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श्री संघवी पाडाना भंडारना ताडपत्रीय ग्रंथोनी सूचि
[ २५३ । भाषा ग्रथकर्ता
लेखना
श्लोक पासच्या
रचनागायकवाडी पेटीनो
ग्रथनु नाम पुस्तक
सरव्या
सावत् सवत् नवर चालुनबर | सख्या
गा ४४ (३७)
१२९-१३० भक्तामर (जिनपति स्तोत्र) अष्टक
१३०-१३१ सं. बिल्हण कवि जैन काव्य८ (३८) (३९) पार्श्वस्तोत्र १३१-१३२
काव्य८ (४०)
१३२ पार्श्व अष्टक (४१) सिद्धचक्र स्तुति
१३३
काव्य १२
गा.१४ १३३ जयतिहुअण (४३) भयहरस्तोत्र १३३-१३४
गा. २१ पार्श्वनाथाष्टक १३५
गा. ९ धरणोरगेद्रस्तोत्र १३५-१३६
गा. ३४
गा. १७ लघुशांति (४६)
सर्वसामान्य (४७)
गा. २२
१३७ (४८) वीतरागस्तोत्र १३७-१३८
गा ९ (४९) नन्दीश्वर पचपरमेष्ठि स्तोत्र
गा. १३ मगलस्तव (शातिस्तव) (५०)
१३८
गा.५
स. (५१) बिरुदावली (स्तोत्र)
१४०-१४१ स. विमलाचार्य नेमिनाथ बोली १४१-१४२ अपभ्रश
गा. २४ (५३) आचार्योनी स्तुति
१४२-१४४ कल्याणक स्तोत्र १४६ स
गा. ३२ (५५)
चोवीस तीर्थकरना कल्याणकनो यत्र (५६) उपधान तप ने तेना यत्रो
१४८-१५० प्रतिक्रमणसूत्र
१५१-१६४ (५८) चैत्यवदना-वदनक विवरण वृत्ति १६५-१७९
तिलकाचार्य (५९) प्रत्याख्यानवृत्ति १७९-१८४
ग्रं ५५० (६०) काउसग्गना एकवीस दोष
१८५ (६१) चैत्यवदनस्थान
१८५-१८६ (६२) श्रावकप्रतिक्रमण लघुवृत्ति
१८७-१९३ तिलकाचार्य
ग्र २०० (६३) विवेकविलास
१९४-२२८ १. १३१मु पत्र टुटेलु छे. २. अक्षरो घसायेला छे ३. पत्र १३९मु नथी पत्र १४० मानी पुठी घसायेली छे. ४. पत्र १४५मु नथी ५ अक्षरो घसायेला ६. पत्र १६९मु नथी, पत्र १७०-१७१नो १-१ टुकडो छे १७८नो टुकडो छे ७. पत्र १९४-१९५-१९७-१९८ घसायेला पत्र २०४, २०६-२०७, २१४, २१५नो १-१ टुकडो छे छेवटे १ चित्र हतु ते पसाई
(५२)
गा २१
गयुछे