Book Title: Vishva Tattva Prakash
Author(s): Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh

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Page 12
________________ २०२ २०४ ...२०८ २१२ २१४ . ::::: २१५ २२१ . ૨૨૨ २२४ २२६ . . पानी . २३०... . २३२ سه سس سم :..५९ आत्मा असर्वगत है १० आत्मा अणु आकारका नही .... .६१ सामान्य सर्वगत नही, ६२ सामान्य व समवाय नित्य नही ६३ प्राभाकरसंमत समवाय ६४ समवाय का खंडन ६५ संख्यादि गुणों का खंडन ६६ पौद्गलिकत्व ६७ इंद्रियों का स्वरूप ६८ चक्षु प्राप्यकारी नही ६९ संनिकर्ष का खंडन ७० दिशा द्रव्य नहो... ७१ वैशेषिक मत के खंडन का उपसंहार ७२ वैशेषिक मत में मुक्ति ७३ प्रत्यक्ष प्रमाण का लक्षण ७४ अन्य प्रमाणों का विचार - ... ७५ न्यायमत की पदार्थ गणना ७६ तीन योगों का विचार ७७ अंधकार द्रव्य है ७८ शक्ति का अस्तित्व ७९ वैदिक कर्म का निषेध ८० सांख्य मत की सृष्टि प्रक्रिया ८१ महत् आदि का खंडन . ८२ प्रकृतिके अस्तित्व का खंडन .८३ सत्कार्यवाद का खंडन ८४ शक्ति और व्यक्ति ८५ सांख्य मत में मुक्ति ८६ क्षणिकवाद का खंडन ८७ प्रत्यभिज्ञा प्रमाण ८८ पांच स्कंधों का विचार ८९ निर्विकल्प प्रत्यक्षका खंडन »30m २४५ २४९ २५२ २५४ २५७ :::::::::::::::::::: :::::::::::: २६३ २६७ २७१ . . २७६ २८० २८५ २९० २९३ २९८

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