________________ 253 अमिलतास (3) नवजात वालकों के शरीर पर छाले हों, तोअमिलतास का पत्ता, गाय के दूध के साथ पीसकर लेप करें। (4) खुजली पर अमिलतास की जड़, मट्ठा के साथ पीस कर लगानी चाहिए। .. (5) चर्मरोग पर-अमिलतास का पत्ता मट्ठा के साथ पीस कर लगाना चाहिए। (6) पित्तज प्रमेह में अमिलतास की गुही का काढ़ा पीना चाहिए। (7) कफरोग में-अमिलतास की गुही और पाकड़ का फल पीस कर सुपारी बराबर गोली बनाकर प्रतिदिन जल के साथ खानी चाहिए। (8) रक्तपित्त में-अमिलतास और आँवला के काढ़े में शहद और मिश्री मिलाकर पीना चाहिए / (8) गण्डमाला पर-अमिलतास की जड़; चावल की धोअन के साथ पीस कर नस्य लेना और लेप करना चाहिए। (10) भिलावा के विष पर-अमिलतास के पत्ता का रस लगाना चाहिए। (11) विरेचन के लिए-अमिलतास की गुद्दी, सोनामुखी और हरे का काढ़ा पीना चाहिए। (12) पित्त की शान्ति के लिए-अमिलतास की गुद्दी और इमली पीसकर देना चाहिए /