थी ५ नभी २. पत्र ५० उचल लि. राजनगरे ४ बिनारी करडेली के ५ लि. जगाणा. Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१०७] टीकाकार कर्तानु नाम श्लोक पत्र लेखन रचना लम्ाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई प्रति नबर पुस्तकनु नाम कडी. १९१ २०मो गु. उत्तम १०॥४४|| १०111X४॥ प्रा.गु. १+१=२ १९मो ९ १९मो मध्यम जीर्ण १०x४||| १०||| ४|| 44E6644 . २०९३ विहार विनति २०९४ कर्मग्रथ यंत्राणि २०९५ दश प्रत्याख्यान स्तवन प्रत्याख्यानागार रामचन्द्र २०९६ सज्झाय स्तवन सङ्ग्रह (१) पजुसण सज्झाय ज्ञानविमल (२) अईमत्ता सज्झाय लक्ष्मीरल (३) भक्ष्याभक्ष्य सज्झाय नदसूरि (४) ईलाचीपुत्र सज्झाय लब्धिविजय (५) अरणीक मुनि सज्झाय रूपविजय (६) सामान्य जिन स्तवन (७) पाचमा आरानी सज्झाय जिनहर्ष (८) अष्टमी स्तवन कातिविजय २०९७ प्रत्याख्यान विचार आदि २०९८ जोगीवाणी भास २०९९ सीमंधरजिनस्तवन सकलचन्दजी २१०० चोवीस दंडक बोलविचार २१०१ रतनसेन व्यवहारीया रास २१०२ धर्मकुलक २१०३ शीयल स्वाध्याय २१०४ चौमासी देववंदन अतर्गत स्तवन सङ्ग्रह पद्मविजयी २१०५ कल्याणमदिर स्तोत्र सिद्धसेन दीवाकर २१०६ सज्झायसङ्ग्रह २१०७ स्तवनसड्ग्रह २१०८ सद्भक्ता देवलोक स्तोत्र सस्तबक २१०९ स्तवनसड्ग्रह स.प्रा गु गु कडी. २५ १ १ ४ ९ १ १ १ १६मो १९मो १८मो १९मो १९मो १९मो २०मो मध्यम १०111X४ मध्यम १०1४४ सारी १०।४४||| मध्यम ११४४|| ११४४॥ मध्यम १०111४४|| उत्तम ९x४|| कडी. १६ ६ २०मो ४ १९११ ७५ १९मो ९ १९मो मध्यम १०111x४|| मध्यम १०|| ४|| मध्यम १०।।४५ जीर्णप्राय ९।४४||| गु. ५ १८७८ स.गु. उत्तम १०४४/ १. प्रथम पत्र नथी २. लि. रुपविजयजी ३. प्रथम पत्र नथी ४. लि. प्रतापविमल ५. जुदा जुदां पत्रो छे Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [१०८) प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळांई ३ १९मो प्रा गु. उत्तम १०॥४४|| २ १९मो ३ १९मो मध्यम सारी १०॥४४|| १०1४४|| २ १९मो ४ १८मो सारी उत्तम १०x४|| १०॥४४|| १७२४ २११० चोराशी आशातना गाथा सस्तबक २१११ क्षमा छत्रीशी समयसुदरजी सीमघर जिन स्तवन उ. यशोविजयजी २११२ सौभाग्य पचमी स्तवन गुणविजय २११३ अभिधानचितामणि बालावबोध अपूर्ण आरंभमात्र २११४ बुद्धिरास शालिभद्र २११५ रत्नाकरपचविशति स्तव बालावबोध सह रत्नाकर सूरि २११६ आषाढभूति चोपाई न्यायसागर २११७ धातु मंजरी काशीनाथ २११८ कथासङ्ग्रह (१) हरिबल कथा (२) हसराज वत्सराज कथा (३) कमल कथा (४) मेतार्य कथा (५) पालगोपाल कथा (६) नरवाहन कथा (७) राजकुमारी कथा (८) रत्नचूड कथा (९) ऋषि दत्ता कथा (१०) पुण्यसार कथा २११९ योगविधियत्र आदिनां जुदा जुदां पत्रो ५ १७८० ९ १७७२ १५ १७मो १६ १७मो मध्यम १०1४४|| उत्तम १०x४/ मध्यम १०x४|| उत्तम १०॥४४॥ १६ गु. मध्यम Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१०९] प्रति नवर पुस्तक, नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या संख्या सवत संवत लम्बाईभाषा स्थिति पहोळाई ज्ञानोद्योत गु. २ १९मो १० १८८७ ८ १९०० १ १९मो ८ १९मो १४ १९मो १ १९मो १४ १८३९ २ १८७७ १९मो SNRN - MAAN 2006 मध्यम १०1४४|| मध्यम सारी २०१४ ४|| १०1४४॥ मध्यम १०१४४|| उत्तम १०1४४|| २०11४४॥ मध्यम १०|| ४|| १०11४४|| मध्यम १०॥४४॥ मध्यम २०1४४|| २१२० वीर चरित्र वेल २१२१ वीर जिनेश्वरना स्तवनों २१२२ शत्रुजय स्तवन आदि २१२३ वयरकुमार स्वाध्याय जिन हर्ष २१२४ ओगणत्रीश भावना २१२५ माधुप्रतिक्रमणसूत्र सस्तवक २१२६ सामुद्रिक शास्त्र' २१२७ मुहपत्तिना ५० बोल २१२८ सोभनस्तुति सावचूरि त्रिपाठ' शोभनमुनि २१२९ कपमदेव स्तुति २१३० सुभापित दूहा बलराजा कथा २१३१ चोवीस जिन स्तवन जयविजय '२१३२ कुथुनाथ स्तवन जीवराज २१३३ हीरसूरि सज्झाय मानसागर २१३४ अष्टापद तीर्थ स्तवन २१३५ सप्ततिशतकस्थानयत्राणि २१३६ चेत्यवदन-स्तवनो २१३७ पर्यंताराधना २१३८ सख्यातासख्याता विचार २१३९ रत्नशेखरनृपकथा" (पर्वतीथी विचारे) दयावर्धन २१४० जिनस्तोत्र रत्नकोश मुनिसुदरसूरि २१४१ पुण्यकुलक बालावबोध सह पञ्चपाठ २१४२ योगविसी-जम्बूद्वीप सङ्ग्रहणी क्षामणा आदिना जुदा जुदा पत्रो १८२४ ४ १९मो १६२९ २ १८मो २ १९मो १४ १८मो २ १९मो ५ १८मो २ १९मो उत्तम जीर्ण मध्यम मध्यम मध्यम सारी उत्तम १०1४४|| १०1४४|| १०१४४ १०॥४४|| १०॥४४॥ १०|| ४|| १०.४४ १०१४४ सारी १५४८ १७ १६मो स्तोत्र २३ सं. उत्तम उत्तम १०।।४४ १०.४४ २ १७मो प्रा.गु. उत्तम १०।४४|| ४ मध्यम १. पो जुदा जुदा २ लि. वडनगरे ३ पा १० थी १२ नथी लि जीवविजय पत्तने ४ पालणपुरे लि. ५ लि. पाल्हणपुरे ६. पत्र १ थी ४ नथी ७. पथम चे पत्र नथी, मुरग्रामे लि मुनि हर्षसुदर Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र ११० प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई २ १९मो ४ १९मो २ १९मो ५ १६६७ १०.४४ १०॥४४|| १०11४1 १०.४४ - मध्यम सारी सारी मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम का १२७ - - - १०॥४४॥ १०11४४|| - - १ १९मो क ८ १ १९मो क-७ क-१९३६ २ २०मो २७ १७मो क. १५ १ १९मो क १२ क १० १ १९मो क १८ १ १९मो ७ १९मो १ २०मो मध्यम उत्तम जीर्ण मध्यम 녀 영업에너와의 결의 여년여 겔 걸 년 석 १०11X४|| १०१-४॥ १०1४४ १०१४४॥ २१४३ रजोपर्व होलीपर्व कथा २१४४ सत्तर भेदी पूजा सकलचन्द्र २१४५ सकलार्हत् चैत्यवंदन हेमचन्द्राचार्य २१४६ मेघदूत काव्य कालिदास २१४७ ऋषभदेवना स्तवनो २१४८ असज्झाय विरमण सज्झाय २१४९ महावीर स्तवन धीरविजय पार्श्वनाथ स्तवन समयसुदर २१५० वृद्ध चैत्यवदन रहिओ २१५१ महावीर जिन स्तवन सकलचन्द २१५२ आख्यात प्रक्रिया २१५३ शीतल जिन स्तवन समयसुदर शातिनाथ जिन स्तवन उदयरत्न २१५४ सुलसा स्वाध्याय कल्याण विमल २१५५ नदमणियार स्वाध्याय लालविजय २१५६ सीमंधर जिन स्तवन सिद्धिविजय २१५७ महावीर स्वामि स्तवन ऋषभदास २१५८ त्रिषष्टिशलाकापुरुष नाम आदि बोलविचार २१५९ स्वामिवात्सल्य विचार अधिकार सस्तबक २१६० मत्राक्षर गर्भित पद्मावती स्तोत्र जयविजय २१६१ सज्झायसङ्ग्रह २१६२ अष्टमी स्वाध्याय वाचक देव (रल) २१६३ दश प्रत्याख्यानस्तवन यतिधर्मसज्झाय वीर विजय २१६४ सिद्धांत अंतर्गत सुभाषित श्लोक सङ्ग्रह - - जीर्णप्राय १०x४॥ उत्तम १०१४४|| सारी १०1४४ मध्यम १०४४||| ওও - १ १९मो मध्यम १०॥x४|| सं.गु. • ३ ४ ७ १ १९२६ २०मो १९मो २०मो मध्यम उत्तम सारी मध्यम १०॥४४॥ १०1४५ १०||४५ १०४४ क, ७ २ सं. मध्यम १०४४॥ २५ २०मो प्रा.सं. उत्तम १०.४५ १. लि. कर्मचंद्र २. लि. पाटणनगरे ३. पनो जुदा गुदी छे ४ प्रथम पत्र नथी, किनारी फर डेलीले ५ रचना तयरवाडा मध्ये, पर पहुं नथी Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१११] प्रति नंबर पुसतकनु नाम कानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई २ २०मो १७ १९९२ १७ २०मो प्रा.सं. प्रा.गु. गु. उत्तम उत्तम उत्तम १०१४४|| १०॥४४॥ १०1४४||| उत्तम १०१४४। उत्तम १०1४४|| जीर्णप्राय १०॥४४|| क. १३ क. ४ क. २९ ४ १८११ २० १९८४ १लु १९मो १-२जूं १ १९मो .१ १९मो उत्तम मध्यम १०॥४४॥ १०11४४| २१६५ पौषधप्रत्याख्यान वृत्तिसह कलीकुंड पार्श्वनाथ स्तोत्र जयविजयजी २१६६ उपधानविधि २१६७ उपधानविधि २१६८ पांचकारणगर्भित महावीरजिन स्तवन उ. विनयविजयजी २१६९ उपधान विधि २१७० हित शिक्षा स्वाध्याय विद्याचन्द्र मौन एकादशी स्तुति २१७१ साधुवंदना स्वाध्याय भक्ति विजय २१७२ पद २१७३ इरियावहि मिच्छामि दुक्कडं स्वाध्याय प्रीती विमल २१७४ शील शिखामण स्वाध्याय ऋषि कर्मचन्द्र २१७५ जिन स्तोत्र २१७६ नवाणुंयात्रा पूजा पद्म विजयजी २१७७ उपदेश बत्रीशी राज २१७८ उपधान विधि २१७९ पीस्तालीशआगमगर्भित अष्टप्रकारी पूजा वीरविजयजी २१८० सिदूर प्रकर सोमप्रभाचार्य २१८१ छ आरा स्वरूप महावीरजिनस्तवन देवीदास २१८२ चतुःशरण प्रकीर्णक सस्तबर्क २१८३ मेघकुमार स्वाध्याय सूरविजय २१८४ झांझरीया ऋषि सज्झाय लब्धिविजय २१८५ शातिनाथ स्तवन यशोविजय २१८६ (१) साधारण जिन स्तवन काति। क. १८ क. ३२ का. ८ १ १ १ ६ २ ६ १८६७ १९मो १९मो २०मो १९मो १८४३ १८मो FFFFFFFFFFFFFE मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम १०।४४|| १०|| ४|| १०|| ४|| १०1४४|| १०1४४|| १०।४४|| ८ १९१३ १८८१ ५ १८मो उत्तम उत्तम १०१४४|| १०१४४|| वृ. १०० क. ११ क. ३८ २ १८३१ ९ १९मो १ १९मो २ १९मो ४ १९मो श्लुं १९मो गु. प्रा.गु. गु. गु. गु. उत्तम १०1४४||| मध्यम जीर्ण १०४ ४॥ सारी १०x४|| मध्यम १०१४४।।। मध्यम १०१४४|| १. लि. मोजक केसरीचंद पुनमचंद, पाटण २. पाल्हणपुरे लि. ३. पत्र रजु नथी ४. अपूर्ण Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण पाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र ११२१ प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई: सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १लु 더 १लु रजु 더 더 रजु रजु 더 रजु रजु रजु रजु 4년 여 러 러너 너 여 जु ३जु (२) वीरजिन स्तवन ज्ञानविमल (३) वीरजिन स्तवन विबुध विमल (४) शत्रुजय तीर्थयात्रा स्तवन सौभाग्य विमल (५) गोडी जिन स्तवन भावप्रभशिष्य पुण्य (६) गीत भावप्रभशिष्य पुण्य (७) नेमिजिन गीत (८) सभप जिनगीत माणिक (९) आदिजिन गीत सेवक रूपचन्द (१०) गीत (११) गीत सेवक रूपचन्द (१२) गीत सेवक रूपचन्द (१३) गीत सेवक रूपचन्द (१४) नेमिजिन गीत (१५) गीत सेवक रूपचन्द (१६) सिद्धाचल स्तवन क्षमाविजयजी २१८७ नेमिनाथ स्तवन पविजय-जिनविजय आदि २१८८ स्तवन सङ्ग्रह ज्ञानसागर आदि २१८९ चोराशी आशातना सस्तबक २१९० शोभन स्तुति सावरि त्रिपाठ शोभनमुनि २१९१ लघुशाति स्तोत्र मानदेवसूरि २१९२ पट्टावली २१९३ (१) वसतिदानफलकथा गद्य (२) करिराजकथा गद्य (३) कनकरथकथा गद्य (४) धन्यपुण्यकथा गध (५) रेवतीकथा गद्य (६) ध्वजभूजगकथा गद्य (७) धनपतिकथा गद्य २१९४ कथासग्रह गध जु गु प्रा.गु १९मो ८ १९मो १ १९मो १२ १६६३ १ १९मो ८ १९मो १-२ १८मो २-४ मध्यम १०1४४|| मध्यम १०॥ ४॥ मध्यम १०१९४ उत्तम १०.४४|| मध्यम १०५४ उत्तम १०॥४४॥ मध्यम १०|| ४|| ६-७ ७-९ ११ १८मो मध्यम १०॥ २४॥ Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [११३] प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई १५२२ ३ १९मो मो ८ १७मो २-७ १८मो ४ १९मो ३ १८८० Jटक मध्यम 'उत्तम जीर्ण उत्तम FFFF १०४४॥ १०1४४ १०|| ४|| १०|| ४|| १०१।४४|| १३ १७मो सं. मध्यम १०||४४॥ सं.गु गु. ३ १७मो १लु १९मो १० १९मो ८ १९मो १७०३ १-३ १८६३ मध्यम १०१-४| सारी १०१-४|| मध्यम १०x४|| मध्यम १०1४४|| सारी १०1४४|| २१९५ गजसुकुमाल भास २१९६ जम्बूस्वामि चोपाई देपाल कवि २१९७ भक्तामरस्तव वृत्तिसह' २१९८ साधु अतिचार २१९९ प्रश्नोत्तर २२०० पुराणगत अहिंसादि प्ररूपक श्लोक सङ्ग्रह २२०१ परमसुख द्वात्रिशिका | सबालावबोध जिनप्रभ २२०२ नवपद स्तवन अपूर्ण ज्ञानविमल २२०३ चतुर्विशति जिन भास अपूर्ण' कांतिविजय २२०४ बार भावना भास जससोम २२०५ सागरश्रेष्ठिकथा देवद्रव्ये पुण्यसारकथा साधारणद्रव्ये २२०६ अढार नातरां सज्झाय विमल वाचक (तपा) २२०७ सुमुखनृपादि मित्रचतुष्ककथा' मुनिसुदर सूरि २२०८ धनगीरी रास अपूर्ण जिनहर्ष २२०९ वीस विहरमान जिन स्तवन देवचन्द २२१० षड्द्रव्यविचार २२११ सिद्धदडिका स्तवन पद्यविजयजी २२१२ स्तवन सज्झाय सङ्ग्रह २२१३ कल्याणमदिर सटीक पञ्चपाठ अपूर्ण २२१४ कुमारसभव काय' कालिदास २२१५ पिंडविशुद्धि सज्झाय" सहजविमल २२१६ अढार नातरां सज्झाय" २२१७ शिक्षा स्वाध्याय वाचक उदयरल ८० २ १९मो २९ ४ १९मो १३ १९मो २ १९मो ३ १९मो १८१४ ३१ 4.EENAAM उत्तम मध्यम सारी उत्तम उत्तम सारी १०॥ ४॥ १०1४४|| १०1४४|| १०x४॥ १०.४४|| १०॥४४॥ १०।।४५ ४२मा काव्य सुधी ६ १९मो ३७ १७९१ ३ १८३८ ४ १७७७ १ १७९६ सारी जीर्ण मध्यम उत्तम मध्यम १०1४४||| १०1४४|| १०1४४|| १०१X४|| १०x४|| क. ७७ क. २० गु. गु. १. जीवातथी खवायेली २. प्रथम पत्र नथी ३. प्रथम पत्रा नथी ४. पालणपुरे लि. ५ लेखक - खेबु-खेळत, मुनिसुदरसूरिना प्रसादथी लखेली ६. पत्र २ भी ५ नथी ७. रचना-सुरत ८. जुदा जुदा पत्रो ९. मुजनगरे लि देवचंद १०. लि पालीताणा ११. लि. खिमाविजय सिद्धपुरे १२. सा हीराचद बलमजी लि. B.8 Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र [११४] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई. सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई प्रास. २ १७मो १३ १८१४ ३ १९मो १ २०मो उत्तम उत्तम मध्यम सारी १०x४|| १०1४४|| १०१-४||| १०॥४४॥ जूटक प्रा.गु. गु. गु. कडी. १३ २२१८ पच व्यवहार वृत्तिसह २२१९ शोभनस्तुति सावचूरि शोभनमुनि २२२० नेमिनाथ स्तवन ऋषभदास २२२१ सरस्वति छद' खुशालविजय २२२२ शीलोपदेशमाला बालावबोध सह जयकीर्ति मेरूसुंदर २२२३ सत्तरभेद पूजा (वस्तुछंद) २२२४ पुण्यफल सज्झाय' माणिक्यमुनि २२२५ नारचन्द्र ज्योतिष सस्तबक' २२२६ मुनि स्वाध्याय २२२७ आराधना समयसुंदर २२२८ सवैया २२२९ बार आरानु स्तवन ऋपभभावक सांगणसूत २२३० जिननमस्कार आदि सग्रह २२३१ नदि प्रदक्षणा भास' २२३२ शत्रुजय रास समयसुंदर २२३३ खडविशिका रत्नसिंह सूरि मौन एकादशी स्तुति लालविजय २२३४ पचसूत्र २२३५ सिधरा भवानी छंद मारकड मुनि २२३६ सज्झाय सङ्ग्रह (१) लोम सज्झाय वीरसागर (२) क्रोध सज्झाय भावसागर (३) वीश स्थानक सज्झाय मणीविजय (४) हरीयाली (५) हरीयाली (६) ढळण ऋषि सज्झाय लब्धिविजय (७) ऋषभदेव स्तवन रामविजय २७ १९मो ३ १९मो २ १९मो ७ १९मो १ २०मो १ १९मो १ १९मो ७ १८६३ ८ १९मो १ १९मो ७ १९मो १ १९मो मध्यम. ९|||४५ सारी १०x४|| मध्यम १०1४४||| उत्तम १०x४|| मध्यम १०x४|| मध्यम १०1४४|| मध्यम १०1४४|| सारी १०x४|| मध्यम १०1४४|| मध्यम १०x४|| मध्यम १०४४||| मध्यम १०४४|| १६८६ गु. प्रा.गु ७ क. १२४६ १८मो १९मो १९मो प्रा. उत्तम चारणी अपभ्रश उत्तम गु मध्यम १०x४|| १०x४|| १०x४|| ४ 4EEEEEEE १. अपूर्ण २. लि. मोजक नरमेराम अमुलरा ३. लि. मेसाणा ४. पत्र ३ नमी ५दोशी माणकचंद पहालचंद ६. सि. राशालनिजग ७ पषम ये पानधी ८. देवरल लि Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या सख्या सवत सवत लम्बाई भाषा स्थिति पहोळाई ५ स.गु. १८८३ १९मो मध्यम उत्तम १०x४||| १०४४|| (८) सर्वार्थसिद्धविमान सज्झाय गुण विजय २२३७ लघुशाति स्तोत्र मानदेवसूति २२३८ मातृका बावनी सड्ग्रह जिनहर्ष आदि (१) मातृका बावनी जिनहर्ष (२) हितशिक्षा स्वाध्याय __यशोविजयजी (३) वकचूल स्वाध्याय (४) अध्यात्मगीत आनदघनजी (५) अध्यात्मगीत 'विनयविजयजी (६) साधारण जिन स्तवन (७) साधारण जिन स्तवन (८) पार्श्व जिन स्तवन (९) अनंत काय अभक्ष्य स्वाध्याय (१०) एकादशी थोय (११) सरस्वती स्तोत्र २२३९ कर्मबहोतेरी चोपाई हेमराज २२४० वीर जिन स्तवन जयसौभाग्य २२४१ प्रव्रज्याविधि दीक्षाविधि २२४२ सत्तर भेद पूजा २२४३ सप्तनय गर्भित महावीर स्तोत्र सस्तबक उ. विनय विजयजी २२४४ सिद्धचक्र स्तवन । मानविजय २२४५ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन २२४६ पदसङ्ग्रह २२४७ बालावबोध ज्योतिष' मुंजादित्य २२४८ चतुर्विशतिजिन स्तवनो विशुद्ध विमल २२४९ भावना श्लोक २२५० चोवीश जिन स्तवन आणंद मुनि १७१५ 년 २ १८मो २ १७९८ १ १८मो ३ १९मो मध्यम उत्तम उत्तम सारी ९||1X४|| १०1४४|| १०४४ १०॥४४॥ गु. सं.गु. 년 년 년 ४ १९मो २ १९मो २ १९मो १ १९मो ७ १८मो ३ १८मो १८०० १ १८५३ २ १९मो सारी १०४४|| सारी २०१४४| मध्यम १०1४४|| मध्यम १०x४|| मध्यम १०1४४|| सारी १०x४|| मध्यम १०1४४|| मध्यम १०॥४४॥॥ गु. १. राजनगरे लि. इस्तिसागर २ मूल रचना द्वीपलदिर ३ अपूर्ण Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनु सूचिपत्र [११६] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम श्लोक सख्या पत्र लेखन रचना सख्या सवत सवत भाषा स्थिति लम्बाईपहोळाई २२५१ पचमहाव्रत सज्झाय २२५२ शोभन स्तुति' २२५३ स्नात्रपूजा विधि कातिविजय शोमन मुनि देवचन्द्र केशरविमल २२५४ सूक्तमाला' २२५५ जम्मूद्रीपसग्रहणी' सस्तवक हरिभद्रसूरि ज्ञानविमल २२५६ रात्री भोजन सज्झाय २२५७ दान - शील-तप-भावना सवाद समयसुदर २२५८ पाणिनीय परिभाषा २२५९ मैत्राणा तीर्थसावन २२६० अष्टमी स्वाध्याय २२६१ अभव्य कुलक २२६२ वीस स्थानक तप विधि स्तवन' हर्षविजय नवलविजय लब्धिविजय २२६३ स्तवन पद २२६४ छठा आरानी सज्झाय देवीदास २२६५ शील नववाडनी सज्झाय उदयरल २२६६ पाचकारणगर्भित जिन स्तवन उ विनयविजयजी २२६७ उत्सूत्रनिराकरणमत्रीसी २२६८ गौतमस्वामि रास २२६९ चोवीस तीर्थकर आंतरा स्तवन २२७० अठार नातरां सज्झाय २२७१ धर्मोपदेश सस्तनक २२७२ धनपाल पडित कथा २२७३ सिद्धगीरी सावन २२७४ गुरु स्तुति २२७५ स्तवन सङ्ग्रह २२७६ मधुबिंदु स्वाध्याय २२७७ सामायिक स्वाध्याय १. लि स्तंगतीर्थ २. प्रथम पत्र नथी, विसलनगरे वीरविजय ७. सिन्द्रपुर ८ चिनयप्रभ पं दानविजय वीरविजय टीकाकार क. ९ क. ३१ क. ७२ क. ३२ क. १९ क ११ क. १५ क. १० क. १० ३ १२ ११ ११ ७ २ ४ २ १ १ २ २ ४ २ ३ १ ४ ३ ३ २ २ १ १ १ १ १९ मो १८ मो १८२० १९मो १७५४ १९ मो १९ मो १९मो १६६२ १९मो २० मो २० मो २०मो १८१६ १९ मो १८७८ १८५७ १७६३ १८५३ १८ मो १८८१ १४१२ १९ मो १९मो १९मो १९ मो २० मो १९ मो १९मो १९मो गु स गु स. प्रा.गु. गु गु स. गु गु प्रा. गु. गु. गु गु गु गु गु गु गु स.गु. सं. गु गु मध्यम उत्तम उत्तम सारी सारी मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम जीर्णं मध्यम उत्तम मध्यम मध्यम मध्यम सुमति कमल लि. विसलनगरे ३. लि. राजनगरे न्याय सौभाग्य लि. ४. लि. पालनपुर ५ गणि देव हर्ष जुदा जुदा पत्रो छे. • १० X ४ । । १०x४ १० X ४ १० X ४ | १० X ४ ।। १०४४।। १० X ४ । । १० X ४ ।। १० X ४ ॥ । १० X ४ । । १० X ४ ।। १० X ४ । । । १० X ४ । । १० X ४ । । । १०x४ । । १० X ४ । । । १० X ४ । । ९। ।। ४४ ।। १० X ४ । । ९।। ४४ ।। १०४४।। SIXY ९॥२४॥ ९।। X ४ || १० । ४४ । । १०। ४४ ।। ६. रचना सेमात लि Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [११७] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १८१६ १९मो मध्यम मध्यम १०1४४|| १०1४४|| का. ४४ » » » FORM १०1४४|| १०x४॥ गु उत्तम क. ५७ क ५ गाथा. ५० क. २४ क ३३ १-३ १९मो ३जु २ १९मो १ १९मो २ १९मो ८ १७मो जीर्णप्राय १०1४४ मध्यम १०x४॥ मध्यम १०४४|| उत्तम १०॥४४॥ स. प्रा.स. २२७८ स्तवन सङ्ग्रह २२७९ नवपद स्तवन देवचन्द्र २२८० भक्तामर स्तोत्र मानतुगाचार्य २२८१ स्तवनादि २२८२ गुरुवदनक भाष्य सस्तबक' देवेन्द्रसरि २२८३ आलोयणा स्तवन ऋषभदास वासुपूज्य स्तवन उ. यशोविजयजी २२८४ नवतत्त्व प्रकरण २२८५ धन्ना स्वाध्याय २२८६ चतुर्दश गुणस्थानक सज्झाय नेमविजय २२८७ शोभन स्तुति अवचूरि २२८८ कथासङ्ग्रह जिणसेण देवलिका कथा कमलसेननृपकथा २२८९ नवतत्त्व रास वेलुमुनि २२९० जिनशतक सावचूरि पञ्चपाठ' २२९१ योगविधि २२९२ धन्ना चउपई मतिशेखर २२९३ शब्दरूपावली आदि २२९४ गुरुभक्तिकुलक रयणसिहसूरि २२९५ नरवर्मनरेश्वर चरित्र विनयप्रभोपाध्याय २२९६ संवोधसप्ततिका | रलशेखरसूरि २२९७ समकितनी सज्झाय विवेक विनय शिष्य २२९८ सुदर्शन ऋषि सज्झाय लालविजय २२९९ पोडश संज्ञा वर्णन कुलक सस्तवक २३०० गौतम पृच्छा पकरण २३०१ शालिभद्र भास सहजसुदर EEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE ३ १७मो ८ १७मो १४ १५२६ ३ १७मो १२ १७मो १५१४ १३ १९मो १ १७मो ९ १५१३ ३ १७मो २ १९मो ३ १९मो १६७६ REEEEE उत्तम १०1४४) उत्तम १०॥४४॥ जीर्ण १०१४४ जीर्ण १०|| ४|| मध्यम १०४४) मध्यम १०1४४| जीर्ण १०x४ उत्तम १०x४|| उत्तम सारी १०.४४|| सारी १०१-४ कडी.३४ गु. प्रा.गु. १ ४ १ १९मो १८मो १७२५ मध्यम जीर्ण मध्यम प्रा. गु. १०1४४|| १०1४४| १०॥४४॥ क. १८ १. जुदा जुदा पनो छे २. जुदा जुदो पनो छे. ३ लि विरविजय चीसलनगरे ४ लि. आमोला बाइ ५. पत्तने गणि मेघविजय लि.६ प्रथम पत्र नथी ७ रचना कडी Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र ११८ पति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसंख्या संख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई गु. प्रा.गु प्रा.गु. २ १७मो १५६२ ३ १९मो ५ १७मो ४ १६३९ ११ १८मो ४ १७मो २० १७मो २५ १८मो १ १८मो जीर्ण १०x४॥ उत्तम १०1४४|| उत्तम १०1४४) १०४४) उत्तम १०x४) जीर्ण १०1४४|| उत्तम १०.४४। मध्यम १०१XI १०.४४ १०॥४४॥ जीर्ण १०1४४|| ४ १७०१ स.गु. २३०२ आलोचनागर्भित सीमंधर स्वामि स्तवन लावण्य समय २३०३ सिद्धिदडिका स्तोत्र सस्तबक देवेन्द्रसूरि २३०४ शत्रुजय कल्प सस्तबक २३०५ कलावती सज्झाय विजय भद्रमुनि २३०६ कूर्मापुत्र कथा जिनमाणिक्य २३०७ कथासङ्ग्रह २३०८ विक्रमचरित्र त्रूटक २३०९ कर्मविपाकायुर्वेद वैद्यक त्रुटक वीरसिहदेव २३१० भरतेश्वर बाहुबलि सज्झाय' पच कल्याणक स्तुति २३११ अजितशाति स्तव नदिषेण भक्तामर स्तोत्र सस्तबक मानतुजसूरि २३१२ चोवीस दडकनी विगत २३१३ बार भावना आलु २३१४ पचमी आदि तपोधारण आलापक २३१५ आष्टमी सज्झाय २३१६ सज्झायनी सज्झाय २३१७ मेघदूत काव्य कालिदास २३१८ दुरियरयसमिर स्तोत्र बालावबोध सह जिनवल्लभ २३१९ सिदूरप्रकर सावचूरि त्रिपाठ सोमप्रभचार्य २३२० कथासङ्ग्रह २३२१ योगविधि उपस्थापना विधि २३२२ पिमडल स्तोत्र २३२३ नीतिशतक सस्तबक भर्तृहरि ७ २ १९मो १९मो मध्यम उत्तम १०१-४॥ १०.४४ २ १७९१ २ १९मो १ १७९७ १२ १७२८ मध्यम १०1४४|| उत्तम १०1४४ जीर्णपाय १०x४॥ जीर्णपाय १०४४ क. १६ का. १२७ गा. ४४ वृत्त १०० १० १७मो १४ १७मो २ १७मो २ १८मो २ १६८२ १-१७ १९मो प्रा.गु. स. प्रा.सं. गु. सं संगु. उत्तम १०x४॥ १०.४४ उत्तम १०॥४४॥ मध्यम १०॥४४ जीर्ण १०1४४| मध्यम १०x४॥ श्लो. १०७ १. नंदरम्बारे सौभाग्यकल्लोल गणि लि. २. चंपकपुरे लि. जानी नारागण २. उदगार लि, मतिसागर ४. मांधाता पामे जयसागर लि. ५ प्रथम पत्र नथी ६ विनयकीर्तिसूरि लि सुंदर चिनपछिका Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नवर पुस्तकनुं नाम २३२४ पंचकल्याणक तपविधि' २३२५ उपशम स्वाध्याय २३२६ धर्मदत्तकुमारकमा गए प २३२७ सुकोसल मास एकावनी' २३२८ अष्टमी नमस्कार' तीर्थ स्तवन २३२९ सिद्धाचल स्तवन २३३० ज्योतिष विचार २३३१ भ्रमरगीता- मिगीता २३३२ विहरमान जिन विसी स्तवन' २३३३ कल्याणमंदिर स्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ २३३४ कायस्थिति स्तव विजयसेन सूरि गीत २३३५ पाक्षिक क्षामणा सावचूरि कर्तानु नाम विद्यासागर शिष्यदेवचन्द्र दानविजय चीरविजय विनयविजय विबुध विमल सिद्धसेन दीवाकर पञ्चपाठ २३३६ नारचन्द्र जैन ज्योतिषांतर्गत प्रतिष्ठा दीक्षा कुडलिका २३३७ पर्यन्ताराधना सस्तबक २३३८ पोपदशमी कथा नरचन्द्रसूरि सोमसूरि कनकाचार्य २३३९ पिडविशुद्धिप्रकरण सावचूरि जिनवल्लभ योनिस्तव सावचूरि २३४० गौतमपृच्छा अर्थसह टीकाकार वच्छ श्लोक संख्या क ५४ क. ५ क. ९ पत्र लेखन रचना सख्या संवत सवत क. ११ १+१ = २ १६ २०० मू गाथा - ६४ १ १५९३ २ १लु १८६३ १ om s ३ २ ५ さつ २ २ swo ६ १७मो ४ १७मो ६ १६३६ १९ मो १६७८ १० १९मो १७७२ १६०२ ४ १६ ११ १ १८५६ १९ मो १९ मो १७९१ १७९० १६६१ १८ मो १७मो १६५० १७मो २० मो भाषा गु. शु स. गु. गु गु + गु पु. पु. स प्रा. प्रा.स. स. प्रा.गु सं. प्रा.सं. प्रा.स. प्रागु प्रा. H स्थिति जीर्ण गु. उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम जीर्ण लम्बाईपहोळाई १० X ४ १० X ४ ।। १० X ४ ।। १० X ४ | १०१ ४४ ॥ १० X ४ || १० X ४/ १० X ४ | १० X ४ 801X81 १० X ४ 801 X 81 १० X ४ | १० X ४ ।। १० X ४ | २३४१ सुसढ कथा २३४२ मृगाकलेखा रास २३४३ सामायिक सज्झाय ज्ञानपचमी सज्झाय १ लि नरसिंह २ अपूर्ण ३ द्वारकादास सुत सुखानंद लि ४ लि पालणपुरे ५ गुहाचंद लि ६ लि पत्तन ७ पाणीथी भीजायेली ८. शीरोडी ग्रामे लि. १० X ४ १० X ४ १० X ४ ।। १० X ४ । । [११९] Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाधयना जेन ज्ञानमडारना इस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपन्न १२० पति नबर पुस्तकनुं नाम कानुं नाम टीकाकार लम्वार्ट श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ५०० स प्रा.स उत्तम १०1४४| मध्यम १०x४i प्रा.गु क १४ क ४२ ९ २५२८ १-८ १८मो १-३ १ १९मो २ १६०८ १ १९मो ७ १८मो १६४४ गु. सगु गु. जीर्ण १०x४॥ जीर्णप्राय १०४॥ मध्यम १०x४ मध्यम १०४ ४ क २१ मूगा. २० २०९ २३४४ काव्यकल्पलता अमरचन्द २३४५ कर्मग्रथ चतुर्थ-षडशीतिका देवेन्द्रसूरि प्रतिष्ठा विचार २३४६ नारगा पार्श्वस्तवन खिमाविजय २३४७ वीरजिन स्तवन २३४८ प्रास्ताविक २३४९ अमरसेन वयरसेन चोपाई रगकुशल वीरजिन स्तवन उदयसागर २३५० पुराणश्लोक सड्ग्रह २३५१ आदिनाथ स्तवन' विजयतिलक २३५२ गौतम कुलक २३५३ एकादश प्रतिमाविचार २३५४ चार आहार विचार २३५५ योगसार २३५६ श्रावक अतिचार बृहत् शाति २३५७ धातुरूपमाला २३५८ तर्कभाषा केशवमिन २३५९ जिनेन्द्र स्तव' सोमपभ २३६० सुदर्शन श्रेष्ठि रास विजयशेखर २३६१ अष्टप्रकारीपूजागर्भित स्तवन सस्तवक २३६२ अष्टभगी २३६३ सुरप्रिय रास लक्ष्मीरलशिष्य २३६४ चतुर्विशतिजिननमस्कार २३६५ छ व्रतनी सज्झाय कांतिविजय सुंदरी महासती सज्झाय २३६६ वरदत्त-गुणमंजरी कथा कनककुशल १० १८मो ३ १६८३ २+१ १९मो १ १८मो १ १८मो ६ १८मो १ थी ६१९मो ६थीट १३ १७मो १५ १७मो १ १७मो ७ १६८३ १६८१ जीर्णप्राय १०x४| मध्यम १०४४ मध्यम १०४४|| मध्यम १०४४ उत्तम १०॥४४॥ जीर्ण १०x४| मध्यम १०४४|| मध्यम १०१४|| उत्तम १०1४४|| जीर्ण १०1४४ मध्यम १०x४ उत्तम १०x४/ गु. सं.गु ३ १९मो २०मो ५ १८मो २ १७मो २ १८मो FREE मध्यम १०1४४ उत्तम १०१४४ उत्तम १०॥४४॥ मध्यम १०x४॥ मध्यम १०1४४|| ५ १७मो १६५५ म. सारी १०x४॥ १. लि. श्रुत सौभाग्य २ अहिमन्ननगर पुण्यसुंदर गणि लि. २ लि. अर्गलापुरे ४ लि फल्गाणसागर पनिपुरे ५. लि. भाणनगर. पाम पर नशी, रमना भेदता Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या सख्या सवत संवत भापा स्थिति पहोळाई १५५३ गु मध्यम १०४४।। सारी १०४४ ४ १८मो प्रा.गु. सं. कडी.२२ कडी. १९ २३६७ स्थूलभद्र एकवीसो २३६८ गुणावली चोपाई ज्ञानमेरू २३६९ स्थविरावली-नंदि अंतर्गत मंगलगाथा बालाव०सह देववाचक २३७० सारस्वत प्रक्रिया अपूर्ण अनुभूति स्वरूपाचार्य २३७१ सीता रावण मदोदरी हितवाक्य' २३७२ मुनिगुण स्वाध्याय गुणसागर २३७३ चोवीस जिन छद ज्ञानविमलसूरि २३७४ रत्नाकर पचविंशतिका रत्नाकर सूरि २३७५ संबोधसप्ततिका प्रकरण । रत्नशेखर २३७६ सयोधसप्ततिका सस्तवक २३७७ चतुर्थव्रतकथा अपूर्ण २३७८ चोवीसी स्तवन जिन विजयजी २३७९ सज्झाय सङ्ग्रह २३८० चोवीस जिन स्तवन लक्ष्मीविमल २३८१ चेत्यवदनादिभाष्यद्वय बालाव० सह देवेन्द्रसूरि ज्ञानविमलसूरि २३८२ पृथ्वीचन्द्र-गुणसागररास २३८३ सारस्वत व्याकरण प्रदीपिका २३८४ उपधान विधि स्वाध्याय २३८५ भाव प्रकरण विजयविमल-वानरर्षि २३८६ क्षमा छत्रीसी समयसुदर २३८७ स्तवनसङ्ग्रह माणिक्यमुनि २३८८ सम्यक्त्वस्तव सस्तबक २३८९ औष्टिकमतोत्सूत्रोद्घाटन कुलक अवचूरि सह त्रिपाठ २३९० चित्रसेन-पद्यावती चरित्र शीलसमुद्र मुनिपति चरित्र १० १९मो १३ १७मो १ १८मो १ १९मो २ १९मो ४ १९मो २ १८मो ५ १७मो २ १९मो ९ २०मो ७ १९मो ९ १७८८ उत्तम मध्यम १०1४४ सारी १०४४|| जीर्णप्राय १०४४॥ मध्यम १०४४|| सारी १०x४|| मध्यम १०1४४) उत्तम १०1४४|| उत्तम १०x४|| उत्तम १०x४|| मध्यम १०४४ उत्तम १०x४|| प्रा. प्रा.गु. 여년녀 소 १३+९ १९मो प्रा.गु. ९ १८मो १ १९मो २ १९मो २ १८मो उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम १०४४|| १०x४|| १०४४|| १०॥४४ १०1४४|| १०१४४| १०x४/ १०x४| गु. ५ १८मो प्रा.गु. १ २० १७मो १८मो १५२४ प्रा.सं. सं. मध्यम १०x४॥ उत्तम १०x४॥ १. पर १-२ नथी २ भुजदेंगे सुखसागर लि ३. विनितविजय लि ४ नेमिजिन पर्यंत ५. मुनि बालचंद्र ६ भपूर्ण ७ लि. रविकुशल ८ शुभविजय लि ९ टक Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र १२२१ प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई २३९१ सज्झायो २३९२ सोल स्वप्न स्वाध्याय २३९३ शोभनस्तुति सावचूरि त्रिपाठ शोभनमुनि २३९४ शोभनस्तुति अवचूरि त्रिपाठ शोभनमुनि २३९५ शोभनस्तुति मूल शोभनमुनि २३९६ महादडक स्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ २३९७ उद्योत पंचमी स्तुति सटीक त्रिपाठ कनककुशल सारी उत्तम उत्तम उत्तम जीर्ण जीर्ण मध्यम १०x४॥ १०४४|| १०४४ १०x४| १०x४॥ ९11४४ १०४४। वर्धमान स्तुति सटीक त्रिपाठ शत्रुजय स्तव सटीक त्रिपाठ २३९८ स्नातस्यास्तुति आदि २३९९ अष्टोत्तरी स्नात्र विधि २४०० सिद्धचक्र स्तोत्र सस्तबक' २४०१ सकलाईत् चैत्यवदन हेमचन्द्राचार्य २४०२ सथारा पोरीसी २४०३ ईरीयावही स्वाध्याय मेरूविजय साधुगुणस्वाध्याय मेरूविजय आदिनाथ स्तुति मेरूविजय २४०४ चार मगल भास' देवचन्द २४०५ लीलावती चोपाई २४०६ बीजनुं स्तवन शखेश्वर पार्श्वनाथ स्तवन रगविजयजी २४०७ समास प्रकरण २४०८ असज्झाय दोष निवारण स्वाध्याय श्रावक दिन कृत्य स्वाध्याय २४०९ पिंडविशुद्धि चोपाई नित्यविजय २४१० वीस विहरमान जिन गीत' विनयविजय २ १९मो ३ १९मो १३ १७मो ९ १७मो स ६ १६७१ मूगा २० ४ १७मो प्रासं १३२ थी५ १९मोवृत्ति. १६५२ स का ४ का. ४ ५थी७ का ५ ७थी१० १ १८मो १ १९मो प्रा. १ १८३४ प्रा गु. २ १९मो १ १९मो क. १६ १ १८मो क १० १८मो क. ४ १८मो १ १८८२ ५ १७मो २ १९मो 덕에서 적의 업업업내역에 일 सारी १०४४॥ सारी १०४४|| मध्यम १०४४॥ सारी १०x४॥ मध्यम १०x४॥ मध्यम १०४४ मध्यम मध्यम उत्तम १०x४ सारी १०४४॥ सारी १०४४॥ सारी मध्यम १०४४॥ २ १७मो क. १६ १ १९मो मध्यम १०४४॥ ३ १८मो ९ १७९९ सारी मध्यम १०४४। १०४४|| गु. - १ दधीली ग्रामे लि नयकुशल २. राजरल लि. राजनगरे ३ रवनद यादरसा लि ४ पथम पर नयी ५ लि. पाटण ६ अहमदानादे लि Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१२३] प्रति नंबर पुस्तक नाम कानुं नाम टीकाकार प्रलोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या संख्या संवत सपत भाषा स्थिति पहोळांई प्रा. सं.गु. रूपसिंह लक्ष्मीरत्नसूरि शिष्य धर्मकीर्ति ६ १७मो ४ १५५७ ३ १८मो ३ १७मो उत्तम उत्तम मध्यम मध्यम १०४४| १०x४|| ९||1X४| १०॥४४॥ प्रा. मूगा. १०१ प्रा प्रा.गु. गु. १६४० पुण्यरत्नसूरि उमास्वाति वाचक उ. विनयविजयजी क ११ २४११ सक्षिप्त पौषधविधि २४१२ प्रशाप्रकाश सस्तबक २४१३ सूरप्रिय कुमार रास २४१४ लोकगालिद्वात्रिंशिका २४१५ शगुंजयमाहात्म्य श्लोकसङ्ग्रह २४१६ ईन्द्रियपराजयशतक सस्तबक २४१७ सुधर्मास्वामि रास | २४१८ जिन पूजा स्तवन २४१९ नेमिजिन भ्रमरगीता आदि २४२० द्वादश भावना अपूर्ण २४२१ आत्मप्रतिबोध स्वाध्याय २४२२ चरणसत्तरी करणसत्तरी २३ पांचअणुवतोपरिकथा अर्हन्नक रास' [सुसढ कथा २४२६ सवेग रस चन्द्रायणा २४२७ आणंदविमलसूरिस्वाध्याय २४२८ जम्बूद्वीपसग्रहणी प्रकरण सस्तवक २४२९ (१) भावप्रकरण (२) चितामणि स्तोत्र २४३० असणादिक काल प्रमाण सज्झाय २४३१ परमात्मा छत्रीसी २४३२ श्रावक प्रतिमाविधि २४३३ पार्श्वनाथ स्तवन २४३४ पछद्रह वर्णन ८ १७मो १० १७मो ५ १८मो १ १७मो ४ १७९३ ४ १८मो १ १९मो १ १८मो ३ १९मो ३ १९मो ६ १७मो ४ १७मो १ १९मो #FFFFFFFF) उत्तम १०४४। उत्तम १०४४॥ उत्तम १०४४ जीर्ण १०४४॥ सारी १०४४॥ सारी १०४४ मध्यम ९४४| जीर्ण १०x४॥ मध्यम ९|| ४|| जीर्ण १०४४) उत्तम १०x४॥ मध्यम १०४४|| मध्यम १०४४। आणंद लींबो हरिभद्रगणि विजयविमल मू.गा. ३० ६ २ १९मो १८मो प्रा.गु. उत्तम उत्तम १०४४ १०४४|| प्रा. ज्ञानविमलसूरि चिदानंद गा. ३६ १ १९मो २ १९मो २ १८मो २ १९मो १ १८मो गु. उत्तम मध्यम सारी उत्तम मध्यम १०x४॥ १०x४|| १०४४। १०x४।। १०४४॥ गुणसागर गु. सं.गु. धनविजयजी लि. मेडता, नयविजयजीने वाचवा लखायेलु २. साधेली. Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ---- -- -- -- ----- -------- - पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र १२४] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १३०० स 려 २१ १७६४ ७ १८८५ १८८४ ४ १९मो ४ १९मो ५ १८मो जीर्णप्राय १०४४। उत्तम १०१४॥ उत्तम १०x४|| ९।। .४|| मध्यम सारी 화 더 १७२५ 년 . क ३० 연 ७ १८५१ ७ ५९मो २+२ १९मो १ १८मो ३ १९मो २ १६९९ २ १९मो १ १९मो १ १९०६ २ १८मो उत्तम १०४४| उत्तम १०४४ मध्यम १०४४|| मध्यम १०४४। मध्यम १०x४| उत्तम १०४४ मध्यम १०४४ मध्यम १०४४ उत्तम १०x४| मध्यम १०x४ 전 २४३५ हितोपदेश (वैद्यक) श्रीकंठ २४३६ नवाणुं प्रकारी पूजा वीर विजयजी २४३७ पद्यावती स्तोत्र २४३८ रमलकी शकुनावलि २४३९ सबोधसप्ततिका प्रकरण रत्नशेखर (जयशेखर) २४४० सौभाग्यपंचमीमाहात्म्य गर्भित नेमिजिनस्तवन काति विजयजी २४४१ नदिषेण रास' न्याय सागर २४४२ गणधर देववंदन २४४३ उत्पत्ति स्तवन २४४४ पद-स्वाध्याय सङ्ग्रह २४४५ श्रुतबोध कवि कालिदास २४४६ मान स्वाध्याय कवि अपभ २४४७ आयु स्वाध्याय २४४८ पीठीका भावना २४४९ आचार्य रत्नसिह भास शिवजी २४५० चोवीस दडक स्वाध्याय सस्तवक २४५१ चोवीस तीर्थकर परिवार स्वाध्याय २४५२ अयनांश करण वगेरे ज्योतिष २४५३ ख्याल २४५४ दशार्णभद्रस्वाध्याय वीरमुनि २४५५ अध्यात्मस्वाध्याय सुख विजय २४५६ उपधान गहुली २४५७ उपासक दशागगीत' जिनहर्ष २४५८ सारस्वत व्याकरण टीका चन्द्रकीर्ति २४५९ आर्य वसुधारा का, ४१ क. २७ क १० 년 년 년 년 मूक ११ २ १९मो 년 मध्यम १०x४/ क ५ क. ७ क. १५ क. १६ १८६३ १ १७६८ १ १९मो १ १८७८ ४ १९मो १ १९मो २ १९मो ८ १८मो ९२थी ११११९मो ७ १९मो 여 년 년 년년년년 मध्यम १०॥४४॥ मध्यम १०४४। मध्यम १०x४) मध्यम १०४४ जीर्णपाय १०x४॥ मध्यम १०४४॥ उत्तम १०४४। जीर्ण ९x४॥ जीर्णप्राय १०४४। क. २३६ गु. १ लि. डामेला नगरे उपेथी सवागेली २. लि. मोहनविजय पाटण ३. पोपा बंदरे लि ४. क धर्मा लि. ५. पथम पत्र नयी ६. पर १ थी ५ नथी Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१२५] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई गु. ३ ११ ३ २ २ १८मो १९मो १९मो २०मो १७७९ गु जीर्णप्राय ९||४| मध्यम १०४४|| उत्तम १०४४|| उत्तम १०x४| १०४४|| प्रा.स. सारी १०x४| क ३६ २४६० वीरभद्र कथा गद्य २४६१ पाक्षिक सूत्र २४६२ ऋषभदेव स्तवन उदयरल २४६३ ऋषभदेव स्तोत्र २४६४ दशार्णभद्र सज्झाय' लालविजय २४६५ कल्याणक अधिकार तथा श्रावक दश प्रतिमा विधि २४६६ नेमिनाथसमवसरण स्तवन' सोमसुंदर शिष्य पाक्षिक स्तुति (स्नातस्या) २४६७ भूगोलशास्त्र २४६८ पचभावना वेल देवचन्द्र २४६९ झांझरीया ऋषिनी सात ढाल विनयविजय (मेघविजयशिष्य) २४७० पचपरमेष्ठि गुण २४७१ सस्तारक प्रकीर्णक सस्तबक' २४७२ मन्नह जिणाण सज्झाय सथारा पोरसि सस्तबक २४७३ श्रुत बोध २४७४ शनैश्चर दृष्टिफल वगैरे २४७५ दडक ओगणत्रीश द्वार बालावबोध २४७६ जीवविचार प्रकरण शातिसूरि २४७७ राग रागिणी नाम आदि २४७८ स्तवन सज्झाय २४७९ परमानद पचीसी २४८० चोघडीयां वगेरे ज्योतिष २४८१ पोष दशमी कथा २४८२ नवकार बालावबोध २ १७मो १-२ १८मो रजु ४ १९मो ४ १७८५ ५ १८मो १७८१ २ १७४८ ११ १६८४ १९मो गु. गु प्रागु. प्रा.गु. प्रा.गु. स. स. मध्यम १०x४ सारी १०x४|| सारी ९||४४|| सारी १०x४|| मध्यम १०४४ मध्यम १०x४| मध्यम मध्यम ९॥X४|| जीर्णप्राय ९॥४४ १९मो ४ १९मो ५ १८मो १२ १८मो ४ १७मो १ ९मो ३ १८०० ३ २०मो १ १८मो ३ १८७६ ७ १७२४ FEEEEEF मध्यम ९॥४४॥ मध्यम ९||1X४| सारी १०४४) मध्यम ९|||४४| उत्तम ९|| ४| जीर्णप्राय ९||| ४| उत्तम । १०४४ उत्तम १०४४| क. २४ १. पत्र १ थी ३ नथी २. शातिविमल लि. ३ खीमाविजय लि. ४ रचना जेसलमेर, लि. लाधा थोभणसी ५. रचना खभनयर ६. लि. पं. धनजी ७. प्रथम पत्र नथी ८. पत्र १०९ नथी, लि. दिल्ही ९. लि. माणिक्यविजय Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र १२६] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तार्नु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई क ६९७ १७४२ गु मध्यम ९॥४४॥ गा. २००० ४८ १६९५ पा. मध्यम १०x४॥ ४८ १९मो १ १८५३ मध्यम उत्तम १०४४। ९| ४|| क १३ मध्यम ९॥४४॥ जीर्णप्राय ९|| ४|| उत्तम ९|| ४|| मध्यम ९४४|| - १६ - १९ १ १९मो १ १८१२ ७ १९मो १लु १८२६ १-२ १८ १८६३ २७ १७४९ २४८३ योग पाहूडी गरीबगिरि २४८४ भविष्यदत्ताख्यान' (ज्ञानपचमी माहात्म्ये) महेश्वरसूरि २४८५ कल्पसूत्र बालावबोध सह अपूर्ण २४८६ मुनिधर्मस्वाध्याय हितशिक्षास्वाध्याय शातिविजय २४८७ ऋषभदेव स्तवन भास २४८८ जिन स्तवन २४८९ चोवीसी स्तवन विशुद्ध विमल २४९० कुमति स्वाध्याय' जसविजय चित्र-संभूत स्वाध्याय कवियण २४९१ षडावश्यकसूत्र वार्तिक सह' २४९२ षष्ठिशतकप्रकरण सस्तबक भंडारी नेमिचन्द्र २४९३ शृगारीक दूहा (आशक पचीसी) २४९४ छ महावत सज्झाय काति विजय सुदरी महासती सज्झाय काति विजय २४९५ गौतम स्वामि भास अध्यात्म भास २४९६ कल्पनी गाथा श्लोक २४९७ सिद्धाचल तीर्थमाला' अमृतविजय २४९८ गुणस्थानक सज्झाय २४९९ सिलोदक कल्प २५०० वीसस्थानक तपविधि २५०१ षोडशक प्रकरण २५०२ चैत्यवदन सज्झायादि सङ्ग्रह २५०३ श्राद्ध अतिचार अपूर्ण उत्तम जीर्ण प्रागु प्रा.गु. १०४४) ९॥ ४॥ स्त.सा.साज गा. १६१ २५ १ १९मो १थी३ १८२३ ३र्जु उत्तम मध्यम १०१४४ १०x४॥ १ १८४० ३ १८मो ७ १९मो २ १९मो ७ १८७२ १ १९मो १० १९मो ४ १९मो ७ १९मो मध्यम ९x४॥ उत्तम १०x४॥ मध्यम १०x४|| मध्यम १०x४ मध्यम ९x४|| मध्यम ९x४||| उत्तम ९x४|| मध्यम १०x४|| मध्यम ९x४॥ ९६ गु १ लि जेसलमेरु सा रायचंद, ताडपत्रीय सं. ११०९नी पत उपरथी राखी छे २, सुराविजय सि. २. उदयसागर ति पा १३४ नमी ४. पा १-२ नयी ५. लि पाल्हणपुरे Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नबर पुस्तकनु नाम २५०४ शत्रुजय रास' २५०५ शास्वति प्रतिमा चैत्यविचार २५०६ अध्यात्म स्वरूप ' २५०७ विहरमान जिन शाश्वत जिन गीती विनयविजयजी २५०८ श्रावक अतिचार १२४ भेद वर्णन २५०९ बावीस अभक्ष्य गाथा सस्तबक' २५१० हीरविजयसूरि सज्झाय २५११ सारस्वत प्रक्रिया सटीक २५१२ सूरप्रिय केवलीरास २५१३ एकदिन पोषधादिग्रहण पुण्यसंख्याकुलक सस्तबक २५१४ प्रतिक्रमणहेतु बोल २५१५ ज्ञानपचीसी अर्थसह २५१६ पिडीसी २५१७ पद २५१८ ज्ञानपचीसी अर्थसह २५१९ कपील अध्ययन स्वाध्याय २५२० यशोभद्रराजर्षि चोपाई रहनेमि राजुल स्वाध्याय २५२१ प्रतिलेखना पौषधविधि २५२२ चन्दनबाला सज्झाय २५२३ अतरीक्ष पार्श्वनाथ स्तवन २५२४ मन्नह जिणाणं कर्तानु नाम समयसुंदर विवेकहर्ष क्षमाकल्याणगणि बनारसीदास सहजविमल ज्ञानविमल बनारसीदास उदयविजय विनयशेखर ज्ञानविमलसूरि लब्धिविजय लावण्यसमय टीकाकार शातिकुशल सौभाग्यवल्लभ विजयसागर श्लोक सख्या नू.फ. २५ क. ३२ क ८ क २५ क. ७ क ४८ पत्र लेखन रचना सख्या सवत सवत क. ८ क ५ क. ७ ६ १८६२ १६८२ २ १९मो १ ८ २ ३ ६ ७ ३ ४ ६ १ १ १ १ १ ३ २० मो १८ मो १९ मो १८मो १८६३ १४५५ १५६७ १ १९ मो १९ मो १९ मो १९ मो २० मो १८ मो १९ मो १८०० १९ मो २० मो १९मो १ १९ मो ४ १९मो ३ भाषा १८मो १६७८ १९मो गु. गु. गु. गु गु प्रा.गु स्वाध्याय सस्तबक २५२५ मौनएकादसी कथा २५२६ मदनभ्रमराजर्षि प्रबध २५२७ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन पार्श्वनाथ स्तवन नेम- राजुल गीत २५२८ सत्तावीस योगनाम ज्योतिष १८ मो १. नवानगरे लि २ लि. गौतमविजय ३ लि. भीमसागर ४ लि रायधनपुरे ५ लखता अधूरी ६ लि फतेचंद सुरसघ ७. साधेली. स.गु. गु प्रा.गु. गु प्रजगु पु. गु व्रजगु. गु गु. गु गु प्रा.गु. गु.. गु. गु. गु गु गु स्थिति मध्यम मध्यम मध्यम उत्तम मध्यम जीर्ण उत्तम मध्यम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम मध्यम उत्तम जीर्ण मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम लम्बाईपहोळाई ९। ।। ४४ ।।। ९ ।। ४४ । १० X ४ । । ९ || ४ | १० X ४ ९। ।। × ४ | १० X ४ १० X ४ | १० X ४ || ९। ।। ४४ ।। ९ ।। ४ १० X ४ | ९। ।। ४४ ।। ९ ।। ४४| ९ ||| × ४| १० X ४ । । १०४४ ।। १० X ४/ १० X ४ ।। १० X ४ । । १० X ४ ।। १० X ४ | १० X ४ ९ ।। ४४ । जीर्णप्राय ९ । ४४॥ [१२७] Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामां रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [१२८, प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १ १९मो गु. उत्तम उत्तम १०x४|| गु. प्रा.गु. २५२९ आदिश्वर विनति २५३० अवंतिसुकुमाल चौढालीयां शील सज्झाय जिनहर्ष २५३१ अरणिक मुनि सज्झाय लल्धिविजय २५३२ अष्टभगी स्वाध्याय जयसोम २५३३ अष्टदृष्टि स्वाध्याय बालावबोध २५३४ ज्योतिष नाममाला हरिदत्त २५३५ कायस्थिति सस्तबक २५३६ सत्यकि विद्याधर कथा २५३७ राणकपुर मंडन आदिश्वर स्तवन शिवसुंदर २५३८ हंसराज वच्छराज रास जिनराज २५३९ वैराग्य स्वाध्याय महिमद २५४० गुणस्थान गीत श्रीवर्धन २५४१ श्रावकदिनकृत्य स्वाध्याय २५४२ सम्यक्त्वस्तव सावचूरि पञ्चपाठ २५४३ मुनिदान विषयक कथा सङ्ग्रह २५४४ स्तवन सङ्ग्रह शुभविजय २५४५ ऋषभदेव वीवाहलु २५४६ योगविधि २५४७ स्तवन सङ्ग्रह चूटक चोवीसजिन स्तवन ज्ञानविमल यीसविहरमान जिन स्तवन शानविमल चोवीसजिन स्तवन महिमाप्रभसूरि २५४८ चतुर्विशतिजिन छद आदि २५४९ चोवीस तीर्थकर पंचकल्याणक नमस्कार ६ १८मो २ १८मो १ १९मो ३ १९मो ४ १९मो ८ १९मो ४ १९मो १ २०मो १७७६ १९ २०मो १६७५ १ १९मो ४ १९मो १ १९मो उत्तम १०x४।। मध्यम ९|४४|| उत्तम ९॥४४॥ उत्तम १०x४|| मध्यम १०४९॥ उत्तम १०x४|| मध्यम १०४५ उत्तम १०४४ उत्तम १०x४|| उत्तम १०x४। १०४४॥ मध्यम ९x४| क. १० 일녁년녀여 क ५ २०० ४ १७मो पा.सं. उत्तम ९॥४४॥ १२ १७मो १६ १७८८ ९ १८४४ ७ १९मो ११थी२५१७६३ सारी ९॥xx उत्तम १०४४ १०x४१ जीर्णप्राय ९||॥१४॥ उत्तम ९11४४/ ५ १९मो जीर्णप्राय ९॥ ४॥ क २५ ४ १९मो गु मध्यम ९।१४ १. अपूर्ण २. लि. पं. उत्तमविजय ३. तपस्वाध्याय विधि आदि ४. पतने लि. Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१२९] प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसंख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळांई गु. ११ १८मो ४ १९मो ६ १७४८ ५ १७मो ९ १९मो १५९४ गु. प्रा.सं. स. मध्यम १०x४॥ मध्यम ९॥४४॥ जीर्ण ९॥४४॥ उत्तम ९x४|| जीर्णप्राय ९।४४| क. ८० पर्यंत ३०थी७१ श्लोक गा. ५६४ ग्र. ७९२ मत्रीपेथु सं. गु. गु. गु अप्र.गु. गु. प्रा. २५५० प्रश्नोत्तर अपूर्ण २५५१ ज्ञानपचमी स्तवन जीतविमल २५५२ कलावती रास संयममूर्ति २५५३ द्वादश भावना स्वरूप विचार' २५५४ चित्रसेन पद्मावती चरित्र पद्य २५५५ पुरुष जन्म कुंडलिका श्लोक ३०थी७१ २५५६ कयवन्नाचरित्र चतुष्पदी जयतसी २५५७ पार्श्वनाथ विवाहलु २५५८ शाश्वत जिन स्तवन माणिक विमल २५५९ जयतिहुयण स्तोत्र सस्तबक अभयदेवसूरि २५६० पार्श्वनाथ नीशानी । जिनहर्ष २५६१ पन्नवणासूत्र अतर्गत द्वितीयोद्देश २५६२ नेमराजुल पंदर तिथि रंगविजय २५६३ मनकमुनि स्वाध्याय लब्धि २५६४ वैराग्य स्वाध्याय विजयभद्र २५६५ थावच्चापुत्र स्वाध्याय देपो २५६६ दंडक प्रकरण सस्तबक गजसार २५६७ तपागच्छ पट्टावली २५६८ सप्तशतविंशतिजिन स्तोत्र जयसोम २५६९ रोहिणी अशोकचन्द्र कथा रत्नवती कथा २५७० भावनावेली सज्झाय जयसोम बारभावना सज्झाय २५७१ स्थविराली नंदिसूत्रमंगल गाथा सस्तबक देववाचक २५७२ शकुनावली २५७३ रोहिणी तप स्तवन श्रीसार २५७४ रोहिणी तप स्तवन क. १० : * Nandan १ १८मो २५ १७७३ १७२१ १२ १८मो ६ १९मो ५ १७मो २ १७८३ ३ १८मो १ १९मो १ २०मो १ १९मो १ १९मो ५ १६६६ १ १८मो ५ १८मो १७१७ २थी५ १८मो ५थी८ १८मो ६ १८०५ १७०३ मध्यम १०४४। जीर्णप्राय १०४४ जीर्ण १०x४ मध्यम १०४४|| उत्तम १०x४ मध्यम १०x४|| उत्तम १०४४) मध्यम ९x४| उत्तम १०x४|| मध्यम ९||1X४| मध्यम ९||1 | मध्यम १०x४) मध्यम १०x४| उत्तम ९॥४४॥ सारी १०x४|| क. १८ सं. प्रा.गु.. गु A. Acc m गु. उत्तम ९॥४४ ६ १८मो ४ १८मो ४ १९मो १७१० २ १९मो गु. गु. गु. मध्यम १०१४४ मध्यम १०४४| मध्यम १०४४|| मध्यम १०x४|| १ पत्र १-२ नथी २. प्रथम पत्र नथी, लि. मुनिविनयविजयजी ३. पत्र १-२ नथी ४. अपूर्ण (शीलोपरि) ५. रचना वीकानेर, लि. डांगरीया ६. लि. पूरणचंद्र नागोर Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [१३०॥ प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई: सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई २५७५ रात्रि भोजन स्वाध्याय २ १९मो गु. मध्यम ९।४४|| २५७६ राम रक्षा स्तोत्र १ २०मो सं. मध्यम ९||| ४| २५७७ रलाकरपचविंशतिका स्तोत्र रत्नाकरसूरि २ १९मो सं. मध्यम ९mx४| २५७८ निरयावलिकासूत्र वृत्तिसह चन्द्रसूरि १२ १७मो प्रा सं. उत्तम १०४४ २५७९ जिन स्तवन सकलचन्द्र २ १८मो मध्यम १०x४ २५८० संबोध सत्तरी भास जयशेखर १ १५१९ जीर्ण ९.४४ २५८१ देवाप्रभोस्तव सटीक त्रिपाठ जयानंदसूरि मेघविजयोपाध्याय १० १८मो मध्यम १०x४) २५८२ नारचन्द्र टिप्पनक' सागरचन्द्र २०थी२३१६७२ मध्यम १०४४ २५८३ रत्नसार रास' सहजसुंदर १५ १७मो १५८२ गु. उत्तम १०४४ २५८४ आलोचना' . प्रा.सं. मध्यम ९x४| २५८५ निशाविराम कुलक सस्तबक ५ २०मो प्रा.गु. उत्तम ९||1x४/ २५८६ नागकेतु कथा ६ १८मो उत्तम ९||1४४ २५८७ नयोपदेश प्रकरण यशोविजयोपाध्याय ४ १७८३ उत्तम ९॥४४॥ २५८८ नयोपदेश प्रकरण यशोविजयोपाध्याय ४ १७९५ उत्तम २५८९ सत्तरी भाष्य ९ १८२१ उत्तम ९||| ४|| २५९० संबोध सप्ततिका प्रकरण रत्नशेखर (जयशेखर) ५ १९मो उत्तम ९॥४४|| २५९१ चतुर्विशति जिन आयुष्य-५ गर्मित स्तवन देव २ १८मो उत्तम १०x४|| २५९२ सकलाईत् स्तोत्र सटीक त्रिपाठ हेमचन्द्राचार्य कनककुशल मू का, २६ ५ १७मो उत्तम ९॥४४॥ २५९३ श्रुतबोध २ १८मो मध्यम ९x४] २५९४ जीवविचार प्रकरण शांतिसूरि ३ १८मो सारी १०४४। २५९५ सुपार्श्वनाथ-शीतलनाथ पर्यंत आनंदघन ३ २०मो उत्तम ९॥४४ स्तवन २५९६ चतुर्विशति जिन स्तवनों मानविजय १२ १९मो ग. सारी ९x४| २५९७ गृहस्थधर्ममर्यादा सस्तबक ४ १९मो प्रा.गु. उत्तम १०x४|| २५९८ सिद्धांत विचार ६ १७मो गु. उत्तम ९॥४४॥ २५९९ मावाध्याय मासफल ४ १८मो सं. जीर्णप्राय ९x४| २६०० पंचानुष्ठान पचवीसी ४ १९मो गु. उत्तम ९॥४॥ २६०१ मृगावती सज्झाय शातिसागर ३ १७मो उत्तम सारी १०४४। १. लि. विद्यावर्धन २ प्रथम पत्र नथी ३ पीजागेली ४. राजनगरे शि. ५. लि. कृष्णनगर म. गणि जगसोम पि. ७. ति. मोहनविजयजी पारानपुरे ८. ति प्रेमचंद ९. पा १ थी ४ नधी. Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१३१] प्रति नंबर पुस्तकर्नु नाम कर्तार्नु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसंख्या संख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई ५ १८मो सं.प्रा.गु. सारी १०४४॥ प्रा.सं. •सं.गु. FFEE MITTE २६०२ योगविधि २६०३ आवकव्रतभंगप्रकरण त्रिपाठ सावचूरि २६०४ भक्तामरस्तोत्र सावचूरि सस्तबक' मानतुङ्गसूरि २६०५ ऋषभदेव नमस्कार मानविजयजी २६०६ जम्बूद्वीप सङ्ग्रहणी हरिभद्रसूरि २६०७ चतु-शरण प्रकरण' वीरभद्र २६०८ भावनावेली' जयसोम शिष्य २६०९ पवनविजय ग्रंथ २६१० नेमिनाथ स्तवन ऋषभ श्रावक २६११ शांतिनाथ स्तवन जस विजय २६१२ जीराउला पार्श्वजिन स्तवन लावण्य समय २६१३ जीवविचार प्रकरण सस्तबक शांतिसूरि २६१४ उपदेशमाला-शकुनावली १५ सप्तशतविंशतिजिन स्तवन गुणविजय सारस्वत व्याकरण टीका - प्रकृति भाव पर्यन्त १५१७ सुदर्शन श्रेष्ठि सज्झाय लालविजय २६१८ विहरमान जिनवीसी स्तवन विबुध विमल २६१९ विशति विशिका प्रकरण' हरिभद्रसूरि २६२० कर्मग्रंथ विचार २६२१ समकित सडसठ बोल सज्झाय यशोविजय २६२२ आर्द्रकुमार चोपाई न्यानसागर मू.गा. ४१ ९ १८मो वृत्त. ४४७ १७६५ १ १९मो २ १९मो ४ १७मो ७ १८मो ४ १८मो ३ १७६६ ३ १९मो गा. ३७ ३ १८मो गा. ५१ ९ १७५३ ७ १८मो ९ १७६३ उत्तम १०x४| १०x४|| मध्यम ९।४४|| सारी ९x४|| मध्यम १०४४) सारी ९॥४४॥ सारी ९||| ४|| मध्यम ९॥४४|| उत्तम ९||| ४|| उत्तम ९॥४४ मध्यम ९४४| उत्तम SI11 X 81 मध्यम ९४४ प्रा.गु. चन्द्रकीर्तिसूरि 4. ५०० ११ १७मो ३ १९मो ५ १७९९ १७९० ११ १७९५ १० १८२३ ४ २०मो ९ १८मो १७२७ उत्तम ९।४४ मध्यम ९॥४४|| मध्यम ९|| ४|| जीर्णप्राय ९||| ४|| मध्यम ९|| ४|| उत्तम ९॥४४॥ उत्तम ९x४) गा. ३०१ ग्र. ४५१ 4. ३ १८मो १० १७३५ २६२३ भाषामंजरी २६२४ चैत्यवदनादि भाष्यत्रय २६२५ स्नात्र पूजा २६२६ आलोचना चोपाई २६२७ शांतिजिन स्तवन देवेन्द्रसूरि देवचन्द्र लावण्यसमय उ. यशोविजयजी ९||1x1 मध्यम ९||1४४|| सारी ९x४|| मध्यम १०४४।। सारी ९x४|| ५ १६८१ १५६२ ३ १८२० गु. गु. लि. केशरविजय पाटण २. भीजायेली ३. लि. जेसलमेर ४. कनकरत्न ५ सघवी फतेचंद सुरसंघ लि. ६. लि. राजनगरे ७. छेल्लु पत्र पछीथी लखेलु ८. 1. पुण्य विजय ९. स्तभतीर्थे लि. १०. लि. गोपीपुरे सुरत Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम श्लोक सख्या २६२८ जिन प्रतिमा हुडी २६२९ सज्जनचित्तवल्लभ सस्तबक २६३० शत्रुंजयकल्प २६३१ स्तवनसङ्ग्रह' २६३२ पिंडविशुद्धि बीसी २६३३ प्रश्नोत्तररत्नमाला २६३४ भक्तामर पद्यानुवाद २६३५ सयमश्रेणिगर्भित वीरजिन स्तवन २६३६ स्थूलभद्र नव रसों २६३७ सकलार्हत् चैयलवंदन २६३८ चिहु गति वेली २६३९ नवाणु प्रकारी पूजा अपूर्ण २६४० घी सज्झाय २६४१ षड्दर्शनसमुच्चय' २६४२ ज्ञान पचीसी २६४३ नवकार बालावबोध २६४४ नवकार बालावबोध २६४५ वीस विहरमान जिनगीत २६४६ सीता स्वाध्याय २६४७ व्रतारोपण विधि २६४८ सामायिक बत्रीस दोष' स्वाध्याय २६४९ आत्मवेराग्य स्वाध्याय २६५० पद्मद्रह विचार २६५१ विजयपत स्तोत्र २६५२ कल्याणमदिरस्तोत्र" शंखेश्वर पार्श्वनाथ स्तवन जिनहर्ष मल्लिषेण यशोविजयोपाध्याय सहज विमल विमलसूरि देवविजय उत्तमविजय उदयरल हेमचन्द्राचार्य वीरविजयजी लाल विजय बनारसीदास लींगो जिनरंग कमल विजयशिष्य राजसमुद्र सिद्धसेन दिवाकर टीकाकार कडी. ६५ मू.का. २५ गा. १४० ३२५ क. ११ क. १३ क. ८ गा. १४ पत्र लेखन रचना सख्या सवत संवत भाषा ४ ३ ५. २ १ ६ ३ ४ २ ६ ७ ६ २ ९ १९ मो १८ मो 222° १८ मो १९ मो १७४० १८ मो १८मो १७३० १६४० १८ मो १८ मो ११ १७२९ ९ १७३१ १ १९ मो १० १८मो १९मो १७९९ १९मो २० मो १७मो १९ मो १९ मो १ १९ मो १ १९ मो १ १७मो १ ३ १७५८ १७७७ गु. स.गु. प्रा. गु. गु स. H 여여여여여여 여여여여여여여여여년 स.गु. हिन्दी प्रा.गु. स्थिति सारी उत्तम जीर्ण जीर्ण उत्तम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम उत्तम मध्यम मध्यम मध्यम सारी उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम उत्तम लम्बाईपहोळाई ९।। ४४ ।। ९। । x ४ ९|||४|| ९। ।। ४४ ।। ९४ ९ ||४|| ९।। ४४ ।। ९। ।× ४ ९ || × ४| ९। ।। ४४ ।। ९|| ४ || ९॥ ॥ ४४ ॥ १०x४ ॥ ९। ।। ४४ ।। ९४ ९||४|| ९ |||४|| ९॥४॥ ९४ ९ ।। ४४ । ९|| ४| ९111 X १० X ४ । १० X ४ | ९॥४४ (१३२) १ उदयविजय लि. २. लि लाभविमल ३ राजनगरे ४ रचना सुरत ५ शि. ऋषि लापाजी ६. महेतानगर ७. लि. जिनविजय ८. लि. सामतीर्थे ९. अयाची जेशंकर मुलजी लि. १० लि लाभविजय सूराचंद नगर Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१३३] श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या संख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानुं नाम टीकाकार ९ ९|1X४ २०मो ५ ६ २ १७५१ २०मो २०मो प्रा.सं. स. उत्तम मध्यम ९||| ४| ९||1X४ ९॥४४॥ २६५३ पचोतेर बोल सङ्ग्रह २६५४ शाश्वत जिन भवन स्तव' सावचूरि त्रिपाठ देवेन्द्रसूरि २६५५ सारस्वत व्याकरण व्यजनसधि २६५६ स्तवन सङ्ग्रह वर्धमान जिन स्तवन उत्तम विजय ऋषभदेव स्तवन जिन विजय । आदिनाथ स्तवन उत्तम विजय २६५७ विमलाचल तीर्थमाला स्तवन' अमृतविजय २६५८ सुदर्शन शेठ सज्झाय' लाल विजय २६५९ सुभाषित श्लोक सङ्ग्रह २६६० विजय देवसूरि स्वाध्याय रत्नहर्ष २६६१ उपदेश स्वाध्याय लक्ष्मीकल्लोल २६६२ सुगुरू कुगुरू षट्त्रिशिका सहजकीत्ति २६६३ गोष्ठी पार्श्वनाथ स्तवन' नेमिविजय २६६४ अढार पापस्थानक सज्झाय यशोविजयजी २६६५ गुणस्थाने चढवा पडवानो विचार २६६६ सरस्वती स्तोत्र संथारा पोरसी २६६७ देव-गुरु-साधारणद्रव्यकथा' २६६८ चित्रसेन-पद्यावती कथानक राजवल्लभ २६६९ ईलाचीकुमार चोपाई अपूर्ण ज्ञानसागर २६७० सूक्तावली २६७१ समकित सडसठ बोलविचार २६७२ शातिजिन जन्माभिषेक कलश २६७३ शंखेश्वर पार्श्वनाथ स्तवन विद्याचन्द्र ८ १८६० १८४० ३ १८मो १६७२ ७ १९मो १ १८मो १ १९मो १ १९मो ५ १९मो १८७७ ७ १८५२ मध्यम १०४४|| उत्तम ९||IX४ मध्यम १०11४४|| उत्तम ९||| ४| उत्तम ९॥४४॥ उत्तम ९॥X४|| ९||1X४] उत्तम १०४४। क. १६ -39 . प्रा.गु. १ १ १९मो १९मो मध्यम उत्तम ९॥४४| ९||| ४|| श्लोक गा. १४ १५२४ ग. ११ १८मो १२ १७८५ ७ १८मो २ २०मो ४ २०मो ३ १८०६ ४ १७मो सारी ९|||४४ १०४४। सारी ९||॥४४॥ उत्तम ९॥४४॥ मध्यम १०x४| मध्यम १०x४|| उत्तम. ९॥४४॥ गु. १. राजनगरे २. लि. खुशालचंद पाटण ३. लि. भानुविजय पाटण ४. लि. सुरत, भाणचंद लि. ५. लि. न्यायवर्धन ६. पत्र १-२ नथी, श्राद्धविधिगत. ७. पत्र १थी ५ नथी दीवबंदरे प्रमोदवि लि. Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १.. पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र १३४१ प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १ १८मो १ १९मो प्रा.सं. गु. जीर्ण १०४४| जीर्णप्राय ९१४४ क. ११ गु. क. १६ क ९ २६७४ संथारा पोरसी सावचूरि पञ्चपाठ २६७५ वेराग्य स्वाध्याय लब्धि २६७६ भगवतीसूत्र प्रथम शतक स्वाध्याय मानविजय २६७७ अनाथीऋषि स्वाध्याय समयसुदर २६७८ साधारण जिन स्तवन २६७९ नवतत्त्व प्रकरण २६८० किरातार्जुनीय काव्य त्रूटक भारवि २६८१ शखेश्वर पार्श्वनाथ छंद ज्वरछद २६८२ प्रमर गीता-नेमिनाथ गीता विनयविजय २६८३ संघस्वरूपकुलक सस्तबक २६८४ सकलार्हत्सतोत्र सस्तबक १ १९मो १ १७८१ १ १९मो ४ १८मो ५ १८मो २ १९मो २ १९मो ४ १९मो ६ १८मो FEAN उत्तम ९ x४। मध्यम 3111x8 मध्यम ९|||४४ जीर्ण १०४४। मध्यम ९॥४४॥ मध्यम ९॥४४॥ उत्तम ९x४|| उत्तम ९11४४ उत्तम ९॥xx| मूगा. २१ का. ३७ प्रा.गु. स.गु. शुभवर्धन शुभवर्धन प्रीतिविजय प्रा.गु जिनोदयसूरि केदारभट्ट ३३५ गा. ९०५ ८ १७३३ ८ १७१८ १३ १७३९ २५ १७३५ ७ १८१८ ४ १७३३ २६८५ गजसुकुमाल रास २६८६ गजसुकुमाल रास २६८७ ज्ञानक्रियासवाद बालाव०सह' २६८८ वच्छराज-हसराज चोपाई २६८९ वृत्तरलाकर २६९० समकित सडसठ बोल' २६९१ रोहिणी तप स्तवन २६९२ तिजयपहुत्तस्तोत्र २६९३ नववाडशील सज्झाय २६९४ अष्टग्रह मास फल ज्योतिप २६९५ नवकार बालावयोष' २६९६ ध्यान स्वरूप २६९७ नदी स्थविरावली २६९८ मोहराज सावन १७२० उत्तम ९|| ४|| उत्तम ९॥४४॥ उत्तम ९॥ ४ ९॥४४॥ उत्तम ९x४| उत्तम ९||४४ जीर्णप्राय ९॥४४|| उत्तम ९॥ ४॥ उत्तम ९x४/ उत्तम ९॥४४॥ उत्तम ९.४४ उत्तम ९॥४४ जीर्ण ९x४ सारी ९॥x मेरूविजय " १ १८मो ७ १८मो १७३५ १८मो २६५६ १८मो गा, ५० २ १७मो ३ १८मो or भावविता १६९६ मानविजय १ धनराज लि. २. लि सूर्यपुरे ३. लि मगठा, सुराइता ग्राभे ४ जगदेसलि ५. पुर्ण ५ लि पटपल्ली ७ लि. उसपरदगणि ८ पपम पर नथी. ९ सांधली. Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१३५] प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या संख्या सवत संवत संख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई ऋषभदास उदयरल न्यानसागर विनयविजयोपाध्याय गा. २८३ २ १८मो ७ १९मो ५ १८२७ ११ १७३१ ३ १८मो १ १८मो ८ १९०५ १७२५ गु. मध्यम ९.४४ उत्तम ९||४४|| ९|||४४|| मध्यम ९||४४॥ सारी १०x४ उत्तम ९x४| मध्यम ९x४| मानविजयजी गु. हेमचन्द्राचार्य ४ १९मो सं.गु. उत्तम ९11-४|| कवि लिंबो हेमचन्द्राचार्य २६९९ ऋषभ जिन विवाहलु' । २७०० भरत-बाहुबली अधिकार २७०१ नववाडशील सज्झाय' २७०२ नंदिषेण चोपाई २७०३ लघुप्रक्रिया अपूर्ण २७०४ व्यवहारा विचार २७०५ चोवीसजिन गीत स्तवन २७०६ वीतराग स्तव प्रकाश १-२ सस्तबक २७०७ समकितना सडसठ बोल' सङ्ग्रह सम्यक्त्व गाथा द्वय २७०८ संवेगरसचन्द्रावला' । २७०९ सकलाईत् चेत्यवंदन २७१० तिजयपहुत्त स्तोत्र २७११ ढोलामारू चोपाई ५ २७१२ विष्णु संबंधी चोपाई २७१३ पचपद नमस्कार स्वाध्याय २७१४ वयरस्वामि स्वाध्याय २७१५ षट्पंचाशिका ज्योतिष २७१६ षट्पंचाशिकां सस्तबक' २७१७ वरदत्त-गुणमंजरी कथा पद्य २७१८ श्राद्ध अतिचार २७१९ ढंढण मुनि स्वाध्याय २७२० चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय २७२१ योगविधि (नंदिकरण विधिआदि) २७२२ सामुद्रिक शास्त्र २७२३ नेमिनाथ धवल ६ १७३२ ८ १८मो २ १९मो १ १७मो ७ १९मो ३ १९मो १ १७३० १ १९मो १६ १८मो ८ १७२१ लब्धि विजय क. २१ मध्यम ९४४| ९|| ४|| मध्यम ९||| ४|| मध्यम १०॥४४॥ मध्यम ९||४४ जीर्णप्राय ९||४४1 गु. मध्यम ९।। ४ ४॥ मध्यम ९॥४४ सं. मध्यम ९||४४॥ स.गु. उत्तम ९॥४४॥ सं. उत्तम ९।।। ४४ मध्यम ९॥४४ उत्तम ९॥४४॥ प्रा. . मध्यम ९x४| वराह मिहीर (पृथुयशा) कनककुशल श्लो. ५६ पद्य. १५२ १६१५ क. १५ ६ १९मो १ १९मो ७ १८मो देवेन्द्रसूरि FFFFF ८६ ३ १७४४ ८ १८मो १५ १७मो उत्तम उत्तम उत्तम ९।४४ ९॥४४॥ १०x४|| ब्रह्म १. लि. लालविजय २. रचना खंभात ३. राजनगरे लि. ४. राजनगरे लि. ५. भीजायली अपूर्ण ६. भीजायेली ७. पत्तने ऋ. हेमराज लि. ८. ज्ञानपंचमीमाहात्म्ये Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामां रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र (१३६] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १ १८मो १०x४॥ क. १३ क ७ क. ५ जीर्ण जीर्ण जीर्ण ३ २ १८मो १९मो उत्तम उत्तम १०१४४|| १०४४|| २७२४ पार्श्वनाथ छंद जिनविजय वीस स्थानक स्तवन उदय स्थभन पार्श्व स्तवन २७२५ नवकार अर्थ २७२६ स्तवन सङ्ग्रह पार्श्वनाथ स्तवन उदयरल सिद्धचक्र स्तवन लक्ष्मीसागर पार्श्वनाथ स्तवन मोहन विजय धर्मनाथ स्तवन मोहन विजय पार्श्वनाथ स्तवन उदयरल २७२७ साधुप्रतिक्रमण सूत्र २७२८ शत्रुजय रास नयसुदर २७२९ गुरूगुणविशिका वज्रसेन शिष्य २७३० अर्बुदाचल स्तवन रूपचन्द २७३१ गणधरवाद आदि सावन सङ्ग्रह सकलचन्द २७३२ अतीत चोवीश जिन स्तवन पदरमा जिन पर्यंत देवचन्द्र २७३३ नवतत्त्वप्रकरण बालाव०सह' नवतत्त्वप्रकरण वालाव०सह २७३४ सज्झाय स्तवनादि २७३५ मायावीजकल्प २७३६ बृहत्कल्पसूत्र सस्तवक अपूर्ण २७३७ चोवीस जिन स्तवन आदि रामविजयजी २७३८ वयरस्वामि स्वाध्याय जिनहर्ष मेधकुमार स्वाध्याय जिनहर्ष २७३९ गहुली राजविमल २७४० त्रण चोवीसी शाश्वताजिन चंदन २७४१ मनोरथमाला सेवक CAME Raat ३ १९मो ६ १७६२ मध्यम १०1४४|| मध्यम १०४४|| मध्यम १०x४|| मध्यम १०॥४४॥ मध्यम १०x४॥ २ ११ १९मो १९मो EFFEEEEEEEEEEEEEEEEEE ७ १९मो १४ १८मो २-४ १८मो २ १९मो ९ २०मो २७ १९मो ८ १८१९ १-३ १९मो ३-४ १ १९२४ ३ १९मो १ १९मो सं. प्रा.गु उत्तम १०४४॥ उत्तम १०.४५ उत्तम सारी १०x४|| उत्तम १०.४५ मध्यम १०11४४॥ उत्तम १०१४४|| मध्यम १०१XI क, ८९ १७५० क ७ उत्तम उत्तम उत्तम १०१४४|| १०1४४॥ १०४४॥ क. १५ गु. १ पा १-२ नथी. २. यूटक ३. प्रथम पा नथी. ४. लि. पालापुरे Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१३७] प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई क. २१ FFFF क. ३३ १७४१ गु. गु. १ १९मो १ १९मो १ १९मो २ २०मो १० १९मो ७ १८७७ ६ १९मो ४ १७मो १ १७८७ ६ १७९९ ३ १८मो २१ १७१९ २ १८मो प्रा.गु मध्यम १०1४४|| मध्यम १०1४४|| जीर्णप्राय १०१४४|| उत्तम १०.४४|| उत्तम १०|| ४|| उत्तम उत्तम १०॥४४|| जीर्ण १०॥४४॥ मध्यम १०॥४४॥ सारी १०1४४|| सारी १०४४|| मध्यम १०.४४|| उत्तम १०१४४|| १६९६ 전년 8년 २७४२ रात्रिभोजन स्वाध्याय विनय (सुदर) २७४३ मोहनीयनां स्थानक २७४४ दश नियम स्थानक' २७४५ दश पचक्खाण स्तवन गणिरामचन्द २७४६ श्रीपाल रास जिनहर्ष २७४७ एकवीस प्रकारी पूजा' सकलचन्दजी २७४८ गौतम कुलक सस्तबक २७४९ शब्द रूपावली २७५० मंगल मालिका २७५१ पृथ्वीचन्द्र कुमार रास देवचन्द्र २७५२ पाक्षिक अतिचार २७५३ ताजीक सार हरिभट्ट २७५४ सिद्धि दडिका प्रकरण देवेन्द्रसूरि २७५५ चतुर्विंशति जिन स्तवन सस्तबक आनंदघन २७५६ आषाढाभूति रास न्यान सागर २७५७ अतिचार' २७५८ रलाकर पचविशतिका सस्तबक (साधारण जिन स्तवन) रत्नाकरसूरि २७५९ मौनएकादशी क्या सौभाग्यनदि सूरि २७६० मुनिसुव्रत जिन आदि स्तवन सङ्ग्रह विबुध विमल २७६१ सिद्धाचल स्तवन आदि २७६२ वीरनिर्वाण स्तवन" देवचन्द्र खरतर २७६३ चोवीश अतिशय स्तवन लाभमुनि २७६४ ढुंढक पचीसी जिनेन्द्र २७६५ झांझरीया मुनि सज्झाय विशाल सोम शिष्य ज्ञान विमलस्तवन. २२ पर्यन्त ३५१ २२ १९मो ८ १७९९ १७२४ ३ १८मो गु गु मध्यम १०1४४|| उत्तम १०४४|| उत्तम १०१४४|| ३ ४ १८मो १७५३ १५७६ सगु. स. मध्यम १०1४४|| मध्यम १०1४४|| ३ १९मो १८२५ १ १९मो २ १९मो २ १६९७ मध्यम १०x४|| मध्यम उत्तम १०x४|| सारी १०४४|| सारी १०४४॥ सारी १०४४|| क. ५१ गु १. भानुसूर लि २. लि राधनपुरे ३ लि. खुशालविजय ४ सावलीनगरे. ५, प्रथम पत्र नथी लि अणहिल्लपुरपत्तने ६. पिंडविशुद्धिविषय रचना चक्रापुरी ग्रामे ७.क्र केसवजी लि, ८. लि मोठ गणेशपुत्र त्रत्रक पत्तन ग्रामे ९ पत्रो जुदा जुदा छे. १० भूपतविजय लि. रची-भावनगरे Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सचिपत्र १३८] प्रति नंबर पुस्तकर्नु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई धर्महस क. ३६ सोमसुदर शिष्य सकलचन्दजी श्रीसार ३ १८मो ८ १८९७ ३ १७७५ ३ १८मो ४ २०मो २ १९मो 년년년 सारी १०४४|| मध्यम १०४४|| मध्यम १०x४|| उत्तम १०x४|| मध्यम १०x४॥ मध्यम १०४४|| प्रा.गु. उत्तम उत्तम १०x४|| १०४४|| उदय मानविजय गुणविजय वृद्धिविजय लावण्य समय क ११ क. १७ क १४ ३९ १९मो १ १९मो १-२ २j १९ १७७१ गा. ५१२१८मो १६६० मध्यम १०४४|| उत्तम १०x४|| २७६६ नववाड सज्झाय २७६७ वंदनक प्रतिक्रमण सूत्राणि २७६८ नेमिनाथ समयसरण स्तवन २७६९ सत्तरभेद पूजा विधि २७७० जीव उत्पत्ति सज्झाय २७७१ ओगणत्रीसी भावना २७७२ षड्वश्यक सूत्राणि बालावबोधसह २७७३ स्वाध्याय धर्मानुसारी गुण स्वाध्याय विभलाचल स्तवन २७७४ चित्रसेन पद्मावती कथा २७७५ खीमरूषि रास २७७६ पाचकारणगर्भित वीरजिन स्तवन २७७७ सार शिखामण स्वाध्याय पचमहावत स्वाध्याय मधुबिदु स्वाध्याय नवकार स्वाध्याय २७७८ श्राद्धप्रतिक्रमण' २७७९ श्राद्ध अतिवार २७८० षडावश्यक सूत्राणि २७८१ पोडशकप्रकरण विवरण सह त्रिपाठ २७८२ ज्ञानसागर प्रकरण २७८३ जम्बूस्वामी चरित्र अपूर्ण २७८४ श्रीचन्द्रकेवलीरास -' आनंदमंदिर त्रूटक विनयविजयजी HEA उत्तम मध्यम १०1४४॥ १०x४) प. विजयविमल चरणप्रमोद विमलमुनि ४ २०मो १. १९मो १-२ २-३ जु १५ १९मो १२ १९मो १४ १७८६ क. १६ क.८ क ५ क. १२ प्रा.सं. मध्यम १०x४|| गु. जीर्णप्राय १०१-४|| प्रा.से.गु. मध्यम १०१४४|| यशोभद्रसूरि हरिभद्रसर उ. यशोविजयजी ३९ १८२५ ११ १८मो २२ १९मो उत्तम मध्यम मध्यम १०x४॥ १०x४॥ १०x४|| शानविमलसूरि १५९ १७७४ १७४९ गु. मध्यम १०४४|| १. राजनगरे २. विसलनगरे लि. पत्र १४९ नथी ३. लि. फतेपुर, गणि चतुरविजग लि. नरसमुह पतने लि. ४ लि. उत्तमविजय Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१३९] प्रति नवर पुस्तक नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसंख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई २ १९मो गु. मध्यम १०४४|| ८ १९मो ग. मध्यम १०१४४|| मू.गा. ७० उत्तम १०1४४|| २७८५ पार्श्वनाथ स्तवन सस्तवक उ. यशोविजयजी २७८६ उपधान माला रोपणादि विधि २७८७ पर्यताराधना प्रकरण सावचूरि त्रिपाठ सोमसूरि महावीरस्तुति त्रिपाठ २७८८ श्राद्ध अतिचार २७८९ श्रावकवतमग प्रकरण' मावचूरि पञ्चपाठ २७९० आरभसिद्धि २७९१ योगदृष्टि स्वाध्याय सस्तबक उ. यशोविजयजी ज्ञानविमलसूरि १-७ १९मो ७-८ १९मो १२ १९मो प्रा.सं प्रा.स. गु उत्तम १०॥४४ प्रा.सं. उत्तम उत्तम उत्तम १०x४॥ १०॥४४॥ १०४४|| मू.गा. ४१ ३ १६७८ १५ १७मो ८५० ३२ १९मो मू.गा. ८४ . १९ १९मो गा. १०२ १ थी १२१७मो गा. १०४ १२ थी २३ गा. ५७ १३ थी २९ उत्तम जीर्ण १०४४|| १०॥४४ गु. प्रा.गु. प्रा.गु प्रा.गु. ७५ २७९२ योगदृष्टि स्वाध्याय सस्तबक उ. यशोविजयजी ज्ञानविमलसूरि २७९३ इन्द्रियपराजय शतक सस्तबक पेराग्यशतक सस्तवक चेराग्यशतक सस्तवक २७९४ पन्यास मुक्तिविमलजी. जीवन चरित्र पद्य रसिक (श्रावक) ९५ अजितशाति स्तव सावचूरि नदिपेण २६ वीसस्थानक तपविधि २७९७ सिद्धपचाशिका सावरि पञ्चपाठ देवेन्द्रसूरि वीर जन स्तुति सावचूरि पञ्चपाठ २७९८ मेघनाद कथा गद्य (सुपात्रदाने) २७९९ उपधान विधि-अष्टोत्तरी" स्नानविधि २८०० पद्मावती स्तुतिमत्र गर्भित स्तोत्र जयविजयजी २८०१ मुहुर्त मुक्तावली सस्तबक ५ ११ ३ १९९२ १९४० १९मो गु. प्रा.सं. गु. उत्तम १०४४।। उत्तम १०1४४|| जीर्णप्राय १०x४॥ १६७८ मू.गा. ५० मू.का. ४ प्रा.स. उत्तम १०४४। ५ ५मुं ९ १६७५ स. मध्यम १०x४|| २२ १८मो ३ १९मो ६ १९मो प्रा.सं.गु. सं. सं.गु जीर्ण उत्तम मध्यम १०1४४|| १०४४|| १०४४। मू का. ५० .१. प.हेमविजय लि २ कालुपुरे पं आणंदविजय लि. ३. पं मानविजय लि, ४, रचना-खंभातबदरे ५ लेखक भोजक केसरीचंद पुनमचंद पाटण ६. पं. राजविमल लि. देतीपाटक ७. पर ९ मुं उबल ८. पतननगरे पं. दोलतचंद लि. Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र १४०१ प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई प्रागु गा. ३० क २२ क. ७ ६ १ १९मो १९मो उत्तम १०1४४|| मध्यम १०x४|| गु. १७४१ ४ १८३४ ८ १९मो ३ १९मो २ २०मो ७ १६५५ २ १९मो ४ १७मो ११ १८मो सारी सारी सारी उत्तम मध्यम मध्यम मध्यम सारी १०1४४|| १०४४|| ९x४|| १०४४॥ १०x४॥ १०x४|| प्राकृत प्रा. १०x४॥ २८०२ भावप्रकरण सस्तबक विजयविमल २८०३ सुभद्रासती सज्झाय सेवक सिधो जीवकाया सज्झाय राजसमुद्र २८०४ जम्बूस्वामि ढाल नयविमल २८०५ जिनपूजाविधि स्तवन नयविमल २८०६ स्तवन-सज्झायादि २८०७ पाचवधामणा स्तवन २८०८ पाक्षिकसूत्र' २८०९ पचपरमेष्ठि सज्झाय देवविजय २८१० पर्यन्ताराधना प्रकरण' सोमसूरि २८११ शातसुधारस अपूर्ण उ. विनयविजयजी २८१२ अभक्ष्य-अनतकायनामानि सटिप्पन पञ्चपाठ । २८१३ अजितशांति स्तवन नदिषेण २८१४ पाक्षिकसूत्र २८१५ श्रावकक्रियाविधि प्रतिक्रमण विधि २८१६ पाशाकेवली गर्गमुनि २८१७ जिननमस्कार स्तुति २८१८ नववाड सज्झाय उदयरत्न २८१९ सिद्धाचल नवाणु यात्रापूजा पद्यविजय २८२० नदिसूत्र २८२१ सोलसती सज्झाय" उदयरल २८२२ सुमतिनाथ स्तुति आदि २८२३ समेतशिखर स्तवन ज्ञानविमल २८२४ असज्झाय विचार २८२५ सप्तनय विचार गद्य प्रा.सं. प्रा. REEEEEEEEEEEEEEEEEEEE गा. ४० उत्तम १०x४॥ १०४४ मध्यम १०.४४ १०४४|| क ८ २ १८मो ४ १७मो ८ १७मो २ १८मो १ १९मो ८ १७७९ १ १९मो ४ १९मो १७६३ ५ १८८५ १८५१ २ १८९२ २ १९१९ १ १९मो १ १९मो १ १९मो ४ १९मो. 너녀 걸년 일년 년의 년 역 सारी मध्यम १०x४॥ सारी १०४४॥ १०४४|| १०x४॥ सारी १०४४॥ ____१०1४४|| सारी १०x४॥ सारी १०४४ सारी १०x४|| मध्यम १०1४४| सारी १० गु. १. रचना-समी सेहर २, जावरलगरे लि. ३. लि. हर्णकुशल ४. जेसलमेर ५ लिए उत्तमविजग ६.लि, कुंवरविजय, रवा - रमायत ७ रिमोपा-झोटाणा ग्राभे ८. लि. जीवणदास Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१४१] प्रति नवर पुस्तक नाम कानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या संख्या संवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई आलु नयविजय नरचन्द्रसूरि ५ १९मो ४ १९मो ५ १९मो १२ १५१४ ५ १८मो सारी १०x४|| उत्तम १०x४|| सारी १०४४|| जीर्ण १०x४॥ जीर्ण १०x४|| सं. प्रा.सं. जीर्ण उत्तम १०१४४| १०x४| केदारभट्ट २८२६ सिद्धचक्रस्तव आदि २८२७ बार भावना २८२८ जिनपूजा विधि रास २८२९ नारचन्द्र जैन ज्योतिष २८३० नंदीस्तोत्र आदि सद्ग्रह २८३१ पंचपरमेष्ठि नमस्कार नवपद विचार २८३२ वृत्त रत्नाकर २८३३ परचुरण पत्रो जुदा जुदा २८३४ शनीसरनो छंद २८३५ श्रावकातिचार २८३६ रामचरित गद्य अपूर्ण २८३७ दान-शील-तप-' भावना सङ्ग्रह २८३८ रनकोश (वस्तुविज्ञान) २८३९ गुरुसज्झाय-रास प्रा.गु. सं. प्रा.सं.गु. १ १८मो ८ १७३० ७ १९मो २ १८६५ ३ १७मो ४ १८मो मध्यम ९x४|| मध्यम १०x४ सारी १०x४|| समयसुदरजी गु. सारी सारी सारी १०x४।। १०४४॥ १०x४|| उ. यशोविजयजी उ. यशोविजयजी जिनहर्ष जिनहर्ष दयाकुशल हेमचन्द्राचार्य २८४० विकरमान जिन विसी २८४१ ययरस्वामि चउढालीया २८४२ पंचमी सावन २८४३ सकलाईत् चेत्यचंदन २८४४ पडावश्यकसूत्राणि २८४५ हितोपदेश सज्झाय २८४६ स्तवन सज्ज्ञाय आदि" २८४७ प्रवज्याविधि-दीक्षाविधि २८४८ नेमिनाथ समवसरणविचार सावन ३ १८मो ४ १८मो २थी३ १८मो ३थी१० ५ १८मो ५ १९मो २ १९मो २ १९मो ११ १८मो ३ १७५८ ५ १८मो २ १९मो सारी मध्यम सारी मध्यम मध्यम सारी १०x४॥ १०४४|| १०x४||| १०४४ १०॥४४॥ १०x४|| सं. प्रा.सं. गु सिद्धिहर्ष प्रा.सं. उत्तम १०४ ४॥ सोमसुंदरसूरि शिष्य ३ १९मो गु. मध्यम १०x४|| १. पगम पर नमी. २ पर भी ३ तथा १० मुनधी, लि नंदिशीलगणि ३. रोपातनगरे लि. ४. अपूर्ण ५, अपूर्ण ६ पथम पत्र नथी. ७. अपूर्ण ८. पार तथा ७ मुनधी, ९ धीरविजय ति. भादसोडा ग्रामे १० पो जुदा जुदा के मुं नमी. Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनु सूचिपत्र १४२१ प्रति नबर पुस्तकनु नाम | कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई गु. ६ १८मो १७१७ १ १९मो १ १९मो २ १८मो २ १७२४ १ १९मो १३ १७मो ३ थी १५१७मो ८ १८५५ ११ १८मो ५ १९मो ११ १९मो उत्तम १०x४|| मध्यम १०x४॥ उत्तम १०४४|| उत्तम १०१४४ जीर्ण, ९x४॥ उत्तम १०1४४ उत्तम १०1४४ १०१४४|| १०1४४) उत्तम १०x४॥ उत्तम १०1४४ मध्यम १०४४|| ज्ञानविमलजी २८४९ सप्तशतविशतिजिन स्तोत्र जयसोम २८५० अमृतध्वनि २८५१ पोषधविधि २८५२ पादादौ गण शुभाशुभफल काव्य २८५३ बृहत् शाति स्तव २८५४ मुक्ताफलमान स्वाध्याय गुणविजय २८५५ शुकराज कथा अपूर्ण २८५६ कथा सङ्ग्रह २८५७ नवपद पूजा २८५८ शिवजी रास धर्मसिह २८५९ सारस्वत व्याकरण धातुपाठ २८६० स्तवन सङ्ग्रह ज्ञानविमलजी (१) चतुर्विंशतिजिन नामार्थ स्तवन (२) आदिनाथ जिन नवीनबिब प्रतिष्ठा स्तवन सुखसागर (३) योगविसी गत भावना गर्भित वीरजिन स्तवन ज्ञानविमलजी (४) शाति जिन स्तवन शानविमलजी (५) वर्धमान जिन स्तवन शानविमलजी (६) शांतिजिन स्तवन ज्ञानविमलजी (७) पंचमी स्तव ज्ञानविमलजी (८) सीमधर स्वामि स्तवन ज्ञानविमलजी (९) नेमनाथ बारमास ज्ञानविमलजी (१०) सिद्धचक्र स्तवन शानविमलजी २८६१ विहरमान जिन चीसी विबुध विमल २८६२ मौनएकादशी कथा सौभाग्य नंदि २८६३ पार्श्वनाथ गीता उदयविजय २८६४ तिजयपहुत्तस्तोत्र सस्तबक 4taaEENAAAAAA ५ १७९१ १७९० ४ १८मो २ १८मो ३ १९मो १०४४|| मध्यम १०1४४ उत्तम १०४४|| मध्यम ९ x४| गु प्रा.गु. १ पथापुरे लि. अमिविमलजी २. लि. लावण्यलक्ष्मी ३. पा ७शी ९ नथी. ४. प्रथम पर नथी, लि. पंड्या गाजाराम, पत्तने ५ पथम पर नथी Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१४३] प्रति नंबर पुस्तक नाम कार्नु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या संख्या संवत संवत लम्बाईभाषा स्थिति पहोळाई क. १८ १ १९मो गु. मध्यम १०x४॥ ग. गु. ४थीर १९मो २ गु. ४ १८मो ३ १८मो गा. ५१ ३ १७मो ५२ १८मो ८ १७मो ३ १८मो १११ थी १३०१७मो प्रा. सं. प्रा.सं.गु सं. सं. सारी १०४४॥ मध्यम १०x४|| मध्यम १०1४४। जीर्णप्राय १०४४) उत्तम १०॥४४ जीर्ण १०x४१ जीर्ण १०॥४४॥ उत्तम १०१४४} मध्यम १०1४४॥ २८६५ मेपकुमार भाम २८६६ चतुर्विशति जिन सावनो (चोवीसी) माणिक्य विजय २८६७ पार्श्वनाथ लावणी रूप विजय २८६८ अंतरदशा फल २८६९ योग विधि २८७० जीवविचार प्रकरण शांतिसूरि २८७१ नाममाला चूटक २८७२ उपधानविधि-श्राद्धप्रतिमाविधि २८७३ तर्कपापापकाशिका टीका' बलभद्र २८७४ शगुंजयमाहात्म्य' । धनेश्वर सूरि २८७५ स्थानांगसूत्र सायचूरि' पञ्चपाठ २८७६ नेपयका सटीक त्रिपाठ हर्षकवि २८७७ शनेशर कथा २८७८ रलरोखर नप कथा २८७९ सिद्धडेमशब्दानुशासन आएमोऽध्याय (प्राकृत व्याकरण) सुछिका टीका सह हेमचन्द्राचार्य २८८० कायस्थितिस्तोत्र बालावबोध २८८१ पाक्षिकक्षामणक २८८२ पाक्षिकतिक्रमणविधि सुमति जिन स्तवन २८८३ नवरात्व विचार २८८४ भक्तामर स्तोत्र मानतुसूरि २८८५ गौतम फेवली शकुनावली २८८६ कल्पानार्थचना रामचन्द्र १७ १८मो २८ १८मो ४ २०मो ५ १७मो प्रा.सं. सं. सं. प्रा.सं. मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम १०॥४४॥ १०.४४ १०x४। १०१४४/ दु. सौभाग्यसार १५९१ । सं. ३९ १६४४ ६ १८मो १ १८मो १ १९मो जीर्ण १०॥४४॥ जीर्णप्राय १०॥४४॥ मध्यम १०x४ मध्यम १०१४४) ९ १८मो का. ४४ ४ १९मो १ १७मो ३ १८मो उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम १०1४४|| १०1४1 १०॥४४॥ १०४४॥ - १पर १ थी २१, ४ मी ८ नमी, ७. पर थी तथा ५ मुंपन नशी. २. गपूर्ण २. इटक, अपूर्ण नथी. ८. लि. पाल्तणारे ४. घटक, अपूर्ण ५ टक, अपूर्ण ६. पा १-२-४ थी ९, २५ - २६, २८ थी ३०, २६ Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोनं सचिपत्र १४४ प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १६थी७११७मो ५ १७मो सं सं. जीर्ण उत्तम १०॥४४॥ १०1४४) १२ १८मो प्रा.गु सारी १०x४॥ प्रा.गु ५१थी१६७१८मो २८ १८मो ४१ १६५८ १ १७मो ९ १७मो मध्यम १०४४। जीर्ण १०.४४ जीर्ण १०x४ उत्तम १०1४४ मध्यम १०४४ गा. १६ स. सं.गु सारणी २८८७ कथा सङ्ग्रह त्रूटक' २८८८ नयचक्र देवसेन पडित २८८९ जीवविचार प्रकरण अपूर्ण सबालावबोध शातिसूरि २८९० उपदेशमाला प्रकरण बालावबोधसह २८९१ सारस्वत व्याकरण २८९२ सारस्वत प्रक्रिया अनुभूति स्वरूपाचार्य २८९३ पोषधफल कुलक जिन कीत्ति २८९४ अभिधानचितामणि अपूर्ण हेमचन्द्राचार्य २८९५ सप्तनय गर्मित महावीर स्तोत्र सस्तबक विनयविजय २८९६ जम्बूद्वीप सड्ग्रहणी हरिभद्र सूरि २८९७ पापबुद्धि-धर्मबुद्धि कथा २८९८ उपदेश सप्ततिका श्रीसार क्रियारूप करम आववानुं कारण विचार दादा पार्श्वनाथ स्तवन यशाविजयजी जिन राज स्तवन गीत शानविमलजी शातिनाथ स्तवन जिनराज सूरि २८९९ आदिनाथ स्तवन अमृत विजय २९०० समता स्वाध्याय कपि (विजय) २९०१ रोहिणी अशोकचन्द्रनृप कथा कनककुशल २९०२ सिदूरप्रकर सोमप्रभाचार्य २९०३ तीर्थकर लक्षण विचार २९०४ नयविचार सस्तबक २९०५ संबोधसप्ततिका प्रकरण रलशेखर (जयशेखर) २९०६ कायस्थितिस्तव ३ १९मो २ १८मो २० १७मो १८मो उत्तम १०४४) मध्यम १०४४। उत्तम १०१४४! उत्तम १०४४॥ फ. १६ १ १८०२ १ १९मो १३ १६९९ १६७७ ७ १७मो १ १९मो २ १८मो ७ १७८८ १ १७मो मध्यम १०४४। मध्यम ९॥४४) उत्तम १०x४। जीर्ण १०४४। मध्यम १०४४ उत्तम १०x४॥ उत्तम १०४४|| उत्तम १०x४॥ प्रा.गु. प्रा प्रा. १ पत्र २९-३० नथी २ पा ९७ थी ९९ नथी, जूटक ३. अपूर्ण, पर २२ तथा २५९ नथी. ४ मुनि देवसागर लि.५ महासाणनगर, लि लावण्यचारित Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (प्रति नयर पुस्तकनुं नाम २९०७ जम्बूस्वामिवाध्याय कवाडीया दृष्टांत स्वाध्याय २९०८ कागस्थितिस्तव सावचूरि पञ्चपाठ २९०९ किरातार्जुनीय काव्य वृत्तिसह पञ्चपाठ १९१० तर्कभाषादीका अपूर्ण २९११ जम्बूद्वीपसद्ग्रहणी २९१२ बार भावना २९१३ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन हरिभद्रसूरि विरावली नदिसूर मंगलगाथा देववाचक २९२३ तपावली २९२४ महावीरस्वाणि पारणु कर्तानुं नाम केशर कुशल २९२५ अध्ययन' २९२६ अनुत्तरोपपातिकदशांगज कुलमंडनसूरि वृत्ति व्याख्या २९२७ देवदिन्न कथा २९२८ रलसारकुमार चरित्र २९२९ अनिलभावनोपरि कथा भारवि २९१४ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन २९१५ शीलवती कथा २९१६ शांत सुधारस २९१७ ज्ञाताकांगसून सज्झाय २९१८ हीरप्रश्न प्रश्नोत्तरसमुचय २९१९ लक्ष्मीना २९२० शत्रुपासावली २९२१ साधुवंदना २९२२ मा स्थापना सज्ज्ञाय जशविजयजी आलू नेमविजय प्रीति विमल उ विजयविजयजी लाभविजय मालपुनि टीकाकार श्लोक संख्या क. ५४ पत्र लेखन रचना संख्या संवत समत २ १९ मो ३ २८ ३ ३ om ९ ३ १२ mov 22 ३ १० १९ १७०१ २१ १७२४ ९ ९ ग्रं. १३५ ७ or wr २ १७मो ६ १८ मो १८ मो ३० १९मो १८६१ १८०७ १९ मो १७मो १८मो १७२३ १ १७ १८७८ १८मो १ १८७९ १० १८मो १८ मो १८ मो १८मो १९मो १७२७ १९ मो भाषा गु. 3. प्रा.सं. सं. शु प्रा. प्रा. 耳 शु शु सं. H स. सं. सं. स. स. गु 1 H स. गु सं. H स्थिति उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम उत्तम लम्बाई: पहोळाई उत्तम मध्यम उत्तम मध्यम १०४४।। १०१ x ४ | १०x४/ १०४४। ९ ।। × ४ उत्तम मध्यम जीर्णप्राय ९॥४४॥ उत्तम ९।४। उत्तम ९।४।। उत्तम ९। ।। ४४ । उत्तम Bill XXI उत्तम ९x४ उत्तम ९।। ४४ । उत्तम ९॥४४॥ उत्तम ९।४। ९॥४४॥ ९॥४४॥ ९॥४४॥ ९ ।। ४४ । ९।। ४४ ९ x ४ ९x४ SIX ४ ९॥ X ४ १. शिदपुरे शि. २. अपूर्ण ३. पर१४ नथी ४, ८ नथी, जयविजय लि. ५. लि. दानविजय ६. पत्र १-२ नथी ७. मेहसाणापुरे लि. कृपासौभाग्य लि. B-10 [१४५] Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानमंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [१४६] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई गु उत्तम २ १९भो २ २०मो ७ १७मो ४ १७५४ ३ १८मो 열녀에 सारी सारी उत्तम ९॥४४॥ ९॥४४) ९॥४४॥ ९||४४ ९॥४४॥ 년년 २९३० व्यवहार राशी स्वरूप वर्णन २९३१ नवकार अर्थ २९३२ द्वादश भावना सज्झाय सकलचन्द्र २९३३ पार्श्वनाथनी राजगीता उदयविजयवाचक २९३४ साधुप्रतिक्रमणसूत्र २९३५ जयतिहुयण स्तोत्र त्रिपाठ सबाला वबोध अपूर्ण अभयदेवसूरि २९३६ तीर्थमाला न्यायसागरजी २९३७ भलानो अर्थ कफडानो अर्थ' २९३८ तपावली २९३९ गमागम पृच्छा २९४० गिरनारकल्प सस्तबक भारती २९४१ चतुर्गति वेली २९४२ गजसुकुमाल चउडालीयां २९४३ तिजयपहुत्त स्तोत्र २९४४ हितशिक्षा स्वाध्याय रिद्ध २९४५ अभव्य कुलक २९४६ चन्द्रलेखा चोपाई मतिकुशल २९४७ लीलावती विक्रमादित्य रास अभयसोम २९४८ चतुर्मास व्याख्यान २९४९ चोत्रीस अतिशय गाथा ससाबक २९५० नयगर्भित वीरस्तवन विनयविजयजी सामायिक गीत यशोविजयजी २९५१ ईलाचीपुत्र रास २९५२ संबोधसप्ततिका प्रकरण' रलशेखर (जयशेखर) २९५३ साधु अतिचार पाक्षिक क्षामण २९५४ लघुशातिस्तव मानदेवसूरि २९५५ पार्श्वनाथ लावणी रूप विजय ६ १७मो ५ १९मो १८०१ १८८८ ३ १८मो ४ १८मो ३ १८मो १० १९मो ५ १९मो गा १४ १ १९मो क. १६१ १८२६ गा. ९ १ १९मो क. २८ २२ १७६२ गा. ६२४ ११ १८मो अपनश सारी ९||॥४४॥ गु. उत्तम ९॥४४॥ ९||४४ उत्तम ९॥४४॥ सं. उत्तम ९|| ४| सं.गु. उत्तम ९॥४४|| गु. ९||॥४४॥ गु उत्तम ९॥४४॥ प्राकृत जीर्णप्राय ९४ उत्तम ९॥४४॥ प्रा मध्यम ९॥ ४॥ उत्तम ९॥४४॥ गु उत्तम ९॥ ४॥ उत्तम ९11४४ पा.गु. उत्तम ९x४॥ सं. उत्तम ९४४ १७२१ १७२४ १९ १८०९ गु १० ६ २ १ २ १९मो १९मो १७०८ १८मो १८६३ प्रा.गु. मध्यम ९x४1 मध्यम ९x४| जीर्ण ९॥४४ मध्यम ९॥४४॥ मध्यम ९ ॥ ४ सं. गु. - १. लि. जीवनचंद पत्तने २. लि. पालनपुरे ३. रतभती लि. ४. सुरत शि. शीलमुनि ५ लि. श्री विजय ६. अपूर्ण ७. प्रथम पत्र नथी. Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नंबर पुस्तकनु नाम २९५६ जिनवदन स्तवन चोवीस जिन स्तवन २९५७ प्रव्रज्याविधि दीक्षाविधि २९५८ पाक्षिक प्रतिक्रमण छींक विचार २९५९ सत्तरभेदपूजा २९६० छ कायनुं स्वरूप २९६१ अडसठ तीर्थमाला माणिक्यमुनि २९६२ जिनचन्द्र सूरि निर्वाण रास' समयप्रमोद हर्मकीति २९६३ कर्म हिंडोलणा २९६४ स्थविरावली (नदीगत) सबालावबोध २९६५ विजयपहुत स्तोत्र २९६६ सज्झाय दोष निवारण सज्झाय १९६७ यशोधर चरित्र गद्य २९६८ सथारा पोरिसी २९६९ मंगलीक कर्तानुं नाम कीत्ति बिमल सुल विजय २९७० साधु अतिचार २९७१ कल्याणमदिरस्तोत्र सस्तबक २९७२ दशविध यतिधर्म सज्झाय २९७३ मत्स्योदर रास २९७४ भक्तामरस्तोत्र वालावबोध २९७५ पृथ्वीचन्द्र गुणसागर रास २९७६ सारस्वत व्याकरण' देववाचक सिद्धसेन दिवाकर ज्ञानविमल सूरि पूर्णिमा जयराज टीकाकार हस्तिरूचि वीरभद्रगणि विनीतविजय श्लोक सख्या क. ९ क. १६ क. १५ गा. १५१ क १५८ बालावबोध सह २९७७ झाझरीया मुनिरास २९७८ आतुरप्रत्याख्यान प्रकीर्णक २९७९ चोवीस दडक विचार गर्भित वीरजिन स्तवन क. ७९ १. प्रथम पत्र नथी. २. लि. भानुसुदर सुरत ३ अपूर्ण ४ लि. पाटणनगरे ५. लि कर्मरत्न आंतरी. ग्रं. २५५ संवत पत्र लेखन रचना संख्या संवत १ १९मो १ १ ४ २ २ ३ १ २ nor or r s w १२ w 9 m ७ १८ मो १९मो ७ १७९३ १९मो १९ मो १७३१ १९मो १९ मो १७मो १७मो १९मो १८ मो १७मो ७ १२ १९ मो ७ १७मो १९ मो १९मो १८०९ १७९८ १७४१ १५५३ १६४२ १७१७ - १८मो १७३२ भाषा गु. गु. गु पु. गु गु. पु. प्रा.गु. प्रा. गु. प्रा. प्रा. गु गु सं.गु. ↓ पु गु + सं.गु. गु. प्रा. गु स्थिति उत्तम मध्यम उत्तम सारी उत्तम उत्तम मध्यम सारी मध्यम सारी जीर्ण मध्यम मध्यम मध्यम उत्तम मध्यम मध्यम उत्तम मध्यम मध्यम उत्तम लम्बाई: पहोळाई १०४४ । । ९।। ४। ९ || ४ | ९|| ४| ९ ।। ४४ ।। ९ ॥ ४४ ॥ ९।। ४४ । ९||४| ९ ।। ४४ । ९। ।। ४४ । 811x8 ९।। ४४ । ९। ४४ । ९। ।। ४४ ।। ९।। ४४ । ९ ।। ४४ ९ || × ४ | ९ ।। ४४ । ९। ।। ४४ ।। ९ ।। ४४ । १० X ४ । ९ ।। ४४ । ९।।४। जीर्णप्राय ९ ।। ४४| [१४७] Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [१४८] प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई क १० २९८० मनकमुनि स्वाध्याय लब्धि २९८१ सुपार्श्वनाथ स्तवन विनयविजय २९८२ महादेव द्वात्रिशिका सस्तबक हेमचन्द्राचार्य १ २ ९ १९मो १८मो १७४२ गु गु स.गु. मध्यम ९।। ४। उत्तम ९४ उत्तम ९||४४ श्लो. ३३ क. ११५ १५० ५ १९मो ९x४ गु. ११ १७मो १ १९मो उत्तम ९x४| मध्यम ९॥४ ॥ १७३० प्रा.गु. क. १३ क. १२ क. १५ ११ १८मो १ १९मो १ १९मो १ १९मो उत्तम ९ x४/ मध्यम ९||४४) उत्तम ९॥४४॥ मध्यम ९॥ ४ २९८३ क्षमाविजयगणिनिर्वाणमहोत्सवरास सुमतिविजय २९८४ शाश्वतसिद्धायतन प्रतिमासंख्या स्तवन सस्तबक २९८५ तेजसिह मुनि भास अमरमुनि २९८६ पडिकमण चोपाई बालावबोधसह दान विजयजी २९८७ परनिंदापरिहार स्वाध्याय हेमविजय २९८८ खिमा (क्षमा) स्वाध्याय विजयभद्र २९८९ सुभाषित २९९० नेमि-राजीमति बारमासा' नेमिगीत विजयशेखर २९९१ सीमधर जिन नमस्कार २९९२ आत्म शिखामण स्वाध्याय रूप विजय २९९३ कल्याणमदिर स्तोत्र सटिप्पनक सिद्धसेन दिवाकर २९९४ शीलव्रत बत्रीसी २९९५ महावीर जिन स्तवन सस्तवक सिद्धसेन दिवाकर २९९६ भक्तामरस्तोत्र मानतुग सूरि कल्याणमदिरस्तोत्र सिद्धसेन दिवाकर २९९७ भक्तामरस्तोत्र रागमाला देवविजयजी २९९८ जिनप्रतिमास्थापनस्तवन यशोविजयजी २९९९ विचारपट्त्रिंशिका (दडकप्रकरण) • गजसारमुनि २ १८मो २ १९मो १ १९मो उत्तम सारी मध्यम ९॥४४ ९॥४४॥ ९॥ ४॥ क. १६ ५ १७मो १ १९मो ५ १८मो १० १९मो उत्तम ९॥४४) मध्यम ९४४) उत्तम ९॥४४ मध्यम ९॥४४॥ सं.गु. सं. प. ४४ वृ. ४४ ५ १८मो १७३० २ १८मो उत्तम उत्तम ९||| ४| १ १७मो प्रा. जीर्ण ९४४ १. लि. राजनगर २. लि. बुदिशेखर Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ , [१४९] श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसंख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानुं नाम टीकाकार १-२ १९मो S111 X 81 . यशोविजयजी १ १९मो उत्तम ९x४) आनदधनजी १७ १९मो ९॥४४॥ ९॥४४॥ A. उत्तम उत्तम उत्तम ४१८ दीपविजय कवि काति विजयजी ११ १६६९ ४ १९मो १४ १७३८ १३ १९मो ९॥४४॥ ९॥४४॥ उत्तम उ. यशोविजयजी गु ज्ञानविमल सूरि ३००० भोजराज-धनपाल प्रबंध सिद्धसेन दिवाकर प्रबंध ३००१ नेमिनाथ स्तवन ३००२ चोवीस जिन स्तवन (नेमिजिन पर्यन्त) ३००३ रत्नपालनृप कथा' ३००४ गुणावली लेख ३००५ चोवीस जिन स्तवन ३००६ आलोचना विधि ३००७ नयविचार गर्भित शातिजिनस्तवन ३००८ गौतमकुलक सस्तबक ३००९ अगीयार गणधर देववंदन ३०१० प्रास्ताविक ३०११ उपदेशरत्नकोष बालावबोध भमरागीत ३०१२ बासठ मार्गणाद्वार कोष्ठक ३०१३ अध्यात्म एकविसी ३०१४ अगीयार गणधर चैत्यवंदन स्तवन स्तुति ३०१५ सीमंधरजिनस्तवन ३०१६ उपधानविधि ३०१७ उपधानस्तवन शिवकुमार सज्झाय ३०१८ आत्महित स्वाध्याय ३०१९ स्थूलभद्र सज्झाय ३०२० नेमिजिनगीत आदि सङ्ग्रह ३०२१ चतु शरणप्रकीर्णक बालावबोधसह ४ १९मो १७३४ ३ १८मो ६ १९मो १ १९मो १-३ १८मो उत्तम ९॥४४॥ मध्यम ९॥४४॥ उत्तम ९॥४४॥ मध्यम ९॥४४ मध्यम ९॥४४ मध्यम ९॥४४॥ मध्यम ९11X४|| मुनिमाल १ १ 0 १९मो १९मो 0 ८ १९मो ८ १८मो ४ १८मो २ १९मो गु. गु. प्रा.गु. मध्यम ९॥४४॥ मध्यम ९x४| उत्तम ९॥४४॥ उत्तम ९॥४४॥ विनयविजयजी ज्ञानविमल सूरि कर्मसी भावसागर १ २ १ २०मो १९मो १९मो دي في دي كي جي 0 मध्यम ९॥४४॥ सारी ९॥४४|| मध्यम ९x४ वीर भद्र ९ १८मो प्रा.गु. मध्यम ९॥४४॥ १. लि. पेढाबिली पद्मप्रमोद २. राजनगरे लि ३. अपूर्ण Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र १५० प्रति नबर पुस्तक नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई १४ १८मो ३ १८मो प्रा.गु. गु. जीर्ण उत्तम ९॥४४॥ ९||४४॥ स. १३ १८मो ८ १९मो ८ १९मो ८ १८मो १२ १८१२ जीर्ण उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम ९॥४४॥ ९॥४४॥ ९x४1 ९|| ४| ३ १९मो गु उत्तम ९॥४४॥ ५ १८मो प्रा.गु. सारी ९॥४४॥ ३०२२ चतु-शरणप्रकीर्णक सस्तबक वीरभद्र ३०२३ चन्दनबाला वेली ३०२४ अभिधानचितामणि नाममाला द्वितीय काड पर्यंत हेमचन्द्राचार्य ३०२५ चोवीस तीर्थकर जिन स्तोत्र आणंद मुनि ३०२६ चोवीस जिन स्तवन यशोविजयोपाध्याय ३०२७ चोवीस जिन स्तवन जीतचन्द्र ३०२८ चोवीस जिन स्तवन यशोविजयोपाध्याय ३०२९ चोवीस जिन स्तवन (श्रेयांसजिन पर्यंत) रूचि विमल ३०३० जीवविचारप्रकरण बालावबोधसह शातिसूरि बावीस परिसह तथा बारभावनावर्णन गध ३०३१ उपधानविचारगर्भित महावीरजिन स्तवन समयसुदर ३०३२ संसारी वेल ३०३३ धर्म ध्यान ३०३४ दस अच्छेरां ३०३५ मौनएकादशी माहात्म्यकथा पध रविसागरजी ३०३६ दान-शील-तप-भावना सवाद समयसुदर ३०३७ आत्मनिदा स्वाध्याय शानसागर मुनि ३०३८ द्वादश भावना सज्झाय सकलचन्द्र सावन ३०३९ शाति जिन स्तवन यशोविजयजी ३०४० गीता चन्दो लियो ३०४१ माकण रासु ३०४२ विहरमान जिन स्तवन २ ७ ५ २ २०मो १९मो १७४६ १९मो उत्तम ९|| ४|| मध्यम ९x४|| उत्तम ९x४| मध्यम ९|| ४| २०० स. गु. ११ १८०८ १६५४ ३ १७मो १६६२ ४ १८मो ८ १७३६ ३ १९मो १ १९मो १ १९मो ९ १९मो उत्तम ९४४ मध्यम ९.४४ मध्यम ९|| ४|| मध्यम ९x४॥ उत्तम ९॥४४॥ उनम ९॥४४॥ उत्तम ९x४ उत्तम ९॥४४ क. १६ गु गु. १. लि. जीतचंद्र, कर्नाए स्वहस्ते लखेली. २. लि. संभातर्षदर २.लि. गणि परमानंद ४ प्रथम पन नथी ५. रचना उन्नतनगरे ५ रचना सांगानगर Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१५१] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार. श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई الله م و لله प्रा ثم له ३०४३ षडावश्यकसूत्राणि ३०४४ श्रावकवर्णन ३०४५ हुडी सज्झाय मानविजयजी ३०४६ सवेग रसायन बावनी कांति विजयजी ३०४७ पार्श्वनाथ स्तवन उ यशोविजयजी ३०४८ भरतेश्वर-बाहुबली स्वाध्याय ३०४९ स्तवनो। ३०५० शातिनाथ वृद्ध स्तवन' हर्षविशाल ३०५१ एकादशगणधरस्तुति स्तवन अनतहस शिष्य ३०५२ श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र ३०५३ यतिप्रायश्चित्तदानविधि ३०५४ वरणाग नटूया सज्झाय' ३०५५ पौषध विधि स्तवन आदि ३०५६ अनेकविचार सड्ग्रह त्रूटक ३०५७ चोवीसजिन स्तवन आणदमुनि शखेश्वरपार्श्वनाथस्तुति ज्ञानविमल सूरि ३०५८ आवश्यक सस्तबक ३०५९ ढढण कुमार स्वाध्याय कनक (विजय) ३०६० कर्मपचीसी सज्झाय . कमल विमल ३०६१ गोडी पार्श्वजिन छद जितचन्द ३०६२ चतुर्विंशतिजिनस्तवन नय विजयजी ३०६३ मुनिगुणस्वाध्याय गुणसागर ३०६४ साधु अतिचार ३०६५ ज्ञानपचमी कथा ३०६६ कोचर ववहारी रास' गुणविजय ३०६७ कुगुरु वर्णन तेजपाल ३०६८ सकलार्हत्सतोत्र सस्तबक हेमचन्द्राचार्य ३०६९ चिंतामणि पार्श्वनाथ विनति गुणसागर गु. ७ १७३४ १ २०मो २ १९मो ५ १९मो १ २०मो १ १९मो ३ १८मो १ १७४१ १७४९ ३ १९मो ५ १८मो २ १७२५ २ १९मो ८ १९मो २ १९मो १९मो १० १९मो १ १९मो १ १९मो २ १९मो ५ १९मो १ १८२१ ३ १९मो ३ १८मो ४ १७४४ १६८३ १ १९मो ६ १८मो २ १८मो ९॥४४॥ उत्तम ९|| ४|| सारी ९|1x1 सारी ९||४४ उत्तम ९||४४ जीर्ण ९.४४ सारी ९॥४४॥ सारी ९॥४४ ९x४) सारी ९x४|| उत्तम ९.४४ ९.४४ सारी पत्रो जुंदा जुंदा मध्यम ९॥४४॥ उत्तम ९.४४ उत्तम उत्तम ९|४४ मध्यम ९.४४ मध्यम ९४४। मध्यम | ४| मध्यम ९x४1 उत्तम ९||x४ उत्तम ९x४ उत्तम ९x४ SIXY जीर्णप्राय ९x४| उत्तम ९।४४ मध्यम ९४४ प्रा गु. प्रा.गु. क. १७ क. १७ क. २३ नयन.२४ क. १९ في دي وي دي دي وي دي क. २५ १५० मू का. ३७ गु स.गु. गु. १. लि राजनगरे २ पत्र १० थी १२ छे ३. लि शिवपुरी ४. लि. बालचद्र ५. लि. पुण्यसमुद्र ६ अपूर्ण ७. लि प्रीतिविमल Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [१५२] प्रति नंबर पुस्तकनुं नाम कर्तानुं नाम श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या संख्या संवत सवत भाषा स्थिति लम्बाईपहोळाई ज्ञानविमलसूरि १ १८ मो गु. ९।४४ ३०७० पार्श्वनाथ कलश ३०७१ होलीपर्वकथा रजःपर्व कथा सस्तबक २०७२ षोडशक प्रकरण ३०७३ सीमंधर जिन स्तवन २०७४ चोवीस जिन स्तवन २०७५ मौनएकादशीस्तवन थोय ३०७६ अनाथी ऋषि सज्झाय ३०७७ चार क्षामणा सस्तबक ३०७८ सज्ज्ञाय सङ्ग्रह २०७९ चतुर्विंशति जिन नमस्कार ३०८० दश अच्छेरां रास ३०८१ पत्रीश वचनातिशय स्तवन ३०८२ पुण्यप्रकाश स्तवन ३०८३ हरिवाहनरास' ३०८४ शत्रुंजयकल्प वाताववोध सह ३०८५ दशार्णभद्र स्वाध्याय ३०८६ भ्रमरगीत २०८७ आचारोपदेश ३०८८ साधारणजिनस्तवन सावचूरि पञ्चपाठ ३०८९ गोरखनाथ पावडी ३०९० सीमंधरजिन स्तवन ३०९१ तारंगातीर्थ स्तवन ३०९२ आषाढापूर्ति स्वाध्याय ३०९३ आदिजिन स्तवन' ३०९४ तर्कभाषा ( न्याय) अपूर्ण ३०९५ चोवीस जिन सायन हरिभद्रसूरि विजयदेवसूरि शिष्य ज्ञानविमलसूरि विनयविजयघबालविजय सिद्ध विमल विनयविजयजी मोहनविजयजी बालविजय चारित्रसुंदर गणि जयानंद सिद्धिविजय टीकाकार देवद क. ४० क. २६ क. १२ वर्ग. १-६ क. ७ क. ७ ६ ७ or or m my n १ २ २ २ ३ ३ २ १ 22 २ १८५० १७४६ १९ मो १९मो & २० मो १९ मो १८ मो ४ १९मो ५ २१ ९ १७२९ २ १९मो ८ ११ १९ मो १९मो ३ १८ मो ६ १८१४ ५ १७५८ २ १८८७ १९ मो १७६३ १९मो १७२९ १८मो १७५८ १७४९ १७५६ १९ मो १८मो ४ १९मो सं.गु. सं. गु. गु. गु गु. प्रा.गु. गु. गु. गु. गु. गु गु प्रा.गु. गु गु. स. पु. पू म. गु. गु. मध्यम उत्तम उत्तम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम उत्तम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम मध्यम मध्यम मध्यम मध्यम ग सं. यशोविजयजी गु १. दुर्लभराम लि. २. पत्र १ श्री १२ नशी, रचना महिसांणक ३ सिक्पुरे लि. गणि उत्तमविजय ४ लि. धनविजय महेसाणा. ५. देवहर्ष लि. ६. विमलनाथ पर्यंत. ९x४ ९x४| ९x४ ९। ४४ ९१x४| ९x४ | ९x४ ९x४ | ९x४ ९x४| ९x४ ९x४ ९x४| ९x४ ९x४ ९1 x ४| ९x४ ९x४ ९x४ ९१x४।। ९x४ | ९x४ ९x४१ ८||३|| मध्यम मध्यम मध्यम १९४५ Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रति नंबर पुस्तकनु नाम ३०९६ अमृतवेली सज्ज्ञाय ३०९७ नवपद स्तवन ३०९८ महावीर जिन निर्वाण स्तवन गुणहर्ष ३०९९ समयसार भाषा' बनारसी विलास ३१०० शाति जिन स्तवन ३१०१ मौन एकादशी स्वाध्याय अष्टमी स्वाध्याय ३१०२ गुरुभास ३१०३ शातिनाथ स्तवन' ३७४ शातिजिन कलश ३१०५ नववाड स्वाध्याय ३१०६ वीरद्वात्रिंशिका (सदायोग) चन्द्रप्रभ स्तव पार्श्वनाथ स्तोत्र ३१०७ दशवेकालिक सावचूरि ३११० आनंदसंधि' ३९१९ चोवीसजिन स्तवन ३११२ आयुगढआदिजिन स्तवन जिन स्तवन वीर जिन स्तवन कर्तानु नाम ३११३ सज्ज्ञाय स्तवन सङ्ग्रह क्रोध स्वाध्याय मान स्वाध्याय माया स्वाध्याय यशोविजयजी यशोविजयजी बनारसी दास वाचक देवविजय यशोविजयजी ज्ञानविमलसूरि पञ्चपाठ ३१०८ आबु मंडन आदिनाथ स्तवन वीरविमल ३१०९ सीमंधरजिन स्तवन भावप्रभ हेमकीर्ति शिष्य हरखचन्द वीर विमल उदयरत्न उदयरल उदयरल टीकाकार श्लोक सख्या १७०७ गा. ७२७ क. ८ क. १५ क. ७ क. ११ क. ९ क. ५ क. ५ पत्र लेखन रचना सख्या सवत सवत २ २०मो १ २०मो ७ २०मो १-७११७२८ १-९६१७०३० १९ मो १९ मो १ १ ३ २ १ १-२ रजु रजु १६ war or fron १ २ ११ २ १९ मो १८८७ १९ मो १९ मो १९मो १९मो १९मो १५ मो १९ मो २० मो १९५३ १८ मो १९मो १७०१ भाषा स्थिति गु. गु. गु व्रजहिंदी गु. गु गु गु. गु गु पु. गु स. स. सं. प्रा.सं. F) F F F F F F F F गु गु. गु गु. गु. गु. गु. - गु गु. जीर्ण उत्तम मध्यम जीर्णप्राय सारी उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम १० 1 ×५ जीर्णप्राय १०४५ मध्यम उत्तम उत्तम उत्तम मध्यम लम्बाईपहोळाई उत्तम १० ।। ४५ १०१ ४५ १०४५ १०१४५१ ९॥४५ १० ।। ४४ ।। १० 1 x ४ || १०४५ १० ।। ४४ । । । १० X ४ १ १०१ X ४ । । । १०४५ ।। ९ ॥ ४५ १० X ४ । १०४४ ।। [१५३] क. ६ क. ५ क. ६ गु. १. लि. जोशी गजानंद पाटण २. लि. अमदावाद ३. लि. देवचंद ४ अपूर्ण, दशमं अध्ययन अपूर्ण ५. लि. जोशी गजानद ६. लि. जोशी गजानंद ७. अभिनंदन पर्यंत Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामां रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [१५४] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई क. ७ کک کا ک 년 년의업년년년년여년 लोभ स्वाध्याय उदयरत्न पचासर पार्श्वजिन स्तवन विबुधविमल भाभा पार्श्वजिन स्तवन विबुधविमल शखेश्वर पार्श्वजिन स्तवन विबुधविमल भीडभजन पार्श्वजिन स्तवन उदयवायक ३११४ सुकोसल मुनि भास बावनी देवचन्द्र ३११५ नेमिनाथ स्तवन ३११६ दोढसो कल्याणक स्तवन कातिविजय ३११७ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन सज्झाय नेम विजय ३११८ नववाड स्वाध्याय अजीतदेव सूरि ३११९ अध्यात्मसार माला' ३१२० मेघकुमार स्वाध्याय' ३१२१ गर्भावास स्वाध्याय । रगविजय ३१२२ पडिलेहणाकुलक सस्तबक विजयविमल ३१२३ सिद्धात बोल विचार ३१२४ व्रतोद्यारण विधि ३१२५ चेतन स्वाध्याय आदि ३१२६ सप्त स्मरण ३१२७ त्रिगढा स्तवन पदमसागर ३१२८ सुभाषित श्लोक ३१२९ गजसुकुमाल रास शुभवर्धन ३१३० कुमति स्वाध्याय जसविजय ३१३१ सतासति कुलक (भरहेसर) ३१३२ पदसड्ग्रह ३१३३ शिखामण स्वाध्याय प्रेम विजय ३१३४ वेराग्य स्वाध्याय रिध कीत्ति ३१३५ विचारपब्रिशिका (दडक प्रकरण) गजसार १ १८मो ३ १८मो ५ १८मो ___ ११ १८७४ क. १२ १ १९मो १० १९मो क १५ १ १९मो २ १९मो ५ १८१० ५ १८मो २ १९मो १ १९मो ९ १९मो क १९ २ १९मो २ १९मो ७ १७८१ क. १५ १ १७४५ १ १९०५ १ १९मो क २० १ १९मो क. १२ १ १९मो उत्तम ९४४) उत्तम ९॥४४॥ मध्यम ९||४५ मध्यम ९x४|| मध्यम 1X४|| मध्यम ९४| मध्यम ८||| ४|| मध्यम ९॥४४॥ प्रा.गु मध्यम ९|| ४|| गु. ९|| ४|| प्रागु मध्यम || ४|| मध्यम ९॥४४|| मध्यम ९८४४ गु उत्तम ९।१४।। साग ममन ९४४|| उत्तम ९४४|| मध्यम ९४४|| सारी ९|४|| मध्यम ९॥ ४॥ मध्यम ९x४|| मध्यम ९४४|| १७९१ आनंदमन गा. ४६ ४ १९मो प्रा. उत्तम ९४४|| - १. लि. पालिताणा २. शि. कपि अमरद३ ति आमोसायाई ४. विरुष्णविजयगणि ५ रचना पिपाय.ति रुष्णानिमत ७. मुरी सालतिजय८.लि, गजतिमत. Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोर्नु सूचिपत्र [१५५) प्रति नंबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई सख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई हिदी देवचन्द्रजी रूप विजय आलु कवि गु. समयसुदर सुख विजय ३१३६ सतसईदोहरा ३१३७ गजसुकुमाल स्वाध्याय ३१३८ गोडी पार्श्वनाथ लावणी ३१३९ बार भावना ३१४० मन्ह जिणाणं सज्झाय ३१४१ क्षमा छत्रीसी ३१४२ पजुसण सज्झाय ३१४३ चौद नियम ३१४४ अंबाजीनो छद ३१४५ सारस्वत प्रक्रिया अपूर्ण ३१४६ गणधर छद ३१४७ नवतत्त्व प्रकरण ३१४८ भरत, बाहुबली छंद ३१४९ नमिऊणस्तव-भयहर स्तव ३१५० भक्तामर स्तोत्र ३१५१ सङ्ग्रहणी प्रकरण शाति विधि स्तोत्र ३१५२ सौभाग्यपचमीकथा गद्य सस्तवक ३१५३ अष्ट प्रवचनमाता सज्झाय ३१५४ रूपचन्द कुमार रास आदि ३१५५ चमत्कारचितामणि ज्योतिष' ३१५६ मांकण स्वाध्याय स्थूलिभद्र स्वाध्याय ३१५७ विचारपंचाशिका टीका ३१५८ आत्मोपदेश स्वाध्याय ३१५९ नदिपेण ऋषि चोपाई 5 or mornw ar mx m १ १९मो २ १९मो २ १९मो ५ १८मो १ १९मो ३ १९मो २ २०मो १९मो २ १९मो ६ १८मो १ १९मो १९मो १९मो १८मो ४ १८१३ १३ १८१४ मध्यम ९x४|| उत्तम ९x४।। उत्तम ९॥४५ उत्तम ९x४।। सारी ९४४|| जीर्ण ९.४४ मध्यम ९x४|| मध्यम ९.४४ मध्यम ९४४|| सारी ९x४ मध्यम ९४४|| सारी ९x४। ९x४|| उत्तम ९x४11 सारी ९४४ मध्यम ८111४४||| वृद्धि विजय मानतुंग सूरि मानतुग सूरि श्रीचन्द्रसूरि A. कनक कुशल देवचन्द्र पद्य. १५२ १३ १८०६ १६१५ ९ २०मो गूटको १७मो १५ १८मो क. ८१ १९मो क. ११ ४ १८मो क. १२ १ २०मो ६ १७६० १७२५ मध्यम मध्यम मध्यम उत्तम उत्तम ८111४४| ८||४४|| ८॥४४|| ८॥४४ ८॥४४॥ माणिकमुनि राजरल कवि वानरर्पि रत्नविजय न्यायसागर गु. विजय विमल प्रा.सं. उत्तम उत्तम ८॥४४ ८inx४ गु. १. लि. जलालपुरे २. यूटक, पर १ थी ११ नथी ३. लि अणहिलपुर पत्तन ४. साध्वी गुणश्री लि ५. लि. नानालाल हरिनदन लहिया, पाटण ६. जीर्णदुर्ग - अरणीगाला प्राम, Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र १५६] प्रति नबर पुस्तकनुं नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या सख्या सवत संवत भाषा स्थिति पहोळाई १ १९मो गु. मध्यम ८111x४|| रामविजयजी अभयदेवसूरि रल गु. अपभ्रंश गु क १२ ४ १९मो ३ २०मो १ २०मो ६ १८मो १ १८मो १ १९मो ५ १७९८ मध्यम उत्तम मध्यम मध्यम जीर्ण मध्यम मध्यम ८॥४४|| ८॥४४॥ ८|||४४ ८॥४४॥ ८111४1 ८॥४४॥ ८॥४४|| यशोविजयजी प्रीति विमल विमल विजय ३१६० अनागत चोविस जिन जीव विचार ३१६१ महावीर जिन पचक कल्याणक स्तवन ३१६२ जयतिहुयण स्तोत्र ३१६३ आत्मोपदेश स्वाध्याय ३१६४ ज्ञानतिलक ३१६५ मेरुपर्वतवर्णन ३१६६ हरियाली ३१६७ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन ३१६८ विजयप्रमसूरि निर्वाण स्वाध्याय ३१६९ भोजनविधि ३१७० झांझरीया ऋषि सज्झाय' ३१७१ महादेव स्तवन ३१७२ पचमी स्वाध्याय अष्टमी स्वाध्याय एकादशी स्वाध्याय ३१७३ गौतमपुच्छा चोपाई। ३१७४ ज्ञानपचीशी ३१७५ दशवकालिक स्वाध्याय ३१७६ शाश्वतजिन स्तवन ३१७७ शातिनाथ कलश ३१७८ सिद्धाचलना २१ दुहा ३९७९ शीलोपदेश सज्झाय ३१८० सज्झाय सङ्ग्रह भावरत्न हेमचन्द्राचार्य ३ १९मो १ १७४२ ३ १८४५ १७५६ ३ १७४३ १ १९मो देवरल "देवरत्न अनम उदयरल लावण्य समय उदय वृद्धि विजय (तपा) लावण्य विजय देवचन्द्र वीर विजय सद्धि विजयजी ५ १ ८ २ १६६७ १९मो १७९२ २०मो १९मो १९मो १९मो १९मो उत्तम ८॥x३॥ जीर्ण ८.४४ सारी ८॥xx सारी ८॥४४ মান। ८॥४३ मध्यम मध्यम ८11xi सारी ८.४४॥ उत्तम ८.४४|| मध्यम ८४४। मध्यम ८.४५ मध्यम ७॥x४॥ मध्यम ८.४४ मध्यम ७४५ ३ २ ३ गु १ लि. धर्मचद्र २. तयरवाडा ३. प्रापिरायचंद लि. ४. लि. पगरी गुणपति नगिननगर ५. मुनिराशालगिणय लि. ५. लि मोहनविजय Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१५७] प्रति नवर पुस्तक, नाम कर्तानुं नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन रचना लम्बाई संख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई २ १८मो गु. मध्यम ८४४। ४ १ २०मो १९मो सारी उत्तम في حب ७॥४४॥ ७|| ४|| क. ७ १९ १८मो १ १८मो १० १९मो .4 كي دي उत्तम उत्तम मध्यम ७॥४४॥ || ४|| ७|| ४|| २०मो गु. मध्यम ७४५|| १९२१ २९ (१-२) रजु २-३ ३१८१ विजयरत्नसूरि स्वाध्याय कांतिविजय ऋषभदेव स्तवन प्रेमविजय ३१८२ गीत सङ्ग्रह ३१८३ काया स्वाध्याय सेवक ३१८४ अभिधानचितामणि नाममाला द्वितीय काड पर्यन्त हेमचन्द्राचार्य ३१८५ श्रावक अतिचार ३१८६ सारस्वत व्याकरण प्रक्रिया ३१८७ स्तवन, सज्झाय,' गहुली सङ्ग्रह लक्ष्मीविमल (१) सिद्धचक्र स्तवन लक्ष्मीविमल (२) सिद्धचक्र सज्झाय लक्ष्मीविमल (३) शामलाजीनु स्तवन लक्ष्मीविमल [४) गहुँली लक्ष्मीविमल (५) गहुली लक्ष्मीविमल (६) गहुंली लक्ष्मीविमल (७) अट्ठाई उत्सवनु स्तवन लक्ष्मीविमल (८) गहुंली लक्ष्मीविमल (९) गहुली लक्ष्मीविमल (१०) आदिसर सातवार लक्ष्मीविमल (११) बारमास लक्ष्मीविमल (१२) मुनिसुव्रत जिन पंदरतीथी लक्ष्मीविमल (१३) गहुली लक्ष्मीविमल (१४) सिद्धाचल स्तवन लक्ष्मीविमल (१५) सरस्वतीनु गीत लक्ष्मीविमल ३१८८ गीत गोविंद जयदेव ३१८९ बाहुवलीनी सज्झाय राम १९२५ मध्यम १९२५ ६-७ ८-१० ११-१२ १२-१३ १६-१७ १७-१८ १८-२० २०-२२ २२-२८ २८-२९ १९ १ २०मो संस्कृत मध्यम ६x४|| गु. सारी ७४४| १.ति. रामविजग २. विल ति. ३. पर १४-१५ नथी. Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनुं सूचिपत्र [१५८] प्रति नबर पुस्तकनु नाम कर्तानु नाम टीकाकार श्लोक पत्र लेखन लम्बाईसख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई ९ १८मो गु. उत्तम ७४४ १ १७६७ गु उत्तम ६४४॥ 일 ६ १८५० २२ थी५९ १९मो ६० थी१३७ १९मो १४ थी२५ १९मो गु गु उत्तम ५४५ जीर्णप्राय ५/४४।। जीर्णप्राय ५६x४|| ३|| ४|| 여 २२ १७९९ ११ १७१९ प्रा.गु. प्रा सारी सारी ३१९० श्रावकातिचार ३१९१ श्री पूज्य उपर कागल लखवानी पद्धति ३१९२ एकविशतिशतकस्थान' प्रकरण सिद्धसेन • ३१९३ प्रतिक्रमण सूत्रो वगेरे गूटको' श्रीपाल रास गूटको ३१९४ स्तवनसड्ग्रह गूटको ३१९५ विचारसार गुणस्थानक सस्तबक ३१९६ बृहत्कल्प मूल ३१९७ अमिविमलजी प्रश्न पत्रिका ___३१९८ बार व्रतनी टीप ३१९९ पंचाग सं, १९३२नु ३२०० प्रताप विमलजी प्रश्न पत्रिका ३२०१ बार व्रत टीप ३२०२ बार व्रत टीप ३२०३ बार व्रत टीप ३२०४ बार व्रत टीप ३२०५ सम्यक्त्व विचार ३२०६ कल्पसूत्र सुवर्णाक्षरी सचित्र भद्रवाहुस्वामि कालिकाचार्य कथा सचित्र ओळीयु १८९३ ओळीयु २०मो ओळीयु १९३२ सारी सारी सारी ओळीयुं १९५५ ओळीयु २०मो ओळीयु २०मो ओळीयु २०मो ओळीयु २०मो ओळी\ २०मो सारी सारी सारी सारी सारी सारी १२९ १५२२ प्रा. सं. जीर्ण जीर्ण १ सचिोरनगरे लि. २. लि गीरपुर ३ अपूर्ण, १२२-१२२ नथी. पर १२६ उबल छे. ४. पत्र ११२ मा प्रशस्ति छे. स १५२२ वर्षे ज्येष्ठ सुदि शनिवार लिखित वा केन. Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १५९ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम क्रमाक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम ३००९ ५० ६९१ अचलगच्छीय देवसीप्रतिक्रमण अचल विधि .१७२८ अजना सती रास ११७७ अंतकृदशांगसूत्र सटीक १२७० अंतकृदृतागसूत्र १२६९ अंतकृदृतांगसूत्र ८ (२) अतकृदृशागवृत्ति १०१९ अंतकृदृशांगसूत्र सटीक पञ्चपाठ ६७३ अंतकृदृशांगसूत्र सस्तबक ___ अतकृद्दशांगसूत्र ___ अतकृदशागसूत्र १५०९ अंतकृद्दशागसूत्र १८८९ अतकृद्दशाङ्गसूत्र १७१८ अंतकृद्दशाङ्गसूत्र १६२५ अंतकृद्दशाङ्गसूत्र १८७७ अतकृद्दशाङ्गसूत्र १६२६ (२) अंतकृद्दशाङ्गसूत्र वृत्ति १५८० अंतकृद्दशाङ्गसूत्र सस्तबक २८६८ अंतरदशा फल ६६० (२) अतरीक्षपार्श्वजिन स्तवन ६३६ अंतरीक्षपार्श्वनाथ स्तवन २५२३ अंतरीक्ष पार्श्वनाथ स्तवन ६०३ अंतरीक्षपार्श्वनाथ स्तवन छद ११६५ अंबड कथानक ९८ अबडचतुष्पदिका-रास ११६३ अंबडपरिव्राजक कथा ६६२ अंबड़परिव्राजक कथानक गद्य ३१४४ अंबाजीनो छंद २०९६ (२) अईमत्ता सज्झाय ३९६ अक्षयनिधि तपविधि ३०१४ अगीयार गणधर चैत्यवंदन स्तवन स्तुति अगीयार गणधर देववंदन १७८८ अगीयार गणधर स्तवन ४१२ (७) अजितनाथ स्तवन २३११ (१) अजितशांति स्तव २८१३ अजितशांति स्तवन २०२० अजितशाति स्तव सस्तबक ९९३ अजितशातिस्तव सस्तबक १३८८ अजितशांतिस्तव सावचूरि १७१३ (२) अजितशाति स्तव सावचूरि २७९५ अजितशांति स्तव सावचूरि १२२० अजितशातिस्तव सावचूरि त्रिपाठ ११८१ अजितसेन-कनकावली रास १८५७ अजितसेन-कनकावलीरास ३१८७ (७) अट्ठाई उत्सव- स्तवन २९६१ अडसठ तीर्थमाला २२७० अढार नातरां सज्झाय २२१६ अढार नातरां सज्झाय २२०६ अढार नातरां सज्झाय १८६ अढारपापस्थानकविवरण २६६४ अढार पापस्थानक सज्झाय ६ अढारसहस्त्रशीलांगरथ ३२५ अढीसें अभिषेक विधि २७५७ अतिचार २७३२ अतीत चोवीश जिन स्तवन पंदरमा जिन पर्यन्त ३०१३ अध्यात्म एकविसी ३९८ अध्यात्मकल्पद्रुम बालावबोध २०४ अध्यात्मकल्पद्रुम बालावबोध ६०८ अध्यात्मकल्पद्रुम बालावबोध सह ६५६ अध्यात्मकल्पद्रुम वृत्तिसह १७२९ अध्यात्म कल्पद्रुम सटीक १०१७ अध्यात्मकल्पद्रुम सस्तबक २२३८ (५) अध्यात्मगीत २२३८ (४) अध्यात्मगीत १७१२ अध्यात्म गीता अध्यात्म गीता अध्यात्मगीता १५५१ अध्यात्मगीता ३२९ अध्यात्मगीता २६२ अध्यात्मगीता बालावबोध अध्यात्मगीता बालावबोध ३९७ अध्यात्मचोपाई १५९२ अध्यात्म ज्ञानसार ९९६ (२) अध्यात्मनवक्रिया सज्झाय अध्यात्मपरीक्षा सबालावबोध अपूर्ण ९९६ (२२) अध्यात्मप्रबोध सज्झाय ४४८ अध्यात्मवाणी गर्भित स्वाध्याय ९९६ (४) अध्यात्म सज्झाय ९९६ (२४) अध्यात्म सज्झाय ९९६ (१) अध्यात्म सज्झाय आदि सड्ग्रह २०६९ अध्यात्म सज्झाय सङ्ग्रह १७२७ अध्यात्मसार टिप्पणक सह ३९५ Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम [ १६० ] क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम ९३८ ९०१ ५९८ १८५८ अध्यात्मसार माला ३११९ अध्यात्मसार माला अध्यात्मसार वार्तिक बालावबोध सह ६०९ अध्यात्मसार वार्तिक बालावबोध सह २५०६ अध्यात्म स्वरूप २४५५ अध्यात्मस्वाध्याय २२३८ (९) अनंत काय अभक्ष्य स्वाध्याय ३१६० अनागत चोविस जिन जीव विचार ३०७६ अनाथी ऋषि सज्झाय २६७७ अनाथीऋषि स्वाध्याय २९२९ अनित्यभावनोपरि कथा १३३८ (१५) अनुकंपादाने-चंपक श्रेष्ठि कथा १६७८ (३) अनुत्तरवासी सुर स्वाध्याय ८ (३) अनुत्तरौपपातिकदशांग वृत्ति ११ अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र १४ अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र १५ अनुत्तरौपपातिकदशागसूत्र १०३४ अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र १२७१ अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र १३३९ अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र ९९१ अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र विवरण २९२६ अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र व्याख्या १२७२ नुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र सटीक १६२७ अनुत्तरौपपातिक दशाङ्ग मूल १७०६ अनुत्तरौपपातिकदशाङ्ग विवरण १६२६ (३) अनुत्तरौपपातिक दशाङ्गवृत्ति १५१० अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र १७१७ अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र सस्तबक ६३४ अनुत्तरौपातिकदशांगसूत्र ६७१ अनुयोगद्वार सटीक त्रिपाठ अनुयोगद्वारसूत्र १७७२ अनुयोगद्वारसूत्र १०२८ अनुयोगद्वारसूत्र १३१८ अनुयोगद्वारसूत्र १०२७ अनुयोगद्वारसूत्र ३७ अनुयोगद्वारसूत्रवृत्ति २०४४ अनुयोगद्वारसूत्रवृत्ति १६९: अनुयोगद्वारसूत्र वृत्ति १६३२ अनुयोगद्वारसूत्र वृत्ति १२८२ अनुयोगद्वारसूत्र सटीक त्रिपाठ ६०१ अनुयोगविधि ३०५६ अनेकविचार सड्ग्रह त्रूटक १६३३ अन्निकापुत्रचरित्र २८१२ अभक्ष्य-अनंतकायनामानि सटिप्पन पञ्चपाठ २९४५ अभव्य कुलक २२६१ अभव्य कुलक २८९४ अभिधानचितामणि अपूर्ण १४७४ (१) अभिधानचिंतामणिनाममाला १८६१ अभिधानचिंतामणिनाममाला १७५८ अभिधानचिंतामणिनाममाला १७४२ अभिधानचितामणि नाममाला अभिधानचिंतामणिनाममाला अभिधान चिंतामणि नाममाला ९०० अभिधान चिंतामणि नाममाला अभिधानचिंतामणिनाममाला २०१३ अभिधानचिंतामणिनाममाला १७२५ अभिधानचिंतामणि नाममाला अपूर्ण ३०२४ अभिधानचिंतामणि नाममाला द्वितीय कांड पर्यंत ३१८४ अभिधानचितामणिनाममाला द्वितीय कांड पर्यन्त १७८६ अभिधानचिंतामणि नाममाला मूल १७८५ अभिधानचिंतामणि नाममाला सटीक १२१५ अभिधानचिंतामणिनाममाला स्वोपज्ञटीका सह २११३ अभिधानचितामणि बालावबोध अपूर्ण आरंभमात्र १३२७ अमरकोश २०३ अमरकोष काड १-३ १४०१ अमरदत्त-मित्रानंद कथा गद्य १३३७ अमरसेण वयरसेण कथानक ९०२ अमरसेण वयरसेणकथानक १३३८ (२२) अमरसेन-वयरसेन कथा १०३६ अमरसेन-वयरसेन कथानक २३४९ (१) अमरसेन वयरसेन चोपाई ३१९७ अमिविमलजी प्रश्न पत्रिका २८५० अमृतध्वनि Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १६१ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमाक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक २१५२ ३६७ १३४ ३०९६ अमृतवेली सज्झाय २४५२ अयनांश करण वगेरे ज्योतिष २५३१ अरणिक मुनि सज्झाय २०९६ (५) अरणीक मुनि सज्झाय ७३७ अरहन्नक-अरणिकमुनिरास अर्धकाड २२८ (२) अर्बुदतीर्थ-समेतशिखर स्तवन २७३० अर्बुदाचल स्तवन २४२४ अर्हन्नक रास २५३० अवंतिसुकुमाल चौढालीयांशील सज्झाय ६३७ (५) अवतीसुकुमाल चउढालीया १९१८ अष्टकर्मविचार २६९४ अष्टग्रह मास फल ज्योतिष ११७९ अष्टदृष्टि स्वाध्याय २५३३ अष्टदृष्टि स्वाध्याय बालावबोध २०८९ अष्टप्रकारी पूजा १६६८ अष्टप्रकारीपूजा १३३८ (१३) अष्टप्रकारी पूजा ६३३ अष्टप्रकारी पूजा ९९ अष्टप्रकारी पूजा २२२ अष्टप्रकारीपूजा १६६ अष्टप्रकारी पूजा १०३८ अष्टप्रकारी पूजा कथा १२१९ अष्टप्रकारीपूजाकथासड्ग्रह १६६७ अष्टप्रकारीपूजा कथासड्ग्रह १६४६ अष्टप्रकारी पूजा कथा सङ्ग्रह २३६१ अष्टप्रकारीपूजागर्भित स्तवन सस्तबक ६०५ अष्टप्रकारीपूजा रास ८२९ अष्टप्रकारी पूजा सिद्धचक्रना दूहा १६६० अष्टप्रकारीपूजोपरि-शुकादि कथा सङ्ग्रह ८०४ अष्टप्रवचनमाता सज्झाय १२०६ अष्टप्रवचनमाता सज्झाय ३१५३ अष्ट प्रवचनमाता सज्झाय २३६२ अष्टभंगी २५३२ अष्टभंगी स्वाध्याय २३२८ (१) अष्टमी नमस्कार २३१५ अष्टमी सज्झाय २०९६ (८) अष्टमी स्तवन १६५ अष्टमीस्तवन ३१०१ (२) अष्टमी स्वाध्याय ३१७२ (२) अष्टमी स्वाध्याय २१६२ अष्टमी स्वाध्याय २२६० अष्टमी स्वाध्याय १७३१ अष्टान्हिका व्याख्यान सस्तबक २१३४ अष्टापद तीर्थ स्तवन ११७८ अष्टापद स्तवन ७३० अष्टोत्तरी नात्र विधि २३९९ अष्टोत्तरी नात्र विधि १५९५ अष्टोत्तरीस्नात्र विधि १८४९ अष्टोत्तरी स्नात्रविधि ९०४ अष्टोत्तरी नात्र विधि अपूर्ण २४०८ (१) असज्झाय दोष निवारण स्वाध्याय २८२४ असज्झाय विचार २४३० असणादिक काल प्रमाण सज्झाय १४३४ २८१ ८७३ १८६३ १७४२ ५८५ १२८९ १३६० १३३० १२०९ ४६ ९३९ आख्यात प्रक्रिया आगमवस्तुविचार प्रकरण षडशीतिप्रकरण वृत्तिसह आगमसार आगमसारोद्धार आगमसारोद्धार आगमिकवस्तुविचार प्रकरण आचारदशाङ्गसूत्रनियुक्ति आचारदिनकर सबीजक आचारप्रदीप आचारप्रदीप अपूर्ण आचारांगसूत्र आचारांगसूत्र आचारागसूत्र आचारांगसूत्र प्रथम श्रृंतस्कंध सस्तबक आचारांगसूत्र प्रथम श्रुत स्कंध बालाव० सह पञ्चपाठ आचारांगसूत्र प्रथम श्रुतस्कंध बालावबोध आचारांगसूत्र प्रथम श्रुतस्कंध बालावबोध आचारांगसूत्र प्रथमश्रुत स्कंध बालावबोधसह पञ्चपाठ आचारांगसूत्र प्रदीपिका आचारांगसूत्रबालावबोध प्रथम श्रुतस्कंध आचारांगसूत्र मूल १२९२ १२८८ ७२९ १६६३ १२९६ १६३४ Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम [ १६२ ] क्रमाक पुस्तकनुं नाम क्रमाक पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम १६२४ १९३७ ५६ २०४५ १७०१ ३०८७ २२६ १३४३ २४४९ ४०० १६८ १२०० ४७२ १५४६ आचारागसूत्र मूल आचारागसूत्रवृत्ति अपूर्ण त्रूटक आचारांगसूत्रवृत्ति त्रूटक। आचारागसूत्र वृत्तिसह अपूर्ण त्रूटक आचारोपदेश आचारोपदेश आचारोपदेश सस्तबक आचारोपदेश सस्तबक आचार्य रत्नसिंह भास आठकर्मनी १५८ प्रकृति आठकर्मनी एकसो अठावन प्रकृति विचार आठदृष्टिविचार आठदृष्टि सज्झाय आठ दृष्टि स्वाध्याय सस्तबक (योगदृष्टि) आठदृष्टिस्वाध्याय सस्तबक (योगदृष्टि स्वाध्याय) आठदृष्टि स्वाध्याय सस्तबक (योगदृष्टि स्वाध्याय) आणंदविमलसूरिस्वाध्याय आणंदसंधि आणंदसधि आतुरप्रत्याख्यान प्रकीर्णक आतुरप्रत्याख्यान प्रकीर्णक आतुरप्रत्याख्यान प्रकीर्णक सस्तबक आत्मकुलक सस्तबक ३०३७ आत्मनिदा स्वाध्याय २४२१ आत्मप्रतिबोध स्वाध्याय ११८६ आत्मबोधक ज्ञापक स्वाध्याय आत्मबोधकुलक सस्तबक १२०१ आत्मबोध कुलक सस्तबक १३४५ आत्मबोधकुलक सस्तबक १६९२ आत्मबोधकुलक सस्तबक १४३८ आत्मराय कथा-रास २६४९ आत्मवैराग्य स्वाध्याय २९९२ आत्म शिखामण स्वाध्याय ३०९ (५) आत्मशीखामणस्वाध्याय ३०१८ आत्महित स्वाध्याय आत्महितोपदेश ३०९ (१६) आत्मोपदेश स्वाध्याय ३१६३ आत्मोपदेश स्वाध्याय ३१५८ आत्मोपदेश स्वाध्याय २१८६ (९) आदिजिन गीत ३०९३ आदिजिन स्तवन ३३४ (४) आदिजिनस्तवन २८६० (२) आदिनाथ जिन नवीनबिंब प्रतिष्ठा स्तवन १५९१ आदिनाथदेशनो द्वार सस्तबक ११९२ आदिनाथविनति स्तवन ९९५ आदिनाथ वीवाहलु . २३५१ आदिनाथ स्तवन . ४१२ (५) आदिनाथ स्तवन २८९९ आदिनाथ स्तवन २६५६ (४) आदिनाथ स्तवन २४०३ (३) आदिनाथ स्तुति २५२९ आदिश्वर विनति ३१८७ (१०) आदिसर सातवार ७३३ (१) आदीश्वर जिन स्तवन ३३४ (२) आदीश्वरस्तवन आनदघन चोवीशी (सभवजिनथी बासीमाजिन सुधी) ३११२ (१) आबुगढआदिजिन स्तवन ३१०८ आबु मंडन आदिनाथ स्तवन ३३४ (६) आबू स्तवन आयु स्वाध्याय २७९० आरभसिद्धि ११९३ आरभसिद्धिज्योतिष मूल १६४५ आरंभसिद्धि वार्तिकसह ज्योतिष २२२७ आराधना २०१९ आराधना कुलक बालावबोध ९८७ आराधनापताका भगवती ९८८ आराधनाप्रकरण पर्यताराधना ९८९ आराधनाप्रकरण पर्यंताराधना ९९० आराधनापकरण सस्तबक आराधना बालावबोध ६०४ आराधना बालावबोध सह ६४० आरामशोभा कथा १३७६ आरामशोभा कथा १३९८ आरामशोभा कथा १६११ (१) आर्द्रकुमर सज्झाय २६२२ आर्द्रकुमार चोपाई २४५९ आर्य वसुधारा ५०९ ९१६ ३५० २४२७ १३४६ ३११० २९७८ १३४७ १३४८ Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १६३ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक १७७७ १२२१ १२२२ १३०३ १३०४ १००७ ३२ १९८५ ३१८ १२२३ २५८४ आलोचना २३०२ आलोचनागर्भित सीमंधर स्वामि स्तवन २६२६ आलोचना चोपाई १७०९ आलोचना विधि ११६९ आलोचनाविधि ७३२ आलोचना विधि ११७० आलोचनाविधि आलोचना विधि आलोचना विधि ३००६ आलोचना विधि ७३३ (६) आलोयण छत्रीसी २२८३ आलोयण स्तवन वासुपूज्य स्तवन १९१३ आवश्यकनियुक्ति ८९९ आवश्यक शिष्यहिता टीका १०४६ आवश्यक शिष्यहिता वृत्ति ३०५८ आवश्यक सस्तबक १०२६ आवश्यकसूत्रनियुक्ति १३८९ आवश्यकसूत्र नियुक्ति १७ आवश्यकसूत्रनियुक्ति १६७४ आवश्यकसूत्र प्रथम पीठीका बालावबोध १३५८ आवश्यकसूत्र बृहद्वृत्ति अपूर्ण १३५९ आवश्यकसूत्र बृहवृत्ति अपूर्ण २११६ आषढभूति चोपाई १७८ आषाढचातुर्मासी कथा सस्तबक २३१ आषाढभूति चोपाई २७५६ आषाढाभूति रास ३०९२ आषाढाभूति स्वाध्याय २७९३ (१) इन्द्रयपराजय शतक सस्तबक २१७३ इरियावहि मिच्छामि दुकडं स्वाध्याय ७२८ (३) ईडर मंडण आदीश्वर जिन स्तवन २४१६ ईन्द्रयपराजयशतक सस्तबक १३०६ ईन्द्रयपराजयशतक सस्तबक २४०३ (१) ईरीयावही स्वाध्याय १४३९ ईलाचिपुत्र रास २६६९ ईलाची कुमार चोपाई अपूर्ण ७३१ ईलाचीकुमाररास २९५१ ईलाचीपुत्र रास २०९६ (४) ईलाचीपुत्र सज्झाय १५६२ उत्तमकुमार रास १५७२ उत्तम चरित्र २४२ उत्तमचरित्ररास ४२७ उत्तमचरित्र सस्तबक १३३८ (१) उत्तमराज कथा वस्त्रदाने ११६४ उत्तमविलासदीक्षा महोत्सव १६६५ उत्तमविलास रास १५४१ उत्तमविलासरास अपूर्ण १५९८ उत्तराध्ययनकथा अपूर्ण १८६८ उत्तराध्ययन गीत ३४ उत्तराध्ययन बृहदवृत्ति १५८७ उत्तराध्ययन वृत्तिसह १३१५ उत्तराध्ययन वृत्तिसह अपूर्ण १८८७ उत्तराध्ययन सबालावबोध १३८२ उत्तराध्ययनसूत्र ७५६ ६५१ ५३६ उत्तराध्ययनसूत्र उत्तराध्ययनसूत्र उत्तराध्ययनसूत्र उत्तराध्ययनसूत्र उत्तराध्ययनसूत्र उत्तराध्ययनसूत्र उत्तराध्ययन सूत्र उत्तराध्ययनसूत्र अध्ययन त्रीजं,चोथु, नवमुं, दशमुं उत्तराध्ययनसूत्र एकविंशति अध्ययन पर्यंत उत्तराध्ययनसूत्र कथा सह अष्टादश अध्ययन पर्यंत उत्तराध्ययनसूत्र दीपिकासह उत्तराध्ययन सूत्र नियुक्ति उत्तराध्ययनसूत्रनी सज्झाय उत्तराध्ययनसूत्र बालावबोध त्रूटक उत्तराध्ययनसूत्र बालावबोध सह उत्तराध्ययन सूत्रवृत्तिसह उत्तराध्ययन सूत्र वृत्तिसह अध्ययन ५ थी २७ पर्यंत उत्तराध्ययनसूत्र सचित्र उत्तराध्ययनसूत्र सचित्र उत्तराध्ययनसूत्र सज्झाय उत्तराध्ययनसूत्र सज्झाय उत्तराध्ययनसूत्र सटीक उत्तराध्ययनसूत्र सस्तबक उत्तराध्ययनसूत्र सस्तबक ३८६ ६२८ १७३९ १३५७ १४१० २०४३ २०६३ १२६७ १३२८ ७६५ ७६६ Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पारण भाभाना पालामा राताभिमागमाना उपासना जेनशामारमा हस्तलिसिस मोनोअकारादिकम [ ४ ] समान्तनु नाम क्रमाक पुस्तक नाम पुरमातुं नाम २५१ उपदराना ४१ १२२४ उत्तराध्ययनरत सरतमा उत्तराध्ययनसून सरततक १४२६ उत्तराध्यानसूर रासातक किनिदपूर्ण उत्तराध्ययनसून सुखबोधावृत्ति उत्पत्ति सावन २२६७ उत्सूत्रनिराकरणनीसी उदायनराजर्षिकथा २३९७ (१) उसोत पंचमी स्तुति सटीक त्रिपाठ १३९६ उपदेशचितामणि पकरण सावचूरि १६१२ उपदेशतरंगिणी १३९० उपदेशतरंगिणी ११९९ उपदेशबत्रीशी २१७७ उपदेश बत्रीशी उपदेशमाल अवचूरि उपदेशमाल मूल १२९६ उपदेशमाल मूल १२९३ उपदेशमाल सावचूरि पञ्चपाठ । १८८३ (१) उपदेशमाला २६१४ उपदेशमाला-शकुनावली १८७३ उपदेशमाला आदि प्रकरणपोथी १८८३ उपदेशमाला आदि प्रकरणपोथी १८१५ उपदेशमाला कर्णिकावृत्ति १८५४ उपदेशमालाप्रकरण १८७३ (१) उपदेशमाला प्रकरण १८९२ उपदेशमाला पकरण १८१३ उपदेशमाला पकरण ७९३ उपदेशमाला प्रकरण १२१८ उपदेशमाला पकरण ६३९ उपदेशमाला प्रकरण उपदेशमालाप्रकरणथासंग्रह ९६ उपदेशमाला पकरण कर्णिकारख्या वृत्ति सह १३५४ उपदेशमाला प्रकरण बालावबोध २६६ उपदेशमालाप्रकरण बालावबोधसह ७१३ उपदेशमालापकरण बालावबोधसह २८९० उपदेशमाला प्रकरण बालावबोधसह उपदेशमाला प्रकरण विवरण सह १६०० उपदेशमालाप्रकरण सटीक १३४० उपदेशमाला पकरण सबालावबोध १२१७ उपदेशमाला प्रकरण सबालावबोध ७१४ उपदेशमालापकरण सस्तबक १४६४ उपदेशमाला प्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ उपदेशमाला प्रकरण सावचरि पचपाठ ११९६ उपदेशमाला प्रथम पीठीका बालावबोध ३०११ (१) उपदेशरत्नकोष बालानबोध ४७८ उपदेशरत्नमालाप्रकरण सस्तबक ७९२ उपदेशरत्नाकर १९८४ उपदेशरत्नाकर २८९८ (१) उपदेश सप्ततिका २६६१ उपदेश स्वाध्याय २०५६ उपधान गहुली २७८६ उपधान माला रोपणादि निधि ३०३१ उपधानविचारगर्भित महावीर जिन स्तवन ३०१६ उपधानविधि २१७८ उपधान विधि २१६६ उपधानविधि २१६९ उपधान विधि २१६७ उपधानविधि १३६४ उपधानविधि ११९८ उपधान विधि २७९९ उपधान विधि-अष्टोत्तरी स्वात्रविधि २८७२ उपधानविधि-श्राद्धपतिमाविधि ४५९ उपधानविधि-श्रावकबार व्रत्तोञ्चारण विधि आदि ७२८ (१) उपधानविधि स्तवन २३८४ उपधान विधि स्वाध्याय ३०१७ उपधानस्तवन उपमितिभवपपंचा कथा २३२५ उपशम स्वाध्याय २५ उपासकदशांग-पंचागसूत्र वृत्तिसह २४५७ उपासक दशांगगीत ८ (१) उपासकदशांगवृत्ति उपासकदशांग सूत्र १०१४ उपासकदशांगसूत्र ११८५ उपासकदशांगसूत्र १२९४ १२९५ २६५ Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १६५ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमाक पुस्तकनुं नाम क्रमांक १४०४ १९८४ उपासकदशागसूत्र १४२० उपासकदशागसूत्र १३७९ उपासकदशागसूत्र १३०५ उपासकदशांगसूत्र वृत्तिसह पञ्चपाठ उपासकदशांगसूत्र सस्तबक ३८४ उपासकदशागसूत्र सस्तबक ६१२ उपासकदशांगसूत्र सस्तबक उपासकदशांगादि पंचसूत्र टीका १४६३ उपासकदशाङ्गसूत्र गीत १६२६ (१) उपासकदशाङ्गसूत्र वृत्ति १७३२ उपासकदशाङ्गसूत्र सटीक १७४० उपासकदशागसूत्र सस्तबक १७०० उपासकदशागसूत्र सस्तबक १६९५ उपासकदशाङ्गसूत्र सस्तबक १५९४ उपासकदशाङ्गादि पञ्चसूत्रवृत्ति २६९९ ऋषभ जिन विवाहलु १३७१ (१०) ऋषभजिनस्तवन । २००८ ऋषभदेव धवल प्रबंध २६०५ ऋषभदेव नमस्कार २१४७ ऋषभदेवना स्तवनो २५४५ ऋषभदेव वीवाहलु २५० ऋषभदेव वीवाहलु गूटको ३३४ (१०) ऋषभदेवस्तवन ४१२ (४) ऋषभदेव स्तवन २६५६ (३) ऋषभदेव स्तवन ३१८१ (२) ऋषभदेव स्तवन ९९६ (१९) ऋषभदेव स्तवन २४६२ ऋषभदेव स्तवन २२३६ (७) ऋषभदेव स्तवन २४८७ ऋषभदेव स्तवन भास २१२९ ऋषभदेव स्तुति २४६३ ऋषभदेव स्तोत्र १९३२ (७) ऋषभसमतासुरलतास्तवन ८३१ (९) ऋषभसमता सुलभ २११८ (९) ऋषि दत्ता कथा ऋषिमंडल प्रकरण १३१६ ऋषिमडल प्रकरण वृत्तिसह १५८८ ऋषिमंडलप्रकरण वृत्तिसह १६५९ ऋषिमंडल प्रकरण सस्तबक १५५० ऋषिमडलस्तोत्र २३२२ ऋषिमंडल स्तोत्र २५१३ एकदिन पोषधादिग्रहण पुण्य संख्याकुलक सस्तबक १८७३ (६) एकविशति प्रकरण ३१९२ एकविंशतिशतकस्थान प्रकरण १८८३ (४) एकविंशतिशतस्थानप्रकरण २७४७ एकवीस प्रकारी पूजा ६१४ एकवीस प्रकारी पूजा ९२५ एकवीस स्थान प्रकरण २०८७ एकवेविंशतिप्रकारीपूजारास ११५५ एकसो सित्तेर जिन स्तवन १४७४ (२) एकाक्षरीनाममाला ८६२ एकादश गणधर देववदन ३०५१ एकादशगणधरस्तुति स्तवन २३५३ एकादश प्रतिमाविचार २२३८ (१०) एकादशी थोय ३१७२ (३) एकादशी स्वाध्याय १९७७ एलाचीकुमार रास १९७८ एलाचीकुमार रास चोपाई २१२४ ओगणत्रीश भावना २७७१ ओगणत्रीसी भावना ६५२ ओघनियुक्ति अपूर्ण ६३ ओध नियुक्ति वृत्तिसह ११८३ औपपातिकोपांगसूत्र ७९१ औपपातिकोपांगसूत्र १९८२ औपपातिकोपागसूत्र ६५७ औपपातिकोपांगसूत्रवृत्ति ७६१ औपपातिकोपांगसूत्र वृत्तिसह त्रिपाठ १३०७ औपपातिकोपांगसूत्र सटीक पञ्चपाठ ७५८ औपपातिकोपांगसूत्र सस्तबक १००४ औपपातिकोपांगसूत्र सस्तबक ६५८ औपपातिकोपांगसूत्र सस्तबक १८९६ औपपातिकोपाङ्गसूत्र १५९९ औपपातिकोपाङ्गसूत्र वृत्तिसह पञ्चपाठ १६०६ औपपातिकोपाङ्गसूत्र सटीक १८९३ औपपातिकोपाङ्गसूत्र सटीक २३८९ औष्टिकमतोत्सूत्रोघाटन कुलक अवचूरि सह त्रिपाठ २३८ कंतशिखामण सजझाय ७४ (२) कको रास Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१६६ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक १३९ ३३५ ९९९ ९३६ . कथाओ गद्य कथाकोश ३७६ कथासंग्रह ७०७ कथासंग्रह ४७० कथासंग्रह अपूर्ण कथासंग्रह अपूर्ण ७०१ कथासंग्रह त्रूटक कथासङ्ग्रह २११८ कथासङ्ग्रह २३२० कथासङ्ग्रह २३०७ कथासङ्ग्रह १९२७ कथासङ्ग्रह १४६६, कथासङ्ग्रह १७१० - कथासङ्ग्रह २८५६ कथा सङ्ग्रह २९९४ कथासङ्ग्रह गद्य ८८९ प्रतिक्रमणसूत्राणि सस्तबक १०८९ कथासङ्ग्रह गद्य १०२२ कथासङ्ग्रह चुल्हकोपरि देवराजकथा उत्तमचरित्र २२८८ कथासड्ग्रह जिणसेण. देवलिकाकथा कमलसेननृपकथा २८८७ कथा सङ्ग्रह त्रूटक १३३८ कथासङ्ग्रह सटिप्पनक ९३६ (४) कनकरथ कथा (आहारदाने) ५१७ (४) कनकरथ कथा (आहारदाने) गद्य २१९३ (३) कनकरथकथा गद्य २५१९ कपील अध्ययन स्वाध्याय २९०७ (२) कबाडीया दृष्टांत स्वाध्याय २११८ (३) कमल कथा १७१० (१) कमलकथा २५५६ कयवन्नाचरित्र चतुष्पदी १६७३ कयवन्नाशेठ चोपाई १८६२ ___करणकुतूहलकुमुद कौमुदी वृत्ति ९३६ (३) करिराज कथा (आसनदाने) ५१७ (३) करिराज कथा (आसनदाने) गद्य २१९३ (२) करिराजकथा गद्य १३१० कर्पूर प्रकर कर्पूरप्रकर अवचूरिसह ५६० कर्पूरप्रकर अवचूरि सह कर्पूरमजरी चोपाई १३७४ कर्मग्रंथ १ थी ३ मूल ९८४ कर्मग्रथ १ थी ५ ७५३ कर्मग्रंथचतुर्थ सस्तबक १५६५ कर्मग्रंथ चतुर्थ सस्तबक १५६७ कर्मग्रंथ चतुर्थ सस्तबक ५७२ कर्मग्रंथ चतुष्क सस्तबक ३८८ कर्मग्रंथचतुष्क सस्तबक कर्मग्रंथ चतुष्क सस्तबक ७६९ · कर्मग्रंथ चतुष्क सस्तबक १८११ कर्मग्रंथत्रय अर्थसह १५७५ कर्मग्रथत्रय सस्तबक ५६८ कर्मग्रंथत्रय सस्तबक ७६८ कर्मग्रंथ द्वितीय तृतीय सस्तबक १९४० ९८६ कर्मग्रंथपंचक बालावबोध सह अपूर्ण ६२६ कर्मग्रंथ पंचक सस्तबक ५५५ कर्मग्रंथपंचक सस्तबक १८१४ (१) कर्मग्रंथ पञ्चक सस्तबक १७३० कर्मग्रंथ पञ्चम सस्तबक ३८५ कर्मग्रंथ प्रथम कर्मविपाक बालावबोध सह अपूर्ण १५३९ कर्मग्रंथ प्रथम द्वितीय सस्तबक २९१ कर्मग्रंथ बीजोत्रीजो सस्तबक ८०१ कर्मग्रंथ षष्ठ (सित्तरी) सस्तबक १८१४ (२) कर्मग्रंथ षष्ठ सस्तबक (सप्ततिका प्रकरण) १४३५ कर्मग्रंथी षटक २३४५ कर्मग्रन्थ चतुर्थ-षडशीतिका प्रतिष्ठा विचार कर्मग्रन्थचतुष्कमूल २०६७ कर्मग्रन्थपचम सस्तबक २०९४ कर्मग्रन्थ यंत्राणि २०४६ कर्मग्रन्थ विचार २६२० कर्मग्रन्थ विचार २०६८ कर्मग्रन्थ षटक सस्तबक ३०६० कर्मपचीसी सज्झाय १९४७ (२) कर्मबत्रीशी। २२३९ कर्मव्होतरी चोपाई ६२४ कर्मविपाक-कर्मस्तव-बंधसामित व कर्मग्रंथ बालावबोध सह । ५७१ कर्मविपाक-कर्मस्तव-बंधसामित व कर्मग्रंथ सस्तबक Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १६७ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक ८२० ९०५ ८७५ २४८५ २० ८१३ ७५७ ६२५ कर्मविपाकप्रकरण सस्तवक १००२ कर्मविपाक प्रथम कर्मग्रंथ तथा कर्मस्तव द्वितीय कर्मग्रंथ सस्तबक १२७६ कर्मविपाक वृत्तिसह १४५७ कर्मविपाक सबालावबोध २३०९ कर्मविपाकायुर्वेद वैद्यक त्रुटक कर्मसंवेधभग प्रकरण १२०८ कर्मस्तव (द्वितीय कर्मग्रंथ) सस्तबक . ३९३ कर्मस्तव द्वितीय कर्मग्रंथ सस्तबक २९६३ __ कर्म हिंडोलणा २३०६ कर्मापुत्र कथा २५५२ कलावती रास १६११ (५) कलावती सज्झाय ३७९ (५) कलिकुडपार्श्वनाथस्तवन २४९६ कल्पनी गाथा श्लोक ४४९ कल्पसुखलता अपूर्ण ३६३ कल्पसूत्र १८८४ कल्पसूत्र-पर्युषणाकल्प १२९१ कल्पसूत्र अंतर्वाच्य टीका ६१० कल्पसूत्र कल्पलतावृत्ति ८१२ कल्पसूत्र किरणावली टीका १४२४ कल्पसूत्र दीपिकासह त्रिपाठ अपूर्ण २६३ कल्पसूत्र बालाबवोध सहित खीमशाही १२१ कल्पसूत्र बालावबोध सह ५९५ कल्पसूत्र बालावबोध सह ५८३ ७३ १०६२ १२५७ १०६० १६३७ १०५९ १८१२ १६१८ १८७८ १०११ ७९४ २७९ १७९० कल्पसूत्र बालावबोध सह कल्पसूत्र बालावबोध सह कल्पसूत्र बालावबोध सह कल्पसूत्र बालावबोध सह अपूर्ण कल्पसूत्र बालावबोध सह सचित्र कल्पसूत्र बालावबोध सहित खीमशाही त्रिपाठ कल्पसूत्र भास कल्पसूत्र मूल कल्पसूत्र मूल कल्पसूत्र मूल कल्पसूत्र मूल कल्पसूत्र मूल कल्पसूत्र मूल अपूर्ण कल्पसूत्रवृत्ति कल्पसूत्र सस्तबक कल्पसूत्र सस्तबक कल्पसूत्र सस्तबक कल्पसूत्र सस्तबक कल्पसूत्र सस्तबक कल्पसूत्र सस्तबक अपूर्ण कल्पसूत्र सस्तबक त्रूटक कल्पसूत्र सस्तबक नेमिनाथचरित्र पर्यंत कल्पसूत्र सस्तबक प्रथम व्याख्यान अपूर्ण कल्पसूत्र सस्तबक सचित्र कल्पसूत्र सुबोधिका अन्तर्गत श्लोक सङ्ग्रह कल्पसूत्र सुबोधिका टीका द्वितीयक्षण व्याख्यान-सस्तबक १६९४ कल्पसूत्र सुबोधिका टीकासह २०१५ कल्पसूत्र सुबोधिका टीकासह २०१८ कल्पसूत्र सुबोधिका वृत्तिसह कल्पसूत्रसुबोधिका वृत्तिसह ७५९ कल्पसूत्र सुबोधिका वृत्तिसह २०२६ कल्पसूत्र सुबोधिका वृत्तिसह त्रिपाठ ६२९ कल्पसूत्र सुबोधिका वृत्तिसह त्रिपाठ ३२०६ (१) कल्पसूत्र सुवर्णाक्षरी सचित्र २८८६ कल्पान्तर्वाचना २४६५ कल्याणक अधिकार तथा श्रावक दश प्रतिमा विधि १८८३ (१२) कल्याणमंदिर १०९७ कल्याणमंदिर सटीक त्रिपाठ २२१३ कल्याणमदिर सटीक पञ्चपाठ अपूर्ण २१०५ कल्याणमंदिरस्तोत्र २०३७ कल्याणमंदिरस्तोत्र २९९६ भक्तामरस्तोत्र २६५२ (१) कल्याणमंदिरस्तोत्र ३४६ कल्याण मंदिरस्तोत्र ५६७ कल्याणमदिरस्तोत्र अवचरि शब्दार्थ २०७४ कल्याणमदिरस्तोत्र पजीका वृत्तिसह त्रिपाठ १२९ २०१६ १६३८ १५६८ Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रमांक ३७२ २७८ १२०२ २९९३ २०३४ २१५ १०९९ १९४९ १५५४ ७८९ १०९६ ७८८ ११४० ९८३ २९७१ ३४४ २३३३ १२९० १४७० १९४८ १३११ 묵묵 १८९७ २५३५ २९०६ पुस्तकनुं नाम पाटण भाभाना पाडामां रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिकम क्रमांक पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम कल्याणमंदिरस्तोत्र वृत्तिसह कल्याणमंदिर स्तोत्र वृत्तिसह त्रिपाठ कल्याणमदिरस्तोत्र वृत्तिसह त्रिपाठ कल्याणमंदिर स्तोत्र सटिप्पनक कल्याणमंदिरस्तोत्र सटीक कल्याणमंदिरस्तोत्र सटीक त्रिपाठ कल्याणमंदिर स्तोत्र सटीक त्रिपाठ कल्याणमदिरस्तोत्र सवृत्ति सह त्रिपाठ कल्याणमंदिरस्तोत्र सस्तबक कल्याणमदिरस्तोत्र सस्तबक कल्याणमंदिर स्तोत्र सस्तनक कल्याणमदिरस्तोत्र सस्तबक कल्याणमंदिरस्तोत्र सस्तबक कल्याणमदिर स्तोत्र सस्तबक कल्याणमदिरस्तोत्र सस्तबक कल्याणमदिरस्तोत्र सस्तबक कल्याणमंदिर स्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ कविशिक्षा कातत्रदुर्गपदप्रयोध कातंत्रविभ्रम वृत्तिसह त्रिपाठ कातंत्रविभ्रम सावचूरि त्रिपाठ कामधेनु पद्धति अपूर्ण कामसमूह महाकाव्य कायस्थिति सस्तबक कायस्थिति मतव ११७५ (५) कायस्थिति स्तव त्रिपाठ २३३४ ३७७ २९०८ २८८० ४२६ १८२० १२०४ १९७६ १२७७ ३१८३ ५१२ ३१६ ७९० ३२०६ (२) २३४४ १९७ ४८० २६८० २९०९ २८६ १६१९ ५/५० १८३० काय स्थिति स्तव विजयसेन सूरि गीत कायस्थितिस्तव सस्तबक कायस्थितिस्तव सावचूरि पञ्चपाठ कायस्थितिस्तोत्र बालावबोध कायस्थितिस्तोत्र वृत्तिसह त्रिपाठ कायस्थितिस्तोत्र सस्तबक कायस्थितिस्तोत्र सस्तबक कायस्थितिस्तोत्र सस्तबक कायस्थिति स्तोत्र सावचूरि काया स्वाध्याय कालसत्तरी प्रकरण सस्तबक कालिकाचार्य कथा कालिकाचार्य कथा कालिकाचार्य कथा सचित्र काव्यकल्पलता काव्यकल्पलता कविशिक्षा वृति काव्यकल्पलता सस्तबक किरातार्जुनीय काव्य त्रूटक किरातार्जुनीय काव्य वृत्तिसह पञ्चपाठ किरातार्जुनीय घंटापथटीकार्नु मंगलाचरण किरातार्जुनीय महाकाव्य किरातार्जुनीय महाकाव्य त्रिपाठ प्रदीपिका वृत्तिसह किरातार्जुनीय महाकाव्य सटीक त्रिपाठ १८२६ १६३५ पञ्चपाठ २१३२ कुंथुनाथ स्तवन ६१८ (४) कुगुरु- सुगुरु स्वाध्याय कुगुरु वर्णन ३०६७ १९५५ कुमति खंडन स्वाध्याय सबालावबोध त्रिपाठ ३१३० ६१८ (५) २४९० (१) ९७ २८० ६०७ ३८३ १५७९ ८११ २२१४ ७७ ६० ६१ १९७६ १४६९ ९३६ (१) ५१७ (१) किरातार्जुनीय महाकाव्य सटीक त्रिपाठ कीरातार्जुनीय महाकाव्य सावचूरि कुमति स्वाध्याय कुमति स्वाध्याय कुमति स्वाध्याय कुमारपालचरित्र कुमारपालरास कुमारपालरास [ १६८ ] कुमारपाल रास कुमारपाल रास कुमारपाल रास कुमारसंभव काव्य कुमारसभव महाकाव्य कुमारसभव महाकाव्य कुमारसंभव महाकाव्य चतुर्थंसर्ग कुमारसंभव महाकाव्य सटीक त्रिपाठ कुमारसंभव सटीक कुरुचन्द्र कथा ( वसतिदाने) कुरुचन्द्र कथा ( वसत्तिदाने) गद्य Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रथोनो अकारादिक्रम [ १६९ ] क्रमांक पुस्तक-नाम क्रमांक क्रमाक पुस्तकनुं नाम पुस्तकनुं नाम ९१९ १५११ कुलध्वजकुमाररास १२७३ कूर्मापुत्र चरित्र १२७४ कूर्मापुत्र चरित्र कूर्मापुत्रचरित्र सस्तबक २३०५ कूलावती सज्झाय २०३६ कृतपुण्यक कथा १३७३ कृतपुण्यश्रेष्ठि रास ७३३ (२) कृष्णजी बारमास ८६३ कोकशास्त्र गद्य अपूर्ण ४६८ (१) कोकशास्त्र वार्ता गद्य ३०६६ कोचर ववहारी रास २८९८ (२) क्रियारूप करम आववानु कारण विचार २२३६ (२) क्रोध सज्झाय ३११३ (२) क्रोध स्वाध्याय क्षमा छत्रीशी सीमधर जिन स्तवन २३८६ क्षमा छत्रीसी ३१४१ क्षमा छत्रीसी १८१८ क्षमा पञ्चावनी २९८३ , क्षमाविजयगणिनिर्वाण महोत्सवरास ६८ क्षुल्लकभवावलिकाप्रकरण अवचूरिसह पञ्चपाठ ५९७ (२) क्षेत्रविचार १५०४ क्षेत्रसमास-लघुक्षेत्रसमास प्रकरण बालावबोध सह १८८३ (११) क्षेत्रसमास प्रकरण २८७ क्षेत्रसमासप्रकरण क्षेत्रसमासप्रकरण-लघुक्षेत्रसमास प्रकरण क्षेत्रसमास प्रकरण-लघुक्षेत्रसमास सबालावबोध पञ्चपाठ अपूर्ण १५०३ क्षेत्रसमासप्रकरण-लघुक्षेत्रसमास स्वोपज्ञवृत्तिसह १७०८ क्षेत्रसमासप्रकरण लघुक्षेत्रसमास यंत्रचित्र सहित २२३३ खंडषड्विंशिका मौन एकादशी स्तुति १६११ (१०) खंधक कुमार सज्झाय ५४८ खरतर गच्छीय सामायिक प्रति क्रमण-पोसह विधि २९८८ खिमा (क्षमा) स्वाध्याय १८८२ खीमरिषि रास २७७५ खीमरूषि रास २४५३ ख्याल २०३५ गच्छाचारप्रकीर्णक बालावबोध सह १८१९ गच्छाचारप्रकीर्णक वृत्तिसह बीजकसह २९४२ गजसुकुमाल चउढालीया २१९५ गजसुकुमाल भास २६८६ गजसुकुमाल रास ३१२९ गजसुकुमाल रास २६८५ गजसुकुमाल रास १६०१ गजसुकुमालरास १२०७ गजसुकुमाल रास ११७२ गजसुकुमाल रास-भास ३१३७ गजसुकुमाल स्वाध्याय ३१४६ गणधर छंद गणधर देववंदन ५८९ गणधरवाद गणधरवाद २७३१ गणधरवाद आदि स्तवन सङ्ग्रह गणधरवाद बालावबोध १९३२ (३) गणधरवादस्तवन १३७१ (३) गणधरवादस्तवन ८३१ (३) गणधरवाद स्तवन १८७३ (४) गणधर संस्तव २९३९ गमागम पृच्छा ३१२१ गर्भावास स्वाध्याय ३१८७ (९) गहुली २७३९ गहुली ३१८७ (८) गहुँली ३१८७ (१३) गहुली ३१८७ (४) गहुली ३१८७ (५) गहुंली ३१८७ (६) गहुंली २९४० गिरनारकल्प सस्तबक ९९६ (७) गीत २१८६ (६) गीत २१८६ (१२) गीत २१८६ (१३) गीत २१८६ (१०) गीत २१८६ (१५) गीत . Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १७० ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकर्नु नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम क्रमाक पुस्तकनु नाम क्रमांक २३४० १३२३ ३१७३ २३०० ११०० गौतमपृच्छा अर्थसह गौतमपृच्छा चोपाई गौतमपृच्छा चोपाई गौतम पृच्छा प्रकरण गौतमपच्छा प्रकरण सटीक गौतमपुच्छा बालावबोध बीजक सह गौतम पृच्छा बालावबोध सह गौतमपृच्छा बालावबोध सह गौतमपच्छा बालावबोधसह बीजक ৩৩ १२८० ৩৩০ ८६४ १८१६ सह २१८६ (११) गीत ३०९ (११) गीत ३१८८ गीत गोविंद ३१८२ गीत सङ्ग्रह ३०४० गीता चन्दो गुणरत्नाकर छंद गुणसमुद्रब्राह्मण कथा ५५० गुणस्थानक प्रकरण १३२० गुणस्थानकप्रकरण सटीक २४९८ गुणस्थानक सज्झाय २५४० गुणस्थान गीत १२७९ गुणस्थान प्रकरण वार्तिक सह १६४७ गुणस्थानप्रकरण सटीक ८०३ गुणस्थानपकरण स्वोपज्ञवृत्ति सह २६६५ गुणस्थाने चढवा पडवानो विचार २३६८ गुणावली चोपाई ५०७ गुणावलीनो लेख ३००४ गुणावली लेख १४९८ गुरुतत्त्वविनिश्चय सटीक त्रिपाठ २२९४ गुरुभक्तिकुलक ३१०२ गुरुभास २२८२ गुरुवदनक भाष्य सस्तबक १८६५ (4गुरुवंदनभाष्य २८३९ गुरुसज्झाय-रास २२७४ गुरु स्तुति २७२९ गुरूगुणपट्त्रिंशिका ९२१ (३) गृहली ९२१ (७) गूंहली ९२१ (६) गृहली ९२१ (८) गृहली ९२१ (५) गृहली ९२१ (४) गूंहली २५९७ गृहस्थधर्ममर्यादा सस्तबक २१८६ (५) गोडी जिन स्तवन ३०६१ गोडी पार्श्वजिन छंद ३१३८ गोडी पार्श्वनाथ लावणी २९१४ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन २९१३ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन ३१६७ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन २५२७ (१) गोडी पार्श्वनाथ स्तवन २२४५ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन ५९० गोडीपार्श्वनाथ स्तवन ३११७ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन सज्झाय ३०८९ गोरखनाथ पावडी २६६३ गोष्डी पार्श्वनाथ स्तवन २३५२ गौतम कुलक २०४९ गौतमकुलक बालावबोध सह २६७ गौतमकुलक बालावबोधसह १९५९ गौतमकुलक वृत्तिसह १८७० गौतमकुलक सटीक १९४३ गौतमकुलक सस्तबक २७४८ गौतम कुलक सस्तबक ३००८ गौतमकुलक सस्तबक ७३६ गौतमकुलक सस्तबक २८८५ गौतम केवली शकुनावली ८३१ (२१) गौतम दिपालिका स्तवन १५१९ गौतमप्रश्नोतरस्तवन ८६५ गौतम प्रश्नोत्तर स्तवन २२४ गौतमरास २४९५ गौतम स्वामि भास अध्यात्म भास २२६८ गौतमस्वामि रास गौतमस्वामिरास १९३२ (१९) गौतमस्वामिस्तवन १३५२ गौतमस्वामीरास १८३६ ग्रहलाघवसिद्धातरहस्य २६४० घी सज्झाय १३३८ (१४) चंडा-प्रचडाकथा ७४० चदराजारास १६६२ चंपकवेष्ठि कथानक चंपकश्रेष्ठि कथानक चउद गुणस्थानक स्वाध्याय टीप्पणी सह २६०७ चतुःशरण प्रकरण ३२४ Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १७१ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमाक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक ३०२१ १५१ १९४६ चतुःशरणप्रकिर्णक सस्तबक ३२६ चतुःशरणप्रकीर्णक ३४२ चतु:शरण प्रकीर्णक १३१ चतु-शरण प्रकीर्णक पजीकावृत्ति सह त्रिपाठ चतु-शरणप्रकीर्णक बालावबोधसह १२७५ चतुःशरण प्रकीर्णक बालावबोध सह १३६७ चतु.शरण प्रकीर्णक सबालाव० पचपाठ २३३ चतु-शरणप्रकीर्णक सस्तबक २१६ चतु शरणप्रकीर्णक सस्तबक १८२ चतुःशरणप्रकीर्णक सस्तबक ३२७ चतु-शरणप्रकीर्णक सस्तवक २१८२ चतुःशरण पकीर्णक सस्तबक ३०२२ चतुःशरणप्रकीर्णक सस्तबक ४८१ चतुःशरणप्रकीर्णक सावचूरि पञ्चपाठ ७५४ चतु शरणप्रकीर्णक अवचूरि ७५५ चतु शरणपकीर्णक बालावबोध २९४१ चतुर्गति वेली १९४२ चतुर्गतिवेली २०२५ चतुर्थ कर्मग्रन्थ (खडशीति) सस्तबक २३७७ चतुर्थव्रतकथा अपूर्ण ८२३ चतुर्दश गुणस्थानक भास २२८६ चतुर्दश गुणस्थानक सज्झाय ३०९ (२) चतुर्दश गुणस्थान स्तवन १००८ चतुर्पुर्वी रास २९४८ चतुर्मास व्याख्यान १३३८ (८) चतुर्मासिका ग्रहपालने अमरसेन कथा २५९१ चतुर्विशति जिन आयुष्य गर्भित स्तवन २५४८ चतुर्विंशतिजिन छंद आदि ३०७९ चतुर्विंशति जिन नमस्कार २८६० (१) चतुर्विंशतिजिन नामार्थ स्तवन ३०६२ चतुर्विशतिजिनस्तवन ८३१ (६) चतुर्विशतिजिन स्तवन २२४८ चतुर्विशतिजिन स्तवनो २५९६ चतुर्विशति जिन स्तवनो २८६६ चतुर्विशति जिन स्तवनो (चोवीसी) ११५३ चतुर्विशतिजिनस्तुति सावचूर्णि २०७९ चतुर्विशतिजिनस्तोत्र वृत्ति २३६४ चतुर्विशतिजिननमस्कार २२०३ चतुर्विशति जिन भास अपूर्ण . १९३२ (६) चतुर्विशतिजिनस्तवन । ७०९ चतुर्विशति जिन स्तवन बालाव०सह ५५२ चतुर्विशति जिन स्तवन सस्तबक २७५५ चतुर्विशति जिन स्तवन सस्तबक ४८३ चतुर्विशतिजिनस्तवनो (चोवीशी) १५८९ चन्दन-मलयागिरि चोपाई चन्दनबाला वेली २५२२ चन्दनबाला सज्झाय १६११ (६) चन्दन बाला सज्झाय ९९६ (१२) चन्दना सज्झाय ९३३ चन्द्रधवल-धर्मदत्त कथा ७८ चन्द्रप्रज्ञप्तिउपागसूत्र १६४८ चन्द्रप्रज्ञप्तिउपाङ्गसूत्र ३१०६ (२) चन्द्रप्रभ स्तव २९४६ चन्द्रलेखा चोपाई १९६८ चमत्कार चिंतामणि ३१५५ चमत्कारचिंतामणि ज्योतिष चमत्कारचितामणि सस्तबक २४२२ चरणसत्तरी करणसत्तरी ३०९ ४) चरणसत्तरीकरणस्वाध्याय १३२२ चातुर्मासिक व्याख्यान १९६१ चातुर्मासिक व्याख्यान २३५४ चार आहार विचार ३०७७ चार क्षामणा सस्तबक १९७२ चारप्रत्येक बुद्ध चोपाई १४१२ चार प्रत्येकबुद्ध चोपाई २०४ चार मंगल भास ३०६९ चितामणि पार्श्वनाथ विनति २४२९ (२) चिंतामणि स्तोत्र २४९० (२) चित्र-संभूत स्वाध्याय १५९० चित्र-संभूति चोपाई १०२४ चित्रसेन-पद्यावती कथा २३९० (१) चित्रसेन-पद्मावती चरित्र ९१८ चित्रसेनपद्मावती कथा ६२० चित्रसेनपद्मावती कथा २७७४ चित्रसेन पद्मावती कथा ३०२३ Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रथोनो अकारादिक्रम [ १७२ ] क्रमांक पुस्तकनुं नाम कमांक पुस्तकनुं नाम क्रमाक पुस्तकनुं नाम १५०७ ३२० ७८३ १५६ चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय त्रिपाठ सबालावबोध चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय पञ्चपाठ बालावबोधसह चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय बालावबोध सह चैत्यवदनादि भाष्यत्रय सस्तबक चैत्यवदनादि भाष्यत्रय सस्तबक चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय सस्तबक चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय सस्तबक चैत्यवंदनादि भाष्यत्र्य चैत्यवदनादिभाष्यद्य बालाव० ५८० _९८५ ८०५ १०७३ २६२४ २३८१ १६९ सह २६६८ चित्रसेनपद्मावती कथानक ७९५ चित्रसेनपद्मावती कथा सस्तबक १३८० चित्रसेनपद्मावती चरित्र २५५४ चित्रसेन पद्मावती चरित्र पद्य १७६ चित्रसेन पद्मावती चरित्र सस्तबक १६८५ चिलातिपुत्र स्वाध्याय २६३८ चिहुं गति वेली चुरादिगण धातु (सिद्धहेम शब्दानुशासन) १३२१ चुरादिधातुगण सावजूरि त्रिपाठ ३१२५ चेतन स्वाध्याय आदि १८८३ (९) चैत्यपरिपाटी २१३६ चैत्यवंदन-स्तवनो १८६५ ४) चैत्यवदनभाष्य १६२१ चैत्यवंदनभाष्य सस्तबक ६६१ चैत्यवंदन भाष्य सस्तबक १६७ चैत्यवंदनसंग्रह २५०२ चैत्यवंदन सज्झायादि सङ्ग्रह ४३८ चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय ७८२ चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय ११३६ चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय १९५१ चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय २७२० चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय ८०८ चेत्यवंदनादिभाष्यत्रय अवचूरि सह ७८४ चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय त्रिपाठ अवचूरिसह चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय त्रिपाठ बालावबोधसह चोवीश जिन चैत्यवंदन सीमंधर स्वामि आदि स्तवन ३१९ चोवीश जिन स्तवन २२५० चोवीश जिन स्तवन १०९३ चोवीश जिन स्तवन १०९४ चोवीश जिन स्तवन १८६६ चोवीशजिन स्तवन ३८७ चोवीशजिन स्तवन (श्रेयांस जिन पर्यंत) ८४१ चोवीश जिन स्तवन बालाव० सह २२६९ चोवीश तीर्थकर आंतरा स्तवन चोवीशतीर्थकरना २७ बोल आदिसग्रह ३४८ चोवीशीजिनस्तवनो (चोवीशी) १७५९ चोवीशी दंडक ओगणत्रीश द्वार २७०५ चोवीसजिन गीत स्तवन २३७३ चोवीस जिन छंद ११५७ चोवीसजिन नमस्कार ७९८ चोवीसजिन स्तवन १३१३ चोवीसजिनस्तवन ७९७ चोवीसजिन स्तवन १३१४ चोवीसजिनस्तवन १३३३ (१) चोवीसजिनस्तवन २३८० चोवीस जिन स्तवन २५४७ ४) चोवीसजिन स्तवन २१३१ चोवीस जिन स्तवन २०५२ चोवीस जिन स्तवन २५४७ (२) चोवीसजिन स्तवन १०९१ २०० चैत्यवंनादिभाष्यत्रय बालावबोध सह त्रिपाठ चैत्रीपूनम देववदन चेत्रीपूनम देववंदन विधि २४८० चोपडीयां वगेरे ज्योतिष २९४९ चोत्रीस अतिशय गाथा सस्तबक २०६५ चोमासी देववंदन १०३ चोमासी देववंदन २२८ (१) चोमासी देववदन विधि १९५८ चोमासी संवच्छरी देववंदन २११० चोराशी आशातना गाथा सस्तबक २१८९ चोराशी आशातना स्तबक चोराशी वाद २००७ चोविसजिन स्तवन २७६३ चोवीश अतिशय स्तवन ५५८ Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रमांक ३०२९ ६१९ ४६० १३५० चोवीसजिनस्तवन चोवीसजिनस्तवन १३६६ १३७१ (७) चोवीसजिनस्तवन ३०२८ २७३७ ७९९ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमाक पुस्तकनु नाम चोवीस जिन स्तवन ३०२७ चोवीस जिन स्तवन ३०५७ (१) चोवीसजिन स्तवन ३०२६ चोवीस जिन स्तवन ३०९५ चोवीस जिन स्तवन ३१११ चोवीसजिन स्तवन २९५६ (२) चोवीस जिन स्तवन ३००५ चोवीस जिन स्तवन ३०७४ ३००२ पुस्तकनुं नाम २८२ १९५६ चोवीस जिन स्तवन चोवीसजिन स्तवन ३०२५ १४४९ ११५७ (१) चोवीसजिन स्तुति थोय स्तवनादिसङ्ग्रह चोवीस जिन स्तवन चोवीस जिन स्तवन ( नेमिजिन पर्यन्त) चोवीस जिन स्तवन (श्रेयासजिन पर्यंत) चोवीस जिन स्तवन आदि चोवीस जिन स्तुति- थोय चोवीस जिन चेत्यवंदन चोवीस जिनादिस्तवन संग्रह चोवीस तीर्थकर एकसो वीस कल्याणक स्तवन चोवीस तीर्थकर जिन स्तोत्र चोवीस तीर्थकरना सात बोल विचार २५४९ २४५१ १८४६ ५५९ १३९७ २३१२ २१०० २९७९ २४५० ६२२ ५०८ ६२१ ३७३ २३७८ २४८९ १५३१ १३२ ३१४२ २१०४ ३३४ (१) २१८१ २९६० २२६४ चोवीस तीर्थकर पंचकल्याणक नमस्कार चोवीस तीर्थंकर परिवार स्वाध्याय चोवीस दंडक ओगणत्रीस द्वार चोवीस दंडक ओगणत्रीस द्वार चोवीसदंडकगतिआगत चोवीस दंडकनी विगत चोवीस दडक बोलविचार चोवीस दंडक विचार गर्भित वीरजिन स्तवन चोवीस दडक स्वाध्याय सस्तबक चोवीसीजिन चौदबोल गर्भित स्तवन चोवीसीजिन स्तवन चोवीसीजिन स्तवन चोवीसीजिनस्तवन नमस्कार चोवीसी स्तवन चोवीसी स्तवन चोसठप्रकापूजा चोसठ प्रकारी पूजा चौद नियम चौमासी देववंदन अंतर्गत स्तवन सङ्ग्रह छ आरानुं स्तवन छ आरा स्वरूप महावीर जिनस्तवन छ कायनुं स्वरूप छठ्ठा आरानी सज्झाय १०९० २४९४ (१) २३६५ ९५८ ७९६ ५९३ ३५ ३०८ १५४ ३ ४०३ ४०५ ८५१ ६१८ (१) ४५२ १०८४ १११ १४६५ १३६३ १५२२ १६५८ १५२४ १९४१ १२७८ [ १७३ ] छन्नु तीर्थकर नमस्कार वीतराग नमस्कार छ महाव्रत सज्झाय छ व्रतनी सज्झाय छान - छावण मुहूर्त्त ज्योतिष जंबूकुमाररास जंबूकुमार रा जंबूद्वीपचूर्णि जंबूद्वीपसंग्रहणी जंबूद्वीपसंग्रहणीप्रकरण सस्तबक जंबूद्वीपसमास प्रकरण विनेयजनहिता टीका सह जंबूस्वामि चरित्र बालावत्रोध जंबूस्वामि चरित्र सस्तलक जंबूस्वामि चरित्र सस्तबक जंबूस्वामि ब्रह्मगीता जंबूस्वामीचरित्र सस्तबक जन्मपत्रिका विचार सस्तलक जमालिचरित्र सस्तबक जमाली अध्ययन (भगवतीसूत्र अंतर्गत) जम्बूकुमार रास जम्बूकुमार रास जम्बूकुमार रास जम्बूकुमाररास किचिदपूर्ण जम्बूद्वीपक्षेत्रसमासप्रकरण बालाव० सह जम्बूद्वीपक्षेत्रसमास प्रकरण सस्तलक Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ TA १९०९ 207 454 ८४ ५१५१६ २८२५ २०११ (१) २०६ १२२० १८५ १२३५ २४२८ ९२० १६५५ २२५५ ११५२ १५३२ १९७१ १८४२ २१९६ २८०५ **PR HO 13" " *******ATIES जम्बूदीपपपन प्रणम्यक पाठ Comme aurrerain wing समुदपाणी नदीपा समीप गएको नरोप स **** परिपाल लम्बुपसणी प्रकरण विपांत सह यूपी प्रकरण सखरक जम्बुदपरायणी वृतिसह विपाठ जम्बूदीपरागणी सटीक निपाठ जम्मूरीपसग्रहणी रासायक जम्बुदोपस ग्रहणी सावचूरि रिपाठ जम्नप्रकारास जनपुच्छारास जम्नुस्वामि चोपाई जम्नुस्वामि चोपाई जम्बुस्वामि दाल a"," 74 ११८ २९ २५८३ १.८.२ १८५२ १५५२७ ३१६२ ८५८ २९३५ *** P**** एम 20 कुरान शर सम्पर कभी क NITRATOL भगव उपलिका समोर afri यो स्वीप जयणित-पातिकक्षामा विम्वोर निपाठ सुन जयविवो निपाठ सानो अपूर्ण जयविपणन स्तरक जयविरण स्तोत सखनक १८३८ २५५९ १७१० (८) जयभर कथा २५९ १०७८ २७० जयविजयकुमारचरितरास जयानंदकेवलीचरित्र जयानदकेवलीरास २०८५ जल्पमजरी २०६२ जातक पद्धति वृत्तिसह १७३४ जातकपद्धति सवृत्ति १७१० (६) जित परिव्राजक कथा २९६२ २२३० २८१७ १८४१ जिनचन्द्र सूरि निर्वाण रास जिननमस्कार आदि सङ्ग्रह जिननमस्कार स्तुति जिनपूजाधिकार २००५ २०१८ २००८२ To शुरू भन्छ २२९० २५७९ Burn 10t Papaart दिव fotope tetम मकर IN Fमापन १२५३ (0) 17 २१९८ विनिमायाप २६२८ जिन प्रतिमा डी २८९८ (४) मिस भवन गीत २९५६ (१) दिन १८: १६०५ १२३० का जिन ववन जिन स्तवन विनातक Beware ghr: i curs विनशक्क सोस जिनशनक गावचुरि पपाठ २४८८ ३०९ (८) निस्खलन जिनस्तवन २१९ ३११२ (२) जिन वन जिन स्तोत्र २१७५ १६५७ २१४० २३५९ १३१७ २०८८ (२) १०८६ जीतकल्पसूत्र 1 जिनस्तोन कोश जिनस्तोन रत्नकोश जिनेन्द्र स्तव चोवीसदंडकगतिआगत जिनेश्वर विनति Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रमांक १०७७ ६९९ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जेन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम २४७६ २५९४ २८७० २८८९ जीतकल्पसून वृत्ति जीमूतवाहन कथानक अभयदान विषये जीराउला पार्श्वजिन स्तवन २६१२ २७७० जीव उत्पत्ति सज्झाय २८०३ सुभद्रासती सज्झाय १३३८ (१०) जीवदयोपरि- जीवराज कथा ९९६ (२३) जीवप्रतिबोध सज्झाय ८५९ जीवविचार प्रकरण ८५६ जीवविचार प्रकरण १८६५ (२) जीवविचार प्रकरण जीवविचार प्रकरण जीवविचार प्रकरण जीवविचार प्रकरण जीवविचार प्रकरण अपूर्ण सत्रालावबोध १९६९ जीवविचार प्रकरण बालावबोध ३०३० (१) जीवविचारप्रकरण बालावबोधसह १९७० १३५१ १०८० ९५५ १०८१ ८५४ ८५२ ८५७ ८६० १३४९ जीवविचार प्रकरण मूल जीवविचारप्रकरण सटीक त्रिपाठ जीवविचार प्रकरण सबालावबोध जीवविचार प्रकरण सवालावबोध जीवविचार प्रकरण सवालावबोध जीवविचारप्रकरण सस्तबक जीवविचारप्रकरण सस्तलक जीवविचार प्रकरण सस्तलक जीवविचार प्रकरण सस्तनक जीवविचारप्रकरण सस्तनक १६५३ १८४५ १८८ जीवविचार प्रकरण सस्तबक जीवविचार प्रकरण सस्तनक जीवविचारपकरण सस्तलक जीवविचार प्रकरण सस्तनक जीवविचार प्रकरण सावचूरि जीवविचारस्तवन २६१३ १२३१ ८५३ ६६० (१) जीवविचार स्तवन १०७९ जीवानुशासन सटीक १३ ६२३ ७ १२ ८१४ १०४१ १८४ १४८५ १८२१ जीवाभिगमोपांगवृत्ति जीवाभिगमोपांगसूत्र जीवाभिगमोपांगसूत्र जीवाभिगमोपांगसूत्र जीवाभिगमोपांगसूत्र जीवाभिगमोपांगसूत्रवृत्ति जीवाभिगमोपांगसूत्र सस्तलक जीवाभिगमोपाङ्गसूत्र जीवाभिगमोपाङ्गसूत्र वार्त्तिक सस्तबक १९६५ जैन तर्कभाषा १७७५ (१) जेन मेघदूत काव्य ४०६ जोगीवाणीभास २०९८ जोगीवाणी भास ६५ ६६ ३० ३३२ ९८० ७७५ ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र ' ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र ज्ञाताधर्मकथासूत्र ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र ७७३ १९८९ २९ २८ २९१७ ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र सज्झाय १८८८ ज्ञाताधर्मकथाङ्गवृत्ति १४३१ ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र १६७१ १४२५ ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र ११२४ ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र १२६० ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र १२६३ ११३१ १४०२ १४६८ १७३८ २६८७ ३१६४ ९९८ ८३३ ११५१ ३०६५ ३३६ ४३६ ज्ञाताधर्मकथागसूत्रवृत्ति ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र वृत्ति ज्ञाताधर्मकथांगसूत्रवृत्ति ज्ञाताधर्मकथागसूत्रवृत्ति ९७७ २३९ [ १७५ ] ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्रवृत्ति ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र मटीक ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र सटीक त्रिपाठ ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र सस्तबक ज्ञानक्रियासंवाद बालाव० सह ज्ञानतिलक ज्ञानपंचमी - सौभाग्यपंचमी कथा ज्ञान पंचमी कथा ज्ञानपचमी कथा ज्ञानपंचमी कथा ज्ञानपंचमीकथा ज्ञानपंचमीकथा (सौभाग्य पंचमी कथा) ज्ञानपंचमीकथा सस्तबक (सौभाग्य पंचमी) ज्ञानपंचमी देववंदन Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ • पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम [ १७६ ] क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमाक पुस्तकनु नाम क्रमाक पुस्तकनु नाम २९२३ २९३८ १३१२ १८९० ९७९ ७८० २३५८ ३०९४ १९७५ २९१० २८७३ २७१ १९९ ज्ञानपचमी देववंदन २३४३ (२) ज्ञानपचमी सज्झाय २५५१ ज्ञानपचमी स्तवन ३८० ज्ञानपचमीस्तवन ३१७४ ज्ञानपचीशी ८८३ ज्ञानपचीशी बालावबोध त्रिपाठ २६४२ ज्ञान पचीसी २५१५ ज्ञानपचीसी अर्थसह २५१८ ज्ञानपचीसी अर्थसह १७९७ ज्ञानपञ्चमीकथा-सौभाग्यपञ्चमी कथा १९०२ ज्ञानपञ्चमी कथा सस्तबक ९१३ ज्ञानप्रबोध २३४ ज्ञानसागर-ज्ञानमंजरी टीकासह - त्रिपाठ २७८२ ज्ञानसागर प्रकरण १३२९ ज्ञानसागर बालावबोध सह ज्ञानसार अष्टक बालावबोध त्रिपाठ ज्ञानसार बालावबोध सह ५९९ ज्ञानसार स्वोपज्ञ बालावबोध सह २९९ ज्ञानसार स्वोपज्ञ बालावबोध सह ७३४ ज्ञानसार-पूर्णताष्टक १९७ ज्ञानोपयोगी स्तुति स्वोपज्ञ बालावबोधसह त्रिपाठ ३७८ ज्योतिष अतरदशा आदि २५३४ ज्योतिष नाममाला ५३३ ज्योतिष बालावबोध २११ ज्योतिष बालावबोध ८६१ ज्योतिष बालावबोध ज्योतिष बालावबोध १२८ ज्योतिषरत्नमाला रुचिरविवरण २३३० ज्योतिष विचार १५५८ ज्योतिष सस्तबक ज्योतिषसार ३६९ ज्योतिष सार संग्रह १८५५ ज्योतिषसारसग्रह १०८३ (२) ज्वालामालिनी स्तोत्र २४६९ झांझरीया ऋषिनी सात ढाल २१८४ झांझरीया ऋषि सज्झाय २९७७ झांझरीया मुनिरास २७६५ झांझरीया मुनि सज्झाय ३१७० झांझरीया रूषि सज्झाय २२३६ (६) ढंढण ऋषि सज्झाय १६११ (७) ढढण कुमार सज्झाय ३०५९ ढंढण कुमार स्वाध्याय २७१९ ढंढण मुनि स्वाध्याय २७६४ ढुंढक पचीसी ४२३ ढूंढकचर्चा ३१७ दूढीयानी चर्चा स्थानकवासी चर्चा २७११ ढोलामारू चोपाई १४८९ तंदुलवैचारिक प्रकीर्णक सबालाबोध ४९८ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र २०३२ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र बालावबोध २५६७ तपागच्छ पट्टावली तपावली तपावली तर्कपरिभाषा तर्कपरिभाषा तर्कभाषा तर्कभाषा तर्कभाषा तर्कभाषा (न्याय) अपूर्ण तर्कभाषा अपूर्ण तर्कभाषाटीका अपूर्ण तर्कभाषाप्रकाशिका टीका तर्कसंग्रह तर्कसग्रह स्वोपज्ञदीपिका टीकासह त्रिपाठ तर्कसङ्ग्रह तर्कसड्ग्रह तर्कसङ्ग्रह दीपिका तर्कसङ्ग्रह मूल ताजीक सार तारंगातीर्थ स्तवन तार्किकरक्षा-व्याख्यानसार सड्ग्रह न्यायग्रंथ तिजयपहुत्त स्तोत्र तिजयपहुत्त स्तोत्र तिजयपहुत्तस्तोत्र तिजयपहुत्त स्तोत्र तिजयपहुत्त स्तोत्र तिजयपहुत्तस्तोत्र सस्तबक १५२० २००१ २००२ २७५३ ३०९१ १४११ १५५ २६५१ २९६५ २६९२ २७१० २९४३ २८६४ Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१७७ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम | क्रमांक १९८० ३१२ १०९२ ५७५ ७३९ १६९७ २६४ २१५८ १५१२ २५६५ २९०३ तीर्थकर लक्षण विचार १५३० । तीर्थकल्प २९३६ तीर्थमाला २३२८ (२) तीर्थ स्तवन ९९६ (५) तीस वीस २९८५ तेजसिंह मुनि भास ११०५ तेर काठीया सज्झाय २७४० त्रण चोवीसी शाश्वताजिन वंदन ३१२७ त्रिगढा स्तवन १२७ त्रिषष्टिशलाकापुरष चरित्र प्रथम पर्व सर्ग१-६ त्रिषष्टिशलाकापुरष चरित्र सप्तम पर्व जैनरामायण सस्त त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र अष्टम पर्व-नेमिनाथ चरित्र २१ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र अष्टमपर्व नेमिनाथ चरित्र त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र अष्टमपर्व नेमिनाथ चरित्र १९९२ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र अष्टमपर्व नेमिनाथचरित्र ३५९ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र अष्टम पर्व नेमिनाथ चरित्र सस्तबक ८८ त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र दशम पर्व. सर्गर-१३ ११३५ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र नवम २९८ ३११ ६१३ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र प्रथमपर्व त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र महाकाव्य दशमपर्व त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र महाकाव्य नवमपर्व प्रथम सर्ग त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र सप्तम पर्व त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र सप्तमपर्व जैन रामायण त्रिषष्टिशलाकापुरुष नाम आदि बोलविचार त्रेपनो रास-भडलीवाक्य थावञ्चापुत्र स्वाध्याय थोय संग्रह दंडक अठ्ठावीस बल दंडक ओगणत्रीश द्वार बालावबोध दंडक ओगणत्रीस द्वारविचार दडक ओगणत्रीस बोलविचार दडक ओगणत्रीसी बोल विचार दंडकत्रीस बोल विचार दंडक त्रीस बोल विचार दंडक प्रकरण दंडकप्रकरण दंडकप्रकरण त्रिपाठ बालावबोध सह दंडकप्रकरण बालावबोध सह दंडकप्रकरण सबालावबोध त्रिपाठ दंडकप्रकरण सस्तबक १६८२ दंडक प्रकरण सस्तबक दंडकप्रकरण सस्तबक २५६६ दंडक प्रकरण सस्तबक ३३३ दंडकप्रकरण सस्तबक दंडकप्रकरण सस्तबक सोलसंज्ञावर्णन कुलक सस्तबक ९८२ दंडकप्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ ६८७ दंडकप्रकरण स्वोपज्ञ वृत्तिसह त्रिपाठ ५०५ दंडकबोल विचार ६४२ दमयंती चंपू कथा ६३५ दमयंती चंपू कथा १६५० दमयंतीचंपूकथा अपूर्ण दयाछत्रीसी. १८५ दयावेल-दयाविमलचरित्ररास ३०८० दश अच्छेरां रास १३३५ दश दृष्टांत कथा २७४४ दश नियम स्थानक २७४५ दश पञ्चक्वाण स्तवन २०९५ दश प्रत्याख्यान स्तवन प्रत्याख्यानागार २१६३ दश प्रत्याख्यानस्तवन यतिधर्मसज्झाय १०३० दशविधयतिधर्मसज्झाय १०३१ दशविधयतिधर्मसज्झाय दशविधयतिधर्म सज्झाय २९७२ दशविध यतिधर्म सज्झाय ७४ (५) दशवैकालिक अध्ययन १-२जं २४७५ ५०६ ६९२ ११७३ १५० ६६७ ८०० ९४२ पर्व ६९४ १६५६ १७८० ५९ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र पर्व-१०मुं(महावीर चरित्र) Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १७८ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तक- नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम क्रमांक १८८३ (१६) दशवकालिक अपूर्ण ८५५ , दशवेकालिक नियुक्ति '१०५६ दशवैकालिक बृहवृत्ति द्वितीयाध्ययन पर्यंत ३१०७ दशवैकालिक सावचूरि पञ्चपाठ १००५ दशवैकालिकसूत्र १९९४ दशवैकालिकसूत्र ५३५ दशवैकालिकसूत्र दशवैकालिकसूत्र १३७७ दशवैकालिकसूत्र १३७८ दशवैकालिकसूत्र १९१५ दशवैकालिकसूत्र १९६४ दशवैकालिकसूत्र दशवैकालिकसूत्र पर४ दशवैकालिकसूत्र अवचूरि ५२३ दशवेकालिकसूत्र अवचूरि १५१६ दशवेकालिकसूत्रटीका दशवैकालिकसूत्र टीकासह ७४ दशवैकालिकसूत्र टीकासह १४८२ दशवैकालिकसूत्र पर्याय सह ६७६ दशवेकालिकसूत्र बालावबोध ८२ दशवैकालिकसूत्र बालावबोध सह १११६ दशवैकालिकसूत्र वार्तिक बालावरोध सह १९२४ दशवैकालिकसूत्र शिष्यबोधिकाटीका दशवैकालिकसूत्र सज्झाय दशवेकालिकसूत्र सटीक ८८५ दशवैकालिकसूत्र सटीक त्रिपाठ १०३७ दशवैकालिकसूत्र सटीक त्रिपाठ १९९९ दशवैकालिकसूत्र सबालाव० त्रिपाठ १०१६ दशवकालिकसूत्र सबालावबोध १७५१ दशवैकालिकसूत्र सबालावबोध पशपाठ १४९२ दशवेकालिकसूत्र सस्तबक १६७६ दशवैकालिकसूत्र सस्तबक १४८१ दशवैकालिकसूत्र सस्तबक १७६१ दशवैकालिकसूत्र सस्तबक १९९६ दशवकालिकसूत्र सस्तबक १९९८ दशवैकालिकसूत्र सस्तबक १९९५ दशवैकालिकसूत्र सस्तबक ५५४ दशवैकालिकसूत्र सस्तबक १५१५ दशवेकालिकसूत्र सस्तबक अपूर्ण ८८६ दशवैकालिकसूत्र सावचूरि त्रिपाठ ११९१ दशवेकालिक स्वाध्याय ५१५ दशवकालिक स्वाध्याय ३१७५ दशवैकालिक स्वाध्याय ६४१ दश श्रावक चरित्र १३३६ दश श्रावक चरित्र ९८१ दशार्णभद्र सज्झाय दशार्णभद्र सज्झाय दशार्णभद्रस्वाध्याय ३०८५ दशार्णभद्र स्वाध्याय ६३७ (४) दशार्णभद्र स्वाध्याय __३८ दशाश्रुतस्कंध चूर्णि १६३० दशाश्रुतस्कंधचूर्णि १७५२ दशाश्रुतस्कंध चूर्णि ४८६ दशाश्रुतस्कंधनियुक्ति १७५३ दशाश्रुतस्कंध मूल १७६० दशाश्रुतस्कधसूत्र १२४७ दशाश्रुतस्कंध सूत्र १००६ दशाश्रुतस्कंधसूत्र सस्तबक २०३४ दस अच्छेरो २८९८ (३) दादा पार्श्वनाथ स्तवन दान-शील-तप-भावनाकुलक बालावबोध सह दान-शील-तप-भावनाकुलक बालावबोधसह दान-शील-तप-भावना कुलक सबालावबोध १७७४ दान-शील-तप-भावना कुलक सस्तबक १७७३ दान-शील-तप-भावना संवाद २०२३ दान-शील-तप-भावना संवाद २२५७ दान-शील-तप-भावना सवाद ३०३६ दान-शील-तप-भावना संवाद २८३७ दान-शील-तप-भावना सङ्ग्रह १३५५ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र १०८७ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र ५५३ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र ३८९ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र १४७ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र सस्तबक २४६४ १०१ १९१० Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १७९ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक ६७८ दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र सस्तबक ६८५ दान शील तप भावना संवाद ७२० दान शील तप भावना संवाद १९२ दानशीलतपभावना संवाद शतक १३३८ (५) दानोपरि-धनदेव धनमित्र कथा - ५१६ दीक्षाविधि ११९५ दीक्षाविधि ६८६ दीपालिका कल्प ७१९ दीपालिका कल्प १९६१ दीपालिकोत्सव कल्प गद्य १०९५ दीपालीका स्तवन २३१८ दुरियरयसमिर स्तोत्र बालावबोध सह १३३४ दृष्टांत शतक सस्तबक २६६७ देव-गुरु-साधारणद्रव्यकथा २९२७ देवदिन्न कथा ५५७ देववंदन विधि ६९३ देवाप्रभोस्तवः सामान्य जिन वृत्तिसह त्रिपाठ देवाप्रभोस्तव रत्नाकर पंचविंशति सस्तबक ४४७ देवाप्रमोस्तव वृत्ति सह पञ्चपाठ २५८१ देवाप्रमोस्तव सटीक त्रिपाठ १५१० देशनाशतक सस्तबक देशांतरी छंद १६१४ देशीनाममाला सटीक ३११६ दोढसो कल्याणक स्तवन २५२ द्रव्यगुणपर्यायरास ३६६ द्रव्यगुणपर्यायरास सस्तबक १५७७ द्रव्यगुणपर्यायरास सस्तबक ९० · द्रव्यसंग्रह सस्तबक १७७८ द्रव्यसङ्ग्रह बालावबोधसह १२१० द्रव्यसङ्ग्रह वृत्तिसह १६८७ द्रव्यसग्रह सावचूरि त्रिपाठ १६२३ द्रौपदी चोपाई द्वयाश्रयकाव्य सटीक तृतीय सर्ग पर्यंत किंचिदपूर्ण २०५६ द्वव्यानुयोगविचाररास सस्तबक २०१७ द्वात्रिंशत् द्वात्रिशिका सटीक त्रिपाठ २४२० द्वादश भावना अपूर्ण ३०३८ द्वादश भावना सज्झाय २९३२ द्वादश भावना सज्झाय २५५३ द्वादश भावना स्वरूप विचार ९७३ द्वादश भावना स्वाध्याय १६३६ द्वादश भावना स्वाध्याय १०१० द्वादश व्रत कथा सङ्ग्रह त्रूटक ९२२ द्वादश व्रत टीप विधि ५२७ द्वादशाभावना स्वाध्याय द्विजवदनचपेटा सस्तबक ९२ धनंजयनिघंट नाममाला २२०८ धनगीरी रास अपूर्ण धनदत्तकथा पद्य ९३६ (८) धनपतिकथा (सुपात्रदाने) ५१७ (८) धनपति कथा (सुपात्रदाने) गद्य २१९३ (७) धनपतिकथा गद्य २२७२ धनपाल पंडित कथा ५१८ धनाअणगार स्वाध्याय १६११ (४) धन्ना-शालिभद्र सज्झाय २२९२ धन्ना चउपई धन्नाचरित्र रास १४४६ धन्नारास २२८५ धन्ना स्वाध्याय २१९३ (४) धन्यपुण्यकथा गद्य ८८७ घम्मिल कथानक पद्य २१०२ धर्मकुलक ९९६ (१८) धर्मजिन स्तवन । २३२६ धर्मदत्तकुमारकथा गद्य पद्य १३६५ धर्मदशनाकथा सङ्ग्रह ३०३३ धर्म ध्यान २७२६ (५) धर्मनाथ स्तवन ८९० धर्मनाथ स्तवन १३६८ धर्मनाथ स्तवन ६३८ धर्मपरीक्षा ११४८ धर्मपरीक्षारास १३३८ (१७) धर्मप्रमावे-पापबुद्धि नृप अने धर्मबृद्धिमंत्री कथा ५७ धर्मरलप्रकरणवृत्ति २७७३ स्वाध्याय धर्मोपदेशप्रकरण सस्तुपक २२७१ धर्मोपदेश सस्तबकः १३३८ (७) धर्मोपरि-धर्मदत्त कथानक २११७ धातुमंजरी ৩০৭ ४०२ Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कमाक २३५७ ८८८ ४५३ २०८४ ६३२ भानुरूपमाला भातु रुमावली पूर्वाख्यान बालावबोध पूज्यान बालावबोध ध्यानशतक बालावबोध सह हिंसाष्टक सह ५४१ ध्यानस्वरूप १९९७ ध्यानस्वरूप २६९६ ध्यान स्वरूप १६१५ ध्यानस्वरूप १६१३ ध्वजर्भुजग रास-आख्यान ५१७ (७) ध्वजभुजंग कथा (वत्रदाने) पाटण भाभाना पाठामां रहेला विमलगना उपाभगना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम क्रमांक पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम पुस्तक नाम गद्य ९३६ (७) ध्वजभुजंग कथा (वस्त्रदाने) २१९३ (६) ध्वजभूजंगकथा गद्य नंदमणिया स्वाध्याय २१५५ २०७७ (२) नंदा स्वाध्याय २२३१ ३१५९ २७०२ १०२८ २८२० ११२९ १३२४ १८२८ २४४१ १६११ (२) नदिषेण सज्झाय १७८९ नंदिसूत्र नंदिसूत्र नंदिसूत्र नंदि प्रदक्षणा भास नंदिषेण ऋषि चोपाई नदिषेण चोपाई नदिषेण रास नंदिसूत्रवृत्ति नंदिसूत्र सस्तबक नदिसूत्र सस्तनक गंदीसूत्र बालाववोध सह नंदीस्तोत्र आदि सङ्ग्रह नदी स्थविरावली नमिऊणस्तव-भयर स्तव नमुकारसि आदि प्रत्याख्यान आलावा २९५० (१) नयगर्भित वीरस्तवन २८८८ ४१७ ३००७ २९०४ २५८७ २५८८ ९३४ २०५३ २०१२ २२९५ ३६ २११८ (६) १६७५ ५३४ १७१५ २७२५ १६९० २८३० २६९७ ३१४९ ३२३ १९३१ २६९५ १५८५ १८५१ १७३३ नयचक्र नयचक्र बालावलोध नयविचार गर्भित शांतिजिनस्तवन नयविचार सस्तबक नयोपदेश प्रकरण नयोपदेश पकरण नरपतिचर्या ज्योतिष (हीर कलश) नरभवदशदृष्टांत सज्झाय नरवर्म कथा नरवर्मनरेश्वर चरित्र नरवर्मनृपकथा नरवाहन कथा नर्मदासुंदरी कथा नलदमयंती चोपाई नलदवदंती रास नवकार अर्थ नवकार अर्थ नवकार बालावबोध नवकार बालावबोध नवकार बालावबोध नवकार बालावबोध ११६८ २०७२ ५६५ ५६६ २६४४ २४८२ २६४३ नवकार बालावबोध नवकार बालापनोध नवकार बालावलोष नवकार बालासनोष नवकार वालावबोध नवकार बालावबोध नवकार बालाजबोध नवकारबालावबोध अपूर्ण नवकार बालावबोध सह २०४८ १३५३ ७०४ (१) नवकाररास ४२२ नवकाररास ७०४ नवकाररास सज्ज्ञायादि २७७७ (४) नवकार स्वाध्याय ९९६ (१६) नवग्रहहितोपदेश सज्जाग नवतत्व चोपाई १६३९ १८६५ (१) नवतत्त्व प्रकरण [ १८० १८५३ १६५१ १०६७ ३१४७ २६७९ २२८४ ५४६ ११३ १०६१ नवतत्त्व प्रकरण अक्षरार्थ सह २७३३ (१) नवतत्त्वप्रकरण बालाव० सह २७३३ (२) नवतत्त्वप्रकरण बालाव० सह नवतत्त्वप्रकरण बालावबोध मजद नवतत्त्वप्रकरण नवतत्त्व प्रकरण नवतत्त्व प्रकरण नवतत्त्व प्रकरण नवतत्त्व पकरण नवतत्त्व प्रकरण नवतत्त्वप्रकरण नवतत्त्वप्रकरण Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १८१ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम क्रमाक पुस्तकनुं नाम क्रमाक पुस्तकनु नाम क्रमांक ७६ २००३ ९७१ ९७५ १२३६ १२३५ १७९३ १४६२ १२३४ १३१९ ८१९ ९५९ १७९२ १६४० १७९१ १८७१ १९९१ १९९३ ३२२ २५७ नवतत्त्व प्रकरण बालावबोध नवतत्त्वप्रकरण बालावबोधसह नवतत्त्वप्रकरण बालावबोध सह नवतत्त्वप्रकरण मूल नवतत्त्वप्रकरण मूल नवतत्त्वप्रकरण मूल नवतत्त्वप्रकरण सटीक त्रिपाठ नवतत्त्वप्रकरण सबालाव० पञ्चपाठ नवतत्त्वप्रकरण सबालावबोध नवतत्त्व प्रकरण सस्तबक नवतत्त्व प्रकरण सस्तबक नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक नवतत्त्व प्रकरण सस्तबक नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक २८५७ . नवपद पूजा १०७० नवपद पूजा ५६२ नवपद पूजा ५६३ नवपद पूजा ८६ नवपदपूजा १८९ नवपदपूजा १४८ नवपद वर्णन ३०९७ नवपद स्तवन २२७९ नवपद स्तवन १४४३ (२) नवपद स्तवन २२०२ नवपद स्तवन अपूर्ण २६९३ नववाडशील सज्झाय २७०१ नववाडशील सज्झाय २८१८ नववाड सज्झाय २७६६ नववाड सज्झाय १७७ नववाड सज्झाय १९३ नववाड सज्झाय ३१०५ नववाड स्वाध्याय ३११८ नववाड स्वाध्याय १६५२ नववाड स्वाध्याय २४३६ नवाणुंप्रकारी पूजा ३९० नवाणुंप्रकारी पूजा २१७६ नवाणुंयात्रा पूजा २६३९ नवाणु प्रकारी पूजा अपूर्ण २५८६ नागकेतु कथा २८७१ नाममाला त्रूटक २३४६ नारंगा पार्श्व स्तवन २८२९ नारचन्द्र जैन ज्योतिष २३३६ नारचन्द्र जैन ज्योतिषांतर्गत प्रतिष्ठा-दीक्षा कुंडलिका १७१६ नारचन्द्र ज्योतिष १४०६ नारचन्द्र ज्योतिष टिप्पनक नारचन्द्रज्योतिष टिप्पनक १२८१ नारचन्द्र ज्योतिष टिप्पनक २२२५ नारचन्द्र ज्योतिष सस्तबक २५८२ नारचन्द्र टिप्पनक १७१० (३) निंदकवृद्धाकथा १६०८ निगोदषट्त्रिंशिका प्रकरण सावचूरि १९३४ निगोदषट्त्रिंशिका प्रकरण सावचूरि त्रिपाठ ११७५ (१) निगोदषत्रिंशिका सटीक त्रिपाठ ५७४ (१) निगोदषट्त्रिंशिका सटीक त्रिपाठ १३३८ (११) नियमाराधनविषे-हरिबलमच्छीमार कथा निरयावलिकासूत्र १४८४ निरयावलिकासूत्र मूल २५७८ निरयावलिकासूत्र वृत्तिसह १४८३ निरयावलिकासूत्र सटीक त्रिपाठ १७९४ निरयावलिकासूत्र सस्तबक ११८८ निरयावलिकासूत्र सस्तबक २५८५ निशाविराम कुलक सस्तबक ११२३ निशीथचूर्णि १९८२ निशीथसूत्र ७३३ (३) निश्चय व्यवहार स्वाध्याय २३२३ नीतिशतक सस्तबक २६ ४३३ १०६६ ११३८ ६६३ २२८९ २८८३ १९५३ नवतत्त्व प्रकरण सस्तबक नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक नवतत्त्वप्रकरण सस्तबक नवतत्त्व बोल नवतत्त्वरास नवतत्त्वरास नवतत्त्व रास नवतत्त्व विचार नवतत्त्वसारोद्धार प्रकरण सावचूरि त्रिपाठ Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १८२ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम | क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक ४३२ २५२७ नेम-राजुल गीत २०५० •नेमनाथचरित्र २८६० (९) नेमनाथ बारमास २५६२ नेमराजुल पंदर विधि २९९० नेमि-राजीमति बारमासा नेमिगीत १३३८ (२०) नेमिचरित्र २१८६ (७) नेमिजिन गीत २१८६ (१४) नेमिजिन गीत ३०२० नेमिजिनगीत आदि सङ्ग्रह नेमिजिन भ्रमरगीता आदि ५२० नेमिदूत काव्य (मेघदूत अंत्यपाद पूर्तिरूप) २७२३ नेमिनाथ धवल नेमिनाथ बारमास नेमिनाथ रास २७६८ नेमिनाथ समयसरण स्तवन २८४८ नेमिनाथ समवसरणविचार स्तवन २४६६ (१) नेमिनाथसमवसरण स्तवन २२२० नेमिनाथ स्तवन २६१० नेमिनाथ स्तवन २१८७ नेमिनाथ स्तवन ३००१ नेमिनाथ स्तवन ३११५ नेमिनाथ स्तवन ३३४ (७) नेमिनाथ स्तवन -- ११०२ (२) नेमिस्तव । २८३, नैषधकाव्यतृतीयसर्ग टीकासह अपूर्ण १८८१ नैषध काव्य त्रूटक २८७६ नैषधकाव्य सटीक त्रिपाठ १७८४ नैषध महाकाव्य न्यायकंदली १९३० न्यायकदली टीका १९३१ न्यायग्रन्थ अनुमानादि २०५५ । न्यायग्रन्थJटक अपूर्ण न्यायावतार टिप्पनक १४२२ न्यायावतारविवरण २०५७ पंचकल्प चूर्णि २३२४ पंचकल्याणक तपविधि ३४७ पंचकल्याणतपविधि आदि २०१ पंचज्ञान पूजा २०२१ पंचतीर्थकर नमस्कार १९५७ पंचनिर्गन्थी प्रकरण सस्तबक ওওও पंचनिग्रंर्थी प्रकरण अवचूरि ৩৬৭ पंचनिग्रंर्थी प्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ पंचनिग्रन्थीप्रकरण सस्तबक २७१३ पंचपद नमस्कार स्वाध्याय २४७० पंचपरमेष्ठि गुण २८३१ पंचपरमेष्ठि नमस्कार नवपद विचार २८०९ पंचपरमेष्ठि सज्झाय पंचप्रतिक्रमणविधि ७०० पंचप्रतिक्रमणविधि अपूर्ण २४६८ पंचभावना वेल ४३९ पंचभावना स्वाध्याय ३०९ (१२) पंचमहाव्रतपंचभावना २२५१ पंचमहावत सज्झाय ८९६ २७७७ (२) पंचमहाव्रत स्वाध्याय ३०९ (१५) पंचमिथ्यात्व परिहार सज्झाय २३१४ पंचमी आदि तपोञ्चारण आलापक ९७८ पंचमीगर्भित स्तवन १४५३ पंचमी चैत्यवंदन आदि . २८६० (७) पंचमी स्तव २८४२ पंचमी स्तवन ३१७२ () पंचमी स्वाध्याय ५६१ पंचवस्तुक सूत्र सटीक २२१८ पंच व्यवहार वृत्तिसह १०६३ पंचसड्ग्रहप्रकरण टीका सह २२३४ पंचसूत्र पंचसूत्र-पापप्रतिघात बीजगुणाधान १२९८ पंचसूत्र पापप्रतिमातगुणबीजाधान प्रवज्याफल अवचूरिसह त्रिपाठ २०३१ पंचस्वरशब्दसङ्ग्रह ३१९९ पंचांग सं. १९३२नुं ८४० पंचाख्यान बालावबोध ६०२ पंचाचार आलोयणा विचार पंचाचार अतिचार पंचानुष्ठान पंचवीसी ९९६ (६) पंचानुष्ठान वीसी १०६५ पंचाशप्रकरण सटीक १०६४ पंचाशप्रकरण सटीक ३११३ (६) पंचासर पार्श्वजिन स्तवन २६५३ पंचोतेर बोल सङ्ग्रह ९९६ (१७) पंदर तीथी सज्झाय २७९४ पंन्यास मुक्तिविमलजी जीवन चरित्र पद्य २६०० - Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रमांक ५४३ ३१४२ २०९६ (१) १७९५ १५२१ १८०९ १८१० १७८३ पाटण भाभाना पाडामां रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम पगाम सज्झाय विचार पजुसण सज्झाय पजुसण सज्झाय पञ्चकल्प भाष्य पञ्चकल्याणकगर्भित महावीर जिन २८०० २४३७ स्तवन पञ्चम कर्मग्रंथ ( शतक) बालावबोध सह पञ्चम कर्मग्रंथ ( शतक) सस्तबक पञ्चसूत्र - पापप्रतिघात गुणबीजाधान सूत्रवृत्ति २१९२. २९८६ १६११ (९) पडिलेहण स्वाध्याय ३१२२ २५१७ २१७२ २४४४ २२४६ ३१३२ २४३४ २६५० १७४ (३) पद्मप्रभजिन स्तवन पट्टावली पडिकमण चोपाई बालावबोधसह पडिलेहणाकुलक सस्तबक पद पद पद - स्वाध्याय सङ्ग्रह पदसङ्ग्रह पदसङ्ग्रह पद्मद्रह वर्णन पद्मद्रह विचार ९३६ (२) पद्माकर कथा (शय्यादाने) ५१७ (२) पद्माकर कथा (शय्यादाने) गद्य पद्मावती स्तुतिमंत्र गर्भित स्तोत्र पद्मावती स्तोत्र पन्नवणासूत्र अंतर्गत द्वितीयोद्धेश परचुरण पत्रो जुदा जुदा परदेशीराजाचोपाई परदेशीराजारास परदेशीराजारास परनिंदापरिहार स्वाध्याय परमकुख द्वात्रिंशिका सबालावबोध ५७४ (२) परमाणुखंडषट्त्रिंशिका सटीक ११७५ (२) परमाणुखंडषट्त्रिंशिका सटीक ५१४ (१) परमाणुखंडषट्त्रिंशिका सावचूरि २५६१ २८३३ ५७९ ५७८ १४४५ २९८७ २२०१ २४३१ २४७९ ७५० १६४३ १६४४ ३९ २१३७ ३३० १७०२ १७१९ १४८८ त्रिपाठ त्रिपाठ पञ्चपाठ परमात्मा छत्रीस परमानंद पचीसी परिशिष्टपर्व परिशिष्ट पर्व परिशिष्ट पर्व सर्ग. १ थी १३ परिशिष्टपर्व सर्ग १ -१३ पर्यंताराधना पर्यताराधना प्रकरण सस्तबक पर्यंताराधनाप्रकरण सस्तबक पर्यंताराधनाप्रकरण सस्तबक पर्यताराधनाप्रकरण सस्तबक सम्यक्त्वोच्चार आलापक २७८७ (१) पर्यंताराधना प्रकरण सावचूरि त्रिपाठ २८१० २३३७ १४४८ २६०९ २४२३ २२६६ २१६८ २७७६ २०९६ (७) २८०७ १३६ १३७० ३०८१ २७५२ २८८१ २३३५ २९५८ २८८२ २८०८ २८१४ २४६१ ५५१ ७४८ ८३ ५४२ ७४७ पर्यन्ताराधना प्रकरण पर्यन्ताराधना सस्तबक पर्युषण स्वाध्याय पवनविजय ग्रन्थ [ १८३ ] पांच अणुव्रतो परिकथा पाचकारणगर्भित जिन स्तवन पांचकारणगर्भित महावीर जिन स्तवन पांचकारणगर्भित वीरजिन स्तवन पांचमा आरानी सज्झाय पांचवधामणा स्तवन पांडव चरित्र महाकाव्य पांडवरास किंचिदपूर्ण पांत्रीश वचनातिशय स्तवन पाक्षिक अतिचार पाक्षिकक्षामणक पाक्षिक क्षामण सावचूरि पञ्चपाठ पाक्षिक प्रतिक्रमण छीं विचार पाक्षिकप्रतिक्रमणविधि पाक्षिकसूत्र पाक्षिकसूत्र पाक्षिकसूत्र पाक्षिकसूत्र पाक्षिकसूत्र पाक्षिकसूत्र - पाक्षिकक्षामणा पाक्षिकसूत्र - पाक्षिकक्षामणा पाक्षिकसूत्र - पाक्षिक क्षामणा - अवचूरि Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिकम [ १८४ ] | क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम १५४८ पाक्षिकसूत्र-पाक्षिक खामणा ७४२ पाक्षिकसूत्र पाक्षिक-क्षामणा-अवचूरि ८४२. पाक्षिकसूत्र पाक्षिक क्षामणा ९६४ । पाक्षिकसूत्र पाक्षिकखामणा १०१५ पाक्षिकसूत्रवृत्ति ७६३ पाक्षिकसूत्र वृत्ति ८४६ पाक्षिकसूत्र सस्तबक ४७३ पाक्षिकसूत्र सस्तबक पाक्षिकसूत्र सस्तबक अपूर्ण २४६६ (२) पाक्षिक स्तुति (स्नातस्या) २२५८ पाणिनीय परिभाषा २८५२ पादादौ गण शुभाशुभफल काव्य २८९७ पापबुद्धि-धर्मबुद्धि कथा ५३९ पापबुद्धि धर्मबुद्धि कथा ३३४ (३) पार्श्वजिनस्तवन २२३८ (८) पार्श्व जिन स्तवन ११५७ (४) पार्श्वजिन स्तवन ३०७० पार्श्वनाथ कलश ९९६ (१४) पार्श्वनाथ केवलज्ञान स्तवन १७२४ पार्श्वनाथ गीता २९५ पार्श्वनाथगीता २८६३ पार्श्वनाथ गीता २७६ पार्श्वनाथगीता-राजगीता १५१७ पार्श्वनाथचरित्र गद्य १९३४ पार्श्वनाथचरित्र गद्य १०६८ पार्श्वनाथचरित्र गद्य १०२ पार्श्वनाथचरित्र पद्य १३७ पार्श्वनाथचरित्र पद्य सस्तबक ११४१ पार्श्वनाथचरित्र महाकाव्य पद्य सर्ग १थी८ २७२४ (१) पार्श्वनाथ छंद १९३२ (१२) पार्श्वनाथजिनस्तवन १९३२ (१८) पार्श्वनाथजिनस्तवन ८३१ (२०) पार्श्वनाथजिन स्तवन १२५५ पार्श्वनाथदशभव स्तवन १२५६ पार्श्वनाथ दशभवांतर विवाहलो २९३३ पार्श्वनाथनी राजगीता २५६० पार्श्वनाथ नीशानी ९९६ (१०) पार्श्वनाथ पंचकल्याणक १०८३ (१) पार्श्वनाथ महाविद्याभयस्तोत्र २९५५ पार्श्वनाथ लावणी २८६७ पार्श्वनाथ लावणी २५५७ पार्श्वनाथ विवाहलु २५२७ (२) पार्श्वनाथ स्तवन २४३३ पार्श्वनाथ स्तवन २१४९ महावीर स्तवन । २७२६ (२) पार्श्वनाथ स्तवन २७२६ (४) पार्श्वनाथ स्तवन २७२६ (६) पार्श्वनाथ स्तवन २०४७ पार्श्वनाथ स्तवन ७३३ (५) पार्श्वनाथ स्तवन ७३३ (४) पार्श्वनाथ स्तवन ८३१ (१४) पार्श्वनाथ स्तवन ६३७ (१) पार्श्वनाथस्तवन ४१२ (६) पार्श्वनाथ स्तवन ३३४ (९) पार्श्वनाथस्तवन १३५१ (१४) पार्श्वनाथ स्तवन ९५० पार्श्वनाथ स्तवन सङ्ग्रह २७८५ पार्श्वनाथ स्तवन सस्तबक ३१०६ (३) पार्श्वनाथ स्तोत्र ११३३ पार्श्वनाथस्तोत्र वृत्तिसह च केश्वरीदेवी स्तोत्र २११८ (५) पालगोपाल कथा १३३८ (२) पालगोपाल कथा भाग्य विशे २८१६ पाशाकेवली १५७३ पाशा केवली-शकुनावली २५१६ पिडबत्रीसी २४०९ पिंडविशुद्धि चोपाई १८८३ (६) पिंडविशुद्धि प्रकरण १८७३ (७) पिंडविशुद्धि प्रकरण पिंडविशुद्धिप्रकरण ७६२ पिडविशुद्धि प्रकरण दीपिकासह १२६२ पिंडविशुद्धि प्रकरण सस्तबक २०६६ पिंडविशुद्धिप्रकरण सस्तबक २३३९ (१) पिंडविशुद्धिप्रकरण सावचूरि २६३२ पिडविशुद्धि बत्रीसी २२१५ पिंडविशुद्धि सज्झाय २४४८ पीठीका भावना २१७९ पीस्तालीशआगमगर्भित अष्टप्रकारी पूजा ९९२ पीस्तालीशआगमगर्भित आष्ट प्रकारीपूजा पीस्तालीश आगमपूजा ३२८ Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १८६] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम क्रमाक पुस्तकनु नाम क्रमाक १४०० ८८४ ८९७ ५८८ २८४७ २९५७ २२४१ १४६ प्रतिष्ठा कल्प प्रतिष्ठा कल्प २४६ प्रतिष्ठाकल्प १४१७ प्रतिष्ठाकुलक १८८३ (५) प्रत्याख्यानकुलक १८६५ (६) प्रत्याख्यानभाष्य ८४७ प्रत्याख्यानभाष्य सस्तबक २०९७ प्रत्याख्यान विचार आदि ४३७ प्रत्येकबुद्ध चरित्र ३४९ प्रत्येकबुद्धचरित्र (कर्णिकावृत्तिगत) ८९८ प्रद्युम्न चरित्र पद्य ७५२ प्रबोधचितामणि ४६७ (२) प्रभजनानी सज्झाय ७०३ प्रभातप्रतिक्रमण विधि १३६९ प्रमाणनयतत्त्वलोकालंकार रलाकरावतारिका लघु टीका १४३३ प्रमाणनयतत्त्वालोकालकार रत्नाकरावतारिका लघुटीका ११३७ प्रमाणमीमांसा स्वोपज्ञ वृत्ति ५३ प्रमाणवार्त्तिक स्वोपज्ञवृत्ति सह प्रथम परिच्छेद प्रवचनसारोद्धारगत गाथाओ १२९९ प्रवचनसारोद्धार प्रकरण १३०० प्रवचनसारोद्धार प्रकरण १२४ प्रवचनसारोद्धारप्रकरण अपूर्ण १२५ प्रवचनसारोद्धारप्रकरण विषमपदार्थी टीका २६९ १८०७ ८०६ १०५० १०५४ प्रवचनसारोद्धार प्रकरण सटीक प्रवचनसारोद्धार प्रकरण सस्तबक प्रवचनसारोद्धार प्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ प्रवचनसारोद्धार सटीक प्रवचनसारोद्धार सस्तबक प्रवज्याविधान प्रकरण त्रिपाठ वृत्तिसह प्रवज्याविधि-दीक्षाविधि प्रव्रज्याविधि दीक्षाविधि प्रव्रज्याविधि दीक्षाविधि प्रशमरतिप्रकरण वृत्तिसह प्रशमरतिप्रकरण वृत्तिसह प्रशमरतिप्रकरण सटीक प्रशस्तपाद भाष्य-द्रव्य संग्रह प्रश्नव्याकरण वृत्ति प्रश्नव्याकरणसूत्र प्रश्नव्याकरणसूत्र प्रश्नव्याकरणसूत्र प्रश्नव्याकरणसूत्र टीका अपूर्ण प्रश्नव्याकरणसूत्र बालावबोधसह पञ्चपाठ प्रश्नव्याकरणसूत्रवृत्ति प्रश्नव्याकरणसूत्रवृत्तिं सह त्रिपाठ प्रश्नव्याकरणसूत्र सटीक त्रिपाठ प्रश्नव्याकरणसूत्र सस्तबक प्रश्नव्याकरणागसूत्र प्रश्नोत्तर २५५० प्रश्नोत्तर अपूर्ण २६३३ प्रश्नोत्तररत्नमाला १८२४ प्रश्नोत्तररत्नाकर-सोमप्रश्न ५२८ प्रस्ताविक श्लोक ४७४ प्राकृतव्याकरण सिद्धहेमशब्दानुशासन स्वोपज्ञवृत्ति अष्टमोऽध्याय ३०१० प्रास्ताविक २३४८ प्रास्ताविक ३६८ प्रियंकरनृपकथा ५७४ (४) बंधषट्त्रिशिका सटीक त्रिपाठ ११७५ (४) बंधषत्रिशिका सटीक त्रिपाठ ५१४ (३) बंधषत्रिशिका सावचूरि पञ्चपाठ ३९२ बंधस्वामित्व प्रकरणसस्तबक (कर्मग्रथ तृतीय) २०२४ बंधस्वामित्वप्रकरण सस्तबक तृतीय कर्मग्रन्थ १४८६ बधहेतूदयत्रिभगी वृत्तिसह पञ्चपाठ १४८७ बधहेतूदयत्रिभगी वृत्तिसह पञ्चपाठ १७१० (२) बधिरकुटुबकथा ३०९९ (२) बनारसी विलास १२२ बनारसीविलास भाषा १९४५ बलभद्रऋषि स्वाध्याय १११५ (१) बलिनरेन्द्र कथा ५२५ बलिनरेन्द्र कथा गद्य २९२५ बहुश्रुत अध्य्यन २२२९ बार आरानु स्तवन २३१३ बार भावना १४७३ १२३ १०५२ १०५३ १८३९ १५६१ १४९३ २१९९ Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १८७ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमाक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमाक ३१३९ बार भावना २८२७ बार भावना २९१२ बार भावना २२०४ बार भावना भास २५७० (२) बारभावना सज्झाय १३०१ बारभावना स्वाध्याय ५७६ बारभावना स्वाध्याय ३१८७ (११) बारमास ३२०४ बार व्रत टीप ३२०३ बार व्रत टीप ३२०२ बार व्रत टीप ३२०१ बार व्रत टीप ३१९८ बार वतनी टीप १०८ बारव्रत पूजा १९८९ बारवत स्वाध्याय बाराभावना स्वाध्याय २०२८ बाल विवेकनी २२४७ बालावबोध ज्योतिष २५०९ बावीस अभक्ष्य गाथा सस्तबक ३०३० (२) बावीस परिसह तथा बारभावनावर्णन गद्य ४६३ बासठ मार्गणा चौद गुणठाणा विचार ३०१२ बासठ मार्गणाद्वार कोष्ठक ९२३ बासठ मार्गणा द्वारविचार १४९ . बासठीया बोल स्तवन (बासठ मार्गणाद्वार) ३१८९ बाहुबलीनी सज्झाय . ९७४ बिंबप्रवेशविधि २४०६ (१) बीजनुं स्तवन बुद्धिरास १७१० (४) बुद्धिसिद्धि स्थविरा कथा ६२७ बृहत्कल्प चूर्णि ३१९६ बृहत्कल्प मूल ७१ बृहत्कल्पसूत्र तृतीयखंड नियुक्ति टीका सह ७२ बृहत्कल्पसूत्र द्वितीयखंड नियुक्ति टीका सह ७० बृहत्कल्पसूत्र प्रथमखड नियुक्ति टीका सह २७३६ बृहत्कल्पसूत्र सस्तबक अपूर्ण २३५६ श्रावक अतिचार २८५३ बृहत् शांति स्तव १८७३ (२) बृहत्सड्ग्रहणी १०५८ बृहत् सप्तपदिका २६३४ भक्तामर पद्यानुवाद २१९७ भक्तामरस्तव वृत्तिसह २२८० भक्तामर स्तोत्र १८८३ (१३) भक्तामरस्तोत्र १७१३ (१) भक्तामरस्तोत्र १७२२ भक्तामरस्तोत्र १६८९ भक्तामरस्तोत्र १७२१ भक्तामरस्तोत्र २९९६ भक्तामरस्तोत्र ३१५० भक्तामर स्तोत्र २८८४ भक्तामर स्तोत्र २९७४ भक्तामरस्तोत्र बालावबोध ६८८ भक्तामरस्तोत्र बालावबोध ६९० भक्तामरस्तोत्र बालावबोध त्रिपाठ १०५५ भक्तामरस्तोत्र बालावबोधसह १७२३ भक्तामरस्तोत्र बालावबोध सह ५७३ भक्तामरस्तोत्र बालावबोधसह २९९७ भक्तामरस्तोत्र रागमाला ६८९ भक्तामरस्तोत्र वृत्तिसह ७२७ भक्तामरस्तोत्र वृत्तिसह ५३७ भक्तामरस्तोत्र वृत्तिसह त्रिपाठ १०७२ भक्तामर स्तोत्र सटीक १२०३ भक्तामरस्तोत्र सटीक त्रिपाठ १९३६ भक्तामरस्तोत्र सबालावबोध १२६१ भक्तामरस्तोत्र सवृत्ति त्रिपाठ १९३५ भक्तामरस्तोत्र सस्तबक २३११ (२) भक्तामर स्तोत्र सस्तबक ३७१ भक्तामरस्तोत्र सावचूरि २६०४ भक्तामरस्तोत्र सावचूरि सस्तबक ८०७ भक्ष्य विगयना निवियाताना त्रीशबोल २०९६ (३) भक्ष्याभक्ष्य सज्झाय ८६६ भगवतीसूत्र भगवतीसूत्र भगवतीसूत्र भगवतीसूत्र भगवतीसूत्र अपूर्ण त्रूटक १७४१ भगवतीसूत्र गमाविचार. भगवतीसूत्र द्वादशशतके प्रथम द्वितीय उद्देशो सस्तबक १३०२ ५५ Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १८७ ] पाटण भामाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम क्रमांक ६२७ ३१३९ बार भावना २८२७ बार भावना २९१२ बार भावना २२०४ बार भावना भास २५७० (२) बारभावना सज्झाय १३०१ बारभावना स्वाध्याय ५७६ बारभावना स्वाध्याय ३१८७ (११) बारमास ३२०४ बार वत टीप ३२०३ बारवत टीप ३२०२ बार व्रत टीप ३२०१ बार वत टीप ३१९८ बार व्रतनी टीप १०८ बारवत पूजा ११८९ बारवत स्वाध्याय १३०२ बाराभावना स्वाध्याय २०२८ बाल विवेकनी २२४७ बालावबोध ज्योतिष २५०९ बावीस अभक्ष्य गाथा सस्तबक ३०३० (२) बावीस परिसह तथा बारभावनावर्णन गद्य ४६३ बासठ मार्गणा चौद गुणठाणा विचार ३०१२ बासठ मार्गणाद्वार कोष्ठक ९२३ बासठ मार्गणा द्वारविचार . बासठीया बोल स्तवन (बासठ मार्गणाद्वार) ३१८९ बाहुबलीनी सज्झाय ९७४ बिंबप्रवेशविधि २४०६ (१) बीजनुं स्तवन २११४ बुद्धिरास १७१० (४) बुद्धिसिद्धि स्थविरा कथा बृहत्कल्प चूर्णि ३१९६ बृहत्कल्प मूल ७१ बृहत्कल्पसूत्र तृतीयखंड नियुक्ति टीका सह ७२ बृहत्कल्पसूत्र द्वितीयखंड नियुक्ति टीका सह ७० बृहत्कल्पसूत्र प्रथमखंड नियुक्ति टीका सह २७३६ बृहत्कल्पसूत्र सस्तबक अपूर्ण २३५६ श्रावक अतिचार २८५३ बृहत् शांति स्तव १८७३ (२) बृहत्सङ्ग्रहणी १०५८ बृहत् सप्तपदिका २६३४ भक्तामर पद्यानुवाद २१९७ भक्तामरस्तव वृत्तिसह २२८० भक्तामर स्तोत्र १८८३ (१३) भक्तामरस्तोत्र १७१३ (१) भक्तामरस्तोत्र १७२२ भक्तामरस्तोत्र १६८९ भक्तामरस्तोत्र १७२१ भक्तामरस्तोत्र २९९६ भक्तामरस्तोत्र ३१५० भक्तामर स्तोत्र २८८४ भक्तामर स्तोत्र २९७४ भक्तामरस्तोत्र बालावबोध ६८८ भक्तामरस्तोत्र बालावबोध ६९० भक्तामरस्तोत्र बालावबोध त्रिपाठ १०५५ भक्तामरस्तोत्र बालावबोधसह १७२३ भक्तामरस्तोत्र बालावबोध सह ५७३ भक्तामरस्तोत्र बालावबोधसह २९९७ भक्तामरस्तोत्र रागमाला ६८९ भक्तामरस्तोत्र वृत्तिसह ७२७ भक्तामरस्तोत्र वृत्तिसह ५३७ भक्तामरस्तोत्र वृत्तिसह त्रिपाठ १०७२ भक्तामर स्तोत्र सटीक १२०३ भक्तामरस्तोत्र सटीक त्रिपाठ १९३६ भक्तामरस्तोत्र सबालावबोध १२६१ भक्तामरस्तोत्र सवृत्ति त्रिपाठ १९३५ भक्तामरस्तोत्र सस्तबक २३११ (२) भक्तामर स्तोत्र सस्तबक ३७१ भक्तामरस्तोत्र सावचूरि २६०४ भक्तामरस्तोत्र सावचूरि सस्तबक ८०७ भक्ष्य विगयना निवियाताना त्रीशबोल २०९६ (३) भक्ष्याभक्ष्य सज्झाय ८६६ भगवतीसूत्र भगवतीसूत्र २३ भगवतीसूत्र भगवतीसूत्र भगवतीसूत्र अपूर्ण त्रूटक १७४१ भगवतीसूत्र गमाविचार भगवतीसूत्र द्वादशशतके प्रथम द्वितीय उद्देशो सस्तबक Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रमाक २६७६ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रथोनो अकारादिकम पुस्तकनु नाम क्रमाक पुस्तकनु नाम क्रमाक पुस्तकनु नाम [ १८८] १५३४ ४६६ ८६७ १०४४ २६०८ ९३२ २२३ ३०५ (२) भगवतीसूत्रनी सज्झाय भगवतीसूत्र प्रथम शतक स्वाध्याय १४५२ भगवतीसूत्र बीजक टीप भगवतीसूत्र मूल २२ भगवतीसूत्रवृत्ति भगवतीसूत्रवृत्ति भगवतीसूत्र वृत्ति भगवतीसूत्रवृत्ति भगवतीसूत्र वृत्तिसह पञ्चपाठ त्रूटक भगवतीसूत्र सज्झाय ११०२ (४) भगवतीसूत्र स्वाध्याय ३०११ (२) भमरागीत १८८३ (१४) भयहरस्तोत्र भरत-बाहुबली छंद भरतबाहुबली अधिकार भरतेश्वर-बाहुबली स्वाध्याय भरतेश्वरबाहुबली सज्झाय सस्तबक २५६३ २८०२ २४७२ ३१४८ २७०० ३०४८ ३१४० १४१९ २६२३ २६८ वृत्ति २४८४ भविष्यदत्ताख्यान (ज्ञानपचमी माहात्म्ये) ४१२ (८) भाभापाडानाभाभापार्श्वनाथ स्तवन ३११३ (७) भाभा पार्श्वजिन स्तवन भावनावेली २५७० (१) भावनावेली सज्झाय २२४९ भावना श्लोक २३८५ भाव प्रकरण २४२९ (१) भावप्रकरण ७२६ भावप्रकरण बालावबोध सह भावप्रकरण सस्तबक २५९९ भावाध्याय मासफल भाषापद भाषामजरी ३११३ (९) भीडभजन पार्श्वजिन स्तवन १३३३ (२) भीडभजन पार्श्वनाथ स्तवन १४१८ भुवनदीपक सस्तबक १११५ (२) भुवनभानु केवली कथा भूगोलशास्त्र ३१६९ भोजनविधि ३००० (१) भोजराज-धनपाल प्रबंध भ्रमरगीत २६८२ भ्रमर गीता-नेमिनाथ गीता २३३१ भ्रमरगीता नेमिगीता २७५० मंगल मालिका २९६९ मंगलीक मंडलप्रकरण सटीक त्रिपाठ मंत्राक्षर गर्भित पद्मावती स्तोत्र ६८० २३१० १७४९ १६१ २४६७ मत्रावली (नवग्रहपूजन) २९७३ मत्स्योदर रास २५२६ मदनभ्रमराजर्षि प्रबंध २२७६ मधुबिदु स्वाध्याय २७७७ (३) मधुबिदु स्वाध्याय २९८० मनकमुनि स्वाध्याय मनकमुनि स्वाध्याय २७४१ मनोरथमाला मन्नह जिणाणं सज्झाय २५२४ मन्नह जिणाण स्वाध्याय सस्तबक मन्ह जिणाणं सज्झाय १७४ (१) मयणरेहा सज्झाय ९९६ (११) मरुदेवी सज्झाय मलयसुंदरी-महाबलरास मलयसुदरी रास ९६७ महादडक-अल्पबहुत्व बोल विचार महादंडक स्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ २९८२ महादेव द्वात्रिशिका सस्तबक १९७४ महादेव सारणी अपूर्ण महादेव स्तवन ११२२ महानिशीथ सूत्र महानिशीथ सूत्र महानिशीथ सूत्र महानिशीथ सूत्र महानिशीथ सूत्र १४५६ महानिशीथसूत्र त्रूटक ३९१ महापुरांण विनती २३९६ भरतेश्वर बाहुवलि सज्झाय पंच कल्याणक स्तुति भर्तृहरिवेराग्यशतक सटीक २९३७ भलानो अर्थ कफडानो अर्थ ३०२ भवदत्त आदि सज्झाय संग्रह ३०२ (१) भवदत्त सज्झाय ३०९ (१३) भवदेव सज्झाय १११५ भवभावना अंतर्गत भवभावना प्रकरण भवभावना प्रकरण सस्तबक ३०८६ ३१७१ १००३ ५२२ १४० ११७ ११८ ११६ २१६० Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १८९ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तक-नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक ८७ ६ ११९ ३०९८. महावीर जिन निर्वाण स्तवन ११०३ महावीर जिन निर्वाण स्तवन ७२१ महावीरजिन निर्वाण स्तवन ३१६१ महावीर जिन पंचक कल्याणक स्तवन ६३७ (६) महावीरजिन स्तवन २१५१ महावीर जिन स्तवन . १३७१ (१७) महावीरजिनस्तवन .. १४५० महावीरजिनस्तवन १९३२ (१६) महावीरजिनस्तवन . १७२० महावीर जिन स्तवन १६८४ महावीर जिन स्तवन १४४३ (४) महावीरजिनस्तवन १६७९ महावीर जिन स्तवन १९३२ (१५) महावीरजिनस्तवन ११५९ महावीरजिनस्तवन ८३१ (१८) महावीरजिन स्तवन १९७१ महावीरजिनस्तवन ८३१ (१७) महावीरजिन स्तवन ११२ महावीरजिनस्तवन बालावबोध सह २९९५ महावीर जिन स्तवन सस्तबक १४५१ महावीर रागमाला ९०३ (२) महावीर स्तवन ११५७ (५) महावीर स्तवन २१४९ महावीर स्तवन २७८७ (२) महावीरस्तुति सावचूरि त्रिपाठ २९२४ महावीरस्वामि पारणु २१५७ महावीर स्वामि स्तवन २५८ महिम्नाख्य पार्श्वनाथ स्तोत्र महीपालकथा १७५० महीपाल चरित्र २०४१ मांकण रासु ३१५६ (१) मांकण स्वाध्याय २२३८ (१) मातृका बावनी २२३८ मातृका बावनी सङ्ग्रह २०१० माधवानल कामकंदला चोपाई मानतुंगमानवती रास १८७२ मानतुग मानवती रास २४८ मानमंजरीनाममाला २४४६ मान स्वाध्याय ३११३ (३) मान स्वाध्याय २७३५ मायाबीजकल्प ३११३ (४) माया स्वाध्याय २८५४ मुक्ताफलमान स्वाध्याय १७०४ मुक्तावली न्यायशास्त्र १४०५ मुनपति कथानक २३७२ मुनिगुण स्वाध्याय ३०६३ मुनिगुणस्वाध्याय २५४३ मुनिदान विषयक कथा सङ्ग्रह २४८६ (१) मुनिधर्मस्वाध्याय २३९० (२) मुनिपति चरित्र १३९५ मुनिपति चरित्र १६३१ मुनिपतिचरित्र बालावबोध ५३८ मुनिपतिचरित्र रास मुनिपतिचरित्र सस्तबक २७६० मुनिसुव्रत जिन आदि स्तवन सङ् ग्रह ३१८७ (१२) मुनिसुवत जिन पंदरतीथी २२२६ मुनि स्वाध्याय २१२७ मुहपत्तिना ५० बोल २८०१ मुहुर्त मुक्तावली सस्तबक ५०३ मुंगाकलेखा रास २३४२ मृगांकलेखा रास २४० मृगापुत्रनी सजझाय ६३७ (३) मृगापुत्र स्वाध्याय १९२६ मृगावती चरित्र २६०१ मृगावती सज्झाय २८६५ मेषकुमार भास ३१२० मेघकुमार स्वाध्याय २१८३ मेघकुमार स्वाध्याय २१४६६ मेघदूत काव्य ९३१ मेघदूत काव्य १६६४ मेघदूत काव्य सटीक त्रिपाठ १०५१ मेघदूत काव्य सावचूरि पञ्चपाठ १३३८ (२१) मेघनादकथा २७९८ मेघनाद कथा गद्य २११८ (४) मेतार्य कथा २२५९ मेवाणा तीर्थस्तवन २७३८ वयरस्वामि स्वाध्याय २३१७ मेघदूत काव्य १६९९ मेघदूतकाव्य सटीक त्रिपाठ १३० मेरुत्रयोदशी कथा ३१६५ मेरुपर्वतवर्णन - Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १९० ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम | कमाक ४८५ २११९ १९६७ मेषादि बारराशी स्थितचन्द्र नियाण १७४ (२) मोतीचंद शेठना जलयात्रा वरमोडाना गीत २७४३ मोहनीयनां स्थानक २६९८ मोहराज स्तवन २८६२ मौनएकादशी कथा २३७ मौनएकादशीकथा ४८८ मौनएकादशी कथा गद्य मौनएकादशीकथा गद्य ४९२ मौनएकादशी कथा पद्य मौनएकादशी कथा पद्य ४५७ मौनएकादशी कथा पद्य ४५८ मौनएकादशी कथा पद्य मौनएकादशीकथा पद्य सस्तबक ४९६ मौन एकादशी कथा पद्य सस्तबक ४८९ मौनएकादशी कथा बालावबोध ४८७ मौनएकादशी कथा बालावबोध मौनएकादशी कथा बालावबोध मौनएकादशी कथा स्तवन २७५९ मौनएकादशी क्या १९६ मौन एकादशी गणणु १७९६ मौनएकादशी देववंदन ४१० मौनएकादशी पांच जोड देववांदवानी विधि ३०३५ मौनएकादशीमाहात्म्य कथा पध ६१५ मौनएकादशी माहात्म्य कथा सस्तबक ११७४ मौनएकादशी स्तवन ३०७५ मौनएकादशीस्तवन थोय ३१०१ (१) मौन एकादशी स्वाध्याय २५२५ मौन एकादसी कथा १८६७ यतिजीतकल्पसूत्र सटीक १३९२ यतिप्रतिक्रमणसूत्र सावचूरि पशपाठ . ३०५३ यतिपायश्चित्तदानविधि १२२९ यतिलक्षणसमुच्चय प्रकरण २९६७ यशोधर चरित्र गद्य २०४० यशोधरचरित्र पद्य ९५४ यशोधर चरित्र पद्य अध्याय १थी १४ १४६१ यशोधररास २०५८ यशोधररास (दयाधर्म विषे) २५२० (२) यशोभद्रराजर्षि चोपाई ४९७ यशोभद्ररिषिराज चोपाई २०९२ युगप्रधान आचार्य कोष्ठकान्ति ३०९ (३) युगमंधर जिन स्तवन ८३६. युगादिजिनस्तव अवचूरि सह त्रिपाठ १७२ । योगदृष्टि सज्झाय १५८ योगदृष्टि सज्झाय बालावबोध सह १५६६ योगदृष्टिसमुञ्चय १५७ योगदृष्टि समुच्चय सावचूरि त्रिपाठ २७९१ योगदृष्टि स्वाध्याय सस्तबक २७९२ योगदृष्टि स्वाध्याय सस्तबक २४८३ योग पाहूडी ३१३ योगविचार योगविधि २५४६ योगविधि २२९१ योगविधि २६०२ योगविधि २८६९ योग विधि १७०५ योगविधि ९५३ योगविधि २७२१ योगविधि (नंदिकरण विधिआदि) २३२१ योगविधि उपस्थापना विधि योगविधि नदिस्तुति उत्तराध्ययन असंखयाध्ययन योगविधियंत्र आदिनां जुदां जुदा पत्रो २८६० (३) योगविसी गत भावना गर्भित वीरजिन स्तवन २१४२ योगविसी जम्बूद्वीप सग्रहणी लामणा आदिनां जुदां जुदां पत्रो १८८३ (२) योगशास्त्र १७०३ योगशास्त्र अध्यात्मोपनिषद् १४७९ योगशास्त्र चतुर्थ प्रकाश पर्यंत १८७३ (३) योगशास्त्र चतुर्थप्रकाशपर्यंत ९२९ योगशास्त्र चतुर्थप्रकाश पर्यंत योगशास्त्र चतुर्थप्रकाश पर्यंत सावचूरि पञ्चपाठ १४७६ योगशास्त्र बालावबोध १८३२ योगशास्त्र बालावबोध सह अपूर्ण १३८३ योगशास्त्र विवरण १४९४ . योगशास्त्र सस्तबक प्रकाश १थी४ Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रमांक योगशास्त्र स्वोपशवृत्तिसह योगशास्त्र स्वोपज्ञ वृत्तिसह षष्ठ प्रकाशथी द्वादशप्रकाश पर्यंत योगसार २३५५ योगसार सस्तबक ३१४ २३३९ (२) योनिस्तव सावचूरि १३७१ (५) रंगाणीस्तवन ८३१ (२२) रंगाणी स्तवन १३८४ १४०७ ४ ९२८ १४२३ १५६३ २४१ १९०७ १४७२ १८६९ पाटण भाभाना पाडामां रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जेन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम १८७६ १७२६ २४७ रघुवंशकाव्य रघुवंशकाव्य रघुवंशकाव्य रघुवंशकाव्य अपूर्ण रघुवंश काव्य टीका तृतीय सर्ग पर्यंत रघुवश काव्य दशसर्गपर्यंत रघुवंशकाव्य पंजिका वृत्तिसह रघुवंश काव्य प्रथम सर्ग सटीक त्रिपाठ रघुवश काव्य राघवी टीका सह रघुवंश काव्य सटीक त्रिपाठ रघुवंश महाकाव्य सावचूरि अष्टम सर्ग श्लो १३ पर्यंत अपूर्ण रजोपर्व होलीपर्व कथा रणसिंह राजा कथा रतनसेन व्यवहारीया रास २१४३ १७३५ २१०१ १९५२ २८३८ २११८ (८) रत्नचूड कथा रत्नकोश रत्नकोश (वस्तुविज्ञान) ३००३ २५६९ (२) १३७२ २८७८ २१३९ २९२८ २०४७ १९६२ २५८३ १४५४ २३७४ २७५८ २५७७ ९४९ २११५ ११६० १५४७ १९३९ २०३३ २०१४ २४३८ ७२३ रत्नपालनूप कथा रत्नवती कथा रत्नशेखर - रत्नवती कथा रत्नशेखर नृप कथा रत्नशेखरनृप कथा (पर्वतीथी विचारे) रत्नसारकुमार चरित्र रत्नसारकुमार चोपाई रत्नसार प्रकरण सस्तबक रत्नसार रास रत्नाकरपंचविंशति स्तोत्र सबालावबोध रत्नाकर पंचविशतिका रत्नाकर पंचविशतिका सस्तबक (साधारण जिन स्तवन) रत्नाकरपंचविंशतिकास्तोत्र रत्नाकरपंचविंशति सावचूरि त्रिपाठ रत्नाकरपंचविंशति स्तव बालावबोध सह रत्नाकरपंचविंशति स्तोत्र सबालावबोध रत्नाकरपञ्चविंशतिका रत्नाकरपञ्चविंशति वृत्तिसह त्रिपाठ रघुवंश काव्य रघुवंशकाव्य टीकासह रमलकी शकुनावलि रसवेल १८३५ २५२० (२) ९९६ (३) ९९६ (९) ७०४ (७) रसिक प्रिया रहनेमि राजुल स्वाध्याय रागमाला २४७७ २११८ (७) राजकुमारी कथा १४२६ २४ १४७७ ६९८ १४७८ ६७७ ६७९ ५२६ १३९९ १३७५ १९०८ १६८१ १७५७ १४६७ २५३७ १९२२ १०६ २५७५ २७४२ २२५६ २८३६ राग रागिणी नाम आदि राजप्रश्नीयउपांगसूत्र राजप्रश्नीयउपांगसूत्र राजप्रश्नीयउपाङ्गसूत्र राजप्रश्नीय उपाङ्गसूत्र बालावबोध राजप्रश्नीयउपाङ्ग सूत्र वृत्ति राजप्रश्नीय उपाङ्गसूत्र सस्तबक राजप्रश्नीय उपाङ्गसूत्र सस्तबक राजप्रश्नीयोपांग सूत्र [१९१ ] राजप्रश्नीयोपांगसूत्र सटीक राजप्रश्नीयोपांगसूत्र सस्तबक राजप्रश्नीयोपाङ्गसूत्र राजप्रश्नीयोपाङ्गसूत्र वृत्ति राजप्रश्नीयोपाङ्गसूत्र सस्तबक राज्यलक्ष्मीपूजापद्धति राणकपुर मंडन आदिश्वर स्तवन रात्रिभोजनरास रात्रिभोजनरास रात्रि भोजन स्वाध्याय रात्रिभोजन स्वाध्याय रात्री भोजन सज्झाय रात्री भोजन सज्झाय रात्रीभोजन सज्झाय रामचरित्र गद्य अपूर्ण Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १९२ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिकम पुस्तकनुं नाम क्रमाक पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम क्रमांक २०२७ १६८३ ७७१ लोकनालिकाद्वात्रिशिका प्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ लोकनालिकाद्वात्रिशिका सबालावबोध त्रिपाठ लोकनालिका द्वात्रिशितका प्रकरण पञ्चपाठ सावचूरि लोकनालिकाद्वात्रिशिका प्रकरण ११५६ १६०४ मूल ६८४ रामचरित्राद्धरितसग्रह २०५९ रामतिआला वेलाना फूलडां सस्तबक २५७६ राम रक्षा स्तोत्र रामरास ९४० रुद्रटालंकार अध्याय १-१६ ३१५४ रूपचन्द कुमार रास आदि रूपदीप पिगल भाषा १६६१ रूपमंजरी नाममाला ६१६ रूपसेनकथा ६५४ रूपसेनराय कथा ६५५ रूपसेनराय कथा ६५३ रूपसेनराय कथा ९३६ (६) रेवती कथा (भेषजदाने) ५१७ (६) रेवती कथा (भेषजदाने) गद्य २१९३ (५) रेवतीकथा गद्य १७१० (५) रोहक कथा २५६९ (१) रोहिणी अशोकचन्द्र कथा २९०१ रोहिणी अशोकचन्द्रनृप कथा २६९१ रोहिणी तप स्तवन २५७३ रोहिणी तप स्तवन २५७४ रोहिणी तप स्तवन २९१९ लक्ष्मीधरकथा १७९८ लघु अंतर वाचना १८७३ (५) लघुक्षेत्रसमास १८१७ लघु क्षेत्रसमास प्रकरण १०२३ लघुक्षेत्रसमास प्रकरण २८७ क्षेत्रसमासप्रकरण १८९८ लघुक्षेत्रसमास प्रकरण यंत्रसह ५९७ (१) लघुक्षेत्रसमासप्रकरण विवरण सह १८२७ लघुक्षेत्रसमास प्रकरण सस्तबक लघुक्षेत्रसमास प्रकरण सस्तबक २७०३ लघुप्रक्रिया अपूर्ण २९५४ लघुशातिस्तव ११६७ लघुशातिस्तव वृत्तिसह त्रिपाठ २२३७ लघुशाति स्तोत्र २१९१ लघुशांति स्तोत्र १९३३ लघुशान्तिस्तवन सटीक १३२५ ललितविस्तरा चैत्यवदनवृत्ति १७८१ ललित विस्तरा चैत्यवदनवृत्ति पंजिकासह २००४ लाभानदना गीत सङ्ग्रह २००५ लिगानुशासन सावचूरि पञ्चपाठ अपूर्ण १५०१ लिंगानुशासन स्वोपज्ञ वृत्तिसह ७५ लिंगानुशासन स्वोपज्ञ वृत्तिसह २४०५ लीलावती चोपाई ३४० लीलावतीपद्धति २९४७ लीलावती विक्रमादित्य रास ११६६ लीलावतीसुमतिविलास रास २०२ लीलावतीसुमतिविलास रास ९९६ (२०) लेश्या षटकसज्झाय १५८४ लोकनालिकाद्वात्रिशिका प्रकरण बालावबोध सह त्रिपाठ २८८ लोकनालिकाद्वात्रिंशिका प्रकरण सस्तबक १६०३ लोकनालिकाद्वात्रिंशिका प्रकरण सबालावबोध लोकनालिद्वात्रिशिका २२३६ (१) लोभ सज्झाय ३११३ (५) लोभ स्वाध्याय १३३८ (१८) वकचूलकथा ९४७ वकचूलरास २२३८ (३) वंकचूल स्वाध्याय ४३५ वंकचूलिकासूत्र २७६७ वदनक प्रतिक्रमण सूत्राणि २६८८ वच्छराज हसराज चोपाई १२८७ वत्सराज कथा ७७४ (६) वयरकुमार स्वाध्याय २१२३ वयरकुमार स्वाध्याय २८४१ वयरस्वामि चउढालीयां १६११ (३) वयरस्वामि सज्झाय २७३८ वयरस्वामि स्वाध्याय २७१४ वयरस्वामि स्वाध्याय ७२४ वयरस्वामि स्वाध्याय ३०५४ वरणाग नटूया सज्झाय Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रमाक पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम वरदत्त - गुणमंजरी कथा २३६६ वरदत्त - गुणमंजरी कथा पद्य २७१७ १३३८ (१२) वररूचि कथा १३७१ (१) वर्धमानजिन वेली ८३१ (१) वर्धमान जिन वेली १९३२ (१) वर्धमानजिनस्तवन २६५६ (२) वर्धमान जिन स्तवन २८६० (५) वर्धमान जिन स्तवन १५९६ वर्धमानदेशना पद्य २३९७ (२) वर्धमान स्तुति सटीक त्रिपाठ २१९३ (१) वसतिदानफलकथा गद्य ५ वसुदेवहिंड ६४६ वसुधारा ६४७ वसुधारा ११८७ वसुधारा १०२५ वसुधारा १६११ (८) वस्तुपाल भास १७३६ १५०८ १९९० ९१५ ९९४ १९५४ १७०७ १४४३ (५) वासुपूज्य स्तवन ११६२ २६१९ १११७ B-13 वाक्यप्रकाश वाक्यप्रकाश औक्तिक वाग्भटालंकार वासुपूज्य पुण्यप्रकाश वासुपूज्य पुण्यप्रकाश स्तवन वासुपूज्य पुण्यप्रकाश स्तवन वासुपूज्य पुण्यप्रकाश स्तवन विंशतिविंशीका प्रकरण विंशति विशिका प्रकरण विंशतिस्थानकविचार मृत सङ्ग्रह १६२२ १७९९ ८७८ ६७४ विंशतिस्थानक विचारसार (पुण्यविलास रास) विंशतिस्थानक विचारसारपुण्यविलास रास विंशतिस्थानक विचारसार पुण्यविलासरास विंशतिस्थानकविचारसार पुन्यविलास रास विक्रमचरित्र त्रूटक विक्रमलीलावती रास विक्रमसेनरास विचारपंचाशिका टीका विचाररत्नाकर विचारषट्त्रिंशिका (दंडकप्रकरण) विचारषट्त्रिंशिका (दंडक प्रकरण) विचारसङ्ग्रह बालावबोध सह २३०८ ३६५ १४९६ ३१५७ १८०४ २९९९ ३१३५ १३९१ ३१९५ १७७६ २७३ २७२ २३५ १५०० १३५६ २६६० ३१६८ ३१८१ (१) विजयरत्नसूरि स्वाध्याय १७७५ (२) विदग्धमुखमंडन १३१७ विदग्धमुखमंडन विचारसार गुणस्थानक सस्तबक विचारसार प्रकरण विचारसारप्रकरण सस्तबक विचारसारप्रकरण सस्तबक विचारसारप्रकरण सस्तबक विचारसारप्रक्रण सस्तबक विजयचन्द्र केवली चरित्र विजय देवसूरि स्वाध्याय विजयप्रभसूरि निर्वाण स्वाध्याय १७७९ ४७७ ४०८ २८९ ६४३ ६९ ३१ ४ ६७० ९४ १४१३ १४१४ १४९० १४१५ १४०३ १८७९ विद्याविलासकथा विद्वगोष्ठि सस्तनक विद्वगोष्ठी सस्तबक विधिरास विपाक सूत्र विपाक सूत्र विपाकसूत्र विपाकसूत्र विपाकसूत्र विपाकसूत्र विपाकसूत्र विपाकसूत्र विपाकसूत्र [ १९३ ] विपाकसूत्र विपाकसूत्र अपूर्ण विपाकसूत्र वृत्तिसह पञ्चपाठ अपूर्ण १४७१ विपाकसूत्र सटीक अपूर्ण विपाकसूत्र सटीक त्रिपाठ १२८३ ८२१ विपाकसूत्र सस्तबक २७७३ स्वाध्याय ९९६ (१५) विमलजिन स्तवन १८८५ विमलमंत्री श्वररास १८०५ ६४९ १८६० १५७० १०७ विमलमंत्रीश्वररास विमलमंत्रीश्वर रास विमलरास अपूर्ण विमलरास किचिदपूर्ण विमलाचलछंद Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रमांक २६५७ ३२१ १०१३ १२८६ १२८५ १२८४ १४१६ २७१२ ६ १८०० १८०२ १८०१ २८४० २३३२ १११२ १११३ २८६१ ४७६ ९३ ३३९ ४४४ ११२० ११५८ २६१८ २०२२ २५०७ ३०४२ १११० पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम पुस्तकनुं नाम विमलाचल तीर्थमाला स्तवन विवाहपटल विवेकमंजरी प्रकरण विवेक विलास विवेकविलास मूल विवेकविलास समालावबोध विशेषणवती विष्णु संबंधी चोपाई विमानजिनवीसीस्तवन विहरमान जिन विशी गीत विहरमान जिन विशी स्तवन विहरमान जिन विशी स्तवन विहरमान जिन विसी विहरमान जिन विसी स्तवन विहरमानजिनविसी स्तवन विहरमानजिनविसी स्तवन विहरमान जिन वीसी विहरमान जिनजीसी विहरमानजिनवीसी स्तवन विहरमान जिन वीसी स्तवन विहरमानजिन वीसी स्तवन विहरमान जिनवीसी स्तवन विहरमान जिन वीसी स्तवन विहरमान जिनवीसी स्तवन विहरमान जिन वीसी स्तवन विहरमान जिन शाश्वत जिन गीत विहरमान जिन स्तवन विहरमानजिनस्तवन वीसी २०९३ बिहार विनति १८८३ (३) वीतराग स्तव २७०६ ८२२ १४५९ ११९४ १३९३ १४६० २१२० २७९७ (२) वीतराग स्तव प्रकाश १-२ सस्तबक वीतरागस्तोत्र वीतरागस्तोत्र वीतरागस्तोत्र पंजिकासह त्रिपाठ वीतरागस्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ वीतरागस्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ वीर चरित्र वेल १६७२ वीर जन स्तुति सावचूरि पञ्चपाठ वीरजिन निर्वाण दीवाली स्तवन ३०९ (१४) वीर जिन सज्झाय ९४२ वीरजिनसत्तावीस भववर्णन स्तवन २३४७ २१८६ (२) २९८६ (३) ११५० वीरजिन स्तवन ८३१ (११) वीरजिनस्तवन ७२२ वीरजिन स्तवन १९३२ (९) वीरजिन स्तवन १३७१ (१२) वीरजिनस्तवन २३४९ (२) वीरजिन स्तवन वीरजिन स्तवन वीरजिन स्तवन वीरजिन स्तवन २२४० वीर जिन स्तवन ३११२ (३) वीर जिन स्तवन १७३७ ७३८ वीरजिनस्तवन- पुण्यप्रकाशस्तवन वीरजिन स्तुति गर्भित - ढुंढकमत निराकरण स्तवन बालाव०सह २१२१ ३१०६ (१) ४९६ २०३९ ११०४ १११८ २७६२ २४६० ८३१ (२) वीरहुंडी स्तवन १२६ २२३६ (३) २४१० २६४५ २२०९ २५४७ (३) २५०० १११९ २७९६ २९० ४४३ २२६२ १६२ ४९५ २१० (१) २७२४ (२) २६८९ २८३२ १९८७ वीर जिनेश्वरनां स्तवनो चीरद्वात्रिंशिका (सदायोग) वीरनिर्वाणदीवाली स्तवन वीरनिर्वाण स्तवन वीर निर्वाण स्तवन वीरनिर्वाण स्तवन वीरनिर्वाण स्तवन वीरभद्र कथा गद्य [ ९४ ] वीशविहरमान जिन भाष वीश स्थानक सज्झाय वीस विहरमान जिन गीत बीस विहरमान जिनगीत वीस विहरमान जिन स्तवन वीसविहरमान जिन स्तवन वीसस्थानक उपविधि वीसस्थानक तप विधि वीसस्थानक उपविधि वीसस्थानक उपविधि वीसस्थानक उपविधि स्तवन वीस स्थानक तप विधि स्तवन वीसस्थानकतप स्तवन वीसस्थानक पूजा वीसस्थानक पूजा वीस स्थानक स्तवन वृत्तरत्नाकर वृत्त रत्नाकर वृत्तरत्नाकर मूल Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम [ १९५ ] क्रमांक क्रमाक क्रमांक पुस्तकनुं नाम पुस्तकर्नु नाम पुस्तकनुं नाम ११९० २०८ - १८९५ वृत्तरत्नाकरवृत्ति १७४७ वृत्तरलाकर वृत्तिसह ६४५ वृत्तरत्नाकर वृत्तिसह वृत्तरलाकर वृत्तिसह ४४४ वृत्तरत्नाकर सावचूरि पञ्चपाठ १९८६ वृत्तरत्नाकर सावचूरि पञ्चपाठ वृद्धचाणाक्य राजनीति सस्तबक २१५० वृद्ध चैत्यवंदन १५७४ वैताल पञ्चविंशति अपूर्ण १८०३ वैद्यमनोत्सव वैद्यक १५०६ (२) वैराग्यकुलक १७११ (१) वैराग्य गीत छत्रीसी १७११ (२) वैराग्य गीत छत्रीसी बीजक १५२७ वैराग्यशतक सस्तबक १५२८ वैराग्यशतक सस्तबक ३३८ वैराग्यशतक सस्तबक ११११ वैराग्यशतक सस्तबक वैराग्यशतक सस्तबक ९२४ वैराग्यशतक सस्तबक ८३२ वैराग्य शतक सस्तबक ११०९ वैराग्यशतक सस्तबक २७९३ (३) वैराग्यशतक सस्तबक २७९३ (२) वैराग्यशतक सस्तबक ३१३४ वैराग्य स्वाध्याय २६७५ वैराग्य स्वाध्याय १६६९ वैराग्य स्वाध्याय २५३९ वैराग्य स्वाध्याय २५६४ वैराग्य स्वाध्याय २९३० व्यवहार राशी स्वरूप वर्णन ६५० व्यवहार सूत्र भाष्य २७०४ व्यवहारा विचार १५५२ व्याकरण अपूर्ण २६४७ व्रतारोपण विधि ३१२४ व्रतोञ्चारण विधि ९३६ (५) शंखश्रेष्टि कथा (पानाहारदाने) ५१७ (५) शंखश्रेष्टि कथा (पानाहारदाने) गद्य ३११३ (८) शंखेश्वर पार्श्वजिन स्तवन २५६ शंखेश्वर पार्श्वनाथ छंद २००६ शंखेश्वर पार्श्वनाथ छंद २६८१ शंखेश्वर पार्श्वनाथ छंद ज्वरछंद २६७३ शंखेश्वर पार्श्वनाथ स्तवन २६५२ (२) शंखेश्वर पार्श्वनाथ स्तवन २४०६ (२) शंखेश्वर पार्श्वनाथ स्तवन ३३४ (८) शंखेश्वरपार्श्वनाथस्तवन ३०५७ (२) शंखेश्वरपार्श्वनाथस्तुति ९६० शंखेश्वर पार्श्व पंचकल्याणकगर्भित प्रतिष्ठा कल्प स्तवन ८३१ (८) शंभुवरप्रकृति स्तुति २९२० शकुनपासावली २५७२ शकुनावली १५४० शतककर्मग्रंथ सस्तबक अपूर्ण १५९ शतकत्रय १०९८ शतक पंचम कर्मग्रंथ बालावबोध सह ८६९ शतक प्रकरण (कर्मग्रंथ पंचम) ७८६ शतकप्रकरण (कर्मग्रंथ पंचम) सस्तबक शतक प्रकरण (पंचम कर्मग्रंथ) सस्तबक ७८७ शतकप्रकरण सस्तबक २०७ शजय उद्धाररास १६४ शत्रुजयकल्प १७५ (१) शजयतीर्थकल्प सस्तबक शजयमाहात्म्य १९१२ शत्रुजयमाहात्म्य २८७४ शत्रुजयमाहात्म्य २६० शत्रुजयमाहात्म्य सस्तबक ८०९ शजय माहात्म्य सस्तबक ३५५ शत्रुजय माहात्म्य सस्तबक त्रूटक ४१८ शजय रास शत्रुजयरास १८१ शजयरास ६९७ शत्रुजय स्तवन ११५७ (२) शत्रुजय स्तवन २६३० शत्रुञ्जयकल्प ३०८४ शत्रुञ्जयकल्प बालाबवोध सह २३०४ शत्रुञ्जय कल्प सस्तबक १८५० शत्रुञ्जयकल्प सस्तबक २१८६ (४) शत्रुञ्जय तीर्थयात्रा स्तवन १०४२ शत्रुञ्जयमहात्म्य सस्तबक द्वितीय सर्ग पर्यंत १०४७ शत्रुञ्जयमाहात्म्य अपूर्ण २४१५ शत्रुञ्जयमाहात्म्य श्लोकसङ्ग्रह ३५४ ८३८ Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १९६ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम । क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम | क्रमाक २२३२ शत्रुजय रास २५०४ शत्रुजय रास २७२८ शत्रुनय रास ९०३ (३) शत्रुजय स्तवन २१२२ शत्रुजय स्तवन आदि २३९७ (३) शत्रुजय स्तव सटीक त्रिपाठ २८३४ शनीसरनो छंद १७९ शनीसर छंद २८७७ शनैश्चर कथा ३१० शनैश्चर छंद २०७४ शनैश्चर दृष्टिफल वगैरे १२५८ शब्दरूपाणि १७६७ शब्दरूपाणि २७४९ शब्द रूपावली २२९३ शब्दरूपावली आदि १८३३ शब्दशोभा ३७९ (२) शांतजिनस्तवन ३७९ (१) शांतजिनस्तवन २९१६ शांत सुधारस ७१५ शांतसुधारस' २८११ शांतसुधारस अपूर्ण ३०२ (२) शांतसुधारस सज्झाय ३०२ (३) शांतसुधारस सज्झाय २१३ शांतिजिन कलश ३१०४ शांतिजिन कलश २६७२ शांतिजिन जन्माभिषेक कलश २८६० (६) शांतिजिन स्तवन ३०३९ शाति जिन स्तवन ३१०० शाति जिन स्तवन २८६० ४) शांति जिन स्तवन ३३४ (५) शांतिजिनस्तवन २६२७ शांतिजिन स्तवन १२०५ शातिजीणेसर स्तवन ३१७७ शांतिनाथ कलश ८०२ शांतिनाथ चरित्र गद्य १४८० शातिनाथचरित्र गद्य १५३६ शातिनाथचरित्र पद्य ७८५ शांतिनाथचरित्र पद्य २०७८ शातिनाथचरित्र पद्य ६७५ शांतिनाथचरित्र पद्य सस्तबक ५८६ शातिनाथचरित्र सस्तबक पद्य १८३७ शातिनाथ चोपाई. २१५३ (२) शातिनाथ जिन स्तवन १५७६ शांतिनाथ रास १७४४ शातिनाथ विवाहलउ ३०५० शांतिनाथ वृद्ध स्तवन २८९८ (५) शातिनाथ स्तवन ३१०३ शांतिनाथ स्तवन ४१२ (१) शांतिनाथ स्तवन ४१२ (२) शातिनाथ स्तवन ४६८ (२) शांतिनाथ स्तवन २६११ शांतिनाथ स्तवन २१८५ शांतिनाथ स्तवन ९०३ (४) शांतिनाथ स्तवन ११५७ (३) शांतिनाथ स्तवन ३१५१ (२) शांति विधि स्तोत्र २१७ शांतिसात्र विधि १६७० शाब-प्रद्युम्न रास १९०३ शाब-प्रद्युम्नरास ५१३ शांबप्रद्युम्नरास २३० शांबपद्युम्न रास ७१८ शांबपद्युम्नरास ३१८७ (३) शामळाजीनुं स्तवन ४६७ (१) शारदा सरस्वती छंद २०६२ शालिभद्र-धन्मारास २०६४ शालिभद्र-धान्मारास शालिभद्रचरित्र १२४२ शालिभद्र चोपाई ८३० शालिभद्र चोपाई १५५९ शालिभद्र चोपाई अपूर्ण १२१२ शालिभद्रधन्ना चोपाई किंचिदपूर्ण ८२५ शालिभद्र धन्नारास २३०१ शालिभद्र भास १७६३ शालिभद्ररास ६३७ (२) शालिभद्र सज्झाय २६५४ शाश्वत जिन भवन स्तव सावचूरि त्रिपाठ १८८३ (१०) शाश्वतजिनस्तव २५५८ शाश्वत जिन स्तवन ३१७६ शाश्वतजिन स्तवन २९८४ शाश्वतसिद्धायतन प्रतिमासख्या स्तवन सस्तबक ३०६ शाश्वताशाश्वतजिनस्तवन २५०५ शास्वति प्रतिमा चैत्यविचार Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १९७ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक ५८ श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र अर्थदीपिका टीकासह श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र अर्थदीपिका वृत्तिसह श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्रवृत्ति श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र वृत्ति सस्तबक श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र सस्तबक श्राद्धविधि-विधिकौमुदी टीका १०७४ ८७० १५८२ १०५७ सह २२१७ शिक्षा स्वाध्याय ३१३३ शिखामण स्वाध्याय ९२१ शिखास्वाध्यय गूंहली सङ्ग्रह ९२१ (१) शिखास्वाध्याय ३०१७ उपधानस्तवन २८५८ शिवजी रास १०३५ शिशुपाल महाकाव्य (माधकाव्य) पचमसर्गपर्यंत अवचूरिसह पञ्चपाठ १४२८ शिशुपालवध महाकाव्य २१५३ (१) शीतल जिन स्तवन २०८२ शीध्र बोध १८६४ शीध्रबोध २१०३ शीयल स्वाध्याय २२६५ शील नववाडनी सज्झाय ९२१ (२) शीलनववाड सज्झाय १९४७ (१) शीलबत्रीशी १९७९ शीलरूपकमाला सावचूरि २९१५ शीलवती कथा १८५६ शीलवती रास शीलवतीरास २९९४ शीलवत बत्रीसी. २१७४ शील शिखामण स्वाध्याय १७५ (३) शील सज्झाय १३३८. (९) स्थिरता श्रीदेव ज्ञात कथा १३३८ (१६) शीले-सुभद्रा कथा ५१ . शीलोपदेशमाला-शीलतरंगीणी वृत्तिसह १०३९ शीलोपदेशमालाप्रकरण सबालावबोध १०४० शीलोपदेशमालाप्रकरण सबालावबोध अपूर्ण २२२२ शीलोपदेशमाला बालावबोध सह शीलोपदेशमाला शीलतरंगिणीवृत्ति सह ३१७९ शीलोपदेश सज्झाय ८५ शुकराजकथा २८५५ शुकराज कथा अपूर्ण १७१४ शुकराज कथा अपूर्ण २४९३ शृगारीक दूहा (आशक पचीसी) १५५५ शेषनाममाला २२५२ शोभन स्तुति २२८७ शोभन स्तुति अवचूरि २३९४ शोभनस्तुति अवचूरि त्रिपाठ ४६९ शोभनस्तुति बालावबोध सह २३९५ शोभनस्तुति मूल १९३८ शोभनस्तुति वृत्तिसह २२१९ शोभनस्तुति सावचूरि २१९० शोभन स्तुति सावचूरि २३९३ शोभनस्तुति सावचूरि त्रिपाठ २७८८ श्राद्ध अतिचार २७७९ श्राद्ध अतिचार २७१८ श्राद्ध अतिचार २५०३ श्राद्ध अतिचार अपूर्ण १५०६ (१) श्राद्धदिनकृत्यप्रकरण १९०५ श्राद्धदिनकृत्यप्रकरण सटीक २७७८ श्राद्धप्रतिक्रमण १४२१ श्राद्धप्रतिक्रमणविधि वृदारुवृत्तिसह ५९६ श्राद्धविधिप्रकरणविधि कौमुदि स्वोपज्ञटीका सस्तबक सह १०८८ श्राद्धविधिप्रकरण विधि कौमुदी टीका सह १९७३ श्राद्धविधिप्रकरणविधिकौमुदीटीका सह १८९१ श्राद्धविधिप्रकरणविधिकौमुदी टीका सह १९५० श्राद्धविधिप्रकरण विधिकौमुदी वृत्तिसह ८१० (१) श्राद्धविधि प्रकरणविधि कौमुदी स्वोपज्ञटीकासह ८१० (२) श्राद्धविधि प्रकरणविधि कौमुदी स्वोपज्ञटीकासह ५३१ श्राद्धविधि प्रकरण वृत्ति श्राद्वप्रतिक्रमणसूत्र अवचरि श्रावक अतिचार श्रावक अतिचार ३३१ श्रावक अतिचार ६२ १९८ २०६ Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १९८ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक ७३५ ६९६ श्रावक अतिचार ९०३ (१) श्रावक अतिचार २३५६ श्रावक अतिचार ३१८५ श्रावक अतिचार २५०८ श्रावक अतिचार १२४ भेद वर्णनी श्रावक आराधना १३८१ श्रावकआराधना गद्य २३६ श्रावककरणी सज्झाय २८१५ (१) श्रावकक्रियाविधि २५४१ श्रावकदिनकृत्य स्वाध्याय २४०८ (२) श्रावक दिन कृत्य स्वाध्याय ३०५२ श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र २४३२ श्रावक प्रतिमाविधि ०४४ श्रावकवर्णन ३३४ (१३) श्रावकविधिस्वाध्याय । ३३४ (१२) श्रावकविधिस्वाध्याय २६०३ श्रावकवतभंगप्रकरण त्रिपाठ सावचूरि २७८९ श्रावकवतभंग प्रकरण सावचूरि पचपाठ ३९९० श्रावकातिचार २८३५ श्रावकातिचार ३५३ श्रीचंद्रकेवलीरास आनंदमंदिर ३५२ श्रीचंद्रकेवलीरास आनंदमंदिर १६९८ श्रीचन्द्रकेवली चरित्र १८२३ श्रीचन्द्रकेवलीचरित्र सस्तबक १२१४ श्रीचन्द्रकेवलीरास-आनंदमंदिर ८६८ श्रीचन्द्रकेवलीरास-आनंदमंदिर २७८४ श्रीचन्द्रकेवलीरास आनंदमंदिर त्रूटक १५३८ श्रीपालचरित्र १६९६ श्रीपालचरित्र १९१४ श्रीपालरास १७४५ श्रीपालरास १७४६ श्रीपालरास १९२१ श्रीपालरास २७४६ श्रीपाल रास श्रीपाल रास ७२५ श्रीपालरास श्रीपाल रास श्रीपालरास ५०२ श्रीपालरास श्रीपालरास श्रीपालरास ४५६ श्रीपालरास ९५२ श्रीपालरास अपूर्ण ३१९३ (२) श्रीपाल रास गूटको श्रीपालरास चतुर्थखंड १९०९ श्रीपालरास सस्तबक १७६९ श्रीपालरास सस्तबक ८१६ श्रीपाल रास सस्तबक ३१९१ श्री पूज्य उपर कागल लखवानी पद्धति श्रुतबोध २५९३ श्रुतबोध २४७३ श्रुत बोध ३९४ श्रुतबोध सटीक त्रिपाठ १७१० (७) श्वश्रू-वधू कथा ९५७ षटआरास्वरूपक श्रीवीर जिन स्तवन ८३४ षट्पंचाशिका बालावबोध सह त्रिपाठ २७१५ षट्पंचाशिका ज्योतिष २७१६ षट्पंचाशिका सस्तबक ९४८ षडावश्यकबालावबोध ८१७ षडावश्यक बालावबोध ३३७ षडावश्यक बालावबोधसह ६०० षडावश्यक बालावबोध सह अपूर्ण १०२१ षडावश्यकवृत्ति षडावश्यकसूत्र वार्त्तिक सह ११८० षडावश्यकसूत्राणि ९९७ षडावश्यकसूत्राणि षडावश्यकसूत्राणि ८४५ षडावश्यक सूत्राणि ६६४ षडावश्यक सूत्राणि ६७२ षडावश्यक सूत्राणि १३८६ षडावश्यकसूत्राणि १३४२ षडावश्यकसूत्राणि १४३७ षडावश्यकसूत्राणि १३४१ षडावश्यकसूत्राणि षडावश्यकसूत्राणि ३०४३ षडावश्यकसूत्राणि २७८० षडावश्यक सूत्राणि २४९१ रास Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ १९९ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तक नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक २३२ र २९०५ ८७२ ८७१ १३६१ १७६८ २०११ ६१७ ४५१ ७४४ १०७५ २४३ पडावश्यकसूत्राणि त्रूटक षडावश्यक सूत्राणि बालाव० सह षडावश्यक सूत्राणि बालाव० सह षडावश्यकसूत्राणि बालावबोध षडावश्यकसूत्राणि बालावबोध षडावश्यक सूत्राणि बालावबोध सह षडावश्यकसूत्राणि सस्तबक षडावश्यक सूत्राणि सस्तबक षडावश्यकसूत्राणि सस्तबक षडावश्यकसूत्राणि सस्तबक षडावश्यकसूत्राणि सस्तबक षडावश्यक सूत्राणि सस्तबक षडावश्यक सूत्राणि स्तवन थोय संग्रह षडाश्यकविधि षड्दर्शनसमुञ्चय षड्द्रव्यविचार षड्वश्यक सूत्राणि बालावबोधसह षप्टिशतक प्रकरण सटीक षष्ठिशतकप्रकरण सस्तबक षष्ठीसंवत्सरीफल षष्ठी संवत्सरी फल षोडशक प्रकरण षोडशक प्रकरण षोडशकप्रकरण विवरण सह त्रिपाठ षोडशकप्रकरण वृत्तिसह १५३ षोडशकप्रकरण वृत्तिसह त्रिपाठ २०४१ ।। षोडशक प्रकरण सटीक त्रिपाठ २२९९ षोडश संज्ञा वर्णन कुलक सस्तबक संक्षिप्त पौषधविधि २१३८ संख्यातासंख्याता विचार संग्रहणी प्रकरण __ ११५ संग्रहणीप्रकरण संग्रहणीप्रकरण अपूर्ण १८२२ संग्रहणी प्रकरण सचित्र सस्तबक ५९४ संग्रहणी प्रकरण सस्तबक २७४ संग्रहणीप्रकरण सस्तबक २८४ संग्रहणीप्रकरण सस्तबक ९१२ संघपट्टक सावचूरि त्रिपाठ २६८३ संघस्वरूपकुलक सस्तबक २४७२ मन्नह जिणाणं सज्झाय २६६६ (२) संथारा पोरसी २६७४ संथारा पोरसी सावचूरि पञ्चपाठ २९६८ संथारा पोरिसी २४०२ संथारा पोरीसी २५८० संबोध सत्तरी भास २२९६ संबोधसप्ततिका २४३९ संबोधसप्ततिका प्रकरण २३७५ संबोधसप्ततिका प्रकरण २५९० संबोध सप्ततिका प्रकरण १८६५ (३) संबोधसप्ततिका प्रकरण ५०१ संबोधसप्ततिका प्रकरण २९५२ संबोधसप्ततिका प्रकरण संबोध सप्ततिका प्रकरण १५८६ संबोधसप्ततिका प्रकरण सस्तबक ७१७ संबोधसप्ततिकाप्रकरण सस्तबक ६६९ संबोधसप्ततिका प्रकरण सस्तबक ५०० संबोधसप्ततिका प्रकरण सस्तबक ८२७ संबोधसप्ततिका बालाव०सह १२५९ संबोधसप्ततिका बालावबोध सह ८२८ संबोधसप्ततिका सस्तबक २३७६ संबोधसप्ततिका सस्तबक ३७५ संबोधसप्ततिका सस्तबक ५०४ संबोधसित्तरी प्रकरण २१८६ (८) संभव जिनगीत १३७१ (९) संभवजिनस्तवन २६३५ संयमश्रेणिगर्भित वीरजिन स्तवन ४८२ संयमश्रेणिगर्भितवीरजिन स्तवन १०३२ संयमश्रेणिगर्भित वीरजिन स्तवन सस्तबक २४२६ संवेग रस चन्द्रायणा २७०८ संवेगरसचन्द्रावला ३०४६ संवेग रसायन बावनी ३०३२ संसारी वेल १०५ संस्कृत क्षेत्रसमास स्वोपज्ञवृत्ति २४७१ संस्तारक प्रकीर्णक सस्तबक १२३३ संस्तार प्रकीर्णक २९३ सकलाहतस्तोत्र २७०९ सकलाहत् चैत्यवंदन २८४३ सकलार्हत् चैत्यवंदन २१४५ सकलार्हत् चैत्यवंदन ७०२ २६४१ २२१० २७७२ १२५३ २४९२ ४१३ ३०७२ २५०१ २७८१ ८२४ Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [२०] पाटण भाभाना पागमा रहेला पिमलगाउना उपाश्रयना जेन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिकम गानु नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुरतकडे नाम कमा २४०१ सकलाईत् चेत्यवंदन २६३७ सकलाईत चेयलवंदन ३९९ सकलाईत्स्तोत्र सटीक २५९२ सकलाईत्स्तोत्र सटीक त्रिपाठ १२२७ सकलाईत्स्तोत्र ससाबक २६८४ सकलार्हत्स्तोत्र सस्तबक ३०६८ सकलार्हत्स्तोत्र सस्तबक ३१५१ (१) सग्रहणी प्रकरण १८८३ (७) सग्रहणी प्रकरण १६०९ सग्रहणीप्रकरण १५७१ सग्रहणी प्रकरण ११०८ सग्रहणी पकरण १२१३ सग्रहणी प्रकरण ११२७ सड्ग्रहणी प्रकरण १७५४ सग्रहणी प्रकरण,टीका १६२८ सग्रहणीपकरण बालावबोध १६२९ सग्रहणीप्रकरण बालावबोध २००९ सड्ग्रहणी प्रकरण बालावबोध १६१० सड्ग्रहणीप्रकरण सचित्र ११२१ सङ्ग्रहणी प्रकरण सचित्र सस्तबक १२६४ सग्रहणीप्रकरण सटीक त्रिपाठ १७५५ सग्रहणी प्रकरण सटीक त्रिपाठ १८९९ सग्रहणी प्रकरण सबालावबोध १८२९ सग्रहणी प्रकरण सस्तबक २०३० सड्ग्रहणी प्रकरण सस्तबक ९६१ सङ्ग्रहणी प्रकरण सस्तबक १२३८ सग्रहणीप्रकरण सस्तबक १२५१ सग्रहणी प्रकरण सस्तबक १९२८ सङ्ग्रहणी पकरण सस्तवक १२३७ सङ्ग्रहणीप्रकरण सस्तबक __ १२२८ सग्रहणीप्रकरपोथरि २६२९ सजनचित्तवल्लभ सस्तबक ३०५ (३) सज्झाय ११०६ सज्झाय-स्तवन २९६६ सज्झाय दोष निवारण सज्झाय २३१६ सज्झायनी सज्झाय २१४८ सज्झाय विरमण सज्झाय १८० सज्झाय संग्रह २२९ सज्झाय संग्रह ३०७८ सज्झाय सङ्ग्रह ३१८० सज्झाय सङ्ग्रह २२३६ सज्झाय सङ्ग्रह २३७९ सज्झाय सङ्ग्रह २१६१ सज्झायसङ्ग्रह २१०६ सज्झायसग्रह सज्झाय सङ्ग्रह अपूर्ण २०९६ सज्झाय स्तवन सङ्ग्रह ३११३ (१) सज्झाय स्तवन सङ्ग्रह २७३४ सज्झाय स्तवनादि २३९१ सज्झायो १५४९ सतसई अपूर्ण ३१३६ सतसईदोहरा ३१३१ सतासति कुलक (भरहेसर) २९५९ सत्तरभेदपूजा २२४२ सत्तर भेद पूजा २२२३ सत्तरभेद पूजा (वस्तुछंद) १५४५ सत्तरभेदपूजानिधि सस्तनक २७६९ सत्तरभेद पूजा विधि १९६० सत्तरभेद पूजाविधि सस्तबक सत्तरभेद पूजाविधि ससावक २९२२ सत्तरभेदपूजा स्थापना सज्झाय सत्तर भेदी पूजा २५८९ सत्तरी भाष्य २५२८ सत्तावीस योगनाम ज्योतिप २५३६ सत्यकि विद्याधर कथा १३३८ (४) सत्ये महणसी कथा २१०८ सद्भक्ता देवलोक स्तोत्र सस्तबक १६७८ (१) सनतकुमार स्वाध्याय १८०८ सन्मतिपकरण तत्त्वबोधिनी टीका १५१८ सप्ततिका प्रकरण बालावबोध ७७२ सप्ततिकाप्रकरण बालावबोध सह ११०१ सप्ततिका प्रकरण सस्तबक १४५८ सप्ततिका बालावबोध २१३५ सप्ततिशतकस्थानयंत्राणि १९११ सप्ततिशतस्थानयंत्र कोप्टक २२४३ सप्तनय गर्भित महावीर स्तोत्र सस्तबक २८९५ सप्तनय गर्भित महावीर स्तोत्र सस्तबक • ११०७ सप्तनय रास २८२५ सप्तनय विचार गद्य १५२६ सप्तपदार्थी टीका १२६८ सप्तपदार्थी टीका-मितभाषिणी ९३७ सप्तपदार्थी मितभाषिणी टीका Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २०१ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तक, नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम, क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक ५२१ १९३० सप्तपदार्थी मितभाषिणीटीका १३८५ सप्तपदार्थीमितभाषिणी टीका ९९६ (८) सप्तवार सज्झाय २६१५ सप्तशतविंशतिजिन स्तवन २५६८ सप्तशतविंशतिजिन स्तोत्र २८४९ सप्तशतविंशतिजिन स्तोत्र ३१२६ सप्त स्मरण १५०५ सप्तस्मरण-स्तवन सङ्ग्रह १३३२ सप्तस्मरण मूल १३३१ सप्तस्मरण सटीक त्रिपाठ १५२५ सप्तस्मरण सटीक त्रिपाठ ३०० सप्तस्मरण सस्तबक २०५४ सप्तस्मरण सस्तबक २०२९ सप्तस्मरण सस्तबक १०३३ सप्त स्मरण सस्तबक सप्तस्मरण सस्तबक १२४६ समस्मरण सस्तबक २३८८ सभ्यरत्वम्नव सस्तनक २२५ समकिन सडसन बोल स्वाध्याय ससारक २७०७ समक्तिना सडराठ बोल सड्ग्रह सम्यक्त्व गाथा द्वय २२९७ समक्तिनी सज्झाय २६९० समक्ति सडसठ बोल २६७१ समक्ति सडसठ बोलविचार २६२१ समक्ति सडसठ बोल सज्झाय ६८३ समक्ति सडसठ बोल सज्झाय समक्तिसडसठबोल सज्झाय १६० समताशतक दूहा २९०० समता स्वाध्याय ९९६ (२१) समदृष्टि सज्झाय २०९० समयसार १७७१ समयसार नाटक ২৩০ समयसार नाटक ७१० समयसार नाटक समयसार प्रकरण सस्तबक ३०९९ (१) समयसार भाषा ५४९ समयस्वरूपरास ६५९ समरादित्यकेवलीरास ३८१ समवसरण भावस्तवन ८० समवायांगसूत्रवृत्ति ७९ समवायांगसूत्रवृत्ति अपूर्ण समवायांगसूत्र सस्तबक समवायांगसूत्र सस्तबक १९०१ समवायाङ्गसूत्र मूल १९०० समवायाङ्गसूत्र वृत्ति २४०७ समास प्रकरण • २८२३ समेतशिखर स्तवन ३३४ (१४) सम्यकृत्वस्वाध्याय २०४२ सम्यक्त्वकौमुदी ९३० सम्यक्त्व कौमुदी ८९२ सम्यक्त्व कौमुदी १५६९ सम्यक्त्वकौमुदी अपूर्ण सम्यक्त्व कौमुदी कथा सम्यक्त्वकौमुदी चोपाई ४४२ सम्यक्त्व चोपाई सस्तबक ३२०५ सम्यक्त्व विचार ওও सम्यक्त्वसप्तति प्रकरण तत्त्वकौमदी टीकासह १५८१ सम्यक्त्वसप्तति सबालावबोध सबीजक १२४८ सम्यक्त्वसार कुलक सावचूरि त्रिपाठ ९१० सम्यक्त्व स्तव सावचूरि पञ्चपाठ २५४२ सम्यक्त्वस्तव सावचूरि पञ्चपाठ ३३४ (११) सम्यक्त्व स्थापना स्वा० ८३५ सम्यक्त्व स्वरूप गर्भित स्तोत्र सस्तबक २२२१ सरस्वति छंद ७४ (३) सरस्वती छंद ३१८७ (१५) सरस्वतीनुं गीत २६६६ (१) सरस्वती स्तोत्र २२३८ (११) सरस्वती स्तोत्र २२३६ (८) सर्वार्थसिद्धविमान सज्झाय २२२८ सवैया २०८० ससढ कथा २०८१ ससढ कथा १९५४ सांकली २२०५ (१) सागरश्रेष्ठिकथा देवद्रव्ये २२३८ (६) साधारण जिन स्तवन २१८६ (१) साधारण जिन स्तवन २२३८ (७) साधारण जिन स्तवन ८३१ (५) साधारणजिन स्तवन २६७८ साधारण जिन स्तवन २९७ १७५६ Page #222 --------------------------------------------------------------------------  Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २०३ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम . क्रमांक १९० ८३९ सारस्वतव्याकरण तद्धित पर्यंत प्रथमा वृत्ति १८८६ सारस्वतव्याकरण दीपिका टीका १७६६ सारस्वत व्याकरण धातुपाठ २८५९ सारस्वत व्याकरण धातुपाठ ३१८६ सारस्वत व्याकरण प्रक्रिया १०२९ सारस्वत व्याकरण प्रथमावृत्ति १४९९ सारस्वत व्याकरण प्रथमा वृत्ति तद्धित पर्यंत २३८३ सारस्वत व्याकरण प्रदीपिका ७०६ सारस्वतव्याकरण बालावबोध २९७६ सारस्वत व्याकरण बालावबोध सह सारस्वत व्याकरण विसर्ग पर्यंत २६५५ सारस्वत व्याकरण व्यंजनसंधि १४२७ सारस्वत व्याकरण सटीक १६४९ सारस्वत व्याकरण सुबोधिका टीका १४०८ सारस्वत व्याकरण स्यादि १४०९ सास्वत व्याकरण टीका १८८३ (१५) सिंदूर प्रकर १५६० सिंदूरप्रकर २९०२ सिंदूरप्रकर सिंदूरप्रकर २१८० सिंदूर प्रकर ४७१ सिंदूरप्रकर टीका १७६२ सिंदूरप्रकरबालावबोध सह २०६० सिंदूरप्रकर वृत्तिसह १९८८ सिंदूरप्रकर सटीक १६८० सिंदूरप्रकर सटीक त्रिपाठ १५५३ सिंदूरप्रकर सस्तबक १५५६ सिंदूरप्रकर सस्तबक अपूर्ण सिंदूरप्रकर सस्तबक श्लो.१४ सुधी २३१९ सिंदूरप्रकर सावरि त्रिपाठ १७४८ सिंहासन बत्रीसी कथा १२११ सिंहासनबत्रीसी कथा २२७३ सिद्धगीरी स्तवन ३१८७ (२) सिद्धचक्र सज्झाय २८२६ सिद्धचक्रस्तव आदि ३१८७ (१) सिद्धचक्र स्तवन २७२६ (३) सिद्धचक्र स्तवन २८६० (१०) सिद्धचक्र स्तवन २२४४ सिद्धचक्र स्तवन ३०९ (९) सिद्धचक्रस्तवन ४१२ (३) सिद्धचक्र स्तवन २४०० सिद्धचक्र स्तोत्र सस्तबक ४२८ सिद्धदंडिकायंत्रसह आदि संग्रह २०८३ सिद्ध दंडिका स्तव २२११ सिद्धदंडिका स्तवन २०९१ सिद्धदत्त कथा ७१६ सिद्धदत्त राजर्षि कथा सिद्धपंचाशिकाप्रकरण पञ्चपाठ बालाव० सह १२० सिद्धपंचाशिका बालावबोध सह त्रिपाठ २७९७ (१) सिद्धपंचाशिका सावचूरि पञ्चपाठ १९२५ ९०८ सिद्धपंचाशिकास्तव अवचूरि सह त्रिपाठ ९६३ सिद्ध पंचाशिका स्तव सावचूरि त्रिपाठ ७२८ (२) सिद्धपुरमंडण चन्द्रप्रभजिन स्तुति ३००० (२) सिद्धसेन दिवाकर प्रबंध १७३ सिद्धस्वरूप स्तवन १६०७ सिद्धहेम शब्दानुशासन अष्टमोध्याय प्राकृतव्याकरण ढुंढिकासह २८७९ सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमोऽध्याय (प्राकृत व्याकरण) दुंढिका टीका सह सिद्धहेमशब्दानुशासन । अष्टमोऽध्याय प्राकृतव्याकरण १४९५ सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्ति द्वितीयस्याध्यायस्य द्वितीय पाद पर्यंत १९२० सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्ति द्वितीयाध्यायस्य द्वितीयपादपर्यंत १५०२ सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्ति पञ्चमाध्याय पर्यंत सिद्धांत अतर्गत सुभाशिष श्लोकसङ्ग्रह सिद्धांतचन्द्रका १७६४ सिद्धांतचन्द्रका टीका अपूर्ण ५८७ सिद्धांतचन्द्रका व्याकरण १७६५ सिद्धांतचन्द्रका सुबोधिनी टीका २१६४ ८२६ Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २०४ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक ९५६ ५७७ ३६० १९२९ सिद्धांतबिदु १३८७ सिद्धातबोल विचार ९५१ सिद्धांत बोल विचार ३१२३ सिद्धांत बोल विचार सिद्धांतबोलविचार सिद्धांतविचार ७६० सिद्धांतविचार २५९८ सिद्धांत विचार १९२८ सिद्धांतविचार १५८३ सिद्धांतविचारबोल सड्ग्रह २२७ सिद्धांतसारप्रकरण सस्तबक १०६९ सिद्धांतसारोद्धार १९२३ सिद्धातहुडी १८४३ सिद्धाचल तीर्थमाला २४९७ सिद्धाचल तीर्थमाला २५३ सिद्धाचल तीर्थमाला ५९१ सिद्धाचल तीर्थमाला २८५ सिद्धाचलतीर्थमाला ५९२ सिद्धाचल तीर्थमाला २८१९ सिद्धाचल नवाणुं यात्रापूजा ३१७८ सिद्धाचलना २१ दूहा ३१८७ (१४) सिद्धाचल स्तवन २३२९ सिद्धाचल स्तवन २१८६ (१६) सिद्धाचल स्तवन १७५ (२) सिद्धाचल स्तवन २७६१ सिद्धाचल स्तवन आदि ११२५ सिद्धान्तसारविचार प्रकरण २७५४ सिद्धि दडिका प्रकरण २३०३ सिद्धिदंडिका स्तोत्र सस्तबक २२३५ सिधरा भवानी छंद ९२६ सिन्दूरप्रकर सस्तबक अपूर्ण २४९९ सिलोदक कल्प २३७१ सीता रावण मंदोदरी हितवाक्य २६४६ सीता स्वाध्याय २९९१ सीमंधर जिन नमस्कार १५३३ सीमंधरजिनविज्ञप्तिदोढसो गाथा स्तवन २७५ सीमंधर जिन सवासो गाथा स्तवन बालावबोधसह ६१८ (२) सीमंधर जिन स्तवन ३०९ (६) सीमधर जिनस्तवन २१२ सीमंधर जिन स्तवन ३८२ सीमंधरजिनस्तवन ३१०९ सीमंधरजिन स्तवन ३०७३ सीमंधर जिन स्तवन सीमंधरजिनस्तवन ३०९० सीमंधरजिन स्तवन ८३१ (२३) सीमंधर जिन स्तवन ८३१ (१२) सीमंधरजिन स्तवन ८३१ (१९) सीमंधरजिन स्तवन ८३१ (१५) सीमंधरजिन स्तवन ८३१ (१०) सीमंधरजिन स्तवन ८३१ (१६) सीमंधरजिन स्तवन ८३१ (२४) सीमंधर जिन स्तवन ८३१ (४) सीमंधरजिन स्तवन ८३१ (१३) सीमंधरजिन स्तवन ८३१ (७) सीमंधर जिन स्तवन ११०२ (१) सीमंधर जिन स्तवन ६९५ सीमधरजिन स्तवन सीमंधरजिन स्तवन २०९९ सीमंधरजिनस्तवन २१५६ सीमंधर जिन स्तवन ६८२ सीमंधरस्वामि विज्ञप्तिरूप ३५० गाथा-स्तवन बालाव० सह सीमंधरस्वामिविज्ञप्ति साडा त्रणसो गाथानुं स्तवन बालाव० सह सीमधरस्वामिविज्ञप्ति साडात्रणसो गाथार्नु स्तवन बालावबोधसह ३६१ सीमंधरस्वामिविज्ञप्ति साडात्रणसो गाथार्नु स्तवन बालावबोधसह ३६२ सीमधर स्वामिविज्ञप्ति साडात्रणसो गाथानु स्तवन बालावबोध सह सीमंधरस्वामि सवासो गाथार्नु स्तवन ३६४ सीमधर स्वामि सवासो गाथार्नु स्तवन स्वोपज्ञ बालावबोध सह ९०९ सीमंधरस्वामि सवासो गाथा स्तवन २८६० (८) सीमंधर स्वामि स्तवन १९३२ (२०) सीमन्धरजिनविज्ञप्तिस्तवन १३७१ (११) सीमन्धरजिनस्तवन १९३२ (१७) सीमन्धरजिनस्तवन १३७१ (८) सीमन्धरजिनस्तवन १९३२ (१४) सीमन्धरजिनस्तवन ८३७ ३०१५ Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रमांक १९३२ (१३) सीमन्धरजिनस्तवन १९३२ (८) सीमन्धरजिनस्तवन १३७१ (४) सीमन्धरजिनस्तवन १३७१ (१३) सीमन्धरजिनस्तवन १३७१ (१५) सीमन्धरजिनस्तवन १३७१ (१६) सीमन्धरजिनस्तवन १९३२ ( ११ ) सीमन्धरस्तवन १९३२ (१०) सीमन्धरस्तवन १९३२ (४) सीमन्धरस्तवन १३६२ १९०६ २३६५ २४९४ (२) २३२७ ३०५ (१) ३११४ १५५७ २६६२ पाटण भाभाना पाडामां रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तकनु नाम २९८१ सीमन्धरस्वामिविनतिरूप ३५० गाथानुं स्तवन सबालावबोध सुंदरप्रकाश छ व्रतनी सज्झाय सुंदरी महासती सज्झाय सुकोसल भास एकावनी सुकोसल भास एकावनी सुकोसल मुनि भास बावनी सुक्तावली सुगुरू कुगुरू षट्त्रिशिका २२९८ सुदर्शन ऋषि सज्झाय • २६५८ सुदर्शन शेठ सज्झाय २३६० सुदर्शन श्रेष्ठ रास २६१७ सुदर्शन श्रेष्ठ सज्झाय १६७८ (२) सुदर्शन श्रेष्ठि स्वाध्याय २४१७ सुधर्मास्वामिरास २५९५ सुपार्श्वनाथ - शीतलनाथ पर्यंत स्तवन सुपार्श्वनाथ स्तवन १२४४ २८०३ २९८९ २१३० ३१२८ २६५९ १००१ २२१ २३६३ २०७७ (१) १२३२ १८४० १६९३ २१५४ २३४१ २४२५ २२५४ ८९ सुबाहुकुमार चरित्र सुभद्रासती सज्झाय २६७० १२२५ ९३५ सुभाषित सुभाषित दूहा बलराजा कथा सुभाषित श्लोक सुभाषित श्लोक सग्रह सुभाषितानि श्लोकसङ्ग्रह सटिप्पन २८८२ ३७९ (३) सुमतिजिनस्तवन ३७९ (४) सुमतिजिनस्तवन २८२२ ९९६ (१३) सुमति सज्झाय २२०७ पाक्षिकप्रतिक्रमणविधि सुमतिनाथ स्तुति आदि सुमुखनृपादि मित्रचतुष्ककथा सुरदीपिका सुरप्रिय रास सुरसुंदरी चोपाई सुरसुंदरीरास सुरसुंदरी रा सुरसुंदरी रास सुलसा स्वाध्याय सुसढ कता सुसढ कथा सूक्तमाला सूक्तमाला सूक्तावली सूत्रकृतांग दीपीकासह सूत्रकृतांग प्रथम श्रुतस्कंध बालावबोध सह पञ्चपाठ १००९ १२५२ ५३२ ६३० १८३१ ६६८ १०१२ ११४२ ४७ ३५६ १९८१ २०८६ २०८५ २०७३ ८९१ २४१३ २५१२ १११४ १९ १८ १९०४ ४३० २१२८ १६८६ २८२१ २३९२ सूत्रकृतांगसूत्र सूत्रकृतांगसूत्र सूत्रकृतांगसूत्र सूत्र कृतांगसूत्र सूत्रकृतांगसूत्र सूत्रकृतांगसूत्र निर्युक्ति सूत्रकृतांगसूत्र प्रथम श्रुतस्कंध सूत्रकृतांगसूत्र प्रथम श्रुतस्कंध सूत्रकृतांगसूत्रवृत्ति सूत्रकृतांगसूत्र वृत्तिसह त्रिपाठ सूत्रकृताङ्गसूत्र द्वितीय श्रुतस्कंध बालाव०सह त्रिपाठ [ २०५ ] सूत्रकृताङ्गसूत्र प्रथमश्रुतस्कंध सूत्रकृताङ्गसूत्र प्रथमश्रुतस्कंध सूत्रकृताङ्गसूत्र बालावबोध सह अपूर्ण सूत्राकृतांगसूत्र त्रूटक सूरप्रिय कुमार रास सूरप्रिय केवलीरास सूरसुंदरी चोपाई सूर्यप्रज्ञप्तिउपांगसूत्र सूर्यप्रज्ञप्तिउपांगसूत्रवृत्ति सूर्यप्रज्ञप्तिउपाङ्गसूत्र सूसढकथा बालावबोध सह सोभनस्तुति सावचूरि त्रिपाठ सोलसतीभास सोलसती सज्झाय सोल स्वप्न स्वाध्याय Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रमांक ३१५२ २४४० २८०६ २२६३ ३७९ २०५ २१४ १९१ ४९२ ८३१ पाटण भाभाना पाडामां रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जैन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम क्रमांक पुस्तकनुं नाम क्रमांक पुस्तक नाम पुसतकनु नाम २११२ २०८८ (१) स्तवन '३१८७ ४०९ १८३ ४२० सौभाग्यपंचमीकथा गद्य सस्तयक सौभाग्यपंचमीमाहात्म्य गर्भित ९४४ ११०२ १३७१ १९३२ नेमिजिनस्तवन सौभाग्य पंचमी स्तवन स्तवन, सज्झाय, गहुली सद्ग्रह स्तवन-पदसंग्रह ६१८ स्तवन- सज्झाय संग्रह ४११ स्तवन- सज्ज्ञाय संग्रह १४४३ (१) स्तवन- सज्झाय सङ्ग्रह स्तवन- सज्झायादि स्तवन- सज्झाय स्तवन सज्झाय- गहूंली स्तुति आदि संग्रह स्तवन पद स्तवन संग्रह स्तवन संग्रह स्तवन संग्रह स्तवनसंग्रह स्तवन संग्रह स्तवन संग्रह स्तवनावलि स्तवन सङ्ग्रह स्तवन सङ्ग्रह स्तवन सङ्ग्रह स्तवन सङ्ग्रह २८६० स्तवन सङ्ग्रह २६५६ (१) स्तवन सङ्ग्रह २७२६ (१) स्तवन सङ्ग्रह २२७८ २१८८ २१०९ २३८७ २१०७ २२७५ २५४४ २६३१ ३१९४ स्तवन सङ्ग्रह स्तवन सङ्ग्रह स्तवन सप्र स्तवन सङ्ग्रह स्तवनसङ्ग्रह स्तवन सङ्ग्रह स्तवन सङ्ग्रह १७० ३०४९ २०७ स्तवनसङ्ग्रह स्तवनसङ्ग्रह गूटको २५४७ (१) स्तवन सङ्ग्रह त्रूटक २४७८ स्तवन सज्झाय २१८ स्तवन सज्झाय २८४६ स्तवन सज्झाय आदि ७३३ स्तवन सज्झाय संग्रह ६३७ ३०९ ३३४ ३०३ ३०१ • ३०४ २२१२ २२८१ स्तवन सज्झाय संग्रह स्तवन सज्झाय संग्रह स्तवन सज्झाय संग्रह स्तवन सज्झाय संग्रह स्तवन सज्झाय संग्रह स्तवन सज्झाय संग्रह स्तवन सज्झाय सङ्ग्रह स्तवनादि स्तवनो स्तवनो स्तुति थोय-संग्रह १०८३ स्तोत्र सङ्ग्रह १३३८ (३) स्त्रीद्वये कथा २७२४ (३) स्थंभन पार्श्व स्तवन २५७१ १८८३ (८) २९६४ २३६९ २९११ (२) २९६ १२२६ १८९४ ७७९ १८३४ ८९५ ६४ २८७५ १३३८ (९) २००० २३६७ १५९३ १२४९ १७८२ २६३६ [ २०५ ] स्थविराली मंदिसूत्रमंगल गाथा सस्तबक स्थविरावली स्थविरावली (नंदीगत ) समालावबोध स्थविरावली नंदिअंतर्गत मंगलगाथा बालाव०सह स्थविरावली नंदिसूत्र मंगलगाथा स्थविरावली नंदिसूत्रमंगलगाथा स्थविरावली बालावबोध सह स्थानांगसूत्र स्थानांगसूत्र दीपिका वृत्तिसह त्रिपाठ स्थानांगसूत्र बालावबोध सस्तलक स्थानांगसूत्र वृत्ति स्थानांगसूत्रवृत्ति स्थानांगसूत्र सावचूरि पञ्चपाठ स्थिरता श्रीदेव ज्ञात कथा स्थूलभद्र - गुणरत्नाकर छंद स्थूलभद्र एकवीसो स्थूलभद्र गुणरत्नाकर छंद स्थूलभद्र चरित्र स्थूलभद्रचरित्र पद्य स्थूलभद्रचरित्र पद्य सस्तबक स्थूलभद्र नव रसो ३०१९ स्थूलभद्र सज्झाय १३३८ (१९) स्थूलिभद्रकथा ३१५६ (२) स्थूलिभद्र स्वाध्याय Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २०७ ] पाटण भाभाना पाडामा रहेला विमलगच्छना उपाश्रयना जेन ज्ञानभंडारना हस्तलिखित ग्रंथोनो अकारादिक्रम पुस्तक नाम क्रमांक पुस्तक नाम क्रमांक पुस्तकनुं नाम | क्रमांक २३९८ स्नातस्यास्तुति आदि २६२५ स्रात्र पूजा ११३९ रात्रपूजा २१० (२) स्नात्रपूजा अपूर्ण ३५७ स्नात्रपूजाविधि २२५३ स्नात्र पूजा विधि २९२ स्नात्रपूजा विधि सस्तबक ९१७ स्मरणानि १२४० स्याद्वादमंजरी ८९४ स्याद्वाद मंजरी २७७३ स्वाध्याय १६७७ स्वाध्याय-सज्झाय सङ्ग्रह २१५९ स्वामिवात्सल्य विचार अधिकार सस्तबक २५३८ हंसराज वच्छराज रास २११८ (२) हंसराज वत्सराज कथा २११८ (१) हरिबल कथा ६८१ हरिबल रास ३१६६ हरियाली ४०७ हरियाली सस्तबक ३०८३ हरिवाहनरास ७७४ हरिविक्रमचरित्र २६१ हरिविक्रमचरित्र २२३६ (५) हरीयाली २२३६ (४) हरीयाली २०९ हिंसाष्टक सावचूरि सह ३०९ (१) हितशिक्षा सज्झाय अमृतवेली २२३८ (२) हितशिक्षा स्वाध्याय २४८६ (२) हितशिक्षास्वाध्याय २९४४ हितशिक्षा स्वाध्याय २१७० हित शिक्षा स्वाध्याय मौन एकादशी स्तुति ३०९ (७) हितशिखामण ७४ ४) हितशिखामण सज्झाय ३०९ (१०) हितशीखामण । २४३५ हितोपदेश (वैद्यक) २८४५ हितोपदेश सज्झाय १९६६ हीरकलश अपूर्ण ५३० हीरप्रश्न-प्रश्नोत्तर समुच्चय २९१८ हीरप्रश्न प्रश्नोत्तरसमुञ्चय २५१० हीरविजयसूरि सज्झाय २१३३ हीरसूरि सज्झाय ३०४५ हुंडी सज्झाय १९३२ (२) हुंडीस्तवन १३७१ (२) हूंडीस्तवन होलीकथा सस्तबक ३०७१ होलीपर्वकथा रजःपर्व कथा सस्तवक ४७९ होलीरजःपर्वकथा सस्तबक ३७० Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २०८ ] ।। श्री शंरक्श्वरपार्श्वनाथाय नमः ।। श्री संघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनी सूचि पासख्या भाषा लेखन रचना गायकवाडी पेटीनो | पुस्तक | ग्रथनु नाम नबर चालुनबर | संख्या ग्रथकर्ता सख्या श्लोक-1 सवत्। सवत् संवत् | १ १ (१) (२) कर्मविपाकमूल कर्मविपाकवृत्ति कर्मस्तवमूल कर्मस्तववृत्ति बधस्वामित्व सावचूरि षडशीति सटीक गा १६० १७८२ गा. ३४ ८३० ३३२ ३३२ ३३२ ३३२ ३३२ ३३२ ३३२ ३३२ ३३३ ३३३ ३३३ ३९२ 8302&& १-३ प्राकृत ३-४४ संस्कृत ४४-४५ प्राकृत ४५-६७ संस्कृत ६७-७७ प्रा. ७७-१४२ प्रा.सं १४३-२५० प्रा.सं. २५०-३५१ प्रा.सं. १-१७ प्रा. १-२३५ प्रा.सं. २३६-४६२ प्रा.सं. देवेन्द्रसूरि देवेन्द्रसूरि देवेन्द्रसूरि देवेन्द्रसूरि देवेन्द्रसूरि देवेन्द्रसूरि देवेन्द्रसूरि टी मलयगिरि भद्रबाहुस्वामि शातिसूरि शांतिसूरि १४६२ १४६२ १४६२ १४६२ १४६२ १४६२ १४६२ १४६२ १४८९ शतक सटीक २८०० ४३४० ३८८० गा. ६०७,७५० १ २ १८) (१) १८००० १४८९ ४(१) (१) हेमचन्द्राचार्य सुमतिसूरि १३७२ ११८८ १०(१) १०(२) ३९४ ४(२) ४(३) ५ (२) (३) (१) सप्ततिका सटीक उत्तराध्ययननियुक्ति उत्तराध्ययनपाईयटीका पूर्वार्ध उत्तराध्ययनपाईयटीका उत्तरार्ध त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र दशमपर्व (महावीर चरित्र) दशवैकालिकटीका उत्तराध्ययनसूत्र. प्रमेयकमलमार्तड ज्ञाताधर्मकथाग सूत्र ज्ञाताधर्मकथागवत्ति पउमचरिउ (पा चरित्र) कथावली प्रथम खड-प्रथम विभाग कथावली प्रथम खंड-द्वितीय भाग कथावली प्रथम खंड-प्रथम विभाग कथावली प्रथम खंड-द्वितीय भाग जीवाभिगम सूत्र जीवाभिगमवृत्ति ३७५ (२) (१) ५४६४ ४३६६ २०५०० १३८६ १४५८ १६८ संस्कृत ११५ संस्कृत १०६ प्रा. २७८ सं. ११९ प्रा. १०० सं २५६ प्रा ३०७ प्रा. ३०७ प्रा. १-१५१ प्रा. १५१-३०२ प्रा. १-१२३ प्रा. १२४-३७१ स. ११२० वी. ५३० ७ ३७५ ३७१ ४०२ ४०२ w w o uro 2 अभयदेवाचार्य विमलाचार्य भद्रेश्वरसूरि भद्रेश्वरसूरि भद्रेश्वरसूरि भद्रेश्वरसूरि (२) १२६०० १४९७ ४०३ ४०३ ३८३ ३८३ १२६०० ४७० १४९७ १० (२) मलयगिरि १. पत्र ५-६-७-८-२३-२४ टुकडा नथी - पत्र १०-१७ नथी २. संवत १४६५मा श्री देवसुदर सरिना उपदेशथी पाटणना भडारमा मुकाव्यु ३. डुंगरपुरमां गजपाल राजाना राज्यमां लखाव्यु छे. ४. प्रथम त्रण पत्रना टुकड़ा छे, सिद्धराजराज्ये, ५.१७७ पत्र नथी-अपूर्ण, दिर्गयर न्याय ६. पाटीओ ठीक करवानी ७. सारी ऐ ८. वचमो केटलाक पनो नथी अने टुकडा पण छे, छता सारी छे ९. सपूर्ण मारी छे १०.अपूर्ण-वचमा जीर्ण Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो पुस्तक चालनंबर संख्या नंबर ३८७ ३८७ ३८७ ३७३ ३७० ३७० ३९१ ४०५ ३५३ २२० १७५ ३५५ १८७ ११ av av av & m २९७ २९७ २९७ ३६९ ११ ११ १३ १३ (१) (१) १२ १६ (१) १६ (२) १६ (३) १७ (१) १७ (२) (२) (३) १७ (३) १७ (३) १७ (३) १८ (१) (२) १४ (१) १५ (१) (१) (२) (३) (१) (१) (२) (१) (२) (३) (१) , ܪ ग्रंथ नाम उत्तराध्ययन सूत्र उत्तराध्ययन सूत्रसुबोधावृत्ति उत्तराध्ययन सूत्रसुबोधावृत्ति' पुष्पमाला (कुसुममाला) वृत्ति त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र पर्व ३५ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र पर्व ६-७-९ भगवतीसूत्रवृत्ति' विशेषावश्यकलघुवृत्ति पंडनियुक्तिवृत्ि शतकचूर्णि अनुयोगद्वार चूर्ण ओ नियुक्तिटीका ओघनियुक्ति पंडनियुक्ति ८ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पत्रसंख्या भाषा ग्रंथकर्ता १२ १-४७ प्रा. १-१६० सं. १६१-२७६ सं. सं. सं. ३४८ १-१७६ १७७थी३८० ४३८ प्रा. २७५ प्रा.सं. १८७ सं. सं. १-७५ ७५-१३० १३१-१७८ १७९ - १८८ प्रा. ३३५ १२५ प्रा. १२८ प्रा. २१३ सं. प्रा. भद्रबाहुस्वामि भद्रबाहुस्वामि प्रा. प्रा. भद्रबाहुस्वामि भद्रबाहुस्वामि अभयदेवाचार्य १-१११ ११२ - ११५ ११६ - १६१ १६१ - २०४ २०५-२५८ २५९ - ३१५ ३१६-३२३ देवेन्द्रगणि देवेन्द्रगणि मलधारि हेमचन्द्रसूरि हेमचन्द्राचार्य सं. हेमचन्द्राचार्य प्रा. प्रा. प्रा. प्रा. प्रा. अभयदेवाचार्य कोट्टाचार्य मलयगिरि जिनदासगणि महत्तर द्रोणाचार्य श्लोक संस्ख्या २०५६ संघदास क्षमाश्रमण १२००० १३८६८ १८६१६ ७००० ओनि पिंडनियुक्ति भगवती आलापक सन्मतितर्कटीका द्वितीय क ३४४ १९ (१) ३४४ १९ (२) ३४४ १९ (३) ३४४ १९ (४) ३४४ १९ (4) ३४४ १९ (६) ३४४ १९ (७) महानिशीथ सूत्र दशाश्रुतस्कंधनियुक्ति दशाश्रुतस्कंध चूर्णि दशाश्रुतस्कंधसूत्र पंचकल्प बृहद् भाष्य पंचकल्पचूर्णि बृहत् कल्पसूत्र १९ प्रा. प्रा. १. सारी २. सारी ३. वचमां घणा पानाना टुकडा छे तेम सर्वथा पण नथी. ४. अष्टम पर्व नथी. ५. प्रथम पत्र - १ नथी, पाछळ सात पानां तूटेलां मूक्यां छे. ६. सारी ७. सारी ८. सारी ९. त्रुटक- अपूर्ण १०. सारी - ३३४-३३५ बेना टुकडा छे. ११. घणा पानानी कोरो कपाई गई छे. १२. नकामु-फाटी गयु छे. लेखन संवत् ४५०४ १५४ २२२५ २०९६ ३१२५ १४०० १४०० १३१३ १३१८ १४९१ १४४६ [ २०९ ] रचना संवत् १४५६ ११२९ ११२८ Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो नंबर ३८९ (२) ३३१ ३६६ ३६६ ३९६ पुस्तक चालनंबर संख्या ૪ १९ ∞ ∞ ♡ & ≈ ≈ ☹ ७ ३१ ३५८ १९ २० २१ २२ २२ २३ ३९६ ३९० ४११ २५ ३७६ (३-४) २६ ३७६ (३-४) २६ ३४९ २७ (१) (८) २७ (२) २७ (३) २८ (९) (१) (१) (१) (२) २३ (२) २४ (१) (१) (१) (२) (१) (१) (१) (१) (१) ३५७ (१) २९(१) ३८९(१) २९(२) ३५६ (३) ३० ३५६ (१-२) ३१ (१) ३५६ (१-२) ३१ (१) ३५९ (२) ३१(२) ३९७ (१-२) ३१(३) ३९७ (१-२) ३१(३) (२) (१) (१) (१) (१) (२) ग्रंथर्नु नाम (१) (१) जीतकल्पवृ जीतकल्पसूत्र चन्द्रप्रज्ञप्ति टीका' स्याद्वादरत्नाकर प्रथम खंड पंचाशक १९ पंचाशक वृत्ति' आवश्यकलघुवृत्ति आवश्यकलघुवृत्ति आवश्यकचूर्णि अरिष्टनेमिचरित्र श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पत्रसख्या भाषा यथकर्ता सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र सूर्यप्रज्ञप्तिटीका उपदेशकंदली वृत्ति सह योगशास्त्रान्तर्गत चैत्यवंदन वृत्ति योगशास्त्रान्तर्गत श्लोको द्वयाश्रय वृत्ति १थी११ सर्ग सुधी द्वयाश्रय वृत्ति सर्ग १२ थी संपूर्ण चन्द्रप्रशमिसूत्र आचारांगवृत्ति आचारांगनिर्युक्ति ३२४-३५८ २७३ ३११ १-४४ ४५-३६६ १-१८१ १८१-३६० ४०३ २७७ ५० २३७ २३६ १२९ २८४ सं. १९९ स. सं. सं. ८५ सं. सं. प्रा. सं. सं. सं. प्रा. प्रा. प्रा. सं. सं. सं. तिलकाचार्य मलयगिरि वादी देवसूरि हरिभद्रसूरि अभयदेवाचार्य तिलकाचार्य तिलकाचार्य रत्नप्रभसूरि मलयगिरि मू. आसड वृ बालाचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य टी. अभयतिलकगणी हेमचन्द्राचार्य वृ. अभयतिलकगणी श्लोक सरव्या शीलांकाचार्य भद्रबाहुस्वामी १८०० १४४२ १२३२५ १८००० १३६०० २२०० ७६०० ८८५८ १२००० गा. ३६५ लेखन सवत् ३६०० १४८१ १४७६ ११२४ १४८६, १२९६ १-४६ प्रा. ३६७ स. १-१४ प्रा. आचारांगसूत्र स्थानांगसूत्र १-७६ प्रा. ३६९-४६८ १-४८ प्रा. प्रा. सूत्रकृतांग मूल सूत्रकृतांगनिर्युक्ति ४९-५४ प्रा. भद्रबाहुस्वामी १४६८ १. वचला अने छेल्ला पानाना टुकडा छे. २ वचमा फाटी गयेला टुकड़ा छे. ३. सारी छे. ४, २९६, २९७, २९९, ३०१, ३०६, ३०९ना टुकडा . २९२-२९५-३०४ नथी. ५. वचमा पत्रोटक छे ६. सारी छे. ७. प्रत घणी सारी छे. ८. श्राचक अबडनी खरीदेली. ९. संपूर्ण सारी. १०. सारी ११. कोई कोई पानु चोटे छे. १४८५मा जीर्णोद्धार थयो छे. १३७७ १२३३ १४८१ [ २१० 1 रचना सवत् १४८५ १४८६ १३२२ १४६७ शके- ७९८ Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - १४५५ ५६३० श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथो [ २११ ] गायकवाडी पेटीनो पुस्तक थर्नु नाम पनसंख्या | भाषा पंथकर्ता लेखन-1 रचनानवरचालनंबर संख्या संख्या संयत् संवत् ३६७ ३२ (१) अनुयोगद्वारसूत्र', १-४३ सं. २००५ १४८० ३६७ ३२ (२) अनुयोगद्वारवृत्ति ४४-२२३ मलधारी हेमचन्द्र ५८८८ १४८० ३९५ ३३(१) (१) उपासकदशांग १-१७ प्रा. ८१२ १४५५ ३९५ ३३(१) (२) अंतकृद्दशांग १७-३१ ८९० १४५५ ३३(१) (३) अनुत्तरौपपातिकदशांग ३१-३४ १९२ १४५५ ३९५ ३३(१) (४) प्रश्नव्याकरणसूत्र ३४-५९ १३५० १४५५ ३९५ ३३(१) (५) विपाकसूत्र ५९-८५ १३१६ १४५५ ३९५ ३३(१) (६) उपासकदशांगटीका ८५-१०५ अभयदेवसूरि ३९५ ३३(१) (७) अंतकृद्दशांगटीका १०५-११२ अभयदेवसूर १३०० १४५५ ३९५ ३३(१) (८) अनुत्तरौपपातिकदशांगटीका ११२-११४ सं. अभयदेवसूरि १४५५ १५ ३३(१) (९) प्रश्नव्याकरणटीका" ११४-२०७ अभयदेवसूरि १४५५ ३९५ ३३(१) (१०) विपाकसूत्रटीका २०८-२२६ अभयदेवसूरि १४५५ ८३ ३३(२) (१) उत्तराध्ययनसूत्र" १०१ ११५९ १७४(४) ३३(३) (१) दशवैकालिकसूत्र ३३५-३८५ शय्यंभवसूरि गा. ७०० ३६४ ३४(१) (१) चन्द्रप्रज्ञप्तिटीका १०२-१९७ मलयगिरि ३४६ ३४(२) (१) पद्मप्रभचरित्र १८१ बालिहर गच्छीय देवसूरि १२५४ ३४३ ३५(१) (१) दशवैकालिकसूत्र १-१६ शय्यम्भवसूरि ३४३ ३५(१) (२) दशवैकालिकनियुक्ति १७-२८ भद्रबाहुस्वामी ३४३ ३५(१) (३) दशवैकालिकवृत्ति २९-१९० सं. हरिभद्रसूरि २३० ३५(२) (१) पाक्षिक सूत्र १-३२ प्रा. २३० ३५(२) (२) दशवैकालिकसूत्र ३३-६७ शय्यम्भवसूरि (३) पिंडविशुद्धि ६८-८० प्रा. जिनवल्लभगणी गा.१०४ २३८(१) ३५(३) (१) दशवैकालिकलघुवृत्ति १८० सं. ३७९ ३६ (१) कल्पचूर्णि २-८१ ३७९ ३६ (२) कल्पभाष्य २१-२०८ ६६०० ३७८ ३७ (१) नंदीसूत्र १-१५ प्रा. १४८९ ३७८ ३७ (२) नंदीसूत्र वृत्ति १६-२२६ सं. मलयगिरिसूरि ७७३२ १४८९ १. सारी पूर्ण २. सारी पूर्ण ३. सारी छे. ४. सारी छे. ५. सारी छे.६. सारी छे ७. सारी छे. ८. सारी छे. ९. सारी छे. १०. सारी छे. ११. सारी छे. १२. सारी छे. १३. सपूर्ण १४.१२ प्राभूतथी छे. आदिनो भाग नथी. १५. कोई ठेकाणे चोंटेली छे. १६. अपूर्ण १७. त्रुटक छे. जीर्णप्राय. १८. त्रुटक छे. जीर्णप्राय. १९-२०. सारी-पूर्ण. १४७९ ७०० ৩০০ Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [२१२ ] श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि फासंख्या | भाषा ग्रंथकर्ता ग्रंथर्नु नाम लेखनसंवत् रचनासंवत् संस्ज्या सं. १४२५० ११२० अभयदेवसूरि शीलांगाचार्य १२००० १४७० गायकवाडी | पेटीनो | पुस्तक ननर चालनबर संख्या ३५९(१) ३८ (१) . .३९७(३) ३९ (१) ३८४(२) ४० (१) ३८४(१) ४१(१) (१) ., ३७६(१-२) ४२(२) (१) '३७६(१-२) ४२(२) (२) ३७२ ४२ (१) ३७२ ३८५ ४३ (१) ३६८ २८३ २७१ १२७ ९९ ४० ५००० १२३ 计网mmm迁过别过过过 अभयदेवसूरि १९२० ३२८ ५४ २६५ ३२९ २०५४ ९५०० (२) (१) स्थानांगसूत्रवृत्ति सूत्रकृतागवृत्ति व्यवहारचूर्णि व्यवहारभाष्य जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति जंबूद्वीपचूर्णि ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र उत्तराध्ययनसुखबोधावृत्ति चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र चन्द्रप्रज्ञप्तिवृत्ति धर्मसंग्रहणीवृत्ति स्याहादरलाकर पचमषष्ठादि परिच्छेद श्री सुपार्श्वनाथचरित्र" श्री श्रेयांसजिनचरित्र सिद्धहेमबहवत्ति तृतीयाध्याय द्वितीयपाद-पर्यन्त सिद्धहेमवृहवृत्ति तृतीयाध्याय (ततीयाध्यायथी पंचमाध्याय पर्यन्त) उणादिवृत्तिना केटलांक पत्रो छे उपदेशमाला दोषट्टीवत्तिसहित श्री चन्द्रप्रभचरित्र कुमारपालप्रतियोष मलयगिरि मलयगिरि वादी देवसुरि १४८० १४२७ ७२८४ ४०७ ४६ (१) २७५ २३७ १९४ पा. प्रा. (१) लक्ष्मणगणी विमलचन्द्राचार्य हेमचन्द्रसूरि ११००० १४७० ४१३ ४९ (१) १५० सं. हेमचन्द्रसूरि ४१३ ३४० ४१२ ३३० १२८ ४९ ५० ५१ ५२ (३) (१) (१) (१) हेमचन्द्रसूरि रत्नपभसूरि हरिभद्रसूरि सोमपभाचार्य सं. ३४६ प्रा.सं. २६५ प्रा. ५१-३०५. पा. ११७६४ ८०३२ १२९३ १२२३ १. प्रत पळेली छे-पण सारी. २. अपूर्ण ३. सारी छे. ४. सारीले पत्र ७० टूटेल. पत्र ६९-७०नी एक एक कंडीका छे. ५. ८९पानथी. ६. सारी .७. सारी छे ८. वचमा त्रुटक छे. अंत नथी. ताडपरना पानामा लखेलो अंकवाळा' थी. ९. सारी अने पूर्ण.१०. सारी अने पूर्ण. १९. सारी, ताइन पळी गयेली. मुश्केलीथी यांधी छे. १२. वचमा ८५ पत्र लख्यो नथी. तेमज घणे ठेकाणे पनो लखपाना छे १३. प्रत सारी-पदच्छेद करेली.१४. सारी. १५. सारी, चंद्रावतीमा प मलगपरेलखेली छे. पहेला बीजा पानामा ३-३ नथी. ये पानामा एक १-१ नथी.१६. आदिना १३ पाना नथी. १७.५३,५४, ५९, १६१, १६२ पो गयी, अंतमा पण पनो खुटे छे. Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संवत् .२९ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सचि [ २१३ ] गायकवाडी पेटीनो | पुस्तक ग्रंथर्नु नाम पत्रसंख्या। भाषा ग्रंथकर्ता अलोक लेखन- रचनानंबर चालुनंबर | संख्या संख्या संवत् ३५१ ५३ (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र प्रथम २२१ . सं. हेमचन्द्राचार्य पर्व (श्री आदिनाथचरित्र) ३३९ ५४(१) (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र दशम २२० सं. हेमचन्द्राचार्य १२९४ पर्व (श्री महावीरचरित्र) २११(२थी६) ५४(२) (१) संग्रहणी १-४६ गा. ३६६ २११(२थी६)५४(२) (२) बत्रीस जीव परिमाण ४६-४९ गा. २८ २११(२थी६) ५४(२) (३) दुःसम गडिका १-१९ प्रा. गा. ११२ १२८४ २११(२थी६) ५४(२) (४) वोच्छेय गंडिया १९-४६ गा. १७३ १२८४ २११(२थीद)५४(२) (५) जंबूद्वीप समास ४७-६१ २४४ ५४(३) (१) संग्रहणी ४८ प्रा. चन्द्रसूरि यमकस्तुति वृत्ति ५६ सं. मू. सोमसूरि ३३७ ५५(१) (१) उपदेशमालावृत्ति कथानक साथे २९६ प्रा.सं. सिद्धर्षिगणि ९५०० २०० ५५(२) (१) योगशास्त्र १-७६ सं. हेमचन्द्राचार्य २०० ५५(२) (२) प्रश्नोत्तररत्नमाला ७७-८१ सं. विमलाचार्य २०० ५५(२) (३) धर्मलक्षण ८२-८४ सं. २०० ५५(२) (४) पुराण श्लोको ८४-९७ सं. २०० ५५(२) (५) स्थविरावलि ९७-१०५ २०० ५५(२) (६) वीतरागस्तव १०५-१३७ हेमचन्द्राचार्य २०० ५५(२) (७) ऋषभपंचाशिका १३७-१४६ धनपाल कवि • २०० ५५(२) (८) सिंदूरप्रकर १६-३१ सं. सोमप्रभाचार्य १४८ ५५(३) (१) आराधना कुलक ७२-८४ प्रा. सोमसूरि १४८ ५५(३) जीवानुसहि संधि ८५-९२ अपभ्रंश १४८ ५५(३) अनाथी सधि ९२-१०१ अपभ्रंश १४८ ५५(३) (४) अवतिकुमार संधि १०१-१२१ अपभ्रंश ३४७ ५६(१) (१) क्रियारत्नसमुञ्चय २१२ सं. गुणरत्नसूरि ५७७८ १४९२ १४६६ २४३ ५६(२) (१) उपदेशमाला १-७७ प्रा. गा. ५४१ २४३ ५६(२) (२) सग्रहणी १-४५ प्रा. चन्द्रसूरि . गा. २७३ २४३ ५६(२) (३) सकलतीर्थ स्तोत्र १००-१०४ प्रा. सिद्धसेनसूरि १. छठो सर्ग अपूर्ण छे. २०६, २१२, २१८ पत्रो नथी. प्रथम पत्र (त्रुटक) नथी. २ पत्र १०-११-१३-१४-१८-१२१-१३८-१३९-१८६-१९१ नथी. २१८ त्रुटक छे. कुमारपालनी ने २२०मां देवीनी मूर्ति चीतरेली छे. (श्रीदेवी श्राविका) ३. अपूर्ण ४. सारी ५. अपूर्ण. Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सवत् संवत् श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सचि [ २१४ ] गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | ग्रंथनु नाम पत्रसरख्या भाषा ग्रथकर्ता श्लोक लेखन रचनानंबर चालनबर संख्या संख्या २४३ ५६(२) (४) श्रावकविधि १०५-१०८ प्रा गा. २३ २४३ ५६(२) (५) धर्मोपदेश अपभ्रंश २४३ ५६(२) (६) आत्मशुद्धिस्तव २४३ ५६(२) (७) स्तव हरिभद्रसूरि २४६ ५६(२) (८) कायस्थितिस्तव २४३ ५६(२) (९) साधुगुण २३(१थी४) ५६(३) (१) वृत्तरत्नाकरवृत्ति ४८ श्रीकंठ पडित २३(१थी४) धातुपाठ ३७-६० हेमाचार्य २३(१थी४) लिंगानुशासन ६०-७४ हेमाचार्य २३(१थी४) वृत्तरत्नाकर ७५-८६ केदार भट्ट ३३८ ५७(१) (१) श्री शांतिनाथचरित्र प्रथम भाग १५८ (२) श्री शातिनाथचरित्र द्वितीय भाग १५९-३१६ माणिक्यचन्द्रसूरि ५५०० १४७० ९२४१-२) ५७(२) (१) उत्तराध्ययन सूत्र १५९ प्रा. १३८१ ९१(१-२) (२) सामुद्रिक १५९-१६२ सं. ९१(१-२) वंदनफल-गणधरवाद-श्रावकवत भंग-उत्तराध्ययन सुभाषित विगेरे १६२-१९० प्रा.सं. ४०६ ५८(१) (१) भाष्य (जीतकल्प भाष्य) ४९-१७७ प्रा. ३६० ५८(२) (१) सन्मतितर्क वृत्ति ३थी१८८ सं. अभयदेवसूरि २११(१) ५८(३) (१) पंचाशक सूत्र ९९ प्रा. हरिभद्राचार्य २२९ ५८(४) (१) अनुयोगद्वारचूर्णि १५८ जिनदासगणि महत्तर ३५० ५९(१) (१) श्री पार्श्वनाथचरित्र २-२५१ भावदेवसूरि ६०७४ १४६३ २०२ ५९(२) मोक्षोपदेशपंचाशत् १-८ मुनिचन्द्रसूरि गा.५० २०२ (२) जीवोपलंभपंचाशिका ८-१६ २०२ हितोपदेश १६-१९ २०२ (४) उपदेश १९-१२ गा. २५ ०२ (५) उपदेशामृत २२-२५ प्रा. (६) विषयानुशासनांकुश २६-२९ प्रा. २०२ (७) उपदेशरसायन २९-३३ प्रा. १. कागळ, अपूर्ण, २. अपूर्ण. ३. ३१५मु पत्र तूटी गयु छे, वचमा कोईक पत्र भूसाई गर्यु छे. ४. कागळमा. ५. आदि अंत न होवाथी कया शास्त्र भाष्य एजणातु नथी. ६. त्रुटक-अपूर्ण.७. पत्र ३९-२१२-२२८-२४० नथी. पत्र २०८-२११-१८-२२०ना टुकड़ा छे. (१) 计计计网mmmm २०२ Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २१५ ] श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पत्रसंख्या ग्रंथकर्ता श्लोक ग्रंथर्नु नाम गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक नंबर चालुनबर | सख्या लेखनसंवत् रचनासंवत् संख्या मुनिचन्द्रसूरि ०२ ५९(२) २०२ (८) (९) (१०) (११) (१२) मुनिचन्द्रसूरि मुनिचन्द्रसूरि मुनिचन्द्रसूरि गा. २५ गा. २९ गा. ३३ गा. ३२ गा. ३१ २०२ २०२ २०२ २०२ २०२ २०२ (१४) (१५) (१६) गा. २५ २०२ नेमिकुमार विमलाचार्य २९ २०२ २०२ गा. २५ २०२ २०२ (१८) (१९) (२०) (२१) (२२) ३३-३६ प्रा. ३६-४० ४०-४५ ४६-५० ५०-५७ ५७-६० प्रा. ६०-६२ प्रा. ६२-६५ ६५-७० ७१-७४ ७४-७७ ७७-८१ ८१-८३ प्रा. ८४-८७ प्रा. ८७-९१ प्रा. ९१-९४ अपभ्रंश ९४-१०२ प्रा. १०२-१०४ सं. १०४-११० प्रा. ० ११०-११४ अपभ्रंश ११४-१२३ प्रा. १-९३ सं.प्रा. १-२७ प्रा. १-८ प्रा १-४ प्रा.सं. . १-४ प्रा. २०२ मुनिचन्द्रसूरि २०२ २०२ २०२ धर्मोपदेशलेश सम्यक्त्वोपायविधि शुभभावना उपदेश उपदेशामृत रत्नत्रयकुलक पंचपर्वादिकुलक भावनालेशकुलक चउसरण जीवोपलंभकुलक प्रश्नोत्तररत्नमाला जीवानुसद्विकुलक पश्चाताप पत्थियसमत्थ (स्थानकस्तवन) सक्षेप आराधना प्राभातिक जीवानुशासन मुनिचन्द्रस्तुति देवसूरिकृत कुलक प्राभातिक स्तुति आउरपञ्चक्रवाण शांतिजिन स्तुति गुरुस्तुति (श्रावकव्रत) कर्मस्तववृत्ति संग्रहणी क्षेत्रसमास वेतालदोष तथा धर्मलक्षणादि संसक्तनियुक्ति कल्याणि(ण)क स्तव भावनाकुलक जीवानुसढिकुलक भावनाकुलक गा. १३ गा. २१ गा. २३ गा. २५ गा. ५५ (२३) २०२ गा. ५७ ८३२ देवेन्द्रसरि-स्वोपज्ञ श्रीचन्द्रसूरि (२४) (२५) (२६) (२७) (२८) ५९(३) (१) ५९(३) (२) ५९(३) ५९(३) (४) ५९(३) (५) ५९(३) (६) ५९(३) (७) ५९(३) (८) ५९(३) (९) २०२ २०२ २०२ १२८ १२८ १२८ १२८ १२८ १२८ १२८ १२८ १२८ गा.८५ गा. ५० आसराज ३२ ३० गा. २५ गा. २४ सोमदेव Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २१६ ] रचना म्लोकसंख्या लेखनसंवत् संवत् गा. १२ गा. ३० गा २९ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि गायकवाडी पेटीनो पुस्तक | पंथनु नाम फासंख्या | भाषा ग्रंथकर्ता नंबर चालनबर संख्या १२८ ५९(३) (१०) भव्यजीवमनोरथ प्रा. १२८ ५९(३) (११) चारित्रमनोरथमाला धनेश्वरसूरि १७६ ६०(१) (१) __ धर्मशर्माभ्युदय १४८ हरिचन्द्रकवि २१६ ६०(२) (१) निशीथसूत्र १-६८ प्रा. २१६ ६०(२) (२) व्यवहारसूत्र ६९-११० प्रा. २९०, ६०(३) (१) मासकल्पादि अनेक आगमोद्धृत विचारो १२५ प्रा.सं. २९० ६०(३) (२) प्रनष्टलाभ १२५-१२९ प्रा. २९० ६०(३) सामुद्रिक १२९-१३० सं. ३४५ ६१(१) (१) कर्मग्रंथ ५-६ सटीक २-३०६ सं. देवेन्द्रसूरि कृत स्वोपज्ञ २१२ ६१(२) उपदेशमाला १-६५ २१२ ६१(२) (२) कर्मस्तव ६६-७२ २१२ ६१(२) (३) कर्मविपाक ७३-९१ गर्गर्षि २१२ ६१(२) (४) सग्रहणी ९२-१२६ श्रीचन्द्रसूरि २१२ ६१(२) (५) एकवीसस्थानप्रकरण १२६-१३३ सिद्धसेनसूरि २१२ ६१(२) (६) नवपदप्रकरण १३३-१५० जिनचन्द्रगणि २१२ ६१(२) (७) पोसहविधिप्रकरण १५०-१६५ देवभद्रसूरि २१२ ६१(२) (८) सुबाहुचरित्र १६६-१९२ प्रा. १०४(२-५) ६२(१) (१) आवश्यकनियुक्ति ७३ प्रा. भद्रबाहु १०४(२-५) ६२(१) (२) आरात्रिक अने भ्रमणविधि जुना लिष्टमा अपभ्रंश १०४(२-५) ६२(१) (३). धर्मरलप्रकरण पण पत्र संख्या प्रा. शांतिसूरि १०४(२-५) ६२(१) (४) संग्रहणी विगैरे प्रकीर्णक लखी नथी. प्रा. १८० ६२(२) सामाचारी १-५६ प्रा.सं. १८० ६२(२) (२) चउसरण ५६-५७ प्रा. १८० ६२(२) (३) महासतीकुलक ५७-५९ प्रा. १८० ६२(२) (४) क्षमाकुलक ५९-६० प्रा. १८० ६२(२) (५) जीवोपलंभकुलक ६०-६२ प्रा. गा. ५७ गा. १६८ गा. २७३ गा.६४ गा. १३७ गा. ११८ गा. २१९ गा. ३० गा. २५ गा. २५ १. दिगबरमतीय. २. अपूर्ण. ३. अपूर्ण. ४. पत्र २४४-२८३ नथी, अंतमा छेल्ली गाथानी टीका अने प्रशस्ति नथी. ५. पत्रो अस्तव्यस्त छे. छता पूर्ण छे ६. त्रुटक छे.७. बुटक छे. ८. त्रुटक छे Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पत्रसंख्या | भाषा ग्रंथकर्ता श्लोकसंख्या ग्रंथर्नु नाम [ २१७ 1 रचनासंवत् लेखनसंवत् प्रा. देवेन्द्रसाधु गायकवाडी पेटीनो पुस्तक नंबर चालुनंबर संख्या १८० ६२(२) (६) १८० ६२(२) (७) १८० ६२(२) (८) १८० ६२(२) (९) १८० ६२(२) (१०) १८० ६२(२) (११) १८० ६२(२) (१२) १८० ६२(२) (१३) १८० ६२(२) (१४) १८० ६२(२) (१५) १८० ६२(२) (१६) ६२-६३ ६३-६४ ६४-६५ ६५-६७ ६७-६९ ७०-७४ गा. २२ गा. २१ गा. २२ गा. ३२ गा. ३२ जिनसूरि गा. १०३ ९६-१०१ १०१-१०६ १०६-११० सं. गा. ५० धर्मोपदेशकुलक कुलक कर्मविपाक कुलक महर्षि कुलक जीवानुसहि कुलक कुशलानुबंधी अध्ययन ठाणागगत पाठ साधुजीतकल्प श्रावकजीतकल्प हस्तिपालस्वप्रफल सिद्धपूजाप्रक्रम-नैवेद्यप्रक्रम-' प्रदीपारात्रिकप्रक्रम-पूजाप्रक्रममातरपूजाप्रक्रम-स्थापनाचार्यप्रक्रम-षड्विधावश्यकप्रक्रमआर्यिकाप्रक्रम काव्यानुशासन सूत्र छंदोनुशासनोद्धार प्रमाणमीमांसा सूत्र न्यायनो ग्रंथ पन्नवणातृतीयपदसंग्रहणी न्यायप्रवेशसूत्र जंबूद्वीपसंग्रहणी काव्यप्रकाश सूत्र संसक्तनियुक्ति विशेषणवती याश्रय संस्कृत (महाकाव्य) कुमारपालप्रबंध हेमचन्द्राचार्य सं.प्रा. सं. सं. सं. सं. प्रा. सं अभयदेवसूरि गा. १३३ ११०-१४२ १४३-१४७ १४७-१५० १५०-१५४ १५५-१६० १६०-१६२ १६२-१६६ १८०-१८३ १८४-१८९ १८९-१९४ २०१-२९९ ३६० ८९ १८० ६२(२) (१७) १८० ६२(२) (१८) १८० ६२(२) (१९) १८० ६२(२) (२०) १८० ६२(२) (२१) ६२(२) (२२) १८० ६२(२) (२३) १८० ६२(२) (२४) १८० ६२(२) (२५) १८० ६२(२) (२६) १८६ ६२(३) (१) १६ ६२(४) (१) हरिभद्रसूरि गा. ३० प्रा. प्रा. प्रा. सं. गा. ५५ जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण गा. २४७ हेमचन्द्राचार्य १३३५ १४७५ १. पत्र १२१, १२५, १२६, १२७, १३६, १४२ नथी. २. पत्र १४४ नथी. ३. पत्र १५६ थी १५९ नथी अपूर्ण. ४. पत्र १६३-१६४ नथी. ५. पत्र १६७-१७९ नथी. ६. पत्र १९५, १९७थी २०० नथी. ७. कागळ उपर Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो पुस्तक चालुनंबर संख्या नंबर ३०३ ३०५ १९४ १९४ १९४ ६३(२) १९४ ६३(२) १५८ ६३(३) (१) ६७ २७५ १४१ १४१ १४१ १४१ १४१ १४१ १४१ १४१ १४१ १४१ १४१ १२५ ११२ ११२ ६२ (५) (१) ६३(१) (१) ६३ (२) (१) ६३(२) (२) (३) ५५ १२३ २९५(१) (४) ६३(४) (१) @@@@@ 2 3 4 2 2 2 2 2 2 ६४ (३) ६५ (१) ६५ (१) ६५ (२) ६५ (३) ६५ (४) ६४ (१) ६४(२) ६४(२) (२) ६४ (२) ६४(२) ६४ (२) ६४(२) ६४(२) ६४(२) ६४ (२) ६४(२) ६४ (२) (१) (१) (३) (४) (4) (६) (७) (८) (९) (१०) (११) (१२) (१) (१) (२) (१) (१) (१) ग्रंथर्नु नाम छदोवृत्ति अमृतसंजीवनी' सप्तशती छाया निरयावली निरयावलीवृत्ति संसक्तनियुक्ति द्वीपसागरपन्नत्ती कर्मविपाकवृत्ति काव्यप्रकाशसंकेत द्वयाश्रयसंस्कृतवृत्ति सर्ग ९थी संपूर्ण आवश्यक नियुक्ति दशवैकालिकसूत्र ओघनियुक्ति पिंडविशुद्धि उपदेशमाला धर्मोपदेशमाला मूलशुद्धिप्रकरण विवेकमंजरी श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पत्रसंख्या भाषा ग्रंथकर्ता Y योगशास्त्र ४ प्रकाश वीतरागस्तव कल्पसूत्र आत्मानुशासन लघु अजितशांति तिलकमंजरीटीप्पण कालिकाचार्यकथा षडशीतिकर्मग्रंथवृत्ति' त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रे नवम पर्व सम्यक्त्वोपरि विक्रमसेन चरित्र' १९१ ३०४ १०२ सं. सं प्रा. सं. ७० ७०थी ७७ ७८ थी१०५ १८९ १९४ ३६० १-११७ प्रा. ११८-१३९ प्रा. १४०-१८० प्रा. १८१-१८५ प्रा. १८५ - २०६ प्रा. २०७-२१० प्रा. २१०-२१८ प्रा. २१८-२२३ प्रा. २२३-२४० पा. २४१ - २४९ २४९ - २५१ २५१ - २५१ ८३ ११४ ११५-१३६ १३३ १९६ ७८ प्रा. प्रा प्रा.सं. सं. सं. 5 प्रा प्रा. अपभ्रंश सं. 充豆豆瓶 प्रा. प्रा. सं. सं. सं. हलायुद्ध जल्हणदेव चन्द्रसूरि देवेन्द्रसूरि कृत स्वोपज्ञ माणिक्यचन्द्रसूरि अभयतिलकगणि भद्रबाहुस्वामी शय्यम्भवसूरि भद्रबाहुस्वामी जिनवल्लभगणी प्रद्युम्नसूरि आसड हेमचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य पार्श्वनाथ वीरगणी शांत्याचार्य भद्रबाहु मलयगिरिसूरि हेमचन्द्राचार्य पचचन्द्रसूरि शिष्य म्लोक संख्या १२३४ गा. ५० गा. २८० ३२४४ २५०० ७०० गा. १०५ गा. ५४१ गा. १०० १०५० १२१६ १५० लेखन सवत् १३०९ १३१० १२१६ ९३६० १३६० १२५८ [ २१८ ] रचना संवत् अघट कथा पर्यन्त-४ कथाओ १. पत्र पहेलानो टुकडो गयो छे. २. पत्र १ नथी. ३. पत्र २८-२९-४९-५०-८६-८७-१०७-१२७-१६५-१६८-१७० नथी. ४. द्वितीय खंड छे. पत्र १ थी २२ पानां टुकडा छे. ५. आदिना पत्र-२ खराल छे. पाछला १२० थी खराब छे. भीमदेवराज्ये लिखिता ६. पत्र ७७मुं नथी. Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो पुस्तक 椰 चालनंबर संख्या १८४ २१३ (१) ३१६ १६६ १६६ १६६ १६६ १६६ ६५(५) ६६ (१) ६६(२) ६६ (३) ६६ (३) (३) (१) (१) ≈ λ б ↓ ε Z ☎ ̧ ≈ ≈ ≈ î î î T ↑ E Z W ↓ ↓ (४) (4) (७) ग्रंथर्नु नाम (११) उपदेश पद उणादिगणसूत्र विवरण लीलावती' श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि फासंख्या भाषा ग्रंथकर्ता पुष्पमाला धर्मोपदेशमाला पापप्रतिघात- गुणबीजाधान सूत्र मूलशुद्धिप्रकरण पचकल्याणकप्रकरण जीवविचार शीलोपदेशमाला धर्मरत्नप्रकरण संग्रहणी अतिचार नवपद प्रकरण वसंतराजशाकुन वर्ग १८ उपदेशमाला बृहत्संग्रहणी दर्शनशुद्धिप्रकरण' गणधर सत्तरी कर्मविपाक शतकप्रकरण सत्तरीप्रकरण उपदेशमाला नवपदप्रकरण पिंडविशुद्धि मूलविशुद्धि सामाचारी १६९ प्रा. १६६ सं. १३१ मरुहट्ठ १-४७ ४७-५६ ५६-६१ प्रा. ६१-७९ प्रा. ७९-९२ प्रा. ९२-९७ प्रा. प्रा. ९७-१९ १०९ - १२४ १२४-१४७ देशी भाषा ६६ ६६ (३) ६६ (३) १६६ ६६ (३) १६६ ६६ (३) १६६ ६६(३) १६६ ६६ (३) १६६ ६६(३) (१०) १६६ ६६ (३) २६० ६६(४) ३५ ६७ (१) ३५ ६७ (१) ३५ ६७ (१) ३५ ६७ (१) प्रा. ३५ ६७ (१) प्रा. ३५ ६७ (१) प्रा. ३५ ६७ (१) प्रा. ३५ ६७ (१) १८०-१९१ ३५ ६७ (१) ३५ ६७ (१) (१०) प्रा. १९१-२०७ प्रा. २०७-२२० प्रा. प्रा. २२० - २५६ २६५-२८१ प्रा. ३५ ६७ (१) (११) ३५ ६७ (१) (१२) जिनचन्द्रगणि १. प्रथमना पत्र ५नी कोरो खरी गई छे. सारी. २. पचसूत्र - प्रथम सूत्र ३ अपरनाम सदेहविषैौषधी. ४. अपरनाम युगप्रधान सत्तरी - सताण सत्तरी. ५. पत्र २५७ थी २६४ नथी. १४७- १५५ १५५-१६९ १३० ५४ ५४ - १०७ १०७-१३४ १३५-१३८ १३८ - १५६ प्रा. प्रा. १५६-१७१ १७१ - १८० प्रा. प्रा. प्रा. हरिभद्रगणि हेमचन्द्राचार्य प्रा. स. प्रा. प्रा. सं. भूषणभट्टसुत मलधारी हेमचन्द्र प्रद्युम्नसूरि शांत्याचार्य शांतिसूरि श्रीचन्द्रसूरि जिनचन्द्रगणि वसंतराज गर्गर्षि श्लोक संख्या सिद्धर्षि जिनचन्द्रगणि जिनवल्लभ १८०० गा. १०० गा. २१४ गा. १३७ गा. ५१ गा. १४५ गा. ५४१ गा. ५३४ गा. २८० गा. ७१ गा. १६७ गा. १०९ लेखन संवत् गा. १०४ १२३७ १२३७ १२३७ [ २१९ ] रचना संवत् १२३७ Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि [ २२० । गायकवाडी पेटीनो पुस्तक पंथ नाम फासंख्या पेपकर्ता ब्लोक- लेखन- रचनानगर चालनेबर संख्या संरज्या संवत् सेवा ३५ ६७(१) (१३) पापप्रतिघात-गुणबीजाधान सूत्र १-४ पा. ३५ ६७(१) (१४) अजितशांति ५-९ प्रा. १३२(१-२) ६७(२) (१) भवभावनाप्रकरण १-६० प्रा. गा, ५३१ १३२(१-२) ६७(२) (२) एकवीसस्थानप्रकरण ६०-६७ प्रा. सिद्धसेन २५२ ६७(३) (१) उत्तराध्ययनसूत्र १६१ प्रा. ३४(१) ६७(४) (१) नीतिवाक्यामृत ९५ सं. सोमदेव १४४ ६८(१) (१) प्रशमरति सवृत्तिक १९२ सं. मू. उमास्वातिव. हरिभद्रसूरि १८०० १२९८ ११८५ १७९ ६८(२) (१) प्रशमरतिवृत्ति ३०० सं. २५०० १४८७ ६८(३) (१) सिद्धप्राभूतटीका १-६८ हरिभद्रसूरि ९५० १९५ ६८(३) (२) सिद्धप्राभूतसूत्र ६९-८१ गा. १२० ६८(३) (३) जीवाभिगमटीका ८२-१६७ हरिभद्रसूरि २३१ ६८(४) (१) आवश्यकनियुक्ति २०२ भद्रबाहुस्वामी २५०० १२१२ ६९(१) (१) पंचाशकसूत्र १५४ प्रा. हरिभद्राचार्य १२८८, शा. ११५४ ७९ ६९(२) (१) काव्यप्रकाशपडुलदास संकेत १६० सं. माणिक्यचन्द्रसरि १५६३ २२६ ६९(३) (१) शिशुपालवध (माघ काव्य) मापकवि १७ ६९४४) (१) विजयचन्द्रकेवली चरित्र १०५ प्रा. चन्द्रमहत्तर १०६० ११२७ १७ ६९(४) (२) पर्युषणाकथा १०६-११३ पा. गा, ९६ १७ ६९८४) (३) प्रायश्चित्तविधि २९ ७०(१) (१) ज्ञानपंचमी कथा २०७ पा महेशरसूरि १३१ ७०(२) (२) उपदेशमालाकथासमास १७१ प्रा. जिनभद्रसरि २९१ ७०(३) (१) अध्यात्मतरंगिणी टीका म. सोमदेव १३४ ७०(४) (१) हेमआख्यातलपुवृत्ति २-१४५ सं. हेमचन्द्राचार्य १०२ ७२(१) (१) प्रवचनसारोद्धारवृत्ति ९० ७१(२) (१) योगशास्त्रतृतीयप्रकाशविवरण" २०६ सं. हेमचन्दाचार्य ३८०० १. पचसूत्र-प्रथम मून. २. छेवटमा गुटक. ३. दिगवरमतीय, ४. पाण्ता कागलनो पानानी एक नाजु उपई खाई गई. ५. पर १५३-१५४ टुकडा ले. ६. मागकाव्यमित्यपरनाम ७. अतमा थोडा पानथी. ८. प्रथमथी १५ पा सुधी एफवाजुनी कोरोखरी गई छे. ९. दिगेयरीग, प्रथम पानो टुको नधी, १०. पंचमाध्याय-पतुर्थ पाद. ११.६३ थी १५१ हार सुधी द्वितीयखड पर १५-१६-१७ना दुकता उईथी खवायाले. १२. पथम पानो टुकडोनथी. 264 - - Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो पुस्तक 椰 चालनंबर संख्या १३२ (४थी७) ७१(३) १३२ (४थी७) ७१(३) १३२ (४थी७) ७१(३) १३२ (४थी७) ७१(३) २५४ ७२(१) (१) (२) (३) (8) ग्रंथ नाम जीवविचार पंचकल्याणक प्रकरण आत्मानुशासन श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पत्रसंख्या भाषा ग्रंथकर्ता सार्थ विचारसार प्रकरण सिद्धहेमलघुवृत्ति अवचूरि प्रथमाध्यायथी बीजा अध्यायना तृतीय पाद सुधी एकवीसठाण प्रकरण आवश्यकविधि प्रकरण नानाचित्त प्रकरण क्षपक शिक्षा प्रकरण ४७ (३थी८) ७२ (२) (१) (२) (३) (४) ४७ (३थी८) ७२ (२) ४७ (३थी८) ७२(२) ४७ (३थी८) ७२(२) ४७ (३थी८) ७२ (२) ४७ (३थी८) ७२(२) ३११(२थी) ७२(३) ३११(२थी) ७२(३) (4) (६) (१) (२) (३) (४) (4) (६) (७) (८) (९) ३११(२थी) ७२(३) ३११(२थी) ७२(३) ३११(२थी) ७२(३) ३११(२थी) ७२(३) ३११(२थी) ७२(३) ३११ (२थी) ७२(३) ३११ (२थी) ७२(३) ३११(२थी) ७२(३) ३११ (२थी) ७२(३) (११) ३११ (२थी) ७२(३) (१२) ३११ (२थी) ७२(३) (१३) ३११ (२थी) ७२(३) (१४) ३११ (२थी) ७२(३) (१५) ३११ (२थी) ७२(३) (१६) (१०) १. इयर्गल चत्वारिंशत्समधिकवत्सरसहस्र सख्यामां २. पत्र १२० थी १२३ नथी. आत्मानुशासन दशवैकालिकनिर्युक्ति बृहत् संग्रहणी चउसरण पर्यंताराधना कुलक वीतरागस्तोत्र आत्मानुशासन भक्तामर स्तोत्र जंबूद्वीपक्षेत्रसमास नर्मदा सुंदरी संधि छ वयणाणि भावनाकुलक दुहामात्र (तृ) का शालिभद्रकारक (कक्क). संवेगमाई वयरसामिचरित्र उपदेशकंदली ज्ञानप्रकाशकुलक २-८ प्रा. ८-२९ प्रा. २९-४० प्रा. ४०-६३ प्रा. २०६ सं. ८ ८-२४ २४-३३ ३३-४७ ४७-५५ १-५४ २९-६१ ६१-६४ ६४-६८ ६८-८२ ८२-८७ ८७-९१ ९१-९९ 吼吼吼吼过吼吼吼吼吼吼可吼 प्रा. प्रा.. प्रा. प्रा. सं. प्रा. प्रा. प्रा. प्रा. सं. सं. सं. प्रा. शांत्याचार्य पार्श्वनाग ११९ - १२४ १२४ - १२९ १३०-१३७ प्रा. १३७ - १४३ अपभ्रंश सिद्धसेनसूरि जिनवल्लभगणी जिनचन्द्रसूरि पार्श्वनाग भद्रबाहुस्वामी जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण वीरभद्र सोमसूरि हेमचन्द्रसूरि पार्श्वनाग मानतुंग ९९-१०६ अपभ्रश जिनेन्द्रप्रभसूरि १०६-१०८ प्रा. १०८ - ११० देवेन्द्रसाधु १११ - ११४ ११४- ११९ प्रा. अपभ्रंश अपभ्रंश अपभ्रंश अपभ्रंश जिनप्रभसूरि आसड जिनप्रभसूरि श्लोक संख्या गा. ५१ गा. १३७ ७६ गा. १५५ गा. ६६ गा. १४० गा. ८१ गा. १२३ ७६ गा. ४५२ गा. ५३० गा. ६२ गा. ६८ ७७ गा. ४४. गा. १९९ गा. ७१ गा. २२ गा. ५८ गा. ६९ गा. ६० गा. १२५ गा. ११३ लेखन संवत् [२२१] रचना संवत् १३६८ १३१६ Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संख्या mm计计计计计计计计计计 श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि [ २२२ ] | गायकवाडी पेटीनो | पुस्तक ग्रंथर्नु नाम पासंख्या | भाषा ग्रंथकर्ता श्लोक लेखन- रचनानंबर चालनबर | संख्या संवत् संवत् ३११(२थी) ७२(३) (१७) आवश्यकादि विचार १४३-१५३ प्रा. ३११(२थी) ७२(३) (१८) शाश्वताशाश्वतचैत्यमाला १-४ अपभ्रंश जिनप्रभसूरि गा. २४ ३११(२थी) ७२(३) (१९) मातृका ४-१० अपभ्रंश गा. ६३ ३११(२थी) ७२(३) (२०) जिनगणधर नमस्कार ११-१२ अपभ्रंश गा.९ ३११(२थी) ७२(३) (२१) आवश्यकनियुक्ति १६५ प्राकृत भद्रबाहुस्वामि ४७(१) ७२(४) (१) विजयचन्द्रचरित्र ८७ प्राकृत चन्द्रमहत्तर १०५५ ११२७ ४०८ ७३ (१) योगशास्त्र विवरणसहित ३६५ सं. हेमचन्द्राचार्य कृत स्वोपज्ञ १२७५ ३३६ ७४ (१) दशवैकालिकनियुक्ति वृत्तिसह २८६ प्रा.सं. हरिभद्राचार्य ७५५० १४८९ ३६५ ७५ (१) श्री पार्श्वनाथचरित्र ३११ प्रा. देवभद्रसूरि ९००० १९९९ ११६५ ३५२ ७६ (१) निशीथचूर्णी प्रथम खंड ३६० प्रा. जिनदासगणी महत्तर १९५७ ३३४ ७७ (१) निशीथचूर्णी द्वितीय खंड ३१८ जिनदासगणी महत्तर ११५७ ४३ ७८(१) (१) वंदारूवृत्ति (श्रावकानुष्ठानविधि) २४६ देवेन्द्रसूरि २७० ५७ ७९(१) (१) प्रवज्याविधानवृत्ति २२० प्रद्युम्नसूरि २८७ ७९(२) (१) हेमलघुवृत्ति चतुष्क १३७ हेमचन्द्राचार्य २७० ८० परिशिष्ट पर्व २-२४४ हेमचन्द्राचार्य २७८ ८१ (१) आवश्यकचूर्णी' २७७ १३९ ८२(१) (१) अनेकार्थसंग्रह १३१ हेमचन्द्राचार्य ८२(२) (१) सिद्धहेमलघुवृत्ति आख्यात १४० हेमचन्द्राचार्य ८३ (१) कातंत्रवृत्तिपंजिका षष्ठ पाद २-१०७ सं. त्रिलोचनदास ७४ ८३ (२) कातंत्रवृत्तिपंजिका आटम पाद १८८ से. त्रिलोचनदास दशवेकालिकटीका ३३९ से. हरिभद्रसूरि १३२६ १०१ ८५ (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र दशम पर्व ३३३ सं. हेमचन्द्राचार्य (श्री महावीर चरित्र)" १२९ ८६ (१) त्रिपष्टिशलाकापुरुष चरित्र पष्ठ पर्व (श्री महावीर चरित्र)" ॐ सं. हेमचन्द्राचार्य १. पत्र ३८ थी ६४, ६६ थी १५०. २. पत्र ९-२२७-३६० नथी१थी ३-८-१०, ३२७-२२९-३३०-३५४ थी ३५६ना टुकडा छे.२. सारी, प्रथम २१ पत्रो नथी. ४. यचमा केटलाएक पत्रो नथी. प्रत सारी.५ दशम उद्देशपर्यंत. ६. ११ थी वीसमा उद्देशपर्यंत, जयसिंहदेय राज्ये-देवप्रसादमायकेण लिखीता संशोधिता प्रतिः चिरशोभनयुक्ता,७. प्रथमना जीजा अने २२० मा पानाना टुकडा नथी. ८.हेमचंद्राचार्य-कुमारपाळ-भोपालदेवी अने ये साधुओनी मूर्तिो चितरेली छे. ९. अपूर्ण. १०. पत्र १२४ उपर अंको लखला छे. याकीना ७ पाना उपर अको नथी. आ साथे अनेकार्थना १६ पाना अने ४ पाना कोई मीजा पथना छे. ११. पत्र १०२नो टुकडोले १२. पर ३३श्नो टुकडो छे.१थी ३५ सुधीना पानी कोरोखरी गई छे.१३. पत्र ३-८ नथी Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संवत् ૨૮૪ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सचि [ २२३ ] गायकवाडी पेटीनो पुस्तक ग्रंथर्नु नाम पत्रसंख्या ग्रंथकर्ता अलोक लेखन- रचनानगर चालुनबर संख्या संख्या संवत् १२९ ८६ (२) त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र सप्तम पर्व (श्री महावीर चरित्र) २०७ सं. हेमचन्द्राचार्य ३८०० १३८ ८७ (१) सघाचारभाष्य २५६ सं.प्रा. धर्मघोषसूरि १६९ ८८ उपदेशमालावृत्ति पूर्वार्ध' ३१४ सं. मुनिदेव १६९ ८९ उपदेशमालावृत्ति उत्तरार्ध ३१५-६२८ सं. मुनिदेव । १७४(१थी३) ९० आवश्यकनियुक्ति १६७ भद्रबाहुस्वामी २५०० १७४(१थी३) ९० (२) ओघनियुक्ति १६७-२७९ भद्रबाहुस्वामी गा. १९६२ १७४(१थी३) ९० पिंडनियुक्ति २८०-३३४ भद्रबाहुस्वामी गा.७९० २१० ९१ (१) श्री वासुपूज्यचरित्र ३१२ चन्द्रप्रभोपाध्याय उपदेशकंदलीवृत्ति २८९ बालचन्द्रसूरि २१९ ९३ (१) धातुपारायण २६७ हेमचन्द्राचार्य धर्माभ्युदय (संघपति) चरित्र ४१६ उदयप्रभसूरि २३२ द्वयाश्रयसंस्कृतवृत्ति सर्ग-८ अभयतिलकगणी १३७ ९६ बृहत्संग्रहणी वृत्ति २९८ मलयगिरि २७४ ९७ (१) उपमितिभवप्रपंचा कथा-उत्तर खंड २४८ सिद्धर्षिगणी २५८ ९८(१) (2) सिद्धहेमबृहद्वृत्ति ९-१० पाद २८२थी४३० हेमचन्द्राचार्य ९८(२) (१) उत्तराध्ययनसूत्र १३९ १२३२ २०५ ९९ (१) सुबाहु आदि कथा सचित्र १-५३ २०५ ९९ (२) सीता चरित्र ५४-८४ भुवनतुंग गा. ४४१ २०५ राम-लक्ष्मण चरित्र ८४-९९ गा. २०८ १३४५ २०५ ९९ (४) श्री मल्लीनाथचरित्र ९९-१०७ गा.१०५ १३४५ २०५ ९९ (५) प्रद्युम्नचरित्र गद्य" १०७-१३४ १३४५ २०५ ९९ (६) कल्पसूत्र मूल १३५-२०० भद्रबाहुस्वामि १२१६ २०५ ९९ (७) कल्पचूर्णी" २००-२४० प्रा. १३४५ १. पत्र १नो टुकडो छे अने अंतना छ पत्रना टुकडा छे. २. छेवटनी प्रशस्ति त्रुटक छे. ३. अंत नथी, अपूर्ण. ४. १६०मा पानाना अंक पछी जीर्ण छे-केटलाकना टुकडा छे. ५. पत्र १०१-१०३-१०४-१११-१२७-२०२-२०४-२६१-२६३ पत्र नथी. ६. पत्र १-३-२०६ना टुकडा छे. १२६-१२७ घसाई गया छे. १९५-२२४-२२८-२४४ थी २५४ २५९-३०१ थी २०६-३०९-३१२ थी ३२१-३२३-३२४-३२६-३२७-३३०-३५३ थी ३५५-३६२-३६३-३६७ थी ४११-४१४ नथी. ७. पत्र १९१थी एकबाजुनी कोरो खरी गई छे. ८. पत्र २४३ थी एकबाजुनी कोरो खरी गई छे. ९. पत्र ५० थी ५२ नथी. (२९, ३०,५३ पत्रमा चित्रो छे.) १०. पत्र ५४ नथी. ११. पत्र ९८ नथी. १२. पत्र ९९, १०७ नथी. १३. पत्र १०७-१०८ नथी. १४. पत्र १३५-१३६-२०० नथी. १३६मा पत्रनो टुकडो छे. पत्र १९२ नथी. १५. पत्र २००-२४०मां चित्रो छे. Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संवत् प्रा. श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोन [ २२४ ] गायकवाडी पेटीनो | पुस्तक | ग्रंथर्नु नाम फासंख्या भाषा ग्रंथकर्ता श्लोक- लेखन रचनानवर चालुनंबर | संख्या सरन्या सेवत् २०५ ९९ (८) आर्द्रकुमार कथानक गद्य २४०-२५१ प्रा. १३० २०५ ९९ (९) खुजककुमार कथानक २५१-२६७ प्रा. १३५ १३४५ ०९ १०० (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र २-३ पर्व २९५ सं. हेमचन्द्राचार्य १३०३ २५३ १०१ (१) प्रवचनसारोद्धारवृत्ति २२१मा द्वारथी संपूर्ण' २५२ सिद्धर्षिगणी १२७२ ५० १०२(१) (१) सरस्वतीकंठाभरणवृत्ति (पदप्रकाशनाम्नी) २-३०५ मू भोजराज व. अंबड २०(१) १०२(२) (१) कर्मविपाकटीका ६९ १०० १२७५ १७७ १०३ (१) बृहत्सग्रहणी वृत्ति २५९ मलयगिरि १०९' १०४(१) (१) सिद्धहेमलघुवत्ति पचमाध्याय हेमचन्द्राचार्य १०५ १०४(२) (१) प्रवचनसंदोह ९५-१०६ प्रा १०५ १०४(२) (२) संग्रहणी १०६-१२३ श्री चन्द्र गा. २७३ १०५ १०४(२) (३) क्षेत्रसमास १२३-१२९ १०५ १०४(२) (४) गौतमपच्छा १२९-१३२ १०५ १०४(२) (५) स्थविरावली १३२-१३५ गा. ५० १०५ १०४(२) (६) श्रावकप्रतिक्रमण १३५-१३८ प्रा १०५ १०४(२) (७) धर्मलक्षण १३८-१३९ १०५ १०४(२) (८) प्रश्नोत्तररलमाला १३९-१४० विमलाचार्य १०५ १०४(२) (९) पच नवकार १४०-१४१ १०५ १०४(२) (१०) प्रवज्याविधान १४१-१४२ गा. ३३ १०५ १०४(२) (११) जीवानुसहिकुलक १४२-१४५. गा. २५ १०५ १०४(२) (१२) आतुरप्रत्याख्यान १४५-१४९ प्रा. १०५ १०४(२) (१३) विवेकमंजरी १४९-१५६ प्रा आसड १०५ १०४(२) (१४) योगशास्त्र प्रकाश-४ १५६-१८५ हेमचन्द्राचार्य १०५ १०४(२) (१५) वीतरागस्तोत्र १८५-१९८ सं. हेमचन्द्राचार्य १०५ १०४(२) (१६) आत्मानुशासन १९७-२०२ स. पार्श्वनाथ १०५ १०४(२) (१७) भक्तामरस्तोत्र २०२-२०६ सं. मानतुंगाचार्य का. ४४ १. पत्र २४१ नथी. २. पत्र २६६-२६७मां चित्रो छे. ३. छेल्ला पत्रनो टुकडो छे. ४. पत्र ४-५-७-१३-१५ थी १८-२१-२९ थी ३१-४७ थी ५०-५२-५७-५९-६६-६७७१-७२-१००-१०१-१०५ थी ११०-११६-१३७ थी १३९-१४१-१५० थी १५६-१५८-१६०-१७३-१७४-१८३-१८४-१८८-१९०-१९१-१९६-१९७-१९९-२००-२०३-२०५-२०७-२० ९-२११-२१८-२३१-२४३-२४४-२४७ थी २४९-२५८-२६०-२६४-२६५-२६७ थी २७१-२७३-२७५-२७६-२७८-२८१ थी २८४-२८६-२८८ थी २९०-२९३-२९५ थी२ ९८-३०१-३०२ नथी. ५. वचमा ४ पत्र नथी. ६. अपूर्ण. गा. ५० गा. १९ Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पासंख्या भाषा | ग्रंथकर्ता ग्रंथर्नु नाम श्लोकसंख्या [ २२५ ] रचनासंवत् । लेखन-1 संवत् देवसूरि का.४० का.३६ का.९ मुनिचन्द्र सिद्धसेनसूरि शांतिसूरि गा. ५१ गा. ३९ गा ५० गायकवाडीटीनो | पुस्तक नकर चालुनबर | सख्या १०५ १०४(२) (१८) १०५ १०४(२) (१९) १०५ १०४(२) (२०) १०५ १०४(२) (२१) १०५ १०४(२) (२२) १०५ १०४(२) (२३) १०५ १०४(२) (२४) १०५ १०४(२) (२५) १०५ १०४(२) (२६) १०५ १०४(२) (२७) ४६. १०७ (१) ९३ १०८ (१) ९३ १०८ (२) ९३ १०८ (३) ९३ १०८ (४) १०८ (५) (६) १०८ (७) १०८ (८) १०८ (९) १०८ (१०) १०८ (११) १०८ (१२) १०८ (१३) ९३ १०८ (१४) ८१ १०९ (१) ७०(९) १०५(१) (१) १०६ १०५(२) (१) मलधारी हेमचन्द्र २०६-२०८ सं. २०८-२११ सं. २११-२१२ सं. २१२-२१३ प्रा.सं. २१४-२१६ अपभ्रंश २१६-२२१ प्रा. २२१-२२४ प्रा. २२४-२३२ प्रा. २२९-२३२ प्रा. २३२-२३५ २३६ प्रा १-४८ प्रा. ४९-१०२ .प्रा. १०२-११२ ११२-१५५ १५६-१७० १७१-१९० प्रा १९१-२०९ स २०९-२१४ प्रा. २१५-२१८ प्रा. २१८-२२४ २२५-२३१ १-६ प्रा. गंभीर स्तव धरणोरगेंद्र स्तव श्री पार्श्वनाथ अष्टकमंत्रगर्भित श्री वृषभादिस्तव चतुर्विशतिज़िनपंचकल्याणकस्तोत्र एकवीस ठाण जीवविचार अजितशाति साधुप्रतिक्रमण श्रावकप्रतिक्रमण तिलकमंजरी (प्रथम खंड) उपदेशमाला पुष्पमाला धर्मोपदेशमाला योगशास्त्र ४ प्रकाश कल्याणिक प्रकरण मूलशुद्धिप्रकरण वीतरागस्तव वंदितु (श्रावक प्रतिक्रमण) पापप्रतिघात गुणबीजाधान सूत्र अजितशांति स्तव भक्तामरस्तोत्र गौतमपच्छा धर्मलक्षण गद्य पद्य प्रश्नोत्तररत्नमाला बृहत्संग्रहणीवृत्ति न्यायावतारवृत्ति टिप्पण क्रियारलसमुच्चय गा. ५४३ गा. ५०५ गा. १०० हेमचन्द्राचार्य गा. १३४ प्रद्युम्नसूरि हेमचन्द्राचार्य गा. ५० ९३ स. मानतुगचार्य का. ४४ गा. ५४ २९ ६थी१० ३०५ ७२ ३थी१८५ सं. सं. स. विमलाचार्य मलयगिरिसूरि गुणरत्नसूरि १. पत्र २३६ नथी. प्रत सारी छे. २. पत्र १२-४६-५१-५९ अने अत नथी. ३. पत्र १२-७७ नथी. Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो नमर पुस्तक चालुनगर सरव्या १०६ १०६(१) (१) ३७ १०६/२) २३ (५-९) १०६ (३) (१) २३(५-१९) १०६ (३) (२) @@@@@ x 3289 9 9 9 9 9 9 9 @ @ @ 2 3 4 2 3 ११० ७३ ११५ ११५ ११५ ११५ ११५ २३ (५-९) १०६ (३) (३) (१) २३ (५-९) १०६ (३) २३(५-९) १०६ (३) ९८ ११० (१) ४(३) ११० (२) १८३(२) ११० (२) (२) १७२ ६० २८ : '२६४ (२) २६९ ९४ ११३ (१) '११३ (२) ११४ (१) ११४(२) ११५ ११६ ११७ (१) ११७ (१) ११७(१) ११७(१) ११७ (१) ११७(१) ११७(१) (४) (१) (२) १११ ११२ (१) (१) (१) (१) (१) (१) (१) (१) (१) (२) (३) (४) (4) (६) (७) ग्रथनु नाम (८) क्रियारत्नसमुच्चय सबीजक' २ षड्विधावश्यक विवरण सुकोशलकथा प्रत्येकबुद्धकथा ३ प्रदेशी कथा धन्यसुदरी कथा सिद्धसेनकथा सिद्धहेमआख्यातवृहद्वृत्ति पवचनसंदोह छंदोनुशासनविवरण स्याद्वादमजरी श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय प्रथोनी सूचि पत्रसख्या ग्रंथकर्ता आराधनापताका उपमितिभवप्रपंचाकथासारोद्धार योगशास्त्रविवरण सार्धशतकवृत्ति सार्धशतकवृत्ति नैषधमहाकाव्य प्रवचनसारोद्धारवृत्ति" सिद्धहेमशब्दानुशासन अध्याय ६-७ संस्तारकप्रकरण गणधरसार्धशतक कुशलानुबधी अध्ययन (चउसरण) आउरपञ्चक्खाण भक्तपरिज्ञाप्रकरण द्वादश भावना Y १३ ३१९-४२८ १३५ ५ ४६ १-५५ ८०-११५ १-२९ २७५ १६ ४२ १६०-२७३ ५-१८६ १६६ ३१८ भाषा सं. स प्रा. प्रा प्रा. ६७-७३ ७३-८० ८१-८७ ८७ प्रा. प्रा २०८ स २९३ प्रा. १८३ सं. 可可凡凡凡凡吼吼吼吼 प्रा सं. स. स. सं. ३४८ १-५१ ५१-५५ ५५-६० ६०-६७ पा. स. प्रा. प्रा प्रा. प्रा. प्रा गुणरत्नसूरि हेमचन्द्राचार्य प्रा. प्रा. हेमचन्द्राचार्य वाग्भट मल्लिषेण देवेन्द्रसूरि हेमचन्द्राचार्यकृत स्वोपज्ञ मू. जिन वल्लभगणी श्री हर्ष सिद्धसेनसूरि हेमचन्द्राचार्य स्वोपज्ञ श्लोक सरख्या ५७७८ १३०० ३३४ ५४० २८०० गा. ९३१ गा. ६३ गा. ६० गा. १७३ मा. १२४ लेखन सवत् १४६६ १२९५ १३५७ १३०० १३०४ [ २२६ ] ११५ गा. १३३ १९५ गा. १५ ११५ ११७ (१) आराधना कुलक १. पत्र १८६ थी ३१८ नथी. न ३३९ ना बे पत्र छे, ३५५ने बदले १५५ छे. २. योगशास्त्रातर्गत तृतीय प्रकाशांत पत्र ३१ नथी ३. अपूर्ण कागळ उपर. ४. दिगबर. ५. छेल्लु पानु एक बाजुए खराब छे. अक पासे कोई कोई पानु चोटेलु छे. ६. पत्र १९१ - १९२ नथी पत सारी. ७. पाचमांथी १२ प्रकाश (५-१२). ८. पत्र १५९ नथी. बाकी छे ते सारा छे, पत्र २२० नथी ९. पत्र ६ टुकड़ो के पत्र १८३ नथी. पत्र १८४ना ये टुकड़ा छे. पत्र १८६नो एक टुकडो नथी १० पत्र देना टुकडा छे. ११. तृतीय १२. पणी सारी छे. १२. पत्र १८ (७८ 2)मु नथी. रचना सवत् १४६६ Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गा. २१ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सचि [ २२७ ] गायकवाडी | पेटीनो | पुस्तक |ग्रंथनु नाम पासंख्या भाषा ग्रंथकर्ता प्लोक लेखन- रचनानवर चालनंबर संख्या संख्या सवत् संवत् ११५ १९७(१) (९) आराधनासार ८७-९० प्रा. गा. ४८ ११५ ११७(१) (१०) विषयनिंदापंचाशत् ९१-९३ गा. ५० ११५ ११७(१) (११) शीलगुण ९३-९५ प्रा. गुणसूरि गा. ४४ ११५ १७(१) (१२) __ आराधनाकुलक ९६-९७ गा. ३६ ११५ ११७(१) (१३) जीवानुशासनकुलक ९७-९९ गा. २९ ११५ ११७(१) (१४) आत्मसंबोधकुलक (३) ९९-१०० गा. २२ ११५ ११७(१) (१५) वैराग्यकुलक १००-१०१ ११५ ११७४१) (१६) दानशीलतपोभावनाकुलक १०१-१०३ गा. ४४ ११५ ११७(१) (१७) गौतमपृच्छा १०३-१०६ गा ६४ ११५ ११७(१) (१८) नमिप्रव्रज्या १०६-१०९ गा.६० ११५ ११७(१) (१९) दुमपत्तयअध्ययन १०९-११० गा.३७ ११५ ११७(१) (२०) हरिकेशी अध्ययन ११०-११३ गा. ४७ ११५ ११७(१) (२१) चित्तसभूईज ११३-११५ गा ३५ ११५ ११७(१) (२२) महाणियंठिज ११५-११७ गा.५७ ११५ ११७(१) (२३) समिओ ११७-११८ गा. २४ ११५ ११७(१) (२४) आगमोद्धत अनेक विचार ११८-१३६ ११५ ११७(१) (२५) संग्रहणी १३६-१५० ११५ ११७(१) (२६) जंबूद्वीपप्रकरण तथा परचुरण १५१-१७० ११५ ११७(१) (२७) वियारसत्तरी १७०-१७१ ११५ ११७(१) (२८) उपदेशमाला १७२-१९६ गा. ५४२ ११५ ११७(१) (२९) धर्मोपदेशमाला १९६-२०० प्रा गा.१०० ११५ ११७(१) (३०) तपविधि २०१-२०४ स.प्रा. ११५ १९७(१) (३१) अजितशाति २०४-२११ प्रा ११५ ११७(१) (३२) जीवविचार २०९-२९१ प्रा. शांतिसूरि गा ५१ ११५ ११७(१) (३३) पिंडविशुद्धि २११-२१५ प्रा. जिनवल्लभगणि गा १०३ ११५ ११७(१) (३४) विवेकमंजरी २१५-२२० प्रा आसड ११७(२) (१) बंधस्वामित्व स्टीक ४८ प्रा.सं. टी. हरिभद्रसूरि १३ ११८(१) (१) प्रकरणसंग्रह १९३ प्रासं. ४६०० १२९२ १. १३१ना बे टुकडा छे. २. १४९ना बे टुकडा छे. पत्र १५० नथी ३. २००मुं पत्र नथी ४. पत्र २०५, २०८ नथी. ५. अपूर्ण ६. पत्र ७-१४-१६-२२-२४-३० नथी. ४८ पत्रनो टुकडो छे ७. आ सग्रहमां नाना मोटा ६३ पकरणो छे. पत्रोना अको बरोबर न होवाथी नामवार लखी शक्या नथी (अक्षराक परिचय) Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्लोक सवत् ३२ श्री संघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथ [ २२८ ] गायकवाडी पेटीनो पुस्तक ग्रथनु नाम फ्नसख्या । भाषा ग्रथकर्ता लेखन-1 रचनानवर चालुनंबर सख्या सख्या सवत् २३९ ११८(२) (१) आर्द्रकुमारकथा पद्य १-८ प्रा. २३९ ११८(२) (२) वकचूलकथा सचित्र ९-१६ प्रा. २३९ ११८(२) (३) मन स्थिरीकरण प्रकरण १६-२५ प्रा महेद्रसिहसूरि १२८४ २३९ ११८(२) (४) आयु.सग्रह २५-३२ प्रा. महेद्रसिहसूरि १२८४ २३९ ११८(२) (५) शाश्वतचेत्य ३२-३६ प्रा. २३९ ११८(२) (६) आगमोद्धत आहारशुद्धयादि १२८थी१६७ प्रा.स. अनेक विचार २१७ ११९ (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र अष्टमपर्व ३३८+३ सं. हेमचन्द्राचार्य ४६८५ १२७५ २२५ १२० (१) हेमीनाममालावृत्ति २४० हेमचन्द्राचार्य कृत स्वोपज्ञ २८६ १२१(१) (१) रामचरित्र २३८ अभिनदन.. १९८(१-२) १२१(२) (१) चैत्यवंदनप्रत्याख्यानलघुवृत्ति १-५० तिलकाचार्य ५५० १९८(१-२) १२१(२) (२) श्रावकप्रतिक्रमणसूत्रवृत्ति ५१-७० तिलकाचार्य २०० १९८(३) १२१(३) (३) कल्याणस्तोत्र ६४ १२२ (१) उपदेशमालावृत्ति (हेयोपादेयनाम्नी)" सिद्धर्षिगणी ४१६० १२३६ २७६ १२३(१) (१) आवश्यक टिप्पण १८९ सं. मलधारी हेमचन्द्र १२५८ १४० १२३(२) (१) उपदेशमाला (पुष्पमाला) १-३२ मलधारी हेमचन्द्र ५०५ १४० १२३(२) (२) संग्रहणी १-३७ गा.३६६ १२४ १२४(१) (१) उपासकदशांगसूत्र १२४ १२४(१) (२) अतगडदशांगसूत्र ४६-८४ प्रा १२४ १२४(१) (३) अनुत्तरौपपातिकसूत्र ८४-९१ प्रा. १२४ १२४(१) (४) प्रश्नव्याकरणसूत्र ९२-१५२ प्रा. १२४ १२४(१) (५) विपाकसूत्र" • १५२ प्रा. १९२ १२४(२) (१) तीर्थोद्गालिकप्रकीर्णक" ११३ पा. १५६५ १४५२ ३०६ १२५ (१) द्याश्रय सस्कृत २० सर्ग" २७८ स. हेमचन्द्राचार्य २८२८ २०६ १२६ (१) शतपदी २३२ सं.प्रा धर्मगोपसूरि १९(१) १२७(१) (१) कर्मस्तव सटीक १-६८ पा.सं टी. गोविंदाचार्य टी. १०९०, १२८८ मू. ५७ १. अपूर्ण. २. अपूर्ण ३. अपूर्ण छे सारी ४:१९ थी ३६ सर्ग सुधी, पत्र बीजु (२) नथी, पर १-४-५ना टुकडा नथी. वचमा पण केटलांकना टुकडा नथी. ५. कर्ता दुर्गस्वामीना शिष्य छे. ६. जीर्ण थई छे ७. पत्र १-३नी कोरो खरी गई छे. पत्रो (२)नो टुकडो नथी.८. पा ५-हना नन्ने टुकडा छे. ६. पा ५ नथी १०. पत्र १११ मानो टुकडो नथी. ११. पाछळनो भाग नथी १२. सारी छे. १३. पत्र २४३-२४५ नथी. १४. २२८मा पानाथी टुकडा छे १५. अपूर्ण-सारी ३६० प्रा. 3%२३ ३ ३ ३ ४ १ २ Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो पुस्तक नवर चालनबर सरख्या & & & & & & & & १४९ १४९ १४९ १४९ १४९ १४९ १४९ १४९ १४९ १४९ १४९ १७० १७० १७० १७० १७० १७० १७० १७० १७० १७० १७० २८८ २८८ ४२ २०७ १०७ १३०(१) (४) १३० (१) (५) (६) (७) (८) ( ९ ) (१०) (११) १३० (१) १३० (१) १३० (१) १३० ( १ ) १३० (१) १३० (१) १३०(१) (१२) (१३) ग्रथनु नाम १३१ (१) १३१ (२) कर्मस्तव कर्मविपाक गौतमपृच्छण जीवविचार पिडविशुद्धि अजितशाति सटिप्पण श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रथोनी सूचि भाषा ग्रंथकर्ता लघु अजितशाति मिथ्यात्वपरिहारकुलक सप्तषष्टि सम्यक्त्वभेद सम्यक्त्वविषये उपदेश गाथा नवतत्त्वविचार योगशास्त्र चार (४) प्रकाश प्रव्रज्याविधान नवतत्त्व प्रकरण चैत्यवदनखदनक पञ्चवरताण सग्रहणी चउसरण श्रावकदिनकृत्य जीवदयाप्रकरण गौतमपृच्छा माणसवरणकुलक पत्रसरख्या प्रा प्रा. प्रा प्रा. प्रा ३०-३३ ३३-३४ ४४-४९ ४९-५२ ५२-६१ ६१-६५ प्रा. ६५-६६ अपभ्रंश ६६-६८ प्रा. ६८-६९ प्रा. ६९-७१ प्रा. ७१-७२ प्रा. १-५० सं ५१-५२ प्रा ५३-५६ प्रा. ५६-५९ प्रा ६९-११९ प्रा. ११९-१२३ प्रा. १२३-१६० प्रा १६० - १७४ प्रा. १७४-१८० प्रा १८० - १८९ प्रा. १८९ - १९८ प्रा १-९५ सं. १-९० स १७१ स. २३१ स. १४८ प्रा. गर्गर्षि शातिसूरि जिनवल्लभगणी १३० (१) १३० (१) (१४) १३० (२) (१) १३० (२) (२) १३०(२) (३) १३० (२) (४) १३० (२) (५) १३०(२) (६) १३० (२) (७) १३०(२) (८) १३० (२) (९) १३० (२) (१०) १३० (२) (११) आराधना १३१(१) (२) (२) नैषध महाकाव्य सर्ग १ थी ९ सुधी नैष महाकाव्य सर्ग ११ थी २२ सुधी योगशास्त्र प्रथमप्रकाशविवरण स्वोपज्ञ प्रवचनसारोद्धारवृति (१) १३२ (2) १३३(१) (१) उत्तराध्ययन सूत्र १. पत्र ४० थी ४४ सुधी टुकडा थयेला छे. २. २२मो सर्ग अपूर्ण छे. ३. प्रथमना अने अतनां पत्रो फाटेला छे. ४. सारी छे ६२ द्वार सुधी ५. अतनु पत्र तूटेलु छे. हेमचद्राचार्य श्रीहर्षकवि श्रीहर्ष कवि श्लोक सख्या हेमचन्द्राचार्य सिद्धर्पिगणि गा ५४ गा. १६८ गा. ६४ गा. ५१ गा. १०४ गा ४३ गा ८ गा. ३० गा. १६ गा. २६ गा. १६ गा. ४६० गा. २७ गा. २१ गा. ८४ गा. ३७५ लेखन सवत् गा. २७ गा. ३३९ गा. ११४ गा. ५३ गा. ७६ गा. ७२ १३३० [ २३० ] रचना सवत् Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २३१ ] श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पासख्या | ग्रथकर्ता भ्लोक भाषा रचना ग्रथनु नाम लेखन-1 सवत् । सख्या सवत् ११५-२४४ १-१६ १-१७८ स प्रा. विरोयन महेन्द्रसिहसूरि १२८४ १२८४ २३०० प्रद्युम्नसूरि धर्मघोषसूरि २३२ १६२ प्रा प्रा २६४४ ३७३ भद्रबाहुस्वामी शाकटायन कृदंतपाद शाकटायन कृदतपाद मुनिचन्द्रसूरि الله الله गायकवाडी पेटीनो पुस्तक चालनयर संख्या २६६ १३३(२) (१) १ १३४(१) (१) १ १३४(१) (२) २२८ १३४(२) (१) २२८ १३४(२) (२) (३) (४) १६८ १३५(१) (१) १६८ १३५(१) (२) ३ १३५(२) (१) १३५(२) (२) १३५(२) (३) ३ १३५(२) (४) १३५(२) (५) ३ १३५(२) (६) ३ । १३५(२) (७) १३५(२) (८) ३ १३५(२) (९) ३ १३५(२) (१०) ३ १३५(२) (११) १३५(२) (१२) ३ १३५(२) (१३) ३ १३५(२) (१४) २६४(१) (१३६)(१) (१) ३१७४१-४) १३६(२) (१) ३१७(१-४) १३६(२) (२) ३१७(१-४) १३६(२) (३) लक्षणसमुञ्चर्य मन स्थिरीकरणप्रकरण मनःस्थिरीकरणवृत्ति उपदेशमाला मूलशुद्धिप्रकरण ऋषिमंडल स्तव आत्मानुशासन आचारांगसूत्र आचारागनियुक्ति स्त्रीनिर्वाण केवलीभुक्ति मोक्षोपदेशपंचाशत प्रमाणसंग्रह ईश्वरकतत्वप्रकरण ब्राह्मणनीतिनिराकरण बोटिकप्रतिषेध सर्वज्ञव्यवस्था प्रकरण क्षणिकवादनिरास प्रकरण गणकारिका रत्नटीका समेत यमप्रकरण बकुलिशप्रार्थना (मोक्षार्था) . कारणपदार्थ पुराणोक्तस्कदनामानि । परिशिष्ट पर्व सिद्धसेनदिवाकरचरित्र पादलिप्ताचार्यकथा मल्लवादी कथा الله चन्द्रप्रभसग्रहित ६८-९३ १-८ ८-१२ १-१२७ १-३६ ११-१३ १३-१५ १५-१८ ६०-९२ ९३-९८. ९८-१०४ १०४-१०८ १०८-१२१ १२२-१२७ १२८-१५५ १५५-१५६ १५७-१५७ १५७-१५९ १५७-१५९ १६२ १-११ ११-४३ ४४-४९ सं. स. स. स. हरिभद्रसूरि الله मू भासर्वज्ञ विशुद्धमुनि षड्गोचर शिष्य २१ الله हेमचन्द्राचार्य ३५०० १२९१ प्रा. प्रा. प्रा. १. शिल्पनो अथ छे शिवमदिरादिनी विधि छे १२मी विधिथी २७मी विधि सुधी छे. पत्र ३जानो टुकडो त्रुटक छे २. सारी. ३. सारी पत्र ७९मु नथी. ४. सारी. ५. सारी ६. पत्र ४-६-१० नथी ७ पत्र १२-१३-१५-१६-३५-३९-४० नथी. ३७ पत्रनो एक टुकडो नथी Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २३२ ] श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पासख्या | भाषा | अथकर्ता . लेखन ग्रथनु नाम श्लोकसख्या रचनासवत् संवत् गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक नबर चालनबर | संख्या ३१७(१-४) १३६(२) (४) १५ १३७(१) (१) २७ १३७(२) (१) गा. ६८५ बप्पभट्टीकथा कथारत्नसागर सिद्धहेमशब्दानुशासनलघुवृत्ति पचमाध्याय अष्टक सटीक ४९-१०५ १६४ २-२०१ प्रा. स. सं १३३९ नरचन्द्रसूरि हेमचन्द्राचार्य १२२१ २७३ १३८(१) (१) १-१९३ स. मू. हरिभद्राचार्य, टी. जिनेश्वरसूरि १४१४ ३१५ २७३ १३८(१) (२) १२७ १३८(२) (१) २८५ १३९(१) (१) १३२(३) १३९(२) (१) ३१० १४० (१) ३१० १४० (२) १६४ १४१(१) (१) यशोदेवसूरि वर्धमानसूरि उमास्वातिजी चन्द्रर्षि चन्द्रर्षि हेमचन्द्राचार्य धर्मदासगणि गा. ५४३ गा १०० ५६ ५६ प्रद्युम्नसूरि ब्रह्मा लूनशिरा इति वृत्तद्वयव्याख्या १९३-१९८ चैत्यवदन-वदनक-प्रत्याख्यानचूर्णि १७८ श्री ऋषभचरित्र २२५ प्रशमरति ४१ स. पचसंग्रह सूत्र १-४९ प्रा. पचसग्रहसूत्र वृत्ति १-३५० सिद्धहेमशब्दानुशासन वृत्तिथी बीजा १४४ अध्यायना प्रथमपाद सुधी उपदेशमाला १-४१ प्रा धर्मोपदेशमाला ४१-४८ मूलशुद्धिप्रकरण ४८-६५ दशवीसी भावना ६५-८३ प्रा जीवदया प्रकरण ८३-९३ प्रा एकवीस स्थान प्रकरण ९४-१०० प्रा चञ्चरित १००-१०३ अपभ्रश प्रतिक्रमणादि १०३-११० प्रा. चतुर्विशतिजिनकल्याणकानि १-९ अपभ्रश वयरस्वामीचरित्र ९-३० अपप्रश श्री महावीरस्वामीपारणु ३०-३५ अपभ्रश श्री ऋषभजिनस्तुति (सिद्धस्वरूपगर्भिता) ३५-३७ अपभ्रंश नवकारकुलक ३७-३९ प्रा. १४१(२) (१) १४१(२) (२) १४१(२) (३) १४१(२) (४) १४१(२) (५) १४१(२) (६) १४१(२) (७) १४१(२) (८) १४१(२) (९) १४१(२) (१०) १४१(२) (११) १४१(२) (१२) १४१(२) (१३) ५६ ५६ गा. २०५ गा. ११६ गा.६६ गा. ३८ सिद्धसेनमूरि सोलहण गा. १३ ५६ गा ४७ ५६ ५६ गा. २० १. पत्र ५१-५७-७६-७७-७८-१०४ नथी. २. प्रथमना १० पत्रो तूटेला छे. १६३मा पत्रमा श्री पार्श्वनाथ प्रभुनी अने १६४मा पत्रमा श्रोताओनी मूर्ति चितरेली छे, ३. केवलज्ञान पछीनु वृतात छे. २२५मो टुकडो छे. प्रत सारी. ४. प्रथमता ल पत्रोना टुकडा खरी गया छे. Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २३३ ] रचना लेखनसंवत् संख्य संवत् गा. ३० गा. २० गा. २६ गा. २० ९५० १९५० १२९९ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सचि | गायकवाडी पेटीनो | पुस्तक | ग्रंथर्नु नाम पत्रसंख्या भाषा ग्रंथकर्ता नवर चालुनयर संख्या ५६ १४१(२) (१४) नमस्कारफल कुलक ३९-४२ अपभ्रंश ५६ १४१(२) (१५) श्रावकविधि ४२-४४ प्रा. ५६ १४१(२) (१६) • श्री ऋषभजिनस्तुति ४४-४७ अपभ्रश ५६ १४१(२) (१७) सीतासत ४७-४९ अपभ्रश १६७ १४२(१) (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र पचम पर्व १-१४६ स. हेमचन्द्राचार्य (श्री शांतिनाथ चरित्र) १६७ १४२(१) (२) योगशास्त्र १२मो प्रकाश १-२३ सं. हेमचन्द्राचार्य १२६ १४२(२) (१) द्वयाश्रय प्राकृत महाकाव्य ७६ प्रा. हेमचन्द्राचार्य १२६ १४२(२) (२) प्राकृत प्रबोध १२७ प्रा. नरचन्द्रसूरि ८ १४३(१) (१) श्राद्धप्रतिक्रमणवृत्ति १५४ प्रा.सं. चन्द्रसूरि ७२ १४२(२) (१) धातुपारायण स्वोपज्ञ विवरण १७९ स. हेमचन्द्राचार्य प्रथम खंड २२३ १४४(१) (१) न्यायकदली श्रीधर २२३ १४४(१) (२) पदार्थधर्मसंग्रह (न्यायकंदली सूत्र) १५६-२०० २२४ १४४(२) (१) योगशास्त्रप्रथमप्रकाशविवरण १२८ ९५(१०-३४) १४५(१) (१) चउसरण ७३-७६ ९५(१०-३४) १४५(१) (२) आउरपञ्चक्खाण ७६-८० ९५(१०-३४) १४५(१) (३) भक्तपरिज्ञा ८०-९२ ९५(१०-३४) १४५(१) (४) संथारापइन्ना ९२-९९ ९५(१०-३४) १४५(१) (५) सागारप्रत्याख्यान विधि ९९-१०० ९५(१०-३४) १४५(१) (६) आराधनाप्रकरण १०१-१२४ प्रा. यशोघोषसूरि ९५(१०-३४) १४५(१) (७) आराधनाप्रकरण १२४-१२८ सोमसूरि ९५(१०-३४) १४५(१) (८) बृहत् चतुःशरणप्रकरण १२८-१३३ ९५(१०-३४) १४५(१) (९) क्षामणाकुलक १३३-१३७ ९५(१०-३४) १४५(१) (१०) आराधनाकुलक १३७-१३९ ९५(१०-३४) १४५(१) (११) शोकपरिहारकुलक १३९-१४१ ९५(१०-३४) १४५(१) (१२) द्वादश भावना १४१-१५० प्रा. १२४२ ६००० অ99 १८०० १२५५ गा.६० गा. १७१ गा. १२१ गा. ९ गा. ६१ गा. ९१ गा. ४६ गा. १६ गा. २४ गा. १३२ (ग्रथ १५७) १. पत्र २३नो एक टुकडो छे. २. आ ग्रथमा जुदे जुदे ठेकाणे २३ पाना खूटे छे ३, आ ग्रथमा जुदे जुदे ठेकाणे २९ पाना खूटे छे. ४. पत्र १५७ थी १७९ सुधी एक बाजुनी कोरो खरी गई छे. माटे अकोमा फरक छे Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २३४ ] लोकसंख्या लेखनसंवत् रचनासंवत् गा. १६१ गा. २९ गा. २६ गा. २१ गा. २१ गा ३५ का. ४८ ४० श्री संघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि गायकवाडी पेटीनो पुस्तक | धनु नाम पत्रसंरख्या | भाषा अथकर्ता नवर चालनबर | 'संख्या ९५(१०-३४) १४५(१) (१३) महाऋषिस्तव १५१-१६१ प्रा. धर्मघोषसूरि ९५(१०-३४) १४५(१) (१४) बोधकुलक १६१-१६३ प्रा. ९५(१०-३४) १४५(१) (१५) भाववर्धनकुलक १६३-१६५ प्रा. ९५(१०-३४) १४५(१) (१६) । आत्मबोधकुलक १६५-१६७ ९५(१०-३४) १४५(१) (१७) । आत्मसंबोधकुलक १६७-१६८ प्रा. ९५/१०-३४) १४५(१) (१८) वैराग्यकुलक १६८-१७१ . ९५(१०-३४) १४५(१) (१९) योगशास्त्रप्रकाश ४ १७१-२०० हेमचन्द्राचार्य '२५(१०-३४) १४५(१) (२०) आत्मानुशासन २००-२०६ पार्श्वनाग ९५(१०-३४) १४५(१) (२१) धरणोरगेन्द्रस्तव २०६-२०९ ९५(१०-३४) १४५(१) (२२) भक्तामरस्तोत्र २०९-२१३ मानतुंगाचार्य ९५(१०-३४) १४५(१) (२३) गभीरस्तव २१३-२९६ ९५(१०-३४) १४५(१) (२४) धर्मलक्षण २१६-२२७. स. ९५(१०-३४) १४५(१), (२५) सिंदूरप्रकर २२७-२२९ । स.। सोमप्रभाचार्य २६८ १४५(२) (१) पंचाशक सूत्र १-८३ प्रा. हरिभद्रसूरि २६८ १४५(२) (२) कर्मस्तव ८४-९१ २६८ १४५(२) (३) कर्मविपाक ९१-१०७ प्रा. गर्गर्षि २६८ १४५(२) (४) शतकप्रकरण १०७-११९ २६८ १४५(२) (५) सत्तरिप्रकरण ११९-१२९ प्रा. ७०(१-७) १४६(१) (१) तर्कभाषा ५-५६ मोक्षाकरगुप्त ७०(१-७) १४६(१) (२) न्यायकलिका ५७-८० सं. जयंत ७०(१-७) १४६(१) (३) योगसंग्रहसार ८८-१०१ नदिवच्छ ७०(१-७) १४६(१) (४) नवतत्त्व भाष्यसहित १०१-११४ मू. जिनचद्रगणि, भा. अभयदेवसूरि ७०(१-७) १४६(१) (५) प्रमाणनयत्त्वलोकालकार ११५-१३३ देवाचार्य ७०(१-७) १४६(१) (६) न्यायवतारसूत्र १३३-४३४ सिद्धसेन दिवाकरसूरि ७०(१-७) १४६(१) (७) ज्ञानावर्ण १३५-१४८ शुभचन्द्र ४(१-२-४)१४६(२) (१) नंदीसूत्र १-८२ ४(१-२-४) १४६(२) (२) आचार्य प्रतिष्ठा विधि ८२-८९ प्रा. १. अपूर्ण २. बौद्ध ३. दिगबरीय-योगप्रदीपाधिकारना योगविचारणो तत्त्वप्रकरणो. गा. १६८ गा. ११० गा. ९१ ८७० गा. १५२ गा.७० Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो पुस्तक चालनंबर सरव्या नवर ४ (१-२-४) १४६ (२) १४७ (१) १८९ ३१७ (५) १४७ (२) ५. १४८ २०८ १४९ (१) २८३ १५० (१) २८३ १५० (२) २३५ १५१ (१) २३५ (२) १५१ २३५ १५१ (३) २३५ १५१ (४) २३५ १५१ (4) २३५ १५१ (६) २३५ १५१ २३५ १५१ (८) २३५ १५१ (९) २३५ १५१ (१०) २३५ १५१ (११) २३५ १५१ (१२) ६२ (२-३) १५२ (१) ६२ (२-३) १५२ (१) १५२ (२) ८४ (१) (२) (१) १५३(१) (१) (३) (१) (१) (१) १४५ १५६ ५३ ५३ (७) १५३ (२) (१) १५४ (१) (१) १५४(१) (२) ग्रंथनु नाम पंचाशक सूत्र प्रवचनसारोद्धार कलावती कथा दर्शनशुद्धिप्रकरणविवरणोद्धति' श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पत्रसरख्या भाषा ग्रंथकर्ता सूक्तरत्नाकर वदारुवृत्ति (श्रावकानुष्ठानविधि) प्रवचनसारोद्धार उपदेशमाला धर्मोपदेशमाला पचकल्याणक मूलशुद्धिप्रकरण जबूद्वीपप्रकरण जीवदयाप्रकरण नवपदप्रकरण वंदित्ता सूत्र विवेकमंजरी योगशास्त्र प्रकाश ४ वीतरागस्तव प्रशमरती पचाशकसूत्र उपदेशपद देशी नाममाला सप्ततिकाटीका पचाशकसूत्र २० वार्तिकसूत्र वार्तिकवृत्ति ७ ५९ १९७ ८४ प्रा. प्रा. प्रा. प्रा.सं. सं. सं. प्रा. ४९ प्रा ४९-५५ प्रा ५५-७० प्रा. ७०-८६ प्रा. ८६-९६ प्रा. प्रा. २८२ २६८ १८४ १८४-२६६ १०५-११९ १०५-११९ ११९ - १२४ १२४-१३७ १-३९ प्रा. प्रा. प्रा. स. ३९-५४ स. ५५-८१ स. २६-७९ प्रा ७९-१६४ प्रा. प्रा सं हरिभद्रसूरि नेमिचन्द्रसूरि देवभद्र विमलसूरिशिष्य मन्मथसिह देवेन्द्रसूरि नेमिचन्द्रसूरि धर्मदासगणि स. प्रद्युम्नसूरि हरिभद्रसूरि हरिभद्रसूरि १९४ प्रा. देश्य हेमचन्द्राचार्य १२२ स १२९ १-६ ७-१८४ जिनचन्द्रगणि आसड हेमचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य उमास्वातिवाचक मलयगिरि हरिभद्रसूरि म्लोक संख्या १९८४ ३८०० ४३४० २७७० १६०६ गा. ५४२ गा १०० गा. २१२ गा. ५० ३७८० लेखन सवत् १२४४ १३४७ १२९८ १२२१ [ २३५ ] रचना संवत् शांत्याचार्य १. अपूर्ण पत्र ४-२१-२२-२४- ११५-१४०-१७०-१८८ नथी, १७मा पानानो टुकडो नथी. २. सारी. ३. सारी. ४. आ ग्रथमा घणे ठेकाणे केटलाक प्रकरणोमा पानाना अक्षरो घसाई गया छे. ५. ६४ थी ६६ पत्र नथी. ६. पत्र १०८-१३३ - १३४ - १४५ - १४७ नथी अत पण नथी ७. पत्र २ थी ९ नथी. ८. २०मु उपधानपचाशक छे. ९. केटलाक पानानी कोरो खरी गई छे तेमज पानाना टुकडा थई गया छे. Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्लोकसख्या [ २३६ ] लेखन-1 रचना सवत् सवत् ११६६ ५१४० श्री संघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक |अथर्नु नाम पत्रसंख्या | भाषा | ग्रथकर्ता नवर चालुनबर | सख्या ५४ १५४(२) (१) कथानुकोष सटीक १९३ प्रा. १९९(१) १५५(१) (१) देशीनाममालावृत्ति २१२ देश्य स हेमचन्द्राचार्य ३१४ १५५(२) (१) तर्कभाषा ७५ स १३३ १५६(१) (१) उपदेशमाला १-३९ प्रा. धर्मदासगणि १३३ १५६(१) (२) मूलशुद्धिप्रकरण ३९-५५ प्रद्युम्नसूरि १५६(१) (३) बार भावना ५५-७० १३३ १५६(१) (४) क्षेत्रसमास ७१-७७ १३३ १५६(१) (५) . सुबाहुचरित्र ७७-९१ प्रा. १३३ १५६(१) (६) शालिभद्र चरित्र ९१-१०४ १३३ १५६(१) (७) गौतमभाषित १०४-१०९ १३३ १५६(१) (८) जीवदया प्रकरण १०९-११८ प्रा. १३३ १५६(१) (९) दर्शनसप्ततिका ११८-१२८ प्रा हरिभद्रसूरि १३३ १५६(१) (१०) वीरविज्ञप्ति १२८-१ अपभ्रश १३३ १५६(१) (११) पंचाशक ११ १-३१ प्रा. हरिभद्रसूरि १५६(१) (१२) कर्मस्तवभाष्य १-४ प्रा । १५६(२) (१) सिद्धहेमलघुवृत्ति तद्धित ६-१ थी ७ माना ११९ हेमचन्द्राचार्य ४पाद सुधी १५७(१) (१) धनदेवधनदत्तकथा ४८ १५७(१) (२) धनश्रेष्ठिकथा १४-२३ १५७(१) (३) चद्रगोपालकथानक २३-४३ १५७(१) (४) कृपणश्रेष्ठिका ३४-४३ १५७(१) (५) जयलक्ष्मीदेवीकथा ४३-५७ १५७(१) (६) पुरंदरीदेवीकथा ५७-५९ १५७(१) (७) मृगाकलेखाकथानक ६९-८२ १५७(१) (८) अघटकथानक, ८३-९६ प्रा. ४८ १५७(१) (९) धनदत्तकथानक ९६-१०६ प्रा. __ १५७(१) (१०) बहुबुद्धिकथानक १०६-२१८ प्रा. गा ५४२ गा २१४ गा २१० गा ८४ गा २१८ गा १७५ गा. ४० गा. ११६ गा १२० गा १३ । गा २४ ४८ गा १४१ गा ८० गा.८९ गा. ८९ गा. १२६ गा. १०२ गा १३७ गा १२२ गा. ११२ गा. ११८ १. एक तरफनी कोरो खरी गई छे, एटले अस्तव्यस्त छे २. रत्नावली नामनी, ३. प्रथम पत्र ३ना टुकडा छे. ४. अपूर्ण ५. दान विषये. ६. सम्यक्त्व. ७. दानविषये ८. दानविषये ९. शीलविषये १०. शीलविषये ११. तपविषये १२. तपविषये १३. भावनाप्रभावे १४. भावनाप्रभावे. Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १-४६ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय प्रथोनी सूचि [ २३७ 1 पत्रसख्या ग्रथनु नाम गायकवाडी पेटीनो । पुस्तक श्लोकभाषा रचना लेखनग्रंथकर्ता संख्या सवत् सवत् नबर चालुनबर | सख्या १५७(१) (११) ४८ सौभाग्यसुंदरीकथा ११८-१३० गा. १२० प्रा. ४८ १५७(१) (१२) समुद्रदत्तकथा १३१-१४१ प्रा गा. ११८ ४८ १५७(१) (१३) विभक्तिप्रकरण १४१-१५४ प्रा. अमरचन्द्र गा.१४१ (अपरनाम विचारमुखप्रकरण) २९४ १५७(२) (१) प्रवचनसारोद्धारसूत्र १७२ नेमिचन्द्रसूरि २८२ १५८ (१) वराहमिहिरसहिता २-३०० वराहमिहिर १३१३ २५९ १५९ (१) धातुपारायणवृत्ति २६३ हेमचन्द्राचार्य १३०७ १८८ १६०(१) (१) संग्रहणी १-३६ प्रा. गा. ३५६ १८८ १६०(१) (२) श्रावकप्रज्ञप्ति प्रा. गा. ४०१ १८८ १६०(१) (३) सूक्ष्मार्थविचारप्रकरण ४६-६४ प्रा. जिन वल्लभसूरि गा. १५५ १८८ १६०(१) (४) उपदेशसार ६४-७४ प्रा. देवभद्रसूरि गा. १०१ १८८ १६०(१) (५) श्रावकवक्तव्यता (षट्स्थानक भाष्य) ७४-८५ अभयदेवाचार्य गा. १०३ १८८ १६०(१) (६) षड्विध प्रवचनकौशल ८५-८६ गा.९ १८ १६०(२) (१) यतिप्रतिक्रमणवृत्ति पार्श्वसाधु १२२८ शके. ८२१ १८ १६०(२) (२) श्रावकप्रतिक्रमणवृत्ति ७८-१४४ पार्श्वसाधु १२२८ शके.८२१ ५८(२) १६१(१) (१) अढार पापस्थान उपर कथाओ ८३ प्रा. ३८ १६१(२) प्रकरण संग्रह पत्र १५६ ३८ १६१(२) (१) उपदेशमालाप्रकरण धर्मदासगणि गा.५४४ ३८ १६१(२) (२) धर्मोपदेशमालाप्रकरण ५६-६८ गा. १०३ ३८ १६१(२) (३) ठाणा प्रकरण (मूलशुद्धि) ६८-९० प्रा प्रद्युम्नसूरि । १६१(२) क्षेत्रसमास प्रकरण ९१-९९ प्रा. गा.८४ ३८ १६१(२) (५) पाक्षिकसूत्र ९९-१०३ १६१(२) (६) प्रतिक्रमणसूत्र १०३-१०९ गा. ५० ३८ १६१(२) (७) प्रवज्याविधानप्रकरण १०९-१११ गा. २५ ३८ १६१(२) (८) गौतमपृच्छाप्रकरण १११-११७ गा. ५३ ३८ १६१(२) (९) शीलरक्षाकुलक ११७-११८ प्रा. गा १० ३८ १६१(२) (१०) योगशास्त्र चार प्रकाश ११८-१५६ सं हेमचन्द्राचार्य १. नमस्कारप्रभावे २. अनित्यताविषये. ३. अत नथी, १६३ पाना पछी एक बाजुनी कोर खरी गई छे. ४. २६२ अने २६३ पत्रना टुकडा छे. विशलदेवना राज्यमा लखेलु छे. ५. गाभूमा रची छे जबूश्रावक बहुश्रुतनी सहायथी रची छे. ६. गाभूमा रची छे जबूश्रावक बहुश्रुतनी सहायथी रची छे. ७. अपूर्ण प्रथमनु अडधुं पत्र नथी. बीजाना बे टुकडा छे. .१-७७ सं . प्रा. प्रा. Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो नंबर पुस्तक चालनबर संख्या १६२ २७९ १७१ १५५(११२) १६४ १६३ १५५ (१थी१२) १६४ १५५ १मी१२) १६४ १५५/१९२) १६४ १५५ (११२) १६४ १५५/१०१२) १६४ १५५/१०१२) १६४ १६५ १६५ १५५ ११२) १६४ १५५/१वीर २) १६४ १५५/११२) १६४ १५५/१ची१२) १६४ १५५ (१थी१२) १६४ २६१ १६५ २६१ २६१ २६१ २६१ २६१ २६१ २६१ २६१ २६१ १६५ २६१ १६५ १६५ १६५ १६५ १६५ 9 9 9 ? @ Z 3 ® 2 I 2 2 2 2 ~ ± ♚ × 3 4 2 3222 १६५ १६५ १६५ (१) (१) (१) (२) (३) (४) (4) (६) (७) (८) (९) (१०) (११) (१२) (१) (२) (३) (४) (4) (६) १६५ (७) (८) (९) (१०) (११) L ग्रथनु नाम पिंडविशुद्धिवृत्ति' ललितविस्तरापजिका उपदेशमाला पुष्पमाला आवश्यक स्वरूप सग्रहणी जबूद्वीपसमास विवेकमजरी उपदेशकंदली पिडविशुद्धि धर्मोपदेशमाला ज्ञानप्रकाशकुलक आत्मानुशासन मूलशुद्धिप्रकरण उपदेशमाला २ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पत्रसरख्या भाषा थकर्ता पुष्पमाला श्राद्धदिनकृत्य विवेकमजरी आराधना प्रकरण गौतमपुच्छा चैत्यवंदनादिभाष्यत्रय क्षेत्रसमास' भ संयममजरी अजितशाति पापप्रतिघात वगेरे प्रकरणी त्रुटक २७३ २७१ १-६० ६०-१२० १२१-१५५ १५५-१८० १८० - १८८ १८९ - २०१ २०१-२१५ २१५-२२४ २२५-२३४ १६६ (2) चैत्यवंदन १-५ १६६ (२) प्रभातिक अटक ५ १. पत्र १५४ अने १७१ नथी. २. भीनमालमा ३. अपूर्ण. ४. गा. १३ थी ५. वचमा पाना नथी. स स प्रा. प्रा. प्रा. प्रा प्रा प्रा प्रा प्रा. प्रा. २३४- २४६ अपभ्रश २४७-२५६ सं. २५६-२७४ प्रा. १-५७ प्रा. ५७-११४ प्रा. ११४-१५३ प्रा. १५३-१६९ प्रा. १७०-१७६ प्रा. १७६-१८२ प्रा. १८२-१९९ प्रा. १९९-२११ प्रा. २१४-२१५ प्रा. २१५-२१८ अपभ्रश २१९-२४९ प्रा. सं. यशोदेवसूरि मुनिचन्द्रसूरि धर्मदासगणि मलधारी हेमचन्द्र चन्द्रसूरि आसड आसड जिनवल्लभगणि जिनप्रभाचार्य पार्श्वनाग प्रद्युम्नसूरि धर्मदासगणि मलधारी हेमचन्द्र आसड सोमसूरि देवेन्द्रसूरि मानतुगसूरि महेश्वरसूरि श्लोक सरव्या २८०० गा. ५४३ गा. ५०५ गा. ३१७ गा २७३ गा ११२ गा. १४५ गा १२५ गा. १०४ गा. १०२ गा. ११४ गा. ७७ गा. ५४३ गा. ५०५ गा. ३४४ गा. १४४ गा. ६९ गा. ५४ गा. १४३ गा. २१ गा. ३५ गा. ९ लेखन सवत् १२८९ [ २३८ ] रचना सवत् १२४८ १०४२ १२८८ Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडीपेटीनो नबर १६५ १६५ १६५ १६५ १६५ १६५ १६५ १६५ १६५ १६५ १६५ २९५ २९५ २९५ २९५ २९५ २९५ २९५ २९५ २९५ १५३ १२ १२ १२ १२ पुस्तक चालनबर संख्या १६६ (३) १६६ (4) १६६ १६६ (६) १६६ १६६ १६६ (९) १६६ १६६ १६६ १६६ १६७ (१) 2234 2 2 2 2 2 2 2 2 @@£3 ® 23 24 2 १६७ (१) (४) १६७ (१) १६७ (१) (७) १६७ (१) १६७ (१) (८) (१०) (११) (१२) १६७ (१) (२) (१३) (१) १६७ (१) (४) (३) (५) (६) १६७ (१) (७) (८) (९) (१०) (११) १६७ (२) (१). १६८ (१) १६८ (२) १६८ (३) १६८ (४) ग्रंथनु नाम शाश्वतजिन स्तव जंबूद्वीपसमास यतिप्रतिक्रमण सूत्र दशवैकालिक पाक्षिकसूत्र अजितशांति पिंडविशुद्धि आवश्यकनिर्युक्ति ओघनियुक्ति पिडनिर्युक्ति उत्तराध्ययन प्रशमरतिप्रकरण अष्टक षोडशक धर्मलक्षण आत्मानुशास प्रश्नोत्तररत्नमालिका पचाणुव्रतप्रकरण पात्रपरीक्षा ज्ञानांकुश श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रथोनी सूचि पत्रसख्या भाषा ग्रंथकर्ता महादेवलक्षण पाक्षिकसूत्र खामणा साथे सिद्धहेमलघुवृत्ति - तृतीयाध्याय-' तृतीयपादथी पंचमाध्याय पर्यन्त वदारुवृत्ति धर्मकुलक चउसरण लघु आउरपञ्चक्खाण लघु १. प्रथम बे पानाना टुकडा छे. २. छेल्ला पानाना बे टुकडा छे ५ ६-८ १-३ ३-१८ १८- २५ २५-२७ २७-३० प्रा. ३३-९९ प्रा. ९९-१२९ १२९-१४७ १४७-१९४ १ थी २१ १ थी १९ १९ थी ३९ फक्त ४० १ थी ८ ८ थी १० थी १५ १६ थी १८ १८ थी २० २० थी २२ १ थी २० १६२ १-८४ सं. प्रा. प्रा. ८५-८६ ८६-८७ प्रा. प्रा. प्रा. 吼吼吼芃芃可吼吼吼吼可吼吼吼 प्रा. प्रा. प्रा. स. स. स. प्रा. प्रा. प्रा. प्रा प्रा. पार्श्वनाग प्रा. प्रा. प्रा. स. सं. ८५ प्रा. प्रा. प्रा. धर्मसूरि शय्यम्भव जिनवल्लभगणि भद्रबाहुस्वामी भद्रबाहुस्वामी भद्रबाहुस्वामी उमास्वाति वाचक हरिभद्रसूरि हरिभद्रसूरि विमलाचार्य हेमचन्द्राचार्य देवेन्द्रसूरि देवेन्द्रसूरि 'श्लोक संख्या गा. १४ गा. १०४ गा. २५०० गा. ११४० गा. ७१६ काव्य ३१३ का. २५६ का. २५६ श्लो. ७६ का. २८ का. २२० का. ३१ श्लो. २८ श्लो. ३२ २७२० गा. २२ गा. ३० गा ७४ लेखन सवत् [ २३९ ] रचना सवत् Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय प्रथोनी सूचि पासख्या भाषा ग्रथकर्ता श्लोकसख्या ग्रथनु नाम २४० ] रचनासवत् लेखनसवत् प्रा. सोमसूरि वीरभद्र वीरभद्र वीरभद्र गा. ६९ गा. ६३ गा.७१ गा. १७३ गा. १२१ गा. ३४२ श्लो.८२ गायकवाडी | पेटीनो | पुस्तक नंबरचालनबर सख्या १२ १६८ (५) १२ १६८ (६) १६८ (७) १६८ (८) १६८ (९) १६८ (१०) (११) १६८ (१२) १६८ (१३) १६८ (१४) १६८ (१५) १६८ (१६) १६८ (१७) १६८ (१८) १६८ (१९) १६८ (२०) १६९(१) (१) १३५ १६९(१) (२). १०० १८९(२) (१) १६९(२) (२) १०० १६९(२) (३) ५८(१) १७०(१) (१) | आराधनाकुलक चउसरण बृहत् आउरमञ्चक्खाण बृहत् भक्तपरिज्ञा सस्तारकप्रकरण श्राद्धदिनकृत्य स्थविराकथा (देवत्वे)' धर्मपाल-वस्तुपालकथा दिवाकरकथा (उत्तमसेवायाम्) धन्य-शालिभद्रकथा एलकाक्षकथा (रात्रिभोजने) मरुक दृष्टात कालिकाचार्यकथा आराधनाष्टक उत्तराध्ययनसूत्र उपदेशमालाविवरण कल्पसूत्र कालिकाचार्यकथा कल्पसूत्र कालिकाचार्यकथा कल्पसूत्रटिप्पण सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण" प्राकृतविवरण योगशास्त्र द्वादश प्रकाश वीतरागस्तव साम्यशतक आवश्यकनियुक्ति ८७-९० ९०-९१ ९१-९४ ९४-१०० १००-१०३ १०४-११५ ११५-११८ ११८-११९ १९९-१२४ . १२४-१३० १३१-१३२ १३२-१३४ १३४-१३७ १३७ १३७-१९५ १९६-२३८ १-११६ ११६-१२१ १-८९ ८९-९१ १-३२ ११९ गा. १३९ श्लो . २१८ गा. ५० श्लो. ५५ गा. १८० गा.८ प्रा. प्रा. भद्रबाहुस्वामी भद्रबाहुस्वामी भद्रबाहुस्वामि १२८० प्रा. प्रा प्रा. सं. ४१८ पृथिवीचन्द्रसूरि मू. जिनवल्लभसूरि ११२५ स. २२७(१,२,३) १७०(२) (१) २२७(१,२,३)१७०(२) (२) २२७(१,२,३)१७०(२) (३) ६२(१) १७१(१) (१) १२९ १३०-१५६ १५७-१७१ ३-१७५ हेमचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य विजयसिंह भद्रबाहुस्वामी श्लो . ३०४ सं. प्रा. १२९७ १. जिनपूजा उपर २. अक्षरो भूसाई गया छे. ३. उत्तम सेवा उपर ४. दान विषे. ५ रात्रि भोजन उपर ६. रात्रि भोजन उपर. ७. अपूर्ण, ८. पत्र ४२-५३-६३-६५-६६-६ ९-७०-८२-८५ थी ९२-९४ नथी ९. पाछळनो भाग त्रुटक छे. १०. अपूर्ण ११. अतमा अपूर्ण-आ विवरण मुनिचद्रसूरिकृत चूर्णि होवी जोईए. १२. पत्र ५९मु नथी. Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सवत् प्रा. श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रथोनी सूचि [ २१ ] गायकवाडी | पेटीनो | पुस्तक ग्रंथर्नु नाम | फ्नसख्या भाषा रचनाग्रथकर्ता श्लोक लेखन संख्या नभर चालुनबर संख्या सवत् २४१(१-२) १७१(२) (१) न्यायावतारसूत्र १-२ सं २४१(१-२) १७१(२) (२) न्यायप्रवेशसूत्र २-६ सं १२२(१) (३) न्यायप्रवेशक व्याख्या १-२३ स. हरिभद्रसूरि ५०० २४१(३) १२२(२)/१७१(३) (४) न्यायावतारवृत्ति १-६८ स ६६(१-३) १७२(१) (१) सग्रहणी ३-५२ ६६(१-३) १७२(१) (२) कर्मस्तव ५२-६० ६६(१-३) १७२(१) (३) कर्मविपाक ६१-९० गर्गर्षि गा १६६ ५१ १७२(१) (४) सत्तरी प्रकरण ९१-१२८ गा १९१ ५१ १७२(१) (५) आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण १२९-१५९ जिनवल्लभगणि गा.८६ ५१ १७२(१) (६) सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण १५९-१९१ जिनवल्लभगणि गा. १५५ ५१ १७२(१) (७) नवपदप्रकरण १९२-२१९ जिनचन्द्रगणि १९६ १७२(२) (१) शातिनाथचरित्र (कागळमां छे.) १-१६३ मुनिदेवसूरि ४८५५ १३२२मा रच्यु १७२(३) (१) अपभ्रशस्तोत्रादि संग्रह चक्रेश्वरसूरि आदि १५२ १७३(१) (१) सिद्धहेमलघुवृत्ति अवचूरिका १-८०, धनचन्द्र १-६२ १७३(२) (१) प्रबोधचंद्रोदयनाटक १५६ कृष्णमिश्र १६१ १७४ (१) योगशास्त्र ४ प्रकाश ४-३१ हेमचन्द्राचार्य श्लो, ४५९ १६१ १७४ (२) वीतरागस्तोत्र ३२-४५ हेमचन्द्राचार्य १६१ १७४ (३) बोधप्रदीप ४५-५२ १६१ १७४ (४) आत्मानुशासन ५२-५७ पार्श्वनाग १६१ १७४ (५) मोक्षोपदेश पचाशिका ५७-६१ मुनिचन्द्रसूरि १६१ १७४ (६) प्रशमरति . ६१-८३ सं उमास्वातिजी १६१ १७४ (७) ज्ञानाकुश प्रकरण ८४-८६ स १६१ १७४ (८) कर्मग्रथो प्रवचन सदोह" ८७-१५६ प्रा १६१ १७४ (९) पचाशक" १५६-२२५ प्रा. हरिभद्रसूरि १. कोई पानानी कोरो खरी गई छे २. त्रुटक अपूर्ण, कोरो एकबाजुनी खरी गई छे-जीर्ण ३. छेल्लु पानु फाटवा माड्यु छे ४. अस्तव्यस्त-त्रुटक ५. पहेलु ने छेल्लु पानु त्रुटक ने चोटेला छे. ६. पहेला ३ पत्र नथी. ७. पत्र ४४नो १ टुकडो नथी. ८. त्रुटक पत्र ४५-४६-५०-५१ नथी ९. पत्र ५३-५५ नथी ५६ना बे टुकडा छे. १०. त्रुटक पत्र ५८-५९-६० नधी नथी. ११. पत्र ६४-६६-७८-८०-८१ नथी १२. पत्र ८५मु नथी. १३. पत्र ८८-९५-९८-१००-१०१-१०४-१३४-१३५-१४३ नथी १४. पत्र १५६-१५७-१७९-१८०-१८९-१९२ २०० Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २४२ ] श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रथोनी सूचि पत्रसख्या भाषा ग्रधकर्ता श्लोक ग्रथनु नाम लेखनसवत् । रचनासवत् सख्या गायकवाडी | पेटीनी पुस्तक नभर चालुनबर | सख्या १६१ १७४ (१०) १६१ १७४ (११) १६१ १७४ (१२) १६१ १७४ (१३) २६२ १७५ (१) २३३ १७६(१) (१) ५९ १७६(२) (१) २७७ १७७(१) (१) १७७(२) (१) ६ १७७(२) (२) १४०९ १२८० गा १९०० देवेन्द्रसूरि हरिभद्रसूरि विनयचन्द्र हरिभद्रसूरि १२६२ २३९० १८२७ ६ १७७(२) (३) १६० १७८(१) (१) २७२ १७८(२) (१) २२७(४-१२) १७९(१) (१) उपदेशमाला ६-६१ प्रा बृहत्सग्रहणी ६१-१०४ प्रा दशवैकालिक १०५-१०७ प्रा. तूटक संस्कृत ग्रंथ छे नाम जणातु नथी २३१ थी २५० सं. श्रावकदिनकृत्यविधि ३५७ सं. पचवस्तुप्रकरण २-१८२ प्रा कविशिक्षा १७७ स. पचवस्तुसूत्र १२७ प्रा प्रश्नव्याकरण-चूडामणिटीका १५९ प्रश्नव्याकरण टीकाया १५९-१६३ लीलावत्या मयूरवाहिनी प्रश्नचूडामणिसार १६०-२१७ अनेकार्थसंग्रह १४९ तत्त्वोपप्लव १७६ स योगशास्त्र चतु प्रकाशान्तर्गत ७३-१६२ सुभापितसमुच्चय अभिधानचितामणी प्रथम काड १६३-१६९ स त्रिषष्टीयमहावीरचरित्रान्तर्गत १६९-१७३ हस्तिपाल स्वप्र प्रश्नोत्तररलमालिका १७४-१७७ स धर्मलक्षण १७७-१७९ प्रशमरतिप्रकरण १८०-२२१ तत्त्वार्थाधिगम सूत्र २२२-२४९ स आप्तपरोक्षाद्वात्रिशिका २५०-२५३ अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिशिका २५३-२५८ स दमयंतीकथा मूल १७२ सं भट्ट लक्षण हेमचन्द्राचार्य जयराशि हेमचन्द्राचार्य १३४९ ४३७ २२७४४-१२) १७९(१) (२) २२७४४-१२) १७९(२) (३) हेमचन्द्राचार्य हमचन्द्राचार्य विमलाचार्य का २८ ३१४ १३०३ २२७(४-१२) १७९(१) (४) । २२७१४-१२) १७९(१) (५) २२७(४-१२) १७९(१) (६) २२७१४-१२) १७९(१) (७) २२७४४-१२) १७९(१) (८) २२७१४-१२) १७९(१) (९) २५७(१) १७९(२) (१) उमास्वातिवाचक उमारवातिवाचक हमचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य विक्रम भट्ट का. ३२ का. ३२ २५०० १. पहेला पाच पत्र नथी २.६९म् पत्र नथी. ३. गुटक. ४. त्रुटक-ग्रंथ सस्कृत छ ५. पत्र १४-१५-१७-३९-४३-५८-७२ थी ८०-८४-८८ दुकडा नथी १८-२२-२४-४५-५६-६२-७१ पत्री नी ६.प्रांटत पत्राकानि ७३-७६-८५-९५-५३०-१३५-५४३-१४७-१४८-१५७-१७१-१७३ने १७७ पछीना पत्रो नथी एव सख्या बार (१२) नास्ति इत्येव शेषमपि नारित ७. पत्र २२ थी २७ गुधीना एक कोरथी खरी गया २.८. निमित्तनो प्रथ Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्लोकसंख्या [ २४३ ] लेखन- रचनासंवत् | संवत् । श्लो. ६२ गा. २९ श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि गायकवाडी पेटीनी पुस्तक ग्रंथर्नु नाम पत्रसख्या भाषा ग्रथकर्ता नगरचालनबर संख्या ९७ १८०(१) (१) सिद्धहेमआख्यात वृत्ति २३० स. हेमचन्द्राचार्य ११६ १८०(२) (१) त्रिभुवनसार योगशास्त्र प्रकाश त्रण १९ सं. अन्यकृत ११६ १८०(२) (२) सतविचार (भडलीना जेवु) ३५-४२ सं. ११६ १८०(२) (३) शकुनविचार प्रकरणमा गमनागमन ४२-५७ प्रा. जीवित-मरण-शकुनविचार प्रकरणो १८०(२) (४) शनिचक्र ५८ प्रा. १८०(२) (५) गोक्त संहितानो ४७मो ध्वजाध्याय ५८-५९ सं. ११६ १८०(२) (६) वर्षालक्षण ६०-६७ सं. ११६ १८०(२) (७) सिद्धादेश ६७-७२ सं. ११६ १८०(२) (८) गणधरहोरा ७२-७५ प्रा. ११६, १८०(२) (९) सामुद्रिक ७५-८२ स.प्रा ११६ १८०(२) (१०) सउण-उवस्सुई-छाया-नाडि-निमित्ते- ८४थी १०६ प्रा. सुविणय-रिहदार १८०(२) (११) सर्वव्यसायविधिकरणप्रक्रम १२०-१३८ स. १८०(२) (१२) गमनागमनप्रकरण १३८-१७० १८१(१) (१) उपदेशमाला ३६-४२ धर्मदासगणि ८१(१) (२) धर्मोपदेशमाला ४२-५० १८१(१) (३) मूलशुद्धिप्रकरण (ठाणा प्रकरण) ५०-६५ जिनवल्लभगणि २१ १८१(१) (४) क्षेत्रसमास ६५-७० २१ १८१(१) (५) . संदहविषौषधीनाम प्रकरण ७०-९० २१ १८१(१) (६) पिंडविशुद्धि ९०-९८ जिनवल्लयभगणि २१ १८१(१) (७) चार्चिकप्रकरण ९९-११५ स.प्रा. २१ १८१(१) (८) एकवीस ठाण प्रकरण ११५-१२१ प्रा. सिद्धसेनसूरि २१ १८१(१) (९) प्रवचनसदोह" १२१-१४० प्रा २१ १८१(१) (१०) गौतमपृच्छा १४०-१४४ प्रा. २१ १८१(१) (११) चउसरण लघु १४४-१४६ प्रा. गा. १९१ १२७९ गा.५४३ गा. १०१ गा. २६५ गा.८८ गा.१०४ गा. २३२ गा.८१ गा. ५४ गा. २८ ने ळ घुटक छे वचमा बे ठेकाणे कागळना पत्रो छे ते उधईथी खवाई गया छे. २. बीजो प्रकाश ४५ श्लोक सुधी छे, अपूर्ण पत्र २० थी ३४ नथी. ३. पत्र ३८-४० नथी. ४. ने ४८ थी ५६ नथी. त्रुटक-अपूर्ण ५. पत्र ५८मा सपूर्ण थाय छे पण आद्य भाग नथी ६. पत्र ८३मु नथी आघत पण नथी ७. आ ग्रथमा पत्र पहेलाना ११९ ने अतनो थी ८. प्रथमना ३५ पत्र नथी ९. पत्र ६३-६४ नथी. १०. पत्र ७१ थी ७५ नथी ११. पत्र ८६-८७ पण नथी १२. पत्र १३९मुनथी Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि फासख्या | भाषा अथकर्ता [ २०४ ] रचना ग्रथनु नाम श्लोकसख्या लेखनसवत् सवत् गायकवाडी पेटीनो पुस्तक नवर चालन्धर | सख्या २१ १८१(१) (१२) २१ १८१(१) (१३) गा ४० गा ६१ गा १८५ २१ गा ७५ पार्श्वनाग जिनचन्द्रगणि १८१(१) (१४) १८१(१) (१५) १८१(१) (१६) १८१(१) (१७) १८१(१) (१८) १८१(२) (१) गा. १३८ गा. २५ २१ ४१ गा ३० हेमचन्द्राचार्य शय्यम्भवसूरि आउरपञ्चक्खाण लघु १४६-१४९ प्रा श्रावकप्रतिक्रमण सूत्र-आयरिय- १४९-१५३ प्रा उवज्झाय अने अतिचार गाथा भावना प्रकरण १५३-१६७ प्रा आत्मानुशासन १६७-१७२ नवपदप्रकरण १८८-१९१ नमस्कारफल १९२-१९३ प्रा धर्ममतिभावनाकुलक १९३-१९५ सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय १९० प्रकाशिका नाम्नी वृत्ति दशवैकालिक साधुप्रतिक्रमण सूत्र ५३-५९ अतिचारगाथा-आयरिय-उवज्झाय साथै ५९-६० पाक्षिक सूत्र ६०-८२ पाक्षिक खामणा ८२-८३ अजित शाति ८३-८९ श्री पार्श्वनाथस्तव-द्वात्रिशिका ८९-८४ स उपदेशमाला ९५-१४३ प्रा धर्मोपदेशमाला १४३-१५२ प्रा ज्ञानपचमीकथा २१४ प्रा श्रावकसामाचारी व्याख्यान १-९७ पास. क्षेत्रसमास सटीक २४६ स ९५(१-९) १८२(१) ९५(१-९) १८२(१) (२) ९५(१-९) १८२(१) (३) ९५(१-९) १८२(१) (४) ९५(१-९) १८२(१) (५) ९५(१-९) १८२(१) (६) ९५(१-९) १८२(१) (७) ९५(१-९) १८२(१) (८) ९५(१-९) १८२(१) (९) ४ १८२(२) (१) ८७(२) १८३(१) (१) ४४ १८३२) (१) गा.१२ देवभद्रसूरि काव्य ३२ गा.५४१ महेश्वररारि गा. २००० १३१३ १२७४ मू जिनभद्रगणि, श्लो ३००० मूगा. ३५५ टो, सिखसूरि बीजी टीका ११९० गा. ५४० गा १०१ प्रद्युम्नसूरि गा. २१२ २५१ २५१ २५१ १८४(१) (१) १८४(१) (२) १८४(१) (३) उपदेशमाला धर्मोपदेशमाला मूलशुद्धिप्रकरण ५१-६० ६१-७९ प्रा. प्रा. १. पत्र १६४मुनी . २. पत्र १७०मु नथी ३. पत्र १७३ थी १८७ सुधी नथी आदिनी ९४ गाथा नथी ४. पहेला बेपानामा चिनो छे पण खराव छे ने ते बे पानानी किनारो खरी गई छ ५. पत्र १४९ थी १५२ सुधीना टुकडा छे ६ विशलदेवना राज्यमा नागा मनीना वराते लखीछे ७.अपूर्णः Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २४५ ] श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पासख्या भाषा ग्रंथकर्ता अथर्नु नाम लोकसंख्या लेखनसंवत् रचनासंषत् । जिनचन्द्रगणि ८०-८७ ८८-१०० १०१-१२१ १२२-१४२ १४३-१५३ प्रा. प्रा. प्रा. प्रा. गा. ९० गा. १४० गा. २०८ गा. २१७ गा. १११ सुधी छे. २८०० यशोदेवसूरि हेमचन्द्राचार्य १३१४ १३०९ प्रा. गा. २०८ गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक नपर चालुनबर | संख्या २५१ १८४(१) (४) २५१ १८४(१) (५) २५१ १८४(१) (६) २५१ १८४(१) (७) २५१ १८४(१) (८) १६२ १८४(२) (१) १८५(१) (१) ५२ १८५(२) (१) १८५(२) (२) १८५(२) (३) १८५(२) (४) १८५(२) (५) ५२ १८५(२) (६) ५२ १८५(२) (७) १८५(२) (८) ३६ १८६(१) (१) ११ १८६(२) (१) १८६(२) (२) ११ १८६(२) (३) ११ १८६(२) (४) ११ १८६(२) (५) १२२(३-४) १८७(१) (१) १२२(३-४) १८७(१) (२) १८३(१) १८७(१) (३) १७८ १८७(२) (१) २५ १८८(१) (१) २५ १८८(१) (२) क्षेत्रसमास नवपदप्रकरण भावनाप्रकरण सुबाहुचरित्र जीवदयाप्रकरण पिडविशुद्धिवृत्ति अभिधानचितामणिनाममाला' ओघनियुक्ति कापालिक अध्ययन उरभ्रीय अध्ययन केशी गौतमीय ३३ अध्ययन दशवीशी भावना श्रावकवर्षाभिग्रह शीलागरथ विधि दुषमदडिका धर्मशर्माभ्युदय आचारनियुक्ति दशवैकालिकनियुक्ति उत्तराध्यननियुक्ति सूयगडागनियुक्ति दिनकृत्य श्रावकसामाचारी वार्तिक वार्त्तिकवृत्ति वामनीयालकार नैषध महाकाव्य क्षेत्रसमासवृत्ति जबूद्वीपसग्रहणीवृत्ति १६१ १-१०६ १५५-१५६ १७७-१८५ १८५-१९६ १९६-२२१ २२१-२२४ २२४-२२७ २२७-२४२ १९५ १-२५ २६-५५ ५६-९७ ९७-११२ ११३-१५३ गा.१०४ हरिचन्द्र १२८७ ५५० भद्रबाहुस्वामी भद्रबाहुस्वामी भद्रबाहुस्वामी गा. ४९७ शात्याचार्य २८७३ ४-१०१ १-३६ १९८ १-६४ ६४-८५ ११७८ १३९५ श्रीहर्ष म.जिनभद्रगणि, वृ.सिद्धसूरि ११९२ श्री हरिभद्राचार्य स्वोपज्ञ ग्रं. १५० स. १. अपूर्ण २. छेल्लु पानु नथी एटले तेमा प्रशस्ति टूटे छे ३. छेवटे कोईक ग्रथना १२ पत्र नकामा छे, पण आक वगरना छे ४ अपूर्ण-पत्र १०७ थी १५४ नथी ५ अपूर्ण, ६ पत्र १ थी २१ पानानी कोरो खरी गई छे ७. जीर्ण ने कोरो खरी गयेली छे ८.१४ सर्ग सुधी Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पासख्या | भाषा अथकर्ता श्लोकसख्या [ २४६ ] लेखन रचनासवत् | सवत् ग्रथनु नाम गा.८६ गायकवाडी पेटीनो | पुस्तक नवर चालुनबर सख्या २५ १८८(१) (३) २५ १८८(१) (४) २५ ' १८८(१) (4) । १८८(२) (१) १८९(१) (१) १८९(१) (२) १८९(१) (३) १८९(१) (४) १९० १८९(१) (4) १८९(१) (६) १९३ १८९(२) (१) धनपाल यशोदेवसूरि तिलकाचार्य गा. ५० २८०० श्लो ५५० जिनवल्लभगणि गा. १०४ १२९८ शके.८२० मू हेमचन्द्राचार्य ३३०० दामोदर कवि काव्य५० भावनासार ८७-१११ अपभ्रश थिरावली १११-१२० प्रा ऋषभपंचाशिका १२०-१२८ प्रा पिडविशुद्धिवृत्ति २१९ सं. चैत्यवदना-वदनक-प्रत्याख्यान लघुवृत्ति १-५८ कायोत्सर्गना २१ दोष ५८-६० सं. पिडविशुद्धिप्रकरण ६१-७२ शय्यातरपिडविचारणा ७२-८१ स राजपिड आदि विचार ८१-१०७ स श्रावकप्रतिक्रमणवृत्ति १०९-१६१ स. सिद्धहेमशब्दानुशासनलघुवृत्ति १५२ सं. तृतीयाध्याय-द्वितीयापादावचूरि उक्तिव्यक्तिकारिका १-४ स उक्तिव्यक्तिवृत्ति ४-६१ उपदेशमाला पुष्पमाला ३८-८४ धर्मोपदेशमाला ८४-९५ क्षेत्रसमास ९५-१०४ विवेकमजरी १०४-११८ मूलशुद्धिप्रकरण (ठाणा प्रकरण) ११९-१४१ पचकल्याणकप्रकरण १४१-१५५ सग्रहणी १५५-१८४ नवपदप्रकरण १८४-१९९ प्रा ओगणत्रीशी भावना कुलक १९९-२०२ जीवोपलभकुलक २०२-२०५ गुरुवेयणकुलक २०५-२०६ प्रा. प्रव्रज्याविधान २०६-२०९ प्रा. सयममजरी २०९-२१३ अप्रभश मलधारी हेमचन्द्र गा ५४४ गा. ५०५ गा १०१ गा.८९ गा.१४ १९९(२-३) १९०(१) (१) १९९(२-३) १९०(१) (२) १०३ १९०(२) (१) १०३ १९०(२) (२) १०३ १९०(२) (३) १०३ १९०(२) (४) १०३ १९०(२) (५) १०३ १९०(२) (६) १०३ १९०(२) (७) १९०(२) (८) १०३ १९०(२) (९) १०३ १९०(२) (१०) १०३ १९०(२) (११) १९०(२) (१२) १०३ १९०(२) (१३) १०३ १९०(२) (१४) १२४८ आसड प्रद्युम्नसूरि जिनेन्द्रइन्द्र श्रीचन्द्र जिनचन्द्र १०३ नेमिकुमार धनेवरसूरि गा. १३५ गा. २७३ गा. १३९ गा. ३० गा. २५ गा. १५ गा २५ गा ३५ महेश्वरसूरि १. वचमा पाना जे खूटे छे ते पाछळ मूक्या छे २. १०८मु पत्र नथी ३. प्रथम वृत्ति ४. अपूर्ण, Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सवत् प्रा. श्री संघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनी सूचि [ २४७] श्लोक पासख्या गायकवाडी पेटीनो ग्रथकर्ता लेखनभाषा रचनाग्रथनु नाम पुस्तक सख्या सवत् नंबर चालनंबर | संख्या १०३ १९०(२) (१५) ऋषभपंचाशिका २१३-२१९ प्रा. धनपाल गा. ५० १९०(२) (१६) भयहरस्तोत्र १०३ २१९-२२१ मानतुंगसूरि प्रा. गा. २१ १०३ श्रावकप्रतिक्रमणसूत्रादि १९०(२) (१७) २२१-२२७ गा.६० प्रा. १०३ १९०(२) (१८) स्थविरावली २२८-२३३ प्रा. गा. ५० १०३ १९०(२) (१९) नाणावित्तप्रकरण २३४-२४२ प्रा गा.८१ ३१३ १९१(१) (१) रघुविलास १८३ रामचन्द्र १३४२ १५७ १९१(२) (१) न्यायकुसुमाजलिटीका १५५ वामेश्वरध्वज १९२(१) (१) ऋषभपचाशिकावृत्ति १६६ प्रभानन्दाचार्य ११०० १९२(२) (१) ललितविस्तरा १-८८ हरिभद्रसूरि - १९२(२) (२) ललितविस्तरापजिका ८९-२२९ मुनिचन्द्रसूरि • -९) १९३(१) (१) पचाशक १-६८ हरिभद्रसूरि ग्रं. १९८२ १९३(१) (२) कर्मस्तव ६९-७४ गा. ५७ . ) १९३(१) (३) कर्मविपाक ७४-७६ __ प्रा. गर्गर्षि गा.१६६ . २(२-९) १९३(१) (४) शतकप्रकरण ८७-९५ प्रा. गा. १११ १४२(२-९) १९३(१) (4) सत्तरीप्रकरण ९६-१०१ प्रा. गा. ९१ १४२(२-९) १९३(१) (६) पचमीआराधनाप्रकरण १०२-१२३ प्रा. १४२(२-९) १९३(१) (७) । सग्रहणी १२४-१५१ प्रा गा. ३६६ १४२(२-९) १९३(१) (८) ऋषिमडल १५२-१६३ ने १८६ छ प्रा. ३०८ १९३(२) (१) उपमितिभवप्रपचसारोद्धार गद्य १८४ स देवसूरि २३२८ २४५ १९४(१) (१) कल्पसूत्र १-१३८ १२९६ A १९४(१) (२) कालिकाचार्यकथा १३९-१७९ प्रा. गा. ३६० १९४(२) (१) कल्पसूत्र । २३४. १९४(२) (२) कालिकाचार्यकथा १४६-१५५ प्रद्युम्नश्रेष्ठि श्लो. ७४ १३२५ ३ १९५(१) (१) भावनासग्रह ३-१९५ १९५(२) (१) उपदेशमाला १-७१ प्रा. गा.५४० ५(२) (२) धमोपदेशमाला ७१-८३ प्रा. गा. १०० ल्ला पानाना ये टुकडा छे २. अपर्ण-चोंटेली-अलभ्य ३. पहेला ४-५ पत्रो बगडेला छे ४. पत्र २-६०-१३०ना बे टुकडा छे. पत्र ६-७-१४-२५-७९-११३-१२२-१२८ एक एक टुकडा छे पत्र ३८-४६-४७-४९-८५-१०२-१३९-१४८ पत्र नथी १६३ पत्रना त्रण टुकडा छे ५. पत्र ४-५-९-१५-१६-४०-६४ थी ६६-६८-७३-८० नथी. ६. पत्र ९८-९ ९-१२०-१३६-१४३-१५३ थी १६७ नथी ७. अपूर्ण-त्रुटक-पत्र १६४ थी १८५ नथी ८ १०४-१२२ थी १२६ ने १७७ एम ७ पत्र नथी ९. मोढगुक हरिभद्रसूरिनी प्रार्थनाथी प्रद्युम्न श्रेष्ठीए रची छे १०. पत्र १-२नो टुकडो एक एक छे छेल्ला पत्र नथी दिगबरकृत - Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २४८ ] श्री संघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनी सूचि पत्रसख्या भाषा अथकर्ता ग्रथनु नाम श्लोकसरख्या लेखन- सवत् । रचनासवत् सर्वेक्य २०१ गा. ९४ ऐक्य गा १४४ गा. १३६ गा ५० १०४५ हेमचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य गायकवाडी | पेटीनो | पुस्तक नपर चालनबर | सख्या ३९ १९५(२) (३) १९५(२) (४) १९५(२) (५) १९५(२) (६) १९५(२) (७) १९६(१) (१) १५९ १९६(१) (२) १९६(२) (१) २१८ १९६(२) (२) २१८ १९६(२) (३) २१८ १९६(२) (४) २२८ १९६(२) (५) १९६(२) (६) १९६(२) (७) २१८ १९६(२) (८) २१८ १९६(२) (९) १९६(२) (१०) २१८ १९६(२) (११) २१८ १९६(२) (१२) २१८ १९६(२) (१३) २१८ १९६(२) (१४) २१८ १९६(२) (१५) २१८ १९६(२) (१६) २१८ १९६(२) (१७) २१८ १९६(२) (१८) २१८ १९६(२) (१९) १४६ १९७(१) (१) मूलशुद्धि क्षेत्रसमास (जंबूद्वीप समास) विवेकमजरी २४ जिनना पचकल्याणक स्तव प्रतिक्रमणसूत्र योगशास्त्र द्वादश प्रकाश वीतरागस्तव उपदेशमणिमाला मिथ्यात्वकुलक नवफणा श्री पार्श्वनाथ नमस्कार उपदेशमाला गौतमपच्छा चउसरण आराधना कुलक अणसण पञ्चक्खाण विवेकमजरी पुष्पमाला जबूद्वीपसमासप्रकरण श्री देवभद्रगुरुस्तुति चैत्यवदन तथा प्रतिक्रमण सूत्रादि लघु अजितशाति गौतमपृच्छा शीलकुलक लधुरत्नत्रय प्रश्नोत्तररत्नमाला धर्मलक्षण ओपनियुक्ति ८३-१०७ प्रा. १०७-११८ ११८-१३६ १३६-१५० १५१-१५६ १-१०० १०१-११९ स १-२ प्रा. २ प्रा २-१ अपभ्रंश १-४७ प्रा ४७-५१ प्रा ५१-५३ प्रा ५६-६२ ६२ प्रा ६३-७५ प्रा १४२-१८७ प्रा १८८-१९६ प्रा. १९६-१९७ प्रा.स. १९८-२२५ अपयश प्रा २२५-२२६ प्रा. २२६-२३० प्रा. २३०-२३३ प्रा. २३३ प्रा २३३-२३७ स. २३७-२३९ स. १-११२ प्रा. गा. १५ गा ९ गा.५ गा ५४२ गा, ५३ गा, २७ सुधी गा. ६९ १२२८ १२२८ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ सोमसूरि १२४८ आसड हेमचन्द्राचार्य गा. १४४ गा ५०५ गा ११२ गा.८ गा. ५२ गा. ३५ गा १३ गा, २९ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ १३८८ विमलसूरि भद्रबाहुस्वामी गा. ११९० १. पत्र १०१ नथी. २. पत्र पहेलाना बे टुकडा . तेमज केटलाक पत्रो खवाया ऐ.३. कुमारपाळना विद्यमानपणे कोई प्राग्वाटे लखावी छे लखाबनाना प्रशस्ति त्रुटक छे. ४. पत्र (१) पहेलामा श्री तीर्थकरनु पत्र (२) बीजामा साधुनु ने पत्र ४७मा देवोनु चित्र ५. पर ५४-५५नथी ६ पर ७६ थी १४१ नमी. Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २४९ ] रचना लेखनसवत् सवत् १-८ २-७ 印可可可可可可可可可可可可mmmm弧日红 श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सचि गायकवाटी|पेटीनी | पुस्तक पासख्या भाषा श्लोक|ग्रथनु नाम ग्रथकर्ता सख्या नबर चालुनबर | सख्या १४६ १९७(१) (२) पिंडनियुक्ति ११३-१९३ प्रा. भद्रबाहुस्वामी गा. ७३० २२१ १९७(२) (१) कल्पसूत्र १-१३८ प्रा. गा. १२१६ २२१ १९७(२) (२) कालिकाचार्य कथा १३८-१५२ गा. १६९ प्रा. १८२ १९८(१) (१) पंचसूत्र १-३२ प्रा. १८२ १९८(१) (२) पचसूत्र टीका ३३-१६१ हरिभद्रसूरि गा.८८० १९८(२) (१) श्रावकधर्मविधि प्रकरण हरिभद्रसूरि ) १९८(२) (२) ___ एकवीसठाण प्रकरण सिद्धसेनसूरि गा. ६६ ) १९८(२) (३) नीतिवाक्यामृत १-९ सोमदेव...दिगंबर २४१(४) १९८(२) (४) द्वात्रिशिका-सिद्धसेनीया गा ३२ -४) १९८(२) (५) योगशास्त्र चार प्रकाश १-३४ हेमचन्द्राचार्य गा. ४६२ ११९८(२) (६) वीतराग स्तव ३४-४८ हेमचन्द्राचार्य १२-२४) १९८(२) (७) भक्तामर स्तोत्र ४८-५३ मानतुगाचार्य का.४४ १५५(१३-२४) १९८(२) (८) नवतत्त्व ५४-५८ गा. ५३ १५५१३-२४) १९८(२) (९) एकवीसठाण प्रकरण ५८-६२ सिद्धसेनसूरि गा. ६४ १५५(१३-२४) १९८(२) (१०) लघुरत्नत्रय ६३-६५ १५५(१३-२४) १९८(२) (११) परमसुखद्वात्रिशिका ६५-६७ आगमिक जिनप्रभसूरि श्लो. ४२ १५५१३-२४) १९८(२) (१२) धर्मलक्षण ६७-६८ १५५१३-२४) १९८(२) (१३) प्रश्नोत्तररत्नमाला ६८-७० विमलाचार्य का. २९ १५५१३-२४) १९८(२) (१४) __ दशवैकालिक अध्ययन-चार शय्यभवसूरि : ४५५१३-२४१ १९८(२) (१५) चउसरण ९-१२ वीरभद्र गा. ६२ १५५१३-२४॥ १९८(२) (१६) साधारण जिन स्तवन गा. २१ ३९(७) १९८(२) (१७) सग्रहणी २-३८ श्रीचन्द्रसूरि गा.६-२४६ १८५ १९९(१) (१) ऋषिमडलस्तव बृहद्वृत्ति २९३ ९ १९९(२) (१) दमयतीचरित्र वीस उद्देसा १२६ स .... २००(१) (१) विक्रमाकाभ्युदय काव्य २-८१ स सोमेश्वरदेव - १ २००(२) (१) जीवसमास १-३५ प्रा. १. प्रथम पत्रथी ४ पत्र सुधीना एक बाजुना केटलाक अक्षर गया छे. २. गा ७८ थी १२० सुधी गाथा नथी. ३. पत्र १ नथी बीजानो टुकडो छे. ४. अपूर्ण ५. पत्रना टुकडा थयेला छे प्रथम द्वात्रिशिका ६. कागळमा. ७. अपूर्ण छे ८. प्रथम ५ पत्र चोंटेला छे छेवटना पाना नथी वचमा पण कोई कोई पत्र त्रुटक छे. अपूर्व छे प्राय मळतु नथी, जीर्ण छे.९. पाछलो भाग नथी. जीर्ण (कीट भक्षित) १०. पत्र ३५ पछी नथी. Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो नजर २०१ २१५ २१५ ३०२ केकेकेकेकेकेकेके के केकेके पुस्तक चालनबर संख्या २०० (२) (२) २०१ (१) (१) 茗茗茗茗茗茗茗茗茗茗茗茗茗茗基基 २०१ (१) २०१ (२) ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ з w 9 ↓ ↓ ≈≈ * * 2 * 2 २०२ २०२ २०२ २०२ (२) (१) (१) (२) (३) (४) (५) (६) (७) (८) (९) (१०) (११) (१३) (१४) ग्रथनुं नाम (१६) आवश्यक निर्युक्ति दशवैकालिकसूत्र (१७) (१२) वदनक भाष्य पाक्षिकसूत्र क्षामणा साथै ' बिन्दु तर्क टीका पुष्पमाला भवभावना सग्रहणी श्रावकदिनकृत्य धर्मरत्नप्रकरण मृगापुत्र कुलक स्तुति सस्तारकप्रकीर्णक ऋषिमडलप्रकरण चैत्यवदनभाष्य प्रत्याख्यानभाष्य नमस्कार जीवविचार विवेकमंजरी श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रथोनी सूचि पत्रसंख्या भाषा ग्रंथकर्ता बृहत् आराधना भक्तपरिज्ञा १-१३१ १-७२ १-३१ २१५ १-५० बृहत् चउसरणा आउरपञ्चवाण पिंडविशुद्धि शुभलीमत (अलभ्य) योगशास्त्र चार प्रकाश वीतराग स्तव प्रशमरति ३३३-३४१ ३४१ - ३५२ १८३,२-१५ प्रा. EEEEEEE ६७-९५ १-३७ प्रा W प्रा स ५१-१०७ १०८ - १३८ १३८-१७५ १७५-१९३ १९३ - २०१ २०१ - २०७ २०८-२२० २२०-२४३ २४४ - २५३ २५३-२५७ प्रा २५८ - २६४ प्रा. २६४-२७३ प्रा. २७३-२८० प्रा २८१-३०० प्रा. ३०१-३०८ ३०८-३२५ प्रा. ३२५-३३३ प्रा १९१ १९१ १९१ १९१ १९१ १९१ (१८) १९१ २०२ (१९) १९१ २०२ (२०) १५४ २०३ (१) (१) २४६ २०३ (२) (१) २४६ २०३ (२) (२) २४६ २०३ (२) (३) गा. ३१४ १. किचित् पाछला भागो नथी २. बौद्ध न्यायनो ग्रथ ३. अपूर्ण जेवु-पाछला बे पत्रना टुकडा छे ने २-१२ पाना खवायेला छे. बे प्रतो छे प्रा. प्रा प्रा प्रा प्रा. प्रा प्रा. प्रा EEEEEE प्रा. प्रा. प्रा प्रा १-६६ स स स भद्रबाहुस्वामि शय्यभवसूरि प्रा. शात्याचार्य श्लोक सरख्या मलधारी हेमचन्द्राचार्य गा. ५०५ मलधारी हेमचन्द्राचार्य गा. ५३१ गा २७३ श्री चन्द्रसूरि गा. ३३९ गा १४५ गा. ४२ गा. २७ गा. १२१ गा २०८ गा ६१ गा. ३९ गा. ४१ गा. २५ गा. ५१ गा. १४४ गा. ६९ गा. १७१ गा. ६३ गा ७१ गा. १०४ १२९० श्लो ४६५ शात्याचार्य आसड सोमसूरि वीरभद्र ७०० जिनवल्लभगणि दामोदर गुम हेमचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य गा. ३५० लेखन सवत् १९९८ १२२० [२५० ] रचना सवत् १२४८ Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सवत् mmm豆WWW श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रथोनी सूचि [ २५१ ] गायकवाडी पेटीनो पुस्तक पत्रसंख्या ग्रथनु नाम लेखन-1 भाषा ग्रंथकर्ता श्लोक रचनानरचालनबर संख्या सख्या सवत् । २४६ २०३(२) (४) वदित्तासूत्र ३२-३९ प्रा. गा.५० २४६ २०३(२) (५) अतिचार-आयरिय -उवज्झाय ४० प्रा. गा.८ २४६ २०३(२) (६) लघुशांति ४१-४३ गा. १७ २४६ २०३(२) (७) धरणोरगेद्रस्तोत्र ४३-४८ श्लो. ३५ २४६ २०३(२) (८) भयहरस्तोत्र ४८-५१ मानतुंगाचार्य गा. २१ २४६ २०३(२) (९) ससारदावानल स्तुति ५१-५२ हरिभद्रसूरि गा.४ ६१ २०४(१) (१) विवेक विलास जिनदत्तसूरि ६५ २०४(२) (१) योगशास्त्र चार प्रकाश १-७३ हेमचन्द्राचार्य श्लो. ४६२ ६५ २०४(२) (२) पुष्पमाला १-१०३ मलधारी हेमचन्द्र.. गा ५०५ १३२९ ३०७ २०५(१) (२) पुष्पवतीचरित्र ४३ प्रा. अभयदेवशिष्य गा.६४३ ३०७ २०५(१) (२) सुलसाचरित्र ४२ अपभ्रश ११९१ ३०७ २०५(१) (३) सगरचक्रवर्ती आख्यान ५ प्रा. १९९१ ३०७ २०५(१) (४) पउमसिरिचरित्र १-५३ अपभ्रश धाहिल ३०७ २०५(१) (५) अजनासुदरीचरित्र ५४-५५ अपभ्रश ३०७ २०५(१) (६) जन्माभिषेक १-८ अपभ्रश ३०७ २०५(१) (७) दानादिप्रकरण त्रुटक स. सूराचार्य ५२६ ९२ २०५(२) (१) गौडवध महाकाव्य १४५ प्रा. वाक्पतिराज १४९० १२८६ २०६(१) (१) सिद्धहेमशब्दानुशासन आख्यात लघुवृत्ति २०४ स हेमचन्द्राचार्य २०६(२) (१) योगशास्त्र ४ प्रकाश हेमचन्द्राचार्य (२) वीतरागस्तोत्र १५-२० हेमचन्द्राचार्य ग्र. २०० (३) प्रशमरति २१-३० उमास्वाति वाचक उपदेशमाला ३१-४७ प्रा गा.५४० धर्मोपदेशमाला ४७-५१ गा, १०१ मूलशुद्धि ५८-६८ प्रा दर्शनशुद्धि ५८-६८ प्रा (८) संग्रहणीटीका ७२-७९ स. मलधारी श्रीचन्द्रसूरि कृत (९) पिडविशुद्धि ७९-८२ प्रा. १. छेल्लु१पत्र नथी. २. अपूर्ण-जीर्ण-आक वगरना ३. आकनी बाजुनी कोरो खरी गई छे. ४. पाछला अने वचला केटलाक पानानी कोरो खरी गई छे. ५. पत्र ५-६-९ नथी. १४ मानो टुकडो छे. ६. पत्र १७-१९मु नथी ने २० मानो टुकडो छे. ७. पत्र २६-२७नो १-१ टुकडो छे. ८. पत्र ३७नो आक तूटेलो छे. ३८नो आक तूटेलो छे. ३९, ४०ना अक्षरो co-in- १०७ थी ७८ पत्र नथी. ११.८०-८१ पत्र नथी. ३१६ 333333333000 Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २५२ ] श्री संघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि पत्रसज्या भाषा ग्रथकर्ता लेखन रचना | | ग्रथनु नाम सरन्या सवत् सवत् 생 생 गायकवाडी | पेटीनो । पुस्तक नबर चालनमर सख्या (१०) (११) (१२) (१३) (१४) प्रा. प्रा. प्रा गा ८८ 싶 प्रा. प्रा. 싶 (१६) (१७) (१८) (१९) (२०) 샀 पार्श्वनाग वीरसूरि मुनि रत्नसूरि विमलाचार्य ८२-८७ ८७-९० ९०-९३ ९३-९५ ९५-९७ ९८-१०१ १०२-१०८ १०८-११० ११०-११२ ११२-११३ ११३ ११४ ११४-११५ ११५ ११५ ११६ ११६-११७ ११७ ११८-११९ ११९ ११९-१२१ गा. ४० गा ७७ गा. २५ गा २९ गा २८ 십 (२१) विवेकमजरी तपसमास छत्रीस ठाण जबूद्वीपप्रकरण गौतमपृच्छा दशवैकालिक छ जीव० अध्ययन सुधी पाक्षिकसूत्र खामणा साथे अजितशातिस्तव आत्मानुशासन जीवानुशासन भावश्रावक लक्षण प्रश्नोत्तररत्नमाला धर्मलक्षण उपदेशकुलक विधवाकुलक जबूस्वामीकुलक द्वादशभावनाकुलक दांगडउ (दगड) प्रव्रज्याविधान चतुर्धर्म कुलक आराधना अतिचार ऋषभपचाशिका शालिभद्रमाई बे स्तुतिओ स्तुति द्वात्रिशिका स्तुति द्वात्रिशिका (२२) 십 심 (२४) (२५) (२६) स स प्रा प्रा प्रा अपभ्रश अपभ्रश प्रा प्रा 샀 गा. १५ गा.९ गा. १९ गा. ३३ गा २९ गा. ३५ मा ३० गा.७ 십 (२७) (२८) (२९) 심 (३०) 심 심 샀 (३१) (३२) (३३) (३४) (३५) (३६) १२१-१२२ १२३-१२४ १२४ १२७-१२६ स. १२४-१२६ अपभ्रंश गा. ५० काव्य८ काव्य ३४ गा ३२ 심 १.८३-८४-८५ पत्र नथी २ ९३नो टुकडो छे ३. ९६मानो टुकडी, ९७मु नथी ४. पत्र १२०-१२१ माना अक्षरो घसाई गया छे पण १२१ पत्रनी बीजी पुठीमा आराधना समाप्त छे ५ पण केटलाक अक्षरो घसायेला छे तेनी गाथा ५५ कुल छे Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३६ १३८ 3888888888888888888888888 श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि [ २५३ । भाषा ग्रथकर्ता लेखना श्लोक पासच्या रचनागायकवाडी पेटीनो ग्रथनु नाम पुस्तक सरव्या सावत् सवत् नवर चालुनबर | सख्या गा ४४ (३७) १२९-१३० भक्तामर (जिनपति स्तोत्र) अष्टक १३०-१३१ सं. बिल्हण कवि जैन काव्य८ (३८) (३९) पार्श्वस्तोत्र १३१-१३२ काव्य८ (४०) १३२ पार्श्व अष्टक (४१) सिद्धचक्र स्तुति १३३ काव्य १२ गा.१४ १३३ जयतिहुअण (४३) भयहरस्तोत्र १३३-१३४ गा. २१ पार्श्वनाथाष्टक १३५ गा. ९ धरणोरगेद्रस्तोत्र १३५-१३६ गा. ३४ गा. १७ लघुशांति (४६) सर्वसामान्य (४७) गा. २२ १३७ (४८) वीतरागस्तोत्र १३७-१३८ गा ९ (४९) नन्दीश्वर पचपरमेष्ठि स्तोत्र गा. १३ मगलस्तव (शातिस्तव) (५०) १३८ गा.५ स. (५१) बिरुदावली (स्तोत्र) १४०-१४१ स. विमलाचार्य नेमिनाथ बोली १४१-१४२ अपभ्रश गा. २४ (५३) आचार्योनी स्तुति १४२-१४४ कल्याणक स्तोत्र १४६ स गा. ३२ (५५) चोवीस तीर्थकरना कल्याणकनो यत्र (५६) उपधान तप ने तेना यत्रो १४८-१५० प्रतिक्रमणसूत्र १५१-१६४ (५८) चैत्यवदना-वदनक विवरण वृत्ति १६५-१७९ तिलकाचार्य (५९) प्रत्याख्यानवृत्ति १७९-१८४ ग्रं ५५० (६०) काउसग्गना एकवीस दोष १८५ (६१) चैत्यवदनस्थान १८५-१८६ (६२) श्रावकप्रतिक्रमण लघुवृत्ति १८७-१९३ तिलकाचार्य ग्र २०० (६३) विवेकविलास १९४-२२८ १. १३१मु पत्र टुटेलु छे. २. अक्षरो घसायेला छे ३. पत्र १३९मु नथी पत्र १४० मानी पुठी घसायेली छे. ४. पत्र १४५मु नथी ५ अक्षरो घसायेला ६. पत्र १६९मु नथी, पत्र १७०-१७१नो १-१ टुकडो छे १७८नो टुकडो छे ७. पत्र १९४-१९५-१९७-१९८ घसायेला पत्र २०४, २०६-२०७, २१४, २१५नो १-१ टुकडो छे छेवटे १ चित्र हतु ते पसाई (५२) गा २१ गयुछे Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २५४ ] ।। श्री शवेश्वरपार्श्वनाथाय नम ।। श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम गायकवाडी । पेटीनो | पुस्तक | ग्रथनु नाम नयर चालनबर | सख्या गायकवाडी | पेटीनो। पुस्तक | ग्रथनु नाम नवर चालनबर । सख्या १३९ १२४ ४८ ३५ २९५ ३९ १९५(२) (६) २४ जिनना पंचकल्याणक स्तव ३०७ २०५(१) (५) अंजनासुदरीचरित्र ३९५ ३३(१) (२) अतकृदशाग ३९५ ३३(१) (७) अतकृद्दशांगटीका १२४(१) (२) अतगडदशागसूत्र १५७(१) (८) अघटकथानक ११७(१) (३१) अजितशाति १०५ १०४(२) (२५) अजितशाति ६७(१) (१४) अजितशाति १६५ १६६ । (८) अजितशाति ९५(१-९) १८२(१) (६) अजित शाति २६१ १६५ (११) अजितशाति पापप्रतिघात वगैरे प्रकरणो त्रुटक १३०(१) (९) अजितशाति सटिप्पण ९३ १०८ (१०) अजितशाति स्तव २२ २०६(२) (१७) अजितशातिस्तव ५८(२) १६१(१) (१) अढार पापस्थान उपर कथाओ १९६(२) (८) अणसण पञ्चक्रवाण २२ २०६(२) (३१) अतिचार ६६(३) (१०) अतिचार २४६ २०३(२) (५) अतिचार-आयरिय-उवज्झाय ९५(१-९) १८२(१) (३) अतिचारगाथा-आयरिय-उवज्झाय साथे ७०(३) (१) अध्यात्मतरगिणी टीका १४८ ५५(३) (३) अनाथी सधि ३९५ ___३३(१) (३) अनुत्तरौपपातिकदशाग ३९५ ३३(१) (८) अनुत्तरौपपातिकदशागटीका १२४ १२४(१) (३) अनुत्तरौपपातिकसूत्र १७५ १६(३) (३) अनुयोगद्वार चूर्णि २२९ ५८(४) (१) अनुयोगद्वारचूर्णि ३६७ ३२ (२) अनुयोगद्वारवृत्ति ३६७ ३२ (१) अनुयोगद्वारसूत्र ८२(१) (१) अनेकार्थ सग्रह १६० १७८(१) (१) अनेकार्थसग्रह २२७(४-१२) १७९(१) (९) अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिंशिका १७२(३) (१) अपभ्रंशस्तोत्रादि सग्रह १८५(१) (१) अभिधानचितामणिनाममाला २२७(४-१२) १७९(१) (२) अभिधानचितामणि प्रथम काड ४११ २५ (१) अरिष्टनेमिचरित्र २९८ १२९ (५) अलीकविषये ऋषिदत्ताकथा १४८ ५५(३) (४) अवतिकुमार सधि १६७(१) (२) अष्टक २७३ १३८(१) (१) अष्टक सटीक ११७(१) (३) आउरपञ्चक्खाण ९५(१०-३४) १४५(१) (२) आउरपञ्चक्खाण २०२ (१९) आउरपञ्चक्खाण ५९(२) (२६) आउरपञ्चक्रवाण १६८ (७) आउरपञ्चक्रवाण बृहत् १२ १६८ (४) आउरपञ्चवखाण लघु २१ १८१(१) (१२) आउरपञ्चक्वाण लघु ५१ १७२(१) (५) आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण ११५ ११७(१) (२४) आगमोद्धत अनेक विचार २३९ ११८(२) (६) आगमोद्धत आहारशुद्धयादि अनेक विचार १६८ १३५(१) (२) आचारांगनियुक्ति १८६(२) (१) आचारागनियुक्ति ३५६(१-२) ३१(१) (१) आचारांगनियुक्ति ३५६(३) ० (१) आचारागवृत्ति ३५६(१-२) ३१(१) (२) आचारागसूत्र १९१ २१८ २०२ १६६ Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २६१ ११५ २०५ २३९ श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम [ २५५ ] गायकवाडी | पेटीनो | पुस्तक ग्रथनु नाम गायकवाडी पेटीनो | पुस्तक | ग्रंथनु नाम नयर । चालनबर | सख्या नंबर चालनबर | सख्या १६८ १३५(१) (१) आचारागसूत्र ११५ ११७(१) (१२) । आराधनाकुलक ४(१-२-४) १४६(२) (२२ आचार्य प्रतिष्ठा विधि ११५ ११७(१) (१) आराधनापताका २२ २०६(२) (५३) आचार्योनी स्तुति ९५(१०-३४) १४५(१) (६) 'आराधनाप्रकरण १०५ १०४(२) (१२) आतुरप्रत्याख्यान . ९५(१०-३४) १४५(१) (७) आराधनाप्रकरण ९५(१०-३४) १४५(१) (१६) आत्मबोधकुलक १६५ (५) आराधना प्रकरण २४३ ५६(२) (६) आत्मशुद्धिस्तव १२ १६८ (१८) आराधनाष्टक ९५(१०-३४) १४५(१) (१७) आत्मसबोधकुलक ११७(१) (९) आराधनासार ११५ ११७(१) (१५) आत्मसबोधकुलक (३) ९९ (८) आर्द्रकुमार कथानक गद्य १०५ १०४(२) (१६) आत्मानुशासन ११८(२) (१) आर्द्रकुमारकशा पद्य ९५(१०-३४) १४५(१) (२०) आत्मानुशासन ३९० २४ (१) आवश्यकचूर्णि २२८ १३४(२) (४) आत्मानुशासन २७८ ८१ (१) आवश्यक चूर्णी ४७(३थी८) ७२(२) (५) आत्मानुशासन २७६ १२३(१) (१) आवश्यक टिप्पण १४१ ६४(२) (११) आत्मानुशासन १७४(१थी३) ९० (१) आवश्यकनियुक्ति ३११(२थी) ७२(३) (५) आत्मानुशासन २३१ ६८(४) (१) आवश्यकनियुक्ति १३२(४थी७) ७१(३) (३) आत्मानुशासन १४१ ६४(२) (१) आवश्यकनियुक्ति २२ २०६(२) (१८) आत्मानुशासन ३११(२थी) ७२(३) (२१) आवश्यकनियुक्ति १५५(१थी१२) १६४ (११) आत्मानुशासन १०४(२-५) ६२(१) (१) आवश्यकनियुक्ति २१ १८१(१) (१५) आत्मानुशासन ६२(१) १७१(१) (१) आवश्यकनियुक्ति २९५ १६७(१) (५) आत्मानुशासन १६५ १६६ (१०) आवश्यकनियुक्ति १६१ १७४ (४) आत्मानुशासन २०१ २००(२) (२) आवश्यकनियुक्ति २२७(४-१२) १७९(१) (८) आप्तपरीक्षाद्वात्रिशिका ३९६ २३ (१) आवश्यकलघुवृत्ति २३९ ११८(२) (४) आयुःसग्रह २३ (२) आवश्यकलघुवृत्ति १०४(२-५) ६२(१) (२) आरात्रिक अने भ्रमणविधि ४७(३थी८) ७२(२) (२) आवश्यकविधि प्रकरण १७० १३०(२) (११) आराधना १५५(१थी१२) १६४ (३) आवश्यक स्वरूप २२ २०६(२) (३०) आराधना ३११(२थी) ७२(३) (१७) आवश्यकादि विचार १४८ ५५(३) (१) आराधना कुलक ३ १३५(२) (५) ईश्वरकर्तृत्वप्रकरण २१८ १९६(२) (७) आराधना कुलक १९९(२-३) १९०(१) (१) उक्तिव्यक्तिकारिका १२ १६८ (५) आराधनाकुलक १९९(२-३), १९०(१) (२) उक्तिव्यक्तिवृत्ति ११५ ११७(१) (८) आराधना कुलक २१३(१) ६६(१) (१) उणादिगणसूत्रविवरण ९५(१०-३४) १४५(१) (१०) आराधनाकुलक ४१३९ (३) उणादिवृत्तिना केटलांक पत्रो छे. ३९६ Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३९ ३३३ २६१ २१८ २३५ श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम [ २५६ ] गायकवाडी | पेटीनी पुस्तक | ग्रथनु नाम गायकवाडी | पेटीनो | पुस्तक | ग्रथनु नाम नवर चालन्धर सरख्या नपर चालनंबर | सख्या ११ १८६(२) (३) उत्तराध्यननियुक्ति १९५(२) (१) उपदेशमाला १६५ १६६ (१३) उत्तराध्ययन ९५(१-९) १८२(१) (८) उपदेशमाला ३३३ २ (१) उत्तराध्ययननियुक्ति १५५(१थी१२) १६४ (१) उपदेशमाला ३३३ ३ उत्तराध्ययनपाईयटीका उत्तरार्ध १६५ (१) उपदेशमाला उत्तराध्ययनपाईयटीका पूर्वार्ध १९६(२) (४) उपदेशमाला ३८५ उत्तराध्ययनसुखबोधावृत्ति १५१ (१) उपदेशमाला ३८७ १ (१) उत्तराध्ययन सूत्र १०८ (१) उपदेशमाला १०(२) ४(३) (३) उत्तराध्ययनसूत्र १५६(१) (१) उपदेशमाला ९१(१-२) ५७६२) १) उत्तराध्ययन सूत्र ११७(१) (२८) उपदेशमाला २५२ ६७३) (१) उत्तराध्ययनसूत्र १४१(२) (१) उपदेशमाला ८३ ३३(२), (१) उत्तराध्ययनसूत्र १३४(२) (१) उपदेशमाला १२ १६८ (१९) उत्तराध्ययनसूत्र ५६(२) (१) उपदेशमाला ३२ ९८(२) (१) उत्तराध्ययनसूत्र ६१(२) (१) उपदेशमाला १३३(१) (१) उत्तराध्ययन सूत्र ६७(१) (८) उपदेशमाला ३८७ ११ (३) उत्तराध्ययनसूत्रसुबोधावृत्ति ६४(२) (५) उपदेशमाला ३८७ ११ (२) उत्तराध्ययनसूत्रसुबोधावृत्ति ६७(१) (१) उपदेशमाला २०२ ५९(२) (४) उपदेश ७०(२) (१) उपदेशमालाकथासमास ३११(२थी) ७२(३) (१५) उपदेशकदली ५० (१) उपदेशमाला दोघट्टीवृत्तिसहित १५५(१थी१२) १६४ (७) उपदेशकदली १२३(२) (१) उपदेशमाला (पुष्पमाला) २४९ ९२ (१) उपदेशकदलीवृत्ति १६१(२) (१) उपदेशमालाप्रकरण ३४९ २७४१) (१) उपदेशकदली वृत्ति सह १६८ (२०) उपदेशमालाविवरण २२ । २०६(२) (२३) उपदेशकुलक ८९ (१) उपदेशमालावृत्ति उत्तरार्ध १८४ ६५(५) उपदेश पद ५५(१) (१) उपदेशमालावृत्ति कथानक साथे ६२(२-३) १५२(१) (२) उपदेशपद ८८ (१) उपदेशमालावृत्ति पूर्वार्ध २१८ १९६(२) (१) उपदेशमणिमाला १२२ (१) उपदेशमालावृत्ति (हेयोपादेयनाम्नी) २१ १८१(१) (१) उपदेशमाला ५९(२) (७) उपदेशरसायन १९०(२) (१) उपदेशमाला १६०(१) (४) उपदेशसार १६१ १७४ (१०) उपदेशमाला ५९(२) (११) उपदेशामृत २५१ १८४(१) (१) उपदेशमाला ५९(२) . (५) उपदेशामृत २२ २०६(२) (४) उपदेशमाला २०६(२) (५६) उपधान तप ने तेना यत्रो xxx * * S & AFXFERENT ww १०७ * * *5*** X १०३ Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४०३ श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम [२५७ ] गायकवादी | पेटीनो पुस्तक ग्रधनु नाम गायकवाटी । रेटीनो | पुस्तक ग्रंथ नाम नबर चालनबर | सख्या र चालनपर | संख्या ३०८ १९३(२) (१) उपमितिभवप्रपचसारोद्धार गद्य १८७ १७(२) (१) ओपनियुक्ति २७४ ९७ (१) उपमितिभवप्रपचा कथा-उत्तर खंड ६४(२) (३) ओघनियुक्ति ११२ (१) उपमितिभवप्रपचाकथासारोद्धार १७४(१थी३) ९० (२) ओघनिर्यक्ति ३९५ ३३(१) (१) उपासकदशाग ३५५ १७(१) (१) ओघनियुक्तिटीका ३९५ ३३(१) उपासकदशागटीका १५४(२) (१) कथानुकोष सटीक १२४ १२४(१) (१) उपासकदशागसूत्र १३७(१) (१) कथारलसागर १८५(२) (३) उरभ्रीय अध्ययन ४०२ (२) कथावली प्रथम खड-द्वितीय भाग १८८(१) (५) ऋषभपचाशिका (२) कथावली प्रथम खंड-द्वितीय भाग १९०(२) (१५) ऋषभपचाशिका (१) कथावली प्रथम खड-प्रथम विभाग ५५(२) (७) ऋषभपचाशिका ४०२ ८ (१) कथावली प्रथम खड-प्रथम विभाग २२ २०६(२) (३२) ऋषभपचाशिका ३४५ ६१(१) (१) कर्मग्रंथ ५-६ सटीक २५० १९२(१) (१) ऋषभपचाशिकावृत्ति १६१ १७४ (८) कर्मग्रंथो प्रवचन सदोह १४२(२-९) १९३(१) (८) ऋषिमडल ६६(१-३) १७२(१) (३) कर्मविपाक १९१ २०२ (९) ऋषिमंडलप्रकरण १४२(२-९) १९३(१) (३) कर्मविपाक २२८ १३४(२) (३) ऋषिमडल स्तव २१२ ६१(२) (३) कर्मविपाक १८५ १९९(१) (१) ऋषिमडलस्तव बृहद्वृत्ति ६७(१) (५) कर्मविपाक १०५ १०४(२) (२३) एकवीस ठाण। १३०(१) (५) कर्मविपाक ४७(३थी८) ७२(२) (१) एकवीसठाण प्रकरण २६८ १४५(२) (३) कर्मविपाक २१ १८१(१) (८) एकवीस ठाण प्रकरण १८० ६२(२) (८) कर्मविपाक कुलक १५५(१३-२४) १९८(२) (९) एकवीसठाण प्रकरण २०(१) १०२२) (१) कर्मविपाकटीका १४२(१) १९८(२) (२) एकवीसठाण प्रकरण ३३२ १ (१) कर्मविपाकमूल ५६ १४१(२) (६) एकवीस स्थान प्रकरण १५८ ६३(३) (१) कर्मविपाकवृत्ति १३२(१-२) ६७(२) (२) एकवीसस्थानप्रकरण १ (२) कर्मविपाकवृत्ति २१२ ६१(२) (५) एकवीसस्थानप्रकरण १९(१) १२७(१) (२) कर्मविपाक सटीक १२ १६८ (१५) एलकाक्षकथा (रात्रिभोजने) १४९ १३०(१) (४) कर्मस्तव १०३, १९०(२) (१०) ओगणत्रीशी भावना कुलक २६८ १४५(२) (२) कर्मस्तव १४६ १९७(१) (१) ओघनियुक्ति ६६(१-३) १७२(१) (२) । कर्मस्तव १६५ १६६ (११) ओघनियुक्ति १४२(२-९) १९३(१) (२) । कर्मस्तव ५२ १८५(२) (१) ओघनियुक्ति २१२ ६१(२) (२) कर्मस्तव २९७ १७(३) (१) ओघनियुक्ति १५६(१) (१२) कर्मस्तवभाष्य ३३२ ** Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३३२ १८० १८० १३५ ३३० १८० श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम [२५८ ] गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | ग्रथनु नाम गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | ग्रथनु नाम नवर चालुनबर | सख्या |चालनबर | सख्या १ (३) कर्मस्तवमूल २४५ १९४(१) (२) कालिकाचार्यकथा ३३२ १ (४) कर्मस्तववृत्ति १२ १६८ (१७) कालिकाचार्यकथा . १२८ ५९(३) (१) कर्मस्तववृत्ति २३४ १९४(२) (२) कालिकाचार्यकथा १९(१) १२७(१) (१) कर्मस्तव सटीक १३५ १६९(१) (२) कालिकाचार्यकथा ३१७(५) १४७(२) (१) कलावती कथा १९७(२) (२) कालिकाचार्य कथा ३७९ ३६ (१) कल्पंचूर्णि ६९(२) (१) काव्यप्रकाशषडुलदास संकेत २०५ ९९ (७) कल्पचूर्णी ६३(४) (१) काव्यप्रकाशसंकेत ३७९ ___ ३६ ० (२) कल्पभाष्य ६२(२) (२४) काव्यप्रकाश सूत्र ११२ ६५(१), (१) कल्पसूत्र ६२(२) (१७) काव्यानुशासन सूत्र १६९(१) (१) कल्पसूत्र ५२ (१) कुमारपालप्रतिबोध २३४ १९४(२) (१) कल्पसूत्र ६२(४) (१) कुमारपालप्रबध २४५ १९४(१) (१) कल्पसूत्र ६२(२) (७) कुलक २२१ १९७(२) (१) कल्पसूत्र १८० ६२(२) (११) कुशलानुबधी अध्ययन १०० १६९(२) (१) कल्पसूत्र ११७(१) (२) कुशलानुबंधी अध्ययन (चउसरण) १०० १६९(२) (३) कल्पसूत्रटिप्पण १५७(१) (४) कृपणश्रेष्ठिकथा २०५ ९९ (६) कल्पसूत्र मूल १३५(२) (२) केवलीभुक्ति २२ २०६(२) (५४) कल्याणक स्तोत्र १८५(२) (४) केशी गौतमीय ३३ अध्ययन १९८(३) १२१(३) (३) कल्याणस्तोत्र ३४७ ५६(१) (१) क्रियारत्नसमुच्चय १०८ (५) कल्याणिक प्रकरण १०६ १०५(२) (१) क्रियारत्नसमुञ्चय ५९(३) (६) कल्याणि(ण)क स्तव १०६ १०६(१) (१) क्रियारलसमुञ्चय सबीजक १७६(२) (१) कविशिक्षा १३५(२) (९) क्षणिकवादनिरास प्रकरण २२ २०६(२) (६०) काउसग्गना एकवीस दोष ४७(३थी८) ७२(२) (४) क्षपक शिक्षा प्रकरण ८३ (२) कातत्रवृत्तिपजिका अष्टम पाद १८० ६२(२) (४) क्षमाकुलक ८३ (१) कातत्रवृत्तिपजिका षष्ठ पाद ९५(१०-३४) १४५(१) (९) । क्षामणाकुलक १८५(२) (२) कापालिक अध्ययन १३३ १५६(१) (४) क्षेत्रसमास ५६(२) (८) कायस्थितिस्तव १३०(१) (२) क्षेत्रसमास १८९(१) (२) कायोत्सर्गना २१ दोष १०५ १०४(२) (३) क्षेत्रसमास १३५(२) (१३) कारणपदार्थ २६१ १६५ (८) क्षेत्रसमास ६५(१) (२) कालिकाचार्यकथा १०३ १९०(२) (४) क्षेत्रसमास १६९(२) (२) कालिकाचार्यकथा १८१(१) (४) क्षेत्रसमास ११५ ११८ Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २५१ . श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम [ २५९ ] गायकवाडी | पेटीनो | पुस्तक | ग्रथनु नाम गायकवाडी । पेटीनो पुस्तक | ग्रथनु नाम नंबर | चालनचर | सख्या नवर चालुनबर | सख्या १८४(१) (४) क्षेत्रसमास ४८ १५७(१) (३) चद्रगोपालकथानक १२८ ५९(३) (३) क्षेत्रसमास ९५(१०-३४) १४५(१) (१) चउसरण ३९ १९५(२) (४) क्षेत्रसमास (जबूद्वीप समास) १७० १३०(२) (६) चउसरण ३८ १६१(२) (४) क्षेत्रसमास प्रकरण १५५(१३-२४) १९८(२) (१५) चउसरण २५ १८८(१) (१) क्षेत्रसमासवृत्ति २१८ १९६(२) (६) चउसरण ४४ १८३(२) (१) क्षेत्रसमास सटीक २०२ ५९(२) (१५) चउसरण २०५ ९९ (९) खुडककुमार कथानक ३११(२थी) ७२(३) (२) चउसरण १०५ १०४(२) (१८) गभीर स्तव १८० ६२(२) (२) चउसरण ५(१०-३४) १४५(१) (२३) गभीरस्तव (६) चउसरण बृहत् ३ १३५(२) (१०) गणकारिका रत्नटीका समेत १२ १६८ (३) चउसरण लघु ३५ ६७(१) (४) गणधरसत्तरी १८१(१) (११) चउसरण लघु ११५ ११७(१) (६) गणधरसार्धशतक १४१(२) (७) चञ्चरिउ ११६ १८०(२) (८) गणधरहोरा २०६(२) (२९) चतुर्धर्म कुलक १८०(२) (१२) गमनागमनप्रकरण ५६ १४१(२) (९) चतुर्विशतिजिनकल्याणकानि १८०(२) (५) गर्गोक्त सहितानो ४७मो ध्वजाध्याय १०५ १०४(२) (२२) चतुर्विशतिजिनपचकल्याणकस्तोत्र १०३ १९०(२) (१२) गुरुवेयणकुलक ३८९(२) ० (१) चन्द्रप्रज्ञप्ति टीका २०२ ५९(२) (२८) गुरुस्तुति (श्रावकव्रत) ३६४ ३४(१) (१) चन्द्रप्रज्ञप्तिटीका २०५(२) (१) गौडवध महाकाव्य ४४ (२) वन्द्रप्रज्ञप्तिवृत्ति १९६(२) (१५) गौतमपृच्छा ३८९(१) २९(२) (१) चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र १६५ (६) गौतमपच्छा ३२८ ४ ४ (१) चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र २०६(२) (१४) गौतमपृच्छा १२८ ५९(३) (११) चारित्रमनोरथमाला १९६(२) (५) गौतमपृच्छा २१ १८२(१) (७) चार्चिकप्रकरण १८१(१) (१०) गौतमपृच्छा ११५ ११७(१) (२१) चित्तसभूइज्ज १३०(२) (९) गौतमपृच्छा १६५ १६६ (१) चैत्यवदन १३०(१) (६) गौतमपृच्छा १७० १३०(२) (४) चत्यवदन-वदनक-पञ्चक्खाण १०८ (१२) गौतमपृच्छा १२७ १३८(२) (१) चैत्यवदन-वदनक-प्रत्याख्यानचर्णि ११५ ११७(१) (१७) गौतमपच्छा २१८ १९६(२) (१३) चैत्यवदन तथा प्रतिक्रमण सूत्रादि १०५ १०४(२) (४) गौतमपृच्छा १९८(१-२) १२१(२) (२) चैत्यवदनप्रत्याख्यानलघुवृत्ति १६१(२) (८) गौतमपृच्छाप्रकरण १९१ २०२ (१०) चैत्यवंदनभाष्य १३३ १५६(१) (७) गौतमभाषित • २२ २०६(२) (६१) चैत्यवंदनस्थान १६ ९२ ३२८ २१८ DEO ९३ ३८ Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २६० ] नवर २२ श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम गायकवाडी पेटीनो पुस्तक ग्रधनु नाम गायकवाडी | पेटीनो | पुस्तक | अपनु नाम नभर __ चालन्धर | राज्या चालनबर | सख्या १९० १८९(१) (१) चैत्यवदना-वदनक-प्रत्याख्यान लघुवृत्ति १३३ १५६(१) (८) जीवदया प्रकरण २०६(२) (५८) चैत्यवदना-वदनक विवरण वृत्ति १४१(२) (५) जीवदया प्रकरण (७) चैत्यवदनादिभाष्यत्रय १७० १३०(२) (८) जीवदयाप्रकरण २२ २०६(२) (५५) चोवीस तीर्थकरना कल्याणकनो यंत्र २३५ १५१ (६) जीवदयाप्रकरण १८३४२) ११०(२) (२) छदोनुशासनविवरण २५१ १८४(१) (८) जीवदयाप्रकरण १८० ६२(२) (१८) छंदोनुशासनोद्धार २९८ १२९ (३) जीवदयाविषये दामन्नककथा ३०३ ६२(५) (१) छंदोवृत्ति अमृतसजीवनी ११५ ११७(१) (३२) जीवविचार २२ २०६(२) (१२) छत्रीस ठाण १०५ १०४(२) (२४) जीवविचार ३११(२थी) ७२(३) (९) छ वयणाणि १४९ १३०(१) (७) जीवविचार ३११(२थी) ७२(३) (७) जबूद्वीपक्षेत्रसमास १६६ ६६(३) (६) जीवविचार ३७६(१-२) ४२(२) (२) जबूद्वीपचूर्णि १३२(४थी७) ७१(३) (१) जीवविचार २२ २०६(२) (१३) जबूद्वीपप्रकरण १९१ २०२ (१४) जीवविचार २३५ १ ५१ (५) जबूद्वीपप्रकरण २०१ २००(२) (१) जीवसमास ११५ ११७(१) (२६) जबूद्वीपप्रकरण तथा परचुरण २०६(२) (१९) जीवानुशासन ३७६(१-२) ४२(२) (१) जबूद्वीपप्रज्ञप्ति ११५ ११७(१) (१३) जीवानुशासनकुलक १८० ६२(२) (२३) जबूद्वीपसग्रहणी १०४(२) (११) जीवानुसष्टिकुलक १३०(१) (३) जबूद्वीपसंग्रहणी १८० ६२(२) (१०) जीवानुसहि कुलक १८८(१) (२) जबूद्वीपसंग्रहणीवृत्ति १२८ ५९(३) (८) जीवानुसटिकुलक १६५ १६६ (४) जबूद्वीपसमास २०२ ५९(२) (१८) जीवानुसहिकुलक १५५(१थी१२) १६४ (५) जबूद्वीपसमास १४८ ५५(३) (२) जीवानुसहि सधि २११(२थी६) ५४(२) (५) जंबूद्वीपसमास १९५ ६८(३) (३) जीवाभिगमटीका २१८ १९६(२) (११) जबूद्वीपसमासप्रकरण ३८३ १० (२) जीवाभिगमवृत्ति २०६(२) (२५) जबूस्वामीकुलक १० (१) जीवाभिगम सूत्र ३०७ २०५(१) (६) जन्माभिषेक २०२ ५९(२) (१६) जीवोपलभकुलक २०६(२) (४२) जयतिहुअण ६२(२) (५) जीवोपलभकुलक १५७(१) (५) जयलक्ष्मीदेवीकथा १०३ १९०(२) (११) जीवोपलंभकुलक ३११२थी) ७२(३) (२०) जिनगणधर नमस्कार ५९(२) (२) जीवोपलभपचाशिका २२ २०६(२) (३८) (जिनपति स्तोत्र) अष्टक ३७५ ६ (२) ज्ञाताधर्मकथागवृत्ति ३४४ ९ (८) जीतकल्पवृत्ति ४२ (२) ज्ञाताधर्मकथागसूत्र ३४४ १९ (९) जीतकल्पसूत्र ३७२ ४२ (१) . ज्ञाताधर्मकथागसूत्र २२ १४९ • २२ ३८३ २२ २०२ ३७२ Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३७० श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम [ २६१ ] गायकवाडी | पेटीनो | पुस्तक | ग्रथनु नाम गायकवाडी पेटीनो | पुस्तक | ग्रथनु नाम नबर | चालुनबर | सख्या नवर चालनबर | सख्या ३७५ ६ (१) ज्ञाताधर्मकथाग सूत्र ३७० (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र पर्व ३थी५ २९५ १६७(१) (९) ज्ञानांकुश (२) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र पर्व ६-७-९ ४ १८२(२) (१) ज्ञानपंचमीकथा ३५१ (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र प्रथम पर्व ९ ७०(१) (१) ज्ञानपंचमी कथा (श्री आदिनाथचरित्र) ३११(२थी) ७२(३) (१६) ज्ञानप्रकाशकुलक १२९ (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र षष्ठ पर्व १५५(१थी१२) १६४ (१०) ज्ञानप्रकाशकुलक (श्री महावीरचरित्र) १६१ . १७४ (७) ज्ञानाकुश प्रकरण १२९ ८६ (२) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र सप्तम पर्व ७०(१-७) १४६(१) (७) ज्ञानावर्ण (श्री महावीरचरित्र) १८० ६२(२) (१२) ठाणागगत पाठ १२३ ६५(३) (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रे नवम पर्व ३८ १६१(२) (३) ठाणा प्रकरण (मूलशुद्धि) २२७(४-१२) १७९(१) (३) त्रिषष्टीयमहावीरचरित्रान्तर्गत हस्तिपाल स्वप्न २२७(४-१२) १७९(१) (७) तत्त्वार्थाधिगम सूत्र १६१ १७४ (१३) त्रूटक संस्कृत ग्रथ छे. नाम जणातुं नथी. २७२ १७८(२) (१) तत्त्वोपप्लव २५ १८८(१) (४) थिरावली ११५ ११७(१) (३०) तपविधि २५७(१) १७९(२) (१) दमयतीकथा मूल २२ २०६(२) (११) तपसमास ९ १९९(२) (१) दमयतीचरित्र वीस उद्देसा २९८ १२९ (१४) तपोविषये दृढप्रहारीकथा २०६(२) (७) दर्शनशुद्धि १५५(२) (१) तर्कभाषा ६७(१) (३) दर्शनशुद्धिप्रकरण १४६(१) (१) तर्कभाषा १४८ (१) दर्शनशुद्धिप्रकरणविवरणोद्धति -४(३) (१) तिलकमजरीटीप्पण १५६(१) (९) दर्शनसप्ततिका ३१.१०७ (१) तिलकमजरी (प्रथम खंड) ५२ १८५(२) (५) दशवीशी भावना .....२४(२) (१). तीर्थोद्गालिकप्रकीर्णक ५६ १४१(२) (४) दशवीसी भावना ११६ १८०(२) (१) त्रिभुवनसार योगशास्त्र प्रकाश त्रण १६१ १७४ (१२) दशवैकालिक २०९ १०० (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र २-३ पर्व ९५(१-९) १८२(१) दशवैकालिक (१) त्रिषटिशलाकापरुषचरिवार २१७ ११९ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र अष्टमपर्व १६५ . १६६ (६) दशवैकालिक ३९२ ४(१) (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र दशमपर्व १५५(१३-२४) १९८(२) (महावीरचरित्र) (१४) दशवकालिक अध्ययन-चार ३३९ ५४(१) २२ (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र दशम पर्व २०६(२) (१५) दशवैकालिक छ जीव० अध्ययन सुधी (श्री महावीरचरित्र) २०४८४ (१) दशवैकालिकटीका (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र दशम पर्व १०(१) ४(२) (२) दशवैकालिकटीका (श्री महावीरचरित्र) ४७(३थी८) ७२(२) (६) दशवैकालिकनियुक्ति ७ १४२(१) (१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र पचम पर्व ३४३ ३५(१) (२) दशवैकालिकनियुक्ति (श्री शातिनाथचरित्र) ११ १८६(२) (२) दशवैकालिकनियुक्ति Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो नवर चालुन्नर ३३६ २३८(१) ३४३ ३४३ १७४ (४) २३० १४१ २१५ १२१ ३४४ ३४४ ३४४ २२ २९८ ११५ ३०७ ११ १२ २११ (२थी६) ११५ ५२ ३११ (२थी) २०२ ८४ १९९ (१) २४१ (४) ९५ (१०-३४) ११५ २२ १९४ ७४ ३५(३) ३५ (१) ३५(१) ३३(३) ३५(२) ६४(२) १६८ ५४(२) ११७ (१) १८५ (२) ७२(३) ५९(२) १५२ (२) १५५(१) सरख्या १९८ (२) १४५ (१) ११७ (१) २०६ (२) ६३ (२) २०१ (१) (१) दशवैकालिकसूत्र १२८(२) १९ दशवेकालिकाटीका दशाश्रुतस्कंधचूर्णि दशाश्रुतस्कंधनियुक्ति १९ १९ २०६ (२) १२९ ११७ (१) २०५ (१) १८६ (२) C 4TTZ ® ® T @ $ 3434®TC 4TTTTT S (२७) (१०) (१६) (१३) (१९) (८) (११) (२४) (१) ग्रथनु नाम (४) (१२) (७) (२६) (४) श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम दशवेकालिकनिर्युक्ति वृत्तिसह दशवैकालिकलघुवृत्ति दशवैकालिकवृत्ति दशवैकालिकसूत्र दशवैकालिकसूत्र दशवैकालिकसूत्र दशवैकालिकसूत्र दशाश्रुतस्कधसूत्र दागडउ ( दगड ) दानविषये कृतपुण्यकथा दानशीलतपोभावनाकुलक दानादिप्रकरण दिनकृत्य श्रावकसामाचारी दिवाकरकथा (उत्तमसेवायाम्) दु सम गडिका दुमपत्तयअध्ययन दुषमदंडिका दुहामात्रि (तृ) का देवसूरिकृत कुलक देशी नाममाला देशीनाममालावृत्ति द्वात्रिंशिका - सिद्धसेनीया द्वादश भावना द्वादश भावना द्वादशभावनाकुलक द्वीपसागरपन्नत्ती गायकवाडी नभर १२६ ३५८ ३५७ (१) ३०६ १८६ २३२ २७५ ४८ ४८ ४८ १२ २३ (५-९) १०५ २२ १२ १२ २१ १९१ x १०६ (३) १०४ (२) २०६ (२) २४६ २०३ (२) ९५ (१०-३४) १४५ (१) १०४ (२-५) पेटीनो चालुन्नर १६६ २०० २१८ २९५ १४२ (२) २८ २९ (१) १२५ ६२ (३) ९५ ६४ (१) १५७ (१) १५७ (१) १५७ (१) १६८ १६८ १६८ १८१ (१) ε ĉ ❀ Į Į ☎ Z Z Z ¦ ↓ ↓ ↓ ē ē ē ~ ē == || २२७ (४-१२) १७९ (१) १५५ (१३-२४) १९८ (२) २२ २०६ (२) १०५ १०४ (२) ९५ (१०-३४) १४५ (१) पुस्तक राख्या २०२ ६२ (१) (३) ६६(३) (८) ५५(२) (३) १९६ (२) (१९) १६७ (१) (४) (५) (१२) (२२) (७) (२४) अथनु नाम द्वयाश्रय प्राकृत महाकाव्य द्वयाश्रय वृत्ति १थी११ सर्ग सुधी द्वयाश्रय वृत्ति सर्ग १२ थी द्वयाश्रय संस्कृत २० सर्ग द्वयाश्रय संस्कृत (महाकाव्य) द्वयाश्रयसस्कृतवृत्ति सर्ग-८ द्वयाश्रयसस्कृतवृत्ति सर्ग ९थी सपूर्ण धनदत्तकथानक धनदेवधनदत्तकथा धनश्रेष्ठिकथा धन्य- शालिभद्रकथा धन्यसुदरी कथा धरणोरगेंद्र स्तव (४५) धरणोरगेद्रस्तोत्र धरणोरगेद्रस्तोत्र धरणोरगेन्द्रस्तव धर्मकुलक धर्मपाल- वस्तुपालकथा धर्ममतिभावनाकुलक धर्मरत्नप्रकरण धर्मरत्नप्रकरण धर्मरत्नप्रकरण धर्मलक्षण धर्मलक्षण धर्मलक्षण धर्मलक्षण धर्मलक्षण [ २६२ ] धर्मलक्षण धर्मलक्षण धर्मलक्षण Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २६३ ] श्री संघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम गायकवाडी | पेटीनो । पुस्तक | अथर्नु नाम गायकवाडी पटीनो पुस्तक | ग्रथन नाम चालन्धर | सख्या 'चालनबर | संख्या ९३ १०८ (१३) धर्मलक्षण गद्य पद्य १९१ २०२ (१३) नमस्कार ३६ १८६(१) (१) धर्मशर्माभ्युदय २१ १८२(१) (१७) नमस्कारफल १७६ ६०(१) (१) धर्मशर्माभ्युदय ५६ १४१(२) (१४) नमस्कारफल कुलक ३८१ ४५ (१) धर्मसंग्रहणीवृत्ति ११५ ११७(१) (१८) नमिप्रव्रज्या १४ ९४ (१) धर्माभ्युदय (सघपति) चरित्र ३११(२थी) ७२(३) (८) नर्मदासुदरीसधि ५६(२) (५) धर्मोपदेश ५६ १४१(२) (१३) नवकारकुलक ६२(२) (६) धर्मोपदेशकुलक १५५(१३-२४) १९८(२) (८) नवतत्त्व ६६(३) (२) धर्मोपदेशमाला १७० १३०(२) (३) नवतत्त्व प्रकरण ६४(२) (६) धर्मोपदेशमाला ७०(१-७) १४६(१) (४) नवतत्त्व भाष्यसहित १४१(२) (२) धर्मोपदेशमाला १४९ १३०(१) (१४) नवतत्त्वविचार १०८ (३) धर्मोपदेशमाला २३५ १५१ (७) नवपदप्रकरण १५१ (२) धर्मोपदेशमाला ५१ १७२(१) (७) नवपदप्रकरण १७(१) (२९) धर्मोपदेशमाला २५१ १८४(१) (५) नवपदप्रकरण १८११) . १८१(१) (२) (२) धर्मोपदेशमाला १०३ १९०(२) (९) नवपदप्रकरण १८४(१) (२) धर्मोपदेशमाला २१ १८१(१) (१६) नवपदप्रकरण २(१) (९) धर्मोपदेशमाला १६६ ६६(३) (११) नवपद प्रकरण .v १६४ (९) धर्मोपदेशमाला ६७(१) (९) नवपदप्रकरण १०३ १९०(२) (३) धर्मोपदेशमाला २१२ ६१(२) (६) नवपदप्रकरण २०६(२) (५) धर्मोपदेशमाला ३० १२८(१) (१) नवपदलघुवृत्ति (श्रावकानदी) ३९ १९५(२) (२) धर्मोपदेशमाला २१८ १९६(२) (३) नवफणा श्री पार्श्वनाथ नमस्कार ३८ १६१(२) (२) धर्मोपदेशमालाप्रकरण १०३ १९०(२) (१९) नाणावित्तप्रकरण २०२ ५९(२) (८) धर्मोपदेशलेश ४७(३थी८) ७२(२) (३) नानाचित्त प्रकरण २३(१थी४) ५६(३) (२) धातुपाठ ६३(२) (१) निरयावली २१९ ९३ (१) धातुपारायण १९४ ६३(२) (२) निरयावलीवृत्ति २५९ १५९ (१) धातुपारायणवृत्ति ३३४ ७७ (१) · निशीथचूर्णी द्वितीय खड १४३(२) (१) धातुपारायण स्वोपज्ञ विवरण प्रथम खंड ३५२ ७६ (१) निशीथचूर्णी प्रथम खड ४(१-३-४) १४६(२) (१) नदीसूत्र २१६ ६०(२) (१) निशीथसूत्र २७८ ३७ (१) नदीसूत्र ३४(१) ६७(४) (१) नीतिवाक्यामृत ३७ (२) नदीसूत्र वृत्ति २२(४६) १९८(२) (३) नीतिवाक्यामृत . २०६(२) (४९) नन्दीश्वर पचपरमेष्ठि स्तोत्र २२ २०६(२) (५२) नेमिनाथ बोली ३५ * * * * * * * * * Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम [ २६४ ] गायकवाडी | पेटीनो । पुस्तक | ग्रथनु नाम गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | ग्रथनु नाम नगर घालुनंबर | सख्या नपर | चालनंबर | सरज्या १७८ १८७(२) (१) नैषध महाकाव्य २९५ १६७(१) (७) पंचाणुवतप्रकरण ९४ ११४(२) (१) नैषधमहाकाव्य १४२(२-९) १९३(१) (१) पचाशक २८८ १३१(१) (२) नैषध महाकाव्य सर्ग ११ थी २२ सुधी १६१ १७४ (९) पचाशक २८८ १३१(१) (१) नैषध महाकाव्य सर्ग १ थी ९ सुधी १३३ १५६(१) (११) पंचाशक ११ २२३ १४४(१) (१) न्यायकदली ३६६ २२ (१) पंचाशक १९ ७०(१-७) १४६(१) (२) न्यायकलिका ३६६ २२ (२) पचाशकवृत्ति १५७ १९१(२) (१) न्यायकसमाजलिटीका २११(१) ५८(३) (१) पचाशक सूत्र १८० ६२(२) (२०) न्यायनो ग्रथ १४३ ६९(१) (१) पचाशकसूत्र १२२(१) १७१(२) (३) न्यायप्रवेशक व्याख्या २६८ १४५(२) (१) पचाशक सूत्र २४१(१-२) १७१(२) (२) न्यायप्रवेशसूत्र ४(१-२-४) १४६(२) (३) पचाशक सूत्र १८०६२(२) (२२) न्यायप्रवेशसूत्र ६२(२-३) १५२(१) (१) पचाशकसूत्र ७०(१-७) १४६(१) (६) न्यायवतारसूत्र १५६ १५३(२) (१) पचाशकसूत्र २० २४१(३)१२२(२) १७१(३) (४) न्यायावतारवृत्ति ३७१ ७ (१) पउमचरित्र (पद्य चरित्र) ७०(९) १०५(१) (१) न्यायावतारवृत्ति टिप्पण ३०७ २०५(१) (४) पउमसिरिचरित्र २४१(१-२) १७१(२) (१) न्यायावतारसूत्र २०२ ५९(२) (२०) पत्थियसमत्थ (स्थानकस्तवन) ३४४ १९ (६) पचकल्पचूर्णि .२२३ १४४(१) (२) पदार्थधर्मसग्रह (न्यायकदली सूत्र) ३४४ १९ (५) पचकल्प बृहद् भाष्य । ३४६ ३४(२) (१) पद्मप्रभचरित्र २३५१५१ (३) पचकल्याणक १८० ६२(२) (२१) पन्नवणातृतीयपदसग्रहणी १३२(४थी७) ७१(३) (२) पचकल्याणक प्रकरण २९८ १२९ (६) परद्रव्यापरहारविषये नागदत्ताकथा १६६ ६६(३) (५) पचकल्याणकप्रकरण १५५(१३-२४) १९८(२) (११) परमसुखद्वात्रिशिका १०३ १९०(२) (७) पचकल्याणकप्रकरण २९८ १२९ (८) परिग्रहप्रमाणविषये चारूदत्तकथा १०५ १०४(२) (९) पच नवकार २६४(१) (१३६)(१) (१) परिशिष्ट पर्व २०२ ५९(२) (१३) पंचपर्वादिकुलक २७७ ८० (१) परिशिष्ट पर्व १४२(२-९) १९३(१) (६) पचमीआराधनाप्रकरण ३११(२थी) ७२(३) (३) पर्यंताराधनाकुलक १७६(१) (१) पचवस्तुप्रकरण १७ ६९(४) (२) पर्युषणाकथा २७७ १७७(१) (१) पचवस्तुसूत्र . २०२ ५९(२) (१९) पश्चाताप ३१० १४० (१) पचसग्रह सूत्र ९५(१-९) १८२(१) (५) पाक्षिक खामणा ३१० १४० (२) पचसंग्रहसूत्र वृत्ति ९५(१-९) १८२(१) (४) पाक्षिक सूत्र १८२ १९८(१) (१) पंचसूत्र १६५ १६६ (७) पाक्षिकसूत्र १८२ १९८(१) (२) पचसूत्र टीका ३८ १६१(२) (५) पाक्षिकसूत्र Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २६५ ] ६९ ४८ २०० श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम गायकवाडी पेटीनो पुस्तक | ग्रंथर्नु नाम गायकवाडी पेटीनो | पुस्तक | ग्रंथर्नु नाम नबर । चालनबर | संख्या | चालनबर | सख्या २३० ३५(२) (१) पाक्षिक सूत्र १६२ १८४(२) (१) पिंडविशुद्धिवृत्ति २१५ २०१(१) (२) पाक्षिकसूत्र क्षामणा साथे १८८(२) (१) पिडविशुद्धिवृत्ति २९५ १६७(१) (११) पाक्षिकसूत्र खामणा साथे १५७(१) (६) पुरंदरीदेवीकथा २२ २०६(२) (१६) पाक्षिकसूत्र खामणा साथे ५५(२) (४) पुराण श्लोको २९५ १६७(१) (८) पात्रपरीक्षा १३५(२) (१४) पुराणोक्तस्कदनामानि ३१७(१-४) १३६(२) (२) पादलिप्ताचार्यकथा १०८ (२) पुष्पमाला ३५ ६७(१) (१३) पापप्रतिघात-गुणबीजाधान सूत्र ६६(३) (१) पुष्पमाला १६६ ६६(३) (३) पापप्रतिघात-गुणबीजाधान सूत्र २०४(२) (२) पुष्पमाला १०८ (९) पापप्रतिघात गुणबीजाधान सूत्र १०३ १९०(२) (२) पुष्पमाला २२ २०६(२) (४०) पार्श्व अष्टक १९१ २०२ (१) पुष्पमाला २२ २०६(२) (४४) पार्श्वनाथाष्टक १५५(१थी१२) १६४ (२) पुष्पमाला २२ २०६(२) (३९) पार्श्वस्तोत्र २१८ १९६(२) (१०) पुष्पमाला १७४(१थी३) ९० (३) पिडनियुक्ति २६१ १६५ (२) पुष्पमाला २९७ १७(३) (२) पिंडनियुक्ति ३७३ १२ (१) पुष्पमाला (कुसुममाला) वृत्ति १८७ १७(२) (२) पिडनियुक्ति ३०७ २०५(१) (१) पुष्पवतीचरित्र १६५ १६६ ' (१२) पिडनियुक्ति ६१(२) (७) पोसहविधिप्रकरण १९७(१) (२) पिडनियुक्ति १६१(२) प्रकरण सग्रह १६(१) (१) पिडनियुक्तिवृत्ति ११८(१) (१) प्रकरणसग्रह २३० ३५(२) (३) पिंडविशुद्धि १६१(२) (६) प्रतिक्रमणसूत्र ६४(२) (४) पिडविशुद्धि २०६(२) (५७) प्रतिक्रमणसूत्र ३५ ६७(१) (१०) पिडविशुद्धि १९५(२) (७) प्रतिक्रमणसूत्र १४९ १३०(१) (८) पिडविशुद्धि १४१(२) (८) प्रतिक्रमणादि ११७(१) (३३) पिडविशुद्धि २०२ (११) प्रत्याख्यानभाष्य १९१ २०२ (२०) पिडविशुद्धि २२ २०६(२) (५९) प्रत्याख्यानवृत्ति १६५ १६६ (९) पिंडविशुद्धि २३(५-९) १०६(३) (२) प्रत्येकबुद्धकथा १५५(१थी१२) १६४ (८) पिंडविशुद्धि २३(५-९) १०६(३) (३) प्रदेशी कथा २१ १८१(१) (६) पिडविशुद्धि २०५ ९९ (५) प्रद्युम्नचरित्र गद्य २२ २०६(२) (९) पिडविशुद्धि ६०(३) (२) प्रनष्टलाभ १९० १८९(१) (३) पिडविशुद्धिप्रकरण १७३(२) (१) प्रबोधचद्रोदयनाटक २७९ १६२ (१) पिडविशुद्धिवृत्ति १६५ १६६ (२) प्रभातिक अष्टक १४६ ३५३ Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३९४ २१ /oto ९३ श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम [ २६६ ] गायकवाडी । पेटीनो पुस्तक | अथर्नु नाम गायकवाडी पेटीनो पुस्तक | ग्रथनु नाम कार चालनवर | सख्या नपर | चालनबर | सख्या ७०(१-७) १४६(१) (५) प्रमाणनयत्वलोकालकार ६ १७७(२) (१) प्रश्नव्याकरण-चूडामणिटीका १८० ६२(२) (१९) प्रमाणमीमांसा सूत्र ३९५ ३३(१) (९) प्रश्नव्याकरणटीका ३ १३५(२) (४) प्रमाणसग्रह ६ १७७(२) (२) प्रश्नव्याकरणटीकायां-लीलावत्यां ५ (१) प्रमेयकमलमार्तड मयूरवाहिनी १८१(१) (९) प्रवचनसंदोह ३९५ ३३(१) (४) प्रश्नव्याकरणसूत्र ४(३) ११०(२) (२) प्रवचनसदोह १२४ १२४(१) (४) प्रश्नव्याकरणसूत्र १०५ १०४(२) (१) प्रवचनसदोह १०५ १०४(२) (८) प्रश्नोत्तररत्नमाला १८९ १४७(१) (१) प्रवचनसारोद्धार १०८ (१४) प्रश्नोत्तररलमाला २८३ १५० (२) प्रवचनसारोद्धार २०० ५५(२) (२) प्रश्नोत्तररलमाला ११० ११५ (१) प्रवचनसारोद्धारवृत्ति २०२५९(२) (१७) प्रश्नोत्तररलमाला २०७ १३२ (१) प्रवचनसारोद्धारवृत्ति २२ २०६(२) (२१) प्रश्नोत्तररत्नमाला १०२ ७१(१) (१) प्रवचनसारोद्धारवृत्ति १५५(१३-२४) १९८(२) (१३) प्रश्नोत्तररत्नमाला २५३ १०१ (१) प्रवचनसारोद्धारवृत्ति २२१मा द्वारथी सपूर्ण २१८ १९६(२) (१८) प्रश्नोत्तररलमाला २९४ १५७(२) (१) प्रवचनसारोद्धारसूत्र २२७(४-१२) १७९(१) (४) प्रश्नोत्तररलमालिका १३०(२) (२) प्रवज्याविधान २९५ १६७(१) (६) प्रश्नोत्तररत्नमालिका १०४(२) (१०) प्रवज्याविधान १२६ १४२(२) (२) प्राकृत प्रबोध । २०६(२) (२८) प्रवज्याविधान २०२ ५९(२) (२२) प्राभातिक जीवानुशासन १९०(२) (१३) प्रवज्याविधान २०२५९(२) (२५) प्राभातिक स्तुति १६१(२) (७) प्रवज्याविधानप्रकरण १७ ६९(४) (३) प्रायश्चित्तविधि ५७ ७९(१) (१) प्रवज्याविधानवृत्ति २०(२-३) १२७(२) (२) बधस्वामित्व सटीक १३२(३) १३९(२) (१) प्रशमरति ३३२ १ (५) बधस्वामित्व सावचूरि २२ २०६(२) (३) प्रशमरति ११७(२) (१) बधस्वामित्व स्टीक २४६ २०३(२) (३) प्रशमरति ३ १३५(२) (१२) बकुलिशप्रार्थना (मोक्षार्था) १६१ १७४ (६) प्रशमरति २११(२थी६) ५४(२) (२) बत्रीस जीव परिमाण २२७(४-१२) १७९(१) (६) प्रशमरतिप्रकरण ३१७(१-४) १३६(२) (४) बप्पभट्टीकथा २९५ १६७(१) (१) प्रशमरतिप्रकरण ४८ १५७(१) (१०) बहुबुद्धिकथानक १७९ ६८(२) (१) प्रशमरतिवृत्ति १३३ १५६(१) (३) बार भावना ६८(१) (१) प्रशमरति सवत्तिक २२ २०६(२) (५१) बिरुदावली (स्तोत्र) २३५ १५१ (१२) प्रशमरती ९५(१०-३४) १४५(१) (८) बृहत् चतुःशरण प्रकरण ६ १७७(२) (३) प्रश्नचूडामणिसार १९१ २०२ (१६) बृहत् आराधना १७० २२ १०३ Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी नवर ३४४ १९१ १६१ ३११ (२थी) ३५ १७७ ८१ १३७ २२ ३ ०-३४) १ २९८ .-३ ३ ९५ (१०-३४) ९३ १०५ ५ (१०-३४) २९७ ३९१ २४६ : २६१ १०३ पेटीनो चालनबर १९ २०२ १७४ (११) बृहत्संग्रहणी ७२ (३) ६७ (१) १०३ १०९ ९६ पुस्तक सख्या २०६ (२) १३५ (२) १४५(१) १७४ १२९ १३८ (१) १३५ (२) १४५(१) १२ १६८ १९१ २०२ ११५ ११७ (१) २२ २०६ (२) १५५ (१३-२४) १९८ (२) ३११ (२थी) ७२ (३) १०८ १०४ (२) १४५ (१) (२२) १७ (३) १४ २०३ (२) १६५ १९० (२) 2 2 2S SS SS$ 24 ঊই&&& IZZ 2 2 4 2 2 2 2 2 IS♛ ग्रंथनु नाम श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय प्रथोनो अकारादिक्रम 'गायकवाडी नवर बृहत् कल्पसूत्र बृहत् चउसरणा बृहत् संग्रहणी बृहत्सग्रहणी बृहत्संग्रहणी वृत्ति बृहत्सग्रहणी वृत्ति बृहत्संग्रहणी वृत्ति बे स्तुतिओ बोटिकप्रतिषेध बोधकुलक बोधप्रदीप ब्रह्मचर्य विषये गजसुकुमारकथा ब्रह्मा लूनशिरा इति वृतद्वयव्याख्या ब्राह्मणनीतिनिराकरण भक्तपरिज्ञा भक्तपरिज्ञा (१७) भक्तपरिज्ञा भक्तपरिज्ञाप्रकरण भक्तामर भक्तामर स्तोत्र भक्तामर स्तोत्र भक्तामर स्तोत्र भक्तामर स्तोत्र भक्तामर स्तोत्र भगवती आलापक भगवती सूत्रवृत्ति भयहरस्तोत्र भयहरस्तोत्र (१६) भयहरस्तोत्र az ave २२ १३२ (१-२) १२८ १२८ १२८ ३११ (२थी) २१ २५१ २०२ २९८ ११३ २५ ९५ (१०-३४) २२ ४०६ २२ २३९ १ १ १२ ३१७ (१-४) पेटीनो चालुनगर २०६ (२) २०२ ६७ (२) ५९(३) ५९(३) ५९(३) ७२(३) १८१ (१) १८४ (१) ५९(२) १२९ १९५ (१) १८८ (१) १४५(१) २०६ (२) ५८(१) २०६ (२) ११८(२) पुस्तक सरख्या १९ ६२(२) (४३) (२) (१) (१०) (७) (९) (१०) १३० (२) ७२ (३) (१४) (६) Σ ? ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ & ~ ~ (१४) भावनाप्रकरण भावनालेशकुलक (१५) भावनाविषये ईलातीपुत्रकथा (३) (१) भावनासग्रह (२०) (१) (५०) १३४ (१) १३४ (१) १६८ १३६ (२) (३) (१५) भाववर्धनकुलक (३) (१) (२) (१६) १८० ६२(२) ९५ (१०-३४) १४५(१) ११५ ११७ (१) २९५ १६७ (१) (१०) ३४४ १८० १७० ३११ (२थी) (९) (१३) (२२) ग्रंथनु नाम (१) भयहरस्तोत्र भवभावना (३) भवभावनाप्रकरण भव्यजीव मनोरथ भावनाकुलक भावनाकुलक भावनाकुलक भावना प्रकरण (१०) (१९) भावनासार भावश्रावक लक्षण भाष्य (जीतकल्प भाष्य) मगलस्तव (शांतिस्तव) मनःस्थिरीकरण प्रकरण मन स्थिरीकरणप्रकरण मन. स्थिरीकरणवृत्ति मरुक दृष्टांत मल्लवादी कथा महर्षि कुलक महाऋषिस्तव महाणियठिज महादेवलक्षण महानिशीथ सूत्र महासती माणसवरणकुलक मातृका [ २६७ ] Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी नवर २९० २१८ १४९ २०२ ३५ 생 २२ २५१ १५५ (१०१२) २२८ १३३ २३५ १४१ १६६ १०३ २१ ४८ १९१ ३ २०२ १६१ १८ १६५ २४४ ३ २०० १६७ ९३ पेटीनो पुस्तक चालनबर सरख्या ६० (३) १९६ (२) १३०(१) ५९ (२) ६७(१) १९५२) २०६ (२) *%[૨] १६४ १३४ (२) १५६१) १५१ १४१(२) ६६(३) १९० (२) १८१ (१) १५७ (१) २०२. १३५ (२) ५९ (२) १७४ १६०(२) १६६ (१) (२) (११) ५४ (३) १३५(२) ५५१२१ १४२ (१) १०८ (२) Z ≈ ≈ ❀ ⇓ ε ≈ E ~ w m ? w m α ? m w Z ↓ ↓ (२३) (११) (३) (६) (३) मूलशुद्धिप्रकरण (१२) मूलशुद्धिप्रकरण (२) १०८ ६४(२) (७) (४) (३) (६) (४) (घ (३) (७) (६) (३) (4) (4) (२) (११) ग्रथनु नाम (२) श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय प्रथोनो अकारादिक्रम पेटीनो चालनबर ६४१२) १७४ २०६ (२) १७९(१) मासकल्पादि अनेक आगमोद्भूत विचारो मिथ्यात्वकुलक मिथ्यात्वपरिहारकुलक मुनिचन्द्रस्तुति मूलविशुद्धि मूलशुद्धि मूलशुद्धि मूलशुद्धिप्रकरण मूलशुद्धिप्रकरण मूलशुद्धिप्रकरण मूलशुद्धिप्रकरण मूलशुद्धिप्रकरण मूलशुद्धिप्रकरण मूलशुद्धिप्रकरण मूलशुद्धिप्रकरण (ठाणा प्रकरण) मूलशुद्धिप्रकरण (ठाणा प्रकरण) मृगाकलेखाकथानक मृगापुत्र कुलक मोक्षोपदेशपचाशत् मोक्षोपदेशपचाशत् मोक्षोपदेश पचाशिका यतिप्रतिक्रमणवृत्ति यतिप्रतिक्रमण सूत्र यमकस्तुति वृत्ति यमप्रकरण योगशास्त्र योगशास्त्र १२मो प्रकाश योगशास्त्र ४ प्रकाश गायकवाडी नवर १४१ १६१ २२ २२७ (४-१२) १७० २४६ १५५ (१३-२४) ३८ ६५ ९० २२७ (१-२-३) १५९ १०५ ९५/१०-३४) २३५ २२४ ४२ २८ ४०८ ३१ ७० (१-७) ३१३ २०२ १९० २९८ २०५ २८६ २६६ १४९ १३० (२) २०३ (२) १९८ (२) १६१ (२) २०४ (२) ७१(२) १७० (२) १९६ (१) ૧૦:૧૨) १४५ (१) १५१ १४४ (२) १३१(२) ११३(१) ७३ २७(२) २७ (३) १४६ (१) १९१ (१) ५९ (२) १८९ (१) १२९ ९९ १२१ (१) १३३ (२) १३० (१) पुस्तक ग्रथनुं नाम सरख्या (९) (१) (१) (१) (१) (१) î ≈ ŵ ˆ ˆ ˆ ˆ ˆ ˆ î ¦ ¦ ˆ ˆ ˆ î î £ (१०) (१४) (१९) (१०) (१२) (4) (९) (३) (१) (१) (१०) योगशास्त्र ४ प्रकाश योगशास्त्र ४ प्रकाश [ २६८ ] योगशास्त्र ४ प्रकाश योगशास्त्र चतु प्रकाशान्तर्गत सुभाषितसमुचय योगशास्त्र चार (४) प्रकाश योगशास्त्र चार प्रकाश योगशास्त्र चार प्रकाश योगशास्त्र चार प्रकाश योगशास्त्र चार प्रकाश योगशास्त्रतृतीयप्रकाशविवरण योगशास्त्र द्वादश प्रकाश योगशास्त्र द्वादश प्रकाश योगशास्त्र प्रकाश-४ योगशास्त्रप्रकाश ४ योगशास्त्र प्रकाश ४ योगशास्त्रप्रथमप्रकाशविवरण योगशास्त्र प्रथमप्रकाशविवरण स्वोपश योगशास्त्रविवरण योगशास्त्र विवरणसहित योगशास्त्रान्तर्गत चेत्यवदन वृत्ति योगशास्त्रान्तर्गत श्लोको योगसग्रहसार रघुविलास रत्नत्रयकुलक राजपिड आदि विचार रात्रिभोजनविषये वसुमित्रकथा राम-लक्ष्मण चरित्र रामचरित्र लक्षणसमुचय लघु अजितशाति Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २६९ ] ११५ श्री संघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम गायकवाडी पेटीनो | पुस्तक | ग्रथनु नाम गायकवाडी पेटीनो पुस्तक ग्रंथनु नाम नगर चालनबर सख्या नवर चालुनबर सख्या २१८ १९६(२) (१४) लघु अजितशांति १२२(३-४) १८७(१) (१) वार्तिक १४१ ६४(२) (१२) लघु अजितशाति १२२(३-४) १८७(१) (२) वार्त्तिकवृत्ति १५५(१३-२४) १९८(२) (१०) लघुरत्नत्रय १२० २००(१) (१) विक्रमाकाभ्युदय काव्य २१८ १९६(२) (१७) लघुरत्नत्रय १७ ६९(४) (१) विजयचन्द्रकेवली चरित्र २४६ २०३(२) (६) लघुशाति ४७(१) ७२(४) (१) विजयचन्द्रचरित्र २२ २०६(२) (४६) लघुशाति २२ २०६(२) (२४) विधवाकुलक १९७ १९२(२) (१) ललितविस्तरा १२४(१) (५) विपाकसूत्र १९७ १९२(२) (२) ललितविस्तरापजिका ३९५ ३३(१) (५) विपाकसूत्र १७१ १६३ (१) ललितविस्तरापजिका ३९५ .३३(१) (१०) विपाकसूत्रटीका २३(१थी४) ५६(३) (३) लिगानुशासन ४८ १५७(१) (१३) विभक्तिप्रकरण ३१६ ६६(२) (१) लीलावती (अपरनाम विचारमुख प्रकरण) २३९ ११८(२) (२) वकचूलकथा सचित्र ११५ ११७(१) (२७) वियारसत्तरी १९१ २०२ (१२) वदनक भाष्य ११७(१) (३४) विवेकमजरी ९१(१-२) ५७ (२) (३) वंदनफल-गणधरवाद-श्रावक २३५ १५१ (९) विवेकमजरी व्रत-भग-उत्तराध्ययन सुभाषित विगेरे १०५ १०४(२) (१३) विवेकमंजरी १२ १६८ (१) वंदारुवृत्ति २६१ १६५ (४) विवेकमजरी २८३ १५० (१) वदारुवृत्ति (श्रावकानुष्ठानविधि) ३९ १९५(२) (५) विवेकमंजरी . ४३ ७८(१) (१) वदारूवृत्ति (श्रावकानुष्ठानविधि) २१८ १९६(२) (९) विवेकमजरी ९३ १०८ (८) वदितु (श्रावक प्रतिक्रमण) २२ २०६(२) (१०) विवेकमजरी २३५ १५१ (८) वंदित्ता सूत्र १०३ १९०(२) (५) विवेकमंजरी २४६ २०३(२) (४) वदित्तासूत्र १५५(१थी१२) १६४ ३११(२थी) (६) विवेकमजरी ७२(३) (१४) वयरसामिचरित्र २०२ (१५) विवेकमजरी ५६ १४१(२) (१०) वयरस्वामीचरित्र १४१ २८२ ६४(२) (८) विवेकमजरी १५८ (१) वराहमिहिरसंहिता २०६(२) (६३) विवेकविलास ११६ १८०(२) (६) वर्षालक्षण ६१ २०४(१) (१) विवेकविलास २६० ६६(४) (१) वसंतराजशाकुन वर्ग १८ १८० (२६) विशेषणवती १८३(१) ६२(२) १८७(१) (३) वामनीयालकार ५३ १५ १५४(१) ४०५ (२) (१) विशेषावश्यकलघुवृत्ति वार्तिकवृत्ति ११५ ५३ १५४(१) (१) ११७(१) (१०) विषयनिदापंचाशत् वार्तिकसूत्र Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी कवाडा | पेटीनो नयर | चालनबर | सख्या २०२ ५९(२) २०० सरख्या ] ३३२ २०६ ११६ १९० १२६ १६१ १९६ २२ २२ аз газегіз заззаававаагаа ая २३९ १६५ २२६ श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम [ २ पुस्तक | ग्रथनु नाम गायकवाडी पेटीनो पुस्तक यथर्नु नाम घर चालुनबर (६) विषयानुशासनाकुश १४२(२-९) १९३(१) (४) शतकप्रकरण ५५(२) (६) वीतरागस्तव २६८ १४५(२) (४) शतकप्रकरण ६४(२) (१०) वीतरागस्तव १ (७) शतक सटीक २३५ १५१ (११) वीतरागस्तव (१) शतपदी ९३ १०८ (७) वीतरागस्तव १८०(२) (४) शनिचक्र २२७(१-२-३) १७०(२) (२) वीतरागस्तव १८९(१) (४) शय्यातरपिडविचारणा २४६ २०३(२) (२) वीतरागस्तव २०२ ५९(२) (२७) शातिजिन स्तुति १५५(१३-२४) १९८(२) (६) वीतरागस्तव १७२(२) (१) शातिनाथचरित्र (कागळमा छे.) १५९ १९६(१) (२) वीतरागस्तव ३११(२थी) ७२(३) (१२) शालिभद्रकारक (कक्क) २२ २०६(२) (२) वीतरागस्तोत्र १३३ १५६(१) (६) शालिभद्र चरित्र १७४ (२) वीतरागस्तोत्र २०६(२) (३३) शालिभद्रमाई १०५ १०४(२) (१५) वीतरागस्तोत्र ११८(२) (५) शाश्वतचैत्य ३११(२थी) ७२(३) (४) वीतरागस्तोत्र १६६ (३) शाश्वत जिन स्तव २०६(२) (४८) वीतरागस्तोत्र ३११(२थी) ७२(३) (१८) शाश्वताशाश्वतचैत्यमाला १३३ १५६(१) (१०) वीरविज्ञप्ति ६९(३) (१) शिशुपालवध (माघ काव्य) २३(१थी४) ५६(३) (४) वृत्तरत्नाकर २१८ १९६(२) (१६) शीलकुलक २३(१थी४) ५६(३) (१) वृत्तरत्नाकरवृत्ति ११७(१) (११) शीलगुण १२८ ५९(३) (४) वेतालदोष तथा धर्मलक्षणादि १६१(२) (९) शीलरक्षाकुलक ९५(१०-३४) १४५(१) (१८) वैराग्यकुलक १२९ (११) शीलविषये नर्मदासुदरीकथा ११५ ११७(१) (१५) वैराग्यकुलक १२९ (१२) शीलविषये विलासवतीकथा २११(२थी६) ५४(२) (४) वोच्छेय गडिया १२९ (१३) शीलविषये सीताचरित्र महाकाव्य सर्ग ४ ३८४(२) ४० (१) व्यवहारचूर्णि ५२ १८५(२) (७) शीलागरथ विधि ३८४(१) ४१(१) (१) व्यवहारभाष्य (७) शीलोपदेशमाला ६०(२) व्यवहारसूत्र २०३(१) (१) शुभलीमत (अलभ्य) १८०(२) (३) शकुनविचार प्रकरणमा गमनागमन २०२ ५९(२) (१०) शुभभावना उपदेश जीवित-मरण-शकुनविचार प्रकरणो ९५(१०-३४) १४५(१) (११) शोकपरिहारकुलक १६(२) १६५ (३) श्राद्धदिनकृत्य (६) शतकप्रकरण १६८ (१०) श्राद्धदिनकृत्य ११५ २९८ २१६ २९८ २९८ ११६ १६६ ६६(३) नागमन ६७१) (२) शतरण-शका २६१ १२ Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २७१ ] १७७ १९१ २१० श्री सघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम गायकवाडी । पेटीनो | पुस्तक | ग्रंथनु नाम गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | ग्रंथर्नु नाम नंबर । चालनबर सख्या नंबर चालनंबर | सख्या ८ १४(१) (१) श्राद्धप्रतिक्रमणवृत्ति ३६५ ७५ (१) श्री पार्श्वनाथचरित्र १८० ६२(२) (१४) श्रावकजीतकल्प ९५(१-९) १८२(१) (७) श्री पार्श्वनाथस्तव-द्वात्रिशिका १३०(२) (७) श्रावकदिनकृत्य २०५ ९९ (४) श्री मल्लीनाथचरित्र . २०२ (४) श्रावकदिनकृत्य ५६ १४१(२) (११) श्री महावीरस्वामीपारणु २६२ १७५ (१) श्रावकदिनकृत्यविधि ९१ (१) श्री वासुपूज्यचरित्र १९८(२) (१) श्रावकधर्मविधि प्रकरण १०५ १०४(२) (२१) श्री वृषभादिस्तव १६०(१) (२) श्रावकप्रज्ञप्ति ३३८ ५७(२) (२) श्री शांतिनाथचरित्र द्वितीय भाग १०४(२) (२७) श्रावकप्रतिक्रमण ३३८ ५७(१) (१) श्री शातिनाथचरित्र प्रथम भाग १०४(२) (६) श्रावकप्रतिक्रमण ४०४ ४८ (१) श्री श्रेयासजिनचरित्र २०६(२) (६२) श्रावकप्रतिक्रमणलघुवृत्ति ३८० ४७ (१) श्री सुपार्श्वनाथचरित्र १६०(२) (२) श्रावकप्रतिक्रमणवृत्ति ५५ ६५(२) (१) षडशीतिकर्मग्रथवृत्ति १८९(१) (६) श्रावकप्रतिक्रमणवृत्ति ३३२ १ (६) षडशीति सटीक २१ १८१(१) (१३) श्रावकप्रतिक्रमण सूत्र २०(२-३) १२७(२) (१) षडशीति सटीक आयरियउवज्झाय अने अतिचार गाथा १९(१) १२७(१) (३) षडशीति सटीक १९८(१-२) १२१(२) (२) श्रावकप्रतिक्रमणसूत्रवृत्ति १८८ १६०(१) (६) षड्विध प्रवचनकौशल १०३ १९०(२) (१७) श्रावकप्रतिक्रमणसूत्रादि ३७ १०६(२) (१) षड्विधावश्यकविवरण १८८ १६०(१) (५) श्रावकवक्तव्यता (षट्स्थानक भाष्य) २९५ १६७(१) (३) षोडशक ५२ १८५(२) (६) श्रावकवर्षाभिग्रह २०२ ५९(२) (२१) सक्षेप आराधना २४३ ५६(२) (४) श्रावकविधि १६६ ६६(३) (९) सग्रहणी १४१(२) (१५) श्रावकविधि २११(२थी६) ५४(२) (१) सग्रहणी ८७(२) १८३(१) (१) श्रावकसामाचारी व्याख्यान २४३ ५६(२) (२) | सग्रहणी २८५ १३९(१) (१) श्री ऋषभचरित्र १२८ ५९(३) (२) सग्रहणी १४१(२) (१६) श्री ऋषभजिनस्तुति २४४ ५४(३) (१) सग्रहणी, १४१(२) (१२) श्री ऋषभजिनस्तुति (सिद्धस्वरूपगर्भिता) २१२ ६१(२) (४) सग्रहणी ४१२ ५१ (१) श्री चन्द्रप्रभचरित्र १७० १३०(२) (५) सग्रहणी १९६(२) (१२) श्री देवभद्रगुरुस्तुति १३०(१) (१) सग्रहणी १०५ १०४(२) (२०) श्री पार्श्वनाथ अष्टकमत्रगर्भित १८८ १६०(१) (१) सग्रहणी ३५० ५९(१) (१) श्री पार्श्वनाथचरित्र ११५ ११७(१) (२५) सग्रहणी २१८ Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८० २४६ १२ ११५ २४३ ३०७ २६८ २१ २६१ १०३ ३११ (२थी) १९४ १२८ १९१ १९६ गायकवाडी नंबर १९१ १५५/१२) ३९(७) ६६ (१-३) १०५ १४० ५६(२) २०५/१२) १४५(२) १९८ (२) १७२ (१) १९३ (१) १०३ १९० (२) २२ २०६ (२) ६२ (१) २०४८२-५) १३८ ८७ ९५ (१०-३४) १४५ (१) १८राश १६५ १९० (२) ७२(३) ६३(२) ५९(३) ६२ (२) २०३३२) १६८ ११७ (१) २०२ ૨૦(૨) • (३) (३) (4) पेटीनो चालनबर १०४ (२) १२३ (२) २०२ १६४ (4) (८) (९) (९) (4) (२५) (३) (१३) (१०) (४) (4) (४) (१) (४) (८) (८) (१) (७) सख्या पुस्तक (२) (४) (१७) (३) @ X2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 3 2 2 (२) ग्रथनु नाम सग्रहणी सग्रहणी सग्रहणी सग्रहणी सग्रहणी संग्रहणी सग्रहणी सग्रहणी सग्रहणीटीका सग्रहणी विगेरे प्रकीर्णक सघाचारभाष्य सथारापइन्ना सदेहविषौषधीनाम प्रकरण सयममजरी सयममजरी सवेगमाई संसक्तनिर्युक्ति सक्तनिर्युक्ति ससक्तनियुक्ति ससारदावानल स्तुति सस्तारकप्रकरण श्री सपवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय प्रथोनो अकारादिक्रम गायकवाडी नवर १४२ (२-९) ५१ ३५ २९८ सस्तारकप्रकरण सस्तारकप्रकीर्णक (१०) सउण उवस्सुई - छाया - नाडि- निमित्ते सुविणय- रिट्ठदार सकलतीर्थ स्तोत्र सगरचक्रवर्ती आख्यान सत्तरिप्रकरण २०२ ५०. २४३ १८० १०५ ww ३६९ ३६० १४५ ३३२ ११६ ३०५ १४९ ११५ ४८ २९८ १४९ २९८ २९५(१) ५९(२) १०२राश १३५ (२) १८० (२) ११६ २०६२) २२ १५/१०-३४) १४०५१) १५५ (१३-२४) १९८ (२) ५६(२) ६२ (२) १०४ (२) १८० (२) ६३ (१) १३० (१) ११७ (१) १५७/१२) १२९ १३०(१) १२९ ६६४) && पेटीनो चालुम्बर (4) (९) १९३ (१) १७२ (१) ६७ (१) १२९ .१८ ५८(२) १५३(१) १ (6) (११) (४७) (१३) (२६) (९) (१) ~ (१२) (२३) (१२) (२) (१३) (2) (0) पुस्तक ग्रथनु नाम संख्या (५) (४) (७) (४) (२) (१) (१) (८) (२) (१) सत्तरीप्रकरण सत्तरी प्रकरण सत्तरीप्रकरण सत्यवतविषये ऋषिदत्ताकचा सन्मतितर्कटीका द्वितीय तृतीय कांड सन्मतितर्क वृत्ति सप्ततिकाटीका सप्ततिका सटीक सप्तविचार (भडलीना जेषु) सप्तशती छाया सप्तषष्टि सम्यक्त्वभेद समिओ समुद्रदत्तकथा सम्यक्त्वविये यन्त्रप्रकरणकथा सम्यक्त्वविषये उपदेश गाथा सम्यक्त्वविषये विक्रमसेनकथा पर्यन्त-४ कथाओ सम्यक्त्वोपरि विक्रमसेन चरित्र अघट कथा सम्यक्त्वोपायविधि सर्वज्ञव्यवस्था प्रकरण सरस्वतीकठाभरणवृत्ति (पदप्रकाश नाम्नी) सर्वव्यसायविधिकरणप्रक्रम [ २७२ ] सर्वसामान्य सागारप्रत्याख्यान विधि साधारण जिन स्तवन साधुगुन साधुजीतकल्प साधुप्रतिक्रमण Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी ९५ (१-९) ३५ १८० २०० २२ १८० २९० ९१(१-२) ११६ २२७ (१-२-३) १७० (२) १३२ (४थी७) ७१(३) २६९ २६४ (२) ९५ (१०-३४) १९५ १९५ २३ (५-९) ३१७ (१-४) ९८ ९७ २५८ ४१३ पेटीनो पुस्तक चालुनार संख्या (२) (१२) (१) (३) (२) (९) (३) ४१३ १८२ (१) ६७ (१) ६२(२) ६० (३) ५७ (२) १८० (२) ११४ (१) ११३ (२) १४५ (१) ५५(२) २०६ (२) ६२(२) ६८ (३) ६८(३) १०६ (३) १३६ (२) ११० (१) १८० (१) ९८ (१) ४९ ४९ (४) (१) (१) (२५) (८) सामुद्रिक सामुद्रिक सामुद्रिक साम्यशतक सार्थ विचारसार प्रकरण सार्धशतकवृत्ति सार्धशतकवृत्ति सिदूरप्रकर सिदूर प्रकर सिद्धचक्र स्तुति सिद्धपूजाप्रक्रम- नैवेद्यप्रक्रमप्रदीपारात्रिकप्रक्रम-पूजाप्रक्रम मातरपूजाप्रक्रम-स्थापनाचार्यप्रक्रम - षड्विधावश्यकप्रक्रम - आर्यिकाप्रक्रम सिद्धप्राभृतटीका सिद्धप्राभृतसूत्र सिद्धसेनकथा सिद्धसेनदिवाकरचरित्र सिद्धहेमआख्यातबृहद्वृत्ति सिद्धहेमआख्यात वृत्ति सिद्धहेमबृहद्वृत्ति ९-१० पाद (२) सिद्धहेमबृहद्वृत्ति तृतीयाध्याय (१) (४१) (१६) 2 2 2 2 2 2 2 0 (१) (२) (4) (१) (१) (१) ग्रथनुं नाम (१) श्री संघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम साधुप्रतिक्रमण सूत्र सामाचारी सामाचारी (तृतीयाध्यायथी पचमाध्याय पर्यन्त) सिद्धहेमबृहद्वृत्ति तृतीयाध्याय द्वितीयपाद- पर्यन्त गायकवाडी नंबर १५३ १५२ २५४ ३३ १७३ १०९ ७३ ४१ ८० १९३ २७ १६४ ११६ २०५ ५६ २३ (५-९) २०५ १३३ २५१ २१२ ३०७ २०८ १८८ पेटीनो चालुनंबर १६७ (२) १७३ (१) ७२ (१) ८२(२) १५६ (२) १०४ (१) ११६ १८१(२) २०६ (१) १८९(२) १३७ (२) १४१ (१) पुस्तक संख्या (१) (१) (१) (१) (१) (१) (१) (१) (१) (१) (१) ≈ ≈ λ ^ ? ε ≈ ≈ Ĉ I C १८० (२) ९९ १४१ (२) (१७) सीतासत १०६ (३) ९९ १५६(१) १८४ (१) ६१ (२) २०५ (१) १४९ १६० (१) (७) ग्रंथनुं नाम (८) सिद्धहेमलघुवृत्ति- तृतीयाध्यायतृतीयपादथी पचमाध्याय पर्यन्त सिद्धहेमलघुवृत्ति अवचूरिका सिद्धहेमलघुवृत्ति अवचूरि प्रथमाध्यायथी बीजा अध्यायना तृतीय पाद सुधी सिद्धहेमलघुवृत्ति आख्यात सिद्धहेमलघुवृत्ति तद्धित ६१ थी ७ माना ४पाद सुधी सिद्धहेमलघुवृत्ति पचमाध्याय सिद्धहेमशब्दानुशासन अध्याय ६-७ सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय प्रकाशिका नाम्नी वृत्ति सिद्धहेमशब्दानुशासन आख्यात लघुवृत्ति सिद्धहेमशब्दानुशासनलघुवृत्ति तृतीयाध्याय - द्वितीयापादावचूरि सिद्धहेमशब्दानुशासनलघुवृत्ति पचमाध्याय सिद्धहेमशब्दानुशासन वृत्तिथी बीजा अध्यायना प्रथमपाद सुधी सिद्धादेश सीता चरित्र [ २७३ ] सुकोशलकथा सुबाहु आदि कथा सचित्र सुबाहुचरित्र सुबाहुचरित्र सुबाहुचरित्र सुलसाचरित्र सूक्तरत्नाकर सूक्ष्मार्थविचारप्रकरण Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम [ २७४ ] गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | गायनु नाम गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | ग्रथनु नाम नगरचालन्धर | सख्या नवर | चालन्धर | सख्या ५१ १७२(१) (६) सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण १०३ १९०(२) (१८) स्थविरावली ५८(१) १७०(१) (१) सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण प्राकृतविवरण १०५ १०४(२) (५) स्थविरावली ३९७(१-२) ३१(३) (२) सूत्रकृतागनियुक्ति ३५९(२) ३१(२) (१) स्थानांगसूत्र ३१७(१-२) ३१(३) (१) सूत्रकृताग मूल ३५९(१) ३८ (१) स्थानागसूत्रवृत्ति ३९७(३) .३९ (१) सूत्रकृतागवृत्ति १७२ १११ (१) स्याद्वादमंजरी • १ १८६(२) (४) सूयगडागनियुक्ति ४०७ ४६ (१) स्याद्वादरलाकर पंचमषष्ठादि परिच्छेद ३७६(३-४) २६ (२) सूर्यप्रज्ञप्तिटीका ३३१ २१ (१) स्याद्वादरत्नाकर प्रथम खड ३७६(३-४) २६ (१) सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र ११७(१) (२०) हरिकेशी अध्ययन ४८. १५७(१) (११) सौभाग्यसुदरीकथा ६२(२) (१५) हस्तिपालस्वप्नफल २४३ ५६(२) (७) स्तव ५९(२) (३) हितोपदेश २०२ (७) स्तुति २०१(२) (१) हेतुबिन्दुतर्कटीका २०६(२) (३६) स्तुति द्वात्रिशिका ७०(४) (१) हैमआख्यातलघुवृत्ति २०६(२) (३५) स्तुति द्वात्रिशिका ७९(२) (१) हैमलघुवृत्ति चतुष्क १३५(२) (१) स्त्रीनिर्वाण १२० (१) हैमीनाममालावृत्ति १६८ (११) स्थविराकथा (देवत्वे) ५५(२) (५) स्थविरावलि Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २७५ ] भाषा रचना लेखन-1 सवत् १४५३ १२९९ 可可可可可可 ३५६ १४५० MP3, 999 0022 श्री संघवी पाडाना भंडारना जीर्ण त्रुटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रंथोना नाम गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | अथर्नु नाम पत्रसंख्या ग्रंथकर्ता श्लोकनगर चालनंबर सख्या संख्या संवत् ३९३ १ (१) विशेषावश्यकवृत्ति द्वितीय खंड ३१८ सं. मलधारी हेमचन्द्रसूरि ३८८ २ (१) उपदेशमालावृत्ति कर्णिका' २५७ उदयप्रभसूरि १२२७४ ३८६ ३ (१) उत्तराध्ययन सूत्र तथा टीका १-३०२ ३९९ आचारांगवृत्ति शीलांगाचार्य १२०० ४०० आचारांगवृत्ति १-३५४ शीलांगाचार्य ३७६ ६ (१) धर्मसग्रहणीवृत्ति १-२४८ सं. मलयगिरिसूरि ३९८ उत्तराध्ययनसूत्र १-३५ प्रा. २००० ३९८ उत्तराध्ययननियुक्ति ३६-४२ प्रा. भद्रबाहुस्वामी गा. ६०७ ३९८ उत्तराध्ययन चूर्णि १-४४ सं.प्रा. ३९८ उत्तराध्ययन बहुश्रुत अध्ययनथी वृत्ति द्वितीय खंड ४५-२४८ स. शात्याचार्य ३५७(२) ८ (१) प्राकृतद्वयाश्रयकाव्यवृत्ति २०० थी ३२० स. अभयतिलकगणी ४२३० ४०१ ९ (१) भगवतीसूत्र . २-४३४ सं. ३५४ सूयगडांगवृत्ति २८० सं. शीलांगाचार्य १३८०४ । ३५४ सूयगडांगनियुक्ति २८१-३०४ भद्रबाहुस्वामी ३५४ सूयगडांगसूत्र. ३०५-३३२ ३६१ ११ (१) पुष्पमालावृत्ति" ५३-३०६ सं ३६२ १२ (१) उपासकदशांग-अंतगडदशांग-२ अनुत्तरोववाइय-प्रश्नव्याकरण-विपाक २ थी १०९ प्रा. ३६२ अंतगडदशांगादिविपाकपर्यंतवृत्ति' १९९ थी २९५ प्रा. ३४८ १३ (१) औपपातिकसूत्र १-३० प्रा ३४८ १३ (२) औपपातिकवृत्ति" ३१-११७ स अभयदेवसूरि ३१२५ ३४८ १३ (३) रायपसेणीयसूत्र १-५४ ३४८-- १३ . (४) रायपसेणीयवृत्ति १-९८ स ३६५० ३२७ १४ (१) कल्पभाष्य अपूर्ण । १३९-२२२ प्रा १४७३ १४७३ १४७३ १४७३ १४७९ E १. त्रुटक घणो छे-नकामा जेवो २. घणा पत्रो टूटेला छे. ३. घणी टूटक-नकामी. ४. चोंटेली अने अव्यवस्थित-नकामी. ५. टूटक नकामु ६. वचमा पत्रो गया छे-टूटक.७. वचमां टूटक.८. वचमा घणा पाना टूटक छे ने घसायेला तेवी बे प्रतो छे ९. छेवटना पाना टुकडा छे ३२१थी वधारे छे.१०. आ ग्रंथमा घणे ठेकाणे पाना त्रुटक छे ने छेल्ला पाना पण नथी. ११. घणी ज त्रुटक छे. १२. टूटक घणु छे-नकामु १३. उपासकनी वृत्ति गई छे अने बाकीनी पण घणी त्रुटक-अपूर्णने नकामी छे.१४. त्रुटक. १५. त्रुटक १६. त्रुटक. १७. त्रुटक १८. जीर्ण-अपूर्ण-नकामी Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संवत् । ३४२ 싶싶 샀 있 심장 श्री संघवी पाडाना भडारना जीर्ण, त्रुटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रंथोना नाम [ २७६ ] गायकवाडी पेटीनो पुस्तक ग्रंपर्नु नाम पासरख्या ग्रंथकर्ता श्लोक लेखन-1 रचनाचालनभर सध्या सरख्या संवत् ३८२ १५ (१) पुष्पमालावृत्ति १-३११ स हेमचन्द्राचार्य स्वोपज्ञ १३८६८ ३६३ १६ (१) उत्तराध्ययन सुखबोधावृत्ति' ३४६ स. नेमिचन्द्रसूरि १३१० ३२५ १७ (१) श्री सुपार्श्वनाथचरित्र १-३४१ प्रा. लक्ष्मणगणि ३६८ १८ (१) शातिनाथचरित्र ३२१ प्रा. देवचन्द्रसूरि १२१०० १२२८ प्रशस्तिना ३६ श्लोक छे ते लखी लेवाना छे. तेमा कुमारपालनु नाम आप्यु छे. ३२६ १९ (१) नन्दीसूत्र १-२३ प्रा. . ३२६ १९ (२) नन्दीसूत्र टीका १-२५९ स. मलयगिरिसूरि ७७३२ ४१० २ (१) धर्मविधिवृत्ति २५८ प्रा.सं. जयसिंहसरि १२४० २१ (१) उपदेशमालालघुवृत्ति १८७ स. सिद्धर्षिगणी महाराज ३४१ २२ (१) सुदर्शनाचरित्र २०५ प्रा. देवेन्द्रसूरि . ४०५२ ३३५ ___ (१) प्रज्ञापनावृत्तिटिका टुकडा मलयगिरिसूरि (१) परिशिष्ट पर्व" ११९ स हेमचन्द्राचार्य ३५०० १३९६ ४०१ (२) श्री शांतिनाथचरित्र १७९ स अजितप्रभसूरि १३८४ १३०७ ३७७ ___ (१) आवश्यकनियुक्तिवृत्ति" ठेकाणु नथी प्रा.स. ३२९ २६ (१) स्थाणांगवृत्ति अभयदेवसूरि १४२५० १३४६ २७ (१) श्री पार्श्वनाथचरित्र १५६ थी ३४५ सर्वानन्दसूरि १३०६ २८ (१) शिशुपालवधटीका (माघ काव्य)" ३५-७९, ४९-१७९ सं मू माघटी. वल्लभदेव ६३ २९ (१) । प्रवचनसारोद्धारवृत्ति खड ३जो २९३ प्रा.स मू. नेमिचन्द्र टी सिद्धर्षि १३०६ २९४ ० (१) काव्यकल्पलताविवेक त्रुटित पत्र ५५ ३२५ सं. . १५० ३१ (१) वसतराज शाकुनिक शास्त्र २६-१८८ स. १३०६ १. घणी त्रुटक-नकामी. बिलकुल खलास सेकडो पाना नथी २. घणी त्रुटक छे-नकामी छे ३. आ प्रत पाणीथी भीजेली छे ने घणी ज टूटक छे-तेथी नकामी छे. ४. छेल्लां३ पाना उधईना खाघेला छे. त्रुटक-अतिजीर्ण ५. चोंटेली-नकामी, ६. चोंटेली-नकामी-पत्र १४६ थी पछीना सारा छे ७. घणी त्रुटक-नकामी.८. जीर्ण, त्रुटक केटलाक पाना त्रुटक छे ९. त्रुटक, चोटेली-जीर्ण-नकामी-आकना टुकड़ा थई गया छे. १०. दरेक पानाना टुकडा छे-नकामी. ११. त्रुटक, चोंटेली. १२. कागळमा छे-नकामी. १३. अत्यत त्रुटक-नकामी-जीर्ण १४. अस्तव्यस्त-त्रुटक-नकामी १५. त्रुटक १६. जीर्ण अने घणे ठेकाणे अक्षरो काळा थयेला छे. १७. अति जीर्णन वचमा घणा ज टुकडा छे-माटे नकामी पत्र २५माना टुकडा छे शब्दालकार, अर्थालकार (परिमलना भाव). १८. पत्र २९थी ४५ सुधी नथी. ४०१ ४५२ १०८ Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी पेटीनो पुस्तक नंबर चालुनंबर संख्या १५० ३१ (२) (३) (४) ११४ ३२ (१) ४५ ३३ (१) ३८ (१) ३४ (१) २०३ ३५ (१) १११ ३६ (१) ६८ ।। । । ३७ २२२ ३८ ८९ ८८ ३१२ ३१२ २६५ २६५ ९६ ७१ ७७ ७७ ७७ ७७ ७७ ७७ ३९ (१) ४० (१) ४१ है है है रे थे थे ४५ ७७ ४५ ४५ ४५ ४५ ४५ ४५ योगसार ' ठाणांगसूत्र आलापक' शास्त्रीय वाद स्थल' सिद्धहेमबृहद्वृत्ति कल्पसूत्र दशवेकालिकलघुवृत्ति सिद्धहेमबृहद्वृत्ति तद्धित ७मो अध्याय अभिधानचितामणीनाममाला टीका आवश्यकनिर्युक्ति' (१) बारव्रतोपरिकथा (१) धर्मोपदेशशत सटिक ११ सामाचारी (१) (२) (१) (२) (१) (१) (१) (२) (३) (४) श्री सघवी पाडाना भडारना जीर्ण, त्रुटक अने चोंटेला ताडपत्रीय प्रथोना नाम अथनु नाम पत्रसंख्या भाषा ग्रंथकर्ता (4) (६) (७) १३ ་ कल्पसूत्र कालिकाचार्यनी कथा प्रवचनसारोद्धार दशवैकालिकसूत्र शब्दानुशासनबृहद्वृत्ति सुरसुदरीकथा सग्रहणी M १८ पाक्षिकसूत्र यतिप्रतिक्रमण सूत्र शतक सत्तरि कर्मस्तव कर्मविपाक ठेकाणुं नथी ४-४१, ४३, ४५ २१-१९५ १६६-६२२ 54 २०४ १८० २९१-५८२ प्रा. सं. १५६ १-६६ सं. प्रा. सं. २९६ सं. २१३ ५ थी २४५ स. १५९ प्रा. २०५ प्रा.सं. ३-८७ प्रा.स. २- ९० प्रा.सं. १४३ प्रा. प्रा प्रा. स. प्रा. १-११ प्रा ४१-५५ प्रा ५६-६० प्रा. ६१-६५ प्रा. ६५-७६ प्रा. प्रा. ७६-८४ ८४-९० प्रा. हेमचन्द्राचार्य भद्रबाहुस्वामी हेमचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य भद्रबाहुस्वामी शय्यंभवसूरि हेमचन्द्राचार्य गर्गर्षि चन्द्रमहतर श्लोक संरल्या १२१६ २५०० २००० ३०० गा. ५८ गा. १६९ गा. ११२ गा. ९१ लेखन संवत् ११९१ १२९५ [ २७७ ] रचना संवत् १. अव्यवस्थित २. त्रुटक. ३. त्रुटक. ४. वचमा घणु त्रुटक, अस्तव्यस्त - जीर्ण, नकामी. ५. प्रथम पत्र १ नथी. अंतना पण नथी, वचमां पण नथी. जीर्ण नकामुं ६. वचमा घणा पत्र नथी ने पाछला पण नथी. ७. जीर्ण. ८. प्रथमना ४ पत्र बगडेला ने पाछला २६४ थी पाना खवाई गया छे- जीर्ण- त्रुटक छे. ९. जीर्ण. १०. २०० थी २०५ सुधी त्रुटक छे. जीर्ण. ११. त्रुटक - अपूर्ण. १२. चोटेली. १३. वचमा केटलांक पत्र नथी. १४. अपूर्ण १५. ताडपत्र - १३५ जीर्ण-कागळना ७८ त्रुटक. १६. त्रुटक- जीर्ण-वचमा पाना नथी ने छे ते चोंटेला छे. १७. त्रुटक - जीर्ण - नकामी १८. आदिना ४० पत्रना टुकडा अस्तव्यस्त. Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२) २८१ २८१ २८१ श्री संघवी पाडाना भंडारना जीर्ण, त्रुटक अने चोंटेला ताडपत्रीय ग्रथोना नाम [२७८ ] गायकवाडी पेटीनो पुस्तक |ग्रंथनु नाम पासख्या | भाषा रचना। ग्रथकर्ता लेखन- नंबर चालनबर सख्या सख्या संवत् सवत् ४५ (८) सूक्ष्मविचारसारप्रकरण ९०-१०१ प्रा. जिनवल्लभगणि गा.१५३ ७७ ४५ (९) आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण १०१-१०७ जिनवल्लभगणि गा.८६ ৩৩ ४५ (१०) जीवदयाप्रकरण १०७-११४ प्रा. गा. १११ ওও ४५ (११) विवेकमजरी ११४-१२५ आसड गा १४४ ওও (१२) प्रवचनसदोह १२५-१४६ योगशास्त्र ४ प्रकरण १७६-१८९ प्रा. हेमचन्द्राचार्य सम्यक्त्वप्रकरण १७६-१८९ २८१ सग्रहणी ४७-८१ प्रा. गा. ५२७ २८१ भक्तपरिज्ञाप्रकरण २८१ (३) आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण १२०-१२४ प्रा. जिनवल्लभगणि महादंडप्रकरणादि १२४-१४८ प्रा. उपदेशमाला १५०-१८१ ऋषिमडल तथा चउसरण १८८-२०३ २८१ आतुर प्रत्याख्यान २०३-२१९ २८१ (८) पिडविशुद्धि १९१-१९६ __प्रा. जिनवल्लभगणि आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण १८२-१८८ प्रा. जिनवल्लभगणि २८१ (१०) कर्मस्तव १८८-१९१ गा. ५७ (११) कर्मस्तवभाष्य १९१-१९६ प्रा. महेद्रसूरि २८१ कर्मस्तवभाष्य १९६-१९७ गा. ३३ (१३) कर्मविपाकादि भक्तपरिज्ञापर्यंत १९७-२२७ ४६ (१४) भावनाप्रकरण १-१२ स्थविरावली श्री पार्श्वनाथचरित्र" २७४ भावदेवसूरि ६४०० १३७९ २८० ४८ (२) नळदमयती २७५-३२७ गा. ९६३ २८० ब्रह्मदत्तचरित्र ३ शलाका३२७-३५९ स. ६०० ९ मुं पर्व २८० ४८ (४) ऋषिदत्ताकथा" २३८-२६१ सं. गा. ४५१ १. अपूर्ण. २. आदिना पत्र नथी. ३. त्रुटक प्रकरणो छे. वचमा आदि, अत नथी. ४. आदि-अत नथी. ५. त्रुटक छे. ६. त्रुटक-अपूर्ण ७.त्रुटक-अपूर्ण.८. त्रुटक-अपूर्ण छे.९. अपूर्ण.१०. अपूर्ण ११. देखावमा सारा छे पण त्रुटक छे. चोटेला घसायेला तेथी निरपयोगी छे. १२. वचमा पाना घसायेला छे. १३. वचमा पाना चोटेला छे-कोईक टूटेला छे-छेल्लाना बे ककडा छे १४. केटलाक पाना बगडेला छे. पत्र २५९मुनथी. २८१ प्रा. गा.७० २८१ (१२) २८१ २८१ (१५) २ २८१ २८० ४७ (१) चटक छे. ६. अटक-अपूर्ण ७. घटक आपूर्ण 2 लटक-आपूर्ण छे.. Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [२७२ ] लेखन रचनासवत् सख्या सवत् । प्रा. (३) १२४८ २५५ (६) २५५ २५५ (८) प्रा. २५५ श्री सघवी पाडाना भडारना जीर्ण, त्रुटक अने चोंटेला ताडपत्रीय ग्रथोना नाम गायकवाडी पेटीनो पुस्तक अथर्नु नाम पासंख्या | भाषा ग्रंथकर्ता श्लोकनबर चालनबर | संख्या २८०४८ (५) चारुदत्ता विगैरेनी कथाआना २९१-२९७ प्रा. त्रुटक पत्रो छे. २५५ उपदेशमाला १-४८ प्रा. धर्मदासगणि गा. ५४४ २५५ ४९ (२) पिंडविशुद्धि ४९-५८ धर्मदासगणि गा. १०४ २५५ विवेकमजरी ५७-६९ आसड गा. १४४ २५५ क्षेत्रसमास (जंबूद्वीप प्रकरण) ७०-७७ स्थविरावली ७७-८१ प्रवज्याविधान ८१०८४ गा. ३१ आराधनाकुलक ८४-८९ प्रा. सोमसूरि गा ६९ २५५ शीलोपदेशमाला ९०-१०० जयकीर्ति गा. ११५ आवकदिनकृत्य १००-१२५ गा.३४४ २५५ (१० गौतमपृच्छा १२५-१२९ गा. ५४ २५५ (११) बृहत् चउसरण १२९-१३५ गा. ६३ २५५ ४९ (१२) धर्मोपदेशमाला १३५-१४४ प्रा. गा. १०३ ४९ (१३) महावीरस्तोत्र १४३-१४४ प्रा. गा. २२ २५५ ४९ (१४) पुष्पमाला १४५-१८६ प्रा मलधारी हेमचन्द्र गा. ५०५ ४९ (१५) भवभावना ४३-८५ प्रा हेमचन्द्राचार्य । गा. ५३१ ५० (१) नवपदप्रकरणवृत्ति (श्रावकानन्दि) २०८ प्रा.स. मू. देवभद्रसूरि, टी कुलचन्द्र २ . कर्मविपाकादि ३९ प्रा. १३० ५१ (१) सिद्धहेमबृहद्वृत्ति (तद्धितपाद चारनी) १७५ स हेमचन्द्राचार्य ३०९ ५२ (१) सूक्त १-२० ३०९ ५२ (२) योगकल्पद्रुम २०-२६ गा. ६४ ३०९ ५२ (३) सूक्ति त्रुटक १-८७ ३०९ सूक्त समुञ्चय ९८-१३७ प्रा विबुधचन्द्र गा. ४२१ ३०९ ५२ (५) विवेककलिका १३८-१६० प्रा. नद्रप्रभ ३०९ ५२ (६) सूक्तमाला १६१-१६२ प्रा. नरेद्रप्रभ ३०९ ५२ (७) सामाचारी प्रा. प्रा. २५५ २५५ ५० (२) १. बगडेला-जीर्ण, पहेला ४ पत्र नथी. २. अपूर्ण ३. चोटेली, जीर्ण, लिपिकृत, हेमकीर्ति ४. जीर्ण, त्रुटक ने नकामी ५. पत्र ३-४-५-६-७-१६ नथी ६. वचमा घणा पत्रो नथी. ७. पचमा घणा पत्रो नथी ८. १३८-१३९-१४१ पत्रो नथी, ९. अपूर्ण. १०. ठेकाणु नथी त्रुटक पत्रो छे Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २८० ] श्री संघवी पाडाना भडारना जीर्ण, त्रटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रंथोना नाम ग्रथनु नाम पत्रसंख्या भाषा ग्रथकर्ता रचना श्लोकसख्या लेखनसवत् सवत् गायकवाडी पेटीनो | पुस्तक नंबर चालुनबर सख्या ४९(२-३-४) ५३ (२) ४९(२-३-४) ५३ (२) भद्रबाहुस्वामी १३८४ १-७० ७०-१४० प्रा. प्रा. १२९६ बे नंबरोमां थईने २३५० सख्या १३८४ १३८४ प्रा. पृथ्वीचन्द्रसूरि १४१-१८१ १-२०९ १६३ १-१० गा ३३ गा. ४१ गा. ४२ प्रा. ४९(२-३-४) ५३ (३) १६३ ५४ (१) १६३ ५४ (२) ५४ (३) १६३ ५४ (४) २४७ २४७ (२) ३४(१) २४२ (२) २४२ २४२ जयसिहसूरि कल्पसूत्र कल्पनियुक्ति काइक बीजु ने' कालिकाचार्यकथा पर्युषणाकल्पटीप्पन आवश्यकनियुक्ति परिग्रहप्रमाण परिग्रहप्रमाण परिग्रहप्रमाण हैमलघुवृत्ति चतुष्क अवचूरि हेमलघुवृत्ति आख्यात श्राद्धप्रतिक्रमणवृत्ति श्रावक बार व्रत ग्रहण त्रिषष्टि ध्यानकुलक चउद्दसगकुलक पचमहावतादि उपर परचुरण पानां ठेकाणा वगरना मलयगिरिव्याकरण तथा परचुरण पत्र योगशास्त्रविवरण प्रतिष्ठाविधि" प्रवचनसदोह-पंचसूत्रादि" न्यायकंदली टीका उणादिवृत्ति वीतरागस्तव श्रावकनां १२ व्रतो परिकथाओ" योगशास्त्रातर्गत श्लोक कातत्रपजिका ८० १-६ १-२ २-३ स प्रा. प्रा प्रा. प्रा.स. गा. ३७ गा ४० (४) मलयगिरि १८१ ५८ (१) १८१ (२) १८१५८ २६८(६) ५९ (१) ७०(८) ५९ २१३(३-४) ६० (१) २१३(३-४) ६० (२) ११७६१ २६३ ६२ (१) २६२(२) १७५ (२) श्रीधर स. सं. प्रा.सं प्रा. स. सं. सं. ४९ १५ २-९६ १६९ १-७६ १-२२ १५९ ६३ १६५ हेमचन्द्राचार्य १२३१ ३५००थी वधारे सं. स. हेमचन्द्राचार्य त्रिलोकचनदास १. त्रुटक-अति जीर्ण, २. त्रुटक-अति जीर्ण ३. त्रुटक-अति जीणं...अपूर्ण-त्रुटक. ५. अव्यवस्थित छे.६ जीर्ण ७. जीर्ण.८.८०थी पण वधारे छे पण त्रुटक छे ने अपूर्ण ९. आ चार नबर सिवाय घणा विषयोना पत्रो ताडना तथा कागळनां छे. ते बधा त्रुटक विषयो छे. पत्रो ६० थी वधारे छे. १०. अपूर्ण-त्रुटक. ११. जीर्ण १२. त्रुटक-नकामी-जीर्ण. १३. त्रुटक-नकामी-जीर्ण १४. जीर्ण काईक काईक त्रुटक १५. अपूर्ण-त्रुटक. १६. त्रुटक. १७. त्रुटक Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नगर गायकवाडी पेटीनो पुस्तक चालनंबर सरख्या २५७(२) ६३ (१) ७६ ६४ (१) ७६ ६४ (२) ७६ ६४ (३) ७६ ६४ (४) ७६ ६४ (५) ८२ ६५ (१) ८२ (२) ८२ (३) (४) (4) (६) (७) (८) (९) (१०) ६५ (११) ६५ (१२) ६५ (१३) ६५ ८२ ६५ ~~~ ~~~ ~ ~ ~ ~ ८२ ८२ ८२ ८२ ८२ ८२ ८२ २ ८२ 555555555555555 १४७ २९६ २९६ ४९(१) ८७ (१ने ३) ६५ 토토 ६८ ६९ ८७ (१ने ३) ६९ ७१(१) ७० (१) (१) (२) (१) (१) (२) (१) श्री संपवी पाडाना भडारना जीर्ण, त्रुटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रंथोना नाम ग्रंथ नाम फासंख्या भाषा ग्रंथकर्ता दमयतीकथाविवरण भवभावना २ पचाशक १९ पाक्षिक सूत्र धर्मोत्तरसूत्र लघु धर्मोत्तरटीका (न्यायबिंदु) चउसरणप्रकरण आउरपञ्चक्खाण भक्तपरिज्ञा सथाराप्रकीर्णक तंदुलवेयालिय चन्दाविज्झय देवेद्रस्तव गणिविज्ञा महापञ्चक्रवाण वीरस्तव अजीवकल्प गच्छाचार भरणसमाधि ७ शिशुपालवध सामाचारी - योगविद्यादि ९ वीतरागस्तव १० कल्पसूत्र ज्योतिष्करंडक' १२ कथाकोश व्याख्यासहित सटीक सामाचारी १३ १६२ ६९ ६९, १५८ १६ ११४ १३० २२२ ३-१६९ २- ३०७ (१०९-२९३) स. स. प्रा. प्रा. प्रा प्रा. प्रा. प्रा. प्रा. प्रा. प्रा. प्रा. प्रा. प्रा. प्रा. प्रा प्रा. प्रा स प्रास. स. प्रा. स. १९५-२४६ प्रा.स सं. १११ चंडपाल - श्रावक मलधारी हेमचन्द्र हरिभद्रसूरि धर्मकीर्ति धर्मकीर्ति वीरभद्र माघकवि हेमचन्द्राचार्य भद्रबाहुस्वामि मलयगिरि श्लोक संख्या १९०० गा. ६१ गा. ९४ गा. १७१ गा. १२२ गा. ३४५ गा. १७४ गा. ३८० गा. ८५ गा. १४३ गा. ४३ गा. ४४ गा. १३८ गा. ६५२ कुल एकंदरे प्र. २९५२ श्लो. १२१६ लेखन संवत् ११९१ ११९१ १२७४ १३३५ [ २८१ ] रचना संवत् १. नकामी २. नकामी ३ त्रुटक ४ नकामी. ५. नकामी ६. अति जीर्ण- त्रुटक ७. आ बधानी गाथा २३६२ छे ८ त्रुटक-चोटेली-नकामी. ९. त्रुटक - अपूर्ण १०. / त्रुटक-नकामु ११. त्रुटक ने अपूर्ण. १२. त्रुटक-अपूर्ण १३. त्रुटक-अपूर्ण. Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडीपेटीनो नंबर ३२४ ७१ २९२, २९२ २९९ ।।।। ३१५ ३१५ ३१५ ३१५ ३१५ ३१५ २६ २४८ २४८ पुस्तक चालनबर संख्या कु तु तु तुम तुम तुम ७२ ७२ ७३ (१) (१) सूक्तो कौटिल्य अर्थशास्त्र' () कौटिल्य अर्थशास्त्र टीका' (२) परचुरण पाना (१) संग्रहणी (२) शतक 2230 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 ७३ (३) ७३ (४) ७३ ७३ ७४ (१) (ल) (६) ७४ (२) ७४ (३) ७४ ७४ ७४ ७५ ७६ ७६ २४८ ७६ (३) (४) (4) (६) (१) (१) (२) श्री सघवी पाडाना भंडारना जीर्ण, त्रुटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रथोना नाम ग्रथनु नाम पत्रसंख्या ग्रथकर्ता २४८ ७६ (४) ७६ (4) २४८ २६७ ७७ (१) २६७ ७७ (२) २६७ ७७ (३) २६७ ७७ (४) क्षेत्रसमास प्रवचनसंदोह आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण कर्मस्तवभाष्य विगेरे प्रकरणो छे. अवंतीसुकुमारसंधि Y गिरनाररास संयममजरी उपदेशरसायन योगशास्त्र प्रकाश १२ मो वयरस्वामीचरित्र सिद्धहेमलघुवृत्तिअवचूरि दशवेकालिकसूत्र पाक्षिकसूत्र यतिप्रतिक्रमणसूत्र अजितशाति सुभद्राचरित्र शृंगारशतक न्यायावतारसूत्र काव्यप्रकाशसूत्र बे नाम वगरना ग्रथो ७८ ६४ १८ पत्रो कुल २३९ भाषा आशरे १२० स. स. सं. स. प्रा प्रा. प्रा. प्रा प्रा. प्रा १६- २४ अपभ्रश १-१२ अपभ्रश १३-१७ अपभ्रंश १-१७ अपभ्रश स १६ अपभ्रश सं १-५९ प्रा. ६०-८५ प्रा. ८५-९३ प्रा. ९४-१०० प्रा. १०१-१०९ अपभ्रश २८ स. १८-२१ स. १३ सं. जिनदत्त हेमचन्द्राचार्य श्लोक सरख्या कुल प्रथोनी १२७२ गा ८० लेखन सवत् [ २८२ ] रचना सवत् १. एक बाजुनी, क्रोरो खरी गई छे २. अधिकरण पहेलो ने बीजा अधिकरणना २ अध्याय सुधी ३. पत्र ५५ थी ६३ नथी. ४. २० पानु नथी. ५. अपूर्ण ६. वचमा पत्र गया छे ७. त्रुटक ८. १ सधि छे बीजीनो प्रारंभ १. त्रुटक-अपूर्ण जीर्ण १० त्रुटका - अव्यवस्थित Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [२८३ ] श्री संघवी पाडाना भडारना जीर्ण, त्रुटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रंथोना नाम | ग्रंथ नाम पासख्ख्या भाषा ग्रंथकर्ता लोक लेखन रचना गायकवाडी पेटीनो पुस्तक नकार चालनबर संख्या २७१ ७८ (१) संख्या संवत् संवत् १३४९ चंद्रमहत्तर ११८ ७९ ११८ ७९ २३७ ७९ ८६(१-८) ८० ८६(१-८) ८० ८६(१-८) ८० ८६(१-८) ८० ८६(१-८) ८० ८६(१-८) ८० ८६(१-८) ८० ८६(१-८) ८० ८६(१०) ८० (१) (२) (३) (१) (२) (३) (४) व दशवैकालिक-उत्तराध्यायन-भक्तपरिज्ञापिडविशुद्धि-सस्तारक समस्त पत्रांक प्रकीर्णक विगेरे प्रा. चैत्यवंदन चूर्णि' ७९ प्रत्याख्यान चूर्णि' प्रा. विजयचन्द्रकेवली चरित्र-सक्षेप ६-७९ दृढप्रहारीकथा २-१५६ प्रा. खधककथा' बधा ग्रंथोना २-१५६ प्रा. आर्यमंगु सागरचन्द्रकथा दत्तकथानक वसुतेजकथा अमृताष्टमीकथा नागकेतुकथा अलकारग्रंथ-बे पाना कोई जुदा जुदा ग्रंथना कोइ नाम वगरनो ग्रथ उपदेशमाला १-४४ धर्मोपदेशमाला ४६-६८ प्रा पचकल्याणप्रकरण" ६८-८१ प्रा. धर्मोपदेश ८१-८५ अपभ्रश गौतमपृच्छा ८५-८९ प्रा. मूलशुद्धिप्रकरण' ९०-१५७ शालिभद्रचरित्र १४७-१७३ प्रा सुबाहुचरित्र , १७४-१९८ प्रा. विषमदंडिका १९८-२०७ प्रा. जबूद्वीपसंग्रहणी २०७-२१० प्रा. । १९, १२९ ८६(१०) (2) -१५० प्रा. गा. १०० ८१ ८१ (२) (३) (४) ง ง ง ง ง งงง गा. ५५ (६) (७) ८१ ८१ ८१ (८) (९) (१०) ८५ १. चोंटेली-नकामी. २. अव्यवस्थित-ट्रकडा-नकामी. ३. चोटेली-फाटेली. ४. अपूर्ण-त्रुटक ५. वचमा घणा पाना नथी. ६. बधामा त्रुटक जेवु छे. ७. वचमा त्रुटक छे.८. वचमा घणा पत्रो नथी ९. नकामी, १०.४५मु पत्र नथी ११.६९ थी ८० पत्र नथी. १२. ११६ थी १२३ ने १२५-१५६ पत्रो नथी १३. आदिना २५ श्लोक नथी Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २८४ लेखन रचनासवत् संवत् २३६ ง ३०१ श्री संघवी पाडाना भडारना जीर्ण, त्रटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रंथोना नाम गायकवाडी पेटीनो पुस्तक ग्रथनु नाम पत्रसख्या | भाषा | | ग्रथकर्ता श्लोकपर चालनबर | सख्या सख्या १३६ ८२ (१) उपदेशमाला १-७९ प्रा. गा. ५४३ १३६ (२) धर्मोपदेशमाला ८०-९४ प्रा गा. १०१ १३६ मूलशुद्धिप्रकरण ९४-१२७ प्रा प्रद्युम्नसूरि गा. २१४ १३६ ८२ (४) कल्याणकप्रकरण १२८-१३१ प्रा. २८९ सिद्धहेमलघुवृत्ति अवचूरि' २०१ स हेमचन्द्राचार्य प्रवचनसारोद्धार २०७ प्रा ३०१ उपदेशमाला कुल प्रा गा. ५४१ बधाना पत्रो प्रतिक्रमण २१२ प्रा ३०१ दशवैकालिक शय्यंभवसूरि ३०१ (४) पिडविशुद्धि जिनवल्लभगणि ३०१ अजितशाति ३०१ चैत्यवंदनभाष्य देवेद्रसूरि जबूद्वीपसमास ३०१ (८) योगशास्त्र ४ प्रकाश हेमचन्द्राचार्य ३०१ भयहरस्तोत्र ३०१ शीलकुलक ३०१ (११) शाश्वताशाश्वत चैत्य स्तवन सिद्धसेनसूरि ३०१ (१२) वीतरागस्तोत्र हेमचन्द्राचार्य बृहत् चतु शरण ३०१ भक्तपरिज्ञा ३०१ सस्तारकप्रकीर्णक (१६) ऋषिमडल ३०१ ८५ (१७) ओघनियुक्ति ३०१ ८५ (१८) दिनकृत्य ३०१ ८५ (१९) समवसरणप्रकरण आ बधाना समस्त पत्रो प्रा. धर्मघोषसूरि १थी २४ ३०१ ८५ (२०) ऋषभ पचाशिका प्रा. गा.५० १. आ त्रणे ग्रथना अक्षरो घसाईने बगडेला छे. छेवटे त्रुटक छे २. त्रुटक छे ३. चोटेली-नकामी ४. जीर्ण-त्रुटक, चोंटेलु-नकामु ५. त्रुटक ३०१ ง ง ง ง ง ง ง ง ง ง ง ง ง ง งง (१०) ३०१ (१३) (१४) ३०१ आज Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २८५ ] श्री संघवी पाडाना भंडारना जीर्ण त्रुटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रंथोना नाम ग्रथनु नाम । भाषा पत्रसख्या | भाषा ग्रथकर्ता रचना लेखनसंवत् संख्या सवत् धर्मकीर्ति ३०१ गायकवाडी पेटीनो पुस्तक नवर चालनबर सख्या ३०१ ८५ (२१) ३०१ ८५ (२२) (२३) ३०१ ८५ (२४) ३०१ (२५) ३०१ (२६) ३०१ २७) ३०१ गा. १५ गा.९ गा. ३९ । गा.२४ गा. ३७ गा.४ गा. २७ गा.४ गा.७ जिनवल्लभसूरि सोमप्रभ हरिभद्रसूरि (२८) संसार (२९) (३०) देवेद्रसूरि ८६ (२) प्रा. प्रा. १३६९ १३६९ ८६ (४) श्री पार्श्वजिनदशभव स्तवन श्री ऋषभस्तवन शत्रुजय कल्प शाश्वतजिनस्तवन विज्ञप्तिका श्री शांतिनाथस्तुति चतुर्विशतितीर्थंकरस्तुति संसारदावा (वीर स्तुति) नेमिराजीमती नवभव संबध स्तवन परचुरण पाना जुदा जुदा बे ग्रंथनाचैत्यवंदनादि भाष्य १-११ श्राद्धदिनकृत्य ११-४६ वडी आराधना स्तोत्रो न ४ थी १७ सुधीना कुल ६७ थी १२० सुधी छे. गुरुवंदनकभाष्य माला आदिनाथ शत्रुजयकल्प सुगरिठ्ठ गिरनारकल्प शाश्वतचैत्यस्तोत्र नवकारस्तोत्र कालसत्तरि ऋषभपचाशिका अजितशांतिस्तव सुअधम्म समवसरण कल्याणक प्रा.सं. (५) गा. २४ गा ३९ गा. १६ ८६ (८) (८) (१०) (११) ८६ (१२) ८६ (१३) ८६ (१४) ७८ . ८६ (१५) ८६ (१६) ७८ ८६ (१७) १. अस्तव्यस्त छे गा ३२ गा. ३४ गा. ७४ गा. ५० गा. ४२ गा. १० गा २४ गा. २० अपभ्रंश Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ T श्री सघवी पाडाना भडारना जीर्ण त्रुटक अने चोंटेला ताडपत्रीय ग्रंथोना नाम अथर्नु नाम पासख्या | भाषा ग्रथकर्ता पसख्या | भाषा । अथकर्ता गायकवाडी पेटीनो पुस्तक नंबर चालनंबर सख्या | श्लोकसंख्या [ २८६ ] रचनासंवत् । लोक- लखन-1 मलधारी श्री चन्द्रसरि गा. २७३ प्रा प्रा प्रा. प्रासं. स. श्लो. ४८२ हरिभद्रसूरि सुराचार्य (२) १२८३ ३०० ७८ - ८६' (१८) सग्रहणी १२१-१५२ १५१ ८७ (१) कल्पसूत्र ९७ १५१ . ८७ (२) कालकाचार्य कथा ९७ ८८. (१) घणा ग्रंथोना त्रुटक पत्रो ४७(२) ललितविस्तरा चैत्यवदनटीका १२ ३०० दानादिप्रकरण ३०० (३) । सुकोशलकथा ३८ थी ६७ (४) विपाकसूत्र ३२० __अनेक ग्रंथना त्रुटक पानां ३२२ (१) आवश्यकनियुक्ति वगेरे ग्रंथोनां त्रुटक पत्र ३२३ (१) अनेक ग्रथोना त्रुटक पत्रो ३०४ (१) पर्युषणाकल्पटिप्पण-कल्पसूत्र-उत्तराध्ययन वि.ना. त्रुटक पत्रो कल्पसूत्र विगेरे त्रुटक ग्रंथो" २९३ ९५ (१) अनेक ग्रंथना परचुरण त्रुटक पानां" ३२१ ९६ (१) अनेक ग्रंथनां परचुरण त्रुटक पाना' ९७ (१) अनेक ग्रंथनां परचुरण त्रुटक पाना सं. प्रा प्रा.स २८४ 18 १. वचमा कोईक पत्र त्रुटक छे. २. कागळमा-जीर्ण ३. नकामी. ४.त्रुटक.५.त्रुटक-अव्यवस्थित.६. त्रुटक-अव्यवस्थित.७.त्रुटक-अव्यवस्थित ८.त्रुटक-अव्यवस्थित ९. जीर्ण-अव्यवस्थित. १०. जीर्ण-त्रुटक-अव्यवस्थित. ११. जीर्ण-त्रुटक-अव्यवस्थित १२. जीर्ण-त्रुटक-अव्यवस्थित. १३. जीर्ण-त्रुटक-अव्यवस्थित. १४. गायकवाडी सचिपत्रमा योगशास्त्र (सविवरण) ए प्रमाणे नाम छे. (पत्र-३६५) Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २८७ ] ।। श्री शवेश्वरपार्श्वनाथाय नमः ।। श्री संघवी पाडाना भडारना जीर्ण तटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | ग्रथनु नाम चालनबर | सख्या गायकवाडी नबर पेटीनो | पुस्तक | ग्रथनु नाम चालनबर | सख्या ६० ३६२ २४८ ३०१ ७६ ८५ २१३(३-४) ३९८७ ३९८७ ३९८७ ८२ ३२१ ३६३ ३९८ ३२१ २९३ ३८६ २५५ ३२० ३२३ १११ ८६(१-८) ८६(१०) ३१५ ८२ २८१ (२) अतगडदशागादिविपाकपर्यंतवृत्ति (४) अजितशाति (५) अजितशाति (१४) अजितशातिस्तव (११) अजीवकल्प अनेक ग्रथना परचुरण त्रुटक पाना (१) अनेक ग्रथना परचुरण त्रुटक पाना अनेक ग्रंथना परचुरण त्रुटक पाना (१) अनेक ग्रथना त्रुटक पाना (१) अनेक ग्रथोनां त्रुटक पत्रो (१) अभिधानचिंतामणीनाममाला टीका (७) अमृताष्टमीकथा (१) अलंकारग्रथ-बे पाना कोइ जुदा जुदा ग्रथना (१) अवतीसुकुमारसंधि (२) आउरपञ्चक्रवाण आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण (५) आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण (९) आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण (१) आचारागवृत्ति . (१) आचारांगवृत्ति (७) आतुर प्रत्याख्यान (७) आराधनाकुलक (३) आर्यमगु (१) आवश्यकनियुक्ति आवश्यकनियुक्ति (१) आवश्यकनियुक्ति वगेरे ग्रथोना त्रुटक पत्र (१) आवश्यकनियुक्तिवृत्ति ८५ ३०१ २८१ १३६ ३४२ ३८८ (१) उणादिवृत्ति (३) उत्तराध्ययन चूर्णि (२) उत्तराध्ययननियुक्ति (४) उत्तराध्ययन बहुश्रुत अध्ययनथी वृत्ति द्वितीय खंड (१) उत्तराध्ययन सुखबोधावृत्ति (१) उत्तराध्ययनसूत्र (१) उत्तराध्ययन सूत्र तथा टीका (१) उपदेशमाला (१) उपदेशमाला (१) उपदेशमाला (५) उपदेशमाला (१) उपदेशमाला (१) उपदेशमालालघुवृत्ति (१) उपदेशमालावृत्ति कर्णिका उपदेशरसायन (१) उपासकदशाग-अतगडदशांग अनुत्तरोववाइय-प्रश्नव्याकरण-विपाक (१३) ऋषभपचाशिका (२०) ऋषभ पंचाशिका (४) ऋषिदत्ताकथा (१६) ऋषिमडल (६) ऋषिमडल तथा चउसरण (१७) ओघनियुक्ति (२) औपपातिकवृत्ति (१) औपपातिकसूत्र (२) कथाकोश व्याख्यासहित सटीक (५) कर्मविपाक ३१५ (३) ३६२ ३०१ २८० ३०१ ४०० २८१ २५५ ८६(१-८) १६३ ६८ ३२२ ३७७ (१) २८१ ३०१ ३४८ ३४८ ८७(श्ने ३) ७७ ९१ २५ १३ ६९ ४५ Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३२५ २८१ ८७ श्री सघवी पाडाना भंडारना जीर्ण, तुटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम [२८८ ] गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | ग्रथनु नाम गायकवाडी । पेटीनो | पुस्तक | ग्रथनु नाम 'नवर चालुनबर | सख्या चालुनबर | सख्या ५० (२) कर्मविपाकादि ८२ ६५ (१२) गच्छाचार २८१ (१३) कर्मविपाकादि भक्तपरिज्ञापर्यंत (८) गणिविजा (४) कर्मस्तव (८) गिरनारकल्प (१०) कर्मस्तव (२) गिरनाररास २८१ ४ ६ (११) कर्मस्तवभाष्य (५) गुरुवदनकभाष्य २८१ ४६ (१२) (१२) कर्मस्तवभाष्य गौतमपृच्छा (६) कर्मस्तवभाष्य विगेरे प्रकरणो छे (१०) गौतमपृच्छा ४९(२-३-४) ५३ (२) कल्पनियुक्ति काइक बीजु ने (१) घणा ग्रंथोना त्रुटक पत्रो कालिकाचार्यकथा २४२ (३) चउद्दसगकुलक ३२७१४ (१) कल्पभाष्य अपूर्ण ८२ (१) चउसरणप्रकरण ४९(१) कल्पसूत्र (२७) चतुर्विशतितीर्थंकरस्तुति ३३ (१) कल्पसूत्र (६) चन्दाविज्झय १५१ (१) कल्पसूत्र २८० (५) चारुदत्ता विगेरेनी कथाओना त्रुटक पत्रो छे. ४९(२-३-४) (२) कल्पसूत्र ११८ (१) चैत्यवदन चूर्णि ३१२ (१) कल्पसूत्र ३०१ चैत्यवंदनभाष्य २८४ (१) कल्पसूत्र विगेरे त्रुटक ग्रथो (१) चैत्यवदनादि भाष्य ७८ (१७) कल्याणक ८५ (१०) जबूद्वीपसंग्रहणी १३६ ८२ (४) कल्याणकप्रकरण (७) जबूद्वीपसमास २६२(२) १७५ (२) कातत्रपजिका १०) जीवदयाप्रकरण १५१ (२) कालकाचार्य कथा ८७(१ने ३) (१) ज्योतिष्करडक ७८ (१२) कालसत्तरि (३) ठाणागसूत्र आलापक ३१२ (२) कालिकाचार्यनी कथा ८२ ६५ (५) तदुलवेयालिय २९४ ३० (१) काव्यकल्पलताविवेक त्रुटित पत्र ५५ २४२ ५७ (२) त्रिषष्टि ध्यानकुलक ७७ (३) काव्यप्रकाशसूत्र ८६(१-८) दत्तकथानक ८६(१०) ८० (१) कोइ नाम वगरनो ग्रंथ २५७(२) ६३ (१) दमयतीकथाविवरण कौटिल्य अर्थशास्त्र ३०१ (३) दशवैकालिक २९२ कौटिल्य अर्थशास्त्र टीका २७१ ७८ (१) दशवैकालिक-उत्तराध्यायन७३ (३) क्षेत्रसमास भक्तपरिज्ञा-पिंडविशुद्धि-सस्तारक२५५ क्षेत्रसमास (जबूद्वीप प्रकरण) प्रकीर्णक विगेरे ८६(१-८) (२) खंधककथा ३८(१) ३४ (१) दशवैकालिकलघुवृत्ति ७७ २६७ २९२ Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [२८९ ] १६३ २४८ g g * २५५ १BE ८५ २५५ * * : ง श्री सपवी पाडाना भंडारना जीर्ण, तुटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम गायकवाडी - पेटीनो पुस्तक | अथर्नु नाम गायकवाडी | पेटीनो | पुस्तक | ग्रंथनु नाम चालनंबर | संख्या नंबर चालनबर | संख्या २४८ (१) दशवैकालिकसूत्र ५४ (४) परिग्रहप्रमाण २६५ (२) दशवैकालिकसूत्र १६३ (२) परिग्रहप्रमाण ३०० . (२) दानादिप्रकरण ४०१ २४ (१) परिशिष्ट पर्व ३०१ ८५ (१८) दिनकृत्य ३०४ (१) पर्युषणाकल्पटिप्पण-कल्पसूत्र८६(१-८) (१) दृढप्रहारीकथा उत्तराध्ययन वि.ना. त्रुटक पत्रो ८२ (७) देवेद्रस्तव ४९(२-३-४) (३) पर्युषणाकल्पटीप्पन ४१० धर्मविधिवृत्ति (२) पाक्षिकसूत्र ३७६ ६ (१) धर्मसंग्रहणीवृत्ति (३) पाक्षिक सूत्र (४) धर्मोत्तरसूत्र (२) पाक्षिकसूत्र ८५ (४) धर्मोपदेश २८१ (८) पिंडविशुद्धि (१२) धर्मोपदेशमाला २५५ (२) पिंडविशुद्धि (२) धर्मोपदेशमाला ३०१ (४) पिंडविशुद्धि (२) धर्मोपदेशमाला (१४) पुष्पमाला ८९ (१) धर्मोपदेशशत सटिक ३६१ (१) पुष्पमालावृत्ति ३२६ (१) नन्दीसूत्र ३८२ (१) पुष्पमालावृत्ति (२) नन्दीसूत्र टीका ३३५ प्रज्ञापनावृत्तिटिका २८० (२) नळदमयती ३०१ ८५ (२) प्रतिक्रमण ७८ (११) नवकारस्तोत्र १८१ ५८ (३) प्रतिष्ठाविधि २ (१) नवपदप्रकरणवृत्ति (श्रावकानन्दि) ११८ (२) प्रत्याख्यान चूर्णि ८६(१-८) ८० (८) नागकेतुकथा ७७ (१२) प्रवचनसदोह ३०१ (२९) नेमिराजीमती नवभव सबध स्तवन (४) प्रवचनसदोह ७०(८) न्यायकंदली टीका २६८(६) (१) प्रवचनसदोह-पचसूत्रादि २६७ (२) न्यायावतारसूत्र २३६ (१) प्रवचनसारोद्धार (३) पचकल्याणप्रकरण २६५ (१) प्रवचनसारोद्धार २४२ (४) पंचमहावतादि उपर परचुरण पानां ६३ (१) प्रवचनसारोद्धारवत्ति खड ३जो ठेकाणां वगरना (६) प्रव्रज्याविधान (२) पंचाशक १९ ३५७(२) (१) प्राकृतस्याश्रयकाव्यवृत्ति २९९ (२) परचुरण पाना २२२ (१) बारवतोपरिकथा (३०) परचुरण पाना जुदा जुदा बे ग्रथना (११) बृहत् चउसरण १६३ . (३) परिग्रहप्रमाण ३०१ (१३) बृहत् चतुःशरण ३२६ (२) ८५ २५५ ३०१ २५५ Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गायकवाडी नमर २६७ २८० ८२ २०१ २८१ ४०९ ३०१ ७६ २५५ २८१ ८२ १८१ २८१ ८२ २५५ ७८ ८५ १३६ ७७ २४८ ३०९ ७७ ३०१ ३१५ १८१ रदर १५० ३४८ ३४८ ७६ पेटीनो चालुनगर दूर्च है के ले र्त तु ले ने जो त ढ ७७ ४८ ६५ ८५ ४६ ८५ ६४ ४९ ४६ ५८ ४६ ६५ ४९ (१४) ६५ (१३) (१) (४) (९) (१३) (६) (६) (३) (३) (३) (२) (१३) (2) ८६ ८१ ८२ ४५ ७६ ५८ ६२ ६४ श्री सघवी पाडाना भडारना जीर्ण, तुटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम ग्रथनु नाम गायकवाडी नवर ४७ (२) ७८ ३१५ १५० ८६ (१-८) पुस्तक सख्या (४) (३) (३) (१४) (२) (१) (९) (५) (२) (१) (२) (४) (३) (५) बे नाम वगरना ग्रथो ब्रह्मदत्तचरित्र ६३ शलाका ९ मु पर्व भक्तपरिशा भक्तपरिज्ञा भक्तपरिज्ञाप्रकरण भगवती सूत्र भयहरस्तोत्र भवभावना भवभावना भावनाप्रकरण मरणसमाधि मलयगिरिव्याकरण तथा परचुरण पत्र महादडप्रकरणादि महापञ्चक्खाण महावीरस्तोत्र माला आदिनाथ (म ?) मूलशुद्धिप्रकरण मूलशुद्धिप्रकरण यतिप्रतिक्रमण सूत्र यतिप्रतिक्रमणसूत्र योगकल्पद्रुम योगशास्त्र ४ प्रकरण योगशास्त्र ४ प्रकाश योगशास्त्र प्रकाश १२ मो योगशास्त्रविवरण योगशास्त्रातर्गत श्लोक योगसार रायपसेणीयवृत्ति रायपणीयसूत्र लघु धर्मोत्तरटीका (न्यायबिदु) २३७ ३०१ ३०० ३०९ २५५ ७७ ३९३ ८५ २९६ २१३(३-४) ३०१ ८२ ७७ ३०१ ७८ ९६ ३६८ ८५ ७८ ३०१ ३०१ । १४७ पेटीनो पुस्तक ग्रथनु नाम सरख्या चालुनचर ८९ ≈ 4 5 ≈ 3 5 5 % 7 % 5 ~ ≈ & ů J & 5 3 5 w ♡ ↓ ८६ ८० ७९ ८५ ८९ ५२ ४५ ८१ ६७ ८५ ६५ ४५ ७३ ८५ ८६ १८ ८५ ८५ र है ए हो से तो ये । (११) (२५) विज्ञप्तिका विपाकसूत्र विवेककलिका विवेकमजरी विवेकमजरी विशेषावश्यकवृत्ति द्वितीय खड विषमदडिका वीतरागस्तव वीतरागस्तव वीतरागस्तोत्र वीरस्तव (१२) (१०) ८१ (७) ८६ (१०) (२४) (११) (४) (१) (२३) ललितविस्तरा चैत्यवदनटीका वडी आराधना वयरस्वामीचरित्र वसतराज शाकुनिक शास्त्र वसुतेजकथा विजयचन्द्रकेवली चरित्र - सक्षेप [ ९० ] शतक शतक शत्रुजय कल्प शत्रुजयकल्प शब्दानुशासनबृहद्वृत्ति शातिनाचचरित्र प्रशस्तिना ३६ श्लोक छे ते लखी लेवाना के तेमा कुमारपालनु नाम आप्यु छे शालिभद्रचरित्र शाश्वतचैत्यस्तोत्र शाश्वतजिनस्तवन शाश्वताशाश्वत चैत्य स्तवन शास्त्रीय वाद स्थल शिशुपालवध Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ३०९ २९६ २०३ २६ २४२ 700 - २८० श्री संघवी पाडाना भंडारना जीर्ण, तुटक अने चोटेला ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम [ २९१ ] गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक अथर्नु नाम गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | ग्रंथर्नु नाम चालनबर | सख्या नंबर चालनबर | सख्या २८ (१) शिशुपालवधटीका (माघ काव्य) ८८ (१) । सामाचारी ३०१ (१०) शीलकुलक (७) सामाचारी २५५ ४९ (८). शीलोपदेशमाला (१) सामाचारी-योगविद्यादि ६७ २६७ (१) शृंगारशतक ११४ ३२ (१) सिद्धहेमबृहद्वृत्ति ७८ (२) श्राद्धदिनकृत्य (१) सिद्धहेमबहवत्ति तद्धित ७मो अध्याय ३४(१) (१) श्राद्धप्रतिक्रमणवृत्ति १३० (१) सिद्धहेमबृहद्वृत्ति (तद्धितपाद चारनी) २५५ ४९ (९) श्रावकदिनकृत्य (१) सिद्धहेमलघुवृत्तिअवचूरि ११७ ६१ (१) श्रावकना १२ वतो परिकथाओ २८९ (१) सिद्धहेमलघुवृत्ति अवचूरि ५७ (१) श्रावक बार व्रत ग्रहण (१५) सुअधम्म ३०१ (२२) श्री ऋषभस्तवन (३) सुकोशलकथा ३०१ (२१) श्री पार्श्वजिनदशभव स्तवन (८) सुगरिष्ठ (१) श्री पार्श्वनाथचरित्र ३४१ (१) सुदर्शनाचरित्र १०८ (१) श्री पार्श्वनाथचरित्र (८) सुबाहुचरित्र ४०१ - (२) श्री शातिनाथचरित्र २४८ (५) सुभद्राचरित्र (२६) श्री शातिनाथस्तुति (१) सुरसुदरीकथा (१) श्री सुपार्श्वनाथचरित्र ३०९ ५२. (१) सूक्त ७३ (१) सग्रहणी । ३०९ (६) सूक्तमाला (१८) सग्रहणी ३०९ (४) सूक्त समुञ्चय (१) सग्रहणी ३०९ (३) सूक्ति त्रुटक २८१ (१) सग्रहणी ३२४ ७१ (१) सूक्तो ६५ (४) सथाराप्रकीर्णक ও ४५ (८) सूक्ष्मविचारसारप्रकरण ३१५ (३) सयममजरी ३५४ १० (२) सूयगडांगनियुक्ति ३०१ (२८) संसारदावा,(वीर स्तुति) ३५४ (१) सूयगड़ागवृत्ति ३०१ (१५) सस्तारकप्रकीर्णक ३५४ (३) सूयगडागसूत्र (७) सत्तरि ७८ ८६ (४) स्तोत्रो (१६) समवसरण २८१ ४६ (१५) स्थविरावली (१९) समवसरणप्रकरण २५५ (५) स्थविरावली (१४) सम्यक्त्वप्रकरण ३२९ (१) स्थाणागवृत्ति (४) सागरचन्द्रकथा २४७ (२) हैमलघुवृत्ति आख्यात ) (१) सामाचारी २४७ ५५ (१) हैमलघुवृत्ति चतुष्क अवचूरि १०१ ७१ ३२५ ८२ २०१ .. Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Gms a २०८ १३५ ११९ २४५ पाटणना खेतरवसीय पाडाना भंडारना ताडपत्रीय प्रथोनी सूचि [२९२ ] गान पो. नं. नाम पत्र गा न पो न. नाम पत्र - २०, २१, २९, ३१, ३३, ३५, ४३, ४७, ४८, ५१ आ नबरना ग्रथो नथी ६८ २८(२) दशवैकालिकनियुक्ति ऋषभपंचाशिका कर्मविपाक १(१) कल्पसूत्र त्रुटक १२१ ३० ३० चद्रप्रभचरित्र ३०० रावणवहो त्रुटित ७८ ६० ३२(१) नवपदप्रकरण आदि १० ग्रथो १३३ कातन्त्रोत्तर ३२ ३२(२) उपदेशमाला, प्रतिक्रमणसूत्र, अजितशाति २(१) पूजाष्टक १५२ ३४(१) आरम्भसिद्धि, शब्दब्रह्मोल्लास,चउशरण उपदेशमाला, भवभावना, कर्मविपाक अपूर्ण १३४ ३४(२) नंदिसूत्र, मंगळगाथा, आवश्यकनियुक्ति गौतमस्वामी स्तुति १५६ ३४(३) बृहत्सग्रहणीगाथा श्रावकप्रतिक्रमणसूत्रादि गौतमन्यायसूत्रटीका अपूर्ण ११९ ३६ बृहत्सग्रहणी आदि १७ ग्रथो ३०९+५ उपदेशमालादि २१ ग्रथो २२२ त्रिशपुच. पर्व ७थी९ २९४ उपदेशमालादि ५४ ग्रंथो ३८(१) ___ ओघनियुक्ति, पिंडनियुक्ति महावीर चरित्र ३८(२) कम्मपयडीसग्रहणी न्यायप्रवेशपजिका हेमशब्दानुशासनबृहद्वृत्ति अ. १-२ ३५७ ३९ त्रिश.पुच. विमलसूरिविरचित कल्पसूत्र, कालकाचार्यकथा अपूर्ण १६५ ४०(१) किरातार्जुनीयम् सर्ग १७ जीर्ण १३५ गउडवहो १६८ ४१(१) ' कर्पूचरित, हास्यचूडामणि, त्रिपुरदाह, किरातार्जुनीय, १३७ उपदेशमालावृत्ति २४३ १ ४१(२) शतकचूर्णि - बृहत्सग्रहणी आदि १३ ग्रथो कर्मविपाकादि (प्राचीन) १७ ग्रंथो गृहस्थकुलकादि ३४ ग्रथो २९५ ५ ४४(१) प्रकीर्णत्रुटितग्रंथसग्रह (प्राचीन) १७ ग्रथो योगशास्त्रविवरण १६५ ३९(१) ४४(२) शास्त्रवार्तासमुच्चय आचारागसूत्र अने नियुक्ति १७१ ३९(२) ४४(३) दशवकालिकसूत्र योगशास्त्रविवरण स्वोपज्ञ ४५ ४५ लिगानुशासनविवरण, जीतकल्पवृत्ति त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र ३५३ ४६ शतकबृहद्भाष्य १७(१) दशवैकालिक अने पाक्षिकसूत्र ७५ ४९ काव्यप्रकाशसकेत १७(२) उपदेशमालादि ८ ग्रथो ५० बृहत्सग्रहणी आदि १९ ग्रंथो १९६ हैमशब्दानुशासन बृहद्वृत्ति '५२(१) आवश्यकनियुक्ति १७१ योगबिन्दुवृत्ति ३३१ ५२(२) समुद्रमथन रुक्मिणीहरण १८३ अनेकार्थसग्रहटीका . ५३(१) सूयगडागसूत्रनियुक्ति १४५ अनेकार्थसग्रह आदि २५ ग्रथो ३५३ ५३(२) मुग्धबोध व्याकरण २४(१) प्रवचनसारोद्धार १७४ ५४(१ वीतरागस्तव, अनतनाथस्तोत्र, स्तंभन२४(२) दशविध सामाचारी आदि ९ ग्रथो १४० ३,४,५) पार्श्वनाथस्तोत्र, न्यायग्रंथ २५ अनर्घराघवरहस्यादर्श २१७ ५४(२) हैमशब्दानुशासनलघुवृत्ति २३१ २६ वार्तिकवृत्ति । धातुपारायण पचागीउपासक-अतगड-अनुत्तर-प्रश्नव्या-विपाक २३८ आवश्यकनियुक्ति २१२ २८(१) जिनपूजादि उपदेश (रत्नचूडादि कथा) १७२ कल्पसूत्रमूल-कालकाचार्यकथा १७४ २५० २५१ १८३ १५ १२३ १५१ २२८ २८६ २६७ १३२ Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २९३ ] पत्र |गा. न. पो.नं ६५ ७३ २२ २५ २३ २२ १७१ ३४(१) १३३ १७१ ५२(१) ३२(२) २(२) २३८ १५२ २५१ १७(२) १७४ २४(१) २५० ३०९+५ १९६ ३८(१) ३८(२) ४१(१) ११९ पाटणना खेतरवसीय पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम नाम पत्र गा. नं. पो. न. नाम अनर्घराघवरहस्यादर्श २१७ ६२ १७(१) दशवैकालिक अने पाक्षिकसूत्र अनेकार्थसग्रह आदि २५ ग्रंथो ३५३ ६८ २८(२) दशवैकालिकनियुक्ति ऋषभपंचाशिका अनेकार्थसग्रहटीका २८६ कर्मविपाक आचारागसूत्र अने नियुक्ति ३९(२) ४४(३) दशवैकालिकसूत्र आरम्भसिद्धि, शब्दब्रह्मोल्लास चउशरण धातुपारायण आवश्यकनियुक्ति ३४(२) नदिसूत्र, मंगळगाथा, आवश्यकनियुक्ति आवश्यकनियुक्ति ३२(१) नवपदप्रकरण आदि १० ग्रथो उपदेशमाला, प्रतिक्रमणसूत्र, अजितशांति २७ पंचागीउपासक-अंतगड-अनुत्तरउपदेशमाला, भवभावना, कर्मविपाक अपूर्ण १३४ प्रश्नव्या-विपाक उपदेशमालादि २१ ग्रंथो २२२ २(१) पूजाष्टक उपदेशमालादि ५४ ग्रथो ४४(१) प्रकीर्णत्रुटितग्रथसग्रह (प्राचीन) १७ ग्रथो उपदेशमालादि ८ ग्रंथो १५१ प्रवचनसारोद्धार उपदेशमालावृत्ति २४३ बृहत्संग्रहणी आदि १३ ग्रंथो ओधनियुक्ति, पिडनियुक्ति १३५ ३६ बृहत्संग्रहणी आदि १७ ग्रंथो कम्मपयडीसग्रहणी न्यायप्रवेशपजिका बृहत्संग्रहणी आदि १९ ग्रथो कर्पूरचरित, हास्यचूडामणि, ३४(३) बृहत्संग्रहणीगाथा श्रावकप्रतिक्रमणसूत्रादि त्रिपुरदाह, किरातार्जुनीय महावीर चरित्र कर्मविपाकादि (प्राचीन) १७ ग्रथो ५३(२) मुग्धबोध व्याकरण कल्पसूत्र, कालकाचार्यकथा अपूर्ण योगबिन्दुवृत्ति कल्पसूत्र त्रुटक १२१ योगशास्त्रविवरण कल्पसूत्रमूल-कालकाचार्यकथा १७४ १५ योगशास्त्रविवरण स्वोपज्ञ कातन्त्रोत्तर रावणवहो त्रुटित काव्यप्रकाशसकेत २४४ लिगानुशासनविवरण, जीतकल्पवृत्ति किरातार्जुनीयम् सर्ग १७ जीर्ण १३५ २६ वार्तिकवृत्ति गउडवहो ५४(१,३,४,५) वीतरागस्तव, अनंतनाथस्तोत्र, स्तंभन गृहस्थकुलकादि ३४ ग्रथो पार्श्वनाथस्तोत्र, न्यायग्रथ गौतमन्यायसूत्रटीका अपूर्ण १ ४१(२) शतकचूर्णि गौतमस्वामी स्तुति १५६ ३५ ४६ शतकबृहद्भाष्य चंद्रप्रभचरित्र . ३०० (१) ४४(२) शास्त्रवार्तासमुञ्चय जिनपूजादि उपदेश (रत्नचूडादि कथा) १७२ ५२(२) समुद्रमथन रुक्मिणीहरण त्रिशपुच पर्व ७थी ९ २९४ सूयगडांगसूत्रनियुक्ति त्रिश पुच. विमलसूरिविरचित हैमशब्दानुशासनबृहद्वृत्ति त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र ३५३ हैमशब्दानुशासनबृहद्वृत्ति अ १-२ दशविध सामाचारी आदि ९ ग्रथो १४० २६ ५४(२) हैमशब्दानुशासनलघुवृत्ति २०८ १२ १६६ २५१ १६५ ९(१) १(१) ३३१ १६५ १८३ ७८ १(३) ३२ २६७ ४०(१) ९(२) २९५ ११९ १२३ ४७ २८(१) १८३ ३९ १६ २४(२) २२८ ३५७ २३१ Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [२९४ ] पाटणना खेतरवसीना पाडाना भंडारनी जे केटलीक पेटीओ केटलाक वर्षों पूर्वे चोराई गई छे तेमा जे ताडपत्रीय ग्रथो चोराई गया छे तेनी यादी अहीं आपवामां आवी छे. आ चोरायेला ग्रंथो जे कोइ पासे आव्या होय ते आ ग्रंथो पाटणना खेतरवसीना पाडाना भडारने पाछा सोपे अथवा पाटणना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरने अर्पण करे तेवी अमारी विनति छे. किमत लेवी हशे तो किंमत पण यथायोग्य आपवामां आवशे - पूज्यपाद गुरुदेव मुनिराजश्री भुवनविजयान्तेवासी मुनि जम्बूविजय पाटणना खेतरवसीय पाडाना भंडारना चोरायेला ताडपत्रीय ग्रथोनी सूचि गा. न. पोन. नाम पत्र कर्ता लेखनसवत स ज्ञानार्णव (योगप्रदीपाधिकार) २०७ शुभचन्द्र १२८४ (१) कर्मग्रन्थतुष्टय (चूर्णिसहित) (२) आवश्यकनियुक्ति १७१ (लेखक-मुनिचन्द्र) ११९८ (१) पञ्चाङ्गी २५२ (लेखक-कल्याणरत्नसूरि) १२५८ (२) आराधना (३) चउसरण १७६ 2280 हरिभद्र जिनभद्र (५) श्रावकधर्म (पञ्चाशक) (६) दरिसणसत्तरि (७) झाणसयय (ध्यानशतक) (८) धम्मोवग्गहकुलक (९) श्रावकविधि (१०) नवकारफल (११) धम्मरयणपगरण (१२)वीतरागस्तोत्र उपदेशमालाविवरण कादम्बरीशेष (उत्तरार्ध) हैमशब्दानुशासनबहइत्ति (आख्यात) उत्तराध्ययन ४७ (१) (१) कल्पसूत्र ४७ (१) (२) कालकाचार्यकथा ४७ (२) (२) वीतरागस्तोत्रविवरण ५१ (१) उपदेशमाला (२) योगशास्त्र (प्रकाश-४) शान्तिसूरि (लेखक-रत्नसिंह) वर्धमानाचार्य पुलिन्द्र १३०५ १२२७ १२८२ ४१३ १४८ ३६०-६२८ । २१६ १-८७ ८७-११२ १४२ १२९७ प्रभानन्द ६१ हेमचन्द्र Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गा. न. पो. न. नाम (३) स्थविरावली (४) चतुर्विंशतिस्तवनिर्युक्ति (५) वन्दनकनिर्युक्ति पाटणना खेतरवसीय पाडाना भडारना चोरायेला ताडपत्रीय प्रथोनी सूचि पत्र कर्ता (६) प्रतिक्रमणनिर्युक्ति (७) कायोत्सर्गनिर्युक्ति (८) प्रत्याख्याननिर्युक्ति (९) पिण्डविशुद्धि (१०) दशवैकालिक (अ० ४) (११) कर्मविपाक (१२) कर्मस्तव (१३) जीवविचार (१४) अजितशातिस्तव (१५) नवतत्त्वविचार (१६) नवतत्त्व (१७) प्रत्याख्यान (१८) सम्यक्त्वालाप (१९) रत्नत्रयी (२०) प्रव्रज्याविधान (२१) प्रश्नोत्तररत्नमाला (२२) धर्मलक्षण (२३) महादेवद्वात्रिशिका (२४) साधर्मिककुलक (२५) क्षेत्रसमास (२६) महर्षिकुलक (२७) गौतमपृच्छा (२८) आराधना (२९) चतु शरण (३०) जीवशिक्षाकुलक (३१) दुहामाई (३२) देववन्दन (३३) वन्दनक (३४) प्रत्याख्यान (३५) प्रतिक्रमण (३६) अतिचार ११०-११५ ११६ - १२० १२०-१२१ २१ ५ ७ १७०-१८० १८२-१९९ १९९-२१७ २१७-२२४ २२४-२२९ २२९-२३५ २३६- २४४ २४७-२४९ २४९ - २५१ २५१-२५२ २५२-२५७ २५७-२६० २६०-२६३ २६३-२६५ २६५-२६९ २६९-२७२ २७२-२७८ २७८-२८० २८३-२८७ २८८-२९६ २९७ - २९९ २९९-३०२ ३१०-३१४ ३१४-३२० ३२०-३२२ ३२२-३२६ ३२६-३३१ ३३१-३३६ लेखनसवत् [ २९५ ] Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२) ५०५ पाटणना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित सघभडार आदि भडारोना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि [ २२६] गा.न डानं. पोन नाम पनसख्या गान डान पोन नाम पत्रसख्या २७(१,२) १ (१) श्रीधर्मविधिप्रकरण वृत्तिसहित (वस्त्रे) ९२ ७ २२ (२२) विशेषावश्यकमहाभाष्य वृत्तिसह प्रथम खड" ३६३ २७४१,२) २ (२) आचारागसूत्रचूणिं अपूर्ण ७४ यी १५९ ३४ २३ (२३) विशेषावश्यकमहाभाष्य वत्तिसह प्रथम खड" ४५६ (१२,३) ३ (३) सूत्रकृतागसूत्रवृत्ति २९ (२४) पाकिसूत्रपत्ति आदि " ४५ ४ (४) भगवतीसत्रवृत्ति' ४ २५/२५ दशवकालिकरात्रवृत्ति सह" २४० ५० ५ (५) ज्ञाताधर्मकथाग सूत्र ३२ धी२७ २६ (२६) उत्तराध्ययनसूत्र पाईपटीकासहित" ४०१ ६ (६) पवागारबाटीका' ४८ थी २४० १३ २७(२७) उत्तगध्ययनसूत्र पाईप टीका" ३६८ ३६(१,२,३) ७ (७) अनुयोगद्वारसम' २८ (२८) उत्तराध्ययनसून सुरणपोधावत्तिसाहित" २८९ ८ (८) कल्पन ___ २९ (२९) उत्तराध्ययनसून सुरवयोधापत्तिसहित" २९२ ८१८) कल्पलपुभाष्य' ८११.२ (३०) पिनियुक्ति-आमनियति यतिसा" ९ (९) कल्पसूर्ण ३) उपदेशमाला वासहित २५२ १० (१०) कल्पपत्ति द्वितीय र " २२ (३२उपदेशमाला यात सा २८४ १११११। कल्पत्ति तनीय पट " २३13) मउपदेशमाला सटीक" ३२० २८१२ (१२ व्यवहारमाध्य-सहन" ४१३४} धमापदंशमाला सटीक" २४(१,२,३) १३ (१३) निशीगरबत्लाभाम" ३५ १३५/ उपदेशाला it Tr" २३३ ३१थी।) १४(१४) निशीपमनमाध्यता" १५ (१५/ आवश्यगवाणापरला 30 मोगरासोवियर १६, ११५) आवश्य पनि " ३२८ ८१८) आवश्यकता ५१) aarनाय " स (२01ोपनाम: ४२.श्म मा २८४ - - राम-TMAHESHdtu .nt Maitri .. मा - स-यपानाम4110२ ,Hunisiatithilia.ma-korea.TROr t -4.4taint Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३१ ४८ १२१ पाटणना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित सघभंडार आदि भंडारोना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि [२९७ ] गानं डा.न. पो.नं. नाम पत्रसंख्या गा.न डा.नं. पो.नं. नाम पत्रसंख्या ४१ ४४ (४४) महावीरस्वामीचरित्र ३४८ ६ (६५) पांडवचरित्र महाकाव्य" १८८ २०(५) ४५(४५) त्रिपष्टिशलाकापुरुषचरित्र ७-८-९ पर्व ३२१ ६० (६६) पांडवचरित्र महाकाव्य" २३१ ४६(४६) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र १० पर्व' २०३ ६१ (६७) उत्तराध्ययनसूत्र (कागळनी प्रत) ४७(४७) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र १० पर्व ४८ (४८) समराइञ्चकहा' ६१ (६८) उत्तराध्ययनसूत्र पाईय टीका" ४३ थी ४४७ ३५४ ४९ (४९) कुमारपालप्रतिबोध' २५५ ५६(७) ६१ (६९) जंबूद्वीपक्षेत्रसमास प्रकरण (कागळ) ५० (५०) अरिष्टनेमिचरित्र २३७ ६२ (७०) वासुपूज्यचरित्र महाकाव्य पद्य (कागळ) २२ ५१ (५१) योगशास्त्रस्वोपज्ञविवरण आदि अनेक ६२ (७१) हरिविक्रमचरित्र (कागळ)" ग्रथोना पानां" ६२ (७२) रघुवंशमहाकाव्य टिप्पणी सहित ५२ (५२) दमयति कथा चपू १३७ ५३ (५३) मल्लीनाथचरित्र महाकाव्य ३०० किचिदपूर्ण (कागळ) ५४ (५४) धर्मसार-मगावतीचरित्र (अपूर्ण) ५३ ६२ (७३) बृहत्क्षेत्रसमास प्रकरण ५४ (५४) त्रिपटिशलाकापुरुषचरित्र अष्टम पर्व ८७ सटीक द्वितीयरवड ५५ (५५) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र द्वितीय पर्व १२० ६५(१) ३ (७४) कल्पसूत्र, कालिकाचार्यकथा ११(१) ५६ (५६) उपदेशमालाप्रकरण दोघट्टीवृत्तिसह २४७ ७०(७) ५७ (५७) शातिनाथचरित्र महाकाव्य आदि ६४ (७५) कल्पसूत्रचूर्णि नियुक्ति । २०६थी २१२ ११(२) १७० ५८ (५८) उत्तराध्ययनसूत्र आदि" ६१४६,७) ६५ (७६) कल्पसूत्र सचित्र कालिकाचार्यकथा गद्य ११०+३३ ३०८ ५९ (५९) वजालग ६१(१,२) ६६ (७७) कल्पसूत्र टिप्पणी सहित ५९ (६०) कल्पसूत्र, कालिकाचार्यकथा, कालिकाचार्यकथा गद्य" १०७ दीपालीकाकल्प ६४(२,३) ६७ (७८) कल्पसूत्र कालिकाचार्यकथा गद्य-पद्य ५९ (६१) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र प्रथम पर्व ५९(२,३) ६७ (७९) कल्पसूत्र कालिकाचार्यकथा गद्य-पद्य १२० ऋषभदेवचरित्र ६५(३,४) ६८(८०) कल्पसूत्र कालिकाचार्यकथा पद्य ५९ (६२) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र महाकाव्य ६४(७,८) ६९ (८१) कल्पसूत्र कालिकाचार्यकथा पष्ठ पर्व कुथुनाथचरित्र" ५९ (६३) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र सप्तम पर्व लघुपर्युषणा कल्प १३९थी १५१ मुनिपतिचरित्र" ६८(२) (८२) कालिकाचार्यकथा गद्य (अपूर्ण) १०३थी १३१ ५९ (६४) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र ५७(१) ७१(८३) कल्पसूत्र" दशमपर्व महावीरचरित्र" ७१ (८४) कालिकाचार्यकथा १.क.-गुणवद्रसूरि २. क-हेमचंद्रसूरि थी १५१ अष्टम पर्व, १६२थी १९७ नवम पर्व, १९थी ३२१ सप्तम पर्व ३. क-हेमचद्राचार्य ४. क.-हेमचंद्राचार्य ५.क.-हरिभद्रसूरि ६. क.-सोमप्रभाचार्य ७क.-हेमचद्राचार्य ८ क.-त्रिविक्रम भट्ट ९. क.-विनयचद्रसूरि १०. अपूर्ण क.-देवप्रभाचार्य मलधारी ११. क.-हेमचद्राचार्य १२. मू-धर्मदासगणि, टी.-रलप्रभाचार्य १३. पर १६७ क.-अजीतप्रभसूरि १४. कालिकाचार्य कथाना फर्ता - भावदेवसरि कागळनी प्रत १५. कागळनी प्रतो १६ कल्पसूत्रना कर्ता - भद्रबाहुस्वामी कालिकाचार्यकथाना कर्ता - भावदेवसूरि कागळनी प्रत १७. क.-हेमचद्राचार्य (कागळ) १८. क-हेमचद्राचार्य (कागळ) १९. क.-हेमचंद्राचार्य (कागळ) २०. क.-हेमचद्राचार्य (कागळ) २१. क,-देवप्रभसरि मलधारी (कागळ) २२. क.-देवप्रभारि मलधारी (कागळ) २३. टी.-वादिवेताल शातिसूरि कागळनी प्रत) २४. क.-वर्धमानरूरि २५ क-जयतिलकसूरि आगमिक २६. क.-आचार्य मलयगिरि (कागळ) २७. पत्र ११९थी १४३ कालिकाचार्य कथा २८. क.-भद्रबाहुस्वामी २९. क.-विनयदरि ३०. क-भदवास्यामी १५२ १०३ ७ २१ Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ २९८ ] पाटणना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित सघभडार आदि भडारोना ताडपत्रीय प्रथोनी सूचि डा.नं पो.न. नाम पत्रसख्या गान डान पोन नाम गान पत्रसख्या १०७ ११ थी १९५ ५३+२९ ११२ ११२ ३३८ ९२ ६३(१) ७२ (८५) कल्पसूत्र' ७०(२) ७३ ९८६) स्थानागसूत्र अपूर्ण' ७०(५) ४ (८७) शाताधर्मकथागसूत्र अपर्ण' ६५(२) ७५८८) दशवकालिक लाटीका ६७(२) ७६९८९) आवश्यकसुत्रनियुक्ति ६१(१) ७७(९०) ओपनियुक्ति ६२(२७) ७१९६) ओपनियुक्ति-उपनियात ५८(१) (९२) पचराग्रहटीका दिनायराई ७५१९३) कर्मलव दीक ६०३) ७९१९४) कमन्सव सटाका ७०(१९) ८०१९५) आगमिकवरपिचारार प्रकरणवान महिता" ८५ १९६) समातकापकरणो " ५८(३) ८२ १९७) रामनिकारकरण कतिसम" ८३१९८ मधमाशीनचारसासारणा " ८) ८३१५५ लिपित्तराय ५६१५१८x१jास F12) ८५1१०1पनामारणापापाटममा ९० (१०८) हादशभावनास्वरुप अपूर्ण ९५ (१०९) महावीरजीनपचकल्याणक स्तवन आदि ९१ (११०) अविचारगाथा आदि ४७१५वा२४४९२ (१११)उपदेशमालाप्रकरण आदि ६५.५१४। ९३ (११२) कर्मप्रकृनिकरण आदि" १३ (१९३१ उपदेशमालापकरण आदि" ६२ / ९४ ११५४) उपदेशमालापकरण आद" ६२ ।९५ (११५/ उपदेशमानाप्रकरण आदि" ५६.१११५1 उपगमानिस आदि -१७) १७१७ भोगनार आसपाध्य १५४ ६ १८१ ०१८ परामरकरण " ५.८ परमानापार आः ५७६५.१६ गोसा" . २० F... 5 मा (e) उपशाम " Nuta Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२ पाटणना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित सघभंडार आदि भंडारोना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि [ २९९ ] गानं डा.नं. पो.न. नाम पत्रसंख्या गा.न पत्रसख्या डा.नं. पोनं. नाम १०९ (१३१) सि.श. लघुवृत्ति १२७ (१५६) सिद्धहेम स्वोपज्ञ पंचमाध्याय" M.१ ६४(१०) २८६थी ५३२ ५९(४) ११० (१३२) सि श. सूत्रपाठ' १९० ६०(७) १२८ (१५७)सिद्धहेमवृत्तिविवरण २८७ ५८(१६) १११ (१३३) गौडवधमहाकाव्यवत्ति टीप्पणीसहीत' २२४ १२९ (१५८)साधुश्रावकसामाचारी सुखबोधा ११२ (१३४) गौडवधमहाकाव्यवृत्ति टीप्पणीसहीत सामाचारी, आगमगत अनेक विचार सग्रह १९१ त्रुटक अपूर्ण' २०४M.५(३) १३० (१५९) पिंडविशुद्धिप्रकरण दिपिका सह" ७२ ६४(९) ११३ (१३६) अनेकार्थनाममाला' २८२ M.५(२) १३० (१६०) ललितविस्तरा चैत्यवंदनसूत्रटीका" ४६ ६३(३) ११४ (१३८)षट्पचाशिकावृत्ति सहीत ३२ M७(१थी५०)१३१ (१६१) दशवैकालिक सूत्र आदि प्रकरण सग्रह" ३३७ ६२(१) ११५ (१३९) काव्यानुशान अलकार तिलक टीकासह १८७ M.४(१,२) १३२ (१६२) उत्तराध्ययन सूत्र" १७८ ६७(१०) ११५ (१४०) नागानदनाटक ९० M६(१) १३२ (१६३) ओघनियुक्ति टीप्पणीसह ६७(१) ११६ (१४१) काव्यादर्श काव्यप्रकाश संकेत १०१थी २२२ पिंडनियुक्ति अपूर्ण १०६थी १७५ • ५८(१०थी१४।११६ (१४२) काव्यमीमासा त्रयोदश अध्याय पर्यंत, १३३ (१६४) कल्पसूत्र टीप्पणीसह अपूर्ण" ५९ कालिकाचार्यकथा पद्य १०८थी ११८ ५७(४) ११७ (१४३) खडनटीका परिच्छेद " ३०४थी ४५२ १३३ (१६५) कल्पसूत्रटीप्पणी त्रुटक अपूर्ण ११० ५८(९) ११८ (१४४) धर्मोत्तरटीप्पनक तृतीय परिच्छेद पर्यंत १३४ (१६६) कल्पसूत्र टिप्पणीसह कालिकाचार्यकथा १०३थी १३४ ११८ (१४५) जिनदत्तकथा अपूर्ण W.(१,२) १३५ (१६७)काव्यानुशाशन सटीक ६२(३) ११९ (१४६) कलापकव्याकरणपजिकोद्योत" किचिदपूर्ण टीप्पणीसह ६३(८) ११९ (१४७)लिगानुशासन वृत्तिसहित आदि" F.२२(१,२) १३६ (१६८)दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्र ६२(२) १२० (१४८)वृत्तरत्नाकर टीकासहित १२७ स्तोत्रवृत्तिस्तवन ५२ ६६(९) १२१ (१४९) जीतकल्प चूर्णिसहित १३७ (१६९) प्रभावकचरित्र (कागळ)" १४३ आदि त्रुटक-अपूर्ण १०४ १३८ (१७०) जेसलमेर महेन्द्रसूरीजी ६२(१०) १२१ (१५०) बृहत्सग्रहणी प्रकरण त्रुटक अपूर्ण ६९थी ९६ स्वागत पट (कापड उपर) १२२ (१५१) त्रुटक खडित अपूर्ण नकामा पानानो सग्रह १३९ १७१(१) सूत्रकृताग सूत्र" १३९ १७१(२) सामाचारी अपूर्ण *MD.२ १२३ (१५२) आवश्यकनियुक्ति २२७ १३९ १७१(३) उत्तराध्ययनसूत्र सटीक पचायतन MD.२ १२४ (१५३) त्रि.श पु.च तृतीय पर्व १३९ १७१(४) आचारांगसूत्र प्रथमश्रुतस्कंध M.२ १२५ (१५४) सिद्धहेम स्वोपज्ञबहवत्तिसह २०२ दीपिकासह पंचपाठ • ३९ M.३ १२६ (१५५) सिद्धहेम स्वोपज्ञबहवत्तिसह" २५० १३९ १७१(५) अनुत्तरौपपात्तिकोपागसूत्र १. क.-धनचद्रगणि तु अध्याय द्वि. पादपर्यंत अवचूरि २. क.-हेमचद्राचार्य ३ मू.-वाक्पतिराज ४. मू.-वाक्पतिराज ५. क.-हेमचद्राचार्य ६ टी.-उत्पल भट्ट ७. टी. वाग्भट दिगबर स्वोपज्ञ आ नाम उपर सघभडारमा २६२म.मा १८५ पत्र लखेला छे गान ११२मा १८७ पत्रनो ग्रथ छे. पण त्या तेनु नाम अलकार चूडामणि लखेलु छे ८. क-श्रीहर्षदेव ९. क.-सोमेश्वर भट्ट १०. क.-राजशेखर ११. क-हर्षपडित १२. क.-मल्लवादिसूरि १३. क.-त्रिविक्रम भट्ट १४ क.-वामन १५ मू.-केदारसूरि. टी.-त्रिविक्रमसूरि १६ क.-जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण गा न ६२/१०मा पत्र ९१थी १२७ छे. १७. क.-हेमचद्राचार्य १८. क-हेमचद्राचार्य १९ क.-हेमचद्राचार्य २०. मू.-जिनवल्लभगणि वृटी.-उदयसिहाचार्य २१. क.-हरिभद्रसूरि याकिनीपुत्र २२. क-शय्यम्भवसूरि २३. क.-भद्रबाहुस्वामी २४, क.-भद्रबाहुस्वामी २५ १८९ २८ -A. ATोजीनामा Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ ३०० ] पाटणना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरस्थित संघभंडार आदि भंडारोना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि डा.नं. पो.नं. नाम पत्रसख्या गा.न डा.नं. पो.न. नाम गानं पत्रसंख्या १३९ १७१(६) व्यवहारचूलिका षोडश स्वप्न विचार १३९ १७१(७) यतिआराधनाप्रकरण श्रावकआराधनाप्रकरण १३९ १७११८) दशवैकालिकसूत्र सटीक पचपाठ १३९ १७१(९) दशाश्रुतस्कंध १३९ १७१(१०) स्थानांगरात्र अपूर्ण १३९ १७१(११) पिंडविशुद्धिप्रकरण सटीक १३९ १७१(१२) सुसढकथा १३९ १७१(१३) तंदुलवैचारिकप्रकीर्णक १३९ १७१(१४) आगम अष्टोत्तरी प्रकरण १३९ १७१(१५) अंतकृद्दशागसूत्र आतुरप्रत्याख्यान प्रकीर्णक १३९ १७१(१६)उपासकदशांग सूत्र । १३९ १७१(१७)विशोपसर्गाधिकार सटीक पंचपाठ १३९ १७१(१८) औपपातिकोपांगसूत्र सुखबोधावृत्ति सह E१ १४० १७२ कर्मप्रकृति सटीक F१८(१थी)१४०(१७३) जीतकल्पसूत्रवृत्ति आदि छ ग्रथो' १४१ (१७४) जीतकल्पसूत्रवृत्ति शातिसरिरचित F२ १४९ (१७५) धर्मरत्नप्रकरणवृत्ति शातिसूरिविरचित' F१२ १४१ (१७६) सारस्वत व्याकरण 439urre3 २ २ १४१ (१७७)आवश्यकनियुक्ति ९ २ १४१ (१७८)सि.श.स्वोपज्ञवृत्तिसह २९ F२२(१५७१३)१४३(१७९)दशवैकालिकसूत्र आदि २४ F१५(१,२) १४३ (१८०) सि.श. लघुवृत्ति ५ F१३ १४४ (१८१) बृहत्संग्रहणी सटीक शालिभद्रसरिविरचित ६ F१९ १४४ (१८२) उत्तराध्ययनसूत्र मूल (अध्ययन ३५ अपूर्ण) ७ F२(१थी४) १४५ (१८३)कल्पसूत्र F१४ १४५ (१८४)उपमितिभवप्रपंचाकथा चतुर्थ खण्ड २ F२० १४६ (१८५)कथासंग्रह १४७(१) १४६ (१८६)छदोनुशाशन-काव्यानुशासन सटीक F४(२) १४७ (१८७)प्रशमरति १४७ (१८८)गौडवधादि छ ग्रथो १४७ (१८९)अनेक ग्रंथोनो सग्रह २४७ F(३) १४८ (१९०)सार्धशतकवृत्ति १७५ १४८ (१९१) आवश्यकनियुक्ति टीप्पणी १७१ F(५) १४१ (१९२) प्रवचनसारोद्धारवृत्ति १७१ F(११) १४९ (१९३)उत्तराध्ययन सुखबोधा नेमिचंद्रटीका' १४३ २३२ ३८६ ३१६ ३५१ २५७ १६३ २१२ २४० २०८ २५२ १ १५१ १९७+६४ २९७ ४२८ - अंग्रेजी संकेततोनु स्पष्टीकरणA- अदुवसीपाडानो भडार, F-फोफलियावाडा आगली शेरीनो तपगच्छनो भंडार M-महालत्मीमाताना पाडानो भंडार MD-मोदी भडारा-वाडीपार्श्वनाथनो भडार . ज्या कोई विशिष्ट अग्रेजी सकेत न आप्यो होय त्या फोफलियावाडा वखतजी शेरीनो सपभंडार एम समजवु १.क.-टी.-मलयगिरि २.टी.-तिलकाचार्य ३. टी.-शान्त्याचार्य ४. मू-जिनभद्र, टी.-शालिभद्रसूरि ५ क.-सिद्धर्षि ६ टी.-हेमचन्द्राचार्य ७. क.-उमास्वाति ८. क.-घनेश्वरसूरि ९. टी. देवेन्द्र (नेमिचन्द्रसूरि) Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २८४ १६६ १९६ पाटणना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिर स्थित सङ्घभडार आदि भडारोना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम [ ३०१ ] पत्र गा. नं डा. नं. पो. न. नाम गा. न. डा न. पो. नं. नाम १३९ १७१(१५) अतकृद्दशागसूत्र आतुरप्रत्याख्यान प्रकीर्णक १३ २७ (२७) उत्तराध्ययनसूत्र पाईय टीका ३६८ अतिचारगाथा आदि ९१ (११०) ११२ ६१ (६८) उत्तराध्ययनसूत्र पाईय टीका ४३थी ४४७ १३९ १७१(५) अनुत्तरौपपात्तिकोपागसूत्र २६ (२६) उत्तराध्ययनसूत्र पाईयटीकासहित । ४०१ अनुयोगद्वारसूत्र ३६(१,२,३) ७ (७) ४३० उत्तराध्ययनसूत्र मूल (अध्ययन ३५ अपूर्ण) १६३ F१९ १४४(१८२) १४७ (१८९) अनेक ग्रथोनो सग्रह १३९ १७१(३) उत्तराध्ययनसूत्र सटीक पंचायतन ८९ ६४(९) ११३ (१३६) अनेकार्थनाममाला २८२ ९.९ (२९) उत्तराध्ययनसूत्र सुखबोधावृत्तिसहित २९२ १०४ (१२६) अभयश्री कथानक आदि कथानको २०६ २८ (२८) उत्तराध्ययनसूत्र सुखबोधावृत्तिसहित २८९ ५० (५०) अरिष्टनेमिचरित्र २३७ ६ ३५ (३५) उपदेशकंदली वृत्ति सह २३३ १३९ १७१(१४) आगम अष्टोत्तरी प्रकरण २ १५३६ (३६) उपदेशकदली वृत्ति सह ७०(१९) ८० (९५) आगमिकवस्तुविचारसार ९० (१०७) उपदेशपदप्रकरण ९थी ५७ प्रकरणवृत्ति सहित १८१ ६२(२थीर) ९५ (११५) उपदेशमालाप्रकरण आदि १२८ २७(१,२) २ (२) आचारागसूत्रचूर्णि अपूर्ण ७४ थी १५९ ६४थी१४) ९४ (११४) उपदेशमालाप्रकरण आदि १९५ १३९ १७१(४) . आचारागसूत्र प्रथमश्रुतस्कंध ९३ (११३) उपदेशमालाप्रकरण आदि दीपिकासह पचपाठ ४७(१५थीर४) ९२ (१११) उपदेशमालाप्रकरण आदि ४१४१ (४१) आदिनाथचरित्र पचावसरमय ९६ (११६) उपदेशमालाप्रकरण आदि २५९ F१६(१) १४२(१७७) आवश्यकनियुक्ति २३२ ११(१) ५६ (५६) उपदेशमालाप्रकरण दोघट्टीवृत्तिसह । २४७ . MD२ १२३(१५२) आवश्यकनियुक्ति ६७(३) ८५ (१०१) उपदेशमालाप्रकरण हेयोपादेयाटीका सह १६२ ५७(६) ९९ (१२०) आवश्यकनियुक्ति (गाथोद्धार) ८३ ॐ ३२ (३२) उपदेशमाला वृत्ति सह २८४ १४८ (१९१) आवश्यकनियुक्ति टीप्पणी १९७+६४ १७ ३१ (३१) उपदेशमाला वृत्तिसहित २४६ ४३ १६ (१६) आवश्यकवृत्ति ५१६ F१४ १४५(१८४) उपमितिभवप्रपंचाकथा चतुर्थ खण्ड २४० १८ (१८) आवश्यकवृत्ति द्वितीय खड ४५२ १३९ १७१(१६) उपासकदशाग सूत्र २२ १९ (१९) आवश्यकवृत्ति द्वितीय खंड २७७ ६१(१) ७७ (९०) ओघनियुक्ति २९७ (२०) आवश्यकवृत्ति द्वितीय खड २८७ ६२(२७) ७७ (९१) ओघनियुक्ति-पिडनियुक्ति ६२+९१ ३७ १७ (१७) आवश्यकवृत्ति प्रथम खड ३२८ ___M६(१) १३२(१६३) ओघनियुक्ति टीप्पणीसह । ४ २१ (२१) आवश्यकवृत्ति मध्यम खड ३१३ पिडनियुक्ति अपूर्ण १०६थी १७५ ४२ १५ (१५) आवश्यकसूत्रचूर्णि१५ (प्रथम खड) १३९ १७१(१८) औपपातिकोपागसूत्र सुखबोधावृत्ति सह ६७(२) ७६ (८९) ___ आवश्यकसूत्रनियुक्ति ३३८ F२० १४६(१८५) कथासग्रह २०८ F११ १४९(१९३) उत्तराध्ययन सुखबोधा नेमिचद्रटीका ४२८ ६५५थी१४) ९३ (११२) कर्मप्रकृतिप्रकरण आदि ११२ M४(१,२) १३२(१६२) उत्तराध्ययन सूत्र १७८ F१ १४०(१७२) कर्मप्रकृति सटीक २४७ ५८ (५८) उत्तराध्ययनसूत्र आदि ३०८ ७९ (९३) कर्मस्तव सटीक ६१ (६७) उत्तराध्ययनसूत्र (कागळनी प्रत) ४२ ६०(३) ७९ (९४) कर्मस्तव सटीक १५४ २९७ २२७ ९२ २६४ Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गा. न. डा न. पो नं. नाम ६२ (३) ११९ (१४६) १८ (८) ११ (११) १० (१०) F२१(१४) १४५ (१८३) १८ (८) ५७ (१) ७१ (८३) (८५) ६३ (१) ७२ ६५ (१) ६३ (७४) ५९ (६०) ६४ (२, ३) ६७ (७८) (७९) ५९ (२, ३) ६७ ६५ (३,४) ६८ (८०) ६४ (७,८) ६९ (८१) ९ (९) ७० (७) ६४ (७५) १३४ (१६६ ) ६१ (१,२) ६६ (७७) १३३ (१६५) १३३ (१६४) ६१ (६, ७) ६५ (७६) ७१ (८४) ६८ (२) ७० (८२) ५८ (१०थी१४) ११६ (१४२) पाटणना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिर स्थित सङ्घभडार आदि भडारोना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम गा न. डा. न पो न नाम ६७ (१) ११६ (१४१) ..६२ (१) ११५ (१३९) कलापकव्याकरणपजिकोद्योत कल्पलघुभाष्य कल्पवृत्ति तृतीय खड कल्पवृत्ति द्वितीय खंड कल्पसूत्र कल्पसूत्र कल्पसूत्र कल्पसूत्र कल्पसूत्र, कालिकाचार्यकथा कल्पसूत्र, कालिकाचार्यकथा, दीपालीकाकल्प कल्पसूत्र कालिकाचार्यकथा गद्य-पद्य कल्पसूत्र कालिकाचार्यकथा गद्य-पद्य कल्पसूत्र कालिकाचार्यकथा पद्य कल्पसूत्र कालिकाचार्यकथा लघुपर्युषण प कल्पसूत्रचूर्णि कल्पसूत्रचूर्णि निर्युक्ति पत्र कल्पसूत्र सचित्र कालिकाचार्यकथा गद्य कालिकाचार्यकथा कालिकाचार्यकथा गद्य (अपूर्ण) काव्यमीमासा त्रयोदश अध्याय पर्यंत, अपूर्ण काव्यादर्श काव्यप्रकाश सकेत काव्यानुशान अलकार तिलक टीकासह ८१ २१६ ३३५ ४२० २१२ १३ ९१ १०७ १२१ १३९थी १५१ ३९३ २०६थी २१२ कल्पसूत्र टिप्पणीसह कालिकाचार्यकथा १०३थी १३४ कल्पसूत्र टिप्पणी सहित कालिकाचार्यकथा गद्य कल्पसूत्रटीप्पणी त्रुटक अपूर्ण कल्पसूत्र टीप्पणीसह कालिकाचार्यकथा पद्य ३८ १५२ १२० १४४ १०७ ११०. १०८ थी १९८ ११०+ ३३ २१ १०३थी १३१ ५९ १०१थी २२२ १८७ W१ (२) १३५ (१६७) १६ ४९ (४९) ५७ (४) ११७ (१४३) ५८ (१६) १११ (१३३) ११२ (१३४) १४७ (१८८) F७ (१) १४६ (१८६) ५६ (७) ६१ (६९) ११८ (१४५) ६६ (९) १२१ (१४९) F१८ (१थी६) १४० (१७३) १४१ (१७४) ६७ (६) ८७ (१०३) १३८ (१७० ) ५०५ (4) ७० (५) ७४ (८७) १३९ MD ११२४ (१५३) ५८ (४) १०३ (१२५) १४४७ (४७) ३८४६ (४६) २०(५) ४५ (४५) ४८५४ (५४) ५९ (६४) १७१ (१३) ५५ (५५) ५९ (६१) काव्यानुशाशन सटीक किंचिदपूर्ण टीप्पणीसह कुमारपाल प्रतिबोध खडनटीका परिच्छेद गौडवधमहाकाव्यवृत्ति टीप्पणीसहीत गौडवधमहाकाव्यवृत्ति टीप्पणीसहीत त्रुटक अपूर्ण गौडवधादि छ ग्रथो छदोनुशाशन - काव्यानुशासन सटीक जबूद्वीपक्षेत्रसमास प्रकरण (कागळ) जिनदत्तकथा अपूर्ण जीतकल्प चूर्णिसहित आदि टक-अपूर्ण जीतकल्पसूत्रवृत्ति आदि छ ग्रथो जीतकल्पसूत्रवृत्ति शातिसूरिरचित जीवानुशासनप्रकरण सटीक जेसलमेर महेन्द्रसूरीजी स्वागत पट (कापड उपर) ज्ञाताधर्मकथाग सूत्र ज्ञाताधर्मकथागसूत्र अपूर्ण तदुलवैचारिक प्रकीर्णक त्रिश.पुच. तृतीय पर्व त्रिश पुच परिशिष्ट पर्व त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र १० पर्व त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र १० पर्व त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र ७-८-९ पर्व त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र अष्टम पर्व त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र दशमपर्व महावीरचरित्र [ ३०२ ] पत्र १८९ २५५ ३०४थी ४५२ २२४ · त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र द्वितीय पर्व त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र प्रथम पर्व ऋषभदेवचरित्र २०४ ३५ २५२ ५ २७ १०४ १७५ १७१ २१७ ३२ थी २१७ १८३ ६ १५१ ३२४ २३१ २०३ ३२१ ८७ ११६ १२० १०३ Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४० २५७ पाटणना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिर स्थित सङ्गभडार आदि भडारोना ताडपत्रीय ग्रंथोनो अकारादिक्रम [ २३ ] गा.नं डा. न. पो. नं. नाम पत्र | गा. नं. डा. नं. पो. न. नाम पत्र। ५९ (६२) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र महाकाव्य षष्ठ ८(१,२) ३० (३०) पिडनियुक्ति-ओघनियुक्ति वृत्तिसह ३४६ पर्व कुथुनाथचरित्र ३३ M५(३) १३० (१५९) पिडविशुद्धिप्रकरण दिपिका सह ७२ ५९ (६३) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र सप्तम पर्व १३९ १७१(११) पिंडविशुद्धिप्रकरण सटीक मुनिपतिचरित्र ९८ (११९) पुष्पमालाप्रकरण आदि उपदेशमालाप्रकरण १२२ (१५१) त्रुटक खंडित अपूर्ण नकामा पानानो संग्रह १२ ३९ (३९) पुष्पमालाप्रकरण स्वोपज्ञवृत्तिसह ३९८ ३ ५२ (५२) दमयति कथा चंपू १३७ १३७ (१६९) प्रभावकचरित्र (कागळ) ६५(२) ७५ (८८) दशवकालिक लघुटीका १६२ ६७(७) ८६ (१०२) प्रवचनसारोद्धारटीकाF२२ (१,२) १४३ (१७९) दशवैकालिकसूत्र, खंड-२, ४२-७२ पर्यंत १७७ पाक्षिक सूत्र स्तोत्रवृत्तिस्तवन F५ १४९ (१९२) प्रवचनसारोद्धारवृत्ति २९७ F२२(१थी५३) १४३ (१७९) दशवकालिकसूत्र आदि । ३१६ F४(२) १४७ (१८७) प्रशमरति M (१थी५०) १३१ (१६१) दशवकालिक सूत्र आदि प्रकरण सग्रह ३३७ ६(३थी५) ९७ (११८) प्रशमरतिप्रकरण आदि ४४ २५ (२५) दशवैकालिकसूत्र वृत्ति सह F१३ १४४ (१८१) बृहतख्९९२भ्संग्रहणी सटीक १३९ १७११८) दशवैकालिकसूत्र सटीक पंचपाठ . शालीभद्रसूरिविरचित १३९ १७१(९) दशाश्रुतस्कध ६२ (७३) बृहत्क्षेत्रसमास प्रकरण सटीक द्वितीयखड ९० (१०८) द्वादशभावनास्वरूप अपूर्ण ६२(१०) १२१ (१५०) बृहत्सग्रहणी प्रकरण त्रुटक अपूर्ण ६९थी ९६ ५३४ (३४) धर्मउपदेशमाला सटीक १०० (१२१) बृहत्संग्रहणीप्रकरण सटीक त्रुटक अपूर्ण १२३ ३३ ३३ (३३) धर्मउपदेशमाला सटीक ३२० ४५४ (४) भगवतीसूत्रवृत्ति । ५०५ २ १४१ (१७५) धर्मरत्नप्रकरणवृत्ति शांतिसूरिविरचित १७१ ४८ ५३ (५३) मल्लीनाथचरित्र महाकाव्य ३०० ५४ (५४) धर्मसार-मृगावतीचरित्र (अपूर्ण) ९१ (१०९) महावीरजीनपंचकल्याणक स्तवन आदि ५३१२१ ५८(९) ११८ (१४४) धर्मोत्तरटीप्पनक तृतीय परिच्छेद पर्यंत ८३ ४९ ४४ (४४) महावीरस्वामीचरित्र ६१(१०थी२९) १०१ (१२२) नवपदप्रकरण आदि ५९(१) १०२ (१२४) महावीरस्वामीचरित्र किचिदपूर्ण २६९ २६(१) ४० (४०) नवपदप्रकरण बृहद्वृत्ति सह २३९ ७४३ (४३) मुनिसुव्रतस्वामिचरित्र ६७(१०) ११५ (१४०) नागानंदनाटक १३९ १७१(७) यतिआराधनाप्रकरण-श्रावकआराधनाप्रकरण २४(१,२,३) १३ (१३) निशीथसूत्रलघुभाष्य २०४ ५७(१७) ९७ (११७) योगशास्त्र आद्य प्रकाश चतुष्टय प्रवचनसदोह ८८ ३२(१थी३१४) १४ (१४) निशीथसूत्रलघुभाष्यचूर्णि ५१ (५१) योगशास्त्रस्वोपज्ञविवरण आदि ५८(१) ७८ (९२) पचसग्रहटीका द्वितीय खंड २६६ अनेक ग्रथोनां पानां पंचागीसूत्रटीका ४८ थी २४० ३० ३८ (३८) योगशास्त्र स्वोपज्ञविवरण सह ६० (६६) पाडवचरित्र महाकाव्य २३१ १८ ३७ (३७) योगशास्त्र स्वोपज्ञविवरण सह ६० (६५) पाडवचरित्र महाकाव्य १८८ ६२ (७२) रघुवंशमहाकाव्य टिप्पणी सहित ५७(५) १०१ (१२३) पांडवचरित्र महाकाव्य सर्ग-३ पर्यंत ५४थी १३२ किंचिदपूर्ण (कागळ) २(२) २४ (२४) पाक्षिकसूत्रवृत्ति आदि M५(२) १३० (१६०) ललितविस्तरा चैत्यवंदनसूत्रटीका ६३ ३४८ २३२ ४०५ ११९ Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [२४] पाटणना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिर स्थित सङ्गभडार आदि भडारोना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम डा. न पो. नं. नाम फागा . न डा. न पो न. नाम गा. नं. २५० ७०८) ८३ (९९) ललितविस्तरापजिकावृत्ति अपूर्ण F१२ १४१ (१७६) सारस्वत व्याकरण १४३ ६३४८) ११९ (१४७) लिगानुशासन वृत्तिसहित आदि F३ १४८ (१९०) सार्धशतकवृत्ति १५१ ५९ (५९) वजालग। ६०(७) १२८ (१५७) सिद्धहेमवृत्तिविवरण २८७ ६२ (७०) वासुपूज्यचरित्र महाकाव्य पद्य (कागळ) २५२ ।। ६४(११) १०६ (१२८) सिद्धहेमशब्दानुशान बृहवत्ति २६८ १७ २२ (२२) विशेषावश्यकमहाभाष्य वृत्तिसह प्रथम खड ३६३ ६३(२) १०७ (१२९) सिद्धहमशब्दानुशान बृहद्वृत्ति ३४ २३ (२३) विशेषावश्यकमहाभाष्य वृत्तिसह प्रथम खड ४३६ अ.२ पा. ३ थी अ ३ पा. २ पर्यंत टीप्पणीसह २१० १३९ १७१(१७) विशोपसर्गाधिकार सटीक पचपाठ ६४(५) १०५ (१२७) सिद्धहेमशब्दानुशान लघुवत्ति ६२(२) १२० (१४८) वृत्तरलाकर टीकासहित १२७ ४१ १२७ (१५६) सिद्धहम स्वोपज्ञ पचमाध्याय २८६थी ५३२ १३९ १७१(६) व्यवहारचूलिका षोडश स्वप्न विचार २ M३:२६ (१५५) सिद्धहम स्वोपज्ञवहदवत्तिसह २८ १२ (१२) व्यवहारसूत्र भाष्य-वृत्तिसहित ३२४ २ १२५ (१५४) सिद्धहम स्वोपज्ञबहदवत्तिसह २०२ ६०(२) ८८ (१०४) शतपदीप्रकरणवृत्ति टीप्पणीसह ५८(२) १०८ (१३०) सि.श बहवत्ति पचमाध्याय कृवत्ति १८३धी ३१२ २३ ४२ (४२) शातिनाथचरित्र । ६४(१०) १०९ (१३१) सिश लघुवृत्ति १६६ ११(२) ५७ (५७) शातिनाथचरित्र महाकाव्य आदि ___F१५(१,२) १४३ (१८०) सि.श लघुवृत्ति ३५१ २७(१,२) १ (१) श्रीधर्मविधिप्रकरण वृत्तिसहित (वस्त्र) ९२ ५९(४) ११० (१३२) सि.श सूत्रपाठ ६३(३) ११४ (१३८) पट्पचाशिकावृत्ति सहीत ३२ F१० १४२ (१७८) सि.श स्वोपशवत्तिसह ३८६ ५९(५) ८४ (१००) सग्रहणीप्रकरण वृत्तिसहित २२थी १६२ १३९ १७१(१२) सुसटकथा ६७५) ८१ (९६) सप्ततिकाप्रकरणी ८३ १९८) सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण चूर्णि अपूर्ण ५८(३) ८२ १९७) सप्ततिकाप्रकरण वत्तिसहित २८० १३९ १७१(१) सूत्रकृताग सूत्र ३१ ४८ (४८) समराइसकहा ४५४१.२.३० ३ (३) सूत्रकृतागसूत्रवृत्ति ३०३ ६०(१) ८९ (१०६) साधु-श्रावक सामाचारी ९८ ५६(१०) ८९ (१०५/ स्थविरावलियत्तिसह आदि १९ (१५८) साधुश्रावकसामाचारी सुरखयोधा सामाचारा, (२) ७३ १८६) स्थानागसूय अपूर्ण १धी १९५ आगमगत अनेक विचार संग्रह १३९ १७१(१०) स्थानागसूत्र अपूर्ण १३९ १७१(२) सामाचारी अपूर्ण ६२ (७१) हरिविक्रमचरित्र कागळ) • ५ Page #324 -------------------------------------------------------------------------- _