Book Title: Vallabh Bharti Part 01
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Khartargacchiya Shree Jinrangsuriji Upashray

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Page 148
________________ १४ ॥ " (श्रावस्ती) १८ ॥ सिंह ६ महीने ६ महीने जन्मतिथि शरीरवर्ण राशि दीक्षातप दीक्षापरिवार छद्मस्थकाल ज्ञाननगरी चै० कृ०८ स्वर्णवर्ण | धनु । दो उपवास | ४००० [१००० वर्ष | पुरिमताल (प्रयाग) मा० शु०८ ॥ १००० | १२ वर्ष | सहसाम्रवन (अयोध्या) मार्गशीर्ष शु० १४ ॥ मिथुन | मा० शु०२ १००० " (अयोध्या) वै० शू०८ नित्यभक्त १००० , (कौशाम्बी) का० कृ०१२ रक्तवर्ण कन्या दो उपवास १००० " (वाराणसी) ज्ये० शु० ४ स्वर्णवर्ण तुला १००० " (चन्द्रपुरी) पौ० कृ० १२ श्वेतवर्ण वृश्चिक १००० " (काकंदी) मार्ग० कृ० ५ श्वेतवर्ण धनु १००० " (भद्दिलपुर) मा० कृ० १२ स्वर्णवर्ण १००० फा० कृ० १२ मकर विहारगृह(चम्पापुरी) फा० कृ० १२ रक्तवर्ण चतुर्थभक्त । ६०० सहसाम्रवन ,, (कम्पिलपुर) मा० शु०३ स्वर्णवर्ण मीन दो उपवास १००० २ , ,, (अयोध्या) वै० कृ० १३ मीन १००० वप्पगाए (रत्नपुरी) मा० शु० ३ १००० | सहसाम्रवन ज्ये० कृ०१३ मेष १००० ,, (हस्तिनापुर) वै० कृ० १४ १००० " (हस्तिनापुर) मार्ग० शु०१० मीन १००० " (हस्तिनापुर) मार्ग० शु० ११ नीलवर्ण ३ उपवास ३०० अहोरात्र , (मिथिला) ज्ये० कृ०८ कृष्णवर्ण मकर दो उपवास १००० ११ मास " (राजगृह) श्रा० कृ०८ स्वर्णवर्ण मेष १००० ६ मास ., (राजगृह) श्रा० शु० ५ कृष्णवर्ण मिथुन १००० ५४ दिवस पौ० कृ०१० नीलवर्ण तुला ३ उपवास ३०० ८४ दिवस | वाराणसी च० शु०१३ । स्वर्गवर्ण । कन्या । दो उपवास ' एकाकी १२३वर्ष१पक्ष ऋजुवालिका नदी سه » سه له مه " (सिंहपुरी) कर्क له سه له مه مه له " मेष " | गिरनार प्रायुष्य ८४ लाख पूर्व ज्ञानतिथि दीक्षा पर्याय फा० कृ० ११ ।१ लाख पूर्व पौ० शु०११ का० कृ०५ पौ० शु० १४ च० शु० ११ चै० शु० १५ फा० कृ०६ फा० कृ०७ का० शु०३ ५० हजार पूर्व पौ० कृ० १४ २५ हजार पूर्व मा० कृ० १५ मा० शु० २ पौ० शु०६ वै० कृ० १४ निर्वाणतिथि निर्वाणस्थान माघ कृ. १३ | प्रष्टापद चै० शु०५ सम्मेतशिखर चै० शु०५ वै० शु० ८ चै० शु०६ मार्ग० कृ०११ फा कृ०७ भा०कृ०७ भा० शु०६ वै० कृ० २ श्रा० कृ०३ प्रा० शु० १४ चम्पापुरी आ० कृ०७ सम्मेतशिखर चै० शु०५ वल्लभ-भारती ] [ ११३

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