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श्री सघवी पाडाना भडारना ताडपत्रीय ग्रथोनो अकारादिक्रम
[२५७ ] गायकवादी | पेटीनो पुस्तक ग्रधनु नाम
गायकवाटी । रेटीनो | पुस्तक ग्रंथ नाम नबर चालनबर | सख्या
र चालनपर | संख्या ३०८ १९३(२) (१) उपमितिभवप्रपचसारोद्धार गद्य
१८७ १७(२) (१) ओपनियुक्ति २७४ ९७ (१) उपमितिभवप्रपचा कथा-उत्तर खंड
६४(२) (३) ओघनियुक्ति ११२ (१) उपमितिभवप्रपचाकथासारोद्धार
१७४(१थी३) ९० (२) ओघनिर्यक्ति ३९५ ३३(१) (१) उपासकदशाग
३५५ १७(१) (१) ओघनियुक्तिटीका ३९५ ३३(१) उपासकदशागटीका
१५४(२) (१) कथानुकोष सटीक १२४ १२४(१) (१) उपासकदशागसूत्र
१३७(१) (१) कथारलसागर १८५(२) (३) उरभ्रीय अध्ययन
४०२
(२) कथावली प्रथम खड-द्वितीय भाग १८८(१) (५) ऋषभपचाशिका
(२) कथावली प्रथम खंड-द्वितीय भाग १९०(२) (१५) ऋषभपचाशिका
(१) कथावली प्रथम खड-प्रथम विभाग ५५(२) (७) ऋषभपचाशिका
४०२ ८ (१) कथावली प्रथम खड-प्रथम विभाग २२ २०६(२) (३२) ऋषभपचाशिका
३४५ ६१(१) (१) कर्मग्रंथ ५-६ सटीक २५० १९२(१) (१) ऋषभपचाशिकावृत्ति
१६१ १७४ (८) कर्मग्रंथो प्रवचन सदोह १४२(२-९) १९३(१) (८) ऋषिमडल
६६(१-३) १७२(१) (३) कर्मविपाक १९१ २०२ (९) ऋषिमंडलप्रकरण
१४२(२-९) १९३(१) (३) कर्मविपाक २२८ १३४(२) (३) ऋषिमडल स्तव
२१२ ६१(२) (३) कर्मविपाक १८५ १९९(१) (१) ऋषिमडलस्तव बृहद्वृत्ति
६७(१) (५) कर्मविपाक १०५ १०४(२) (२३) एकवीस ठाण।
१३०(१) (५) कर्मविपाक ४७(३थी८) ७२(२) (१) एकवीसठाण प्रकरण
२६८ १४५(२) (३) कर्मविपाक २१ १८१(१) (८) एकवीस ठाण प्रकरण
१८० ६२(२) (८) कर्मविपाक कुलक १५५(१३-२४) १९८(२) (९) एकवीसठाण प्रकरण
२०(१) १०२२) (१) कर्मविपाकटीका १४२(१) १९८(२) (२) एकवीसठाण प्रकरण
३३२ १ (१) कर्मविपाकमूल ५६ १४१(२) (६) एकवीस स्थान प्रकरण
१५८ ६३(३) (१) कर्मविपाकवृत्ति १३२(१-२) ६७(२) (२) एकवीसस्थानप्रकरण
१ (२) कर्मविपाकवृत्ति २१२ ६१(२) (५) एकवीसस्थानप्रकरण
१९(१) १२७(१) (२) कर्मविपाक सटीक १२ १६८ (१५) एलकाक्षकथा (रात्रिभोजने)
१४९ १३०(१) (४) कर्मस्तव १०३, १९०(२) (१०) ओगणत्रीशी भावना कुलक
२६८ १४५(२) (२) कर्मस्तव १४६ १९७(१) (१) ओघनियुक्ति
६६(१-३) १७२(१) (२) । कर्मस्तव १६५ १६६ (११) ओघनियुक्ति
१४२(२-९) १९३(१) (२) । कर्मस्तव ५२ १८५(२) (१) ओघनियुक्ति
२१२ ६१(२) (२) कर्मस्तव २९७ १७(३) (१) ओघनियुक्ति
१५६(१) (१२) कर्मस्तवभाष्य
३३२
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