Book Title: Vallabh Bharti Part 01
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Khartargacchiya Shree Jinrangsuriji Upashray

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Page 240
________________ ३३ कल्पान्तर्वाच्य हेमहंससूरि जयचन्द्रसूरि ३५ , स्तबक शान्ति विजय ३६ कातंत्र-दुर्गपद-प्रबोध जिनप्रबोधसूरि ३७ काव्यप्रकाश प्राचार्य मम्मट ३८ काव्य-मनोहर महेश्वर कवि ३६ काव्य-मीमांसा राजशेखर ४० कुमार-संभव-टीका चारित्रवर्धन ४१ खरतरगच्छालंकार युगप्रधानाचार्य गुर्षावली जिनपालोपाध्याय ४२ गणधर साख शतक जिनदत्तसूरि , बृहद्वृत्ति सुमतिगणि गुरुतत्त्वप्रदीप यशोविजय ४५ गुरुपारतंत्र्य स्तोत्र जिनदत्तसूरि ४६ चर्चरी टीका जिनपालोपाध्याय ४८ चरित्रपंचक टीका उ० साधुसोम ४६ जइतपदवेली कनकसोम जयदामन प्रो. एच. डी. वेल्हणकर ५१ जयन्त विजय काव्य रुद्ध. अभयदेव सूरि ५२ जम्बूद्वीप प्रज्ञप्तिसूत्र टीका शान्तिचन्द्रगणि ५४ जिनचन्द्रसूरि प्रादेशपत्र ५५ जिनरत्नकोश प्रो. एच. डी. वेल्हरपकर ५६ जीवाभिगम सूत्र टीका मलयगिरि ५७ जैन ग्रन्थावली ५८ जैन लेखसंग्रह पूरणचन्द्र नाहर ५६ जैन साहित्य नो संक्षिप्त इतिहास मोहनलाल द. देशाई ६० त्रिदशतरंगिरणी मुर्वावली मुनिसुदरसूरि ६१. त्रिषष्टिशलाका पुरुष चरित्र हेमचन्द्राचार्य ६२ द्वादश कुलक टीका जिनपालोपाध्याय ६३ द्याश्रय काव्य जिनप्रभसूरि . ६४ , टीका (प्राकृत) पूर्णकलश ६५ हयाश्रय काव्य टीका (संस्कृत) अभयतिलकोपाध्याय ६६ धन्य-शालिभद्र चरित्र . पूर्णभद्र गणि ६७ नागरीप्रचारिणी पत्रिका ६८ नैषधकाव्य टीका चारित्रवर्धन वल्लभ-भारती ] [ २१

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