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प्रति नवर पुसतकर्नु नाम
कानुं नाम
टीकाकार
लम्वाई
श्लोक पत्र लेखन रचना सख्या सख्या सवत सवत भाषा स्थिति पहोळाई
शीलाकाचार्य
२५५४ १३८५३
८ १९मो ६४ १६१८ १९६ १५७१ ३५४ १६०५ १९० १४९५ २६ १६मो
उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम उत्तम उत्तम
१०111४४11 ११।।४४| १२४४॥ १२४४1 १२४४|| ११।४४||
८९०
सोमतिलकसूरि
१०६ १६४५ १२१४
प्रा.स.
उत्तम
१२४४||
२२ १६मो
सं.
उत्तम
१२४४।।
१२००
४५ सिदूरप्रकर
सोमप्रभावार्य ४६ आधारांगसूत्र' ४७ मूत्रकृतांगमूत्रवृत्ति ४८ भगवतीसूत्र' ४९ शत्रुजयमाहात्म्य
धनेश्वरसूरि ५० अराकृदशांगसूत्र ५१ शीलोपदेशमाला
शीलतरंगीणीवृत्तिसह जयकीर्ति ५२ योगशास्त्र चतुर्थप्रकाश पर्यंत
सावरि पञ्चपाठ हेमचंद्राचार्य ५३ प्रमाणवार्तिक स्वोपशवृत्ति सह
प्रथम परिच्छेद ५४ प्रश्नव्याकरणसूत्र ५५ भगवतीसून अपूर्ण त्रूटक ५६ आचारांगसूत्रवृत्ति बूटक' ५७ धर्मरत्नप्रकरणवृत्ति देवेन्द्रसूरि ५८ शीलोपदेशमाला शीलतरगि
णीवृत्तिसह किचिदपूर्ण जयकीर्ति ५९ निष्टिशलाकापुरुषचरित्र'
पर्व-१०४ (महावीरचरित्र) हेमचंद्राचार्य ६० कुमारसभव महाकाव्य कवि कालीदास ६१ कुमारसंभव महाकाव्य चतुर्थसर्ग
कवि कालीदास ६२ श्रासप्रतिक्रमणसूत्र अवचूरि ६३ ओपनियुक्ति वृत्तिसह भद्रबाहुस्वामि ६४ स्थानांगसुनवृत्ति ६५ ज्ञाता धर्मकथागसूत्र
४० १६मो १९ १६मो ४३ १६मो १२६ १६मो १५१ १४८०
सं. उत्तम १२४४।। प्राकृत उत्तम १२४४|| प्राकृत उत्तम १२४४।। संस्कृत अतिजीर्ण ११।४।। संस्कृत जीर्णप्राय. १२॥४४॥
९६८२
सोमतिलक
१२६ १६मो
१२१४
प्रा.सं.
उत्तम
१२४४
१८२ १६मो २२ १७मो
उत्तम उत्तम
११॥४४॥ ११||| ४||
२७२०
द्रोणाचार्य अभयदेवसूरि
३ १७मो ३१ १६मो १२३ १५२९ २७७ १६मो ७८ १७मो
सस्कृत प्रा.सं. प्रा.स. स.
उत्तम जीर्ण उत्तम उत्तम
११॥४४||| १२४४ ११॥४४॥ ११।।।४।। १२४४||
१४५०
११२०
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१किनारी सांगेली २.२ भित्र पूष्ठिका ३ मतीर्थ ४. प्रथम परे तीर्थकरने चित्र छे. ५ पत्र १थी १० तथा ६५मुं, पत्र १ तथा २६थी ४३ सुधी बन्ने पत्रोना अक्षरो जुदा जुदा छे. ६ पत्र १थी ३२ तथा ७८पी८१तमा ९९यी १२६ तथा वीजा फाटेला पानां तथा दुकडागो छे. ७. प्रथम द्वितीय पर नथी. ८. पत्र २४४४, २४५ मेगा छे.