Book Title: Vishva Tattva Prakash
Author(s): Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh

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Page 10
________________ १.३०६ .... Mr.V मूलमन्थ और सारानुवाद १ चार्वाक पूर्वपक्ष-जीव की नित्यतामें अनुमानों का अभाव २ बीवको नित्यतामें आगमका अभाव ३ चार्वाकसंमत जीवस्वरूप ... ४ जीव की अनित्यता का खंडन ... ५ जीव की नित्यता का समर्थन ६ जीव देहात्मक नही ७ जीव देह का कार्य नहीं ८ जीव देह का गुण नही ९ पुनर्जन्म का समर्थन १० अदृष्ट का स्वरूप ११ अदृष्ट का समर्थन १२ जीव के अस्तित्व के प्रमाण १३ सर्वज्ञ का अस्तित्व १४ सर्वश के खंडन का विचार १५ सर्वज्ञ के अस्तित्व के प्रमाण १६ केवलान्वयी अनुमान १७ सर्वशसाधक अनुमान १८ अदृष्ट प्रत्यक्षद्वारा ज्ञात होता है... १९ सर्वसाधक अनुमान की निर्दोषता २० गत कार्य नही २१ ईश्वरविषयक अनुमानों के दोष ... २२ ईश्वर के शरीर का विचार २३ अदृष्ट ईश्वराधीन नही २४ सृष्टि-संहार का खंडन २५ सष्टि नित्य है ... २६ ईश्वर खंडन का उपसंहार ... २७ सर्वज्ञसिद्धिका उपसंहार :::::::::::::::::::::::::: 20 या . Mmx. mr vodww. me mm .

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