Book Title: Vanaspati Vigyan
Author(s): Hanumanprasad Sharma
Publisher: Mahashakti Sahitya Mandir

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Page 298
________________ सुखी जीवन आनन्द की पगदंडियों से होकर जीवन को सुखमय बिताने के लिए स्वास्थ्य विषयक शान नितान्त आवश्यक है। स्वस्थ और सबल सन्तानों का पिता बनने योग्य स्वस्थ और सबल पुरुष ही उपपुक्त है। इसमें जीवन की छोटी-बड़ी सभा गुत्थियाँ सुलझाई गई हैं। स्वास्थ्य, व्यायाम, ब्रह्मचर्य, विश्राम, संयम, शिक्षा, सदाचार, दाम्पत्य जीवन, स्नान, भोजन, वस्त्र, शयन, मादकपदार्थ, कुटुम्ब-शासन एवं गृह-निर्माण आदि विषयों पर लेखक ने पूर्ण रूप से विचार किया है। प्रत्येक बात की छानबीन विद्वत्ता के साथ की गई है। प्रत्येक गृहस्थ के लिए यह पुस्तक एक पथ-प्रदर्शक का काम करेगी। प्रत्येक नवयुवक के चरित्रनिर्माण में भी एक सुयोग्य पिता-जैसा काम देगी।पुरुष-स्वास्थ्यसम्बन्धी सभी विषयों पर पूर्ण प्रकाश डाला गया है। सभी विचार प्राचीन हैं; किन्तु बीसवीं शताब्दी के प्रकाश में लिखे गए हैं / एक मात्र यही अकेली पुस्तक हिन्दी भाषा में है, जिसके प्रत्येक पृष्ठ और पंक्ति में जीवन को सुखमय बनाने के सुलभ साधन भरे पड़े हैं। भाषा इतनी सरल और बोधगम्य है कि आप बराबर पढ़ते जाइए, जी न घबरायेगा और सभी बाते ठीक-ठीक समझ में आ जायँगी। बढ़िया सुन्दर छपाई, मोटा ऐंटिक कागज, पृष्ठ-संख्या 200, मूल्य 1) . -0: सफलता का रहस्य यह पुस्तक अंग्रेजी के प्रसिद्ध लेखक मिस्टर वार मेकफैडन की हाऊ सक्सेस इज़वन' (HOW SUCCESS IS WON) का हिन्दी अनुवाद है। इस पुस्तक में-मादक वस्तुओं का

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