Book Title: Vanaspati Vigyan
Author(s): Hanumanprasad Sharma
Publisher: Mahashakti Sahitya Mandir

View full book text
Previous | Next

Page 299
________________ ( 4 ) त्याग, सच्ची स्वतन्त्रता, अच्छी सोसायटी, कर्मण्यता, एकाग्रता और सञ्चरित्रता आदि क्या है और मनुष्य को अपने जीवन में किस तरह सफलता मिल सकती है; यदि सफलता मिलती है, तो वह किस तरह और जीवन में कितनी बार मिलती है; सफलता के कौन-कौन अङ्ग हैं / सफलता के लिए स्वास्थ्य की कितनी आवश्यकता है। बहुत से लोग थोड़ी उम्र में कोई विशेष कार्य हो जाने से समझते हैं कि मुझे अपने जीवन में बहुत बड़ी सफल लता मिली है; परन्तु उनका यह ख़याल गलत है। उद्योग करने से बहुत बड़ी-बड़ी सफलताएँ मिलेंगी। सब बातों को जानने के लिए इस पुस्तक को अवश्य पड़िये। भाषा सरल, सरस और सुन्दर है। छपाई आदि उत्तम है। पृष्ठ 180, मूल्य ) ___ "अनुवादक महोदय ने अपनी ओर से कुछ और भी बातें जोड़कर पुस्तक का महत्व बढ़ा दिया है ।"-"सुधा" (लखनऊ) -::-- सिर का दर्द यह पुस्तक बतलाएगी कि मस्तिष्क की रचना कैसी है, उसमें जो सूक्ष्म तन्तु हैं, उनकी क्या क्रियाएँ हैं, उन तन्तुओं में खराबी क्यों होती है, सिर में दर्द क्यों होने लगता है, कितने प्रकार का सिर-दर्द होता है / डाक्टरी तथा वैद्यक के मतानुसार उसका विवेचन क्या है। इन दोनों मतों के अनुसार उसकी चिकित्सा क्या है, और सिर दर्द का प्राकृतिक उपाय क्या है ? सब बातों के जानने के लिए इसे अवश्य पढ़िए / पढ़ते जाइये ज़रा भी तबीयत न घबराएगी। छपाई सफाई प्रशंसनीय, पृष्ठसंख्या 100, मूल्य // "इसमें मस्तिष्क की रचना, क्रियाएँ, और पीड़ा के कारण,

Loading...

Page Navigation
1 ... 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306