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नंतर पुन नाम
(२) पाकर कथा ( शय्यादाने)
(३) करिराज कदा (आनदान) (४) कनक कथा (आहारदाने) (५) किया (पानाहारदाने) (६) रेवती कथा (गजदाने) (७) कथा (खाने) (८) धनपतिकथा (गुपादाने) ९२७ पदार्थी टीका
९३८ अभिधानचितामणिनाममाला' हेमचंद्राचार्य
२३९ आना प्रथम
कारक सावक
९४० कार अध्याय १~१६ १४१ साधुकमण
वातावयोग सह ९४२ रुपकरण त्रिपाठ आयोग मह १४३ वीग
स्वन
१४४ माम मा १४५ शानसार अटक
१४६ अध्यात्मपरीक्षा
अपूर्ण
१४० काराग ९४८वश्वावसोय १४९ रत्नाकरपंचविशति
सासू विधाल
2701
B-4
कर्ता नाम
रुद्रट
गजसार
उ. गोविन
उ यशोविजयजी
रत्नाकररि
टीकाकार
माधव टी. शिवादित्य
मरियनि
श्लोक सख्या
कांड भी ६
१५९१
६९५
पृच. २५
पत्र लेखन रचना
लम्बाई:
सख्या सवत संवत माषा स्थिति पहोळाई
३-४
४-६
६-७
७मुं
७-९
९-१२
१२-१३
२७ १६१८
१७मो
३६
५०
१७ मो
२४ १६३६
२०
२
२
१८ मो
१९१८
२० मो
५३ १९ मो
२४
१९ मो
५
१७मो
७२
९८४७
ང་
१६१४
१९ गो
好
सं.
स.
सं.
सं.
सं.
सं.
सं.
सं.
स.
प्रा.गु.
सं.
प्रा.गु
प्रागु
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3
सं.गु.
गु.
उत्तम
उत्तम
उत्तम
उत्तम
उत्तम
उत्तम
उत्तम
उत्तम
मध्यम
म.
उत्तम
उत्तम
उत्तम
पा.गु मध्यम
उत्तम
गु.
उत्तम
उत्तम
१० X ४
१० ।। ४४
मष्यम
१० X ४
१०१x४
उत्तम १० X ४||
उत्तम
१० X ४
९।। X ४
१०१x४/
१० ४४ ॥
१०४४।।
१०४४।।
१० X ४11
१०१४४
[ ५९ ]