SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 277
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३३२ १८० १८० १३५ ३३० १८० श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम [२५८ ] गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | ग्रथनु नाम गायकवाडी | पेटीनो पुस्तक | ग्रथनु नाम नवर चालुनबर | सख्या |चालनबर | सख्या १ (३) कर्मस्तवमूल २४५ १९४(१) (२) कालिकाचार्यकथा ३३२ १ (४) कर्मस्तववृत्ति १२ १६८ (१७) कालिकाचार्यकथा . १२८ ५९(३) (१) कर्मस्तववृत्ति २३४ १९४(२) (२) कालिकाचार्यकथा १९(१) १२७(१) (१) कर्मस्तव सटीक १३५ १६९(१) (२) कालिकाचार्यकथा ३१७(५) १४७(२) (१) कलावती कथा १९७(२) (२) कालिकाचार्य कथा ३७९ ३६ (१) कल्पंचूर्णि ६९(२) (१) काव्यप्रकाशषडुलदास संकेत २०५ ९९ (७) कल्पचूर्णी ६३(४) (१) काव्यप्रकाशसंकेत ३७९ ___ ३६ ० (२) कल्पभाष्य ६२(२) (२४) काव्यप्रकाश सूत्र ११२ ६५(१), (१) कल्पसूत्र ६२(२) (१७) काव्यानुशासन सूत्र १६९(१) (१) कल्पसूत्र ५२ (१) कुमारपालप्रतिबोध २३४ १९४(२) (१) कल्पसूत्र ६२(४) (१) कुमारपालप्रबध २४५ १९४(१) (१) कल्पसूत्र ६२(२) (७) कुलक २२१ १९७(२) (१) कल्पसूत्र १८० ६२(२) (११) कुशलानुबधी अध्ययन १०० १६९(२) (१) कल्पसूत्र ११७(१) (२) कुशलानुबंधी अध्ययन (चउसरण) १०० १६९(२) (३) कल्पसूत्रटिप्पण १५७(१) (४) कृपणश्रेष्ठिकथा २०५ ९९ (६) कल्पसूत्र मूल १३५(२) (२) केवलीभुक्ति २२ २०६(२) (५४) कल्याणक स्तोत्र १८५(२) (४) केशी गौतमीय ३३ अध्ययन १९८(३) १२१(३) (३) कल्याणस्तोत्र ३४७ ५६(१) (१) क्रियारत्नसमुच्चय १०८ (५) कल्याणिक प्रकरण १०६ १०५(२) (१) क्रियारत्नसमुञ्चय ५९(३) (६) कल्याणि(ण)क स्तव १०६ १०६(१) (१) क्रियारलसमुञ्चय सबीजक १७६(२) (१) कविशिक्षा १३५(२) (९) क्षणिकवादनिरास प्रकरण २२ २०६(२) (६०) काउसग्गना एकवीस दोष ४७(३थी८) ७२(२) (४) क्षपक शिक्षा प्रकरण ८३ (२) कातत्रवृत्तिपजिका अष्टम पाद १८० ६२(२) (४) क्षमाकुलक ८३ (१) कातत्रवृत्तिपजिका षष्ठ पाद ९५(१०-३४) १४५(१) (९) । क्षामणाकुलक १८५(२) (२) कापालिक अध्ययन १३३ १५६(१) (४) क्षेत्रसमास ५६(२) (८) कायस्थितिस्तव १३०(१) (२) क्षेत्रसमास १८९(१) (२) कायोत्सर्गना २१ दोष १०५ १०४(२) (३) क्षेत्रसमास १३५(२) (१३) कारणपदार्थ २६१ १६५ (८) क्षेत्रसमास ६५(१) (२) कालिकाचार्यकथा १०३ १९०(२) (४) क्षेत्रसमास १६९(२) (२) कालिकाचार्यकथा १८१(१) (४) क्षेत्रसमास ११५ ११८
SR No.010181
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year
Total Pages324
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy