________________ || સ્વાધ્યાય પુષ્પસૌરભ श्री सर्वतो भद्र यंत्र. ॐ ही श्री | ॐ हाँ श्री रौहिण्यै प्रज्ञप्त्यै नमः नमः 20 30 se क्षी ॐ हाँ श्री वज्र ॐ हाँ श्री शखलायै वज्रांकूश्य “नमः नमः 75 सः / ॐ ही श्री ॐ ही श्री महाकाल्यै नमः स्वा ॐ हाँ श्री चक्रेश्वर्यै ॐ हाँ श्री नरदत्तायै काल्यै नमः नमः नमः b ho o ho ho ॐ ही श्री स्वा ॐ ही श्री गांधाय _ नमः ॐ ही श्री ॐ ही श्री महाज्वालाय / मानव्य नमः नमः 10 40 Earryice सः ॐ ही श्री ॐ हाँ श्री | हा / ॐ ही श्री | ॐ हाँ श्री वैरुट्याय - अच्छुप्तायै मानस्यै | महामानस्यै _ नमः नमः | नमः આ યંત્રને રૂપાના પતરામાં અથવા તામ્રપત્રમાં લખીને ઘરને વિષે પૂજન કરવું. જ્યારે કાર્ય પડે, ત્યારે તે યંત્રનું શુદ્ધ જળથી પક્ષાલન કરીને તે પી જવું. नमः