Book Title: Vallabh Bharti Part 01
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Khartargacchiya Shree Jinrangsuriji Upashray

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Page 242
________________ १०५ विविध तीर्थकल्प - १०६ . वैराग्य शतक १०७ शब्दप्रभेद टीका १०८ शिशुपालवध टीका १०६ शिलोंछनाममाला टीका ११० शोलतरंगिणी १११ श्रावकव्रत कुलक ११२ श्रावकधर्मप्रकरण टीका ११३ षष्टिशतक टीका ११५ षष्टिशतक प्रकरण त्रय ११६ षट् कल्याणक निर्णय ११७ . षडावश्यक बालावबोध ११८ स्थानांग सूत्र टीका ११६ सनत्कुमार चरित महाकाव्य १२० समरादित्य केवली चरित्र १२१ समवायांग सूत्र टीका १२२ सरस्वती कंठाभरण . १२३ सिंदूर प्रकरणटीका १२४ संघपटक टीका १२५ ", " १२६ संदेहदोलावली टीका १२७ संबोध प्रकरण १२८ संबोध सप्तति टीका १२६ संवेगरंगशाला १३० साधुकीर्ति स्वर्गगमनगीत १३१ सुलसा चरित्र १३२ सूक्ष्मार्थविचार सारोद्वार चूणि टीका १३४ , प्रस्तावना १३५ सेनप्रश्न १३६ सोलंकियों का प्राचीन इतिहास १३७ स्वप्नसप्तति सं.प्राचार्य जिनविजय कवि पद्मानंद उपाध्याय ज्ञानविमल चारित्रवर्धन उपाध्याय श्रीवल्लभ सोमतिलकसूरि जिनवल्लभसूरि उपाध्याय लक्ष्मीतिलक सोमसुन्दरसूरि उपाध्याय गुरगरल सं. डा. भोगीलाल ज. सांडेसरा जिनमणिसागरसूरि तरुणप्रभाचार्य अभयदेवाचार्य जिनपालोपाध्याय उपाध्याय सुमतिवर्धन प्रभयदेवसूरि महाराजा भोज चारित्रवर्धन जिनपतिसूरि लक्ष्मीसेन प्रबोधचन्द्र गणि हरिभद्रसूरि उपाध्याय गुणविनय जिनचंद्रसूरि चयनिधान जयतिलकसरि मुनिचन्द्राचार्य धनेश्वराचार्य बिजयप्रेमसूरि सोमविजय । जिनबल्लभसूरि वल्लभ-भारती ] [ २३

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