________________ वनस्पति-विज्ञान 118 (5) थकान मिटाने के लिए-कचूर और अरणी के पत्तों से सिद्ध किए जल से स्नान करना चाहिए। (6) विचिका में कचूर के कन्द का रस और प्याज का रस मिलाकर पीना चाहिए। (7) गण्डमाला में-कचूर की माला पहननी चाहिए / (8) फोड़ों पर-कचूर घिस कर लगाना चाहिए। : (8) हिचकी में-कचूर का धुवाँ तम्बाकू की भाँति पीना चाहिए। (10) पाचनशक्ति के लिए-कपूरकचरी और कालानमक पीसकर पीना चाहिए। . (11) अतीसार में कपूरकचरी, बेल की गुद्दी और सोंठ पीसकर पीना चाहिए। (12) हिचकी में--कपूरकचरी और हल्दी जलाकर शहद के साथ देना चाहिए। (13) शूल में-कपूरकचरी और जवाखार गरम पानी के साथ पीसकर देना चाहिए। (14) विचिका में कपूरकचरी और कलमीसोरा पीसकर देना चाहिए। (15) अजीर्ण में-कपूरकचरी और सेंधानमक चबाकर खाना चाहिए।