________________ आँवला सं० आमलकी, हि० आँवला, ब० आम्ला, म० आँवला, गु० आँवला, क० नेल्लि, तै० उसरकाय, अ० अम्लजू, फा० आम्लजं, अँ० एंब्लि कमिरोवेलन्-Embli Camyrobalan, और लै० फाइलेन्थस एंवेलिका-Phyllanthus Ambelica. विशेष विवरण-भारतवर्ष में आँवला का वृक्ष प्रायः अनेक स्थानों में होता है। इसका वृक्ष साधारणतः पन्द्रह-बीस फिट ऊँचा होता है। इसके पत्ते इमली के पत्ते के समान होते हैं। कार्तिक मास में इसमें फल आते हैं / इसका फल छोटा और बड़ा भी होता है / यह दो जाति का होता है / सफेद और लाल / आँवला का मुरब्बा, चटनी और अचार बनता है / इसकी लकड़ी में से सफेद कत्था निकलता है। इससे सिर मलने, शरीर पर घिसकर लगाने का भी काम लिया जाता है। आयुर्वेद की रीति से यह विशेष उपयोगी है। गुण-आमलं च कषायाम्लं मधुरं शिशिरं लघु / दाहपित्तवमीमेहशोषन्नं च रसायनम् ॥-रा० नि० .' आँवला-कषैला, खट्टा, मधुर, शीतल, हलका तथा दाह, पित्त, वमन, प्रमेह और शोथनाशक एवं रसायन है /