________________
२२
पाटणना श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित सघभंडार आदि भंडारोना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि
[ २९९ ] गानं डा.नं. पो.न. नाम पत्रसंख्या गा.न
पत्रसख्या
डा.नं. पोनं. नाम १०९ (१३१) सि.श. लघुवृत्ति
१२७ (१५६) सिद्धहेम स्वोपज्ञ पंचमाध्याय"
M.१ ६४(१०)
२८६थी ५३२ ५९(४) ११० (१३२) सि श. सूत्रपाठ'
१९० ६०(७) १२८ (१५७)सिद्धहेमवृत्तिविवरण
२८७ ५८(१६) १११ (१३३) गौडवधमहाकाव्यवत्ति टीप्पणीसहीत'
२२४
१२९ (१५८)साधुश्रावकसामाचारी सुखबोधा ११२ (१३४) गौडवधमहाकाव्यवृत्ति टीप्पणीसहीत
सामाचारी, आगमगत अनेक विचार सग्रह १९१ त्रुटक अपूर्ण' २०४M.५(३) १३० (१५९) पिंडविशुद्धिप्रकरण दिपिका सह"
७२ ६४(९) ११३ (१३६) अनेकार्थनाममाला' २८२ M.५(२) १३० (१६०) ललितविस्तरा चैत्यवंदनसूत्रटीका"
४६ ६३(३) ११४ (१३८)षट्पचाशिकावृत्ति सहीत
३२ M७(१थी५०)१३१ (१६१) दशवैकालिक सूत्र आदि प्रकरण सग्रह" ३३७ ६२(१) ११५ (१३९) काव्यानुशान अलकार तिलक टीकासह
१८७ M.४(१,२) १३२ (१६२) उत्तराध्ययन सूत्र"
१७८ ६७(१०) ११५ (१४०) नागानदनाटक
९०
M६(१) १३२ (१६३) ओघनियुक्ति टीप्पणीसह ६७(१) ११६ (१४१) काव्यादर्श काव्यप्रकाश संकेत १०१थी २२२
पिंडनियुक्ति अपूर्ण
१०६थी १७५ • ५८(१०थी१४।११६ (१४२) काव्यमीमासा त्रयोदश अध्याय पर्यंत,
१३३ (१६४) कल्पसूत्र टीप्पणीसह अपूर्ण"
५९ कालिकाचार्यकथा पद्य
१०८थी ११८ ५७(४) ११७ (१४३) खडनटीका परिच्छेद "
३०४थी ४५२ १३३ (१६५) कल्पसूत्रटीप्पणी त्रुटक अपूर्ण
११० ५८(९) ११८ (१४४) धर्मोत्तरटीप्पनक तृतीय परिच्छेद पर्यंत
१३४ (१६६) कल्पसूत्र टिप्पणीसह कालिकाचार्यकथा
१०३थी १३४ ११८ (१४५) जिनदत्तकथा अपूर्ण
W.(१,२) १३५ (१६७)काव्यानुशाशन सटीक ६२(३) ११९ (१४६) कलापकव्याकरणपजिकोद्योत"
किचिदपूर्ण टीप्पणीसह ६३(८) ११९ (१४७)लिगानुशासन वृत्तिसहित आदि"
F.२२(१,२) १३६ (१६८)दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्र ६२(२) १२० (१४८)वृत्तरत्नाकर टीकासहित
१२७ स्तोत्रवृत्तिस्तवन
५२ ६६(९) १२१ (१४९) जीतकल्प चूर्णिसहित
१३७ (१६९) प्रभावकचरित्र (कागळ)"
१४३ आदि त्रुटक-अपूर्ण
१०४
१३८ (१७०) जेसलमेर महेन्द्रसूरीजी ६२(१०) १२१ (१५०) बृहत्सग्रहणी प्रकरण त्रुटक अपूर्ण ६९थी ९६
स्वागत पट (कापड उपर) १२२ (१५१) त्रुटक खडित अपूर्ण नकामा पानानो सग्रह
१३९ १७१(१) सूत्रकृताग सूत्र"
१३९ १७१(२) सामाचारी अपूर्ण *MD.२ १२३ (१५२) आवश्यकनियुक्ति
२२७
१३९ १७१(३) उत्तराध्ययनसूत्र सटीक पचायतन MD.२ १२४ (१५३) त्रि.श पु.च तृतीय पर्व
१३९ १७१(४) आचारांगसूत्र प्रथमश्रुतस्कंध M.२ १२५ (१५४) सिद्धहेम स्वोपज्ञबहवत्तिसह
२०२ दीपिकासह पंचपाठ
• ३९ M.३ १२६ (१५५) सिद्धहेम स्वोपज्ञबहवत्तिसह"
२५०
१३९ १७१(५) अनुत्तरौपपात्तिकोपागसूत्र १. क.-धनचद्रगणि तु अध्याय द्वि. पादपर्यंत अवचूरि २. क.-हेमचद्राचार्य ३ मू.-वाक्पतिराज ४. मू.-वाक्पतिराज ५. क.-हेमचद्राचार्य ६ टी.-उत्पल भट्ट ७. टी. वाग्भट दिगबर स्वोपज्ञ आ नाम उपर सघभडारमा २६२म.मा १८५ पत्र लखेला छे गान ११२मा १८७ पत्रनो ग्रथ छे. पण त्या तेनु नाम अलकार चूडामणि लखेलु छे ८. क-श्रीहर्षदेव ९. क.-सोमेश्वर भट्ट १०. क.-राजशेखर ११. क-हर्षपडित १२. क.-मल्लवादिसूरि १३. क.-त्रिविक्रम भट्ट १४ क.-वामन १५ मू.-केदारसूरि. टी.-त्रिविक्रमसूरि १६ क.-जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण गा न ६२/१०मा पत्र ९१थी १२७ छे. १७. क.-हेमचद्राचार्य १८. क-हेमचद्राचार्य १९ क.-हेमचद्राचार्य २०. मू.-जिनवल्लभगणि वृटी.-उदयसिहाचार्य २१. क.-हरिभद्रसूरि याकिनीपुत्र २२. क-शय्यम्भवसूरि २३. क.-भद्रबाहुस्वामी २४, क.-भद्रबाहुस्वामी २५
१८९
२८
-A. ATोजीनामा