Book Title: Yatindrasuri Abhinandan Granth Author(s): Kalyanvijay Gani Publisher: Saudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree SanghPage 19
________________ श्रीयतीन्द्रसूरि-अभिनन्दन ग्रन्थ - - - संयोग , (२३) निश्चय और व्यवहार , (२४) उपाध्याय मेघविजयजी एवं उनका देवानन्दमहाकाव्य , (२५) सम्राट अकबरका अहिंसा-प्रेम , (२६) पुनरुद्धारक श्रीमद् राजेन्द्रसूरि , (२७) खरवाटक भिणाय और श्रीचवलेश्वर पार्श्वनाथ । राजस्थानीमें-(१) जैन गीतांरी रसधारा। इंग्लीशमे- (१) 'प्राकृत ' विषयक महत्त्वका लेख है। गूजरातीमें १६ लेख . . (१) बहुश्रुत-, (२) जैनधर्मनी अतिविशालता, (३) नवपदो अने तेनुं स्वरूप , (४) वेदनानी छबी, (५) त्रिवेणी-स्नान, (६) समाजमा धर्मनुं स्थान , (७) आत्म-संयम, (८) श्रीहेमचन्द्राचार्यतुं राजकारण , (९) भोजनुं कीर्तिशिखर , (१०) प्राचीन तीर्थक्षेत्र श्रीलक्ष्मणी , (११) अहिंसा अने विश्व-शांति , (१२) अहिंसा, राष्ट्रभाषा अने समाज, (१३) परिग्रह-परिमाण व्रत अने समाजवादी समाज-रचना, (१४) जैननुं जीवन, (१५) आजनो जैन अने गृहस्थधर्म , (१६) शुं लखवू ? ऐसे विविध विषयोंमें सुज्ञ लेखक महाशयोंने जो विविध विज्ञाम दर्शाया है, उनकी प्रत्येककी समालोचना करना यहाँ अशक्य है । अभीष्ट विषयके जिशासु स्वरुचिके अनुसार उनका अवलोकन कर अपनी जिज्ञासा पूर्ण कर सकते हैं । लेखकोंका शुभ आशय समझ कर उनका परिश्रम सफल कर सकते हैं । और अपनी समुचित ज्ञान-वृध्धि कर सकते हैं। इसमें कई लेख इतने बड़े हैं कि जिनकी पृथक् पुस्तिकाएं हो सकती हैं। हालमें प्रसिद्ध 'अंग-विजा' प्राचीन प्राकृत प्रन्थसे उद्धृत विविध विषयक नाम-सूची भी प्राचीन भारतकी सम्पत्ति, संस्कृति आदि पर विशिष्ट प्रकाश डाल सकती है। इस विभागके विद्वान् लेखकोंमें मुनि-मण्डलमेंसे (१) मुनि श्रीकल्याणविजयजी, (२) मनोहर मुनिजी साहित्यरत्न शास्त्रीजी, (३) मुनि विद्याविजयजी 'पथिक' (४) साहित्यप्रेमी मुनि देवेन्द्रविजयजी, (५) उपाध्याय पं. रत्नमुनि श्रीआनन्दऋषि, (६) शतावधानी कविवर्य श्रीजयन्तमुनिजी, (७) मुनि श्रीजयन्तविजयजी "मधुकर' और (८) जैनसिद्धान्ताचार्या महासती कौशल्याकंवर आदिका हिस्सा है। . अन्य लेखकोंके संस्मरणीय नाम इस प्रकार है(१) मास्टर खुबचन्द केशवलालजी सिरोही, (२) लक्ष्मीचन्द्र जैन 'सरोज' बी.ए. शास्त्री साहित्यरत्न, (३) अगरचन्दजी नाहटा, (४) सूरजचन्दजी सत्यप्रेमी (डांगी), (५) मोहनलालजी जैन, (६) डांगी शान्तप्रकाश 'सत्यदास' (७) भंवरलालजी नाहटा, (८) माधवलाल डांगी, (९.) हरिशंकर शर्मा 'हरीश' (रिसर्च स्कॉलर हिन्दीविभागइलाहाबाद युनिवर्सिटी), (१०) दौलतसिंहजी लोढ़ा बी.ए. कवि 'अरविन्द ' (११) डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल, (१२) डॉ. उमाकान्त प्रेमानन्द शाह, (२.३.) डॉ. गुलाबचन्द्रजी चौधरी एम्. ए. पीएच्. डी. .(१४) पं. लालचन्द्र भगवान् गान्धी, (१५) पं. जुहारमलजी Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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