Book Title: Vallabh Bharti Part 01
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Khartargacchiya Shree Jinrangsuriji Upashray

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Page 241
________________ टीका ६६ पट्टावली कवि पल्ह ७. पंचाशक हरिभद्रसूरि ७१ , टीका अभयदेवसूरि ७२ पंचलिंगी प्रकरमा टीका जिनपतिसूरि ७३ प्रज्ञापना सूत्र टीका मलयगिरि ७.४ प्रतिष्ठा लेख संग्रह उपाध्याय विनयसागर ७५ प्रबन्ध-चिन्तामसिह सं. प्राचार्य जिनविजय ७६ प्रभावक चरित ७७ प्रवचन परीक्षा उपाध्याय धर्मसागर ७८ प्रश्नोत्तरकषष्टिशतं जिनवल्लभमूरि प्रक्चर सोमसुंदरसूरि शिष्य महोपाध्याय पुण्यसामर ८१ प्रश्नोत्तर-रत्नमाला टीका देवेन्द्रसूरि ८२ पिण्डक्शुिद्धि टीका उदयसिंहसूरि श्रीचन्द्रसूरि २४ , प्रस्तावना जानविजय ८५ पुरातत्व-प्रबन्ध-संग्रह सं. प्राचार्य जिनविजय - ८६ पृथ्वीचन्द्र चरित्र उपाध्याय जयसागर ८७ पृथ्वीराज विजय काव्य ८८ पौषधविधिप्रकरण टीका कुगप्रधान जिनचन्द्रसूरि ८६ बीजापुर वृत्तान्त १० बृहत्संग्रहणी ११ भगवतीसूत्र टीका अमयदेवाचार्य १२ भारत का इतिहास डा. ईश्वरीप्रसाद १३ भारत के प्राचीन राजवंश महामहोपाध्याय विश्वेश्वरनाथ रेउ १४ भारतीय सभ्यता तथा संस्कृति का इतिहास लूनिया १५ भारत की संस्कृति का इतिहास डा. मथुरालाल शर्मा १६ भावारिवारपादपादि स्तोत्र संग्रह सं० मुनि विनयसामर १७ युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि अगरचन्द्र-भंवरलाल नाहटा १८ युगप्रधान जिनदत्तसूरि अगरचन्द्र-भंवरलाल नाहटा &९ कुगप्रधान चतुष्पदिका १०० रघुवंश टीका वारित्रवर्वन १०१ राजपूताने का इतिहास गौरीशंकर ही. अोझा १०२ राजगृह प्रशस्ति अवनहितोपाध्याय १०३ वर्धमान विद्याकल्प बेरुतुगसूरि १०४ विविधगच्छीय पट्टावली संग्रह सं. प्राचार्य जिनविजय sant tikai oleh २२] [ वल्लभ-भारती

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