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________________ १३६ १३८ 3888888888888888888888888 श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि [ २५३ । भाषा ग्रथकर्ता लेखना श्लोक पासच्या रचनागायकवाडी पेटीनो ग्रथनु नाम पुस्तक सरव्या सावत् सवत् नवर चालुनबर | सख्या गा ४४ (३७) १२९-१३० भक्तामर (जिनपति स्तोत्र) अष्टक १३०-१३१ सं. बिल्हण कवि जैन काव्य८ (३८) (३९) पार्श्वस्तोत्र १३१-१३२ काव्य८ (४०) १३२ पार्श्व अष्टक (४१) सिद्धचक्र स्तुति १३३ काव्य १२ गा.१४ १३३ जयतिहुअण (४३) भयहरस्तोत्र १३३-१३४ गा. २१ पार्श्वनाथाष्टक १३५ गा. ९ धरणोरगेद्रस्तोत्र १३५-१३६ गा. ३४ गा. १७ लघुशांति (४६) सर्वसामान्य (४७) गा. २२ १३७ (४८) वीतरागस्तोत्र १३७-१३८ गा ९ (४९) नन्दीश्वर पचपरमेष्ठि स्तोत्र गा. १३ मगलस्तव (शातिस्तव) (५०) १३८ गा.५ स. (५१) बिरुदावली (स्तोत्र) १४०-१४१ स. विमलाचार्य नेमिनाथ बोली १४१-१४२ अपभ्रश गा. २४ (५३) आचार्योनी स्तुति १४२-१४४ कल्याणक स्तोत्र १४६ स गा. ३२ (५५) चोवीस तीर्थकरना कल्याणकनो यत्र (५६) उपधान तप ने तेना यत्रो १४८-१५० प्रतिक्रमणसूत्र १५१-१६४ (५८) चैत्यवदना-वदनक विवरण वृत्ति १६५-१७९ तिलकाचार्य (५९) प्रत्याख्यानवृत्ति १७९-१८४ ग्रं ५५० (६०) काउसग्गना एकवीस दोष १८५ (६१) चैत्यवदनस्थान १८५-१८६ (६२) श्रावकप्रतिक्रमण लघुवृत्ति १८७-१९३ तिलकाचार्य ग्र २०० (६३) विवेकविलास १९४-२२८ १. १३१मु पत्र टुटेलु छे. २. अक्षरो घसायेला छे ३. पत्र १३९मु नथी पत्र १४० मानी पुठी घसायेली छे. ४. पत्र १४५मु नथी ५ अक्षरो घसायेला ६. पत्र १६९मु नथी, पत्र १७०-१७१नो १-१ टुकडो छे १७८नो टुकडो छे ७. पत्र १९४-१९५-१९७-१९८ घसायेला पत्र २०४, २०६-२०७, २१४, २१५नो १-१ टुकडो छे छेवटे १ चित्र हतु ते पसाई (५२) गा २१ गयुछे
SR No.010181
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year
Total Pages324
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size15 MB
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