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प्रति नंवर पुस्तकनु नाम
कर्तानुं नाम
टीकाकार
श्लोक पत्र लेखन रचना
लम्बाईसख्या संख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई
जीर्णप्राय १०॥४४॥
१०.४४
उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम
SIIT XX1 १०४४
उत्तम उत्तम
प्रा.
२०४४॥ १०४४। १०४४। १०x४॥ १०x४|
उत्तम
प्रा.गु
१६४४ परिशिष्ट पर्व सर्ग १थी१३ हेमचन्द्राचार्य
३४६० ८६ १६८९
सं १६४५ आरभसिद्धि वार्तिकसह ज्योतिष उदयप्रभदेव हेमहसगणि ५७५० १०४ १६५० १५१४।
का १६४६ अष्टप्रकारी पूजा कथा सङ्ग्रह चन्द्रमहत्तर
१३३७
७मो ११२७ • १६४७ गुणस्थानप्रकरण सटीक रलशेखरसूरि स्वोपज्ञवृत्ति
१००० ३१ १८मो १६४८ चन्द्रप्रज्ञप्तिउपागसूत्र
५४ १६७९ १६४९ सारस्वत व्याकरण सुबोधिका टीका
चन्द्रकीर्तिसूरि
९६ १६४७ १६५० दमयंतीचंपूकथा अपूर्ण त्रिविक्रमभट्ट
४५ १७मो १६५१ नवतत्त्व प्रकरण ।
गा. ५४ ५ १९मो १६५२ नववाड स्वाध्याय
क ३९ २ १७२८ १६५३ जीवविचार प्रकरण सस्तबक शातिसूरि
१२ १८६६
प्रा.गु. १६५४ जयंति आलापक सस्तबक (भगवती सूत्र अन्तर्गत)
६ १८मो १६५५ जम्बूद्वीपसग्रहणी सटीक त्रिपाठ हरिभद्रसूरि प्रभानदसूरि
७०५ १३ १८मो वृ १३९० प्रा.स. १६५६ दडकप्रकरण सवालावबोध त्रिपाठ' गजसार
५ १७मो १६५७ जिनस्तोत्र कोश विनयहसगणि
२८ १७मो
स. १६५८ जम्बूकुमार रास ज्ञानविमल
१०३४ २९ १७८८ १७३८ गु. १६५९ ऋषिमडल प्रकरण सस्तबक धर्मघोष
मू.गा २२३ २१ १७३४
प्रा.गु. १६६० अष्टप्रकारीपूजोपरि-शुकादि कथा सङ्ग्रह
३५ १६८२ १६६१ रूपमजरी नाममाला' रूपचन्द्र
१२३६ १८७४ १६६२ चपकश्रेष्ठि कथानक प्रीतिविमल
१५ १७०२ १६६३ आचारागसूत्र प्रदीपिका
जिनहससूरि ९५५० २७८ १८मो १६६४ मेघदूत काव्य सटीक त्रिपाठ कवि कालिदास
मू श्लोक १२७ २९ १७०९ १६६५ उत्तमविलास रास पुन्यप्रम-भावप्रभसूरिशिष्य
२५५ १४ १९मो १६६६ अध्यात्म गीता देवचन्द्र
५ १९मो
गु
प्रा.गु
उत्तम उत्तम उत्तम उनम उत्तम उत्तम
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९|||४४| १०x४| ९||॥४४॥ १०x४| १०४४। ९।४४)
मध्यम उत्तम
९||| ४|| ९11४४ १०x४/ १०x४||
IIIX४| १०x४ १०४४।।
जीर्ण उत्तम उत्तम
१ वे चित्र पटिका- सोदिग्रामे पुण्यविजय लि २ अपाहिन्नपुरपत्तने वर्षमान लि. (विजयचद्रकेवलीचरित्रगत) ३ क्षेमकलश लि ४ राजनगरे लि ५, देवविमल लि. ६ विद्यासोम गणि लि प्रथम पा नथी ७ राजनगरे लि ८ सूरत मानविजय गणि. लि ९ पत्र ११मु डबल