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[२९]
प्रति नबर पुस्तक नाम
कर्तार्नु नाम
टीकाकार
श्लोक पत्र लेखन रचना
लम्बाई सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई
८३
१९मो
सं.
मध्यम
१०1४४||
२६१ १७६६ १७१२
सं.
उत्तम
१०1४४||
५६९ सारस्वत व्याकरण आख्यात प्रक्रिया
अनुभूति स्वरूपाचार्य ५७० किरातार्जुनीय महाकाव्य
त्रिपाठ प्रदीपिका वृत्तिसह भारवि कवि धर्मविजयजी ५७१ कर्मविपाक-कर्मस्तव
बंधसामित्व कर्मग्रंथ सस्तवक देवेन्द्रसूरि ५७२ कर्मग्रथ चतुष्क सस्तबक' देवेन्द्रसरि यशःसोम ५७३ भक्तामरस्तोत्र बालावबोधसह मानतुङ्गसूरि ५७४ (१) निगोदषट्विंशिका सटीक त्रिपाठ
रलसिंहसूरि
२९ १८मो
१४४ १८०५ २२ १८मो
प्रा.गु. उत्तम १०१४४|| प्रा.गु. जीर्णप्रायः १०४४|| स.गु. उत्तम १००x४।।।
वृत्त.४४
१-७ १७मो
प्रा.सं.
मध्यम
१०.४४||
मू.गा.३६ ग्रं.३००
(२) परमाणुखंडषट्त्रिशिका
सटीक त्रिपाठ
रत्नसिंहसूरि
प्रा.सं.
मू.गा.१५ ७ थी १० ग्र. १२० मू.गा३६ १० थी १४ मू.गा.३५ १४ थी १७
रत्नसिंहसूरि रत्नसिंहसूरि
प्रा.सं. प्रा.सं.
१५ १७५० ८ १८२४
उत्तम मध्यम
१०1४४। १०1४४।।
१७०३
गु.
(३) पुद्गलषत्रिशिका सटीक त्रिपाठ
(४) बधषट्त्रिशिका सटीक त्रिपाठ ५७५ त्रिषष्ठि शलाका पुरुष चरित्र'
महाकाव्य नवमपर्व प्रथम सर्ग हेमचद्राचार्य ५७६ बारभावना स्वाध्याय जयसोम तपा. ५७७ सीमंधरस्वामि विज्ञप्ति साडा'
त्रणसो गाथार्नु स्तवन बालाव० सह
यशोविजयजी ५७८ परदेशीराजारास
न्यायसागर ५७९ परदेशीराजाचोपई
ज्ञानचद ५८० चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय सस्तबक देवेन्द्रसूरि ५८१ दान-शील-तप-भावनाकुलक बालावबोध सह
देवेन्द्रसूरि ५८२ जयतिहुयण स्तोत्र
अभयदेवसूरि
ज्ञानविमलसूरि
१०.४४|
४००५ १००० ९००
उत्तम उत्तम
गु.
८८ १७८७ २८ १७८० १७३४ २४ १७५८ १९ १७८३
१०॥४४॥ १०.४४||
प्रा.गु.
मध्यम
२९ १८३१ ४ १९मो
प्रा.गु. अपभ्रंश
उत्तम उत्तम
१०x४|| १०x४||
१. पं. क्षमाविजयगणि लि, कुयरग्राम २. भीजायेली ३. लि. पत्तनपुर ४. लि. पाटणनगर, रचना-जेसलमेर ५. लि. खंभात ६. लि. पत्तन